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Saturday, January 14, 2023

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने याचिका दायर, हाई कोर्ट ने खेल विभाग को नोटिस जारी किया, 4 सप्ताह में जवाब तलब

  


तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया 


तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया 

विनय जी. डेविड 8989655519

जबलपुर। तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने याचिका दायर की गई हैं याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आज मध्य प्रदेश राज्य खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक एवं अन्य को 4 हफ्तों में ये जवाब देने का निर्देश दिया है जिसके बाद मामले पर अगली सुनवाई 27 फरवरी 2023 में की जाएगी। 

हाईकोर्ट में एक याचिका समाजसेवी विनय जी. डेविड ने दायर की है, याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश राज्य तीरंदाजी अकैडमी जबलपुर में तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है उक्त प्रकरण की जानकारी छुपाकर रिचपाल शासकीय नौकरी पर काबिज हैं खेल एवं युवा कल्याण अनुबंध सेवा भर्ती (नियोजन एवं सेवा की शर्ते ) नियम 2017 शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जबकि प्रकरण होने के बाद रिचपाल सलारिया को विभाग द्वारा बर्खास्त किए जाने की कार्रवाई की जानी चाहिए थी।


तीरंदाजी एकेडमी का कोच रिचपाल सिंह सलारिया खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के साथ 

कोच रिचपाल सिंह सलारिया शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मुख्य सचिव और संचालक की कृपा से लगातार मध्यप्रदेश तीरंदाजी अकैडमी में नियम विरुद्ध तरीके से पदस्थ है कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर याचिका में याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन्होंने अपराधिक प्रकरण की जानकारी छुपाते हुए खेल विभाग में मुख्य कोच की संविदा नौकरी हासिल कर ली है, कोच रिचपाल ने अपराधिक प्रकरण दर्ज होने और न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने की जानकारी, अपने अपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी छिपाकर विभाग के साथ अनुबंध किया। संविदा नियम के अनुसार खेल विभाग को नियुक्ति दिनांक से 15 दिवस के अंदर कोच रिचपाल सिंह सलारिया का चरित्र सत्यापन करवाना अनिवार्य था। जो विभाग के द्वारा भी नहीं कराते हुए रिचपाल सलारिया को नियम विरुद्ध तरीके से संविदा नौकरी पर रखा गया है। प्रस्तुत याचिका में कहा गया है कि संविदा नियम में ऐसे अपराधिक प्रकरण वाले आरोपियों को नौकरी से बर्खास्त किए जाने का प्रावधान है। परंतु विभाग के आला अधिकारियों ने नियमों के विपरीत नियुक्ति पाने वाले कोच रिचपाल सलारिया को नौकरी से बर्खास्त नहीं किया है।

न्यायाधीश आनंद पाठक की न्यायालय ने मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक एवं प्रमुख सचिव एवं अन्य को 4 सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया

पुलिस डायरी के अनुसार लॉर्डगंज थाने में 12 जनवरी 2021 को अपराध क्रमांक 38 / 2021 धारा 294, 223, 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ, मुकदमा दर्ज होने के बाद रिछपाल सिंह सलारिया की गिरफ्तारी हुई एवं उसके खिलाफ माननीय न्यायालय कोर्ट नंबर और जज 22 - सिविल जज क्लास- I और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक प्रताप सिंह की अदालत में 23 जून 2021 को आरसीटी 3314 / 2021 चालान पेश किया गया. और अभी वर्तमान में न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। यह जानकारी रिचपाल द्वारा छुपाते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक के साथ 19 मई 2021 को अनुबंध हस्ताक्षर किए । इस अपराधिक प्रकरण में 4 नवंबर 2022 को माननीय न्यायालय में सुनवाई हुई एवं आगामी फरवरी माह में पेशी नियत है.

याचिकाकर्ता ने निम्नलिखित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की है कि रिचपाल सलारिया का अनुबंध कोच/तकनीकी विशेषज्ञ के पद से हटाने/समाप्त करने के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग संचालक को निर्देशित करें। अनुबंध समझौते को रद्द कर दिया जाए और निष्पक्ष जांच और कानून के अनुसार नियम विरुद्ध तरीके से नौकरी प्राप्त करने वाले रिछपाल सिंह सलारिया कोच के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और प्राधिकरण को वसूली के लिए निर्देशित किया जाए जिस पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने सुनवाई करते हुए न्यायाधीश आनंद पाठक की न्यायालय ने कि न्यायालय ने मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक एवं प्रमुख सचिव एवं अन्य को 4 सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है, याचिकाकर्ता की ओर से याचिका की पैरवी अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने की ।

याचिकाकर्ता
विनय जी. डेविड 9893221036

Sunday, November 6, 2022

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज, शासकीय नियमों की उड़ रही धज्जियां

 


जबलपुर, तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज है, शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वो भी खेल मंत्री और संचालक की कृपा से लगातार मध्यप्रदेश तीरंदाजी अकैडमी में मैं अपना कार्यकाल पूरा कर रहा है, आखिर शासकीय नियम के विरुद्ध इनको नौकरी से क्यों नहीं बर्खास्त किया गया यह बताने वाला कोई सक्षम अधिकारी सामने नहीं आ रहा है. वही सारी जानकारी छुपा कर के विभाग से तनखा के नाम पर ले जा रही है मोटी रकम आखिर जब यह प्रकरण उजागर होगा तब यह नियम विरुद्ध दी गई तनख्वाह की वसूली कैसे की जाएगी.

पुलिस डायरी के अनुसार लॉर्डगंज थाने में 12 जनवरी 2021 को अपराध क्रमांक 38 / 2021 धारा 294, 223, 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ, मुकदमा दर्ज होने के बाद रिछपाल सलारिया की गिरफ्तारी हुई एवं उसके खिलाफ माननीय न्यायालय कोर्ट नंबर और जज 22 – सिविल जज क्लास- I और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक प्रताप सिंह की अदालत में 23 जून 2021 को आरसीटी 3314 / 2021 चालान पेश किया गया. इस प्रकरण में 4 नवंबर 2022 को माननीय न्यायालय की हैं पेशी नियत है. परंतु जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जबलपुर आशीष पांडे को सूचना दी तो उनका कहना है कि हमको क्या करना है हमें तो प्रकरण की जानकारी नहीं है इसलिए हम जब आप भी यही देते हैं कि इस पार्सल आर्य के ऊपर कोई प्रकरण दर्ज नहीं है परंतु इनके द्वारा लोकल क्षेत्र थाना लार्डगंज थाने में दर्ज प्रकरण दिखाई नहीं दे रहा.

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज, शासकीय नियमों की उड़ रही धज्जियां

पूर्व डीएसओ ने संचालक खेल विभाग को प्रकरण की गलत जानकारी
जबलपुर खेल और युवा कल्याण विभाग जिला जबलपुर के डीएसओ ने 2021 मैं एक प्रमाण पत्र जारी कर अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी रिचपाल सलारिया को क्लीन चिट देते हुए संचालक खेल भोपाल को गलत जानकारी से अवगत कराया था कि रिछपाल सलारिया के ऊपर किसी भी प्रकार का कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है उक्त प्रमाण पत्र के आधार पर रिचपाल सलारिया ने बकायदा भोपाल से नई पदस्थापना प्राप्त कर ली और एग्रीमेंट करके आज मध्यप्रदेश तीरंदाजी अकैडमी में प्रमुख कोच के पद पर पदस्थ हैं.

अगली कड़ी में कौन है वह अधिकारी जिसने अपराधिक प्रकरण दर्ज होते हुए रिछपाल सिंह सलारिया को क्लीन चिट दी है

Thursday, October 13, 2022

बिशप पीसी सिंह के कारनामों की लंबी सूची, पत्नी के नाम पर बटोरा रुपया


 पीसी सिंह एवं पत्नी नोरा सिंह 

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विनय जी. डेविड  9893221036

जबलपुर. स्कूल और सोसायटी के पैसों और संपत्ति को खुर्दबुर्द कर अपने नाम पर कराने वाले बिशप पीसी सिंह के एक के बाद एक कारनामे सामने आ रहे हैं। अब खुलासा हुआ है कि पीसी सिंह ने अपनी पत्नी नोरा सिंह को कई संस्थाओं में डायरेक्टर तो कई संस्थाओं में मैनेजर बना रखा है। हर माह नोरा को संस्थाओं से तनख्वाह भी दी जाती है।

पत्नी को कई संस्थाओं में डायरेक्टर व मैनेजर बनाकर बटोरता था मोटा वेतन

जानकारी के अनुसार 2004 से अब तक नोरा संस्थाओं से एक करोड़ रुपए से अधिक तनख्वाह ले चुकी हैं। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने इसकी भी जांच शुरू कर दी है। बिशप पीसी सिंह सेंट्रल जेल में बंद हैं। ईओडब्ल्यू के साथ ईडी भी बिशप के काले कारनामों की जांच कर रही है।

पत्नी को इन पदों पर बिठाया
बिशप पीसी सिंह ने पत्नी नोरा को जबलपुर स्थित विकास आशा केन्द्र और शिशु संगोपन गृह का पूर्वकालिक वेतनभोगी डायरेक्टर बनाया था। इसके अलावा नोरा को क्राइस्ट चर्च सीनियर स्कूल फॉर ब्वायज एंड गर्ल्स आईसीएसी विंग, क्राइस्ट चर्च गर्ल्स स्कूल हॉस्टल, स्कूल विथ नो इन्फ्रास्ट्रक्चर का मैनेजर बनाया था। साथ ही कटनी के वाडस्ले हिन्दू स्कूल, दमोह स्थित मिशन स्कूल और बर्जेस गर्ल्स हॉस्टल बिलासपुर का भी मैनेजर बनाया था। सभी संस्थाओं से नोरा को पांच हजार से 15 हजार रुपए प्रतिमाह (कुल 60 हजार) वेतन मिलता था।

इसाई समाज के कलंक पीसी सिंह, सुरेश जैकब के बाद बिशप पीसी सिंह का बेटा पीयूष सिंह गिरफ्तार

 



पीसी सिंह, सुरेश जैकब के बाद बिशप पीसी सिंह का बेटा पीयूष सिंह गिरफ्तार, लगातार होंगी और भी कई गिरफ्तारी 

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विनय जी. डेविड  9893221036

बिशप पीसी सिंह का बेटा पीयूष सिंह गिरफ्तारः पुलिस थोड़ी देर में कोर्ट में करेगी पेश, एक दिन पहले राइट हैंड सुरेश जैकब हुआ था गिरफ्तार

जबलपुर। इसाई समाज पर लगातार कलंक लगता जा रहा है, इसी कड़ी में आज बिशप पीसी सिंह का बेटा पीयूष सिंह गिरफ्तार हो गया है। ईओडब्ल्यू ने पीयूष सिंह को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के आधार मिले सुबूतों के आधार पर EOW ने गिरफ्तार किया है। थोड़ी देर में पीयूष सिंह को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इससे पहले 11 अक्टूबर को पुलिस ने पीसी सिंह के राइट हैंड सुरेश जैकब को गिरफ्तार किया था। 

Piyush Paul Singh

इसे भी पढ़े :- बिशप पीसी सिंह का राइट हैंड सुरेश जैकब गिरफ्तार : पीसी सिंह के काले कारनामों में शामिल है बीते दिनों ईओडब्ल्यू ने की थी पूछताछ

पुलिस को पीयूष के खिलाफ साक्ष्य मिले थे जिसमें यह साफ हो गया था कि पीसी सिंह के साथ ही पीयूष भी अपने पिता के साथ उनके काले कारनामों में लिप्त था, पीयूष पाल क्राइस्ट चर्च स्कूल का प्रिंसिपल था, जिसे नियम विरुद्ध तरीके से पीसी सिंह ने यह पद सौंपा था। फिलहाल पीयूष को कोर्ट में पेश किया गया है। 

Piyush Paul Singh

इसे भी पढ़े :- पूर्व बिशप पीसी सिंह गैंग ने पचमढ़ी में किया 300 करोड़ रुपये से अधिक का फर्जीवाड़ा

तलब गौरतलब है कि EOW जबलपुर ने शिकायते मिलने के बाद पीसी सिंह के जबलपुर स्थित घर में छापा मारा था यहाँ से उन्हे करोड़ों की नकदी और साथ ही जेवर और करीबन 143 बैंक अकाउंट के साथ ही करीबन 27 जमीनो और मकानों के दस्तावेज मिले थे इसके बाद पीसी सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया था

Piyush Paul Singh

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वही पीसी सिंह को बिशप के पद से भी हटा दिया गया था, इस पूरी कार्रवाई में EOW जबलपुर एसपी देवेन्द्र सिंह राजपूत के निर्देशन में पीसी सिंह के घर पर हुई छापामार कार्रवाई के बाद कई बड़े खुलासे हुए थे जिनकी गूंज न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश में हुई थी,  पूर्व बिशप पीसी सिंह फिलहाल जबलपुर केन्द्रीय कारागार में है।

Piyush Paul Singh

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जानें क्‍या है मामला

ईओडब्ल्यू ने 8 सितंबर को पीसी सिंह के घर और कार्यालय पर छापा मारा था। इस कार्रवाई में 1 करोड़ 65 लाख रुपये नकद, 80 लाख 72 हजार रुपये के सोने के आभूषण, 118 पाउंड, 18 हजार 352 अमेरिकी डॉलर, 48 के दस्तावेज समेत 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। बैंक खाते जब्त किए गए। दो करोड़ तीन लाख रुपये के दस एफडीआर मिली है। 174 बैंक खातों में से 128 पीसी सिंह, उनके रिश्तेदारों और संगठनों के हैं। पीसी सिंह, सुरेश जैकब फिलहाल जेल में है।

Tuesday, August 16, 2022

कच्चा बादाम फेम अंजलि अरोड़ा का Sex MMS वीडियो हुआ वायरल, डीएसपी खा गया कच्चा बादाम ?

कच्चा बादाम फेम अंजलि अरोड़ा का Sex MMS वीडियो हुआ वायरल, डीएसपी खा गया कच्चा बादाम ?



 Anjali Arora MMS Viral Video : टिकटॉक स्टार कक्का बादाम गर्ल अंजली अरोड़ा एक बार फिर चर्चा में बनी हुई हैं। सोशल मीडिया पर अंजली का एमएमएस वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

कच्चा बदाम गर्ल जो हाल ही में इंटरनेट पर कच्चा बादाम गाने पर वीडियो बना के काफी फेमस हुई थी. ऐसा कहा जा रहा है के उनका प्राइवेट वीडियो लीक हुआ है इंटरनेट पर. जिसमे वो किसी आदमी के साथ प्राइवेट टाइम स्पेंड करती हुई नजर आ रही हैं.

अंजली अरोरा को कच्चा बादाम गाने पर डांस करने से शोहरत मिली थीं। अंजली अरोरा हाल ही में कंगना के रियलिटी शो लॉकअप में भी नजर आई थीं। सोशल मीडिया पर अंजली की काफी ज्यादा फैन फॉलोइंग हैं।

अंजली अरोड़ा का एमएमएस वीडियो सोशल मीडिया पर और एडल्ट साइट पर लीक हो गया है। वायरल वीडियो में लोगो के द्वारा दावा किया जा रहा है कि इसमें नजर आने वाली लड़की अंजली अरोड़ा ही है। हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं मिली है कि ये लड़की कौन है।

कुछ लोगों का कह रहे है कि वीडियो में दिखने वाली लड़की अंजली अरोड़ा नहीं है। वहीं, कुछ लोगों का दावा है कि वीडियो में दिखने वाली लड़की अंजली जैसी दिखती हैं। timesofcrime.com इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। लेकिन अंजली अरोरा की तरफ से इस वीडियो को लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं देखने को मिली है।

कच्चा बादाम फेम अंजलि अरोड़ा का Sex MMS वीडियो हुआ वायरल

अंजली अरोरा का वायरल mms वीडियो बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है कुछ लोगो का कहना है इस वीडियो से इनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. timesofcrime.com इस बात की पुष्टि नहीं करता की वायरल वीडियो में अंजली ही हैं या फिर कोई और है. लेकिन सोशल मीडिया पर इनके करोड़ों लोगो द्वारा वायरल होने के कारण लोग अंजली अरोरा के बारे में उनके बारे में काफी ज्यादा सर्च कर रहे हैं इसीलिए यह मुद्दा चर्चे में बना हुआ है.

Anjali Arora MMS video case truth kacha badam girl Anjali Arora

अंजली के इंस्टाग्राम पर 11.6 मिलियन से भी ज्यादा फॉलोअर्स है। अंजली का कुछ ही समय पहले सूफी-सूफी गाना रिलीज हुआ है। अन्जाल्दी के फैंस अंजली की क्यूटनेस पर फिदा हैं। कंगना का शो लॉकअप में अंजली शो की सेकंड रनअप थी। शो में अंजली और मुनव्वर फारुकी की जोड़ी ने दर्शकों को खूब एंटरटेन किया था।

वैसे ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी टिकटॉकर या youtuber का एमएमएस वीडियो इंटरनेट पर लीक हुआ है। कुछ समय पहले भी टिकटॉकर निशा गुरगैन का भी वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा था कि निशा अपने बॉयफ्रेंड के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रही हैं। हालांकि निशा ने इस वीडियो को फर्जी बताया था।

Tuesday, February 16, 2021

स्वर्ण पदक विजेता से अवैध संबंध पर बबाल : नेशनल तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह छात्रा संग अय्याशी में डूबा, बिखरा परिवार

 
नेशनल तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह की पीड़ित पत्नी मोहिनी सलारिया
 

ANI NEWS INDIA // विनय जी. डेविड 9893221036

भोपाल : तीरंदाजी के राष्ट्रीय कोच रिछपाल सिंह सलारिया को रानीताल स्पोर्ट्स क्लब स्टेडियम में अपनी पत्नी के साथ ना सिर्फ स्वयं मारपीट की बल्कि अपने छात्राओं से भी मारपीट करवाई. इस दौरान मौके पर मौजूद मीडिया से भी कोच और उनके छात्राओं ने अभद्रता करने की कोशिश की, स्पोर्ट्स क्लब में काफी देर तक हुए हाईप्रोफाइल हंगामे के बाद मौके पर पहुंची लार्डगंज थाना पुलिस ने महिला को शिकायत दर्ज करवाने के लिए उसे अपने साथ ले आई.परन्तु प्रकरण दर्ज करने में सेटिंग कर ली. 

पत्नी ने कोच पति पर लगाए संगीन आरोप

कोच पत्नी आज शाम जम्मू से अचानक जबलपुर आई और सीधे वह रानीताल स्पोर्ट्स क्लब में जाकर अपने पति से मिलने पहुंच गई. महिला के पति ने उससे बात करने की वजह मारपीट करना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं मौके पर मौजूद इस खबर को कवर कर ही मीडिया से भी कोच और उसकी छात्राओं ने अभद्रता की. कोच की पत्नी का आरोप है कि उसके पति का आर्चरी की छात्रा के मुस्कान किरार के साथ  नाज़ायज संबंध है. इतना ही नहीं महिला ने यह भी कहा कि उसने दिल्ली में दोनों को रंगे हाथों पकड़ा था.

रिचपाल कोच का एक दिव्यांग बेटा, बेटी माँ मोहिनी सलारिया के साथ

रिचपाल कोच का एक दिव्यांग बेटा, बेटी भी स्कूल नहीं जाती, बच्चों की नहीं करता देख-रेख

तीरंदाजी कोच रिछपाल की पत्नी ने बताया कि उसका एक दिव्यांग बेटा है, जो कि हमेशा बीमार रहता है. लेकिन उनके पति ना ही कभी अपने बेटे पर ध्यान देते हैं और बेटी भी स्कूल भी नहीं जाती है,  बच्चों की नहीं करता देख-रेख ही नहीं करता, महिला का यह भी आरोप था कि उसका पति जबरन उसे तलाक देना चाहता है, जबकि जम्मू कोर्ट में केस चल रहा है. कोर्ट ने ही जो खर्चा राशि तय की है वह भी समय से नहीं देता।

mohini salariya Richpal Singh (Twitter @RichpalSingh01 ) with family
https://twitter.com/richpalsingh01


हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस, रिचपाल पर एफ आई आर दर्ज 

रानीताल स्पोर्ट्स क्लब में हुए इस हाईप्रोफाइल हंगामे में जमकर विवाद हुआ. इधर विवाद की सूचना मिलते ही लार्डगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंची और महिला की शिकायत दर्ज कराने को लेकर थाने ले गई. इस पूरी घटना को अंजाम देने के बाद कोच मौके से फरार हो गए और रिचपाल पर एफ आई आर दर्ज कर ली है परन्तु एक माह बीत जाने के बाद भी कोच को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी, फरार कोच जबलपुर में ही मस्ती मार रहा है, रानीताल स्टेडियम में इसका आजा जाना चालू है।

नेशनल तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह और मुस्कान किरार भारतीय तीरंदाज

संचालनालय खेल भोपाल के आला अधिकारियों भी मोन, पीड़ित पत्नी से नहीं मिलना चाहते संचालक पवन जैन 

मोहनी की जहां तक बात है वह संचालनालय खेल भोपाल के आला अधिकारियों से करीब ढाई साल से अपने पति के कृत्यों के साथ स्वयं का परिवार टूटने से बचाने की गुहार लगा रही है लेकिन उसे आश्वासन मिलने के अलावा कुछ भी नसीब नहीं हुआ। अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते प्रशिक्षक का दुस्साहस इस कदर बढ़ गया कि उसने पत्नी से छुटकारा पाने के लिए जम्मू की अदालत में वाद भी दायर कर दिया। इतना ही नहीं उसने खेल अधिकारियों को झूठे शपथ-पत्र से भ्रमित कर मामले को रफा-दफा करने की भी नापाक कोशिश की। संचालनालय खेल भोपाल के आला अधिकारियों भी मोन है पीड़ित पत्नी से नहीं मिलना चाहते संचालक पवन जैन, विभाग में चल रही ऐय्याशी पर इनको कुछ सुनना पसंद नहीं। 

मुस्कान किरार खिलाड़ी और प्रशिक्षक रिचपाल सिंह पर अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए शिविर से बाहर किया था, तीन दिन गायब था ये जोड़ा
 

मुस्कान किरार खिलाड़ी और प्रशिक्षक  रिचपाल सिंह पर अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए शिविर से बाहर किया था, तीन दिन गायब था ये जोड़ा 

पिछले साल प्रशिक्षक और उसकी शिष्या को भारतीय खेल प्राधिकरण के रोहतक (हरियाणा) केन्द्र में लगे जूनियर नेशनल कैम्प से एक साथ 21 से 24 जुलाई, 2019 तक गायब रहने की भी खूब चर्चा रही। तब साई ने इस वाकये के सिलसिले में शिविर से सम्बन्धित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद फैसला किया गया कि खिलाड़ी और प्रशिक्षक पर अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए शिविर से बाहर कर दिया जाए। साई ने तीरंदाज और प्रशिक्षक को भेजे गए पत्र में लिखा था कि नेशनल कैम्प में अनुशासन का ध्यान रखना सबसे अहम है और सक्षम अधिकारियों ने इसे गम्भीरता से देखा जिससे अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत आपका नाम मौजूदा नेशनल कैम्प से तुरंत प्रभाव से हटाया जाता है। एक साल पूर्व के इस मामले से खेल विभाग के साथ ही जबलपुर का हर सदस्य वाकिफ है लेकिन मोहनी सलारिया की मदद करने की बजाय उसे फुटबाल बना दिया गया। इसे दुर्भाग्य कहें या कुछ और जिस प्रशिक्षक का मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी से चार साल का अनुबंध 28 फरवरी, 2020 को ही समाप्त हो चुका है, उसका नाम विभाग द्वारा द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए नामांकित किया गया है।

Archer Muskan Kirar
 

कौन है मुस्कान किरार मुस्कान किरार 

मुस्कान किरार एक भारतीय तीरंदाज है।  28 अगस्त 2018 को इंडोनेशिया में हुए महिलाओं के तीरंदाजी कंपाउंट इवेंट में सिल्वर मेडल लाने वाली भारतीय टीम का वो हिस्सा रहीं। मुस्कान मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने हाल ही में बैंकाक में हुए महिला कंपाउंड - तीरंदाजी एशिया कप में स्वर्ण पदक भी जीता। 

Archer Muskan Kirar
 
भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए चैम्पियनशिप के कम्पाउण्ड स्पर्धा के फाइनल मुकाबले में मुस्कान किरार ने 139 अंक प्राप्त किए और मलेशिया की खिलाड़ी को हराकर स्वर्ण पदक अर्जित किया। मुस्कान किरार 2016 से मध्यप्रदेश में तीरंदाजी का प्रशिक्षण ले रही हैं तथा रिछपाल सिंह सलारिया उनके कोच हैं।

Tuesday, January 5, 2021

आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अवैध रूप से पैसा मांगने स्वयंसेवी संगठन मुक्ति फाउंडेशन के कर्मचारी आयुष गुप्ता पकड़ाया, लार्डगंज पुलिस को मामला सौंपा

आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अवैध रूप से पैसा मांगने स्वयंसेवी संगठन मुक्ति फाउंडेशन के कर्मचारी आयुष गुप्ता पकड़ाया, लार्डगंज पुलिस को मामला सौंपा 

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प्रशासन की सजगता से आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर पैसा मांगने का मामला पकड़ाया
जबलपुर - प्रशासन की सजगता से आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर गरीबों से पैसा लेने का बड़ा मामला आज शाम पकड़ में आया है। आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अवैध रूप से पैसा मांगने के इस मामले में स्वयंसेवी संगठन मुक्ति फाउंडेशन के कर्मचारी आयुष गुप्ता का नाम सामने आया है। प्रारंभिक जांच में सही पाये जाने के बाद इस मामले को प्रशासन द्वारा लार्डगंज पुलिस को विस्तृत विवेचना हेतु सौंप दिया गया है।

तहसीलदार आधारताल राजेश सिंह ने बताया कि कुछ व्यक्तियों द्वारा सतना बिल्डिंग निवासी डॉ. विवेक जैन के निवास से संचालित मुक्ति फाउंडेशन के कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी आयुष गुप्ता द्वारा गरीबों से आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर 5-5 हजार रुपए मांगे जाने की शिकायत की गई थी। मामला संज्ञान में आने पर कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा ने तहसीलदार अधारताल राजेश सिंह और जिला प्रबंधक ई-गवर्नेंस चित्रांशु त्रिपाठी को फौरन इसकी जांच करने के निर्देश दिए थे। तहसीलदार ने बताया कि लोगों से आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए पांच-पांच हजार रुपए मांगने के दो ऑडियो भी वायरल हुए थे। जिसमें आयुष गुप्ता की आवाज की पुष्टि मुक्ति फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. विवेक जैन ने की है।

तहसीलदार आधारताल ने बताया कि मामले की जांच आज शाम डॉ. विवेक जैन के सतना बिल्डिंग स्थित निवास से संचालित मुक्ति फाउंडेशन के कार्यालय जाकर की गई। जांच में मुक्ति फाउंडेशन के कर्मचारी आयुष गुप्ता द्वारा कार्यालय के लैंडलाइन फोन से लोगों से संपर्क कर आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए पांच-पांच हजार रुपये मांगने की शिकायत को सही पाया गया। तहसीलदार ने बताया कि मुक्ति फाउंडेशन के इस कार्यालय में आशीष हॉस्पिटल के माध्यम से दो जनवरी को आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए शिविर लगाया गया था।

इस शिविर में 115 व्यक्ति आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए उपस्थित हुए थे। इसकी जानकारी एक रजिस्टर में दर्ज की गई है लेकिन उनके कोई फार्म आदि नहीं भरवाये गये। तहसीलदार ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर गरीबों से पैसे मांगने के इस मामले में पंचनामा की कार्यवाही कर रजिस्टर जप्त कर लिया गया है तथा मामले को विस्तृत जांच के लिए लार्डगंज पुलिस को सौंप दिया गया है।

काला धन मामले में दो मंत्रियों की बढ़ी मुश्किल एफ आई आर की तैयारी

 

काला धन मामले में दो मंत्रियों की बढ़ी मुश्किल एफ आई आर की तैयारी


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भोपाल: विगत लोकसभा चुनाव में काला धन मामले के अंतर्गत मध्य प्रदेश सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही । आज नोटिस के जवाब में भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष मध्य प्रदेश सरकार के अवसर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाजिर हुए और इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की ।

जानकारी के अनुसार संपूर्ण जानकारी देते हुए 2 सप्ताह का समय मध्य प्रदेश सरकार ने और मांगा है। जिसमें मध्य प्रदेश सरकार की ओर से  में संबंधित विषय में f.i.r. की तैयारी के मामले आर्थिक अपराध अन्वेक्षण ब्यूरो में जानकारी प्रस्तुत की गई है । जानकारी के अनुसार कांग्रेस की सरकार के दौरान 64 कांग्रेस के विधायकों सहित पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एवं आठ सिंधिया के समर्थक , जिनमें वर्तमान में दो मंत्री शामिल है , आयकर विभाग की रिपोर्ट के अनुसार एफ आई आर की तैयारी अब लगभग पूरी हो चुकी है ।

स्टेटस रिपोर्ट के लिए 2 हफ्ते का समय मांगा ।

संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत होने के बाद मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के साथ-साथ अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा आज दोपहर को 12:00 बजे के लगभग चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत हुए दोनों अफसरों ने इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट पर शोध करने के लिए 2 सप्ताह का समय मांगा है ।राज्य शासन ने केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट आर्थिक अपराध अन्वेक्षण ब्यूरो (EOW) को सौंप कर जांच करने के निर्देश दे दिए हैं। EOW ने प् प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। राज्य शासन की तरफ से आयोग को बताया गया कि EOW जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, उसकी रिपोर्ट से अवगत कराया जाएगा। इसके लिए दोनों अफसरों ने स्टेटस रिपोर्ट के लिए 2 सप्ताह का आयोग से समय लिया है।बता दें कि मप्र में लोकसभा चुनाव-2019 से पहले आयकर छापों के बाद कालेधन के लेन-देन मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग के उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने मप्र सरकार के मुख्य सचिव और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को 5 जनवरी को दिल्ली तलब किया था।

 दिग्विजय सिंह पर लोकसभा चुनाव में 90 लाख रुपए मिलने के आरोप 

सीबीडीटी की रिपोर्ट में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के मंत्री सहित 64 विधायकों के नाम हैं। इनमें से 13 विधायक रिपोर्ट आने से पहले बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। बीजेपी के 13 में से 8 विधायक (इसमें से दो प्रद्युमन सिंह तोमर और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव मंत्री भी हैं) सिंधिया समर्थक हैं। रिपोर्ट में सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम नहीं है, लेकिन दिग्विजय सिंह पर लोकसभा चुनाव में 90 लाख रुपए मिलने के आरोप हैं।आयकर विभाग दिल्ली की इंवेस्टिगेशन विंग ने 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़, सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, मोजेर बियर कंपनी के मालिक भांजे रतुल पुरी और एक अन्य कारोबारी अश्विन शर्मा के 52 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे। 8 अप्रैल को आयकर विभाग ने 14.6 करोड़ रुपए की बेहिसाब नकदी बरामद की थी। इसके साथ बड़े पैमाने पर डायरियां और कंप्यूटर फाइल जब्त की थीं। इनमें सैकड़ों करोड़ रुपए के लेनदेन के हिसाब थे। बाद में आयकर विभाग ने बताया था कि दस्तावेजों में यह प्रमाण मिले हैं कि 20 करोड़ रुपए की राशि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के दिल्ली स्थित मुख्यालय भेजा गया। इन छापों में कुल 281 करोड़ रुपए के लेनदेन के पुख्ता प्रमाण मिले थे। यह पैसा विभिन्न कारोबारियों, राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों से एकत्र किया गया था। यह 20 करोड़ रुपए की नकदी हवाला के माध्यम से तुगलक रोड स्थित एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय को भेजी गई थी।


Wednesday, December 16, 2020

पत्रकार साथियों और आइसना सदस्यों के लिए विशेष सूचना, सावधान... सावधान... सावधान... ?


फजी आइसना 

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भोपाल // विनय जी. डेविड 9893221036 

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फर्जी आइसना का 17 दिसंबर को गरम मसाला एमपी नगर में होने वाला आयोजन से सावधान, हमारे ओरिजिनल संगठन आइसना का कोई वास्ता नहीं...?

भोपाल। ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन ( आइसना ) के नाम पर संगठन में फर्जीवाड़ा, घोटालेबाजी, प्रदेश अध्यक्ष रहते 🤦‍♀️कॉलगर्ल के साथ पकड़े जाने, संगठन के साथ लाखों रुपए की हेरफेर करने, फर्जी बैंक अकाउंट खोलकर संगठन को चीटिंगबाजी करने के दोषी को संगठन से धकियाने के बाद इस के #नटवरलाल के द्वारा संगठन के नाम ( आइसना ) का दुरुपयोग किया जा रहा है

जनता को गुमराह करने और संगठन के नाम से धोखाधड़ी करने के कोशिश लगातार जारी है, इस फर्जीवाड़ा और साजिश में कई लोग शामिल हो गये है। इन संबंधित लोगों के खिलाफ भी शिकायतें हो गई हैं और जल्द ही 420 का मुकदमा दर्ज होने वाला है.

इसे भी पढ़ें :- नटवरलाल और जनसंपर्क – पार्ट 1 : जनसम्पर्क ने किया आइसना के विज्ञापन 2 लाख का भुगतान चिटरबाज अवधेश भार्गव के हवाले

अभी-अभी इस फर्जी संगठन के शामिल लोगों के द्वारा हमारे संगठन के #जनसंपर्क विभाग के ( आइसना ) के खाते में जनसंपर्क अधिकारियों से मिलकर साजिश कर के खाते से ₹200000 ( 2 लाख रुपये ) फर्जी दस्तावेज फर्जी बैंक खातों की एंट्री कराकर निकलवा लिए गए हैं जिसकी जांच पुलिस विभाग, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल द्वारा की जा रही है।
यह वही लोग हैं जो संगठन को चूना लगाने 420सी की है और अब गिरोह बनाकर षड्यंत्र कर रहे हैं संगठन के नाम का दुरुपयोग करते हुए अवैध लाभ लेने की साजिश में लगे हुए हैं।

इसे भी पढ़ें :- फर्जी वेबसाइट प्रकरण में प्रमुख सचिव एवं आयुक्त जनसंपर्क को दिये हाईकोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश, फर्जी वेबसाइट घोटाले का मास्टरमाइंड कथित अवधेश भार्गव जल्द जायेगा जेल

ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन ( #आइसना ) अपने सभी सदस्यगणों को सूचित करता है इस कार्यक्रम से हमारा कोई लेना देना वास्ता नहीं है 19 दिसंबर को भोपाल में होने वाला आयोजन संगठन के विरुद्ध गतिविधियों करने वालों का एक गिरोह है जिससे सावधान रहें इस कार्यक्रम में किसी को भी पहुंचने की आवश्यकता नहीं है। अगर कोई आपको गुमराह करता है तो प्रदेश अध्यक्ष विनय जी डेविड के मोबाइल व्हाट्सएप नंबर 9893221036 पर जानकारी तुरंत उपलब्ध कराएं । अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें।

इसे भी पढ़ें :- पत्रकार एन पी अग्रवाल ने अपने बीमा पर चिटरबाज अवधेश भार्गव का ईलाज करवाया बीमा कंपनी से की लाखों धोखाधड़ी, जनसम्पर्क ने करवाया था बीमा, जाँच शुरू पुलिस ने किया बयान दर्ज

नोट : इन लोगों की कारगुजारी के लिए दिए गए लिंक को लिंक को क्लिक कर अवलोकन जरूर करें ।

इसे भी पढ़ें :- अड़ीबाज फर्जी कथित पत्रकार नरेंद्र गहलोत एवं लोकेन्द्र फतनानी को ज़बरदस्ती वसूली करने के दोषी को 2 साल की जेल और 1000 रुपये जुर्माना

प्रदेश महासचिव
विनोद मिश्रा
ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन ( #आइसना )

Saturday, December 12, 2020

शासकीय अस्पताल में डिलीवरी के लिये रिश्वत मांगने वाली रिश्वतखोर डॉ. प्रिया इंदौरिया निलम्बित, पुरे मध्यप्रदेश के चिकित्सालय का यही हाल



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शासकीय अस्पताल में रोगी से राशि मांगने पर दोषी चिकित्सक निलंबित

भोपाल। संभागायुक्त भोपाल कवीन्द्र कियावत ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैरसिया में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रिया इंदौरिया (मण्डल) को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। उन्होंने जानकारी दी है कि डॉ. प्रिया द्वारा प्रसूता श्रीमती निशा-परसराम गुर्जर से प्रसव के लिये रिश्वत की शिकायत प्राप्त हुई।

भोपाल जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बैरसिया में एक महिला रोगी के उपचार के मामले में चिकित्सक द्वारा राशि की मांग पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए कमिश्नर भोपाल को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके पालन में कमिश्नर श्री कवीन्द्र कियावत ने चिकित्सक डॉ. प्रिया इन्दौरिया का निलंबन आदेश जारी कर दिया है। निलंबन अवधि में डॉ. इंदौरिया का मुख्यालय कार्यालय सिविल सर्जन मुख्य अस्पताल अधीक्षक जयप्रकाश चिकित्सालय भोपाल रहेगा।

एक समाचार पत्र में 10 दिसम्बर को प्रकाशित खबर में बताया गया था बैरसिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव के लिए आयी महिला को परीक्षण के उपरांत सीजेरियन ऑपरेशन का परामर्श दिया गया। इसकी सहमति परिवार द्वारा दी गई। रोगी के ऑपरेशन थियेटर पहुंचने पर चिकित्सक डॉ. इंदौरिया ऑपरेशन के लिए छह हजार रूपए की राशि की मांग की गई। 

रोगी के परिजन ने इस संबंध में शिकायत भी की। इस मामले का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें राशि की मांग करने के प्रमाण थे। रोगी की स्थिति को गंभीर बताते हुए राशि की मांग की गई थी और राशि न देने पर सुलतानिया अस्पताल भोपाल रैफर करने की बात की गई थी। प्रकरण के लिए जाँच दल गठित किया गया। जाँच में चिकित्सक को दोषी पाया गया, जिसके फलस्वरूप उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

शिकायत जाँच दल द्वारा प्रथम दृष्ट्या सही पाई गई। संभागायुक्त श्री कियावत ने डॉ. प्रिया के उक्त कृत्य को पदेन दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही मानते हुए निलम्बित कर दिया है। निलम्बन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने की पात्रता रहेगी।

Tuesday, December 1, 2020

नीलामी में घोटाला : पति रंजीत कर्नाल की शाजिस पर 41 लाख की जमीन 12 लाख में नीलाम करने वाली तहसीलदार दीपाली निलंबित

नीलामी में घोटाला : पति रंजीत कर्नाल की शाजिस पर 41 लाख की जमीन 12 लाख में नीलाम करने वाली तहसीलदार दीपाली निलंबित

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  • तत्कालीन नायब तहसीलदार दीपाली जाधव
  • बिल्डर पति के ड्राइवर के पक्ष में की थी 3.21 हे. जमीन की नीलामी
  • लोकायुक्त जांच में पकड़ी गई धांधली

कलेक्टर गाइड लाइन को धता बताते हुए 41 लाख की जमीन को मात्र 12 लाख में अपने पति रंजीत कर्नाल के ड्राइवर प्रेमकुमार दांगी को नीलाम करना तत्कालीन उज्जैन नायब तहसीलदार दीपाली जाधव (वर्तमान में देवास में तहसीलदार) को महंगा पड़ गया। लोकायुक्त पुलिस की चार्जशीट के बाद शासन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। रजिस्ट्रार ने जब आपत्ति जताई तो दीपाली ने अपने ओहदे का प्रभाव दिखाते हुए रजिस्ट्रार पर दबाव बनाकर रजिस्ट्री करा दी थी।

यह है मामला

दरअसल, उज्जैन तहसील के बमौरा निवासी नाथूलाल ने अपनी 3.21 हे. जमीन को बंधक रखकर बैंक से पांच लाख का लोन लिया था। लोन नहीं चुका पाने पर वर्ष 2014 में नाथूलाल की जमीन नीलाम हो गई। तत्कालीन नायब तहसीलदार दीपाली जाधव ने उक्त भूमि को अपने पति रंजीत कर्नाल के ड्राइवर प्रेमकुमार दांगी के पक्ष में महज 12 लाख 11 हजार रुपए में नीलाम कर दी। जबकि उस समय कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार उस भूमि की कीमत 41 लाख 60 हजार रुपए थी। शिकायत होने पर लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने पूरे मामले की जांच की।

पति के साथ सांठगांठ कर की थी नीलामी

लोकायुक्त पुलिस इंसपेक्टर बंसत श्रीवास्तव ने बताया कि नियमों को ताक पर रखकर नायब तहसीलदार दीपाली ने जमीन की नीलामी की थी। इसमें उसके पति रंजीत कर्नाल ने भी साथ दिया। जांच में पता चला कि नीलामी में प्रेमकुमार दांगी के साथ उज्जैन के अशोक नगर निवासी सहदेव और नीमनवासा के रहने वाले रमेश गुर्जर ने बोली लगाई थी। प्रेमकुमार की बोली 12.11 लाख पर छूटी। प्रेमकुमार ने नीलामी राशि को जमा करने के लिए चेक दिया था लेकिन उसने उसी समय आवेदन देकर चेक वापस ले लिया और उसी दिन तीन बजे तक सरकारी खाते में 12.11 लाख रुपए कैश जमा कर दिया। जांच में पता चला कि प्रेमकुमार के खाते में उस समय इतनी धनराशि नहीं थी तो वह इतना कैश कहां से लाया। लोकायुक्त पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि यह सब मैडम (दीपाली) और साहब (रंजीत) का करा-धरा है। साहब ने ही पैसों की इंतजाम किया था। इंसपेक्टर बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि रंजीत ने अपने इंदौर के पते पर प्रेमकुमार को किराएदार दिखाया था। उसी पते पर प्रेमकुमार का बैंक खाता भी खुलवाया था। प्रेमकुमार के पक्ष में नीलामी करवाने के बाद जमीन की रजिस्ट्री में रंजीत गवाह भी बना। जबकि यह नियमों के विरुद्ध था। नीलामी में पीठासीन अधिकारी का कोई सगा-संबंधी शामिल नहीं हो सकता है।

रजिस्ट्रार ने की थी आपत्ति

जांच अधिकारी बसंत श्रीवास्तव ने बताया कि मात्र 12 लाख में नीलामी करने को लेकर तत्कालीन रजिस्ट्रार ने प्रेमकुमार के पक्ष में जमीन की रजिस्ट्री करने से मना कर दिया था। तब दीपाली जाधव ने रजिस्ट्रार काे पत्र लिखकर रजिस्ट्री करने का दबाव बनाया।

नीलामी में शामिल होने से किया इंकार

जांच अधिकारी ने बताया कि नीलामी में तीन लोग आए ही नहीं थे। प्रेमकुमार के साथ बोली लगाने वाले सहदेव और रमेश गुर्जर ने लोकायुक्त पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि उन्हें न तो नीलामी के बारे में पता था और न ही वे बोली लगाने आए थे। पूरी नीलामी सिर्फ कागजों में की गई।

नोटिस के बावजूद बयान देने नहीं आईं थीं दीपाली

लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक जांच के दौरान बयान देने के लिए तत्कालीन नायब तहसीलदार दीपाली जाधव को नोटिस भेजा गया था, लेकिन वह नहीं आईं। उधर, प्रेमकुमार दांगी भी बयान देने के बाद से फरार है। उसकी फरारी में ही इसी साल 15 जनवरी को कोर्ट में चालान पेश किया गया।

पत्रकारों पर हमला करने वाले अपराधियों को जिला बदर करने की मांग, गृह मंत्री को सौंपा ज्ञापन

 

पत्रकारों पर हमला करने वाले अपराधियों को जिला बदर करने की मांग, गृह मंत्री को सौंपा ज्ञापन

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भोपाल ।  इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट मध्य प्रदेश इकाई के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज प्रदेश के गृहमंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा से उनके निवास पर मुलाकात कर सिंगरौली जिले में विगत दिनों पत्रकार श्री सुनील सोनी व उनके साथी  फणीन्द्र कुमार  पर आदतन अपराधी विवेक वैश्य और उसके सथियों  के द्वारा किए गए जानलेवा हमले के खिलाफ आरोपियों की गिरफ्तारी और उसके खिलाफ जिला बदर की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा ।

चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने कठोर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश अध्यक्ष जी सलमान खान के अलावा भोपाल संम्भाग अध्यक्ष जावेद खान , नवेद अली, सुभान खान, संजय दुबे, दोलत राम साहू, RK श्रीवास्तव, आदि सहित कई पत्रकार मौजूद थे।

Thursday, November 26, 2020

जनसंपर्क विभाग के लोक सूचना अधिकारी श्रवण कुमार सिंह उपसंचालक ( विज्ञापन ) का षड्यंत्र विफल, राज्य सूचना आयोग का आदेश जानकारी एक माह में दे ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन ( आइसना ) के सही मालिक को

जनसंपर्क विभाग के लोक सूचना अधिकारी श्रवण कुमार सिंह उपसंचालक ( विज्ञापन ) का षड्यंत्र विफल, राज्य सूचना आयोग का आदेश जानकारी एक माह में दे ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन ( आइसना ) के सही मालिक को

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नटवरलाल के सहयोगी जनसंपर्क विभाग के लोक सूचना अधिकारी श्रवण कुमार सिंह उपसंचालक ( विज्ञापन ) का षड्यंत्र विफल हुआ, राज्य सूचना आयोग का आदेश जानकारी एक माह में दे, इन अधिकारी पर भी होगा जल्द जुर्माना.

RTI VINOD MISHRA AISNA ANI NEWS INDIA 01
जनसंपर्क विभाग के लोक सूचना अधिकारी श्रवण कुमार सिंह उपसंचालक ( विज्ञापन ) का षड्यंत्र विफल, राज्य सूचना आयोग का आदेश जानकारी एक माह में दे ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन ( आइसना ) के सही मालिक को
राज्य सूचना आयोग के राज्य मुख्य सूचना आयुक्त माननीय ए के शुक्ला जी के आदेश की धज्जियां उड़ाने वाले लोक सूचना अधिकारी श्रवण कुमार सिंह ने 1 माह के आदेश पर 4 माह तक जानकारी नहीं उपलब्ध कराई, आखिर इन अधिकारियों के हौसले कितने बुलंद है यह सोच के परे है।

RTI VINOD MISHRA AISNA ANI NEWS INDIA 02
जनसंपर्क विभाग के लोक सूचना अधिकारी श्रवण कुमार सिंह उपसंचालक ( विज्ञापन ) का षड्यंत्र विफल, राज्य सूचना आयोग का आदेश जानकारी एक माह में दे ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन ( आइसना ) के सही मालिक को

ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जल्द दंडात्मक कार्यवाही करवाई के लिये संगठन तत्पर है कार्रवाई के लिए विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी : ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन (ओरिजिनल आइसना )

Monday, November 23, 2020

यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम ने मांगी जमानत, बोला- 80 साल का वृद्ध हूं, कोर्ट ने याचिका पर किया यह निर्णय

यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम ने मांगी जमानत, बोला- 80 साल का वृद्ध हूं, कोर्ट ने याचिका पर किया यह निर्णय 

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यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम बापू की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए जोधपुर कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है।

जनवरी के तीसरे हफ्ते में आसाराम की अर्जी पर सुनवाई होगी। कोर्ट में सुनवाई के लिए आसाराम ने अपनी उम्र की दलील दी।

जस्टिस संदीप मेहता और रामेश्वरलाल व्यास की पीठ ने आसाराम की याचिका स्वीकार कर ली है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आसाराम ने कहा कि वह 80 साल के वृद्ध हैं और 2013 से जेल में है। आसाराम ने अदालत से कहा कि उसकी अपील पर जल्द सुनवाई की जाए। आसाराम के आवेदन को वरिष्ठ अधिवक्ता जगमाल चौधरी और प्रदीप चौधरी ने प्रस्तुत किया।

Sunday, November 22, 2020

भारती सिंह व पति हर्ष लिम्बाचिया को अदालत ने 4 दिसंबर तक भेजा जेल

भारती सिंह व पति हर्ष लिम्बाचिया को अदालत ने 4 दिसंबर तक भेजा जेल
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मुंबई। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने रविवार को कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया को अदालत में पेश किया। अदालत ने दंपती को चार दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। भारती और हर्ष के घर से एनसीबी ने छापेमारी में गांजा बरामद किया था। ताजा जानकारी के अनुसार अब दोनों एस्प्लेनेड कोर्ट से बाहर निकल चुके हैं।

एनसीबी की टीम ने 15 घंटों की कड़ी पूछताछ के बाद भारती के पति हर्ष लिम्बाचिया को रविवार सुबह गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी ने छापेमारी के बाद भारती को शनिवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। दूसरी तरफ, दंपती ने कोर्ट में जमानत की अर्जी दायर की है। उनकी अर्जी पर कल सोमवार को सुनवाई होगी।

इससे पहले, रविवार को कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया को मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाया गया। जांच एजेंसी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े ने बताया कि उनके खिलाफ ड्रग्स के उपभोग के आरोप लगाए गए हैं। 

भारती सिंह व पति हर्ष लिम्बाचिया को अदालत ने 4 दिसंबर तक भेजा जेल

इस मामले पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा है कि ये लोग नशेड़ी हैं, जिन्हें जेल ना भेजकर रिहैब (पुनर्वसन) भेजना चाहिए। नवाब मलिक ने कहा, 'एनसीबी उन लोगों को गिरफ्तार कर रही है जो ड्रग्स का सेवन करते हैं। वे नशेड़ी हैं जिन्हें पुनर्वसन के लिए भेजा जाना चाहिए, जेल नहीं। एनसीबी का कर्तव्य ड्रग तस्करों को ट्रैक करना है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। क्या एनसीबी फिल्म उद्योग से मादक पदार्थों की गिरफ्तारी करके उनकी रक्षा कर रही है?'

एनसीबी ने भारती सिंह के प्रोडक्शन ऑफिस और घर पर छापा मारा था। इस दौरान जांच एजेंसी को 86.5 ग्राम गांजा बरामद हुआ। इसके बाद एनसीबी ने भारती सिंह को गिरफ्तार कर लिया था और उनके पति हर्ष को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। दंपती ने गांजा सेवन की बात स्वीकार कर ली है। 

एक विज्ञप्ति में जांच एजेंसी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के नेतृत्व में एक टीम ने विशेष जानकारी के आधार पर भारती सिंह के अंधेरी में लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स स्थित आवास की तलाशी ली। उनके घर से 86.5 ग्राम गांजा बरामद किया गया है। बयान में कहा कि भारती और उनके पति हर्ष लिम्बाचिया दोनों ने गांजे का सेवन करना स्वीकार किया। भारती सिंह को मादक पदार्थ संबंधी कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। 

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