पर्यावरणीय जनसुनवाई में यहां जमकर हंगामा हुआ था। प्लांट के विरोध में उतरे क्षेत्र के ग्रामीणों ने जुलाई 2010 में निर्माणाधीन क्षेत्र में घुसकर तोड़फोड़ की थी तथा मोटर साइकिल, एयर कंडिशनर व अन्य सामान जला दिए थे। पावर प्लांट के खिलाफ चंद्रपुर विधायक तथा संसदीय सचिव युद्धवीर सिंह जूदेव कई बार विरोध कर चुके हैं और आसपास के ग्रामीण अब भी इसके विरोध में है, लेकिन पावर कंपनी के उच्च स्तरीय पहुंच के कारण ग्रामीणों की बात तथा उनकी मांगों पर किसी तरह की सुनवाई नहीं हो पा रही है। कंपनी ने अपने रूतबे के दम पर चंद्रपुर में इंटकवेल के लिए महानदी के किनारे जबरन गड्ढ़ा खुदवा दिया है तथा पावर प्लांट तक पाइप लाइन बिछाने के लिए बिना अनुमति के कार्य कराया जा रहा था।
इसकी जानकारी मिलने पर नगर पंचायत चंद्रपुर के सीएमओ प्रेमशंकर श्रीवास्तव ने मौके पर पहुंचकर पूछताछ की, तो वहां मौजूद कर्मचारी अपनी पहुंच व रूतबे का धौंस देने लगे। इस पर सीएमओ श्रीवास्तव ने कंपनी के नाम नोटिस जारी कर काम बंद करा दिया है। बावजूद इसके प्रबंधन के कर्मचारी काम को दोबारा चालू कराने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहे हैं। यहां तक की कंपनी से जुड़े कई लोगों द्वारा नगर पंचायत अधिकारी को लालच देने के बाद भी बात नहीं बनने पर धौंस दिखाया जा चुका है। इसके बावजूद अधिकारी ने साफ तौर पर कह दिया है कि बिना अनुमति कोई काम नहीं होने देंगे। नोटिस जारी करने के बाद नगर पंचायत द्वारा डीबी पावर कंपनी के अधिकारियों को उसकी प्रति भेजी गई है। साथ ही पंचनामा कर एक प्रति निर्माण स्थल के पेड़ पर चस्पा की गई है।
लेखक राजेंद्र राठौर जांजगीर-चांपा में पत्रिका के जिला प्रतिनिधि हैं.
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