हजारों शहरी किसानों का नहीं हुआ पंजीयन
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नरसिंहपुर से सलामत खां की रिपोर्ट..
(नरसिंहपुर // टाइम्स ऑफ क्राइम) संपर्क:- 9424719876
नरसिंहपुर. उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी क्षेत्र से जुड़े किसानों को विभाग की लाभकारी योजनाओं से जोडऩे के लिए किसानों का पंजीयन किया जा रहा है लेकिन जिले के ऐसे हजारों किसान जो नगरीय क्षेत्रों में रहते है वे पंजीयन न होने के कारण विभाग की लाभकारी योजनाओं से वंचित रह जायेंगे।
प्रदेश में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर उद्यानिकी से जुड़े किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। नरसिंहपुर जिले किसानों के लिए ये बेहद अच्छी खबर थी। यह पंजीयन उद्यानिकी विभाग द्वारा ऑन लाइन किया जा रहा है। इस पंजीयन में बड़ी संख्या में ग्रामीण किसानों ने पंजीयन कराया है। जिसम जिले भर के किसानों को प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न योजनाओं के तहत शासन द्वारा तय किये गए मापदंडो में अनुदान दिया जाना है।
मुख्य रूप से सब्जी विकास ,मसाला विकास,फल उद्यान, सूक्ष्म सिचाई, औषधीय उद्यान के साथ ही कृषि यंत्रीकरण में शासन द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं के अनुदान किसान पंजीयन के आधार पर ही दिए जाने हैं लेकिन दु:ख की बात यह है कि ऑन लाइन किये जा रहे इस पंजीयन में विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र के किसानों के लिए पंजीयन का कोई विकल्प नहीं दिया गया है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के किसानों का पंजीयन लगभग छ: माह से जारी है।
ऐसे में शहरी क्षेत्र नरसिंहपुर, करेली, गोटेगांव, गाडरवारा, तेन्दूखेड़ा के किसान विभाग की विभिन्न योजनाओं में पीछे रहने के लिए मजबूर हैं। विभाग के इस सौतेले व्यवहार की ओर ध्यान कराया गया है लेकिन अधिकारी ऑन लाइन पंजीयन में संशोधन न कर पाने की अपनी मजबूरी बताते है। किसान मनीष चौकसे का कहना है की वे अपने खेत में अनार का वृक्षारोपण करना चाहते है लेकिन पंजीयन न हो पाने के कारण वे इस योजना में शामिल नहीं हो सकते। वहीँ किसान असलम खान भी अपने खेत में सब्जी उत्पादन करते हैं लेकिन वे भी इस लाभकारी योजना में पंजीयन न हो पाने के कारण इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे है।
इस लाभकारी योजना में नगरीय क्षेत्र के किसानों के ऑनलाइन पंजीयन के लिए जब सहायक संचालक उद्यानिकी अधिकारी श्री मेश्राम से जानना चाहा तो विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि साहब जबलपुर मीटिंग में है। उद्यान विकास अधिकारी शंकरलाल मर्शकोले ने बताया कि अभी तक लगभग 1200 ग्रामीणों का पंजीयन किया गया है। शहरी किसानों के पंजीयन के बारे में दिखवाना पड़ेगा।
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