Friday, November 27, 2015

मप्र पुलिस: 228 नगरनिरीक्षकों को डीएसपी बनाया

भोपाल।मप्र पुलिस मुख्यालय ने मंजूरी मिलते ही डीएसपी की प्रमोशन लिस्ट जारी कर दी है। कुल228 नगरनिरीक्षकों को डीएसपी बनाया गया है।
1.इंद्रवीर सिंह भदौरिया - भिंड से पीएचक्यू
2.धरमवीर सिंह - लोकायुक्त संगठन में यथावत
3.महेंद्र के शर्मा - आजाक मुरैना से पीएचक्यू
4.आरके रिछारिया - रीवा से पीएचक्यू
5.अखिल कुमार वर्मा - जबलपुर से पीएचयू
6.अभिमन्यु मिश्रा - सतना से पीएचक्यू
7.प्रमोद कुमार शर्मा - दूरसंचार भोपालसे पीएचक्यू
8.मनीष राजौरिया - श्योपुर से पीएचक्यू
9.धीरेंद्र एस चौहान - सतना से पीएचक्यू
10.बेतलदास आर्य - अशोकनगर से पीएचक्यू
11.शंकरसिंह पटेल - दूरसंचार भोपाल से पीएचक्यू
12.महेंद्र सिंह बड़गुर्जर - आजाक पीएचक्यू से पीएचक्यू
13.एआर नेगी - सीहोर से पीटीसी इंदौर
14.प्रदीप बख्शी - इंदौर से पीएचक्यू
15.अनिल तिवारी - सीहोर से पीएचक्यू
16.रविकुमार सिंह चौहान - जबलपुर से पीएचक्यू
17.अजय सिंह राठौर - अनूपपुर से पीएचक्यू
18.राकेश शंखवार - देवास से पीएचक्यू
19.सतीश कुमार चतुर्वेदी - जबलपुर से ईओडब्ल्यू
20.प्रकाश मिश्रा - राजगढ से पीएचक्यू
21.रामबाबू शर्मा - गुना से पीएचक्यू
22.बिट्टू शर्मा - प्रशिक्षण भोपाल से पीएचक्यू
23.राजेंद्र सिंह रघुवंशी - भोपाल से रेल मुख्यालय
24.संतोष कुमार निगम - कटनी से पीटीएस रीवा
25.अजीत पटेल - खंडवा से पीएचक्यू
26.अशोक तिवारी - इंदौर से पीएचक्यू
27.शैलेंद्र मार्टिन - जेएनपीए सागर सेपुलिस अकादमी भौंरी
28.श्रीनाथ एस बघेल - शहडोल से पीएचक्यू
29.कमल कुमार जैन - दूरसंचार भोपाल से पीएचक्यू
30.शालिगराम पाटीदार - नीमच से पीएचक्यू
31.भारतभूषण शर्मा - उज्जैन से पीएचक्यू
32.दिबाकर सिंह बघेल - धार से पीएचक्यू33.राजेश तोमर - ग्वालियर से पीटीएस तिगरा
34.रामदयाल मिश्रा - देवास से ईओडब्ल्यू
35.गंगाराम कसेटा - जबलपुर जीआरपी से पीएचक्यू
36.नंदकिशोर कोली - राजगढ़ से पीएचक्यू
37.रविप्रकाश सिंह भदौरिया - ग्वालियर से पीएचक्यू
38.वीरेंद्र कुमार मिश्रा - आजाक भोपालसे पीएचक्यू
39.धर्मेंद्र एस तोमर - शिवपुरी से पीएचक्यू
40.हरीशंकर तिवारी - श्योपुर से पीएचक्यू
41.कीर्ति कुमार अग्रवाल - लोकायुक्त संगठन में यथावत
42.प्रवीण कुमार जैन - जबलपुर से पीएचक्यू
43.प्रशांत मुकादम - लोकायुक्त संगठन से पीएचक्यू
44.वीके विश्वकर्मा - ईओडब्ल्यू मंेें यथावत
45.नवलकिशोर यादव - पीटीएस सागर से लोकायुक्त संगठन
46.देवेेंद्र कुमार सैनी - उज्जैन से पीएचक्यू
47.चंदन सिंह सूरमा - राजगढ से पीएचक्यू
48.अनिल कुमार शुक्ला - ग्वालियर पीएक्यू
49.राजेंद्र प्रसाद मिश्रा - ग्वालियर से पीएचक्यू
50.राजेश सिंह राठौर - शिवपुरी से पीएचक्यू
51.अरविंद कुमार तिवारी - उमरिया से पीएचक्यू
52.धरमराज सूर्यवंशी - उज्जैन से पीएचक्यू
53.शिवचरण दीक्षित - विदिशा से पीएचक्यू
54.राकेश मोहन शुक्ला - उज्जैन से पीएचक्यू
55.भूपेंद्र सिंह - भोपाल से पीएचक्यू
56.उमेश कुमार - मुरैना से पीएचक्यू
57.शंकरलाल सेनिया - खंडवा से लोकायुक्त संगठन
58.दिलीप कुमार झरवड़े - होशंगाबाद से लोकायुक्त
59.सुरेश शैजवार - भोपाल से पीएचक्यू
60.लक्ष्मण अनुरागी - सागर से पीएचक्यू
61.आनंद राहा - शिवपुरी से पीएचक्यू
62.शिवकुमार सिंह - बैतूल से पीएचक्यू
63.संजय चतुर्वेदी - इंदौर से पीएचक्यू
64.विनोद कुमार शर्मा - आजाक इंदौर से पीएचक्यू
65.रविशंकर पांडे - रीवा से पीएचक्यू
66.ओमप्रकाश शर्मा - मंदसौर से पीएचक्यू
67.गोपाल सिंह चौहान - भोपाल से पीएचक्यू
68.मनोज कुमार रत्नाकर - इंदौर से रेल मुख्यालय69.त्रिलोक सिंह तोमर - देवास से पीएचक्यू70.दिलीप जोशी - देवास पीएचक्यू71.एसएल सिसौदिया - राजगढ से पीएचक्यू72.मुकेश के अविंदा - जबलपुर से पीएचक्यू73.देवलाल प्रेमकिशोर - आजाक से पीएचक्यू74.शशिभूषण सिंह - गुना से पीएचक्यू75.राजेंद्र बाबू शर्मा - लोकायुक्त संगठन यथावत76.शैलेंद्र श्रीवास्तव - इंदौर से पीएचक्यू77.कृष्णकुमार वर्मा - एससीआरबी से पीएचक्यू78.अभयराम चौधरी - बैतूल से पीएचक्यू79.वीरेंद्र सिंह कुशवाह - मुरैना से पीएचक्यू80.भारतभूषण चौधरी - धार से पीएचक्यू81.कौशल सिंह - नरसिंहपुर से पीएचक्यू82.लक्ष्मण सिंह गुर्जर - मंदसौर से पीएचक्यू83.जितेंद्र कुमार शिंदे - जीआरपी भोापल से पीएचक्यू84.देवीसिंह ठाकुर - सिवनी से पीएचक्यू85.अनवर सिंह चंद्रवंशी - खरगोन से पीएचक्यू86.अंतर सिंह जामरा - सीआईडी से पीएचक्यू87.खुमान सिंह - जबलपुर से पीएचक्यू88.लालदेव सिंह - अनूपपुर से पीएचक्यू89.कलावती डामोर - नारकोटिक्स इंदौर सेपीएचक्यू90.शिवनंदन कुमरे - सतना से पीएचक्यू91.ओमदास टांडिमा - सागर से पीएचक्यू92.लेखराम सिंह - मंडला से पीएचक्यू93.काशीराम करवेती - अनूपपुर से पीएचक्यू94.भानुमति उईके - छिंदवाड़ा से पीएचक्यू95.मानसिंह चौहान - पीटीएस पचमढ़ी से पीएचक्यू96.लक्ष्मी कश्यप - होशंगाबाद से पीटीएस पचमढी97.फूलचंद टेकाम - छिंदवाड़ा से पीएचक्यू98.फहाड़ सिंह कन्नाौजे - बड़वानी से पीएचक्यू99.दिनेश सिंह चौहान - आजाक खंडवा से पीएचक्यू100.प्रेमनारायण गोयल - ईओडब्ल्यू मेंयथावत101.अनिरुध्द भाटिया - धार से ईओडब्ल्यू102.लोकेश कुमार मार्को - आजाक बालाघाट से पीएचक्यू103.जौहरीलाल इनावाती - एससीआरबी से पीएचक्यू104.राजेश सूलिया - बुरहानपुर से पीएचक्यू105.दिनेशचंद्र पटषल - लोकायुक्त में यथावत106.त्रिलोक चंद्र पवार - नीमच से पीएचक्यू107.पुरषोत्तम सिंह मरावी- खंडवा से पीएचक्यू108.मेहंती मराबी - लोकायुक्त से पीएचक्यू109.उमाकांति आर्मो - जबलपुर से पीएचक्यू110.उमराव सिंह - जबलपुर से जेएनपीए सागर111.शिवदास सिंह सोलंकी - खरगोन से पीएचक्यू112.मोहनलाल पुरोहित - रतलाम से पीएचक्यू113.देवसर पुरोहित - अलीराजपुर से पीएचक्यू114.इंदुशोभा सैनी - जेएनपीए सागर यथावत115.घनश्याम प्रसाद दुबे - भोपाल से पीएचक्यू116.भंवर सिंह सिसौदिया - नीमच से पीएचक्यू117.जगदीश भट्ट - ग्वालियर से पीएचक्यू118.मोहन सारवाल - भोपाल से पीएचक्यू119.रमेश कुमार गहलोत - ध्ाार से पीएचक्यू120.संजय जैन - भोपाल से पीएचक्यू121.बबीता बामनिया - रायसेन से पीएचक्यू122.राजेश गुप्ता - पीटीएस तिगरा से पीएचक्यू123.मो असलम खान - उमरिया से पीएचक्यू124.जिया खुर्शीद खान - रीवा से पीएचक्यू125.ओमप्रकाश त्रिपाठी - ईओडब्ल्यू यथावत126.पूरनमल जैन - मुरैना से पीएचक्यू127.नरेंद्र सिंह गहरवाल - इंदौर से लोकायुक्त संगठन128.प्रदीप रामावत - इंदौर से पीएचक्यू129.राघवेंद्र सिंह परमार - ग्वालियर से पीएचक्यू130.नरेंद्र सिंह राठौर - रायसेन से लोकायुक्त संगठन131.अनिलकुमार त्रिपाठी - सीहोर से पीएचक्यू132.कृपाशंकर द्विवेदी - जबलपुर से पीएचक्यू133.बद्रीप्रसाद तिवारी - आजाक गुना से पीएचक्यू134.उपेंद्र नारायण परिहार - पीटीएस तिगरा से पीएचक्यू135.टीकाराम पटैैैैरिया - छतरपुर से पीएचक्यू136.रामचंद्र भाकर - एससीआरबी से पीएचक्यू137.महेंद्र मालवीय - भोपाल से पीएचक्यू138.बद्रीप्रसाद वर्मा - खंडवा से पीएचक्यू139.विजय पुंज - छिंदवाड़ा से पीएचक्यू140.सुदेश कुमार सिंह - दमोह से यातायात जबलपुर141.रामेश्वर प्रसाद चौबे - धार से पीटीसी इंदौर142.दिनेश सिंह - भोपाल से पीटीसी इंदौर143.मुकेश दीक्षित - देवास से पीटीएस पचमढ़ी144.विनोद पांडे - होशंगाबाद से तिगरा145.संतोष मिश्रा - रायसेन से पीएचक्यू146.अजय सिंह चौेहान - दतिया से ग्वालियर147.पंकज परमार -बालाघाट से जबलपुर148.सुनील कुमार - शाजापुर से इंदौर149.संतोष शुक्ला - खंडवा से भौरी भोापल150.मोहित कुमार बडवंकर - इंदौर से पीएचक्यू151.अजय वाजपेयी - भोपाल से पुलिस लाइनभोापल152.विजय सिंह भदौरिया -मुरैना से तिगरा153.किरण कुमार शर्मा - उज्जैन से पुलिस लाइन उज्जैन154.नितिन दीक्षित - उज्जैन से पीएचक्यू155.पराग खरे - बड़वानी से पीएचक्यू156.आंनद स्वरूप सोनी - कटनी से उमरिया157.महेंद्र सिंह चौहान - टीकमगढ से जेएनपीसागर158.उमाकांत चौधरी - बुरहानपुर से पीएचक्यू159.एसएस रिजवी - इंदौर से पीएचक्यू160.राजेश गुरू - भोापल से ईओडल्यू161.रामबाबू पाठक - 23वीं वाहिनी भोपाल से पीएचक्यू162.रविश श्रीवास्तव - छिंदवाड़ा से पीएचक्यू163.सुरेश सिंह यादव - मुरैना से 7वी बटालियन भिंड164.संजय पोद्दार - ग्वालियर से हाइकोर्ट ग्वालियर165.महादेव बर्मन - दतिया से 23वीं बटालियन भोपाल166.भवेंद्र गोयल - 15वीं वाहिनी इंदौर से हाइकोर्ट इंदौर167.रामानंद मोगलिया - ग्वालियर से दतिया168.नारायण चौधरी - ग्वालियर से 17वी बटालियन भिंड169.पुष्पेंद्र आठिया - धार से 32 वीं बटालियन उज्जैन170.महेंद्र सूर्यवंशी - इंदौर से 26वी बटालियन गुना171.विनोद चंदेल - इंदौर से 32वीं बटालियन उज्जैन172.प्रवीण बघेल - इंदौर से पहली वाहिनी इंदौर173.तरूण कुमार पटले - भोपाल से हाकफोर्स भोपाल174.भैयालाल प्रजापति - भोपाल से पीएचक्यू175.अजीत शाक्य - द्वितीय बटालियन ग्वालियर से हाक फोर्स176.नंदकिशोर मालवीय - 32वीं वाहिनी उज्जैन से 34वीं वाहिनी धार177.संतोष हाडा - उज्जैन से हाकफोर्स178.राजेश खेड़े - धार से हाकफोर्स179.अजय बहादुर- धार से जावरा180.शैलेंद्र सिंह ठाकुर - धार से हाकफोर्स181.नरेंद्र बैस - छिंदवाड़ा से 6वीं बटालियन जबलपुर182.दिलीप चंद्र छारी - ग्वालियर से 14वीं बटालियन ग्वालियर183.प्रधुम्न पाराशर - ग्वालियर से हाक फोर्स184.प्रवीण सिंह परिहार - ग्वालियर से शिवपुरी185.शाहिद अहमद - 29 वीं बटालियन दतिया से 23वीं वाहिनी मंडला186.शिवजी ओझा - भोपाल से पीएचक्यू187.मनोज जयमौला - इंदौर से भौंरी भोपाल188.जयदीप सूद - भोापल से हाकफोर्स189.इंद्रजीत छाबड़ा - भोपाल से हाकफोर्स190.प्रहलाद सिंह - 10वीं वाहिनी सागरयथावत191.मानसिंह - गुना से 35वीं बटालियन मंडला192.श्रीपत धुर्वे - 8वीं बटालियन छिंदवाड़ा यथावत193.शिवकुमार विल्सन - 6वीं वाहिनी जबलपुर यथावत194.सीएम बरकडे - मंडला से 36वीं बटालियन बालाघाट195.फोर्नियस मिंज - भोपाल से पीएचक्यू196.किशोर खड़तोरकर - भोपाल से डायल- 100197.धरमवीर सिंह - रेडियो से डायल 100198.दिनेश ठाकुर - छिंदवाड़ा से रेडियो छिंदवाड़ा199.संजीव कुमार दुबे - रेडियो से डायल100200.घनश्याम सिंह - पीआरटीएस इंदौर यथावत201.फन्नाालाल तिवारी - रेडियो मंडला से डीएसपी रेडियो शहडोल202.संजय नामदेव - रेडियो सागर से रेडियो होशंगाबाद203.सुभाष सिंह - रेडियो इंदौर से पीआरटीएस इंदौर204.महावीर श्रीवास्तव - रेडियो ग्वालियर यथावत205.नरेशदयाल सक्सेना - एससीआरबी भोपाल से डायल 100 भोपाल206.संजीव नागर - दतिया से विशेष शाखा (एसबी) पीएचक्यू207.अरूण कुमार मिश्रा - सीधी से एसबी पीएचक्यू208.राकेश पाठक - छतरपुर से एसबी पीएचक्यू209.भागीरथ मालवीय - भोपाल से एसबी पीएचक्यू210.ओमप्रकाश श्रीवास्तव - भोपाल से एसबी पीएचक्यू211.सुरेंद्र सिंह सिकरवार - भोपाल से एसबी पीएचक्यू212.विजयकुमार मिश्रा - प्रशिक्षण भोपाल से एसबी पीएचक्यू213.जितेंद्र सिंह कुशवाह - एसटीएफ भोापाल से एसबी पीएचक्यू214.संजय सिंह ठाकुुर - एटीएस भोपाल सेएसबी पीएचक्यू215.राजेंद्र कुमार खंगार - गुना से एसबी पीएचक्यू216.महेश मरगावे - झाबुआ से एसबी पीएचक्यू217.रामलाल शाहिदे - खरगोन से एसबी पीएचक्यू218.शिवचरण आर्य - विसबल इंदौर से पीएचक्यू219.तसलीम खान - भोपाल से पीएचक्य

Sunday, November 22, 2015

डाक्टरों ने नंबर दो में लिए करोड़ों रुपए

Toc news
भोपाल.  जबलपुर में अस्पताल और शैक्षणिक संस्थान चलाने वालो दो समूहों ने आयकर छापामारी के पांचवें दिन अपनी ओर से 50 करोड़ रुपए सरेंडर कर दिए। 35 में से ज्यादातर ठिकानों पर देर रात तक छानबीन पूरी हो गई। आयकर अफसरों ने ऐसे दस्तावेज जब्त किए हैं जिनमें अनेक डॉक्टरों के नाम पर करोड़ों रुपए का लेनदेन दर्ज है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अघोषित संपत्ति का दायरा 100 करोड़ से अधिक निकलने की संभावना है।

आयकर अफसरों को जबलपुर हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर एवं मेट्रो हास्पिटल समूह व उनसे जुड़े अन्य संस्था संचालकों के बही-खाते, कम्प्यूटर व लैपटॉप में जो ब्योरा मिला है उसमें जबलपुर के 12-14 ऐसे डाक्टरों के नाम पते भी मिले हैं, जिन्हें इन्होंने कालेधन के रूप में करोड़ों रुपए का भुगतान किया। विभाग ने ऐसे डाक्टरों की सूची तैयार कर ली है, साथ ही उनके बैंक अकाउंट्स और संपत्ति का ब्योरा भी खंगाला जा रहा है। इनमें से एक वरिष्ठ डॉक्टर के यहां दो दिन पहले छापे की कार्रवाई भी शुरू की गई जो कि शनिवार देर रात पूरी हो गई।

चौंकाने वाले दस्तावेज
नर्सिंग इंस्टीट्यूट, फार्मास्युटिकल फर्म और मेडिकल स्टोर्स से भी अनेक चौंकाने वाले दस्तावेज मिले हैं। मेडिकल और पैरा मेडिकल यूनिट्स संचालन में ये समूह ट्रस्ट के तहत मिलने वाले फायदे ले रहे हैं, लेकिन नियमों का उल्लंघन भी करते पाए गए। इनमें सत्य साईं कैंसर सोसायटी का नाम भी दस्तावेजों में सामने आया है।

होगी टैक्स वसूली
आयकर सूत्रों का कहना है कि दोनों समूहों ने स्वेच्छा से 50 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति पर टैक्स देने पर सहमति जताई है। लेकिन दस्तावेजों की छानबीन में अस्पताल समूहों और उनसे जुड़े डाक्टर व अन्य कारोबारियों के यहां 100 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति मिलने की संभावना है। विभागीय अफसर दस्तावेजों की छानबीन के बाद टैक्स एवं जुर्माना वसूलने की कार्रवाई करेंगे

हर जिला मुख्यालय पर बनेगा तीन मंजिल मीडिया सेंटर

पत्रकारो को सीएम अखिलेश का तोहफा
Toc news

उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार पत्रकारों को तोहफा देने के मूड में है। दरअसल खबर है कि प्रदेश के हर जिले में सरकार तीन मंजिला मीडिया सेंटर की स्थापना की योजना बना रही है। इस मीडिया सेंटर में जिला सूचना कार्यालय, प्रेस क्लब शासन और प्रशासन के अधिकारियों और पत्रकार लोगों के बैठने के लिए मीटिंग हाल होगा।
इस योजना को अम्लीय जामा पहनाने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक ने राजकीय निर्माण निगम से मीडिया सेंटर के लिए भूमि, नक्शा और ऐस्टीमेट मांगा है।
प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक आशुतोष निरंजन ने प्रदेश के सभी डीएम को पत्र भेजकर ये जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के सभी जिलों में एक प्रेस मीडिया सेंटर की स्थापना की अनुमति दी है, जो तीन मंजिला होगी और इस भवन में जिला सूचना कार्यालय, जनसामान्य एवं मीडिया के लोगों के लिए जिला सूचना केंद्र, प्रेस क्लब शासन और प्रशासन के प्रतिनिधियों और अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों की सुविधा के लिए मीडिया हाल का निर्माण होगा।

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Friday, November 20, 2015

लालू के बेटे तेजस्वी यादव के सिर पर है 34 लाख का लोन..

पहली गेंद पर छक्का जड़ने वाले लालू के बेटे तेजस्वी यादव के सिर पर है 34 लाख का लोन..            
          पटना: राष्ट्रीय जनता दल     (जेडीयू) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव को ही पार्टी विधायक दल का नेता बनाया जाएगा। पहली बार विधायक बने तेजस्वी नवगठित विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के प्रमुख बन जाएंगे, साथ ही मुख्यमंत्री पद की फिर से शपथ लेने वाले नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में भी उन्हें शामिल किए जाने के रास्ता साफ हो जाएगा।

ऐसा कहा जा रहा है कि तेजस्वी को राज्य का उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है। बिहार की राजनीति के इस अहम शख्स ने राघोपुर सीट से चुनाव लड़ा था और नामांकन भरने के दौरान उन्होंने खुद को नवीं पास बताया था। दिलचस्प बात ये है कि पहली गेंद पर ही छक्का जड़ने वाले तेजस्वी ने अपने जन्मदिन के दिन ही अपनी पहली चुनावी जीत दर्ज की थी।

करोड़ों की संपत्ति के मालिक
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी भले ही मैट्रिक पास ना हो, लेकिन वह करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। तेजस्वी यादव ने 2014-15 के सालाना आयकर रिटर्न में 5,08,019 की आमदनी बताई है। उन्होंने अपनी कुल संपत्ति करीब एक करोड़ चालीस लाख रुपये बताई है। इसके साथ ही तेजस्वी ने बताया कि उनके पास एक लाख बीस हजार नकद है, जबकि उन्होंने 34 लाख रुपये का बैंक लोन ले रखा है।

चुनाव के लिए हलफनामे में तेजस्वी ने खुद को पेशे से समाजसेवी और व्यवसायी बताया था। अलग-अलग बैंको में सात बैंक अकॉउंट रखने वाले तेजस्वी ने कई कंपनियों में भी निवेश कर रखा है और उनके पास दस तोला सोने के जेवर भी हैं। इसके साथ ही उन्होंने खुद पर एक संज्ञेय अपराध का मामला होने का भी जिक्र किया है।

राघोपुर और महुआ में जीते तेजस्वी व तेज प्रताप

गौरतलब है कि इस बार के चुनाव के ज़रिए तेजस्वी ने पहली बार राजनीति में अपनी क़िस्मत आज़माई। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे राजद प्रमुख लालू प्रसाद के परिवार के लिए दोहरी खुशी लेकर आए। महागठबंधन को बड़ी जीत मिलने के साथ ही उनके दोनों बेटों ने भी अपने जीवन के पहले चुनाव में विजय हासिल की। लालू के दोनों बेटों तेजस्वी प्रसाद यादव और तेज प्रताप यादव ने अपने-अपने क्षेत्रों से जीत हासिल की।
तेजस्वी ने राघोपुर में भाजपा के सतीश कुमार को 22,733 मतों से पराजित किया। अतीत में लालू और उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। राघोपुर की सीट से उनके पिता लालू यादव और मां राबड़ी देवी दो-दो बार विधायक रह चुके हैं।

Thursday, November 19, 2015

भतीजे ने संबंध बनाने से किया इनकार, आंटी ने काटा गुप्तांग

Toc News
मुंबई। रिश्तों की गरिमा को मुंबई के मोरेगांव में महिला ने तार-तार कर दिया। यहां चाची ने अपने ही भतीजे के साथ शारीरिक संबंध का दबाव डाला लेकिन जब भतीजे ने इनकार किया तो उसे चाकू मार दिया।

पति का किसी और से अफेयर होना, पत्‍नी के प्रति क्रूरता नहीं: सुप्रीम कोर्ट

नाला सोपारा में रहने वाले 30 वर्षीय जितेंद्र विश्वकर्मा को अपनी ही चाची की विभत्सता का शिकार होना पड़ा। वहीं जब जितेंद्र को खून से लथपथ उनकी पत्नी ने देखा तो उन्होंने आनन फानन में पुलिस को फोन करके जितेंद्र को अस्पताल पहुंचाया।
दरअसल जीतेंद्र जब एक काम के सिलसिले में भोपाल गये थे, वहां उनकी मुलाकात उनकी आंटी रीना से हुई। पुलिस के मुताबिक जीतेंद्र और रीना के बीच तीन महीने तक अवैध संबंध रहा।

वहीं जब जीतेंद्र वापस अपने घर मुंबई लौटा तो उसकी आंटी रीना भी कुछ दिन बाद मुंबई आ गयी। जीतेंद्र और उसकी आंटी रीना के बीच संबंध की भनक जीतेंद्र की पत्नी को लग गयी थी।
लेकिन जब जीतेंद्र की आंटी रीना मुंबई वापस आयी तो उसने जीतेंद्र को अपनी पत्नी से संबंध खत्म करके उसके साथ रहने को कहा लेकिन किसी तरह से जीतेंद्र ने अपनी अपनी पत्नी को इस बात के लिए मना लिया कि वह रीना को उसके घर में ही रहने दे।

इस बीच मुंबई में अपने घर में भी जीतेंद्र का अपनी आंटी रीना के साथ संबंध कायम रहा। लेकिन जब रविवार को जीतेंद्र ने अपनी आंटी से संबंध बनाने से इनकार किया तो रीना ने जीतेंद्र का गुप्तांग ब्लेट से काट दिया। यही नहीं उसने जीतेंद्र के पेट और पीठ पर चाकू से वार किया।
जीतेंद्र बुरी तरह से जख्मी हो गए।

आदेश मप्र सरकार का, कलेक्टर की हुई छिछालेदारी, आदेश में टीवी का जिक्र नही


राजगढ़ । जिले के विभिन्न तहसीलदारों को फसल क्षतिपूर्ति मुआवजे के सर्वेदल को निर्देश देने सम्बंधित आदेश भले ही कलेक्टर ने दिया हो लेकिन यह आदेश आया तो मप्र शासन से ही साथ ही उस आदेश में कहीं भी एसा नही लिखा हुआ था की जिस किसान के घर टीवी होगी उस किसान को मुआवजा नही मिलेगा।  लेकिन कल गंगाजल न्यूज की खबर प्रकाशन के बाद विभिन्न टीवी चैनल एवं मिडिया ने तोड़ मरोड़ कर खबर को पेश किया । यही वजह है की राजस्वमंत्री रामपालसिंह भी आज अपने बयानों में कलेक्टर राजगढ़ से नाराज दिखे , जबकि वास्तविक आदेश में 18 बिंदु दिए गए हैं । हालांकी उन 18 बिन्दुओ को अगर मान्य किया गया तो प्रदेश का एक भी किसान फसल क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने की श्रेणी में नही आएगा ।

यह है वो 18 बिंदु ।

1. शासकीय सेवक
2. सेवा निवर्त शासकीय सेवक
3. व्यापारी
4. प्राइवेट स्कुल संचालक
5. पेट्रोल पम्प संचालक
6. गैस एजेंसी संचालक
7. पुजारी अथवा धार्मिक स्थल पर सेवारत
8. अतिक्रामक
9. किसी भी राजनितिक दल का पदाधिकारी
10. सेवाभूमि धारक
11. पटेल
12. दूध डेयरी संचालक
13.आयकर एवं वृत्तिकर दाता
14. समस्त प्रकार के बड़े दूकानदार
15. ट्रेक्टर या चार पहिया वाहनधारी
16.खेती के अतिरिक्त अन्य कोई धंधाकार
17.क्रिमिलयेर के अंतर्गत आनेवाले खाता धारी
18. अन्य

एसईसीएल का अधिकारी एक लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार

TOC News @
शहडोल। सीबीआई की टीम ने एसईसीएल के अधिकारी को बुढ़ार में अपने ही कर्मचारी से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

सीबीआई से मिली जानकारी के अनुसार एसईसीएल का अधिकारी ज्योति बैनर्जी अपने ही एक कर्मचारी की विभागीय जांच कर रहा था। इसी जांच को कर्मचारी के पक्ष में करने अधिकारी ने कर्मचारी से एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसकी शिकायत कर्मचारी ने सीबीआई से कर दी थी। सीबीआई की टीम ने गुरुवार सुबह कार्रवाई करते हुए अधिकारी को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। कार्रवाई अभी जारी है।

Wednesday, November 18, 2015

नगर में रह रहे नागरिक नगरपालिका में पंजीयन कराएं एवं गंज बासौदा के मतदाता बनें-सक्सेना

Toc News
गंज बासौदा- अनेक वर्षों से कई गांवों के लोग गंज बासौदा में निवास कर रहे हैं यहाँ तक कि उन्होंने अपने मकान भी नगर के बिभिन्न वार्डों में बना लिए हैं उनके बच्चे भी गंज बासौदा में ही पढ़ रहे हैं कई वर्षों से नगर में रहने के कारण उनका भी अधिकार है कि वे अब नगरपालिका में ही अपना पंजीयन करा लें तथा जिस वार्ड में वे निवासरत हैं

उस वार्ड के सम्मानपूर्वक स्थानीय निवासी कहलायें एवं गंज बासौदा के चतुर्मुखी विकास में योगदान दें उक्त नैतिक कार्य से नगरपालिका गंज बासौदा के नागरिक  कहलाने का गौरव उन्हें  भी हासिल होगा तथा दो दो जगह गांव में व नगर में रहने के प्रमाणपत्र देने के संदेहास्पद घेरे में आने से भी बच जायेंगे क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता एवं गंज बासौदा को जिला बनाओ अभियान के संयोजक शैलेन्द्र सक्सेना ने उक्त विचार व्यक्त करते हुए  एवं जनहित में उक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि गंज बासौदा के चतुर्मुखी विकास एवं  निकट भविष्य में जिला बनने की  पूरी सम्भावना के मद्देनजर हजारों नागरिकों को जो वर्षों से नगर में बिभिन्न वार्डों में रह रहे हैं को इस कार्य को नगरपालिका के हित में नगर के विकासके हित में अवश्य करना चाहिए.

शैलेन्द्र सक्सेना ने बताया कि इस नगर एवं नगरपालिका के हित में अत्यंत लाभकारी कार्य  के लिए वे जन हित में यह मुहिम चला रहे हैं सभी सम्माननीय नागरिकों से पूर्ण सहयोग की अपेक्षा है यदि बिभिन्न वार्डों में रहने वाले नागरिकों की संख्या एक लाख से ऊपर हो जायेगी तो हम सभी मिल कर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं देश की सशक्त नेता व विदेशमन्त्री सांसद सुषमा स्वराज के सम्मुख गंज बासौदा  के चतुर्मुखी विकास के लिए  गंज बासौदा को जिला बनाने की जनहित कारी मांग का पक्ष प्रमुखता से रख पाएंगे एवं भविष्यमें हमारे नगर को भी जिला कहलाने का गौरव हासिल होगा.

पति की प्रताड़ना से तंग पंधाना विधायक ने तलाक मांगा

कोर्ट को दिए आवेदन में कहा-पति शराब पीकर गाली गलौज करता है

सदाकत पठान | खंडवा
Present by - toc ness
आए दिन मारपीट व गालीगलौज से तंग भाजपा विधायक योगिता बोरकर ने पति नवलसिंह बोरकर से तलाक मांगा है। नवलसिंह संघ और भाजपा से जुड़े रहे हैं। योगिता पंधाना विधायक है। उन्होंने धारा 13 हिंदू विवाह अधिनियम के तहत कुटुम्ब न्यायालय में हलफनामा पेश किया।

मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान केस नंबर 972 ए/15 रजिस्टर्ड किया। मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी 16 को होगी। विधायक द्वारा पेश किए हलफनामे में पति नवलसिंह पर आरोप लगाया है कि वर्ष 1996 में शादी के बाद से ही पति शराब पीकर गालीगलौज, मारपीट, चरित्र शंका, मानसिक व शारीरिक यातनाएं दे रहा है। 2013 में पंधाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित होने के बाद अधिकारियों व मंत्रियों से मिलना पड़ता है। पति नवलसिंह मारपीट कर झूठे लांछन लगाकर जान से मारने व दूसरी शादी करने की धमकी देते है। पति की प्रताड़ना से तंग होकर अपने चार बच्चों के साथ अलग रह रही हूं। इसके बावजूद वह विधायक निवास पर आकर मारपीट कर गालीगलौज करते है। पंधाना क्षेत्र के ग्राम धावड़िया की एक महिला से अवैध संबंध स्थापित कर विवाह करना चाहते है। पति को समझाने की तमाम कोशिशें नाकाम हो जाने के बाद ही विवाह विच्छेद कर अलग रहकर जीवन यापन करने का निर्णय लिया है।

विधायक पति ने कहा- उनकी मर्जी, मेरे नॉलेज में नहीं..

आपकी पत्नी योगिता बोरकर ने तलाक मांगा है, इस सवाल पर विधायक पति नवलसिंह ने कहा यह उनकी मर्जी है, यह बात मेरे नॉलेज में नहीं है, उनके मन में मेरे साथ रहने का नहीं होगा। मेरे जीवन में मुसीबत और संघर्ष लिखा है। लोगों के पीछे सरकारी नौकरी छोड़ दी। मेरी आदत में है, मैं समाजसेवी हूं। उन्हें यह सब पसंद नहीं है। इन्हीं कारणों से पहली प|ी ने तलाक ले लिया था लेकिन बाद में वह भी आ गई। महिला है महिला का ध्यान भटकता रहता है। परसो मामूली कहासुनी हुई थी।

अभी तो मैं उपचुनाव का प्रचार करने झाबुआ में हूं।

एक्सपर्ट कमेंट्स : विधायक ने केस वापस नहीं लिया तो हो सकता है तलाक अधिवक्ता देवेंद्रसिंह यादव, वीरेंद्र वर्मा के मुताबिक हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अनुच्छेद 142 के प्रावधानों का उपयोग कर दायर अर्जी पर दिए आधारों को प्रमाणित करने के लिए दस्तावेज व मौखिक साक्ष्य न्यायालय में पेश करना होगा। इसके अलावा विरोध पक्ष अपना जवाब प्रस्तुत करेगा, इसके लिए समय दिया जाएगा। दोनों के साक्ष्य व प्रमाण आने पर न्यायालय द्वारा परिशीलन उपरांत निराकरण कर निर्णय दिया जाता है। जिन आधारों पर तलाक मांगा है, अगर उन्हें न्यायालय में प्रमाणित कर दिया तो तलाक हो जाएगा।

थाने में भी दे चुकी है आवेदन..

विधायक ने एक माह पहले अजाक थाने में अावेदन दिया था। महिला सेल द्वारा जांच पड़ताल के बाद पति को समझाइश देकर समझौता करवा दिया। बाद में विधायक ने लिखित में दिया कि गुस्से में तलाक मांग लिया था। इससे पहले भी विधायक पति से तलाक के लिए आवेदन पेश कर चुकी है लेकिन समझौता और समझाइश के बाद मामला शांत हो जाता था। इस बार केस न्यायालय में रजिस्टर्ड हो गया। अब कोर्ट से ही निर्णय होगा।

मामला सार्वजनिक करने से कतराई विधायक, बोलीं- ऐसा कुछ नहीं
न्यायालय में हलफनामा पेश कर पति नवलसिंह से आपने तलाक मांगा है, इस सवाल पर विधायक ने कहा ऐसा कुछ नहीं है, आपको किसने बताया है।

यह कहा हलफनामे में

मैं योगिता पति नवलसिंह बोरकर (36) निवासी पंधाना जिला खंडवा शपथ पूर्वक कथन करती हूं। यह कि मैंने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत विवाह विच्छेद हेतु श्रीमान न्यायालय के समक्ष अावेदन पत्र प्रस्तुत किया है। आवेदन पत्र में मेरे द्वारा वर्णित समस्त कथन मेरे स्वज्ञान से सही व दुरुस्त हैं।

नवलसिंह बोरकर
योगिता बोरकर


⚡ खंडवा- पंधाना से BJP विधायक योगिता बोरकर ने की पति की शिकायत । मारपीट , गाली गलौच का लगाया आरोप । पति से तलाक माँगा । कुटुंब कोर्ट में 9 फरवरी को सुनवाई ।

सारणी पॉवर प्‍लांट में कन्‍वेयर बेल्‍ट का ढांचा ढहा, 7 मजदूर घायल

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बैतूल। सारणी में स्थित सतपुड़ा ताप विद्युत् गृह की पुरानी 5 इकाइयों को डिस्मेन्टल करने के दौरान कन्वेयर बेल्ट लाइन का ढांचा बुधवार सुबह 8.45 पर भरभराकर ढह गया। इसमें 7 मजदूर चपेट में आ गए। 2 मजदूर बुरी तरह फंस गए थे, जिन्हें हाइड्रा मशीन की मदद से बाहर निकल गया।
घायल मजदूरों के नाम देव कुमार सिंह(26), सुरेन्द्र बचलु (23), रमेश सिंह (24), अरविन्द राम स्वरूप (20), आरके मिश्रा (38), रामलाल तलसा (22) सभी उत्तरप्रदेश के हैं।
मुंबई की सिक्किम फेरो कंपनी ने प्लांट की 5 इकाइयों को डिस्मेन्टल करने का ठेका लिया है। यहां एक नवंबर से ये काम जारी है। मजदूर पॉवर हाउस से सीएचपी तक कन्वेयर लाइन को तोड़ रहे थे। करीब 45 मीटर ऊंचाई पर स्थित कन्वेयर लाइन अचानक गिर गई। इसमें 2 मजद्दूर फंस गए बाकी 5 घायल हुए हैं। आधे घंटे बाद फंसे लोगों को हाइड्रा मशीन की मदद से निकाला गया। सभी का सारणी एमपीईबी अस्पताल लाया और बाद में पाढर अस्पताल भेजा गया।
घटना के बाद पुलिस प्‍लांट के अंदर पहुंची और घायलों को बाहर निकाला। पुलिस पता लगा रही है की और कोई हताहत तो नही है। मलबा हटाने का काम चल रहा है। आरोप है कि कंपनी सुरक्षा के इंतजाम के बिना काम कर रही थी।

भाजपा के लिए सिरदर्द साबित हो रहा झाबुआ में रोजगार गारंटी के काम

भोपाल// अवधेश पुरोहित
Present by - ins news
 भारतीय जनता पार्टी की सरकार के मुखिया सहित तमाम नेताओं द्वारा इस लोकसभा उपचुनाव के दौरान झाबुआ के विकास के बड़े-बड़े दावे व वायदे किये जा रहे हैं लेकिन स्थिति यह है कि चाहे कांग्रेस का शासन काल हो या भाजपा का दोनों ही पार्टी की सरकारों के कार्यकाल के दौरान झाबुआ के विकास के लिये जितनी धनराशि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा इस जिले के विकास के लिये आवंटित की गई यदि उस सबको लेखा-जोखा तैयार किया जाए और उस बजट राशि के अनुपात पर खर्च किये जाने का जोड़भाग लगाया जाए तो यही सामने आएगा कि झाबुआ के विकास के नाम पर चाहे भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ही सरकार के कर्ताधर्ताओं ने झाबुआ के विकास और खासकर आदिवासियों के उत्थान के लिये कोई ईमानदारी से प्रयास नहीं किये हैं, झाबुआ के लोगों का इस संबंध में यह कहना है कि चाहे भाजपा हो या कांग्रेस दोनों के नेता भले ही झाबुआ के विकास के बड़े-बड़े दावे करें लेकिन उसकी जमीनी हकीकत यह है कि झाबुआ में विकास के नाम पर दोनों ही पार्टी के नेताओं ने और खासकर इस जिले में अभी तक पदस्थ अधिकारियों ने जिले के विकास और खासकर आदिवासियों के विकास के नाम पर अपना तो विकास किया है लेकिन आज इस जिले के लोगों की स्थिति ज्यों की त्यों ही बनी हुई है।

इन लोगों का यह भी दावा है कि यदि आजादी के बाद से झाबुआ जिले के विकास के नाम पर जितनी राशि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा इस जिले के लिये दी गई है यदि वह राशि यहां के लोगों को नगद दे दी जाती तो शायद कुछ विकास नजर आता, मगर जिले की मूलभूत सुविधाएं सरकार द्वारा प्रदान करने के नाम पर केवल और केवल फर्जीवाड़ा ही हुआ है, तभी तो यह स्थिति है कि इस जिले का आदिवासी यहां से पलायन करने को मजबूर है।

सरकार भले ही यह दावा करे कि जिले में रोजगार गारंटी योजना के तहत अधिकांश लोगों को काम दिया जा रहा है लेकिन सरकारी रोजगार गारंटी योजना की यह स्थिति है कि ना तो उससे इन लोगों को पर्याप्त मजदूरी मिलती और ना ही समय पर पैसा, जबकि इसी जिले के सीमावर्ती प्रांत गुजरात में इन्हीं आदिवासियों को ठेकेदारों द्वारा रोजगार गारंटी की तुलना में कहीं अधिक मजदूरी दी जाती है और वह वहां खुशी-खुशी मजदूरी करने के लिये जाते हैं। रोजगार गारंटी के तहत सालभर में दस हजार रुपये की सरकारी मजदूरी दी जाती है जबकि गुजरात में एक माह में यहां मजदूरी करने जाने वाले परिवारों को दस हजार से ज्यादा मजदूरी के मिलते हैं।

 मजदूरी की इस विसंगति के चलते कोई भी व्यक्ति रोजगार गारंटी का काम करने के लिये तैयार नहीं होता, क्योंकि सरकारी रोजगार गारंटी में काम मिलने पर न तो समय पर पैसा मिलता है और वहीं जितनी मेहनत वह करते हैं उतनी राशि उन्हें मजदूरी की नहीं मिलती। यही वजह है कि मध्यप्रदेश सरकार की रोजगार की कोई भी योजना में झाबुआ के निवासियों को कोई दिलचस्पी नहीं है इससे यह भी संकेत मिलते हैं कि रोजगार गारंटी जैसे मामले में लोगों को रोजगार देने के जो आंकड़ें हैं उनमें कहीं न कहीं फर्जीवाड़ा नजर आता है। 

कैलाश ने दी झाबुआ के मतदाताओं को धमकी भाजपा हारी तो रोक देंगे विकास

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झाबुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित भारतीय जनता पार्टी के तमाम लाव लश्कर के साथ झाबुआ-रतलाम लोकसभा उपचुनाव में अपना कब्जा बरकरार रखने में नाकाम दिखाई दे रही भाजपा के नेताओं की अब यह स्थिति हो गई है कि वह मतदाताओं को धमकी देने पर उतारू हो गई है।

झाबुआ जिले के रानापुर कस्बे में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने चुनाव प्रचार के दौरान अब जनता को ही धमकी दे डाली, उन्होंने यहां तक कह डाला कि यदि भाजपा को छोड़कर और कोई ऐसा वैसा इस क्षेत्र से जीता तो झाबुआ का विकास ही रुक जाएगा। भाजपा के हारने के बाद यदि कोई झाबुआ के विकास संबंधी काम लेकर मुख्यमंत्री के पास जाएगा तो समस्याएं कचरे के डिब्बे में चली जाएंगी, उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में मतदाताओं से कहा कि आप देख लो किसको वोट देना है, सोच लो, नुकसान किसका होगा।

विजयवर्गीय ने मतदाताओं को चेतावनी भरे स्वर में कहा कि भाजपा को वोट नहीं देने से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का नहीं बल्कि मतदाताओं का नुकसान होगा इस चुनाव की हारजीत को प्रदेश और देश की सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह को कोई फर्क नहीं पड़ेगा बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद रतलाम-झाबुआ लोकसभा चुनाव को बहुत अहम माना जा रहा है। इस चुनाव को जीतने के लिये भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

तमाम सरकारी एजेंसियों के सर्वे और भाजपा द्वारा कराए जा रहे सर्वे में भाजपा की हार की संभावना को देखते हुए भाजपा के नेताओं की अब यह स्थिति हो गई है कि वह मतदाताओं को भी धमकी देने लगे हैं इससे पहले कैलाश विजयवर्गीय जब मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह मंत्रीमण्डल के सदस्य थे तब २०१३ के चुनाव में सोनकच्छ के मतदाताओं को भी धमकी दे चुके हैं। कुल मिलाकर रतलाम-झाबुआ लोकसभा उपचुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है और ऐसे में अपनी हार को देखते हुए अब भाजपा के नेता इस तरह हताशाभरी रणनीति पर उतर आए हैं। 

सेल टैक्‍स के डिप्‍टी कमिश्‍नर, असिस्‍टेंट कमिश्‍नर सहित तीन रिश्‍वत लेते पकड़ाए

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सागर। लोकायुक्‍त पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सागर के राजीव नगर में सेल टैक्‍स डिप्‍टी कमिश्‍नर, असिस्‍टेंट कमिश्‍नर और एक टैक्‍स सलाहकार को तीन लाख रुपए की रिश्‍वत लेते पकड़ा है। इन्‍होंने छतरपुर के एक पिपरमेंट व्‍यापारी से रिश्‍वत की मांगी थी। फरियादी की शिकायत पर लोकायुक्‍त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए देर रात तीनों को रंगे हाथों पकड़ लिया।
जानकारी के मुताबिक छतरपुर के व्‍यापारी ने लोकायुक्‍त पुलिस को सेल टैक्‍स विभाग के अधिकारियों द्वारा रिश्‍वत मांगे जाने की शिकायत की थी। एसपी गीतेश गर्ग की अगुवाई में लोकायुक्‍त की टीम ने डिप्‍टी कमिश्‍नर एचएस ठाकुर, असिस्‍टेंट कमिश्‍नर जलज रावत और एक टैक्‍स सलाहकार पंकज कुकरेजा को पकड़ तीन लाख रुपए की रिश्‍वत लेते हुए पकड़ लिया

Tuesday, November 17, 2015

चार दिन से सीएम शिवराज को हवा में उड़ा रही है Birthday गर्ल


पिछले चार दिनों से एक बर्थडे गर्ल सीएम शिवराज सिंह चौहान को हवा में उड़ा रही है. ये गर्ल और कोई नहीं बल्कि सीएम के हेलिकॉप्टर की पायलट है. जिसे सीएम ने मंगलवार को चुनावी सभा में बर्थडे विश किया.
दरअसल, सीएम शिवराज रतलाम उपचुनाव को लेकर पिछले चार दिनों से लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं. इस दौरान वो सभास्थल तक पहुंचने के लिए हेलिकॉप्टर का प्रयोग कर रहे हैं.
इस हेलिकॉप्टर को कैप्टन सोनल वर्मा उड़ा रही हैं. जिनकी काबिलियत सबके सामने उस वक्त आई जब उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए हेलिकॉप्टर को बिजली के तारों से बचाते हुए सीएम की जान बचाई.
मंगलवार को भी सीएम के हेलिकॉप्टर की कमान एक बार फिर सोनल वर्मा के हाथ में ही थी. इस दौरान वो उन्हें रतलाम लेकर गईं. जहां शिवराज ने भरी चुनाव सभा में सोनल को बर्थडे विश किया.
जबलपुर में हुआ था सोनल का जन्म
कैप्टन सोनल वर्मा का जन्म जबलपुर में हुआ था. यहीं के लिटिल वर्ल्ड हाई स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पायलेट बनने की ट्रेनिंग अमेरिका के हवाई में स्थित एक पायलट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से ली.
जिसके बाद वो पंजाब सरकार में बतौर ऑपरेशन ऑफिसर और हेलिकॉप्टर पायलेट के रूप में जुड़ीं. इसके बाद वो इंडिया एयरलाइन्स/एवियेशन से जुड़ीं और इन दिनों वो फास्ट हेलिचार्टर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत हैं. जिसके अंतर्गत वो इन दिनों सीएम शिवराज के चुनावी दौरों में हेलिकॉप्टर उड़ा रही हैं

सीएम शिवराज की सुरक्षा में बड़ी चूक, बिजली के तारों के पास बना दिया हेलीपैड


एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा में एक बड़ी चूक सामने आई है. रतलाम जिले में शिवराज के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए बिजली के तारों के बेहद करीब ही हेलीपैड बना दिया गया. पायलट ने सतर्कता दिखाते हुए हेलीकॉप्टर की सुरक्षित तरीके से लैंडिंग कराई.
दरअसल, सीएम शिवराज को रविवार को रतलाम उपचुनाव के लिए बिरमाल में एक रैली को संबोधित करना था. इस दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान नहीं रखा गया और बिजली के तारों के पास ही हेलीपैड का निर्माण किया गया था.
इस वजह से लैडिंग के दौरान सीएम का हेलीकॉप्टर बिजली के तारों के बेहद नजदीक से गुजरा. इसे देखकर कुछ पलों के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं और अधिकारियों की भी सांसे थम गई थीं.
कौन है लापरवाही का जिम्मेदार..?
सीएम की सुरक्षा का जिम्मा एएसपी प्रशांत दुबे को सौंपा गया था, जबकि इंजीनियर धर्मेंद्र पाटीदार पर सारी व्यवस्था करने की जवाबदारी थीं. सीएम की सुरक्षा में चूक सामने आने के बाद इन दोनों के अलावा बड़े अफसरों ने भी चुप्पी साध ली हैं.
कलेक्टर बी. चंद्रशेखर ने आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा कि वो हेलीपेड पर नहीं गए थे. उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर ने क्लीयरेंस सर्टिफिकेट दिया था. उसके बाद ही हेलीकॉप्टर को उतरने की अनुमति दी गई थी.

संजय दत्त को असलहे दाऊद के भाई ने दिये थे

किताब का दावा: संजय दत्त को असलहे दाऊद के भाई ने दिये थे
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दिल्ली। मुंबई धमाकों में इस्तेमाल हुए हथियारों को अभिनेता संजय दत्त को डी कंपनी के कर्ता-धर्ता यानी दाऊद के भाई अनीस ने ही दिये थे। यह कहना है दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार का, जिन्होंने अपनी किताब 'डायर डी फॉर डॉन' में यह लिखा है।

नीरज के मुताबिक यह बात उन्हें दाऊद ने ही बतायी थी और दाऊद ने यह भी कहा था कि उसने इस बात के लिए अपने भाई को पीटा भी बहुत था। 'एशियन एज' ने किताब के कुछ हिस्सों को पब्लिश किया है।

नीरज ने लिखा है कि अनीस और संजय दत्त के बीच दोस्ती 'यलगार' फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई थी और संजय दत्त ने तब अपने परिवार की सुरक्षा के लिए अनीस से हथियार मांगे थे लेकिन संजय को यह नहीं पता था कि यह हथियार मुंबई धमाकों में प्रयोग हो रहे हैं और गैर कानूनी है। नीरज का कहना है कि दाऊद ने उनसे कहा था कि मुंबई धमाकों में उसका हाथ नहीं है।

नीरज कुमार ने दाऊद से चार बार फोन पर बात की थी, नीरज ने लिखा है कि उनके सीनयर ऑफिसर उनसे दाऊद से बात करने के लिए मना करते हैं। नीरज का कहना है कि साल 2013 में दाऊद ने उनसे आखिरी बार बात कही थी और उसने अंजान नंबर से उनके पर्सनल नंबर पर फोन किया था। पूर्व पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार की किताब 'डायर डी फॉर डॉन' शनिवार को रिलीज होने जा रही है।

अभिनेत्री सोनम कपूर की हॉट फ़ोटो हुई वायरल

बॉलीवुड में फैशन आइकन मानी जाने वाली अभिनेत्री सोनम कपूर नवंबर महीने में फिल्मफेयर के कवर पर नजर आने वाली है। लेकिन इससे पहले ही उनकी फोटो वायरल हो गई है। सोनम कपूर के इस लुक को देखकर आप चौक जाएंगे। आपने सोनम का ऐसा लुक आपने इससे पहले नहीं देखा होगा। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब सोनम का इतना हॉट लुक सामने आया हो। इससे पहले भी वह अपने ट्विटर अकाउंट पर हॉट और सेक्‍सी फोटो डालकर सभी को चौंका चुकी हैं।

जुबेर खान "आइसना" के शहडोल इकाई के संयोजक नियुक्त

श्री जुबेर खान
Aisna @ shehdol

 देश में पत्रकारों का सबसे बड़ा संगठन "आल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन" (आइसना) के प्रांतीय अध्यक्ष श्री अवधेश भार्गव ने शहडोल जिले का संयोजक पत्रकार साथी " श्री जुबेर खान " जी को नियुक्त किया है, शहडोल जिला और तहसील स्तर में इकाइयों का गठन किया जाना है।

शहडोल के पत्रकार साथी सदस्यता प्राप्त करने हेतू आमन्त्रित हैं। सदस्यता हेतू योग्यता प्रमाणपत्र, प्रेस द्वारा जारी परिचय पत्र, दो रंगीन फोटो, सहित संपर्क कर सदस्यता लें सकते है।

श्री जुबेर खान जी का सम्पर्क - +919977300420
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श्री जुबेर खान जी को "आइसना" का शहडोल इकाई के "संयोजक" बनाये जाने पर हार्दिक बधाईयां...
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विनय जी. डेविड
प्रांतीय महासचिव (आइसना)
+91 9893221036
±91 9009844445
 ई-मेल: timesofcrime@gmail.com

सहायक समिति प्रबंधक की हत्या के सहआरोपी नितिन तिवारी की मां को निवृस्त्र कर 50 आदिवासीयों महिलाओं एंव पुरूषों ने पीटा

नितिन तिवारी की मां को बेहोशी की हालात में लाए सामुदायिक स्वास्थय केंन्द्र, किया जिला चिकित्सालय रैफर

सिवनी मालवा – ग्राम सोमलवाड़ा के सहायक समिति प्रबंधक मृतक दिलीप उर्फ मधु ऊइके की हत्या के सहआरोपी नितिन तिवारी की मां को घर में घुसकर मृतक दिलीप के परिजनों सहित 40/50 आदिवासी महिलाओं ने घर में घुसकर मारते हुए ग्राम पंचायत भवन तक लाए और छोडक़र भाग गए। जिसे बेहोशी की हालात में पुलिसकर्मी स्थानीय सामुदायिक स्वास्थय केंन्द्र लाए। जहां डा.जी.आर. करोड़े ने प्राथमिक उपचार कर जिला चिकित्सालय रैफर कर दिया। नितिन तिवारी के पिता प्रवीण तिवारी ने बताया कि सुबह लगभग 8 बजकर 30 मिनट पर 40/50 लोग घर में घुसकर मारपीट करने लगे जिनसे बड़ी मुश्किल से मौका पाकर में खेत की और भाग गया। लेकिन मेरी पत्नी उमा देवी तिवारी उनके हाथ लग गई। जिसके साथ जमकर मारपीट की गई।
एस.आई आशुतोष उपाध्याय ने बताया कि मृतक दिलीप ऊइके की हत्या के सह आरोपी नितिन तिवारी का परिवार ग्राम सोमलवाड़ा में ही रहता था। जिनके यहां सुबह लगभग 8 बजकर 30 मिनट पर मृतक के परिजनों सहित 40/50 आदिवासीयों ने धावा बोल दिया। जिसमें नितिन की मां उमा देवी तिवारी के साथ जमकर मारपीट की। जिसे बेहोशी की हालात में स्थानीय सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया।

छात्राओं को छेड़ने वाला शिक्षक गया भाड़ में , रोजनामचे को फाड़ने में उलझी पुलिस

Toc News
ब्यावरा । सोमवार को ज्योति कान्वेंट स्कूल के एक शिक्षक दिलीप मैथ्यू ने कुछ छात्राओं से छेड़खानी की , घटना की जानकारी लगते ही छात्राओं के पालक ब्यावरा सिटी थाने पहुंचे और मामला दर्ज करवाया, मामला दर्ज होने में पुलिस ने एक छात्रा को मुख्य फरियादी बनाया और बाकी को गवाह, इस घटना की जानकारी जेसे ही छात्रा की माँ को लगी वो अखबार में छपने वाली खबर के डर से की कहीं मेरी बच्ची का नाम अखबार में न आए , आनन फानन में गयी थाने , रिपोर्ट देखी और फाड़ दिया रोजनामचा, अब पुलिस भी कहाँ देर करने वाली थी छात्राओं को छेड़ने वाला शिक्षक गया भाड़ में , बिठा लिया पालक को ही , डराया अलग की अब केस बनेगा शासकीय कार्य में बाधा का, हालांकि बाद में ब्यावरा के गणमान्य नागरिक थाने पहुंचे और रोजनामचा फाड़ने वाली महिला के पति को छुड़ाया।

अब शिक्षक का क्या?

उसने रोजनामचा फाड़ दिया तो उसको वहीँ बिठा लिया लेकिन उस शिक्षक का क्या जिसने तीन तीन छात्राओं को छेड़ा। उल्लेखनीय यह भी है की एक माह पूर्व भी उक्त शिक्षक दिलीप मैथ्यू इसी प्रकार की घटना को अंजाम दे चूका है उसके बाद एक माफीनामा लिखा था । हालांकि माफ़ी नामें को जब देखा गया तो उसने इस तरह की हरकत दोबारा न करने के स्थान पर लिखा की में एक माह तक ऐसी हरकत दोबारा नही करूँगा।

देखना यह है की पुलिस उक्त शिक्षक को पकड़ कर जनता को सन्देश देगी या सिर्फ रोजनामचे की फाड़ में ही उलझकर रह जाएगी।

खजुराहो के यूरोस्टार होटल में राष्ट्रीय पत्रकार संगठन आइसना द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया

कल साम 4 बजे खजुराहो के यूरोस्टार होटल में राष्ट्रीय पत्रकार संगठन आइसना द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया गया संभाग अध्यक्ष देवेन्द्र चतुर्वेदी द्वारा दीप प्रज्जलित कर बैठक का सुभारम्भ किया गया आइसना के पत्रकार साथी एवं अन्य पत्रकार साथियों ने संकल्प लिया कि समाज के कमजोर और शोषित वर्ग को  न्याय दिलवाने में हर संभव मदद करेंगे एवं सभी पत्रकारों ने पत्रकारों के उत्थान के लिए एक जुट रहने का निर्णय लिया। साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया की कोई भी पत्रकार बो चाहे  संगठन में हो या न हो यदि पत्रकार कोई भी परेसानी में हे तो राष्ट्रीय पत्रकार संगठन आइसना उसकी पूरी मदद करेगा ।



बैठक में संभाग महासचिव अनुपम गुप्ता द्वारा पत्रकार रवि मिश्रा को जिला संयोजक बनाये जाने का प्रस्ताव रखा गया जो की सर्व सहमति से पारित किया गया ।। जिला महासचिव सुनील पाण्डेय द्वारा पूरन सिंह को ब्लॉक संयोजक व् प्रखरज्ञान पेपर के पत्रकार राजेश सोनी को ब्लॉक उपाध्यक्ष बनाये जाने का प्रस्ताव रखा गया जो की सर्ब सहमति से पारित किया गया । बैठक में प्रदेश सचिव अविनाश तिवारी सचिन ताम्रकार संभाग सह सचिव । अलौकिक खरे संभाग कोषाध्यक्ष । समाजसेवी कपिल सिंह । एड राजकुमार गगेलेे। सहित कई पत्रकार मौजूद रहे

अवैध कमाई के इल्जामों से घिरे कामरेड!

शेखर पंडित
लखनऊ। नाम बड़े, दर्शन छोटे यह कहावत इंडियन फेडरेशन ऑफ  वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) के अध्यक्ष के. विक्रम राव पर सटीक साबित होती है। 30 साल से आईएफडब्ल्यूजे के अध्यक्ष पद पर काबिज राव भले ही अपनी तकरीरों से चैनलों पर नेताओं और नौकरशाहों के राज को  भले ही बेपर्दा कर रहे हो, लेकिन खुद के काले कारनामों को छिपाने के लिए साम, दण्ड और भेद का सहारा ले रखा है। जहां इस बात का खुलासा आईएफडब्ल्यूजे के एक कर्मचारी श्री भगवान भारद्वाज और पत्रकार विमल थम्ब ने किया है वहीं मजीठिया वेज बोर्ड में सदस्य के तौर फर्जी हवाई यात्राओं बिल के मामले में केन्द्रीय सतर्कता विभाग ने नोटिस भेजा है।

मालूम हो कि तीस सालों से पत्रकार संगठन आईएफडब्ल्यूजे के अध्यक्ष पद पर काबिज के. विक्रम राव पर खुद उनके संगठन के लोग पैसों की हेरा-फेरी के आरोप अक्सर लगाते रहे हैं। पत्रकारों के वेतन निर्धारण के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड के सदस्य के रुप में भी के. विक्रम राव फर्जीवाड़ा करने से बाज नहीं आए।

राव को यात्रा का कूटरचित फर्जी बिल पेश करने के आरोप में विजिलेंस ने नोटिस भेजा है। विक्रम राव ने बतौर वेज बोर्ड के सदस्य बैठक में हिस्सा लेने के लिए लखनऊ से दिल्ली की हवाई यात्रा का बिल 8000 रुपये की जगह 58000 रुपये का पेश किया और मामला खुलने पर इसकी गलती ट्रैवेल एजेंट के मत्थे मढऩे का प्रयास किया गया। उल्लेखनीय है कि मजीठिया वेज बोर्ड में राव सहित कुल छह सदस्य थे। जिनका कायर्काल 31 दिसंबर 2010 को समाप्त हुआ था। सदस्यों को बैठक में भाग लेने के लिए यात्रा सहित अन्य भत्ते सरकार की ओर से दिए जाते हैं। यात्रा भत्ते के नाम पर राव के फर्जीवाड़े का मामला खुलने पर बदनामी के डर के सभी सदस्यों ने मिलकर इसे रफा-दफा करने का भरसक प्रयास किया। जबकि खुद जस्टिस मजीठिया इसको लेकर बहुत नाराज थे। बहरहाल हाल ही में एक बार फिर से यह मामला खुला है और के. विक्रम राव को केंद्रीय विजिलेंस की ओर से नोटिस भेजा गया है।

संगठन के पुराने सहयोगी और कभी राव के खास लोगों में शुमार उड़ीसा के वरिष्ठ पत्रकार विमल थम्ब ने देश भर के पत्रकारों को ई-मेल के जरिए कई आरोप लगाए हैं। जिन्होंने आईएफडब्लूजे के दो बैंक खाते चलाने और शातिर तरीके से पैसे लखनऊ के खाते में जमाकर हेरा-फेरी करने का आरोप जड़ा है। थम्ब का दावा है कि संगठन के विभिन्न राज्यों में हुए सम्मेलनों में उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से दी गयी भारी-भरकम धनराशि को संगठन के दिल्ली के खाते (जिसका ब्योरा रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन के कार्यालय में पेश किया जाता है) न दिखा कर उसे लखनऊ के खाते में जमा कराया जाता है और उसका दुरुपयोग किया गया है। थम्ब ने अपने पास मौजूद दस्तावेजों के आधार पर एक पत्र लिख कर राव और संगठन के प्रधान महासचिव परमानंद पांडे से लखनऊ खाते का हिसाब मांगने की जुर्रत की थी। उड़ीसा के इस वरिष्ठï पत्रकार को दफ्तरी की ओर से भिजवाए गए पत्र में राव ने उनको देश के कई जिलों में मुकदमा दायर कर पुलिसिया कारवाई की धमकी दे डाली है।
निष्पक्ष दिव्य संदेश के पास मौजूद थम्ब के पत्र बताते हैं कि कैसे राव ने मध्य प्रदेश इकाई की ओर से दिए गए विज्ञापन के पैसे और कई मुख्यमंत्रियों से हासिल किए गए पैसों को लखनऊ में चलने वाले बैंक खाते में जमा करवाया और रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन को कोई जानकारी नहीं दी है।

पत्र में कहा गया है कि राव पर रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन को गुमराह किए जाने का आपराधिक मामला बनता है। विमल के मुताबिक राव पत्रकारों का सबसे बड़ा दुश्मन और दलाल है जिसे कलमकारों का नेता होने का कोई हक नही है। राव की दबंगई का आलम यह है कि गंभीर आरोप लगाने वालों को उन्होंने संगठन के दिल्ली कार्यालय का काम देखने वाले श्री भगवान भारद्वाज की ओर से अंग्रेजी में (भारद्वाज को अंग्रेजी की एबीसीडी भी मुश्किल से आती है) में धमकाने वाला जवाब भेज कर पैसों की धोखाधड़ी करने वाले आरोपों से मुक्ति पाने की अहमकाना हरकत कर डाली है।

एक वरिष्ठï पत्रकार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उत्तराखंड में ऋषिकेश में आयोजित आईएफडब्लूजे के सम्मेलन में तो राव ने सारा इंतजाम परमार्थ निकेतन के प्रमुख बाबा चिदानंद से करवाया और इसके नाम पर यूपी के काबीना मंत्री की ओर से दिलवाए गए 40 लाख रुपये डकार लिए। इतना ही नहीं सम्मेलन के नाम पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से भी उगाही की गयी और पत्रकारों को दिए जाने वाले गिफ्ट को बाजार में बेच डाला। इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए आए लोगों से 500 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से वसूली की गयी और न देने वाले पत्रकारों के साथ बदसुलूकी की गयी (उड़ीसा के संबलपुर के पत्रकार से तो खाने की प्लेट तक छीन ली गयी)।

इस पूरे मामले में राव और उसके परिवार के सदस्य भी शामिल रहे हैं। राव सम्मेलनों में खाने के नाम पर पैसे बनाने के लिए बकायदा सत्कार कैटरर्स (तिवारी) की पूरी टीम लेकर चलते हैं। राजधानी के एक वरिष्ठ पत्रकार जो एक दशक पहले कभी राव के सबसे बड़े झंडाबरदार थे, का कहना है कि उस समय में जब मुलायम सिंह यादव यूपी के मुखिया थे तो उन्होंने आईएफडब्लूजे को एक सम्मेलन में 10 लाख रुपये देने का ऐलान किया।

मायावती के कार्यकाल में इस पैसे के उपयोग को जांचने के लिए सूचना विभाग के अधिकारी जेड. ए. सलमानी को कहा गया। राव ने इस पैसे से आईएफडब्लूजे के दिल्ली कार्यालय का उच्चीकरण होना बताया। जब सलमानी जांच के लिए दिल्ली कार्यालय पहुंचे तो ठीक एक दिन पहले राव के बेटे ने एक गाड़ी पर किराए के कंप्यूटर और एलसीडी लेकर दिल्ली कार्यालय पहुंचा और आनन-फानन में सब लगाकर कार्यालय को उच्चीकृत दिखा दिया। गौरतलब है कि सलमानी पहले खुद पश्चिम उत्तर प्रदेश में पत्रकार था और आईएफडब्लूजे का सदस्य रहा चुका था और राव के खास यूपी इकाई के मुखिया हसीब सिद्दीकी का बगलगीर था।

सरकारी पैसों की हेरा-फेरी के इन खुलासों के बाद एक पत्रकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में आरटीआई लगाकर अब तक आईएफडब्लूजे को दिए गए पैसों, उनके उपयोग और किस खाते में चेक आहरित किया गया, इन सबका का ब्यौरा मांगा। उक्त पत्रकार का कहना है कि जानकारी मिलने के बाद इस मामले में जांच एजेंसियों से कारवाई का अनुरोध किया जाएगा और मामला अदालत में ले जाया जाएगा। आईएफडब्ल्यूजे अध्यक्ष के. विक्रम राव ने कहा कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वे असत्य और राजनीति से प्रेरित हैं। उनके विरोधी उनकी छवि खराब करने में जुटे हुए हैं, लेकिन वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।

Monday, November 16, 2015

पत्रकार यह पढ़कर जानें उनकी नौकरी कितनी पक्की-कच्ची है.

Toc news
सबसे पहले राष्ट्रीय प्रेस दिवस की सभी पत्रकार बन्धुओं को शुभकामनाएं..🙏✒📖

पूर्णत पत्रकारिता के पेशे में जीवनयापन करने वाले पत्रकारों के लिए भारत सरकार ने कई ऐसे नियम बनाए हैं जिससे वे सरकारी कर्मचारी की तरह निश्चिंत होकर काम कर सकते हैं। काम और वेतन दोनों केन्द्रीय कर्मचारी के समान होगा।तीन साल बाद नौकरी पक्की: श्रमजीवी पत्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा शर्त) और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1955 की धारा 5 के तहत यह प्रावधान है कि एक ही समाचार पत्र में तीन साल की सेवा देने वाले पत्रकार को अनुशासनात्मक कार्यवाही छोड़कर किसी भी तरह से नौकरी से नहीं निकाला जा सकता। यदि किसी कारणवश पत्रकार नौकरी छोड़ता है या कोई अन्य कारण है तो वह ग्रेच्युटी पाने का अधिकारी है।वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955, औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 का विस्तार रूप है। औद्योगिक अधिनियम की धारा 3 (1) से श्रमजीवी पत्रकारों के सम्बन्ध में वे सब उपबंध लागू कियेगए हैं जो औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 में कर्मकारों (वर्कमैन)पर लागू होते हैं। किन्तु धारा 3 (2) के जरिये पत्रकारों की छंटनी के विषय में यह सुधार किया गया है।छंटनी का नियम: जर्नलिस्ट एक्ट 1955 की धारा 3(2) के तहत किसी पत्रकार को संस्थान से निकालने के पूर्व 6 माह व संपादक को तीन माह पहले सूचना देनी पड़ती है। या फिर इसके आधे माह काएक मुश्त वेतन देना पड़ता है। धारा 5 के तहत मृत्यु, सेवानिवृत्ति, दस वर्ष की सेवा देने के बाद या किसी कारण वर्ष नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारी (जो तीन साल सेवा दें चुके हो) को सेवाकाल के हर पूरे किए वर्ष या उसके छह मास से अधिक के किसी भाग पर, 15 दिन के औसत वेतन के बराबर धनराशि दी जाएगी। स्वेच्छा से इस्तीफा देने वाले श्रमजीवी पत्रकार को अधिकाधिक साढ़े 12 माह के औसत वेतन के बराबर ग्रेच्युटी मिलेगा।काम का समय: धारा 6 के तहत काम के समय का प्रावधान है। चार सप्ताहों में 144 घंटों से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता। सात दिन में एक दिन (24 घंटे) का विश्राम। दो प्रकार की छुट्टियां हैं पहली उपार्जित छुट्टी और चिकित्सा छुट्टी। उपार्जित छुट्टी काम पर व्यतीत अवधि की1/11 से कम नहीं होगी और यह पूरी तनख्वाह पर मिलेगी। चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर चिकित्सा छुट्टियाँ कार्य पर व्यतीत अवधि की 1/18 से कम नहीं होंगी। यह आधी तनख्वाह पर दिया जाएंगा। मतलब एक माह की उपार्जित छुट्टी व चार सप्ताह की मेडिकल छुट्टी (आधे वेतन पर)।वैसे धारा 7 के तहत काम के घंटों का प्रावधान संपादक पर लागू नहीं होता। लेकिन श्रमजीवी पत्रकारों से दिन की पारी में 6 घंटे से ज्यादा व रात्रि की पारी में साढ़े पांच घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता। दिन में चार घंटे में एक घंटे का विश्राम व रात्रि में तीन घंटे में आधे घंटे का विश्राम दिया जायेगा। एक पत्रकार वर्ष में 10 सामान्य छुट्टियों का अधिकारी है। लेकिन यदि किसी कारणवश छुट्टी के दिन भी कार्य करना पड़ता है तो मालिक व पत्रकार की सहमति से किसी अन्य दिन छुट्टी ले सकता है। 11 माह में एक माह की उपार्जित छुट्टी दी जाएगी। किन्तु 90 उपार्जित छुट्टियां एकत्र हो जाने के बाद और छुट्टियां उपार्जित नहीं मानी जायेंगी। सामान्य छुट्टियों, आकस्मिक छुट्टियों और टीका छुट्टी की अवधि को काम पर व्यतीत अवधि माना जाएगा। प्रत्येक 18 मास की अवधि में एक मास की छुट्टी चिकित्सक के प्रमाण-पत्र पर दी जाएगी। यह छुट्टी आधे वेतन पर होगी। ऐसी महिला श्रमजीवी पत्रकारों को, जिनकी सेवा एक वर्ष से अधिक की हो, तीन मास तक की प्रसूति छुट्टी दी जाएगी। यह छुट्टी गर्भपात होने पर भी सुलभ की जाएगी। इसके अलावा नियोजक की इच्छा पर वर्ष में 15 दिन की आकस्मिक छुट्टी दी जाएगी।मजदूरी की दरें: धारा 8 (1) में उपबंधित किया गया है कि केंद्रीय सरकार एक निर्धारित रीति सेश्रमजीवी पत्रकारों और अन्य समाचारपत्र-कर्मचारियों के लिए मजदूरी की दरें नियत कर सकेगी और धारा 8 (2) के तहत मजदूरी कि दरों को वह ऐसे अंतरालों पर, जैसा वह ठीक समझे, समय-समय पर पुनरीक्षित कर सकेगी। दरों का निर्धारण और पुनरीक्षण कालानुपाती (टाइम वर्क) और मात्रानुपाती (पीस वर्क) दोनों प्रकार के कामों के लिए किया जा सकेगा। इसलिए धारा 9 में एक मजदूरी बोर्ड केगठन का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में मजीठिया वेतन बोर्ड लागू है और मजदूरी दरें वेतन बोर्ड की दरों से किसी तरह कम नहीं होगी नहीं तो धारा 13 के तहत अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में 500 रूपए का जुर्माना अदा करना पड़ेगा।कैसे लें शासन की मदद: शासन की मदद लेने के लिए पहले श्रमजीवी पत्रकार या मीडिया संस्थान का कर्मचारी श्रम विभाग जाकर बकायदा लिखित शिकायत कर सकता है। यदि 45 दिन में श्रम विभाग कोई कार्यवाही नहीं करता और कोर्ट में परिवाद भी दायर नहीं करता तो कोई भी कर्मचारी औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 31(3) के तहत सीधे श्रम न्यायालय में परिवाद दायर कर सकता है। इसके लिए पूर्व शिकायत की कापी भी संलग्न करना अनिवार्य है। औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25 के तहत लगातार 240 दिन से ज्यादा सेवा देना वाला कर्मचारी नियमित कर्मचारी माना जाएगा और उसकी सेवाएं संतोषजनक मानी जाती हैं। चूंकि बड़े संस्थानों में मीडियाकर्मी या पत्रकारों को बैंक के माध्यम से भुगतान होता है इसलिए किसी को यह सिद्ध करने में कोई परेषानी नहीं होगी कि वह उक्त संस्था का कर्मचारी है। खास बात यह है कि ठेकेदारी या प्लेसमेंट के कर्मचारी को भी यही वेतन दिया जाएगा और वेतन ना देने का दोषी संबंधित व्यक्ति होगा। उस पर भी इसी अधिनियम की धारा के तहत कार्यवाही होगी।

श्रीराम वन गमन पथ के नाम पर भी प्रदेश में घोटाला

भोपाल // अवधेश पुरोहित
Present by _ Toc News

हिन्दुओं के आदर्श और भारतीय जनता पार्टी की सत्ता की सीढ़ी मानी जानेवाले मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की त्रेतायुगीन स्मृतियों से जुड़े धार्मिक व पुरातत्विक संरक्षण और संवर्धन के नाम पर भी इस प्रदेश में करोड़ों रुपये खर्च करके श्रीराम वन गमन पथ बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा २१ मई २००७ को चित्रकूट में की गई थी लेकिन मजे की बात यह है कि जिस प्रदेश में मंत्रियों, अधिकारियों, सत्ता के दलालों और ठेेकेदारों की सांठगांठ से रैकेट संचालित हो रहा हो उसी मध्यप्रदेश में यह कैसे संभव होगा कि वह भ्रष्टाचार के मामले में भगवान श्रीराम को भी बख्श दें और ऐसा ही हुआ यहां सरकार द्वारा इस निर्माण कार्य के लिये आरईएस विभाग को दो करोड़ तीस लाख रुपये की राशि इस कार्य के लिये आवंटित की  गई लेकिन जैसा इस प्रदेश की पिछले दस वर्षों से एक परम्परा बन गई है कि सरकारी योजनाओं में चूना लगाकर अपनी तिजोरी भरने का काम प्रदेश में चल रहे इस रैकेट के संरक्षण में धड़ल्ले से चल रहा है चूंकि इसमें सत्ताधीशों से लेकर सत्ता के दलाल और अधिकारी भी शामिल रहते हैं तो इनपर कोई कार्यवाही नहीं होती है,

स्थिति यह है कि इस कार्य के लिये चित्रकूट के सरभंगा में निर्माण कार्य कराये गये लेकिन लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी मुख्य मार्ग से सरभंगा आश्रम तक आरसीसी रोड का निर्माण तो किया गया लेकिन उसमें गिट्टी और मुरम का उपयोग धड़ल्ले से किया गया तो वहीं दस लाख रुपये की राशि से सरभंगा आश्रम से घोड़ामुखी देवी मंदिर तक मंदाकिनी नदी तक का सौंदर्यीकरण किया गया लेकिन उसमें भी महज खानापूर्ति कर दी गई।

तो वही कुछ स्थानों पर १५ लाख रुपये की लागत से सौर्य ऊर्जा विद्युतीकरण का काम किया गया लेकिन आजतक वह रोशन नहीं हो सके, तो संत कुटीर साधना स्थल भवन का निर्माण भी बीस लाख रुपये से किया गया लेकिन उसमें गुणवत्ता का कहीं अता-पता नहीं है। इसी तरह से एक लाख रुपये में यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण किया जाना था लेकिन उसका अभी तक अता-पता ही नहीं है। तो वहीं सरभंगा आश्रम के सामने मंदाकिनी का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण का काम किया जाना था, इस कार्य के लिये दस लाख रुपये खर्च कर दिए गए लेकिन वह भी शोपीस बनकर रह गया लेकिन इस कार्य में गुणवत्ता दिखाई नहीं दे रही है।

सरभंगा आश्रम से यज्ञवेदी महाड़ी तक ५०० मीटर लंबी सीढ़ी और दोरों ओर रेलिंग का निर्माण २५ लाख रुपये से किया जाना था लेकिन यह निर्माण कहां हुआ यह ढूंढे से भी नहीं मिलेगा। यज्ञवेदी का सौंदर्यीकरण पांच लाख रुपये से किया जाना था लेकिन इसका भी निर्माण कागजों में कर दिया गया। इसी तरह से क्षेत्र में बीस लाख की लागत से तीन स्टाप डेमों का निर्माण कराया जाना था लेकिन एकमात्र स्टाप डेम का निर्माण कराकर कार्य की इतिश्री  कर दी गई। पुरातत्व महत्व की मूर्तियों के संग्रहालय के लिये पांच लाख की लागत से संग्रह एवं भवन का निर्माण किया जाना था लेकिन इतना छोटा भवन बना दिया कि पुरातत्व महत्व की और संग्रहालय का कुछ पता ही नहीं चल पा रहा है।

मजे की बात यह है कि इस घोटाले की की जांच को लेकर कई बार आवाजें उठीं लेकिन आजतक इसकी जांच नहीं हो सकी, लोगों का कहना है कि यदि इस सभी कार्यों का भौतिक सत्यापन कराया जाए तो पूरा का पूरा घोटाला सामने उजागर हो जाएगा, लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं और जैसे कि मध्यप्रदेश सरकार के निर्माण कार्यों की फर्जीवाड़े की परम्परा इस प्रदेश में बदस्तूर चल रही है वह भी इसी नीति के भेंट चढ़ गई।

"राष्ट्रिय प्रेस दिवस" : स्वतंत्रता और जिम्मेदार प्रेस का प्रतीक

सभी पत्रकार भाइयों को "राष्ट्रिय प्रेस दिवस" की हार्दिक शुभकामनायें।
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'राष्ट्रीय प्रेस दिवस' भारत में मनाये जाने वाले राष्ट्रीय दिवसों में से एक है।
यह दिन एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की मौजूदगी का प्रतीक है।

उद्देश्य'राष्ट्रीय प्रेस दिवस' पत्रकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्वयं को फिर से समर्पित करने का अवसर प्रदान करता है।

4 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई थी, जिसने 16 नवम्बर, 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया था। तभी से 16 नवम्बर को 'राष्ट्रीय प्रेस दिवस' के रूप में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस (अंग्रेज़ी: National Press Day) प्रत्येक वर्ष '16 नवम्बर' को मनाया जाता है। यह दिन भारत में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की मौजूदगी का प्रतीक है। विश्व में आज लगभग 50 देशों में प्रेस परिषद या मीडिया परिषद है। भारत में प्रेस को 'वाचडॉग' एंव प्रेस परिषद इंडिया को 'मोरल वाचडॉग' कहा गया है। राष्ट्रीय प्रेस दिवस, प्रेस की स्वतंत्रता एंव जिम्मेदारियों की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करता है।

शुरुआत
प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एंव पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी। परिणाम स्वरूप 4 जुलाई,1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई, जिसने16 नवम्बर, 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। तब से लेकर आज तक प्रतिवर्ष 16 नवम्बर को 'राष्ट्रीय प्रेस दिवस' के रूप में मनाया जाता है।

उद्देश्य
'राष्ट्रीय प्रेस दिवस' पत्रकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्वयं को फिर से समर्पित करने का अवसर प्रदान करता है।

पत्रकारिता का क्षेत्र
वर्तमान समय में पत्रकारिता का क्षेत्र व्यापक हो गया है। पत्रकारिता जन-जन तक सूचनात्मक, शिक्षाप्रद एवं मनोरंजनात्मक संदेश पहुँचाने की कला एंव विधा है। समाचार पत्र एक ऐसी उत्तर पुस्तिका के समान है, जिसके लाखों परीक्षक एवं अनगिनत समीक्षक होते हैं। अन्य माध्यमों के भी परीक्षक एंव समीक्षक उनके लक्षित जनसमूह ही होते हैं। तथ्यपरकता, यथार्थवादिता, संतुलन एंव वस्तुनिष्ठता इसके आधारभूत तत्व है। परंतु इनकी कमियाँ आज पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत बड़ी त्रासदी साबित होने लगी हैं। पत्रकार चाहे प्रशिक्षित हो या गैर प्रशिक्षित, यह सबको पता है कि पत्रकारिता में तथ्यपरकता होनी चाहिए। परंतु तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर, बढ़ा-चढ़ा कर या घटाकर सनसनी बनाने की प्रवृति आज पत्रकारिता में बढ़ने लगी है।

खबरों में निहित स्वार्थ
खबरों में पक्षधरता एवं अंसतुलन भी प्रायः देखने को मिलता है। इस प्रकार खबरों में निहित स्वार्थ साफ झलकने लग जाता है। आज समाचारों में विचार को मिश्रित किया जा रहा है। समाचारों का संपादकीयकरण होने लगा है। विचारों पर आधारित समाचारों की संख्या बढ़ने लगी है। इससे पत्रकारिता में एक अस्वास्थ्यकर प्रवृति विकसित होने लगी है। समाचार विचारों की जननी होती है। इसलिए समाचारों पर आधारित विचार तो स्वागत योग्य हो सकते हैं, परंतु विचारों पर आधारित समाचार अभिशाप की तरह है।

मीडिया तथा समाज
पत्रकारिता आज़ादी से पहले एक मिशन थी। आज़ादी के बाद यह एक प्रोडक्शन बन गई। बीच में आपात काल के दौरान जब प्रेस पर सेंसर लगा था, तब पत्रकारिता एक बार फिर थोड़े समय के लिए भ्रष्टाचार मिटाओं अभियान को लेकर मिशन बन गई थी। धीरे-धीरे पत्रकारिता प्रोडक्शन से सेन्सेशन एवं सेन्सेशन से कमीशन बन गई है। परंतु इन तमाम सामाजिक बुराइयों के लिए सिर्फ मीडिया को दोषी ठहराना उचित नहीं है। जब गाड़ी का एक पुर्जा टूटता है तो दूसरा पुर्जा भी टूट जाता है और धीरे-धीरे पूरी गाड़ी बेकार हो जाती है। समाज में कुछ ऐसी ही स्थिति लागू हो रही है। समाज में हमेशा बदलाव आता रहता है। विकल्प उत्पन्न होते रहते हैं। ऐसी अवस्था में समाज असमंजस की स्थिति में आ जाता है। इस स्थिति में मीडिया समाज को नई दिशा देता है। मीडिया समाज को प्रभावित करता है, लेकिन कभी-कभी येन-केन प्रकारेण मीडिया समाज से प्रभावित होने लगता है।

मीडिया 'समाज का दर्पण एवं दीपक'
मीडिया को 'समाज का दर्पण एवं दीपक' दोनों माना जाता है। इनमें जो समाचार मीडिया है, चाहे वे समाचार पत्र हों या समाचार चैनल, उन्हें मूलतः समाज का दर्पण माना जाता है। दर्पण का काम है समतल दर्पण की तरह काम करना, ताकि वह समाज की हू-ब-हू तस्वीर समाज के सामने पेश कर सकें। परंतु कभी-कभी निहित स्वार्थों के कारण ये समाचार मीडिया समतल दर्पण की जगह उत्तल या अवतल दर्पण की तरह काम करने लग जाते हैं। इससे समाज की उल्टी, अवास्तविक, काल्पनिक एवं विकृत तस्वीर भी सामने आ जाती है। तात्पर्य यह है कि खोजी पत्रकारिता के नाम पर आज पीली व नीली पत्रकारिता हमारे कुछ पत्रकारों के गुलाबी जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही है। भारतीय प्रेस परिषद ने अपनी रिपोर्ट में कहा भी है कि "भारत में प्रेस ने ज्यादा गलतियाँ की है एंव अधिकारियों की तुलना में प्रेस के खिलाफ अधिक सिकायते दर्ज है ।

Sunday, November 15, 2015

कैलाश की जगह लेंगे भूपेन्द्र सिंह

Toc News
भोपाल। प्रदेश सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे कैलाश विजयवर्गीय की जगह अब सिंहस्थ का प्रभार परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह को सौंपने की तैयारी है। श्री विजयवर्गीय के राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद से ही सिंहस्थ का प्रभार भी रिक्त है। श्री सिंह को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का करीबी माना जाता है साथ ही उनकी गिनती तेजतर्रार मंत्रियों में होती है। उन्हें जल्द ही उज्जैन जिले का प्रभारी भी बनाया जा सकता है। इसके अलावा श्री विजयवर्गीय के प्रभार वाले दो अन्य जिलों बुरहानपुर एवं खंडवा के प्रभारी भी बनाए जाने हैं। माना जा रहा है कि खंडवा का प्रभार शिक्षा मंत्री पारस जैन को एवं बुरहानपुर का प्रभार खाद्यमंत्री विजय शाह को सौंपा जा सकता है। इस संबंध में सोमवार को आदेश जारी हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ 2016 को पूरा कराने के लिए अपने मंत्रिमंडल में सबसे लायक मंत्री भूपेंद्र सिंह को माना है। वर्तमान में भूपेन्द्र सिंह के पास परिवहन विभाग के आलावा आईटी, लोक सेवा प्रबंधन तथा जनशिकायत विभाग की जिम्मेदारी हैं और वे इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री होने के साथ ही टीकमगढ़ जिले का प्रभार भी उन्हीं के पास हैं।
भूपेन्द्र सिंह को अब उज्जैन जिले का भी प्रभारी मंत्री बनाया जा रहा है, जबकि खाद्य मंत्री विजय शाह के पास वर्तमान में खरगौन तथा बड़वानी जिले का प्रभार हैं और उन्हें बुरहानपुर का भी प्रभार दिया जाएगा। इसके अलावा स्कूल शिक्षा मंत्री पारस जैन के पास रतलाम तथा शाजापुर जिले का प्रभार है, अब उन्हें खंडवा का भी प्रभारी मंत्री बनाया जा रहा है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सोमवार को आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
यह है शिवराज मंत्रिमंडल के सीनियर मंत्री
शिवराज मंत्रिमंडल में सबसे सीनियर मंत्रियों में बाबूलाल गौर, जयंत मलैया, गोपाल भार्गव, डा. गौरीशंकर शेजवार, सरताज सिंह, डा. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, गौरीशंकर बिसेन, उमाशंकर गुप्ता, सुश्री कुसुम महदेले, यशोधरा राजे सिंधिया, पारसचंद जैन, राजेन्द्र शुक्ल, अंतरसिंह आर्य, रामपाल सिंह, ज्ञान सिंह तथा माया सिंह के बाद भूपेंद्र सिंह का नाम आता है। यानी सीनियर्टी में भूपेन्द्र सिंह का स्थान 18वें स्थान पर हैं, मगर मुख्यमंत्री ने उज्जैन में वर्ष 2016 में होने जा रहे सिंहस्थ कार्यों की जिम्मेदारी अन्य सीनियर मंत्रियों को देने की अपेक्षा भूपेंद्र सिंह को दी है। इससे भूपेंद्र का जहां कद बढ़ गया हैं, वहीं सागर में दो मंत्रियों के बीच चल रहे वर्चस्व की लड़ाई को हवा मिल रही है

ब्यावरा पचोर में सरेआम चल रहा सट्टा पुलिस की मिलीभगत

Toc News
राजगढ़। भले ही जिले की पुलिस यह कहे की अब सट्टा नही चलता लेकिन राजगढ़ जिले के ब्यावरा एवं पचोर शहर में सट्टा खाइवालों की भरमार है। आलम यह है कई खाइवाल तो बकायदा पुलिस को हफ्ता देने की बात करते देखे जा सकते है। ब्यावरा में हमने अपने सूत्रों से एवं कुछ ग्रामीण सटोरिए युवकों के माध्यम से जानकारी एकत्र कर उनके बताए अनुसार ग्रामीण परिवेश में जाकर देखा तो ज्ञात हुआ मातामण्ड एरिया में कोई समीर , खटीक मोहल्ला में राजा , साहू धर्मशाला एवं पिंजारा गली के समीप पटेल, पुराना बस स्टेण्ड पर कोई  अवस्थी सट्टे की पर्चियां काटकर खाईवाली कर रहे हैं । पीपल चोराहे पर सट्टा कॉम्लेक्स के नाम से कॉम्पलेक्स ही प्रसिद्द है जहाँ एक  नाना के नाम से विख्यात एवं एक पत्रकार भी खाईवाली करते देखे जा सकते हैं । जूना ब्यावरा में राजू गुप्ता का नाम चलता है  वहीँ सुठालिया रोड पर दिलीप एवं रोशन नामक व्यक्ति खाईवाली करते देखे जा सकते हैं ।
वहीँ पचोर में जेडी मार्केट के नजदीक जाकिर नामक व्यक्ति, पुरानी पचोर में एक चाचा सहित गांधी चोक एवं बस स्टेण्ड एवं टेंशन चोराहे पर सट्टे के ठिऐ चल रहे हैं ।

पुलिस की मिलीभगत के सब संभव

जिले की पुलिस को सिर्फ कमाई का जरिया चाहिए । राजगढ़ जिले में जहाँ कुछ पुलिस कर्मियों एवं बीट प्रभारियों की वजह से सटोरिए सक्रीय हो गए है वहीँ पचोर में कड़िया गुलखेड़ी में अवैध पैकारियां चल रही है जहाँ शाम होते ही पचोर के पियक्कड़ जाकर सस्ते दामों पर विलायती शराब का लुत्फ़ ले रहे हैं । उल्लेखनीय है की कड़िया एवं गुलखेड़ी में कोई शासकीय ठेका नहीं है ।उसके बावजूद यहाँ किराना दुकानों सहित सिर्फ शराब एवं कोल्डड्रिंक्स की दुकानों पर शहरी क्षेत्र एवं शासकीय ठेकों से कम दाम पर विभिन्न ब्रांड की शराब उपलब्ध है ।

प्रदेश में रेत की पेनाल्टी पर होता खेल

अवधेश पुरोहित
भोपाल। मध्यप्रदेश की सत्ता पर जबसे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान काबिज हुए हैं और ज्यों-ज्यों उनका शासन परवान चढ़ा वैसे-वैसे उनके विधानसभा क्षेत्र बुधनी से प्रारंभ हुआ अवैध कारोबार ने पूरे प्रदेश में अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है, स्थिति यह है कि रेत माफिया की एक पूरे राज्य में समानांतर व्यवस्था चल रही है जिसके चलते वह जो चाहते हैं वह होता है, अधिकारियों की भी जुर्रत नहीं कि वह उनके खिलाफ जबान खोल सके और जो जबान खोलता है उसकी जबान बंद कर दी जाती है, रेत माफियाओं और प्रशासन के अधिकारियों के साथ आयेदिन मारपीट की घटनाएं इस शासन में आम बात हैं।

 रेत के अवैध कारोबारियों की मिलीभगत का यह आलम है कि प्रशासनिक अधिकारी इन कारोबारियों के खिलाफ जुर्माने की बड़ी-बड़ी खबरें छपवाते हैं लेकिन बाद में लक्ष्मी दर्शन के चलते उन पर लगाया गया जुर्माने की राशि भी कम कर दी जाती है। यूँ तो इस तरह का कारोबार पूरे प्रदेश में जारी है लेकिन इस तरह के बुंदेलखण्ड के पन्ना जिले के एक मामले में हाईकोर्ट ने जिले के कलेक्टर और माइनिंग अधिकारियों से पूछा कि कैसे लौटाई की हुई रेत और जुर्माना कम क्यों?

यह मामला अकेला पन्ना का नहीं इस तरह का कारोबार पूरे प्रदेश में चल रहा है मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अजयगढ़ पन्ना में अवैध रूप से भंडारित रेत राजसात किए जाने के बाद आरोपी  को लौटाए जाने और जुर्माना राशि सात करोड़ से घटाकर महज डेढ़ करोड़ कर दिए जाने के मामले में माइनिंग विभाग व कलेक्टर को नेाटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। याचिकाकर्ता अजयगढ़ पन्ना निवासी भारत मिलन पाण्डेय की ओर से दलील दी कि २०१२ में भारी मात्रा में अवैध रूप से भंडारित रेत पकड़ी गई थी।

 ठेकेदार के खिलाफ सात करोड़ का जुर्माना लगाया गया। न जाने क्या हुआ कि एसडीएम ने जुर्माना राशि कम करके मात्र डेढ़ करोड़ रुपए कर दी। यह मामला अकेला पन्ना जिले का ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में प्रतिदिन समाचार पत्रों में भारी भरकम जुर्माने की खबरें छपवाकर एक ओर शासन और प्रशासन जनता को यह दिखाने का प्रयास करता है कि वह रेत के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही कर रही है तो वहीं कुछ दिनेां बाद लक्ष्मी दर्शन के चलते शासन और प्रशासन में बैठे लोग रेत माफियाओं पर लगाई गई जुर्माने की राशि को कम करत देते हैं और यही नहीं उनसे राजसात की गई रेत भी उन्हें वापिस लौटा देते हैं, इस तरह का खेल पूरे राज्य में धड़ल्ले से चल रहा है।    

वन विभाग में फर्जी टीपी के माध्यम से इमारती लकडियों के अवैध परिवहन, एसटीएफ करेगी जांच

 toc news
बालाघाट। जिले के वन विभाग में फर्जी टीपी के माध्यम से इमारती लकडियों के अवैध परिवहन किये जाने के मामले की जांच अब एसटीएफ करेगी। इस मामले में संलिप्त 4 आरोपियों पर अपराध पजीबद्ध करने के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है।
पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने अवगत कराया की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नीरज सोनी, नगर निरीक्षक ए पी टेकाम को एसटीएफ की कमान सौंपी गई है। 22 सिंतम्बर 2015 को फर्जी टीपी मामले का खुलासा होने के बाद वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की कार्यप्रणाली संदेह के धेरे में दिखाई देने लगी थी।
फर्जी टीपी के जरिये परिवहन किये जाने के इस मामले में बड़े कारोबारियों के साथ उनकी मिलीभगत से इस फर्जीवाडे को अंजाम दिया गया है। फर्जी टीपी बनाकर इमारती लकडी के परिवहन के मामले में आपराधिक षडयंत्र रचने का अपराध कायम किया जायेगा।
एसटीएफ पिछले 5 साल के टीपी जारी करने से जुडे़ दस्तावेजों को खंगालने में सक्रिय हो गई है संभावना व्यक्त की जा रही है की एसटीएफ की जांच में इमारती लकडी के करोबार से जुडे बडे कारोबारी और वनविभाग के आला अफसर की साठगाठ का शीध्र खुलासा होगा।

प्रेमी के साथ मिलकर पत्नी ने पति को जिंदा जलाया

Toc News
यूपी के बरेली में युवक को जिंदा जलाने का मामला सामने आया है. अवैध संबंधों का विरोध करने पर पत्नी ने अपने प्रेमी की मदद से युवक को जला दिया, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गया है और उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं.घटना प्रेमनगर थाना क्षेत्र के चाहबाई मोहल्ले की है. जहां के रहने वाले भूपराम की शादी मोहल्ले की रहने वाली अर्चना से हुई थी.

आरोप है कि अर्चना के अवैध संबंध सुनील नामक युवक से हो गए थे, जिसके कारण अर्चना और उसके पति में अक्सर झगड़ा होने लगा. इस कारण अर्चना ने कुछ दिनों पहले भूपराम पर रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी.

Saturday, November 14, 2015

जुबेर खान "आइसना" के शहडोल इकाई के संयोजक नियुक्त

जुबेर खान "आइसना" के शहडोल इकाई के संयोजक नियुक्त
Toc news @ Bhopal

जुबेर खान, शहडोल, जिला संयोजक
देश में पत्रकारों का सबसे बड़ा संगठन "आल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर्स एसोसिएशन" (आइसना) के प्रांतीय अध्यक्ष श्री अवधेश भार्गव ने शहडोल जिले का संयोजक पत्रकार साथी " श्री जुबेर खान " जी को नियुक्त किया है, शहडोल जिला और तहसील स्तर में इकाइयों का गठन किया जाना है।

शहडोल के पत्रकार साथी सदस्यता प्राप्त करने हेतू आमन्त्रित हैं। सदस्यता हेतू योग्यता प्रमाणपत्र, प्रेस द्वारा जारी परिचय पत्र, दो रंगीन फोटो, सहित संपर्क कर सदस्यता लें सकते है।

श्री जुबेर खान जी का सम्पर्क - +919977300420
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श्री जुबेर खान जी को "आइसना" का शहडोल इकाई के "संयोजक" बनाये जाने पर हार्दिक बधाईयां...
💐💐💐💐💐

विनय जी. डेविड
प्रांतीय महासचिव (आइसना)
+91 9893221036
±91 9009844445
 ई-मेल: timesofcrime@gmail.com

राज्य शासन ने 3 कलेक्टर सहित 8 IAS को स्थानांतरित किया

प्रकाश जांगड़े कलेक्टर दतिया को हटाया गया।
हरदा कलेक्टर का तबादला नीमच कलेक्टर बने           Toc News @ Bhopal                                        राज्य शासन द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा के 8 अधिकारी की नवीन पद-स्थापना की गई है। श्रीमती वीरा राणा प्रमुख सचिव पर्यटन को प्रमुख सचिव कुटीर एवं ग्रामोद्योग के पद पर पदस्थ किया गया है। श्री अशोक वर्णवाल प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण को वर्तमान विभागों के साथ उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण का भी प्रभार दिया गया है।
श्री रजनीश श्रीवास्तव कलेक्टर हरदा को कलेक्टर नीमच   और  श्री श्रीकान्त बनोठ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत धार को कलेक्टर हरदा के पद पर पदस्थ किया गया है।

श्री हरिरंजन राव प्रबंध संचालक पर्यटन विकास निगम, आयुक्त पर्यटन, सचिव लोक सेवा प्रबंधन, जन शिकायत निवारण एवं सचिव मुख्यमंत्री को वर्तमान विभागों के साथ सचिव पर्यटन भी बनाया गया है। श्री रजनीश श्रीवास्तव कलेक्टर हरदा को कलेक्टर नीमच, श्री प्रकाशचंद्र जांगड़े कलेक्टर दतिया को उप सचिव मध्यप्रदेश शासन, श्री नागर गोजे मदन विभीषण उप सचिव गृह को कलेक्टर दतिया, श्री नंदकुमारम कलेक्टर नीमच को उप सचिव मध्यप्रदेश शासन और श्री श्रीकान्त बनोठ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत धार को कलेक्टर हरदा के पद पर पदस्थ किया गया है।

दतिया कलेक्टर जांगरे का हटना तय

 इंजीनियरों की १७ से होने वाली हड़ताल रोकेगी सरकार
Toc news
दतिया कलेक्टर प्रकाशचंद्र जांगरे और एक्जीक्यूटिव इंजीनियर कमल किशोर सिंगारे के बीच हुए विवाद के तूल पकड़ने से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुश नहीं हैं। सीएम ने कल अपने निवास पर लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह को बुलाकर इस मसले पर चर्चा की। इस मुलाकात के बाद दतिया कलेक्टर का हटना तय माना जा रहा है। सीएम ने सरताज सिंह ने इस मामले में इंजीनियरों की प्रस्तावित हड़ताल रोकने के लिए भी कहा है।सूत्रों के मुताबिक इस मामले के लंबा खिंचने और विवाद बढ़ने पर मुख्यमंत्री ने कल सरताज सिंह को अपने निवास पर बुलाकार इस मामले का जल्द पटाक्षेप करने को कहा है। बताया जाता है कि उन्होंने सरताज सिंह ने इंजीनियरों के
प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करने को कहा है। लोक निर्माण मंत्री सरताज सिंह भी इंजीनियरों के समर्थन में हैं। उनका कहना है कि एक्जीक्यूटिव इंजीनियर क्लास वन अधिकारी होता है और उसके पद का अपना सम्मान है। वे भी कलेक्टर को हटाए जाने के पक्ष में हैं। चर्चा के दौरान इस बात पर भी सहमति बन गई बताई जाती है कि दतिया कलेक्टर को वहां से हटा दिया जाएगा।

१७ से हड़ताल करेंगे

इंजीनियर उधर इस मामले में अब तक कार्यवाही न होने पर प्रदेश के इंजीनियरर्स संघ ने १७ नवंबर से बेमियादी हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। सरकार इंजीनियरों की इस हड़ताल को टालना चाह रही है। सोमवार को इस मामले को लेकर सरताज सिंह इंजीनियरों से चर्चा कर सकते हैं।

यह था मामला

नवरात्रि के समय बेरीकेट्स लगाने की बात को लेकर दतिया कलेक्टर प्रकाशचंद जागड़े और एक्जीक्यूटिव इंजीनियर कमल किशोर सिंगारे के बीच विवाद हो गया था। इस विवाद के चलते कलेक्टर ने सिंगारे को कथित रूप से थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद उन्हें कुछ देर थाने में भी बैठाया गया था। घटना को इंजीनियरों ने अपनी नाक का सवाल बना लिया है। मामले के तूल पकड़ने के बाद सरकार ने पूरे मामले की जांच प्रमुख सचिव दीपक खांडेकर से करवाई थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव अंन्टोनी डिसा को सौंप दी है। इसके बाद भी कलेक्टर पर कार्यवाही न होने से इंजीनियर खफा है।



अब सुलझ जाएगा मामला

कल मुख्यमंत्री शिवरज सिंह से मुलाकात के दौरान दतिया कलेक्टर और इंजीनियर विवाद पर भी बात हुई थी। अब यह मामला जल्द सुलझ जाएगा। दतिया कलेक्टर को हटाया जाएगा या नहीं इस बारे में मैं अभी कुछ नहीं कह सकता। सरताज सिंह, मंत्री लोक निर्माण विभाग

छेड़छाड़ के मामले में जेल में बंद नगर सुरक्षा समिति के सदस्य की संदिग्ध मौत

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रतलाम. छेड़छाड़ के मामले में जिला जेल में बंद नगर सुरक्षा समिति के सदस्य भूरे खान पिता मोहम्मद खान उर्फ अमिताभ (60) निवासी शहर सराय की इलाज के दौरान जिला अस्पताल में शनिवार को दोपहर मौत हो गईl परिजन ने पुलिसकर्मियों पर उनके साथ मारपीट कर  हत्या करने का आरोप लगाया हैl
जानकारी के अनुसार दो सप्ताह पहले एक नाबालिक लड़की ने जिले के रावटी थाने पर  भूरे खान के खिलाफ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाकर रिपोर्ट की थी l पुलिस ने आरोपी   भूरे खान के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था l

2 नवंबर को न्यायलय में पेश किया था जहां से उन्हें जेल भेज दिया था l 6 नवंबर को  जेल मैं तबीयत बिगड़ने पल उन्हें जिला अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती किया गया था. जहां शनिवार करीब डेढ़ बजे उनकी मौत हो गईl.
उनकी पत्नी कनिज;  पुत्री गोसिया और पुत्र युसूफ ने आरोप लगाया कि नगर सुरक्षा समिति के कुछ सदस्य उन्हें ग्राम बाजना में समिति का सम्मेलन होने का क्या करने गए थे वहां से लौटने पर कुछ लोग उन्हें बाजना बस स्टैंड से पकड़कर रावटी थाने ले गए और वहां थाने में उनके खिलाफ झूठा प्रकरण दर्ज करायाl
भूरे खान की मौत की खबर फैलने पर बड़ी संख्या में समाजजन जिला अस्पताल में  जमा हो गएl परिजनों और लोगों ने कलैक्टर और sp से  शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों की पेनल से कराने और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है l पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम करा कर मामले की जांच की जाएंगीl

17 नवंबर से मध्य प्रदेश के तहसीलदार और नायब तहसीदार जायेंगे हड़ताल पर

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 भोपाल: प्रदेश भर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार  अपने एक साथी तहसीलदार के खिलाफ SC/ST एक्ट में दर्ज मुकदमें के खिलाफ 17 नवंबर से बेमुद्दत हड़ताल पर जाएंगे। तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के संगठन मप्र. राजस्व अधिकारी ( कनिष्ठ प्रशासकीय सेवा ) संघ के प्रदेश अध्यक्ष भुवन गुप्ता ने यह जानकारी इंडिया वन समाचार को दी। संघ के अध्यक्ष भुवन गुप्ता ने आरोप लगाया कि पिछले 5 नवंबर से तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने बेमुद्दत हड़ताल पर जाने के निर्णय को राजस्व मंत्री रामपाल सिंह और सीएम के सचिव के आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया था। भुवन गुप्ता ने आगे बताया कि छिंदवाड़ा तहसीलदार अनूप श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत करने वाले बारिकराम भावरकर और शिवचरण केबलारे ने पुलिस को एक शपथ पत्र देकर कहा है कि तहसीलदार अनूप श्रीवास्तव और उनके सहायक सौरभ भार्गव द्वारा जातिगत गालियां नहीं दी गईं और न ही सार्वजनिक रूप से जातिगत अपमानित किया गया है।

 इसके अलावा इन दोनों शिकायतकर्ताओं के बयान धारा 164 के अंतर्गत मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज कराये जा चुकें हैं। भुवन गुप्ता ने आगे आरोप लगाया कि छिंदवाड़ा कलेक्टर महेश चन्द्र चौधरी इस मामले में असहयोग कर रहें हैं। छिंदवाड़ा पुलिस भी शिकायत कर्ताओं और मजिस्ट्रेट के सामने दिए गये बयानों के बावजूद भी मुकदमें से एट्रोसिटी धाराओं को हटाने की कार्रवाई नहीं कर रही है।

भुवन गुप्ता ने आरोप लगाया है कि जब उज्जैन के अपर कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी द्वारा एक पुलिस कर्मचारी से मारपीट, दतिया कलेक्टर प्रकाश जावड़े द्वारा एक इंजीनियर के साथ मारपीट वरिष्ठ मंत्री कुसुम मेहदले द्वारा एक बच्चे को ठोकर मारने पर जब कोई कार्रवाही नहीं की गई तो उनके साथी तहसीलदार के साथ कलेक्टर के कहने पर झूठा मुकदमा दायर करना नेचुरल जस्टिस के खिलाफ है। संघ के अध्यक्ष भुवन गुप्ता ने इंडिया वन समाचार को आगे बताया कि उनके एक साथी तहसीलदार के खिलाफ सरकार के पूर्वाग्रह और पक्षपातपूर्ण रवैये से प्रदेश के तहसीलदारों और नायबतहसीलदारों में असुरक्षा के भाव ने तहसीलदारों को बेमुद्दत हड़ताल पर जाने के लिये  मजबूर किया है।

 बेमुद्दत हड़ताल पर जाने से पहले जबलपुर डिवीजन के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार आगामी 16 नवंबर को सामूहिक अवकाश लेकर छिंदवाड़ा कलेक्ट्रेट पर आक्रोश रैली निकालेंगे। 17 नवंबर से प्रदेश के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार अपने साथी तहसीलदार के खिलाफ एट्रोसिटीज एक्ट में दर्ज मुकदमा खत्म करने की मांग को लेकर बेमुद्दत हड़ताल पर चले जाएँगे। इंडिया वन समाचार  के प्रशासनिक संवाददाता के अनुसार प्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवंबर को छिदवाड़ा रेस्ट हाउस में प्रोटोकाल ड्यूटी पर तैनात तहसीलदार अनूप श्रीवास्तव का दो खानसामाओं के साथ मंत्री गौरी शंकर बिसेन को चाय देने पर विवाद हो गया था। बाद में इन  खानसामाओं  ने तहसीलदार के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया था।

Friday, November 13, 2015

सैनिक को अंतिम विदाई देने पहुंचा आर्मी का दल

Toc news



रीवा। भारत की सीमा क्षेत्र जम्मू सेक्टर के अखनूर से बबीना जाने के दौरान हादसे का शिकार हुआ रीवा का लाल प्रिन्स उर्फ आदित्य शुक्ला की उपचार के दौरान उधमपुर मिलेटी अस्पताल में मौत हो गई थी। आर्मी सैनिक का पार्थिव शरीर शुक्रवार की सुबह उसके गृह ग्राम सोहागी थानान्तर्गत मलपार गांव जैसे ही पहुंचा पूरा गांव शोक में डूब गया । सैनिक की मां चन्द्रप्रभा शुक्ला और उसकी पत्नी नेहा शुक्ला की आंखें न सिर्फ आंसू से भरी रही बल्कि दोनों ही चक्कर खाकर बेहोश हो गई। भारतीय सैनिक को अंतिम बिदाई देने के लिये जबलपुर बटालियन की 17 सदस्यीय आर्मी का दल सुबह सूबेदार नरेश कुमार के नेतृत्व में पहुंच गया है

पटवा का मत चूको चौहान का नया स्वरूप तो नहीं आडवाणी की बगावत?

भोपाल @ अवधेश पुरोहित
Present by Toc News
राजनीति और क्रिकेट में कब क्या हो जाए यह कहा नहीं जा सकता ऐसा ही कुछ इन दिनों भारतीय जनता पार्टी में होता दिखाई दे रहा है

कल तक नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की शान में कसीदे पडऩे वाले भाजपा के नेता अब बिहार चुनाव में हुई भाजपा की करारी हार के बाद मोदी और शाह के खिलाफ बयानबाजी करने लगे हैं, मजे की बात यह है कि जिन लालकृ ष्ण आडवाणी ने लोकसभा चुनाव के पूर्व प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में नरेन्द्र मोदी क ा नाम आने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम को आगे बढ़ाते हुए पहल की लेकिन उस समय संघ और तमाम मोदी समर्थक नेताओं के दबाव के  चलते आडवाणी की योजना को ग्रहण लग गया, लेकिन जैसे ही बिहार चुनाव के परिणामों के आते ही इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश से जिस तरह से मोदी मंत्रीमण्डल के सहयोगी नरेन्द्र तोमर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान सहित हर छोटे-बड़े नेता जो इन दिनों प्रदेश में होने वाले उप चुनाव में सक्रिय हैं। सभी के द्वारा पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में की जा रही आमसभा या चौक-चौपाल, नुक्कड़ सभाओं में जो भाषण इन दिनों दिये जा रहे हैं

उनमें नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का नाम लेने तक में परहेज किया जा रहा है, ठीक इसके कुछ ही घंटों बाद दिल्ली में पार्टी के लोह पुरुष और मोदी की उपेक्षा के शिकार लालकृष्ण आडवाणी के निवास पर पार्टी के बुजुर्ग नेताओं की एक अहम बैठक हुई जिसमें यशवंत सिन्हा, मुरलीमनोहर जोशी जैसे आदि नेताओं ने भाग लिया, बैठक के बाद जो बयान जारी हुआ उस बयान के बाद जो राजनीति में हलचल मची जो धीरे-धीरे ज्वाला बनने का प्रयास कर रही है। ठीक इसी तरह की हलचल प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गुरु सुंदरलाल पटवा ने एक समाचार पत्र में आलेख के माध्यम से अपने चेले को यह संदेश दिया था कि मत चूको चौहान?

हालांकि इस आलेख के प्रकाशित होने के बाद प्रदेश के राजनेताओं में थोड़ी हलचल हुई लेकिन प्रदेश का आम नागरिक यह समझ नहीं पाया कि यह मत चूको चौहान? के मायने आखिर क्या हैं, तो वहीं राजनीति के जानकार भी असमंजस की स्थिति में रहे। इस आलेख के छपने के बाद प्रदेश में जो राजनीतिक उठा-पटक हुई, उस उठा-पटक के बाद प्रदेश में सत्ता की कमान उनके  चेले शिवराज सिंह चौहान के हाथों में आई। हाल ही में आडवाणी सहित भाजपा के नेताओं के द्वारा जो मोदी-शाह के खिलाफ बगावती सुर उभरे हैं उसको लेकर भी लोग पटवा के मत चूको चौहान? से जोडऩे में लगे हुए हैं क्योंकि यह सर्वविदित है कि एक लम्बे अर्से से शिवराज सिंह चौहान भी दिल्ली की रेस में हैं,

ऐसा अनुमान राजनीतिज्ञ के जानकार मानकर चल रहे हैं, इन दिनों चल रही राजनीतिक हलचल के दौरान लोग अब यह सोचने में लगे हुए हैं कि कहीं बिहार चुनाव के परिणाम आने के बाद जो राजनीतिज्ञ हलचल का माहौल इन दिनों देश में चल रहा है कहीं उसके पीछे पटवा के उस आलेख मत चूको चौहान? का अगला पड़ाव तो नहीं है, जिस पड़ाव की रूपरेखा पटवा के साथ-साथ लालकृष्ण आडवाणी और अन्य भाजपा नेताओं ने रखी थी,

यह सर्वविदित है कि पटवा हालांकि अस्वस्थ्य हैं मगर राजनीति के दांव-पेंच में आज भी वह किसी से कम नहीं हैं, यदि वह किसी से कम नहीं हैं तो उनके चेले शिवराजसिंह चौहान की रणनीति का राज्य ही नहीं देश के कई राजनेता लोहा मानते हैं? उल्लेखनीय है कि १९९८ के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान जब प्रदेश के प्रभारी के रूप में नरेन्द्र मोदी को बनाया गया था, तो उस समय पटवा और उनके समर्थकों द्वारा मोदी का असहयोग किया गया था,

राजनीति के जानकार और पटवा विरोधियों का यह मानना है कि यदि १९९८ में पटवा ने मोदी को असहयोग न किया होता तो राज्य में २००३ की बजाए १९९८ में भाजपा सत्ता में आ गई होती? अब मोदी के खिलाफ आडवाणी का नया विद्रोह क्या रंग लाएगा यह तो भविष्य ही बताएगा। 

सहायक अध्यापक सनद पटैल सहित अन्य से रिकवरी पर स्टे कटनी का मामला

Toc news
👉सहायक अध्यापक की होनी थी रिक्वरी
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए कटनी में पदस्थ सहायक अध्यापक सनद पटैल सहित अन्य से रिकवरी पर रोक लगा दी। इसी के साथ कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, सीईओ व प्राचार्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया।
न्यायमूर्ति वंदना कासरेकर की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता श्रीमती सुधा गौतम ने रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता सहित अन्य को एंट्रिम अलाउंस बतौर सितम्बर 2013 से ढाई हजार रुपए का मासिक भुगतान किया जा रहा था। सितम्बर 2015 में प्राचार्य ने जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश को आधार बनाकर एक आदेश जारी कर दिया। इसके तहत एंट्रिम अलाउंस ढाई हजार से घटकर महज 1 हजार रुपए कर दिया गया। यही नहीं पिछले अर्से में हुए अधिक भुगतान की रिकवरी की भी गाज गिरा दी गई। 29 सितम्बर 2015 को प्राचार्य द्वारा जारी इसी अनुचित आदेश को हाईकोर्ट में याचिका के जरिए कठघरे में रखा गया है।
हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद रिकवरी आदेश को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायदृष्टांत की रोशनी में विधिसम्मत न पाते हुए वसूली पर रोक लगा दी। साथ ही पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया।

Thursday, November 12, 2015

सीनियर नेताओ के बयान से भाजपा में बवाल

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नई दिल्ली- बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली करारी हार के बाद पार्टी नेताओं के शुरू हुए बयान थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लेकर दिए बयान से पार्टी सदमे में है।
अब ये नेता शाह-मोदी समर्थकों के निशाने पर आ गए हैं। पार्टी के तीन पूर्व अध्यक्ष-नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और वैंकेया नायडु द्वारा इनके खिलाफ बयान दिए जाने के बाद अब एक सांसद ने भी इनके विरोध में बयान दे डाला है।
उत्तर प्रदेश के बलिया से सांसद भरत सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर पूर्व गृहमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने पीएम नरेंद्र मोदी और अध्यक्ष अमित शाम के खिलाफ दिया बयान वापस नहीं लिया तो उनके घर के सामने से मार्च निकाली जाएगी।
हालांकि, इसके बाद भी पीएम मोदी और शाह के खिलाफ बयानबाजी जारी है। झारखंड से चुनकर आए पार्टी के एक सांसद ने अप्रत्यक्ष रूप से बिहार में मिली हार के लिए मोदी और शाह को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि चुनावी रैली में भीड़ जुटाने का मतलब यह नहीं होता की आप चुनाव जीत जाएंगे।
इस सांसद ने स्थानीय नेताओं को तरजीह देने वाले बयानों का समर्थन करते हुए कहा कि भविष्य में जिस राज्य में भी चुनाव हो, बेहतर होगा की वहां के स्थानीय नेताओं को तरजीह दी जाए। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से भी पार्टी के रणनीतिकारों ने कोई सबक नहीं लिया जिसका खामियाजा बिहार चुनाव में उठाना पड़ा।

पेंशन भुगतान में अनियमितता पर पंचायत सचिव निलंबित

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नरसिंहपुर. जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने पेंशन भुगतान में अनियमितता बरतने के आरोप में जनपद पंचायत चांवरपाठा की ग्राम पंचायत महगुंवा (सड़ूमर) के सचिव  माधव सेन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
  जारी आदेश में कहा गया है कि सेन का यह कृत्य मध्यप्रदेश सेवा आचरण अधिनियम 1998 के तहत लापरवाही एवं उदासीनता का घोतक है। निलंबन अवधि में सेन का मुख्यालय जनपद पंचायत चांवरपाठा रहेगा और जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी। श्री माधव सेन का प्रभार ग्राम पंचायत घघरोला कलां के सचिव  अरविंद यादव को सौंपा गया है।

ऐ पी जे अब्दुल कलाम के 100 अनमोल विचार

100 Quotes of A P J Abdul Kalam in Hindi 
(ऐ पी जे अब्दुल कलाम के 100 अनमोल विचार)
ऐ पी जे अब्दुल कलाम
भारत के पूर्व राष्ट्रपति, महान वैज्ञानिक और शिक्षक ऐ पी जे अब्दुल कलाम किसी परिचय के मोहताज़ नहीं है। यह भारत के सबसे पसंदीदा युथ आइकॉन है। इन्होने अपनी मेहनत, लगन और इच्छा शक्ति से अर्श से शिखर तक का सफर तय किया है। इन्होने बहुत सी ऐसी बाते कही है जिन्हे अपने जीवन में अपनाकर कोई कामयाबी के शिखर तक पहुँच सकता है। हमने यहाँ पर इनके ऐसे ही विचारो का संकलन किया है।
यह भी पढ़े- डॉ. कलाम के 11 सिद्धान्त, जिससे सीखा पूरे देश ने
Quote 1 : इससे पहले की सपने सच हो आपको सपने देखने होंगे।
Quote 2 : सपना वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे।
Quote 3 : इंतज़ार करने वालो को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते है।
Quote 4 : एक अच्छी पुस्तक हज़ार दोस्तों के बराबर होती है जबकि एक अच्छा दोस्त एक लाइब्रेरी (पुस्तकालय) के बराबर होता है
Quote 5 : जीवन में कठिनाइयाँ हमे बर्बाद करने नहीं आती है, बल्कि यह हमारी छुपी हुई सामर्थ्य और शक्तियों को बाहर निकलने में हमारी मदद करती है, कठिनाइयों को यह जान लेने दो की आप उससे भी ज्यादा कठिन हो।
Quote 6 : आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत, असफलता नामक बिमारी को  मारने के लिए सबसे बढ़िया दवाई है। ये आपको एक सफल व्यक्ति बनाती है।
Quote 7 : देश का सबसे अच्छा दिमाग, क्लास रूम की आखरी बेंचो पर मिल सकता है।
Quote 8 : आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदते बदल सकते है और निश्चित रूप से आपकी आदते आपका फ्यूचर बदल देगी।
Quote 9 : अपने जॉब से प्यार करो पर अपनी कम्पनी से प्यार मत करो क्योकि आप नहीं जानते की कब आपकी कम्पनी आपको प्यार करना बंद कर दे।
Quote 10 : अपनी पहली सफलता के बाद विश्राम मत करो क्योकि अगर आप दूसरी बार में असफल हो गए तो बहुत से होंठ यह कहने के इंतज़ार में होंगे की आपकी पहली सफलता केवल एक तुक्का थी।
Quote 11 : किसकी को हराना बहुत आसान है लेकिन किसी को जितना बहुत आसान है।
Quote 12 : यदि आप अपनी ड्यूटी को सैल्यूट करोगे तो आपको किसी भी व्यक्ति को सैल्यूट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी लेकिन यदि आप अपनी ड्यूटी को पोल्यूट करेंगे तो आपको हर किसी को सैल्यूट करना पडेगा।
Quote 13 : महान सपने देखने वालो के महान सपने हमेशा पुरे होते है।
Quote 14 : जब हमारे सिग्नेचर (हस्ताक्षर), ऑटोग्राफ में बदल जाए तो यह सफलता की निशानी है।
Quote 15 : सफलता की कहानियां मत पढ़ो उससे आपको केवल एक सन्देश मिलेगा। असफलता की कहानियां पढ़ो उससे आपको सफल होने के कुछ आइडियाज (विचार) मिलेंगे।
Quote 16 : ब्लैक कलर भावनात्मक रूप से बुरा होता है लेकिन हर ब्लैक बोर्ड विधार्थियों की जिंदगी ब्राइट बनाता है।
Quote 17 : शिखर पर पहुँचने के लिए सामर्थ्य चाहिए। फिर वो चाहे माउंट एवेरेस्ट का शिखर हो या आपके केरियर का।
Quote 18 : मैं एक हैंडसम इंसान नहीं हूँ लेकिन मैं अपना हैंड उस किसी भी व्यक्ति को दे सकता हूँ जिसको की मदद की जरूरत है। सुंदरता हृदय में होती है, चेहरे में नहीं।
Quote 19 : नकली सुख की बजाय ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये।
Quote 20 : अपने मिशन में कामयाब होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त निष्ठावान होना पड़ेगा।
Quote 21 : एक मुर्ख जीनियस बन सकता है यदि वो समझता है की वो मुर्ख है लेकिन एक जीनियस मुर्ख बन सकता है यदि वो समझता है की वो जीनियस है।
Quote 22 : बारिश की दौरान सारे पक्षी आश्रय की तलाश करते है लेकिन बाज़ बादलों के ऊपर उडकर बारिश को ही अवॉयड कर देते है। समस्याए कॉमन है, लेकिन आपका एटीट्यूड इनमे डिफरेंस पैदा करता है।
Quote 23 : कभी कभी कक्षा से बंक मारकर दोस्तों के साथ मस्ती करना अच्छा होता है, क्योंकि आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ तो ये सिर्फ हंसाता ही नहीं है, बल्कि अच्छी यादे भी देता है।
Quote 24 : प्रशन पूछना, विधार्थियों की सभी प्रमुख विशेषताओ में से एक है। इसलिए छात्रों सवाल पूछों।
Quote 25 : मेरे लिए नकारात्मक अनुभव जैसी कोई चीज़ नहीं है।
Quote 26 : जिंदगी और समय, विशव के दो सबसे बड़े अध्यापक है। ज़िंदगी हमे समय का सही उपयोग करना सिखाती है जबकि समय हमे ज़िंदगी की उपयोगिता बताता है।
Quote 27 : जब हम दैनिक समस्याओ से घिरे रहते है तो हम उन अच्छी चीज़ों को भूल जाते है जो की हम में है।
Quote 28 : इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये जरूरी है।
Quote 29 : मैं हमेशा इस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार था कि मैं कुछ चीजें नहीं बदल सकता।
Quote 30 : जो लोग आधे अधूरे मन से कोई काम करते है उन्हें आधी अधूरी, खोकली सफलता मिलती है जो चारो और कड़वाहट भर देती है।
Quote 31 : हमे प्रयत्न करना नहीं छोड़ना चाहिए और समस्याओ से नहीं हारना चाहिए।
Quote 32 : मेरा यह सन्देश विशेष रूप से युवाओ के लिए है। उनमे अलग सोच रखने का साहस, नए रास्तो पर चलने का साहस, आविष्कार करने का साहस होना चाहिए। उन्हें समस्याओ से लड़ना और उनसे जीतना आना चाहिए। ये सभी महान गुण है और युवाओ को इन गुणों को अपनाना चाहिए।
Quote 33 : हर सुबह पांच बाते अपने आप से बोलो
१  मैं सबसे अच्छा हूँ।
२ मैं यह कर सकता हूँ।
३  भगवान हमेशा मेरे साथ है।
४ मैं एक विजेता हूँ।
५  आज का दिन मेरा दिन है।
Quote 34 : युवाओ के लिए सन्देश
ज़िंदगी में लक्ष्य तय करना
ज्ञान को प्राप्त करना
कठिन मेहनत करना
अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहना
Quote 35 : थ्री एक्सीलेंट आन्सवर
सफलता का रहस्य क्या है ? सही निर्णय
आप सही निर्णय कैसे लेते है ? अनुभव से
आप अनुभव कैसे प्राप्त करते है ? गलत निर्णय से
Quote 36 : आइये हम अपने आज का बलिदान कर दें ताकि हमारे बच्चों का कल बेहतर हो सके।
Quote 37 : कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये।
Quote 38 : चूँकि हम सब भगवान के पुत्र है इसलिए हम हर उस चीज़ से बड़े है जो हममे हो सकती है।
Quote 39 : यदि हम सवतंत्र नहीं है तो कोई भी हमारा आदर नहीं करेगा।
Quote 40 : अंग्रेजी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में विज्ञान के मूल काम अंग्रेजी में हैं। मेरा विश्वास है कि अगले दो दशक में विज्ञान के मूल काम हमारी भाषाओँ में आने शुरू हो जायेंगे, तब हम जापानियों की तरह आगे बढ़ सकेंगे।
Quote 41 : जीवन एक कठिन खेल है। आप इस जन्मसिद्ध अधिकार को केवल एक व्यक्ति बनकर ही जीत सकते है।
Quote 42 : मुझे बताइए , यहाँ का मीडिया इतना नकारात्मक क्यों है? भारत में हम अपनी अच्छाइयों, अपनी उपलब्धियों को दर्शाने में इतना शर्मिंदा क्यों होते हैं? हम एक माहान राष्ट्र हैं। हमारे पास ढेरों सफलता की गाथाएँ हैं, लेकिन हम उन्हें नहीं स्वीकारते। क्यों?
Quote 43 : भारत में हम बस मौत, बीमारी , आतंकवाद और अपराध के बारे में पढ़ते हैं।
Quote 44 : इसका मतलब है, जो लोग उच्च और जिम्मेदार पदों पर है, अगर वे धर्म के खिलाफ जाते है, तो धर्म ही एक विध्वंसक के रूप में तब्दील हो जाएगा।
Quote 45 : हम एक राष्ट्र के रूप में विदेशी चीज़ों से लगाव क्यों कर रहे है ? क्या यह हमारे औपनिवेशिक युग की एक विरासत है। हम विदेशी टीवी सेट खरीदना चाहते है। हम विदेशी शर्ट पहनना चाहते है। हम विदेशी प्रौधोगिकी खरीदना चाहते है, सब कुछ आयात करने का यह कैसा जुनून है ?
Quote 46 : दुनिया की आबादी के लगभग आधे लोग ग्रामीण क्षेत्रों में और ज्यादातर गरीबी की हालत में रहते है। मानव विकास में इस तरह की असमानता ही दुनिया में अशांति और हिंसा के प्राथमिक कारणों में से एक है।
Quote 47 : किसी भी धर्म में किसी धर्म को बनाए रखने और बढाने के लिए दूसरों को मारना नहीं बताया गया।
Quote 48 : जब तक भारत दुनिया में अपने कदमो पर खड़ा नहीं है, तब तक हमे कोई आदर नहीं करेगा। इस दुनिया में डर के लिए कोई जगह नहीं है। केवल ताकत ही ताकत का सम्मान करती है।
Quote 49 : भारत को अपनी ही छाया चाहिए, और हमारे पास स्वयं के विकास का प्रतिरूप होना चाहिए।
Quote 50 : हमे करोडो लोगो के देश की तरह सोचना और कार्य करना चाहिए न की लाखो लोगो के देश की तरह। सपना, सपना, सपना !
Quote 51 : हमे युवाओ को नौकरी चाहने वालो की अपेक्षा नौकरी देने वाला बनाना होगा।
Quote 52 : हर राष्ट, चीन से यह सीख सकता है की हमे ग्रामीण स्टार पर अच्छे उद्यमों, अच्छी गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाओ और शैक्षिक सुविधाओ के निर्माण पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
Quote 53 : मेरा नज़रिया यह है की जवानी में हम अधिक आशावादी और कल्पनाशील होते है और हम दूसरों से कम प्रभावित होते है।
Quote 54 : कितने सही रूप से क़ानून अपराध को खत्म कर सकता है ? बहुत तेजी से कारवाई करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए। नियम कुछ ऐसे हो की उन्हें पकड़ो और सजा दो।
Quote 55 : भारत को एक मूल्य प्रधान राष्ट्र के साथ, एक विकसित राष्ट्र, एक समृद्ध राष्ट्र और एक स्वस्थ राष्ट्र के रूप में तब्दील होना होगा।
Quote 56 : हम केवल तभी याद किये  जाएंगे यदि हम हमारी युवा पीढ़ी को एक समृद्ध और सुरक्षित भारत दे सके जो की सांस्कृतिक विरासत के साथ साथ आर्थिक समृद्धि के परिणाम स्वरुप प्राप्त हो।
Quote 57 : हमने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है। हमने उनके देश की जमीन नहीं हड़पी है, अपनी संस्कृति, अपने इतिहास और अपने जीवन जीने के तरीके को उन पर लागू करने की कोशिश नहीं की।
Quote 58 : जब कोई राष्ट्र हथियार युक्त देशो से घिरा हो, तो उसे भी हथियार युक्त होना पडेगा।
Quote 59 : शिक्षाविद को छात्रों में रचनात्मकता, जानने की भावना और नैतिक नेतृत्व की क्षमता का निर्माण कर उनका आदर्श बन जाना चाहिए।
Quote 60 : क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है ?
Quote 61 : अगर किसी देश को भ्रष्टाचार – मुक्त और सुन्दर-मन वाले लोगों का देश बनाना है तो , मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि समाज के तीन प्रमुख सदस्य ये कर सकते हैं. पिता, माता और गुरु।
Quote 62 : भगवान, हमारे निर्माता ने हमारे मष्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं। ईश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है।
Quote 63 : युद्ध किसी भी समस्या का स्थाई हल नहीं है।
Quote 64 : आकाश की तरफ देखिये. हम अकेले नहीं हैं. सारा ब्रह्माण्ड हमारे लिए अनुकूल है और जो सपने देखते हैं और मेहनत करते हैं उन्हें प्रतिफल देने की साजिश करता है।
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