Thursday, August 31, 2017

बाबा राम रहीम की मुँहबोली बेटी के साथ हॉट तस्वीरें आ गई है सामने, यकीन नहीं तो देखिए


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दोस्तों आप तो राम रहीम के नाम से पूरी तरह वाकिफ हैं। राम रहीम आश्रम डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख न्यायाधीश के रूप में विराजमान थे। लेकिन अब बाबा राम रहीम अपने कारनामों की वजह से जेल में चले गए हैं। लेकिन राम रहीम की कुछ ऐसी सच्चाइयां सामने आ रही हैं जिन सच्चाइयों को जानने के बाद आज इनके आश्रम में गए हुए लोग अपनी किस्मत को कोसते हुए नजर आ रहे हैं।

आप शायद नहीं जानते होंगे कि राम रहीम एक ऐसे बाबा निकले हैं जिन्होंने बाप और बेटी के रिश्ते को बेदाग कर दिया है। इस पूरी दुनिया में बाप बेटी का रिश्ता तो ऐसा है जैसा कि भगवान और अपने सेवक का होता है। लेकिन राम रहीम के इन कारनामों ने बाप बेटी के रिश्ते को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। आपको बता दें, बाबा राम रहीम के पास जो इनकी मुँहबोली बेटी नजर आ रही है दरअसल वो इनकी मुँहबोली बेटी नहीं बल्कि एक बहुत ही चालाक लड़की है जो अपने पति को धोखा देकर अब राम रहीम के साथ नजर आ रही थी।

आपको बता दें इस चालाक लड़की का नाम हनीप्रीत है। हनीप्रीत के पति का नाम विश्वास गुप्ता है। विश्वास गुप्ता ने अभी हाल ही में मीडिया को एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मैं और मेरा पूरा परिवार डेरा सच्चा सौदा आश्रम में माथा टेकने के लिए जाते थे। लेकिन एक बार मैं अपने पत्नी हनीप्रीत को लेकर आश्रम में पहुंचा तब वहां पर खड़े एक सेवक ने मुझसे कहा महाराज बाबा राम रहीम आपकी पत्नी को विशेष आशीर्वाद प्रदान करने वाले हैं।



तब बाबा राम रहीम मेरी पत्नी को लेकर एक कक्ष में चले गए। जब थोड़ी देर हो गई तब मैंने उनके कक्ष के पास देखा तो उनका दरवाजा खुला था। जब मैं अंदर गया तो मुझे राम रहीम और अपनी पत्नी को इस हालत में देख कर शर्म गई। तब बाबा राम रहीम ने जब मुझे अपने समक्ष पाया तब उन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी दे डाली। राम रहीम ने कहा कि अगर तुम इस कक्ष की बात को बाहर किसी को बताओगे तो तुम्हारे और तुम्हारे परिवार दोनों के लिए बिलकुल अच्छा नहीं होगा। इसीलिए मैंने इस बात को किसी को भी जाहिर नहीं होने दिया।

लेकिन मैंने अपनी पति हनीप्रीत को तलाक दे डाला। तब से हनीप्रीत बाबा राम रहीम के चरणों में ही पड़ी हुई है। लेकिन हनीप्रीत रिश्ता बाबा राम रहीम की मुँहबोली बेटी के तौर पर बना चुकी है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है क्योंकि जब से बाबा राम रहीम जेल में गए हैं तब से उनकी कई बातें सामने आ रही हैं। तो आइए एक नजर डालते हैं बाबा राम रहीम की मुँहबोली बेटी हनीप्रीत की कुछ ऐसी तस्वीरों पर जिन्हें देखकर आप बिल्कुल समझ जाएंगे कि बाबा राम रहीम और उनकी बेटी हनीप्रीत का क्या रिश्ता है।

मुख्य सचिव की बड़ी कार्रवाई, 3 एसडीएम, 2 तहसीलदार को किया निलंबित

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 इंदौर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारीयों को जल्द से जल्द राजस्व के लंबित प्रकरण निपटाने की सख्त हिदायत दी गई है| हाल ही में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में भी सीएम ने कड़ा रुख अख्तियार किया है| इसका असर दिखने लगा है|

मुख्य सचिव बीपी सिंह ने आज इंदौर की राजस्व समीक्षा के दौरान एसडीएम श्रृंगार श्रीवास्तव, अजीत श्रीवास्तव, संदीप सोनी तथा तहसीलदार राजेश सोनी व दर्शिनी सिंह को बैठक में तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। दो अन्य को नोटिस जारी किए। सभी को कल की गयी औचक जाँच के बाद गड़बड़ी पर निलंबित किया गया है। इसके आदेश संभागायुक्त संजय दुबे ने जारी किये है|

सालो से लंबित प्रकरणों को बेवजह निरस्त करने के परिणामस्वरूप यह कार्रवाई की गई है|  बीपी सिंह ने 2 माह में सभी को कार्यशैली में सुधार लाने की चेतावनी देते हुए ये भी साफ किया है कि अगर सुधार नही आया तो बड़े स्तर पर सर्जरी की जाएगी।    

मुख्या सचिव लगातार संभागों में जाकर राजस्व विभाग की समीक्षा कर रहे हैं |  लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर गाज गिरी है| वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों को जिलों में परफॉर्मेंस सुधारने के लिए एक महीने का वक्त दिया है। मुख्यमंत्री ने जिला अधिकारियों को राजस्व, अवैध उत्खनन, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, कानून-व्यवस्था, गरीब कल्याण वर्ष के कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े लक्ष्य गिनाए। साथ ही कहा कि एक महीने बाद सभी जिलों के कामकाज का आंकलन किया जाएगा। जिन जिलों का परफॉर्मेंस खराब होगा, वहां के अफसरों पर गाज गिरेगी।

उत्तर पश्चिम रेलवे की महिला अधिकारी अंशुल सारस्वत ने मुख्य कार्यालय अधीक्षक राजेंद्रसिंह को पीटा और रेल संगठन विभागीय कार्यवाही के बहाने मामले को दबा रहे हैं?

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*लेखक: डॉ. पुरुषोत्त्म मीणा 'निरंकुश'*

उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय जयपुर में कार्यरत प्रथम श्रेणी महिला अधिकारी अंशुल सारस्वत ने 30 अगस्त, 2017 को तृतीय श्रेणी रेलकर्मी मुख्य कार्यालय अधीक्षक राजेंद्रसिंह को सार्वजनिक रूप से अपशब्द कहते हुए 2-3 थप्पड़ जड़ दिये। इस आपराधिक कृत्य की तत्काल पुलिस में रिपोर्ट करके महिला अधिकारी को गिरफ्तार करवाने के बजाय रेलवे कर्मचारी संगठन विभाग प्रमुख से महिला अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।

*अकसर रेलवे सहित सभी सरकारी विभागों में आपराधिक घटनाओं को इसी प्रकार से दबाया जाता है। जिन आपराधिक मामलों में आरोपियों को पुलिस की गिरफ्त और अन्तत: जेल में होना चाहिये, ऐसे मामलों को विभागीय स्तर पर भी रफादफा कर दिया जाता है। जिनमें उच्च अफसरशाही से साठगांठ रखने वाले रेलवे कर्मचारी संगठनों की प्रमुख भूमिका होती है। रेलकर्मरी संगठन कर्मचारियों के हितों की रक्षा के बजाय उच्चाधिकारियों के संरक्षण के लिये काम करते देखे जा सकते हैं।*

*प्रस्तुत आपराधिक मामले में पीड़ित मुख्य कार्यालय अधीक्षक राजेंद्रसिंह के सरकारी दायित्वों के ईमानदारी से निर्वाह करने में व्यवधान पैदा करने, पीड़ित की मानहानि करने और उसकी मारपीट करने सहित, अपनी पदस्थिति का दुरूपयोग करने के गम्भीर अपराध में महिला रेल आधिकारी के विरूद्ध तत्काल पुलिस में मामला पेश करके एफआईआर दर्ज करनी चाहिये।

इसके बाद विभागीय अनुशासनहीनता की कार्यवाही तो रेल विभाग प्रमुख को करनी ही होगी और दोनों स्तर पर मामले चलेंगे। दोषी पाये जाने पर दोनों स्तर पर सजा भी भुगतनी होगी। लेकिन इस देश का दुर्भाग्य है कि अपने आप को पढे-लिखे कहने वाले, सरकारी बड़े बाबू उच्च पदस्थ रेल अफसरों से भयभीत, बल्कि आतंकित रहते हैं और रेलकर्मचारी संगठन विभागीय कार्यवाही के नाम पर उनको गुमराह करते रहते हैं।

इस कारण मामले विभागीय स्तर पर ही दब जाते हैं। जिससे ऐसे उद्दंड और आपराधिक प्रवृत्ति के अफसरों के होंसले बुलन्द होते जाते हैं। जबकि इस मामले की पुलिस में रिपोर्ट करना पीड़ित का पहला अधिकार और दायित्व है। वहीं विभाग प्रमुख का भी पदीय दायित्व है, कि वह तुरंत पुलिस को रिपोर्ट पेश करें।*

डॉ. पुरुषोत्त्म मीणा 'निरंकुश', राष्ट्रीय प्रमुख-हक रक्षक दल (HRD) सामाजिक संगठन, 9875066111, 

कोर्ट के ऑर्डर पर तैयार हुई राम रहीम के प्रॉपर्टी की लिस्ट, इसे बेचकर सरकार वसूलेगी 204 करोड़



TOC NEWS // 31 Aug. 201

Chandigarh: रेप केस में 20 साल की सजा काट रहे राम रहीम की प्रॉपर्टी की लिस्ट तैयार हो गई है. देश भर में राम रहीम के फैले हुए साम्राज्य की जमीन की कीमत निकाली गई है. इसके तहत 18 जिलों में उनके डेरे के नाम पर 1093 एकड़ जमीन है, जिसकी कीमत 1151 करोड़ रुपये आंकी गई है. इससे सरकार 204 करोड़ रुपये वसूलने की तैयारी कर रही है.

जानकारी के मुताबिक, राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद हुई हिंसा में करीब 204 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जो सरकार उनकी संपत्ति से वसूलेगी. यह खर्च अभी बढ़ सकता है, क्योंकि सरकार ने लोगों के हुए नुकसान की डिटेल भी मांगी है. इसके लिए FIR दर्ज करवाकर डिटेल दी जानी है. इसके साथ ही सरकारी संस्थाओं का नुकसान भी हैं.

इस 204 करोड़ रुपये में रोडवेज का 14 करोड़, उत्तरी रेलवे के 50 करोड़, सेना और अर्द्धसैनिक बालों के 45 करोड़ और पंचकूला समेत प्रदेश भर में हिंसा और आगजनी का 95 करोड़ का नुकसान दिखाया गया है. हिंसा के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद ही सरकार नुकसान का आंकलन करके इसे राम रहीम की संपत्ति से वसूलेगी.

डेरा का साम्राज्य, संपत्ति का ब्यौरा : सिरसा में स्थित छोटा डेरा वर्ष 1948 में शाह मस्ताना जी द्वारा स्थापित किया गया था. उस दौर में छोटे डेरा में 2 कमरे हुआ करते थे. इसमें से एक में स्वयं शाह मस्ताना जी रहते थे. इन कमरों को नीचे अंडरग्राउंड जीवन के अनुकूल बनाया गया था. उस समय एसी की व्यवस्था नहीं थी, इसलिए इन कमरों में गर्मियों में ठंडक और सर्दियों में गर्मी रहती थी.

ऐसे सामने आई बाबाजी की गुफा : शाह मस्ताना जी के सेवादार उस दौर में उस कमरे को गुफा बुलाते थे. इसके पीछे उनका तर्क था कि बाबाजी गुफा में एकांत में साधना में लीन रहते हैं. इसी गुफा शब्द की परंपरा गुरमीत राम रहीम के दौर तक भी प्रचलित है. बताया जाता है कि शाह मस्ताना जी के वक्त में डेरा के पास कुल 5 एकड़ जमीन थी. जो अब बढ़कर 1093 एकड़ हो चुकी है.

1990 में राम रहीम को मिली गद्दी: साल 1960 में सिरसा के ही गांव जलालआना के रहने वाले सरदार हरबंस सिंह को शाह मस्ताना जी ने नया नाम शाह सतनाम दे कर गद्दी पर बिठाया. इस गद्दी को संभालने वाले संत शाह सतनाम जी ने डेरा की परंपराओं को आगे बढ़ाया और अपने कार्यकाल में वे भी इसी छोटे डेरे में आवास करते थे. 23 सितंबर 1990 में शाह सतनाम जी ने गुरमीत राम रहीम को गद्दी सौंप दी.

बढ़ता गया डेरे का नया आकार : उसके बाद डेरा का आकार और संपत्ति बढ़ती चली गई. आज डेरा के पास सिरसा में 1093 एकड़ जमीन है. इसमें 768 एकड़ जमीन में एलोवीरा, नरमा और हर्बल प्लांट्स की खेती की जाती है. यहां आलिशान और भव्य इमारते बनी हैं. मौजूदा वक्त में डेरा सच्चा सौदा के पास आधुनिक शैली में बने रेस्टोरेंट, अस्पताल, स्टेडियम, स्कूल-कॉलेज आदि हैं.

डेरे के पास मुख्य संपत्तियां
1. डेरा सच्चा सौदा का पुराना भवन और एसी मार्केट
2. डेरा का नया भवन और उनमें ब्वॉयज स्कूल, गर्ल्स स्कूल और कॉलेज
3. क्रिकेट स्टेडियम
4. फाइव स्टार होटल
5. डेरा बाबा की गुफा (तेरावास)
6. एमएसजी इंटरनेशनल स्कूल
7. शाह सतनाम सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल
8. विभिन्न फैक्ट्रियां
9. एसएमजी प्रोडक्ट्स
10. फिल्म सिटी सेंटर
11. माही सिनेमा
12. कशिश रेस्टोरेंट
13. ऑर्गेनिक खेती के बाग-बगीचे
14. डेरे की शिक्षण संस्थाओं की वैन और अन्य गाड़ियां
15. शाही बेटियां आश्रम
16. खेल गांव (निर्माणाधीन)

OBC आरक्षण को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, अब इन लोगों को नहीं मिलेगा आरक्षण



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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 24 साल से चली आ रही ओबीसी कोटे में आरक्षण को खत्म कर दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार की शाम आयोजित बैठक में क्रीमीलेयर के दायरे को बढ़ाने का फैसला किया है।

केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब पब्लिक सेक्टर कंपनियों, बैंकों और बीमा कंपनियों में काम कर रहे पिछड़े वर्ग के अधिकारियों के बच्चों को सरकारी नौकरियों और एडमिशन में आरक्षण का फायदा नहीं मिल सकेगा।

आपको बता दें कि इसके साथ ही इस फैसले से अब क्रीमी लेयर में आने वाले लोगों में पीएसयू, बैंक और बीमा कंपनियों के अधिकारी भी शामिल हो गए हैं।

बता दें कि मौजूदा समय तक क्रीमी लेयर का नियम सिर्फ केंद्र सरकार की नौकरियों में लागू होता था। देश में करीब 300 सरकारी कंपनियां हैं। इस फैसले के लागू होने के बाद लाखों परिवारों पर इसका असर पड़ेगा।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने उन पदों की पहचान कर ली है उनकी आमदनी चाहे कुछ भी हो, क्रीमी लेयर का हिस्सा माना जाएगा और उनके बच्चों को आरक्षण नहीं मिलेगी।

बाबा रामदेव को HC से तगड़ा झटका, पतंजलि का काम रोका गया


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इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को बड़ा झटका दिया है। बाबा रामदेव के स्वामित्व वाली पतंजलि आयुर्वेद कंपनी को लेकर कोर्ट द्वारा एक बड़ा आदेश दिया गया है। हाईकोर्ट ने गौतमबुद्ध नगर में पतंजलि कंपनी को दी गई जमीन पर किसी भी तरह के बदलाव पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने खत्म हो चुके कानून के तहत जमीन लेने पर मेरठ के मंडल आयुक्त से जवाब मांगा है और कहा है कि यहां किसी भी प्रकार का काम नहीं होना चाहिए।

बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में पतंजलि आयुर्वेद कंपनी का निर्माण 4500 एकड़ में हो रहा है। लेकिन अब कोर्ट ने बाबा के लिए मुश्किल बढ़ा दी है। क्योंकि अब यहां निर्माण कार्य नहीं किया जा सकेगा। जिससे बाबा रामदेव का ड्रीम प्रोजेक्ट अधर में लटका रहेगा।

पेड़ काटने पर भी मुसीबत
जैसा की कोर्ट को बताया गया है कि यहां कंपनी निर्माण के लिए हरे पेड़ों की कटाई की गई है। जिस पर कोर्ट ने तल्ख रूप अख्तियार कर लिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस बाबत हलफनामा दाखिल करने को कहा है और पूछा है कि आखिर किस कानून के तहत हरे पेड़ों को जेसीबी से गिरा दिया गया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि डीएम मौके पर जांच करें और कोर्ट को बताएं कि कितने हरे पेड़ काटे गए और कितने बचे हुए हैं।

जाहिर सी बात है कि अब डीएम पेड़ काटने के दौरान तैनात प्रशासनिक अफसर और पुलिस कर्मियों की भी जानकारी कोर्ट देंगे, जिन पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि लगभग 14 याचिकाएं इस मामले में डाली गई हैं। जिस पर हाईकोर्ट के जस्टिस तरुण अग्रवाल और जस्टिस अशोक कुमार की डबल बेंच सुनवाई कर रही है।

Baba Ramdev gets tough blow from HC, Patanjali's work stopped

Thursday, August 24, 2017

सनी लियोन के खिलाफ जारी हुआ राष्ट्रीय बाल आयोग नोटिस

सनी लियोन के खिलाफ जारी हुआ राष्ट्रीय बाल आयोग नोटिस
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सनी लियोनी और उनके पति डेनियल वेबर ने पिछले ही महीने 21 महीने की एक बेटी को गोद लिया था। उन्होंने अपनी इस बच्ची का नाम निशा कौर वेबर रखा है। लेकिन अब सनी के उपर इस को लेकर एक मुसीबत आ गई है। बता दें की सनी लियोनी के खिलाफ राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने नोटिस जारी किया है। आयोग का कहना है कि सनी ने बच्ची की निजता का उल्लंघन किया है।
दरअसल, प्री अडाप्शन के तहत अभिनेत्री सनी लियोनी का बच्ची से मैच मेकिंग कराया गया था। इसका फोटो उन्होंने सार्वजनिक कर दिया। जबकि मामला कोर्ट में रहने पर ऐसा नहीं कर सकते हैं, वहीं कारा ने सनी लियोनी को महिमा मंडित करते हुए उसके साथ बच्ची का फोटो ट्विटर पर अपलोड करते हुए बच्ची के संबंध में अपमानजनक टिप्पणी की।
इस मामले की शिकायत बाल आयोग सदस्य विभांशु जोशी ने राष्ट्रीय बाल आयोग से की थी। राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष यशवंत जैन ने दोनों को नोटिस जारी किया है, 30 दिन में जवाब मांगा है।

इस छिछोरी हरकत पर स्वामी ओम पर लगा 10 लाख का जुर्माना

इस छिछोरी हरकत पर स्वामी ओम पर लगा 10 लाख का जुर्माना
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नई दिल्ली : स्वामी ओम ने दीपक मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किए जाने का विरोध किया था। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने बाबा स्वामी ओम पर 10 लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया है।

जानें क्या था मामला 

आपको बताये कि जब जस्टिस दीपक मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त करने का फैसला हुआ तो स्वामी ओम ने इसका विरोध किया।
स्वामी ओम ने बाकायदा नियुक्ति को कोर्ट में चैलेंज किया और इसके खिलाफ याचिका दायर की। इसके साथ ही कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए और इसे ओछी हरकत मानते हुए स्वामी ओम पर 10 लाख का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया।
न सिर्फ अपने बयानों को लेकर ही विवादित नहीं रहते हैं, बल्कि उन पर चोरी जैसे गंभीर आरोप भी लगे हैं। जिसके कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। आपको बताते चले कि जमानत पर बाहर आने के बाद अगस्त महीने के पहले हफ्ते में एक बार फिर स्वामी को गिरफ्तार किया गया।
इसके साथ ही साथ कई बार स्वामी ओम के साथ मारपीट की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। वहीं उन्होंने महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी की थी जिसके बाद स्वामी ने सरेआम महिलाओं से भी पिटाई खाई है।

भाजपा के इस नेता ने मार डाली 200 गायें, पीएम मोदी ने नहीं कांग्रेस ने लिया बदला

भाजपा के इस नेता ने मार डाली 200 गायें के लिए चित्र परिणामTOC NEWS

दुर्ग. गौ सेवा के नाम पर गायों की कब्र खोदने वाले भाजपा नेता हरीश वर्मा को पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेश किया. जज तनुश्री बघेल ने आरोपी को 1 सितंबर तक के लिए जेल भेज दिया.

इधर गायों का हत्यारा बताते हुए युवा कांग्रेसियों ने कोर्ट से निकलते ही भाजपा नेता हरीश वर्मा के मुंह में कालिख पोत दी. पुलिस की लाख सुरक्षा के बाद भी युवा कांग्रेसी आरोपी के मुंह में कालिख पोतने में कामायाब रहे. गौ सेवा के नाम पर भाजपा नेता व जामुल नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष हरीश वर्मा गोशाला संचालन का रैकेट चला रहा है.

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गौ शाला में गायों को रखने के लिए लोगों से भी पैसे लेकर कमाई कर रहा था. इसका खुलासा नगर पंचायत परपोड़ी के लोगों ने की है. लोगों की मानें तो आरोपी हरीश वर्मा अलग-अलग नाम से तीन गौ शाला का संचालन करता है.
गायों के चारा पानी की व्यवस्था के लिए 200-300 रूपए की की मांग करता था. जो लोग गायों को लेकर आए, उन्होंने पैसे भी दिए. इसके बावजूद उन्होंने चारा व पानी की व्यवस्था नहीं की. भूख-प्यास से गायों की मौत हो गई.
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ग्राम पंचायत राजपुर के सरपंच पति सेवा राम साहू, उप सरपंच शत्रुघन साहू, गाड़ाडीह निवासी गौतम वर्मा, परपोड़ी निवासी राजेश देवांगन का सयुंक्त रूप से कहना है कि बारिश शुरू होने के बाद सड़कों पर बैठने वाले आवारा मवेशियों को परपोड़ी, भटगांव और गातापार के कांजी हौस में रखा गया था.
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कांजी हौस में मवेशियों की देखरेख की प्रॉपर व्यवस्था नहीं होने पर शगुन गौशाला, गोड़मर्रा के फूलचंद गौशाला और रानो के ले जाया गया, लेकिन फूलचंद गौशाला के संचालक व भाजपा नेता हरीश वर्मा के कर्मचारियों ने गायों को रखने से मना कर दिया. जब उनकी डिमांड पूरी की गई. तब लगभग 150 गायों को रखने की अनुमति दी, लेकिन गौशाला संचालक की बदइंतजामी और भूख-प्यास की वजह से कई गायों की मौत हो गई.
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मौत के आंकड़े को छिपाने के लिए ट्राली में भरा रखे थे गायों के शव

भूख-प्यास से गायों की मौत का खुलासा होने के बाद संचालक मौत के आंकड़ों को दबाने में लगा रहा है. शवों को डी कम्पोज करने के लिए केमिकल का इस्तेमाल किया. 4-5 गायों के शव को एक गड्ढे में दफनाया गया. जब इतने से मन नहीं भरा तो बाहर फेंकने के लिए टै्रक्टर ट्राली में गायों की शवों को भरकर रखा गया. लेकिन अचानक सुबह गौ सेवा आयोग की टीम पहुंच जाने से उनकी करतूत सामने आ गई.

रासुका लगाने की मांग कर रहे मांग

इधर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी धमधा और परपोड़ी के कार्यकर्ता आरोपी हरीश वर्मा के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. साथ ही अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी अपराध पंजीबद्ध करने की मांग को लेकर परपोड़ी में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
भाजपा के इस नेता ने मार डाली 200 गायें के लिए चित्र परिणाम

रातभर थाने से गायब रहा आरोपी

देर रात मीडिया कर्मियों ने आरोपी हरीश वर्मा का पक्ष जानने और विजुअल शॉट बनाने के लिए धमधा थाना पहुंचे, तो आरोपी वहां नहीं मिला. मीडिया कर्मियों ने पुलिस के जवानों से मुलाकात कराने की मांग की. लेकिन पुलिस के कर्मचारी टाल मटोल करते रहे.
शनिवार की सुबह से चिकित्सकों की टीम ने गायों को दुर्ग बालोद और बेमेतरा जिले के गौ शालाओं में ले जाने का काम शुरू किया. दोपहर तक तीन ट्रक में 100 गायों को बेमेतरा जिले के थान खम्हरिया और अंादू गौशाला ले जाया गया. तीन गाड़ी खड़ी है. इलाज के बाद गायों को ट्रक में चढ़ाने का काम चल रहा है.

जाने क्या है साध्वी यौन शोषण मामला, राम रहीम पर हैं और भी बड़े अारोप

राम रहीम पर हैं और भी बड़े अारोप के लिए चित्र परिणाम
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चंडीगढ़ः डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम पर एक साध्वी के साथ बलात्कार का अारोप लगा है। ये अारोप 2002 को एक गुमनाम लैटर के जरिए लगाया गया। तब उच्च न्यायालय ने लेटर का संज्ञान लेते हुए सितम्बर 2002 को मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।

सीबीआई ने जांच में आरोप सही पाए और डेरा प्रमुख के खिलाफ विशेष अदालत के सामने 31 जुलाई, 2007 में आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले में डेरा मुखी को जमानत तो मिल गई, लेकिन यह मामला लंबे समय से पंचकुला की सीबीअाई अदालत में चल रहा है।
यहीं नहीं बाबा राम रहीम पर और भी बहुत से संगीन अारोप हैं। माना जाता है कि गुरमीत सिंह राम रहीम का गुरजंत सिंह जोकि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का सदस्य है, उससे करीब का संबंध है।
राम रहीम पर एक पत्रकार और एक अन्य की हत्या का भी अारोप है। आरोप है कि छत्रपति ने साध्वी बलात्कार मामले को अपने अखबार में छापा तो नवंबर 2002 में उसकी गोली मार कर हत्या कर दी गई।
राम रहीम पर ये भी आरोप है कि उन्होंने डेरे के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की भी हत्या करवाई, क्योंकि वो डेरे के कई राज जान चुका था। रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2003 को हत्या कर दी गई थी और तब इन दोनों हत्याओं में डेरा सच्चा सौदा का नाम सामने आया था। 
साध्वी यौन शोषण मामले पर फैसला 25 अगस्त को अाएगा। डेरे के समर्थक एेसे किसी अारोप को नहीं मानते और अपने गुरू की पेशी पर भड़के हुए हैं। समर्थकों का कहना है कि फैसला चाहे जो भी हो वह राम रहीम को अांच तक नहीं अाने देंगे। इसलिए ही सुरक्षा को देखते हुए हरियाणा और पंजाब के चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है। दोनों प्रदेशों में हाई अर्ल्ड भी जारी कर दिया गया है।

जाने क्या है साध्वी यौन शोषण मामला, राम रहीम पर हैं और भी बड़े अारोप


जाने क्या है साध्वी यौन शोषण मामला, राम रहीम पर हैं और भी बड़े अारोप


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चंडीगढ़ः डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम पर एक साध्वी के साथ बलात्कार का अारोप लगा है। ये अारोप 2002 को एक गुमनाम लैटर के जरिए लगाया गया। तब उच्च न्यायालय ने लेटर का संज्ञान लेते हुए सितम्बर 2002 को मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।

सीबीआई ने जांच में आरोप सही पाए और डेरा प्रमुख के खिलाफ विशेष अदालत के सामने 31 जुलाई, 2007 में आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले में डेरा मुखी को जमानत तो मिल गई, लेकिन यह मामला लंबे समय से पंचकुला की सीबीअाई अदालत में चल रहा है।
यहीं नहीं बाबा राम रहीम पर और भी बहुत से संगीन अारोप हैं। माना जाता है कि गुरमीत सिंह राम रहीम का गुरजंत सिंह जोकि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का सदस्य है, उससे करीब का संबंध है। राम रहीम पर एक पत्रकार और एक अन्य की हत्या का भी अारोप है। आरोप है कि छत्रपति ने साध्वी बलात्कार मामले को अपने अखबार में छापा तो नवंबर 2002 में उसकी गोली मार कर हत्या कर दी गई।
राम रहीम पर ये भी आरोप है कि उन्होंने डेरे के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की भी हत्या करवाई, क्योंकि वो डेरे के कई राज जान चुका था। रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2003 को हत्या कर दी गई थी और तब इन दोनों हत्याओं में डेरा सच्चा सौदा का नाम सामने आया था। साध्वी यौन शोषण मामले पर फैसला 25 अगस्त को अाएगा।
डेरे के समर्थक एेसे किसी अारोप को नहीं मानते और अपने गुरू की पेशी पर भड़के हुए हैं। समर्थकों का कहना है कि फैसला चाहे जो भी हो वह राम रहीम को अांच तक नहीं अाने देंगे। इसलिए ही सुरक्षा को देखते हुए हरियाणा और पंजाब के चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है। दोनों प्रदेशों में हाई अर्ल्ड भी जारी कर दिया गया है।

DB मॉल से कूदकर महिला ने दी जान, कमजोर दिल वाले न देखें वीडियो CCTV footage

मॉल से कूदकर महिला ने दी जान, कमजोर दिल वाले न देखें वीडियोTOC NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां के डीबी मॉल में एक महिला ने मॉल की तीसरी मंजिल से नीचे छलांग लगा दी।

महिला को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह मॉल की तीसरी मंजिल से छलांग लगाती हुई दिखाई दे रही हैं।
महिला का नाम रेणुका मित्तल है। वह भोपाल के पुराने इलाके की निवासी है। पुलिस ने बताया कि वह अपनी छह साल की बेटी के साथ मॉल में खरीददारी करने आई थीं। इस दौरान उन्होंने अपनी बेटी को गेम जोन में खेलने के लिए छोड़ दिया और खुद मॉल की रेलिंग के पास आकर किसी से फोन पर बात करने लगीं। इसके बाद अचानक उन्होंने वहां से छलांग लगा दी।
वहां मौजूद मॉल के कर्मचारी उसे एक सरकारी अस्पताल में ले गए। वहां से उसे हमीदिया अस्पताल भेज दिया गया। इस बीच परिजनों को सूचना मिली और वे महिला को निजी अस्पताल में ले गए। महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई।
पुलिस इसे ख़ुदकुशी मान रही है जबकि घरवालों ने इससे इंकार किया है। घरवालों का कहना है कि परिवार में सब कुछ ठीक था। रेणुका को भी किसी से कोई दिक्कत नहीं थी। वह आत्महत्या नहीं कर सकती। हालांकि जो सीसीटीवी फुटेज सामने आई है उसमें महिला मॉल की रेलिंग से कूदते हुए दिख
रही है।

Girl jumped from 3rd floor of DB Mall Bhopal on 21 August 2017. CCTV footage. 

पूरा वीडियो यहां देखें––––


Wednesday, August 23, 2017

रणवीर की गोद में दिखीं दीपिका, INTIMATE वीडियो देखें हो रहा है VIRAL, फैन्स बेचैन

रणवीर की गोद में दिखीं दीपिका, INTIMATE वीडियो हो रहा है VIRAL के लिए चित्र परिणाम
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दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह ने लग रहा है अपने ब्रे‍कअप की खबरों को काफी सीरियस ले लिया है. कुछ दिन पहले इस स्टार कपल के ब्रेकअप की खबरों ने फैन्स को बेचैन कर दिया था.

लेकिन हाल फिलहाल की बात करें तो रणवीर दीपिका के एक वीडियो ने सबको चौंका दिया है. बॉलीवुड के इस लव कपल का इंटीमेट वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.  
दीपिका-रणवीर के इंटीमेट मोमेंट का ये वीडियो दरअसल एक दोस्त की बर्थडे पार्टी का है जिसमें दीपिका के एक्स बॉयफ्रेंड युवराज सिंह भी नजर आए थे. इंस्टाग्राम पर इस जोड़ी के फैन्स क्लब की और से शेयर किए गए वीडियो में दीपिका रणवीर की गोद में बैठी नजर आ रही हैं और रणवीर उनके साथ कॉजी होते हुए दिख रहे हैं. 
दीपिका भी रणवीर की कंपनी को खूब एंजॉय करती दिख रही हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे दीपिका पहले रणवीर के कान मे कुछ फुसफुसाती हैं और फिर रणवीर उन्हें बाहों में भर लेते हैं.  इस स्टार जोड़ी के इस इंटीमेट वीडियो को देखने के बाद शायद ही किसी को उनके रिलेशनशि‍प स्टेट्स के बारे में कोई कंफ्यूजन रह जाएगी.
 INTIMATE वीडियो देखें 

दीपिका रणवीर की आए दिन जारी हो रही तस्वीरों और इस तर‍ह के वीडियो से ये साफ है कि इस कपल का रिश्ता और भी गहरा होता जा रहा है. इसलिए ब्रेकअप की खबरों को झुठलाते हुए दीपिका रणवीर की जोड़ी अब डेटिंग वर्ल्ड के बॉलीवुड स्टार्स में टॉप पर है.

AAP को राहत, HC ने पार्टी दफ्तर का आवंटन रद्द करने का LG का आदेश खारिज किया

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आम आदमी पार्टी को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिली है. पार्टी कार्यालय राउस एवेन्यू पर हाईकोर्ट ने उपराज्यपाल के आदेश को रद्द कर दिया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि उपराज्यपाल को आवंटन रद्द करने के लिए सही वजह देनी चाहिए थी. आपको बता दें कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 12 अप्रैल को जारी एक आदेश में इस आवंटन को रद्द किया था.

आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत देते हुए हाईकोर्ट ने पार्टी के दफ्तर के बारे में लिए गए एलजी अनिल बैजल के एक आदेश को रद्द कर दिया है।
हाईकोर्ट ने आज उपराज्यपाल बैजल के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी को उसका दफ्तर खाली करने को कहा था। कोर्ट ने एलजी को उनके फैसले पर पुनर्व‌िचार करने को कहा है।

कोर्ट के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने एक ट्वीट किया जिसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रीट्वीट करते हुए लिखा- द‌िल्ली हाइकोर्ट ने AAP के दफ्तर का आवंटन रद्द करने के एलजी के फैसले को पलट दिया है. उपराज्यपाल का फैसला अवैध हो गया है.
दरअसल, एलजी अनिल बैजल ने 24 अप्रैल 2017 को आदेश जारी कर इस ऑफिस का आवंटन रद्द कर दिया था। शुंगलू समिति की रिपोर्ट में इस दफ़्तर आवंटन पर सवाल उठाए गए थे और कहा गया था कि क्योंकि ज़मीन दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र नहीं, इसलिए वह किसी राजनीतिक दल को दफ़्तर/ज़मीन देने के लिए नीति नहीं बना सकती।

मालेगांव ब्लास्ट केस: कर्नल पुरोहित 9 साल जेल से हुए आजाद, सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत

मालेगांव विस्फोट मामले के लिए चित्र परिणाम
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सेना से निलंबित अधिकारी और मालेगांव विस्फोट मामले में मुख्य अभियुक्त पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित 9 साल बाद जेल से बाहर आए हैं। उन्हें रिसीव करने के लिए सेना की गाड़ी आई थी। उन्हें सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिली थी। बता दें किसाल 2008 में हुए इस विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई थी। पुरोहित पर बम सप्लाई का आरोप है। वह मुंबई की तलोजा जेल में बंद थे।

साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित आज नौ वर्षों बाद जेल से बाहर आए। मुंबई की तलोजा जेल में बंद कर्नल पुरोहित को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत मिली थी। वह 2008 से ही जेल में बंद थे। कर्नल पुरोहित इंडियन आर्मी के पहले ऐसे सर्विंग ऑफिसर हैं जिन पर आतंकवादी गतिविधियों के आरोप लगे और उन्हें जेल में रहना पड़ा। 

सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

बांबे हाई कोर्ट ने उनकी जमानत पर रोक लगा दी थी। कर्नल पुरोहित पिछले नौ वर्षों से नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद थे। लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह सिर्फ सेना के जासूस के तौर पर काम कर रहे थे और किसी भी आतंकी गतिविधि में शामिल नहीं रहे हैं। जेल से बाहर आने के बाद सेना की पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई। यहां पर कोर्ट का आदेश पढ़ने के बाद उनका निलंबन रद्द किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में कर्नल पुरोहित का केस मशहूर वकील हरीश साल्वे ने लड़ा था।  इस केस की जांच पहले महाराष्ट्र एटीएस को सौंपी गई और इसके बाद एनआईए ने इसे अपने हाथ में ले लिया। 

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने 

लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को जमानत देते समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'किसी भी नागरिक की आजादी निश्चित तौर पर अहम है लेकिन इसे समुदाय की सुरक्षा के साथ संतुलित करना होगा। एक संतुलन में आरोपी की व्यक्तिगत आजादी और जांच से जुड़े उसके सभी अधिकार बरकरार रहने जरूरी होते हैं।' सुप्रीम कोर्ट ने माना कि एटीएस और एनआईए की चार्जशीट में काफी अंतर था। कोर्ट का कहना था कि बिना सुबूतों की जांच के कौन सी चार्जशीट सही है इसका पता लगाने में वह असमर्थ है और यह काम ट्रायल कोर्ट का है।सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जिस केस में कर्नल पुरोहित को आरोपी बनाया गया है उसमें अधिकतम सजा सात वर्ष की है और वह नौ वर्ष पहले ही जेल में काट चुके हैं। 

जेल में रहते हुए कर्नल पुरोहित को मिल रही थी सैलरी

मालेगांव ब्लास्ट केस में नाम आने और गिरफ्तारी के तुरंत बाद आर्मी ने उन्हें सर्विस से सस्पेंड कर दिया था। जेल में रहने के दौरान उन्हें अपनी तनख्वाह और अलाउंस का सिर्फ 25 प्रतिशत ही मिल रहा था। बाद में आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल ने इसे 75 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। आर्मी सूत्रों के मुताबिक वे जल्द ही एक आर्मी रेजिमेंट को ज्वाइन कर सकते हैं। नियम के मुताबिक, सस्पेंड होने के बाद एक ऑफिसर अपनी ड्रेस नहीं पहन सकता।

पुरोहित पर क्या है आरोप

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- पुरोहित पर इसके बाद सेना से 60 किलोग्राम आरडीएक्स चुराने का आरोप लगा और इसमें से कुछ को मालेगांव ब्लास्ट के दौरान प्रयोग किया गया था।
- 29 सितंबर 2008 को हुए मालेगांव ब्लास्ट में छह लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। विस्फोट से बंधी एक मोटरसाइकिल में धमाका होने के बाद छह लोगों की मौत हुई थी।
- गिरफ्तार होते ही सेना की ओर से पुरोहित के खिलाफ कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी के आदेश दे दिए गए और इसके बाद उन्हें सेना से हटा दिया गया।
- इसके बाद पुरोहित ने आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल (एएफटी) में अपील दायर की। उन्होंने मांग की कि इन्क्वॉयरी को खत्म किया जाए क्योंकि ऐसा करके सेना का एक्ट 180 का उल्लंघन किया गया है।
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रेल हादसा: सुरेश प्रभु ने ली हादसों की नैतिक जिम्मेदारी, पीएम मोदी को इस्तीफ़ा दिया?

रेल हादसा: सुरेश प्रभु ने ली हादसों की नैतिक जिम्मेदारी, पीएम मोदी को इस्तीफ़ा दिया? के लिए चित्र परिणाम
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मुजफ्फर नगर रेल हादसे में हुई जनहानि से सुरेश प्रभु अभी उबरे नहीं थे कि आज बुधवार को औरैया में बड़ा रेल हादसा हो गया। दोनों हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की है। लेकिन पीएम मोदी ने उन्हें अभी रोक रखा है। अगर सुरेश प्रभु का इस्तीफा मंजूर होता है तो वे आजाद भारत के तीसरे ऐसे रेलमंत्री होंगे जो हादसों की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देंगे। उनसे पहले भारत के इतिहास में सिर्फ दो रेल मंत्रियों ने इस तरह इस्तीफा दिया है। देश के पहले रेल मंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने हादसे कि जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था। इसके बाद एनडीए कार्यकाल में नीतीश कुमार ने हादसे की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था।

यूपी में बीते चार दिनों में हुए दो रेल हादसों के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट करके कहा है कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र से मुलाकात की और इस पूरे हमले की पूर्ण नैतिक जिम्मेदारी ली। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने मुझे इंतजार करने को कहा है।

रेल मंत्री ने एक के बाद एक पांच ट्वीट किए हैं। उन्होंने कहा है कि इन दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाओं से मुझे गहरी परेशानी हुई है। यात्रियों को चोट पहुंचने से और कीमती जीवन की खोने से बेहद चिंतित हूं। उन्होंने कहा कि तीन साल में मैंने रेलवे की भलाई के लिए खून पसीना बहाया है।
सुरेश प्रभु ने अगले ट्वीट में लिखा है कि पीएम मोदी के न्यू इंडिया में ऐसी रेलवे की जरूरत है जो सक्षम और आधुनिक हो। उन्होंने कहा कि मेरा वादा था कि रेलवे उसी पथ में आगे बढ़ेगी और रेलवे उसी रास्ते पर बढ़ रही है। 
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में रेलवे की स्थिति को सुधारने के लिए चरणबद्ध तरीके में काफी कोशिश की गई जो कई दशकों से बुरी हालत में थी। इसकी वजह से रेलवे में काफी निवेश हुआ और कई उपलब्धियां भी हासिल की। 

राइट टू प्राइवेसी: मौलिक अधिकार है या नहीं, कल SC सुनाएगा फैसला

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सुप्रीम कोर्ट ने दो अगस्त को इस पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था. इस संवैधानिक पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर कर रहे हैं. इस मसले पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि आज का दौर डिजिटल है, जिसमें राइट टू प्राइवेसी जैसा कुछ नहीं बचा है.

नई दिल्ली: निजता का अधिकार मौलिक अधिकारों में शामिल है या नहीं, इस बात का फैसला सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संवैधिक खंडपीठ गुरुवार को करेगी. पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने मामले को 9 जजों की बेंच के पास ट्रांसफर कर दिया.
अब इस मामले पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस जे एस खेहर की अध्यक्षता में 9 जजों की खंडपीठ ने 19 जुलाई से इस मामले पर सुनवाई की. इससे पहले 18 जुलाई को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह तय करना जरूरी है कि संविधान के तहत निजता के अधिकार में क्या शामिल है और क्या नहीं. इसलिए इस मामले को 9 सदस्यों वाली पीठ के पास भेजा जाना चाहिए.
केंद्र सरकार सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सूचनात्मक निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के लेवल पर नहीं ले जाया जा सकता. वेणुगोपाल ने कहा कि संविधान बनाने वालों ने जानबूझकर निजता को मौलिक अधिकार के दायरे बाहर रखा था. आधार ऐक्ट के तहत निजता को संरक्षित करने का प्रावधान किया गया, इससे साफ है कि प्रत्येक निजता का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है. केंद्र ने कोर्ट सभी दलीलें पूरी कर ली हैं.
बता दें कि 1954 में 8 जजों की बेंच ने और फिर 1962 में 6 जजों की बेंच ने ये फैसला सुनाया था कि निजता का अधिकार मूलभूत अधिकार नहीं है. इन्हीं फैसलों के आधार पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि मूलभूत अधिकारों के नाम पर आधार कार्ड को चुनौती देनी वाली किसी भी जनहित याचिका दाखिल नहीं होनी चाहिए.

जियो इफेक्ट? 700 रु का 4G फोन लाया इंटेक्स



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इंटेक्स ने मंगलवार को भारत में पहला 4G इनेबल VoLTE फीचर फोन टर्बो+ 4G भारत में लॉन्च कर दिया है। इंटेक्स ने इस फोन का ऐलान मुकेश अंबानी द्वारा जियोफोन का ऐलान किए जाने के बाद किया है।

यह फोन कम्पनी की नवरत्न सीरीज के तहत आया है। इस सीरीज में 8 दूसरे फोन मॉडल भी हैं जिनकी कीमत 700 रु से लेकर 1500 रु तक के बीच है।इंटेक्स टर्बो+ 4G में 2.4 इंच का QVGA डिस्प्ले है। यह KaiOS सॉफ्टवेयर पर रन करता है। इसमें ड्यूल कोर प्रोसेसर के साथ 512MB रैम और 4GB इंटरनल स्टोरेज दी गई है जिसे 32GB तक एक्सपैंड किया जा सकता है।
4G पर चलने वाले इस फोन में 2MP बैक कैमरा और VGA फ्रंट कैमरा भी है। इस फोन में 2000mAh बैटरी भी है। इंटेक्स टर्बो+ 4G के अलावा इंटेक्स ने 3 फीचर फोन ECO सीरीज में उतारे हैं। ये हैं ECO 102+, ECO 106+, ECO सेल्फी। तीनों में 1.8 इंच का डिस्प्ले, 800mAh से 1800mAh तक की बैटरी, मल्टि लैंग्वेज सपॉर्ट, कैमरा और GPRS है।
टर्बो सीरीज में इंटेक्स ने दो नए फीचर फोन भी लॉन्च किए हैं। इनका नाम टर्बो शाइन और टर्बो सेल्फी 18 है जिनमें 2.4 इंच का डिस्प्ले है। टर्बो शाइन 22 इंडियन लैंग्वेज, 1400mAh बैटरी, वायरलेस एफएम और 32GB तक एक्सपैंडेबल मेमरी के साथ आता है। वहीं, टर्बो सेल्फी 18 में 1800mAh बैटरी और फ्रंट और बैक पर कैमरे भी हैं।
अल्ट्रा सीरीज में इंटेक्स अल्ट्रा 2400+ और अल्ट्रा सेल्फी फीचर फोन लेकर आया है। इनके डिस्प्ले क्रमशः 2.4 इंच और 2.8 इंच के हैं। इन फोनों में 2400mAh और 3000mAh की बैटरियां हैंइसके अलावा इंटेक्स ने लायन्स G10 फीचर फोन भी उतारा जिसमें 2.4 इंच का डिस्प्ले, कैमरा, 1450mAh बैटरी कपैसिटी और 64GB तक की एक्सपैंडेबल मेमरी भी दी है।

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