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'इंटीग्रेटेड पर्सनालिटी डेवलपमेंट कोर्स' आईपीडीसी का हुआ एमओयूसंस्कार से ही जीवन में बदलाव आता है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव |
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जबलपुर, 04 नवम्बर, 2025, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज जबलपुर में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा आयोजित जीवन उत्कर्ष महोत्सव में दो महत्वपूर्ण शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक प्रकल्पों का शुभारंभ किया। इन प्रकल्पों, 'चलो बनें आदर्श' और 'इंटीग्रेटेड पर्सनालिटी डेवलपमेंट कोर्स' (आईपीडीसी), का उद्देश्य क्रमशः स्कूली बच्चों और कॉलेज के युवाओं में संस्कारों और जीवन मूल्यों का सिंचन करना है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संस्कार से ही जीवन में बदलाव आता है। हमारी सनातन संस्कृति अद्भुत है, अब परिलक्षित होती दिखाई दे रही है, इसलिये भारत को सदैव विश्वगुरू के रूप में दुनिया देखती है। जिसमें अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने की भावना है। उन्होंने बीएपीएस संस्था के वैश्विक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अबूधाबी में बना भव्य बीएपीएस हिंदू मंदिर एक चमत्कार है। उन्होंने इस बात पर विशेष गर्व व्यक्त किया कि संस्था के वर्तमान प्रमुख, महंत स्वामी जी, जबलपुर की ही देन हैं, जो आज पूरी दुनिया को प्रेरणा दे रहे हैं।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीवन के कल्याण को लेकर चलने का सभी का मन होता है। साथ ही कहा कि हमने देवता नहीं देखे, लेकिन देवालयों में उन दिव्य कल्पनाओं का साकार रूप दिखता है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि बीएपीएस जैसी संस्थाएं और हमारे मंदिर, भगवान से संस्कार लेकर हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वामीनारायण संस्था दुनिया को पहचानने और स्वयं को जानने का जो प्रयास कर रही है, वह प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश की धरती पर इस "परिवर्तन की यात्रा" का आरंभ करने के लिए संस्था का अभिनंदन किया और अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सभी नगर, महानगर और उपज भूमि सबकी अपनी-अपनी महत्ता है। लेकिन जितना भाग्य इस पावन नगरी जबलपुर को दिया गया है वह थोड़ा अधिक है।
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यहां मां नर्मदा की कृपा है, जो अमरकंटक से चलकर आती है और यहां के पत्थरों को भी संगमरमर का रूप देती है। मां नर्मदा मध्यप्रदेश और गुजरात को सिंचित करती है, जीवों और वन संपदा को समृद्ध करती है। यहाँ आने से केवल एक दैवीय आशीर्वाद ही नहीं मिलता, बल्कि यहाँ से जाने वाले जन्म-जन्मांतर तक महंत स्वामियों से भी दुनिया भर के संतों का आशीर्वाद मिलता है। यहाँ के वातावरण में एक ऐसी ऊर्जा है जो हमें निरंतर प्रेरित करती है। साथ ही कहा कि आज़ादी के अमृत काल में हमें वही आत्मविश्वास मिला है जो आत्मबल हमारे भीतर भगवान ने रखा था, वही अब पुनः प्रकट हो रहा है।

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45 लाख विद्यार्थियों के बाद अब मध्य प्रदेश में शुरुआत
बीएपीएस संस्था के वरिष्ठ संत पूज्य ज्ञानानंद स्वरूप स्वामी जी ने प्रकल्पों की जानकारी देते हुए बताया कि 'चलो बनें आदर्श' प्रकल्प वीडियो के माध्यम से प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों में बचपन से ही जीवन मूल्यों की दृढ़ता का संचार करता है। यह प्रोजेक्ट पहले से ही गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान सहित पांच राज्यों की 23 हजार शालाओं में सफलतापूर्वक चल रहा है, जिसका लाभ 45 लाख से अधिक विद्यार्थी ले रहे हैं।
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आज से यह प्रकल्प मध्य प्रदेश में भी आरंभ हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसका उद्घाटन कर प्रकल्प को आगे बढ़ाने का दायित्व जिला शिक्षा अधिकारी श्री घनश्याम सोनी जी को सौंपा।
इसके साथ ही, कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए 'इंटीग्रेटेड पर्सनालिटी डेवलपमेंट कोर्स' (आईपीडीसी) का भी शुभारंभ किया गया। यह प्रकल्प कोर्स जिसमें युवाओं को नकारात्मकता, मोबाइल की लत, नशीले पदार्थों और डिप्रेशन जैसे संकटों से निकालकर उन्हें भारतीय सनातन मूल्यों से जोड़ने का काम करेगा। मुख्यमंत्री ने मंगलायतन यूनिवर्सिटी और रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर्स को इस कोर्स की जिम्मेदारी सौंपी और संबंधित एमओयू का आदान-प्रदान किया गया।

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इस अवसर पर बीएपीएस अबू धाबी हिन्दू मंदिर के संचालक पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और प्रमुख स्वामी महाराज के एक प्रसंग का स्मरण किया। उन्होंने बताया कि कैसे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम साहब के विज़न में प्रमुख स्वामी जी ने "भगवान में श्रद्धा" को जोड़ा, क्योंकि श्रद्धा से ही नैतिक मूल्य और राष्ट्र प्रगति संभव है। इस अवसर पर संतगण, प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह और जबलपुर के महापौर श्री जगत बहादुर सिंह अन्नू भी मंचासीन थे। वहीं संभागायुक्त श्री धनंजय सिंह, आईजी श्री प्रमोद वर्मा, कलेक्टर श्री राघवेन्द्र सिंह सहित बड़ी तादात में श्रद्धालु मौजूद थे।


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