चितरंगी ब्लाक में करोड़ों का अवैध खनिज कारोबार जारी, अवैध धंधे में लगे माफिया के हौसले बुलन्द, प्रशासन चुप |
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जिला ब्यूरो चीफ सिंगरौली // नीरज गुप्ता 7771822877
अवैध धंधे में लगे माफिया खुशहाल, आमजन हो रहे हैं परेशान, राज्य सरकार को हो रही है भारी राजस्व क्षति
सिंगरौली / जिले के आदिवासी अंचल चितरंगी ब्लॉक में इन दिनों खनिज माफियाओं का ही बोलबाला है, वही आमजन इन इन खनिज माफियाओं की धमाचौकड़ी से आम जनमानस परेशान है
साथ ही राज्य शासन को प्रतिदिन खनिज के नाम पर लाखों की रॉयल्टी की चोरी हो रही है मजे की बात यह है कि समूचा प्रशासन इस बात को जानता पर कहीं दबंग चलते या सीमा शुल्क यानी मिलीभगत में खेल हो रहा है जो चिंताजनक है ,
सड़क निर्माण में किया जा रहा है खेल
आदिवासी अंचल ब्लॉक चितरंगी में भारी मात्रा में खनिज संपदा से भरा पड़ा हुआ है जिसका दोहन भी सड़क निर्माण में बड़े आसानी से किया जा रहा है जिसके कारण खनिज विभाग की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगता है की इन्हें आसानी से जहां चाहे खनिज संपदा निकाल कर सड़क निर्माण कर लेते हैं जोकि पूर्णता अवैधानिक तरीका होता है और शासन को भारी राजस्व क्षति होती है किंतु यह सब तो चलता है आखिर कैसे वह भी चुस्त प्रशासनिक व्यवस्था में यह सबसे बड़ा सवाल बनता जा रहा है.
अवैध रेत का कारोबार सुर्खियों में
आदिवासी अंचल के चितरंगी ब्लाक से लगा यूपी राज्य का बॉर्डर जहां आसानी से अवैध रूप से रेत की परिवहन कर प्रतिदिन लाखों का वारा न्यारा किया जा रहा है जिसकी बानगी आए दिन पुलिस कार्यवाही एवं खनिज कार्यवाही मैं दिखता है जो हाथी के दांत देखने के कुछ और खाने के कुछ और होते हैं यही कहावत चरितार्थ हो रही है की सेटिंग वालों के बल्ले बल्ले बिना सेटिंग वालों को आफत ही आफत होती है इस खेल को बंद करने के लिए आगे आखिर आएगा कौन.
क्रेशर प्लांटों के लिए नियम बने बौने
बताते चलें किस चितरंगी अंचल आदिवासी अंचल के साथ ही फारेस्ट अंचल भी के नाम से जाना जाता है जहां पर खनिज संपदा का विशाल भंडार है ऐसे में प्रशासन की लचरता का भरपूर फायदा उठाते हुए माफियाओं द्वारा जहां चाहे खदानी जात कर लिया जाता है और वहीं से ही उत्खनन करते हुए अपने व्यवसाय को अंजाम दिया जाता है सवाल यह उठता है कि जब चुस्त प्रशासन क्यूस्ट खनिज नीति होने के साथ यह हो रहा है तो कैसे हो रहा है यह सवाल है और जनता के बीच का सवाल भी है जिसका जवाब आखिर कौन देगा.
5 अक्टूबर को पकड़े गए दो डंफर पर मेहरबानी का सबब ?
सोन नदी के किनारे विगत 5 अक्टूबर को पकड़े गए दो हेवी डंफरो को आम जनता ने पकड़ा था जिस पर पुलिस को सूचना देने के बाद भी कई घंटों बाद पुलिस आई भी तो वाहन चालकों पर दबाव बनाकर ग्रामीणों के खिलाफ पुलिस ने शिकायत बनाई और मामले को रफा-दफा करने के लिए खनिज विभाग के एक अधिकारी ने बकायदा अवैध रेत लोड किए हुए दो दलों पर जुर्माने की रस्म अदायगी कर मामले को रफा-दफा किए जाने का प्रयास किया जा रहा था जब यह अवैध रेत था तो राज साहब की कार्यवाही क्यों नहीं की गई यह भी सवाल उठना लाजमी है.
चितरंगी अंचल में खनिज के नाम पर जो हो रहा है उस पर लगाम कैसे लगेगा
आपको बता दें कि चितरंगी ब्लाक अंचल काफी विशाल है जिसका सीधा संपर्क जिला मुख्यालय से अंचल के लिए काफी मुश्किल भरा होता है और साथ ही यह यूपी राज्य की सीमा से सटा हुआ इलाका होने के साथ ही सोन अभ्यारण सोन नदी के इर्द-गिर्द सीमा पर जाना काफी कठिनाई भरा होता है और सीधी जिले की सीमाएं भी पड़ती है लिहाजा कठिन मार्ग और दूरस्थ क्षेत्र होने से माफिया आसानी से खनिज संपदा का दोहन करते हुए उसका व्यवसाय कर लाखों कमा रहे हैं पर अपनी व्यवस्था यानी प्रशासनिक व्यवस्था की चूक का फायदा आसानी से उठाया जा रहा है जिस पर लगाम तो लगना चाहिए पर कैसे लगेगा या गंभीर प्रश्न प्रशासन के लिए है.
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