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Thursday, May 11, 2023

महिला आईएएस अफसर गिरफ्तार, 105 करोड़ के घोटाले में है शामिल, दामाद के साथ ली गयी हिरासत में !


महिला आईएएस अफसर गिरफ्तार, 105 करोड़ के घोटाले में है शामिल, हिरासत में !

जयपुर | राजस्थान के अजमेर से 105 करोड़ रुपये के घोटाले में असम की आईएएस अधिकारी सेवाली देवी शर्मा, उनके दामाद और एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया है। अजमेर के कोतवाली थाने के सहयोग से असम की सतर्कता टीम ने सोमवार सुबह इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

गिरफ्तारियां असम के स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) में 105 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के सिलसिले में हुई हैं। तीनों आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए अजमेर आए थे। उन्हें यहां सीजीएम कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया। इसके तुरंत बाद टीम उन्हें लेकर असम के लिए रवाना हो गई।

रविवार देर रात इंस्पेक्टर प्रीतम सेकिया के नेतृत्व में असम सतर्कता दल अजमेर पहुंचा। अधिकारियों ने कहा, ”टीम रविवार रात अजमेर पहुंची थी। कोतवाली थाना पुलिस से संपर्क कर मामले की जानकारी ली। सोमवार की सुबह असम


महिला आईएएस अफसर सेवाली देवी शर्मा गिरफ्तार, 105 करोड़ के घोटाले में है शामिल, दामाद के साथ ली गयी हिरासत में !

विजिलेंस टीम और कोतवाली थाने के पुलिसकर्मियों ने जयपुर रोड स्थित होटल क्रॉस लेन से सेवाली देवी शर्मा, दामाद अजीत पाल सिंह और राहुल अमीन को गिरफ्तार किया। राहुल और अजीत पाल दोनों ठेकेदार हैं।

बताया जाता है कि सेवाली देवी शर्मा 2017-2020 के बीच एससीईआरटी में रही हैं। आरोप है कि उसने सरकार की सहमति के बिना 5 बैंक खाते खोले और कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक के घोटालों में शामिल थी। आरोप है कि इस घोटाले में उसका दामाद भी शामिल था। बताया जा रहा है कि आईएएस अधिकारी ने बिना किसी वर्क ऑर्डर के 105 करोड़ रुपये निकलवा लिए। सेवाली देवी 1992 कैडर की अधिकारी हैं। मामला सामने आने के बाद सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।

दरअसल, निलंबित आईएएस सेवाली देवी शर्मा की गिरफ्तारी के लिए असम मुख्यमंत्री कार्यालय लगातार मॉनिटरिंग कर रहा था। असम पुलिस लगातार आरोपितों की लोकेशन ट्रेस कर रही थी। अपनी गिरफ्तारी के डर से निलंबित आईएएस अपने दामाद और ठेकेदार अमीन के साथ शनिवार से अजमेर के एक होटल में ठहरी थी। अजमेर में आरोपितों की लोकेशन मिलने पर असम पुलिस ने अजमेर पुलिस से मदद मांगी। इसके बाद असम पुलिस रविवार देर शाम को अजमेर पहुंची और अजमेर की कोतवाली थाना पुलिस की मदद से आईएएस सेवाली देवी शर्मा, उनके दामाद अजीत पाल सिंह और ठेकेदार अमीन को गिरफ्तार कर लिया। तीनों की गिरफ्तारी असम की स्टेट काउंसलिंग ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) में 105 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के मामले में हुई है।

सोमवार सुबह कोतवाली थाना पुलिस के साथ असम पुलिस के अधिकारियों ने आरोपितों को असम ले जाने के लिए स्थानीय कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने अतिरिक्त वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश व अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 1 में ट्रांजिट वारंट की अर्जी दाखिल किया है। कोर्ट से ट्रांजिट वारंट की स्वीकृति मिलने के बाद असम पुलिस सेवाली देवी शर्मा को असम लेकर रवाना होगी।

Saturday, April 29, 2023

बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा

 


बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा

संस्थान से जुड़ने और खबरों के लिए संपर्क में रहें

विनय जी डेविड : 9893221036

*ED की पूछताछ में हुए कई अहम खुलासे, चर्च की कीमती जमीन को बेचा, कई काले कारनामों का दस्तावेज भी बरामद*

*बर्खास्त बिशप के जबलपुर समेत मुबंई, रांची व नागपुर स्थित ठिकानों पर भी ईडी ने मारा था छापा*

जबलपुर। चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के पूर्व निदेशक बिशप (former bishop) पीसी सिंह (PC Singh) को जेल भेज दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीसी सिंह से 14 दिन तक पूछताछ की। जिसमें कई अहम खुलासे हुए। बिशप सिंह ने सीएनआई की कीमती कई जमीन को बेचा। कई संस्थानों को बेकार बताकर किराए पर दे दिया। पी सी सिंह के कई काले कारनामों के दस्तावेज भी बरामद किए गए।

बिशप पद से हटाए गए द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चेयरमैन पीसी सिंह को कोर्ट के निर्देश पर ईडी ने जबलपुर केंद्रीय जेल भेज दिया है। ईडी ने पीसी सिंह को 12 अप्रैल को जबलपुर में गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी गई थी। कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड स्वीकृत की थी। पूछताछ के लिए उसे भोपाल ले जाया गया था।

रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद पीसी सिंह को 27 अप्रैल को जबलपुर लाया गया जिसके बाद जेल भेज दिया गया। दरअसल, जबलपुर में 2022 में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने मुंबई, रांची, नागपुर स्थित छह ठिकानों पर छापा मारा था।

इन ठिकानों से ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और करीब पांच लाख 37 हजार 500 रुपये नकद जब्त किए थे। ईडी ने यह कार्रवाई 15 मार्च को जबलपुर, मुंबई, रांची व नागपुर के छह ठिकानों तथा 18 मार्च को रांची में तीन ठिकानों पर छापामारी की थी। जिसके बाद ईडी की टीम 12 अप्रैल को जबलपुर पहुंची और पीसी सिंह को उसके नेपियर टाउन स्थित बंगले से गिरफ्तार कर लिया था।

बिशप पीसी सिंह के घर में आठ सितंबर 2022 को ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारा था। वहां से एक करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपए, 118 पाउंड, 18352 यूएस डालर, 80 लाख 72 हजार रुपये कीमत के दो किलो वजनी सोने के जेवर समेत 17 संपत्तियों के दस्तावेज और 48 बैंक खातों के संबंधित दस्तावेज जब्त हुए थे। 

पीसी सिंह जर्मनी से 11 सितंबर को स्वदेश लौटने पर उसे नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। जबलपुर लाकर पूछताछ व जांच की गई। जांच के दौरान उसकी पौने आठ करोड़ रुपये की एफडी का खुलासा हुआ। यह भी पता चला कि वह स्वयं 128 बैंक खाते संचालित करता था। 46 खाते उसके स्वजन और संस्थाओं के नाम पर थे।


Friday, April 28, 2023

पीली कोठी मेथोडिस्ट चर्च संस्थान द्वारा निर्मित अवैध भवन नगर निगम जबलपुर ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया


पीली कोठी मेथोडिस्ट चर्च निर्माण भवन तोड़ने की कार्यवाही नगर निगम ने जेसीबी द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा 

*जबलपुर से विनय जी. डेविड की रिपोर्ट*
*संपूर्ण जानकारी खबर, वीडियो, फोटो के लिए संपर्क करें : 98932210368989655519

*जबलपुर, नगर पालिक निगम जबलपुर अपर आयुक्त श्री राजेन्द्र मिश्रा द्वारा स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड अन्तर्गत तैय्यबअली मार्ग पीली कोठी पर फादर मनीष एस.गिडियन मेथोडिस्ट द्वारा किए जा रहे निर्माण विषयक् स्वामित्व सहित भवन स्वीकृति दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा था। परंतु मनीष गिडियन एवं संस्थान के लोगों द्वारा किसी भी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए. चर्च के नाम पर मेथोडिस्ट चर्च संस्थान के बिशप एम.ए. डेनियल, एरिक पी नाथ और मनीष गिडियन है मनीष गिडियन अभी सेंट्रल जेल जबलपुर में सलाखों के पीछे है ये सभी मुख्य आरोपी है,

जिस पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम ने आज तहसील भेजकर के अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है जो अभी चल रही है.*

ज्ञात हो कि नगर निगम में चर्च द्वारा प्रस्तुत जबाब पर नगर निगम द्वारा चर्च को नोटिस दिया कि “स्थल पर किया गया निर्माण अनाधिकृत रूप से बिना स्वीकृति से किया गया है। तदोपरान्त उक्त निर्माण को हटाए जाने हेतु आपको कार्यालय द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम नियम अनुसार नोटिस किया गया है ।

जिस पर आपके द्वारा निगम कार्यालय पर दिनांक 27.08.2020 को एक पत्र प्रस्तुत कर चर्च शेड निर्माण की बात कही गई एवं नजूल डीड एवं नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत की गई । आपने उक्त पत्र में स्थल पर किए जा रहे निर्माणाधीन भवन का नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से स्वीकृति प्राप्त होने पश्चात् निगम से भवन अनुज्ञा अनुमति लिए जाने का लेख किया है।

आपके द्वारा स्थल पर किए गए निर्माण के संबंध में ढाई वर्ष उपरान्त भी आज दिनांक तक निगम कार्यालय पर भवन अनुज्ञा आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। इतनी बड़ी संरचना का निर्माण बगैर नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय की स्वीकृति के एवं बगैर भवन अनुज्ञा अनुमति प्राप्त किए गंभीर त्रुटी है।

आपको इस पत्र के माध्यम से निर्देशित किया जाता है कि आप पत्र प्राप्ति से 24 घण्टे के भीतर स्थल पर किए गए निर्माण को स्वयं हटा लेवें। अन्यथा कि स्थिति में स्थल पर किया गया अनाधिकृत निर्माण निगम द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम में विहित प्रावधानों के अन्तर्गत किसी भी समय हटा दिया जावेगा।

इस मामले में यूसीएनआईटीए के स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी एडमिन लाल एवं यूसीएनआईटीए के मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के लीगल एडवाइजर विनय जी. डेविड ने अवैध निर्माण तोड़ने की शिकायत की थी.

आज अभी पीली कोठी  मेथोडिस्ट चर्च निर्माण भवन तोड़ने की कार्यवाही नगर निगम ने जेसीबी लगाकर अभी शुरू कर दी है कार्रवाई चल रही है जेसीबी द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा जा रहा है.

Monday, April 24, 2023

7 वर्षों से मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी हॉस्टल में संविदा आर्चरी कोचों ने जमा रखा है अवैध कब्ज़ा, सरकारी खर्चे पर बल्ले-बल्ले


7 वर्षों से मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी हॉस्टल में संविदा आर्चरी कोचों ने जमा रखा है अवैध कब्ज़ा, सरकारी खर्चे पर बल्ले-बल्ले


 TOC NEWS @ https://aninewsindia.org/

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विनय जी. डेविड : 9893221036

जबलपुर. मध्य प्रदेश तीरंदाजी अकैडमी जबलपुर परिसर में जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे और प्रमुख कोच रिचपाल सिंह सलारिया की कृपा से संविदा शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पिछले 7 वर्षों से सभी कोच एवं कर्मचारी अपने परिवार के साथ एकेडमी परिसर में ही निवास कर रहे हैं जिसकी शिकायत जबलपुर कलेक्टर को की गई.

आशीष पांडे जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी

जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे से जब यह जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने गुमराह करते हुए शिकायत को झूठी बताया जबकि हर एक आदमी को पता है कि आर्चरी एकेडमी परिसर के छात्रा-छात्राओं के होस्टल में सभी कोच कई कमरों में कब्जा करके रह रहे हैं


वही हॉस्टल में छात्रा-छात्राओं के लिए बनने वाला भोजन भी नियमित रूप से प्रतिदिन सेवन कर रहे हैं संविदा आर्चरी  कोचों के अनुबंध के आधार पर नियम अनुसार उनको किसी भी प्रकार की वेतन के अलावा अन्य सुविधा प्रदान नहीं की जा सकती, परंतु सरकारी संपत्ति पर कब्जा करके लाखों रुपए का सरकार के राजस्व का नुकसान, खेल अधिकारियों की मिलीभगत सांठगांठ से हो रहा  है, 

इस मामले में जबलपुर जिला कलेक्टर को भी जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे के द्वारा गुमराह किया जा रहा है, सही रिपोर्ट नही मिलने की वजह से जिला जबलपुर कलेक्टर इस मामले में कोई उचित कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं, 

इस मामले में एक शिकायत कलेक्टर जबलपुर को प्राप्त हुई थी जिस परजिला खेल अधिकारी आशीष पांडे ने गुमराह करते हुए कलेक्टर को सही जानकारी नहीं पहुंचाई, जहां छात्रा छात्राओं के लिए यह सुविधा दी गई है वहीं कोचों के यहां पर निशुल्क सरकारी खाते में वारे न्यारे हैं, अब जब यह खुलासा  हुआ है तो अब देखना यह है कि इस मामले में कलेक्टर जबलपुर क्या कार्रवाई की जाती है.

कौन-कौन कोच वं कर्मचारी है नियमों की धज्जियां उड़ा कर शासकीय संपत्ति का उपयोग करने वाले

1. रश्मि सिंह कोच आर्चरी अगस्त 2016 से ही एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है,

2. अशोक कुमार यादव आर्चरी कोच अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं, जिसमें पत्नी एवं 3 बच्चे एवं अपने दो रिश्तेदारों अमित यादव एवं अन्य) के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

3. रवि प्रधान आर्चरीकोच अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं जिसमें पत्नी एवं 1 बच्चा एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

4. दशरथ सिंह ठाकुर वार्डन अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं जिसमें पत्नी एवं 1 बच्चा एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

5. कप्तान  स्वयं अपने एक दो रिश्तेदारों के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

6. रिचपाल सिंह सलारिया मुख्य आर्चरी कोच स्वयं सत्र 2019 से 2023 निवास कर रहे हैं, अपने 4 रिश्तेदारों 1. सौम्या सिंह उर्फ तनु 2. दीक्षांत सिंग उर्फ देसू एवं अन्य दो रिश्तेदारों के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है

Monday, April 17, 2023

ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार

  

ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार



ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार



भविष्य की आहट : देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन


भविष्य की आहट : देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन

भविष्य की आहट / डा. रवीन्द्र अरजरिय

चर्चित व्यक्ति को नेतृत्व देने की पुरातन परम्परा रही है। प्रतिभा, योग्यता और समर्पण के आधार पर चर्चाओं का वातावरण सकारात्मकता का पर्याय हुआ करता था। वर्तमान समय में सकारात्मकता को नकारात्मकता ने पछाड दिया है। वातावरण निर्माण हेतु प्रायोजित कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया है। लाभ के अवसरों के लिए आपसी समझौतों की श्रंखला अब नित नई ऊंचाइयां छूने लगीं हैं। इन कार्यक्रमों को विभिन्न माध्यमों से आम आवाम तक पहुंचाने वाले समूह को आधुनिक भाषा में पीआर ग्रुप का नाम दिया गया है। 

व्यक्तिगत संबंधों को व्यापक बनाने के लिए अब विशेषज्ञों की तलाश की जाने लगी है। राजनैतिक धरातल से लेकर वित्तीय संस्थानों तक ने अपने विस्तार के लिए पीआर स्पेशलिस्ट्स की फौज नियुक्त कर ली है। इनसे हटकर अपराधियों, असामाजिक तत्वों और षडयंत्रकारियों ने तो संचार माध्यमों के लिए विधिवत व्यक्तिगत तंत्र ही विकसित कर लिया है। स्वधीनता संग्राम के दौर में धरती से जुडे राष्ट्र भक्तों का बलिदान भी गोरों के षडयंत्र का शिकार हो गया था। उस दौर में भी पैसों की चमक, लालच के दावानल और सत्ता के सम्मान ने इच्छित व्यक्यिों को देश का लोकप्रिय नेता घोषित करवा दिया गया था। 

तब षडयंत्र के तहत अंग्रेजी पत्रों में व्यक्ति विशेष के लिए आलेख, समाचार और  उनकी कथित जीवन गाथायें प्रकाशित करवायी जातीं थीं। लोलुप लोगों को व्यक्ति विशेष के पक्ष में वातावरण निर्मित करने के काम में लगा दिया जाता था, जो चौराहों से लेकर चौपालों तक पहुंचकर उसकी प्रशंसा में मनगढन्त कहानियों सुनाता और समाज में उसे चर्चा का विषय बना देता था। धीरे-धीरे उसके वक्तव्यों को कालीदास के इशारों में बदलकर विदुषी विद्योत्मा बनी आवाम के समक्ष परोसा जाता ताकि समाज उस पैरासूट नेता को वास्तविक नेतृत्व प्रदान कर दे। कठपुतली को जीवित शरीर के भ्रम के रूप प्रस्तुत किया गया। अन्त: देश में जब राष्ट्र भक्तों का दबाव बढने लगा, आम आवाम स्वाधीनता के लिए कफन बांधकर खडी हो गई तो गोरों ने अपनी कठपुतलियों को नेता बनाकर पेश किया। 

वार्ता के लिए उन्हें ही आमंत्रित किया और दिखाने शुरू कर दिये देशवासियों को सब्जबाग। इतिहास की गवाही ने एक बार फिर वर्तमान को व्यथित करना शुरू कर दिया है। अतीक, शाइस्ता, असद, गुलाम, अशरफ, अमृतपाल, जोगा जैसों की नकारात्मकता को सुुर्खियां मिलने लगीं। उनके पक्ष में कमर कसकर खडे लोगों की बातों को महात्व दिया जाने लगा। किसी लोकप्रिय जन कल्याणकारी समाजसेवी की तरह उनकी जीवन गाथायें, विश्राम करने के स्थान, सहयोगियों की जमात जैसे कारक आज चारों ओर छाये हुए हैं। नकारात्मकता को समाप्त करने में लगे लोगों पर प्रश्नचिन्ह अंकित करने का फैशन चल निकला है। सत्य को कोसकर असत्य को स्थापित करने का कारोबार तो दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करने लगा है। विचार मंथन के माध्यम से पेश किये जाने वाले कार्यक्रम समाज को तोडने में महात्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 

सोची समझी योजना के तहत चलने वाले कृत्यों को सामान्य ढंग से होने वाली गतिविधियों की तरह प्रस्तुत करने की पटकथा तो पहले ही लिखी जा चुकी है। कभी कश्मीर में सेना के जवानों पर वहां के आतंकियों के थप्पड पडते थे और थप्पड मारे वालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने पर राष्ट्र भक्त फौजियों पर मामले दर्ज किये जाते थे, जबाब मांगे जाते थे, आत्मरक्षा में उठाये गये कदमों को अपराध बनाकर न्याय की चौखट पर दस्तक दी जाती थी। ऐसे लोलुप भितरघातियों की जमात अब आतंक की इबारत बनने की हसरत पालने वालों के चारों ओर सुरक्षा कवच लगा रही है। सरेआम हत्या करने वालों के साथ खडे लोगों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। अनेक घरों के चिरागों को बुझाने वालों के दीये पर हवा को लगते अपराधियों ने अपने संरक्षणदाताओं के साथ मिलकर मुल्क की फिजां में जहर घोलने का काम शुरू कर दिया है। 

इस जहर की चर्चा भी प्रमुखता से की जाने लगी है। पीआर के विशेषज्ञों को मैदान में उतार दिया गया है। अपराध की कहानियां सुना सुनाकर आम आवाम में दहशत पैदा करने वाले अपने विदेशी आकाओं के इशारों कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं। राजनीति के पंडितों से लेकर अपराध के जल्लादों तक ने समय के साथ करवट बदल ली है। दहशत के आकाओं को उनकी जाति विशेष के लिए संरक्षक की भूमिका में दिखाया जाने लगा हैं। अपराध से जुटायी गई धन-सम्पत्ति से राजनीति के दरवाजे पर दस्तक देने का क्रम भी चल निकला है। सत्ता का मुखिया बनने वाला व्यक्ति भी अपनी जाति के लिए लचीला रुख अख्यितार करता है। अन्य सशक्त जातियों को नस्तनाबूत करने की मुहिम भी पर्दे के पीछे से निरंतर चलाता है। दूसरी ओर पार्टी के लिए धन संग्रह करने में अपराध जगत की महात्वपूर्ण भूमिका भी तेजी से बढ जा रही है। 

पार्टियों की चंदा राशि को सूचना के अधिकार की सीमा से बाहर रखा गया है। इसी तरह निजिता की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आजादी और मौलिक अधिकारों की दुहाई जैसी व्यवस्थायें देश को कोढ में खाज देने का काम स्वाधीनता के बाद से निरंतर कर रहीं हैं। पंजाब में सत्ता बदलते ही खालिस्तान के नारे बुलंद होने लगे। खास दलों की सरकारों वाले राज्यों में धार्मिक उन्माद चरम सीमा पहुंचता जा रहा है। व्यक्तिगत हितों पर आदर्श, सिध्दान्त और नीतियों की हत्यायें हो रहीं है। लोगों की महात्वाकांक्षायें अब आसमान छूने लगीं हैं। दल बदलकर इच्छित लक्ष्य की पूर्ति में जुडे लोगों ने स्वयं को जाति विशेष, सम्प्रदाय विशेष तथा क्षेत्र विशेष का कथित ठेकेदार घोषित कर दिया है। ऐसे लोगों को अपने पक्ष में लाने के लिए खद्दरधारियों की टोलियां जुटीं है ताकि आने वाले चुनावों में सत्ता का सिंहासन मिल सके। 

देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन, परन्तु संचार माध्यमों के चन्द मठाधीशों को किन्हीं कारणों से यह सब दिखाई नहीं दे रहा है। यही फर्क है धृतराष्ट्र और गांधारी के अंधेपन में। एक तो सत्ता के लालच में अंधा है तो दूसरा वैभव की प्रचुरता के पीछे पागल होकर अंधे का अंधा बनकर अनुशरण कर रहा है। ऐसे में देश के राष्ट्र भक्त नागरिकों को ही आगे आने होगा, तभी बूंद-बूंद पानी से गागर भर सकेगी और पुन: प्राप्त किया जा सकेगा विश्व गुरु का सम्मान। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे


गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 


प्रयागराज, गस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की शनिवार (15 अप्रैल) की सरेआम हत्या कर दी गई. पुलिस कस्टडी में उस समय गोलियों से भून दिया गया जब दोनों कॉल्विन अस्पताल के बाहर पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस घटना ने अशरफ की वो भविष्यवाणी सच कर दी जो उसने दो सप्ताह पहले अपनी मौत को लेकर की थी. अशरफ ने दो सप्ताह में अपनी हत्या किए जाने की बात कही थी. उसने दावा किया था कि एक बड़े पुलिस अधिकारी ने इस बारे में उसे धमकी दी है.

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 

28 मार्च 2023 की रात अशरफ ने कहा था, दो सप्ताह बाद मुझे मार दिया जाएगा. अशरफ ने ये भी दावा किया कि एक बड़े पुलिस अधिकारी ने उसे धमकी दी है कि किसी बहाने से तुम्हें बाहर निकालेंगे और निपटा देंगे. इसके लगभग दो सप्ताह बाद 15 अप्रैल की शाम को जब अतीक-अशरफ को मेडिकल टेस्ट के लिए बाहर लाया गया तो पत्रकारों के भेष में पहुंचे तीन हमलावरों ने पुलिस की सुरक्षा में घुसकर दोनों को गोलियों से भून दिया. 

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 

अतीक-अशरफ के हत्यारों की हिरासत में लेने बाद सामने आयी पहली तस्वीर, चेहरे पर दिखा खौफ

माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीन अपराधियों की पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बाद पहली तस्वीर सामने आयी है। आपको बता दें माफिया भाइयों के इस हत्याकांड में कथित तौर पर तीन आरोपी शामिल थे। जिन्होंने मीडिया की मौजूदगी में ही अतीक अहमद और अशरफ पर फायरिंग की थी।   बता दें कि, हत्यारों के हाथ में उस समय कैमरा और आइडी भी मौजूद थी। पुलिस ने घटनास्थल से हत्याकांड में प्रयुक्त असलहा, कैमरा और आइडी को बरामद किया है। पकड़े गए आरोपित लवलेश तिवारी निवासी बांदा, सनी पुराने हमीरपुर एवं अरुण मौर्य कासगंज बताए जा रहे हैं। अब इनसे पूछताछ चल रही है। पुलिस कोर्ट से इनकी रिमांड भी मांग सकती है।

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 

ऐसे दिया था वारदात को अंजाम

बताया जाता है कि पुलिस कस्टडी रिमांड पर माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ दिए जाने के साथ ही रोजाना मेडिकल जांच कराए जाने का भी निर्देश दिया गया था। इसी क्रम में शुक्रवार रात भी धूमनगंज पुलिस ने दोनों का काल्विन अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया था। शनिवार रात भी धूमनगंज पुलिस सरकारी जीप से दोनों भाईयों को लेकर वहां पहुंची थी। मुख्य द्वार से भीतर दाखिल होकर कुछ कदम आगे बढ़े ही थे कि सामने मीडियाकर्मी बनकर मौजूद युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें दोनों की मौत हो गई। इस घटना के बाद तीनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया और अब उनसे पूछताछ की जा रही है।

एक हसीना के दो दिवाने‌, मौसेरा भाई जिस हाथ से छूता था प्रेमिका को, हत्या कर उस हाथ को काट डाला

 


एक हसीना के दो दिवाने‌, मौसेरा भाई जिस हाथ से छूता था प्रेमिका को, हत्या कर उस हाथ को काट डाला

बिलासपुर से हनीफ मेमन

बिलासपुर, जिले के हाई कोर्ट मार्ग पर हुई दीपक यादव हत्याकांड की गुत्थी सुलझाते हुए मौसेरे भाई प्रेमिका व सहयोगी को चकरभाटा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है पुलिस ने हत्या को अंजाम देने में इस्तेमाल ब्रेजा कार बीयर बोतल सेनेटरी पत्थर घारदारपेचकस जप्त कर कार्रवाई कर रही है.

इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल को चकरभाटा बोदरी मार्ग पर युवक का शव मिला मृतक की पहचान दीपक यादव पिता परदेसिया तो 30 वर्ष निवासी चौबे कॉलोनी अटल आवास के रूप में हुई जांच के दौरान पुलिस को मिले साक्षय के आधार पर चकरभाटापुलिस ने मृतक दीपक यादव की मौसेरे भाई दुर्गेश अशोक यादव 30 वर्ष निवासी सर बनिया मंदिर के पास बंधवापारा सरकंडा मनोज पिता श्याम 30 वर्ष श्रीराम टावर के सामने व्यापार विहार व तारबाहर हत्या की वजह बनी प्रेमिका ललिता यादव पति सोनू यादव 35 वर्ष निवासी अटल आवास योजना चौक सरकंडा को गिरफ्तार कर कार्रवाई कर रही है पुलिस पूछताछ में दुर्गेश यादव ने हत्या की वजह ₹5000 के लेनदेन का होना बताया इस पूरे मामले में ललिता हत्या में कहीं भी शामिल नहीं है यह प्रयास दुर्गेश लगातार करता रहा पूछताछ के दौरान ललिता का फोन दुर्गेश के मोबाइल पर आया ललिता की बात सुन पुलिसने उसे गिरफ्तार किया.

पुलिस जब ललिता से सख्ती से पूछताछ की तो हत्या की वजह सामने आई दुर्गेश का प्रेम प्रसंग ललिता से शादी से पहले सेथा बच्चे होने के बाद भी दुर्गेश ललिता के बीच अवैध संबंध था इस बात का पता चलने पर ललिता के पति ने उसे छोड़ दिया था पुलिस ललिता अटल आवास में दुर्गेश के पास रहने लगी दुर्गेश ललिता के प्रेम संबंध की बात दीपक को पता चली दीपक ललिता को फोन करने लगा इसी बीच दोनों के बीच अवैध संबंध बन गया ललिता यादव दोनों मौसेरे भाइयों की प्रेमिका बनकर दोनों से अवैध संबंध बनाए हुए थे.

दीपक का अपनी प्रेमिका ललिता से मिलना दुर्गेश यादव को रास नहीं आ रहा था ललिता ने दुर्गेश को झांसा दिया कि दीपक उसको धमका कर जबरिया संबंध बनाता है इस पर दीपक और दुर्गेश के बीच 5 साल से लगातार विवाद होता रहा है दुर्गेश भाई दीपक की हत्या का पूरा प्लान तैयार किया 14 अप्रैल को दुर्गेश मैं मौसेरे भाई दीपक यादव को नूतन चौक बुलाया और कार क्रमांक CG04 4404 मैं बैठा कर व्यापार विहार अपने दोस्त दिपक यादव के पास पहुंचा योजना के अनुसार व्यापार विहार दुकान से शराब की बोतल बीयर खरीदी दोनों चकरभाटा बोदरी मार्ग पर शराब पी रहे थे शराब पीने के दौरान दुर्गेश ने दिपक के पहला वार पेचकस से उसके कनपटी पर किया दूसरा सर और फिर बीयर बोतल से सर पर वार किया दीपक पेचकस के वार से ढाल होकर गिर पड़ा.

फिर तीसरा बार पीठ पर या जिससे पेचकस टूट कर दीपक के पीठमें फस गया कलाई काटने की बात पर बताया कि जिस हाथ से दिपक ललिता को छूता था इस कारण सेनेटरी पत्थर से वार कर हाथ‌के पंजे को मारा जिससे दिपक की हाथ की कलाई कटकर अलग हो गई जिसे कूछ दूर पर‌ आरोपी ने फेंक दिया यूटयूब में क्राइम स्टोरी देखकर बनाई योजना ललिता और अपने बीच से दीपक को हटाने की दुर्गेश ने यूट्यूब देखकर योजना बनाई दुर्गेश ने अपनी योजना में दोस्त मनोज यादव को शामिल किया वारदात को अंजाम देने कंपनी की कार धार दार पेचकस रख लिया योजना के अनुसार घटना के दिन दुर्गेश मौसेरे भाई दीपक साथ लेकर मनोज के पास व्यापार विहार पहुंचा और शराब खरीदा बिलासपुर एसपी संतोष सिंह ने बताया कि प्रेमिका का मौसेरे भाई से अवैध संबंध होने का पता चलते ही आरोपी ने प्रेमिका को इतना धमकाया कि वह भी हत्या की योजना में शामिल हो गई पूछताछ टेक्निकल साक्ष्य के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है

Thursday, April 13, 2023

मैथोडिस्ट चर्च के कार्यपालिक सचिव मनीष गिडियन की जमानत अर्जी निरस्त, गिडियन को न्यायालय से लगा बड़ा झटका


Manish Gideon, executive secretary of the Methodist Church



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जबलपुर, धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज फादर मनीष एस गिडियन की आज फिर सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज, अभी और जेल की सलाखों में ही रहना पड़ेगा, जेल की रोटी खानी पड़ेगी।  

जबलपुर । विशेष न्यायाधीश ईओडब्ल्यू अमदज अली के न्यायालय ने स्कूल के लिए मिली लीज की जमीन का व्यावसायिक उपयोग करने के मामले में आरोपित बनाए गए मैथोडिस्ट चर्च के कार्यपालिक सचिव मनीष एस गिडियन की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। विगत पांच अप्रैल को ईओडब्ल्यू ने गिडियन को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उसी दिन उसे जेल भेज दिया था। 

अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सारिका यादव ने पक्ष रखा।  इसके पहले कोर्ट ने मैथोडिस्ट चर्च के पदाधिकारियों बिशप एमए डेनियल व कोषाध्यक्ष एरिक पी नाथ की अग्रिम जमानत भी निरस्त हो चुकी हैं। आरोपितों ने क्रिश्चियन हाई स्कूल के लिए मिली लीज की भूमि पर व्यवसायिक निर्माण किया। भू-भाटक जमा नहीं किया गया। इस तरह आर्थिक अपराध कर शासन को क्षति पहुंचाई। 

आवेदकों पर छल-कपट व धोखाधड़ी का आरोप है। आवेदकों की ओर से दलील दी गई कि दुकानों का निर्माण नगर निगम, से नक्शा पास कराकर किया गया था।

एसपी विनायक वर्मा को तत्काल सस्पेंड करने DGP को निर्देश, वारंट तामील न होने पर जबलपुर हाईकोर्ट सख्त

 


एसपी विनायक वर्मा को तत्काल सस्पेंड करने DGP को निर्देश, वारंट तामील न होने पर जबलपुर हाईकोर्ट सख्त

एसपी विनायक वर्मा को निलंबित करने के आदेश के साथ ही कोर्ट ने अब डीजीपी को वारंट तामील कराने की जिम्मेदारी दी है.

मध्य प्रदेश में अदालत के आदेश की अवमानना का खामियाजा छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को भुगतना पड़ेगा। जबलपुर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि एसपी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाए।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालत की अवमानना से जुड़े एक मामले में छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा (SP Vinayak Verma) को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड (Chhindwara SP Suspension) करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने अवमानना के मामले में प्रतिवादी को पेश न करने पर छिंदवाड़ा एसपी वर्मा के रवैये को बेहद गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि छिंदवाड़ा एसपी को तत्काल निलंबित किया जाए और अब प्रतिवादी के खिलाफ वारंट तामीली की जिम्मेदारी उनकी होगी.

दरसअल, छिंदवाड़ा जिले में स्थित तुलसी नारायण संकीर्तन मंडल की तरफ से दायर याचिका में एक कहा गया था कि एनएचएआई ने मंदिर की 1254 वर्ग का अधिग्रहण किया था. जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद भी मुआवजा प्रदान नहीं किया गया था. इसके खिलाफ संस्था द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिये थे. इसके बावजूद संस्था को सिर्फ 636 वर्ग फीट का मुआवजा एनएचएआई द्वारा दिया गया. हाईकोर्ट ने अगस्त 2018 में शेष 618 वर्ग फ़ीट जमीन का मुआवजा देने के निर्देष देते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था.

अवमानना याचिका पर हुई सुनवाई

एनएचआई द्वारा हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद तुलसी रामायण संकीर्तन मंडल को शेष मुआवजा राशि प्रदान नहीं की गई. इसके कारण संस्था ने अवमानना याचिका दायर की थी. 28 मार्च 2023 को पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की युगलपीठ ने एनएचआई के प्रोजेक्ट अधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया था

पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा को वारंट तामीली के निर्देश दिये गए थे. अवमानना याचिका पर आज बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान एसपी की तरफ से बताया गया कि प्रोजेक्ट अधिकारी का स्थानातंरण हो गया है, जिसके कारण जमानतीय वारंट तामील नहीं हो पाया है. इस दौरान सरकार की तरफ से जमानतीय वारंट को निरस्त करने का आग्रह भी किया गया.

चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को लिखे गये पत्र में जमानतीय वारंट तामील नहीं होने का कारण अधिकारी का स्थानातंरण होना बताया है. इससे हम स्तब्ध हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना को आदेश दिए कि छिन्दवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को इस मामले में फैसला आने तक ससपेंड कर दिया जाए.

इसके साथ ही प्रतिवादी के खिलाफ वारंट तामीली की जिम्मेदारी डीजीपी को सौंपी गई हों. याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश नेमा और अधिवक्ता विभा पाठक ने पैरवी की.

बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीमबर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

 


बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

संपादक :  विनय जी डेविड // 9893221036

ED Raid : चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम, अरबों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग मामला


*बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम*

आखिरकार चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह कानूनी शिकंजे में आ ही गया. उसे ईडी ने 13 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया. उस पर आरोप है कि उसने करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की और चर्च की बेशकीमती जमीन भू-माफियाओं को अवैध रूप से बेच दी.


जबलपुर । बर्खास्त बिशप और द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चैयरमैन पीसी सिंह के नेपियर टाउन के बंगले से ईडी ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया । सुबह के वक्त ये करवाई की गई। टीम पूर्व बिशप को लेकर भोपाल निकल गई। बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को ईडी ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। ईडी ने मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ज्ञात हो कि टीम संस्था को मिलने वाली विदेशी फंडिंग, चर्च की जमीन समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच की और साक्ष्य जुटाए।


बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. ईडी ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह ( Former Bishop PC Singh) को गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने उन्हें अरबों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है . इसके साथ ही ये भी आरोप है कि पीसी सिंह और उनके सहयोगियों ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की अरबों रुपये की कीमती जमीन और अन्य संपत्तियों को भू-माफियाओं को अवैध रूप से बेचकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. इस मामले में ही जांच एजेंसी ने कुछ समय पहले मुंबई, नागपुर सहित कई अन्य लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया था.

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Sunday, April 9, 2023

धर्मांतरण कर ईसाई बने थे पी सी सिंह, फादर से बिशप बन किया करोड़ों का गबन, जानिए इनकी कहानी



धर्मांतरण कर ईसाई बने थे पी सी सिंह, फादर से बिशप बन किया करोड़ों का गबन, जानिए इनकी कहानी

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विनय जी. डेविड  9893221036

जबलपुर में द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के चेयरमैन बिशप पीसी सिंह के घर गुरुवार को आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ( EOW) ने छापा मारा। बिशप के घर से करीब 1.65 करोड़ की नगदी बरामद की गई है। एसबीआई की टीम ने नोटों को मशीन से गिना, जिसमें करोड़ों रुपये होने का खुलासा हुआ। ईसाई धर्मगुरु के घर से भारतीय रुपये के साथ ही विदेशी मुद्रा भी मिली है। बिशप के घर से 18 हजार यूएस डॉलर भी बरामद किए गए हैं, जिसका भारतीय मूल्य करीब 14.35 लाख रुपये है। फिलहाल बिशप पीसी सिंह जर्मनी में हैं।  

जानकारी के अनुसार बिशप पीसी सिंह पर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर मूल सोसाइटी का नाम बदलने और चेयरमैन रहते हुए करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपये धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर गबन करने का आरोप है। ईओडब्ल्यू की टीम उनके घर और ऑफिस में संबंधित दस्तावेजों के अतिरिक्त कुल 17 संपत्तियों के दस्तावेज, कुल 48 बैंक खातों से संबंधित दस्तावेज, नगद 1 करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपये, 18352 डॉलर, 118 पाउंड, कुल अस्सी लाख बहत्तर हज़ार के सोने के ज़ेवर प्राप्त हुए हैं। 



बिशप के घर छापे में क्या मिला 

जबलपुर के ईसाई धर्मगुरु बिशप पीसी सिंह बिहार के रहने वाले हैं। धर्मांतरण कर वे ईसाई बने थे। पीसी सिंह  हायर एजुकेशन के दौरान ईसाई धर्म स्वीकार किया था। जिसके बाद उन्हें पास्टर की शिक्षा के लिए दिल्ली भेजा गया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें जबलपुर आ गए। जहां वे एक चर्च में पांच साल तक फादर बने रहे। फादर से वे बिशप बने और इसके बाद उन्होंने बच्चों के फीस के पैसों को धार्मिक संस्थाओं पर खर्च कर करीब 2.7 करोड़ का गबन किया। EOW के छापे में घर पर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है।  

48 बैंक खाते मिले 

EOW की कार्रवाई में कुल 17 संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। बिशप और परिवार के 48 बैंक खाते मिले हैं। 80,72,000 रुपये के सोने के जेवर मिले हैं। उनके घर से 9 लग्जरी गाड़ियां जैसे इंडीवर कार, टोयोटा इनोवा, महिन्द्रा TUV 300, फोर्स ट्रेवलर, हुंडई सेंट्रो, डिस्कवरी, होंडा सिटी और रॉयल इनफील्ड मिली हैं। 32 महंगी घड़ियां, बेशकीमती कपड़े, 18 हजार डॉलर, सोने के जेवरात समेत कैश व अन्य सामान मिला। बिशप के विजयनगर-सालीवाड़ा में दो स्कूल हैं, जबकि जबलपुर के कटंगा, विजयनगर और नेपियर टाउन में उनके तीन मकान हैं। बिशप का बेटा पीयूष पॉल क्राइस्ट चर्च बॉय स्कूल का प्रिंसिपल है।



आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को शिकायत मिली थी, जिसकी जांच उप पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह से कराई गई थी। शिकायत में बिशप पी. सी. सिंह, चेयरमैन "द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस' जबलपुर के विरूद्ध कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तन करना तथा उसका चेयरमैन बनकर पद का दुरूपयोग करते हुए सोसायटी की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में प्राप्त होने वाली छात्रों की फीस की राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एवं स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप लगाये गये थे।

जांच में शैक्षणिक संस्थाओं से वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 के बीच लगभग दो करोड़ सत्तर लाख रुपये की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर इसका दुर्विनियोग करना तथा स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाए गए। शिकायत जांच में आये साक्ष्यों के आधार पर आरोपी बिशप पी. सी. सिंह, बी. एस. सोलंकी, तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एण्ड संस्थाएं जबलपुर के विरूद्ध धारा 406, 420, 468, 471,120बी भादंवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।



प्रकरण की जांच उप निरीक्षक विशाखा तिवारी कर रही हैं। प्रकरण की विवेचना के दौरान प्रकरण से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं गबन की राशि से अर्जित संपत्तियों की जानकारी जुटाने के लिए न्यायालय से विधिवत सर्च वारंट लेकर ईओडब्ल्यू ने गुरुवार सुबह बिशप पी. सी. सिंह के निवास बिशप हाउस, म.नं. 2131 नेपियर टाउन, जबलपुर एवं कार्यालय 2272, नेपियर टाउन, जबलपुर में तलाशी कार्रवाई की जा रही है।



चार्टर्ड प्लेन में सफर करता था बिशप पीसी सिंह

क्या है प्राइवेट जेट में सफर करने वाले ईसाई धर्मगुरु PC सिंह का D कंपनी कनेक्शन?

दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे रियाज भाटी से बिशप पीसी सिंह का कनेक्शन है. बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा 3 करोड़ रुपये में किया था, जिसका एग्रीमेंट मुंबई पुलिस ने रियाज भाटी से पूर्व में ही जब्त किया कर लिया है. क्या है प्राइवेट जेट में सफर करने वाले ईसाई धर्मगुरु PC सिंह का D कंपनी कनेक्शन? .

मध्य प्रदेश के जबलपुर में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) द्वारा द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया डायोसिस के बिशप पीसी सिंह के निवास एवं कार्यालय में की गई कार्रवाई के बाद रोज एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं, जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश के साथ देश के कई राज्यों में हो रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी समीक्षा बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को धर्मांतरण, पैसों का उपयोग कहां किया जाता था, इन सभी बिंदुओं पर जिला प्रशासन और ईओडब्ल्यू को जांच करने के निर्देश दिए हैं. 

 हालांकि धनकुबेर बिशप पीसी सिंह का अब एक और नया कनेक्शन सामने आया है. सूत्र बताते हैं कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे रियाज भाटी से भी बिशप पीसी सिंह का कनेक्शन है. बताया जा रहा है कि बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा तीन करोड़ रुपये में किया था, जिसका एग्रीमेंट मुंबई पुलिस ने रियाज भाटी से पूर्व में ही जब्त किया कर लिया है.

Tuesday, April 4, 2023

मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 3 अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल

 

मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 3 अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल


जबलपुर, मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 4अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल

Saturday, April 1, 2023

धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई आज 1 अप्रैल को जबलपुर कोर्ट में

 


धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल

*धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई आज 1 अप्रैल को जबलपुर कोर्ट में,*



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Friday, March 31, 2023

विवादित तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया के आपराधिक प्रकरण में जबलपुर न्यायालय में पेशी आज 31 मार्च को, कई आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज

 


विवादित तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया के आपराधिक प्रकरण में जबलपुर न्यायालय में पेशी आज 31 मार्च को, कई आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर कई आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज, शासकीय नियमों की उड़ रही धज्जियां

जबलपुर, तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज है, शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वो भी खेल मंत्री और संचालक की कृपा से लगातार मध्यप्रदेश तीरंदाजी अकैडमी में अपना कार्यकाल पूरा कर रहा है, आखिर शासकीय नियम के विरुद्ध इनको नौकरी से क्यों नहीं बर्खास्त किया गया l
विवादित कोच रिचपाल सलारिया पर नौकरी से बर्खास्त करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट जबलपुर में भी प्रकरण चल रहा है। साथ ही रिचपाल सलारिया पर थाना बड़ी ब्राह्मण जिला सांबा जम्मू में 2019 में अपराधिक प्रकरण दर्ज है जिसमें जम्मू की जिला सांबा कोर्ट से बेल लेकर जमानत पर हैं। रिचपाल पर जम्मू की कोर्ट में भी 2 प्रकरण विचाराधीन हैं जिसमें विभाग को बिना जानकारी दिए चुपचाप से पेशी करके वापस जबलपुर आ जाता है। भोपाल खेल विभाग को इसकी जानकारी कानोकान भनक भी नहीं होती और जबलपुर के खेल अधिकारी जानकारी को छुपा लेते है।

पुलिस डायरी के अनुसार लॉर्डगंज थाने जबलपुर में 12 जनवरी 2021 को अपराध क्रमांक 38 / 2021 धारा 294, 223, 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ, मुकदमा दर्ज होने के बाद रिछपाल सलारिया की गिरफ्तारी हुई एवं उसके खिलाफ माननीय न्यायालय कोर्ट नंबर और जज 22 - सिविल जज क्लास- I और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक प्रताप सिंह की अदालत में 23 जून 2021 को आरसीटी 3314 / 2021 चालान पेश किया गया. इस प्रकरण में आज 31 मार्च 2023 को माननीय न्यायालय में पेशी नियत है.

लगातार न्यायालय में सुनवाई चल रही है परंतु जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जबलपुर आशीष पांडे का कहना है कि हमको तो किसी भी प्रकरण की जानकारी नहीं है। जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जबलपुर से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी चाहने पर उन्होंने लिखित जवाब दिया कि कि तीरंदाजी कोच रिचपाल सलारिया पर किसी भी प्रकार का कोई प्रकरण दर्ज नहीं है, आखिरी विभाग की क्या मजबूरी है कि वह रिचपाल सलारिया पर प्रकरण दर्ज होने की सही जानकारी छुपा रहा है

पूर्व डीएसओ ने संचालक खेल विभाग को प्रकरण की गलत जानकारी

जबलपुर खेल और युवा कल्याण विभाग जिला जबलपुर के डीएसओ ने 2021 में एक प्रमाण पत्र जारी कर अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी रिचपाल सलारिया को क्लीन चिट देते हुए संचालक खेल भोपाल को गलत जानकारी से अवगत कराया था कि रिछपाल सलारिया के ऊपर किसी भी प्रकार का कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है उक्त प्रमाण पत्र के आधार पर रिचपाल सलारिया ने 2021 में बकायदा भोपाल से नई पदस्थापना प्राप्त कर ली और एग्रीमेंट करके आज मध्यप्रदेश तीरंदाजी अकैडमी में प्रमुख कोच के पद पर पदस्थ हैं. डीएसओ की गलत जानकारी की वजह से रिचपाल सलारिया प्रतिमाह 1 लाख 50 हजार वेतनमान लेकर दो साल से मजे कर रहा हैं।



Thursday, March 30, 2023

फर्जी पुलिस बन नौकरीपेशा महिलाओं से शादी का झांसा देने वाला आरोपी गिरफतार


फर्जी पुलिस बन नौकरीपेशा महिलाओं से शादी का झांसा देने वाला आरोपी गिरफतार 


बिलासपुर से हनीफ मेमन

फर्जी पुलिस बनकर पुलिस वर्दी पहन कर धोखाधड़ी वा घौस जमाने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है बिलासपुर जिले के तखतपुर थाने के अंतर्गत भोरकछार रहनेने वाला आरोपी छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का पीएसओ बताता था और अपनी ऊंची पहुंच पता कर लोगों को सरकारी नौकरी लगवाने चर्चा नरसी का अवैध कारोबार कराने के झांसे में ले रहा था

आरोपी के कब्जे से पुलिस वर्दी पुलिस बैच बेल्ट कैप जूता नकली पिस्टल पुलिस आई कार्ड वीआईपी सुरक्षा कमांडेंट रायपुर का फर्जी सील स्टांप पुलिस ने जप्त किया है पुलिस को जैसे ही फर्जी पुलिस द्वारा ठगी किए जाने की सूचना मिली तत्काल बिलासपुर की एससी सी यू की टीम ने आरोपी यस कुमार यादव 37 वर्ष ‍ पिता फूलचंद को गिरफ्तार कर लिया पुलिस आरोपी को जब गिरफ्तार करी रैंक एच सी पीसीओ 490 बीओबी 7 5 1985 डेट ऑफ जॉइनिंग 15 जून 2010 बी ग्रुप बी ई लिखा हुआ था

फर्जी पुलिस बनकर आरोपी शिक्षीकाको को अपने प्रेम जाल में फंसा कर धोखे से उसके साथ शादी किया और उसके पैसे से महगीकार ले लिया और में बैठकर घुमता वा पुलिस का रौब दिखाता था महिला शिक्षिका को विश्वास में लेकर कोरबा में मकान भी बनवा रहा था

आरोपी द्वारा इसी दौरान एक अन्य बैंक कर्मी महिला को भी अपने जाल में फर्जी पुलिस बनकर फंसाया उससे भी आर्य समाज में शादी कर लिया रक्षा दोनों पत्नियों के साथ अलग अलग रहता था आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह अपनी ऊंची पहुंच बताकर व फर्जी पुलिस बनकर दो शादियां किया पुलिस ने आरोपी को‌ गिरफ्तार कर‌ लिया है

Tuesday, March 28, 2023

उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा, जाने क्या है पूरा सच


उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा, जाने क्या है पूरा सच 


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प्रयागराज (यूपी):  उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद, दिनेश पासी और उसके वकील खान सौलत हनीफ को दोषी करार दिया गया है. एमपी/एमएलए कोर्ट ने सभी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही तीनों पर पांच-पांच हजार का जुर्माना भी लगाया गया

आज मंगलवार को प्रयागराज की कोर्ट ने अतीक को उमेश पाल अपहरण मामले में दोषी करार दिया. इस दौरान अतीक के साथ-साथ दिनेश पासी और शौकत हनीफ भी दोषी करार दिए गए. इसमें ध्यान देने वाली बता यह है कि इस दौरान अतीक के भाई अशरफ समेत 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया. वहीं, कोर्ट ने अतीक समेत अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा का ऐलान किया है.

बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को हुई हत्या के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्या का चश्मदीद था. उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था. अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. मामले में अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र है.

फूलपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अतीक अहमद को जून 2019 में गुजरात की साबरमती केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था. उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगने के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया था. अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है.

अधिकारियों ने बताया कि जुलाई 2020 से बरेली जिला जेल में बंद अशरफ को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार शाम नैनी केंद्रीय जेल लाया गया. उसके साथ पुलिस की एक टीम सोमवार सुबह बरेली से प्रयागराज के लिए रवाना हुई.

आपको बता दें कि अहमद और अशरफ पर उमेश पाल की पिछले महीने हुई हत्या के मामले में साजिश में शामिल होने का भी आरोप है. उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

Monday, March 27, 2023

CG : बोर खनन के लिए अनुमति अनिवार्य - कलेक्टर


CG : बोर खनन के लिए अनुमति अनिवार्य - कलेक्टर

 मुंगेली से हनीफ मेमन की रिपोर्ट

कलेक्टर श्री राहुल देव ने आदेश जारी कर ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिले में बोर खनन के लिए अनुमति लेना अनिवार्य किया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ पेयजल परीक्षण अधिनियम 1986-1987 की धारा-03 के तहत प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत जिले को आगामी आदेश तक जल अभाव क्षेत्र घोषित किया है।

बिना अनुमति के बोर खनन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए अधिनियम की धारा-06 के अंतर्गत नलकूप खनन हेतु अनुमति प्रदान करने के लिए अतिरिक्त कलेक्टर को प्राधिकृत अधिकारी अधिकृत किया है एवं अतिरिक्त कलेक्टर की अध्यक्षता में दो सदस्यीय टीम समिति का गठन किया है। जिनमें राजस्व अनुविभाग मुंगेली, लोरमी और पथरिया अंतर्गत तीनों अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को प्राधिकृत किया गया है।

उन्होंने कहा है कि सक्षम अधिकारी के बिना पूर्वानुमति के नया नलकूप पेयजल अथवा पेयजल के अलावा किसी अन्य प्रयोजन के लिए खनन नहीं किया जा सकेगा। नलकूप खनन संबंधी अनुमति हेतु संबंधित अधिकारी राजस्व के कार्यालय में 02 रूपए की शुल्क जमा कर कार्यालयीन समयावधि में आवेदनकर्ता आवेदन पत्र प्राप्त कर सकता है।

निर्धारित आवेदन पत्र में आवश्यक दस्तावेज एवं जानकारी सहित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के खण्ड कार्यालय में कार्यालयीन समय पर आवेदन जमा किया जा सकता है। जिसके पश्चात 10 दिवस के भीतर छानबीन कर उपयुक्त पाए जाने पर आवेदनकर्ता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड मुंगेली कार्यालय से अनुमति प्राप्त कर सकता है।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी को सम्पूर्ण जिले में और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों को केवल पेयजल हेतु अपने नगरीय निकाय की सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में नलकूप खनन हेतु अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें केवल इस अवधि में खनन कराए गए नलकूपों की जानकारी प्राधिकृत अधिकारी को भेजना होगा।

बीजेपी नेता और नीमच जिले की जावद जनपद का अध्यक्ष गोपाल चारण 50000 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ़्तार


बीजेपी नेता और नीमच जिले की जावद जनपद का अध्यक्ष गोपाल चारण 50000 रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ़्तार


नीमच। जिले में स्थित जावद जनपद पंचायत के अध्यक्ष को लोकायुक्त की टीम ने 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि ये अध्यक्ष भाजपा समर्थित हैं, और भाजपा के दिग्गज नेताओं के करीबी हैं। जनपद अध्यक्ष की गिरफ्तारी होते ही जिले में हड़कंप मच गया है।

नीमच के जावद जनपद अध्यक्ष गोपाल चारण रिश्वत को उज्जैन लोकायुक्त टीम ने 50,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत जावद अध्यक्ष गोपाल चारण को 50 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में आवेदक बलराम जाट पिता रामनारायण जाट निवासी ग्राम पंचायत खोर तहसील जावद जिला नीमच से ग्राम पंचायत खेड़ा राठौड़ में ई कक्ष भवन निर्माण की राशि 5,00,000 रुपए स्वीकृत करने के लिए 10 प्रतिशत के हिसाब से 50,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया हैं।

जिसमें लोकायुक्त टीम के बसंत श्रीवास्तव निरीक्षक लोकायुक्त और टीम ने तुरंत कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि जावद क्षेत्र में रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार हुए जावद जनपद अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के विश्वसनीय लोगों में से एक हैं। वहीं दूसरी और जिस सरपंच (शिकायतकर्ता) से रिश्वत मांगी गई थी, वह भी भाजपा से जुड़े हैं। लोगों का कहना है कि ये लोग भाजपा के खेमे से हैं।

Sunday, March 26, 2023

सीबीआइ जबलपुर टीम ने सीनियर डीएमई को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा

 


सीबीआइ जबलपुर टीम ने सीनियर डीएमई को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा

कटनी। सीबीआइ जबलपुर की टीम ने आरओएच वेस्ट सेंट्रल रेलवे एनकेजे के सीनियर डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर (डीएमई) को बुधवार को 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा है। उसने ग्वालियर के मशीन सप्लायर के बिल पास करने के एवज में रिश्वत मांगी थी। सीबीआइ की टीम पूछताछ करने के बाद उसको अपने साथ जबलपुर ले गई है। मामला दर्ज करने के साथ ही अलग-अलग टीमें उसकी संपत्ति की भी जांच कर रही हैं।

सीनियर डीएमई एसके सिंह के सरकारी आवास में जांच के दौरान सीबीआइ को एलआइसी व म्युचूअल फंड में निवेश के कागज सहित लगभग पांच लाख रुपये नकदी भी मिली है। सीबीआइ को वाराणसी में एक निजी अस्पताल निर्माणाधीन होने और भोपाल में दो फ्लैट और जबलपुर में भी प्रापर्टी होने की जानकारी मिली है। सीबीआइ की टीमें पैतृक निवास वाराणसी भी भेजी गई हैं।

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