क्राइम रिपोर्टर/ चिंतामणि साकेत (लकोड़ा // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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जनपद पंचायत सीधी कि रामपुर ग्राम पंचायत मे सांसद मद से हुए नाली निर्माण को दो वर्ष बाद मनरेगा से कार्य दर्शाकर दस लाख रूपए निकाल लिए गए हैं। जांच बाद किए गए गोल माल की पोल खुल चुकी है। जनपद सीईओ ने जांच प्रतिवेदन के आधार पर ही उपयंत्री को दोषी ठहराते हुए कार्यवाही के लिए जिला पंचायत को पत्र लिखा है। इसके साथ ही ग्राम पंचायत में अन्य निर्माण कार्यों मे भी लाखों के हेर फेर की पुष्टि की गई है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सीधी के पत्र क्रमांक 484/10 दिनांक 24.11.10 के अनुसार ग्राम पंचायत रामपुर में उपयंत्री श्रीमति सरिता सिंह द्वारा जितने भी नाली निर्माण का मूल्यांकन किया गया है वह एक से अधिक बार बिना कार्य के ही मूल्यांकन किया गया। है। इसके अलावा रामपुर में ही कूप निर्माण कार्य बिना कराए ही उपयंत्री द्वारा मूल्याकंन कर दिया गया है जबकि निर्माण और मेड़ बंधान का कार्य पूरा नहीं है।
नाली निर्माण के मामले में बताया गया है कि मई 2005 में सांसद मद से रामपुर मे 550 मीटर की नाली का निर्माण कराया गया था। वर्ष 2007 में इसी नाली का दो स्टीमेंट तैयार हुआ। जिसकी लागत दस लाख के करीब रही है। नाली निर्माण का कार्य कहीं भी नहीं हुआ और 600 मीटर का मूल्यांकन हो गया, साथ ही सीसी भी जारी कर दी गई।
नाली निर्माण के मामले मे दस लाख से ऊपर की राशि हजम करने की जब जानकारी तत्कालीन सरपंच बब्बू कोल को हुई तो उसके द्वारा शिकायत की गई कि सचिव भूपेन्द्र साकेत और अन्य लोगों ने मिलकर उसके अशिक्षित होने का नाजायज फायदा उठाया है। घपले मे उसका कोई हाथ नहीं है। जांच कार्यवाही शुरू हुई तो जांच अधिकारी एस एस द्विवेदी, सहायक यंत्री मनरेगा ने आरोपों को न कि सही पाया बल्कि फर्जी मूल्यांकन के लिए उपयंत्री को जिम्मेवार ठहराया।
कोचिला पंचायत में भी हुई गड़बड़ी
ग्राम पंचायत कोचिला में आदिवासी विकास मद से बनी पीसीसी रोड में आठ इंच के स्थान पर दो इंच की गिट्टी डाली गई है। जांच प्रतिवेदन में रोड के उखडने की बात बताई गई है। इसके साथ ही कोचिला में जनभागीदारी तथा रोजगार गारंटी से 3 पुलियों के निर्माण में भी गड़बड़ी की बात बताई गई है। ग्राम पंचायत पटेहरा खुर्द में पुल निर्माण, जेबूहा गांधीग्राम से चुनहा पहुंच मार्ग और पुल निर्माण के अधूरे रहने की जानकारी जांच प्रतिवेदन में दी गई है। इन सभी निर्माण कार्यों उपयंत्री सरिता सिंह को फर्जी मूल्यांकन करने तथा राशि में खयानत कराने का आरोप लगा है।प्रतिवेदन पर नहीं हुई कार्यवाही
जांच अधिकारी एसएस द्विवेदी द्वारा सीईओ जनपद पंचायत सीधी को सौपे गए जांच प्रतिवेदन के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को 6 बिंदुओं का पत्र 24.11.10 को भेजा गया था। पत्र में बिंदुवार तथ्यों को उल्लेख कर कहा गया था कि शिकायत के तथ्य सही पाए गए हैं जिसमे क्रियान्वयन एजेंसी सरपंच सचिव के साथ संबंधित उपयंत्री पूर्णत: उत्तरदायी है। जानकारी देने के बाद भी इस संबंध में कोई कार्यवाही नही हो सकी।दो वर्ष बाद कहां चली गई नाली
रामपुर पंचायत में सांसद मद से जिस नाली का निर्माण वर्ष 2005 में कराया गया था। उसी नाली का फिर से सुधार कार्य 2007 में कराया गया। आखिर दो वर्ष पहले बनी नाली कहां चली गई या निर्माण कार्य को क्या हो गया कि फिर दस लाख रूपए व्यय करने पड़े।जांच प्रतिवेदन की मेरे पास कोई जानकारी नहीं है, जैसे ही जानकारी उपलब्ध होागी कार्यवाहीं की जाएगी। गड़बड़ी की शिकायत आज ही मिल रही है।
डा. जगदीश चंद्र जाटिया
सीईओ, जिला पंचायत सीधी
सीईओ, जिला पंचायत सीधी
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