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रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकार सुप्रिया पाठक एवं कैमरामैन श्याम के साथ बुरी तरह की मारपीट |
TIMES OF CRIME @ https://timesofcrime.com/
दिल्ली. लोकल यूट्यूब चैनलों द्वारा दिल्ली में अवैध अतिक्रमणकारियों द्वारा हज़ारों एकड़ सरकारी ज़मीनों पर कब्ज़ा करने की रिपोर्टिंग के चलते ही यह अवैध कब्जों और झुग्गी कारोबार उजागर हुआ है, कल इन्ही पत्रकारों पर हमला हो गया.
कल शाम सीमापुरी बंगाली बस्ती, जहां बंगलादेशी घुसपैठियों की भारी बसावट है, 200 फुटा रोड के समीप सरकारी जमीन पर हुए अवैध अतिक्रमण की रिपोर्टिंग करने गए All India News की रिपोर्टर सुप्रिया पाठक एवं कैमरामैन श्याम के साथ बुरी तरह मारपीट की गई। उपद्रवी भीड़ कैमरा एवं माइक भी लेकर भाग गई.... रिपोर्टर सुप्रिया पाठक को पैरों में गहरी चोट आई है जिससे वो चलने में असमर्थ हैं। दोनो पत्रकार GTB Hospital में हैं...
रिपोर्टर सुप्रिया पाठक और कैमरामैन श्याम के पैर में गंभीर चोट लगी थी - वे मुश्किल से खड़े हो पा रहे थे। पत्रकार साथी उन्हें तुरंत इलाज और एमएलसी (मेडिको-लीगल केस) पंजीकरण के लिए अस्पताल ले गए। हालांकि, रात 8 बजे से सुबह 3 बजे तक एमएलसी प्रक्रिया के दौरान सहायता के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी उपलब्ध नहीं था। पत्रकारों के मित्र अस्पताल में इधर-उधर भटकते रहे, बार-बार डॉक्टरों से प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह करते रहे, लेकिन बेहद धीमी और गैर-जिम्मेदार प्रबंधन का सामना करना पड़ा....
FIR में यह तक उल्लेख नहीं किया गया कि अवैध कब्जाधारक हमलावरों ने कैमरा और माइक के साथ-साथ रिपोर्टर और कैमरामैन का मोबाइल फोन भी छीन लिया था - हमलावरों के बजाय पीड़ित से पूछताछ की गई।
हमें खुद से ये सवाल पूछने चाहिए:
- अगर गैर कानूनी गतिविधियों और अवैध कब्जों की मीडिया द्वारा रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है, तो आम आदमी न्याय की उम्मीद कैसे कर सकता है?
- जब राष्ट्रवादी आवाज़ों के खिलाफ़ उग्र और राष्ट्रविरोधी भीड़ द्वारा हिंसा की बात आती है, तो हमारे अपने अधिकारी चुप या निष्क्रिय क्यों रहते हैं?
- यह धीमी, पक्षपातपूर्ण व्यवस्था कब तक गुंडों की रक्षा करेगी और सच्चाई को चुप कराएगी?


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