ब्यूरो प्रमुख // राजेन्द्र कुमार जैन (अम्बिकापुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 98265 40182
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अम्बिकापुर। भारत सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार, एस.ई.सी.एल. भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत कई कर्मचारी नौकरी के साथ- साथ अपने रिशतेदार जैसे पत्नी, भाई, बहन, बेटा बेटी के नाम से भारतीय स्टेट बैंक लाइफ इंश्योरेस कम्पनी लिमिटेड, भारतीय जीवन बीमा निगम तथा अन्य दूसरी बीमा कंपनियों में बेधड़क होकर कार्य कर रहें है, जो शासकीय नियमों के खिलाफ है।
इसका नजारा भारतीय स्टेट बैंक की विभिन्न शाखाओ में स्पष्ट रूप में मिल जाता है। भटगांव स्थित भारतीय स्टेट बैक के कर्मचारी देव की पत्नी एस. बी. आई. लाईफ इंश्योरेंस कंम्पनी की बीमा सलाहकार है, जबकि उनका पूरा कार्य उनके बैक कर्मी पति करते है। बैंक कर्मी होने का फयदा उठाकर बैंक खातेदारो से बीमा कराने मे सफल होकर बैंक कर्मी की पत्नी ने इंश्योरेंस में लाखों रू. प्रीमियम जमा की है।
एस.ई.सी.एल. के विश्रामपुर, भटगांव के कई कर्मचारियों ने भारतीय जीवन बीमा निगम भारतीय स्टेट बैंक लाइफ इंश्योरेस एवं अन्य बीमा कंपनियों में अपने रिश्तेदारो के नाम से एजेंसी लेकर अपने पद का दुरूपयोग कर बीमा कराने में लगें है। कालरी में कार्य करने वाले कई लिपिक/हाजारी बाबू ओव्हरमेन अपने दामाद,पुत्र पत्नी के नाम पर एजेंसी चला रहें है। जो काम तो एस.ई.सी.एल. का करते है, लेकिन वे पूरा समय बीमा कराने में व्यातीत करतें है। इस मामले में बीमा कंपनिया भी खुलेआम धोखाधड़ी के कार्यो को बढ़ावा देती नजर आती हैै। छत्तीसगढ़ शासन के कई विभागों कार्यरत कर्मचारी भी अनाधिकृत रूप से धड़ल्ले से बीमा एजेंट का कार्य कर रहें है। इस संबंध में यदि गहन छानबीन की जाए तो कई चौकानं वाले आंकड़े उजागर हो सकते है।
इसका नजारा भारतीय स्टेट बैंक की विभिन्न शाखाओ में स्पष्ट रूप में मिल जाता है। भटगांव स्थित भारतीय स्टेट बैक के कर्मचारी देव की पत्नी एस. बी. आई. लाईफ इंश्योरेंस कंम्पनी की बीमा सलाहकार है, जबकि उनका पूरा कार्य उनके बैक कर्मी पति करते है। बैंक कर्मी होने का फयदा उठाकर बैंक खातेदारो से बीमा कराने मे सफल होकर बैंक कर्मी की पत्नी ने इंश्योरेंस में लाखों रू. प्रीमियम जमा की है।
एस.ई.सी.एल. के विश्रामपुर, भटगांव के कई कर्मचारियों ने भारतीय जीवन बीमा निगम भारतीय स्टेट बैंक लाइफ इंश्योरेस एवं अन्य बीमा कंपनियों में अपने रिश्तेदारो के नाम से एजेंसी लेकर अपने पद का दुरूपयोग कर बीमा कराने में लगें है। कालरी में कार्य करने वाले कई लिपिक/हाजारी बाबू ओव्हरमेन अपने दामाद,पुत्र पत्नी के नाम पर एजेंसी चला रहें है। जो काम तो एस.ई.सी.एल. का करते है, लेकिन वे पूरा समय बीमा कराने में व्यातीत करतें है। इस मामले में बीमा कंपनिया भी खुलेआम धोखाधड़ी के कार्यो को बढ़ावा देती नजर आती हैै। छत्तीसगढ़ शासन के कई विभागों कार्यरत कर्मचारी भी अनाधिकृत रूप से धड़ल्ले से बीमा एजेंट का कार्य कर रहें है। इस संबंध में यदि गहन छानबीन की जाए तो कई चौकानं वाले आंकड़े उजागर हो सकते है।
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