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राजेश मनोध्या जबलपुर जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी को 4 साल की सजा |
जबलपुर। लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश ने रिश्वत लेने के आरोपित जबलपुर के तत्कालीन जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी राजेश मनोध्या को चार साल के कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने आरोपित पर पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
राजेश मनोध्या जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जबलपुर को विशेष न्यायाधीश लोकायुक्त जबलपुर के द्वारा आज दिनांक 17:09:2019 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13(1)(b)13(2) मैं 4 वर्ष के कारावास और ₹15000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया जाकर जेल भेजा गया।
अभियोजन के अनुसार राइट टाउन निवासी नेंसी जैन ने 16 अक्टूबर 2018 को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को शिकायत दर्ज कराई थी कि वह ग्रामीण युवा समन्वयक के पद पर शहपुरा में कार्यरत है। उसने 30 अगस्त 2018 को पिपरिया कला शहपुरा विकासखंड में मुख्यमंत्री कप खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन कराया था। राज्य शासन द्वारा इस खेल प्रतियोगिता के आयोजन के लिए खेल अधिकारी के माध्यम से 36 हजार रुपए की राशि दी जाती है। खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी ने 16 हजार रुपए की पहली किश्त दे दी थी।
कानूनी सहायता प्रकरण में शिकायतकर्ता नैंसी जैन ग्रामीण युवा समन्वय शहपुरा, निवासी राईट टाउन जबलपुर द्वारा दिनांक 16/10/2018 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर को शिकायत की गई कि उसके द्वारा दिनांक 30/8/18 को पिपरिया कला विकासखंड शहपुरा में मुख्यमंत्री कप खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन कराया था। शासन से प्रतियोगिता हेतु खेल अधिकारी जबलपुर के माध्यम से 36000 रुपए की राशि मिलती है।
आरोपी के द्वारा 16000 रुपये की प्रथम किश्त प्रदान की जा चुकी थी। प्रतियोगिता पूर्ण होने पर बिल जमा करने के बाद शेष किश्त हेतु आरोपी से मिली तो आरोपी ने 20 हजार का चेक देकर पारितोषिक स्वरूप 10 हजार की मांग की। प्रार्थियाआरोपी को रिश्वत नहीं देना चाहती थी कार्यवाही कराना चाहती थी। पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के आदेश पर गठित लोकायुक्त दल के द्वारा कार्यवाही करते हुये आरोपी को दिनांक 17/10/18 को आरोपी के रानीताल खेल परिसर स्थित कार्यालय खेल एवं युवा कल्याण में 10000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपी के द्वारा प्रार्थी से रिश्वत की राशि ली जाकर अपने पेण्ट की जेब मे रख ली थी। आरोपी के पेण्ट की जेब से राशि बरामद की गई।
विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपित को 4 साल की सजा और 5 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया।


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