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Friday, February 24, 2023

Certificate in Community health (CCH) Session JULY 2023 Admission

 Certificate in Community health (CCH) Session JULY 2023 Admission

 
Certificate in Community health ( CCH ) Session JULY 2023 Admission

Monday, May 11, 2020

HTML script to disable text selection in blogger

how to disable right click on blogger blog

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Saturday, May 2, 2020

सावधान मीडिया और ग्रुप एडमिन, अखबार की पीडीएफ कॉपी व्हाट्सएप ग्रुप में प्रसारित करना गैरकानूनी, ग्रुप एडमिन होंगे जिम्मेदार

सावधान मीडिया और ग्रुप एडमिन, अखबार की पीडीएफ कॉपी व्हाट्सएप ग्रुप में प्रसारित करना गैरकानूनी, ग्रुप एडमिन होंगे जिम्मेदार

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खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 98932 21036

अख़बार की पीडीएफ कॉपी व्हाट्सएप ग्रुप में भेजना गैर कानूनी,अब केवल व्यक्तिगत (पर्सनल) या ब्रॉडकास्ट ग्रुप में ही भेजी जा सकती है

अख़बार की पीडीएफ कॉपी व्हाट्सएप ग्रुप में भेजना गैर कानूनी, अब केवल व्यक्तिगत ( पर्सनल ) ही भेजी जा सकती है।
कोरोना लॉक डाउन के चलते देश भर के अखबार मंडी से गुजर रहे है। जिसके चलते इंडियन न्यूज़ पेपर सोसायटी (INS) ने निर्णय लिया कि अब अखबारों यानी समाचार पत्र के ई पेपर से पेज डाउनलोड कर उसकी पीडीएफ फाइल व्हाट्सएप इत्यादि ग्रुप में प्रसारित करना गैर कानूनी है। ईपेपर या उसके अंश की कॉपी करके सोशल मीडिया पर अवैध रूप से प्रसारित करने वाले व्यक्ति के खिलाफ अखबार कड़ी कार्रवाई कर भारी जुर्माने की कार्रवाई कर सकते हैं।
इस तरह से अखबार की पीडीएफ कॉपी अवैध रूप से सर्कुलेट करने वाले उस व्हाट्सएप या टेलीग्राम एडमिन को जिम्मेदार माना जाएगा। ज्यादा पीडीएफ डाउनलोड करने वाले यूजर्स को ब्लॉक किया जाएगा। आईएनएस की सलाह पर समाचार पत्र समूह ऐसी तकनीक का प्रयोग करेंगे जिससे की अखबार की पीडीएफ फाइल डाउनलोड कर उसे सोशल मीडिया में प्रसारित करने वाले व्यक्ति का पता चल सकेगा। हर सप्ताह में एक निर्धारित संख्या से ज्यादा पीडीएफ डाउनलोड करने वाले यूजर को ब्लॉक किया जाएगा।
वही व्यक्तिगत व्हाट्सएप नंबर पीडीएफ फाईल भेजी जा सकता है। जिसके चलते ब्रॉडकास्ट ग्रुप में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। कानूनी कार्रवाई केवल में शेयरिंग पर की जाएगी। जिसके चलते व्यक्तिगत तौर न्यूज पेपर की पीडीएफ फाइल को भेजने का अधिकार यूजर को है। इस नीति से अखबारों के बिक्री में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस समय छोटे अख़बारों की पीडीएफ फाइल जोरो से शेयर की जा रही है।
जिसके चलते छोटे अखबारों की लोकप्रियता दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है। अब छोटे अखबार पीडीएफ कॉपी के मार्फत तकड़ी लोकप्रियता अर्जित कर सकते है। वही बड़े अखबार वाले व्हाट्सएप ग्रुप में पीडीएफ कॉपी शेयर करने वाले को ढूढने में लग चुकी है।

Tuesday, April 7, 2020

WhatsApp नया फरमान जारी किया : अब एक समय में सिर्फ एक चैट, आप भी जान लें

WhatsApp नया फरमान जारी किया : अब एक समय में सिर्फ एक चैट, आप भी जान लें

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नई दिल्ली : वॉट्सऐप को लेकर नया फरमान जारी किया गया है। वॉट्सऐप ने फॉरवर्ड किए गए मैसेज को लेकर नए लिमिट का ऐलान किया है। कंपनी ने कोरोना वायरस को लेकर तेजी से फैल रहीं गलत जानकारियों को ध्यान में रख कर ये फैसला लिया है। क्योंकि गलत जानकारियों की वजह से लोग भ्रमित हो जाए रहें है और कई बार गलत कदम भी उठा रहें हैं।

मैसेज पर एक लेबल लगाना शुरू किया

वॉट्सऐप पर ज्यादा फॉरवर्ड किए गए मैसेज मतलब की ऐसा कोई मैसेज जो पांच बार से ज्यादा बार फॉरवर्ड किया जा चुका है। गौरतलब है कि बीते साल कंपनी ने फॉरवर्ड किए जा रहे मैसेज पर एक लेबल लगाना शुरू किया था जिससे वॉट्सऐप यूजर्स को ये पता चल सके कि ये मैसेज फॉरवर्डेड है।
वॉट्सऐप पर मैसेज फॉरवर्ड को लेकर कंपनी ने कहा है, ‘हमें पता है कि कई यूजर्स जरूरी जानकारियां वॉट्सऐप के जरिए एक दूसरे को फॉरवर्ड करते हैं। इनमें फनी वीडियोज, मीम्स और प्रेयर्स होते हैं जो उन्हें जरूरी लगते हैं’।
आगे कंपनी ने कहा है कि हाल के कुछ हफ्तों में लोगों ने फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को लेकर पब्लिक मोमेंट ऑर्गनाइज करने के लिए वॉट्सऐप यूज किया है।

गलत इनफॉर्मेशन को रोकने के लिए

वॉट्सऐप के अनुसार, हाल ही में वॉट्सऐप फॉर्वर्ड मैसेज में बढ़ोतरी दर्ज की गई है और ये गलत जानकारी फैलाने का भी काम कर सकते हैं। इस पर कंपनी का मानना है कि इस तरह के गलत इनफॉर्मेशन को रोकने के लिए मैसेज रोकने जरूरी हैं जो तेजी से फैल रहे हैं।
कंपनी ने अपने ब्लॉगपोस्ट में इस बात पर भी जोर दिया है कि वॉट्सऐप पर्सनल यूज के लिए है और इसे पर्सनल प्लेस के तौर पर ही रखना चाहिए।
मैसेज फॉरवर्ड पर कंपनी ने ये भी कहा है कि मैसेज फॉरवर्ड करना गलत बात नहीं है। वॉट्सऐप इस बदलाव के अलावा एनजीओ, सरकार और डब्ल्यू एच ओ के साथ भी मिल कर काम कर रहा है ताकि लोगों तक सही जानकारी पहुंचाई जा सके।

Thursday, July 18, 2019

हो गया खेल : बदलेगा आपका बिजली का मीटर, जितना कराओगे रिचार्ज उतनी मिलेगी सप्लाई

हो गया खेल : बदलेगा आपका बिजली का मीटर, जितना कराओगे रिचार्ज उतनी मिलेगी सप्लाई

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार का देश भर में 30 करोड़ स्मार्टमीटर लगाने का प्लान है। दरअसल सरकार बिजली चोरी रोकने के उद्देश्य से तीन साल में देश के घर-घर में मीटर बदलने की योजना पर काम कर रही है। इस मीटर की खासियत यह होगी कि इन्हें पहले रिचार्ज कराना होगा। इससे जहां बिजली की चोरी की बंद हो जाएगी और ईमानदार लोगों को 24 घंटे बिजली की सप्लाई भी सुनिश्चित होगी।

Monday, July 15, 2019

तकनीकी कारणों से रोकी गई चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग,अब इस दिन चंद्रयान-2 जाएगा चाँद पर|


तकनीकी कारणों से रोकी गई चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग,अब इस दिन चंद्रयान-2 जाएगा चाँद पर|
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भारत के सबसे चर्चित मिशन चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग तकनीकी कारणों की वजह से फिलहाल रोक दी गई है| चंद्रयान-2 सोमवार तड़के 2 बजकर 51 मिनट पर उड़ान भरने वाला था लेकिन तय उड़ान से 56 मिनट 24 सेकेंड पहले तकनीकी खराबी की वजह से इसकी लॉन्चिंग को टाल कर दिया गया| मिशन को रोके जाने के कुछ देर बाद ही इसरो की ओर से एक बयान भी जारी किया गया है|

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देश की वैज्ञानिकों ने इसरो के इस कदम को बिल्कुल सही बताया है| वैज्ञानिकों ने कहा कि चंद्रयान-2 पर 1000 करोड़ से ज्यादा का खर्च हुआ है| ऐसे में किसी भी खराबी में यान को लॉन्च नही किया जा सकता| डीआरडीओ के अनुसार इतने बड़े मिशन में हम कोई मौका नहीं ले सकते थे| हर हिस्से की कई दौर की टेस्टिंग की जाती है| मिशन के हर पहलू पर हर सेकेंड नजर रखने की जरूरत है|

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अंतरिक्ष वैज्ञानिक गौहर रजा ने कहा है कि यह वैज्ञानिक फैसला है इसमें हमे निराश होने की कोई जरूरत नहीं है| यह 70 साल के अनुभव का नतीजा है कि तय समय पर खराबी को पकड़ लिया गया| अन्यथा ऐसे रॉकेट व यान का प्रक्षेपण किसी बम से कम नहीं होता है| अब हम आपको बता दें की 10 दिन बाद इसरो लॉन्चिंग की नई तारीख की घोषणा करेगा| आपको क्या लगता है भारत का ये मिशन कामयाब हो पाएगा या नहीं ? आप अपने जवाब कमेंट कर के जरुर दें|

Wednesday, July 3, 2019

एल्कलाइन पानी यानी हैण्डपम्प का साफ़ पानी : लेकिन कैंसर उससे भी नहीं रुकता


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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567

आदित्य बिरला हायर सेकेंड्री स्कूल के रसायन शास्त्र के शिक्षक श्री धर्मेन्द्र गान्धी जी के कथनानुसार-

एल्कलाइन पानी आजकल प्रचलन में आया हुआ है। उदासीनता अब निष्क्रियता जान पड़ने लगी है , इसलिए उसमें एक चुटकी क्षारीयता मिलानी ज़रूरी है।
एल्कली शब्द अरबी भाषा के 'अल-क़ली' से बना है। 'क़ली' कैल्शियम ऑक्साइड यानी चूने को कहते हैं और यह पानी के सम्पर्क में आकर क्षार का निर्माण करता है। 
कई लेखों में यह प्रचलित किया जा रहा है कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक ऑटो वॉरबर्ग ने यह सिद्ध किया था कि कैंसर की कोशिकाएँ ऑक्सीजन की प्रचुरता और एल्कलाइन ( अर्थात् क्षारीय ) माहौल में मर जाती हैं। इंटरनेट पर एल्कलाइन पानी के बहुप्रचलित झूठ की शुरुआत दरअसल यहीं से होती है।
वॉरबर्ग ने दरअसल यह सिद्ध किया ही नहीं था। उन्होंने तो वस्तुतः यह बताया था कि ऑक्सीजन की उपस्थिति होने के बावजूद कैंसर-कोशिकाएँ बिना उसके इस्तेमाल के अपने लिए ऊर्जा पैदा करती और कर सकती हैं। यह प्रक्रिया किण्वन या फ़र्मेन्टेशन कहलाती है और वॉरबर्ग के नाम पर इसे वॉरबर्ग-प्रभाव नाम दिया है।
वॉरबर्ग की इस बात को लोगों ने अनजाने में या जानबूझ कर उलट दिया। उन्होंने यह प्रचारित करना शुरू कर दिया कि कैंसर-कोशिकाएँ ऑक्सीजन की कमी और दैहिक अम्लीयता का नतीजा हैं। जिस आदमी का शरीर जितना अम्लीय , उसे कैंसर होने का उतना ही ख़तरा।
फिर भ्रम फैलाये गये कि मनुष्य का आहार अम्लीय हो चला है। जिस कारण शरीर में अम्लीयता बढ़ती जा रही है। अम्लीय भोजन से रक्त में अम्लीयता में वृद्धि हो रही है और इसी लिए कैंसर का प्रचलन भी बढ़ रहा है।
आपको यह बात जाननी चाहिए कि मानव-रक्त थोड़ा सा क्षारीय ( एल्केलाइन ) होता है। शरीर रक्त की पीएच को , जो कि अम्लीयता-क्षारीयता को नापने का एक पैमाना है , उसे एक सँकरी रेंज में बनाए रखता है। पीएच गिरी तो अम्लीयता बढ़ी। पीएच उठी तो क्षारीयता बढ़ी। दोनों ही हालत में इंसान की मौत तय।
अम्लीयता-क्षारीयता को सन्तुलित रखने का यह काम मुख्यतः दो अंग करते हैं : वृक्क और फेफड़े। लेकिन कभीकभी बीमारियों के फलस्वरूप रक्त का पीएच सचमुच गड़बड़ा जाता है और उसमें अम्लीयता यानी एसिडोसिस या क्षारीयता यानी एल्केलोसिस प्रकट हो जाती है।
यह सच है कि वॉरबर्ग के कथनानुसार कैंसर-कोशिकाएँ जब ग्लूकोज़ से बिना ऑक्सीजन के ऊर्जा पैदा करती हैं , तो उनके आसपास का माहौल अम्लीय हो जाता है। लेकिन इससे आप यह नतीजा हरगिज़ नहीं निकाल सकते कि यह अम्लीयता पूरे शरीर में व्याप्त है।
आपके शरीर में हर अंग का पीएच अलग-अलग है। लार अम्लीय है , आमाशय में मौजूद हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तो साक्षात् तीक्ष्ण तेज़ाब है जिसकी पीएच 2 या 3 होती है। पित्त क्षारीय है , अग्न्याशय के रस क्षारीय हैं। रक्त क्षारीय है , वीर्य क्षारीय है लेकिन पेशाब फिर अम्लीय है। भिन्न-भिन्न अंग , भिन्न-भिन्न उनकी अम्लीयता-क्षारीयता !
आदमी का जिस्म कोई बीकर या फ़्लास्क नहीं है जिसमें कोई रसायन का घोल पड़ा है। आपने लिटमस पेपर डाला और झट से अम्लीयता-क्षारीयता देखकर बता दिया कि आपको कैंसर होने की सम्भावना ज़्यादा है या कम।
कैंसर होने के कारण बहुत सारे हैं। अलग-अलग कैंसर अलग-अलग कारणों से होते हैं। आनुवंशिकी से लेकर तमाम रसायन और विकिरण तक अपना-अपना काम इन्हें उत्पन्न करने में देते हैं। केवल एल्कलाइन पानी पीने भर से अगर आप कैंसर से बचने की सोच रहे हैं , तो यह सोच बड़ी बचकानी है।
एल्कलाइन पानी और कुछ नहीं मैग्नीशियम व कैल्शियम जैसे खनिजों से युक्त पानी को कहा जा रहा है , जो आपकी-हमारी पिछली पीढ़ियाँ पीती रही हैं। हैण्डपम्पों-कुँओं-नदियों में यही जल तो मिलता आया है। लेकिन अब प्रदूषण के बढ़ने से और कीटाणुओं के संक्रमण से यह पानी पीने योग्य नहीं रहा। ऐसे में बाज़ार की कम्पनियाँ इसी तरह के पानी को शुद्ध रूप में आपको-हमको बेच रही हैं। यानी हैण्डपम्प-तालाब-कुएँ का पानी , लेकिन प्रदूषण व कीटाणुओं से मुक्त।
इस पानी में जो हलकी क्षारीयता है भी , वह कैसे कैंसर से आपको बचा लेगी , यह एकदम सोच से परे है। यह एल्कलाइन पानी पेट के तीखे तेज़ाब से मिलेगा न , रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप उसे खो बैठेगा। बस मामला ख़त्म। अब न कोई क्षारीयता बची और न उसका कोई कैंसर-कनेक्शन।
मोटी सी बात आपको यह समझनी है कि कैंसर-कोशिकाओं के कारण ( उनके आसपास के माहौल में ) अम्लीयता पैदा होती है , अम्लीयता के कारण कैंसर-कोशिकाएँ नहीं पैदा होतीं। और यह अम्लीय माहौल भी पूरे-के-पूरे शरीर में नहीं होता , केवल लोकल होता है।
कैंसर से बचाव का कोई एक तरीक़ा नहीं क्योंकि कैंसर कोई एक रोग नहीं है। न उसका कारण एक है , न उसका इलाज एक है। अलग-अलग अंगों में अलग-अलग कैंसर अलग-अलग कारणों से होते हैं।
बाज़ार आपको चूने की बोतल बेचकर चूना लगा रहा है , लगवाना चाहें तो लगवाइए। शरीर को नुक़सान नहीं , केवल आपकी जेब को है।
बेस्ट ऑफ़ लक !

Thursday, February 21, 2019

प्रदेश हित और नागरिकों की सुविधाओं के लिए नई संचार नीति लागू, लायसेंस देने कलेक्टर अधिकृत

नई संचार नीति लागू kamal nath के लिए इमेज परिणामTOC NEWS @ www.tocnews.org
  • जिला कलेक्टर लायसेंस देने के लिए अधिकृत   
  • 16 फरवरी को जबलपुर में हुई मंत्री-मंडल की बैठक में हुआ नीति का अनुमोदन 
जबलपुर, 21 फरवरी, 2019 राज्य शासन ने प्रदेश के नागरिकों को बेहतर संचार सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के लिए नई संचार नीति बनाई है। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में विगत 16 फरवरी को जबलपुर में हुई मंत्री-मंडल की बैठक में नीति का अनुमोदन किया गया। यह नीति 2023 तक अथवा नई नीति की घोषणा होने तक लागू रहेगी। राज्य सरकार द्वारा आईटी के लिए गठित शीर्ष समिति इस नीति में संशोधन या वृद्धि करने के लिए अधिकृत होगी।
''इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर मध्यप्रदेश 2019 वायर लाइन या वायर लेस आधारित वाइस या डेटा एक्सिस सेवाएँ प्रदान करने के लिए बुनियादी ढाँचे की स्थापना नीति 'समाज और अर्थव्यवस्था के विकास के लिए संचार की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर पूरे राज्य में मजबूत, सुरक्षित, उच्च गुणवत्ता और निर्बाध दूरसंचार बुनियादी ढाँचे की स्थापना करेगी। जिलों में इस नीति के क्रियान्वयन के लिए लायसेंसिंग प्राधिकरण जिला कलेक्टर एकल खिड़की के रूप में कार्य करेंगे। वे भूमिगत, ओवर-ग्राउण्ड कार्य के लिए केन्द्र या राज्य सरकार या किसी अन्य एजेन्सियों की निजी संपत्ति पर लायसेंस देने के लिए अधिकृत होंगे।
नई नीति का उद्देश्य प्रदेश में संचार सुविधाओं के बुनियादी ढाँचे के नियोजित विकास और विस्तार को सुनिश्चित करना होगा। प्रदेश के सभी हिस्सों में टेली-डेंसिटी और इंटरनेट का उपयोग बढ़ाया जाएगा। नागरिकों और संगठनों को सस्ती, विश्वसनीय, उच्च गति और माँग आधारित वाइस और डेटा एक्सेस सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। नई नीति से दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने की इच्छुक संस्थाओं को अनुमति और अनुमोदन प्रदान करने के लिए सरल और पारदर्शी ढाँचा स्थापित होगा। नई नीति के प्रावधान मध्यप्रदेश में पूर्व से लागू 2013 की 4जी ब्रॉडबेंड वायर लाइन और वायर लेस एक्सेस सेवाएँ प्रदान करने की नीति के स्थान पर लागू होंगे।
वायर लाइन और वायर लेस आधारित डेटा या वाइस एक्सेस सेवाएँ प्रदान करने के लिए जो कम्पनियाँ काम करेंगी, उनके पास दूरसंचार विभाग भारत सरकार द्वारा जारी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाता कम्पनी के रूप में काम करने के लिए लायसेंस होना अनिवार्य होग। नीति में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रावधान के अनुसार किसी भी संरचना के निर्माण के लिए लायसेंस धारित कम्पनी के पास पूर्व निर्मित संरचना, शेल्टर, केबल, डक्ट और आवश्यक उपकरण जो वायर लाइन, वायर लेस आधारित  वाइस और डेटा एक्सेस सेवाएँ प्रदान करने के लिए सेटअप स्थापित करने का अनुभव आवश्यक है।
कंपनी के पास सेवा प्रदाता (टीएसपी), इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाता, (आईपी) इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) और इसमें जनरेटर सौर पेनल जैसे सहायक उपकरण होना जरूरी है। नई नीति के अनुसार किए जाने वाले कार्य की एन.ओ.सी. न दिये जाने की स्थिति में लायसेंस देने के लिए अधिकृत एजेंसी को स्पष्ट कारणों का उल्लेख करना होगा। जैसे किसी भूमि पर कोई परियोजना भवन निर्माण का उपयोग प्रस्तावित है और उस पर बुनियादी ढाँचे की स्थापना से उसके क्रियान्वयन में कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा हो। जहाँ पर बुनियादी ढाँचे की स्थापना की जा रही है उसके पास की सड़क पर अगर हाइटेंशन लाइन स्थापित किया जाना है और उसकी स्थापना से वाहन चलाने वाले लोगों की दुर्घटना होने की संभावना हो।
एनोसी देने से इंकार करने के मामले में लायसेंस देने के लिए अधिकृत अधिकारी को अपनी रिपोर्ट में आवश्यक दस्तावेजों के साथ साक्ष्य रखकर कारण बताना होगा। नई नीति में लायसेंस उन कम्पनियों के लिए पूरी अवधि के लिए मान्य होगा जिन्हें दूरसंचार विभाग भारत सरकार ने आइएसपी, टीएसपी, आइपी का वैध लायसेंस जारी किया हो और जो श्रेणी एक कम्पनी हो, जिसका दूरसंचार विभाग भारत सरकार में वैध पंजीकरण हो। किसी भी कम्पनी को दिया गया लायसेंस अहस्तांतरणीय होगा। लायसेंस के नवीनीकरण के लिए संबंधित कम्पनी को अपना आवेदन देकर जरूरी दस्तावेज और प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
इसके लिए राज्य सरकार द्वारा जो भी शुल्क समय-समय पर तय किया जायेगा। उसका भुगतान लायसेंस प्राप्त करने वाली कम्पनी को करना होगा। नई नीति में इंफ्रास्ट्रक्चर सेटअप को अस्थाई संरचनाओं के रूप में सार्वजनिक सुविधा के रूप में माना गया है। इसलिए इसमें मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधान लागू नहीं होंगे। बुनियादी ढाँचे के विकास में संबंधित स्थानीय निकायों द्वारा लिए जाने वाले संपत्ति कर से छूट दी जाएगी।

Friday, September 7, 2018

जिओ फोन 501 रूपये में नहीं बल्कि मिलेगा मुफ्त, जानिये कैसे



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जिओ फोन 501 रूपये में नहीं बल्कि मिलेगा मुफ्त, जानिये कैसे
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अगर आप जिओ फोन को खरीदने जा रहें है तो ये खबर आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है. हाल ही में जिओ द्वारा जिओ मानसून ऑफर शुरु किया गया जिसमे 501 रूपये में जिओ फोन दिया जा रहा है. ये फोन किसी भी कंपनी के फीचर फ़ोन के एक्सचेंज पर दिया जा रहा है.
दरअसल जिओ ने इस ऑफर को भुनाने के लिए 501 रूपये के अलावा किसी भी कंपनी का चालु हालत का फीचर फोन भी देना होगा. इसके अलावा इस फोन के साथ जिओ ने 594 रूपये का प्लान भी पेश किया है. जिसमे 6 महीने तक असीमित कॉल और प्रतिदिन 500 MB 4जी डेटा मिलेगा.
अगर आप जिओ फ़ोन खरीदते है तो आपको 501 रूपये का शुल्क देना होगा जो की 3 साल बाद आपके वापस मिल जायेंगे. इसके अलावा जिओ फोन के 594 रूपये का प्लान दिया जायेगा जिसमे 6 महीने के लिए असीमित कॉल और प्रतिदिन 500MB डेटा दिया जायेगा. मतलब प्रभावी रूप से आपको जिओ फोन बिलकुल मुफ्त मिल जायेगा.

Thursday, August 16, 2018

JioPhone 2 की पहली Flash Sale ठप, सेल दोबारा होगी 30 अगस्त को


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JioPhone 2
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नई दिल्ली। रिलायंस जियो के नए फोन JioPhone 2 की पहली Flash Sale के दौरान Jio की वेबसाइट पर इतना ट्रैफिक आ गया है वेबसाइट कुछ समय के लिए ठप हो गई। हालांकि, कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनी 30 अगस्‍त को दोबारा JioPhone 2 की फ्लैश सेल आयोजित करने जा रही है।
JioPhone 2 खरीदने के लिए करें ये काम
जो ग्राहक Jio के JioPhone 2 को खरीदना चाहते हैं वह Jio की वेबसाइट या फिर MyJio App के जरिए इसकी खरीद कर सकते हैं। ऐसी संभावना है कि Flash Sale में JioPhone 2 की बिक्री कुछ समय में ही खत्म हो सकती है, ऐसे में जो ग्राहक इसकी खरीद करना चाहते हैं वह सेल शुरू होने से पहले ही Jio की वेबसाइट या MyJio App लॉगइन करके रखें, ऐसे करने पर ग्राहकों को फोन जल्दी बुक करने में मदद मिलेगी। कंपनी ने इस फोन की कीमत 2999 रुपए रखी है।
डिलिवरी के लिए लग सकता है हफ्तेभर का समय
JioPhone 2 की ऑनलाइन खरीद के बाद इसकी डिलिवरी में हफ्तेभर का समय लग सकता है, Jio की तरफ से FAQ सेक्शन में कहा गया है कि सामान्य तौर पर फोन की डिलिवरी में 5-7 दिन का समय लगता है। Jio की तरफ से फोन को नजदीकी Jio स्टोर कलेक्ट करने के लिए भी ग्राहक को संदेश भेजा जा सकता है।

Monday, July 16, 2018

बिजली संबंधी शिकायतें दूर करने बना उपाय (UPAY) एप

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भोपाल : सोमवार, जुलाई 16, 2018, मध्यप्रदेश के बिजली उपभोक्ता बिजली फॉल्ट और बिल संबंधी शिकायत दर्ज करवाने के लिए टोल फ्री नंबर 18002331912 और 0755-2551222 के अलावा मोबाइल एप ' उपाय (UPAY)' पर भी शिकायतें दर्ज करवा सकेंगे। एप से सीधे उपभोक्ता अपनी शिकायत कॉल सेंटर में दर्ज करा सकते हैं।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आईटी विभाग द्वारा इस एप के जरिए उपभोक्ताओं को बिजली बिल भुगतान के अलावा विद्युत अवरोध और बिलिंग संबंधी शिकायतें दर्ज करवाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। एप में लॉग इन की बाध्यता नहीं है। उपाय (UPAY) एप को गूगल प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। एप को भोपाल, होशंगाबाद, ग्वालियर और चंबल संभाग के बिजली उपभोक्ता उपयोग कर सकेंगे।
उपभोक्ता बिल में दर्ज आईवीआरएस या उपभोक्ता आईडी नंबर एप में सबमिट करेंगे, तो उनके कनेक्शन के सभी विवरण स्वत: खुल जाएंगे। यदि उपभोक्ता की शिकायत अन्य व्यक्ति या अन्य पते की है, तो एप में अपने मोबाइल नंबर को दर्ज करना होगा। उपभोक्ता को शहर/ क्षेत्र/ कॉलोनी और मकान नंबर की जानकारी भरनी होगी। इसके बाद अपनी समस्या या माँग के अनुरूप शिकायत की श्रेणी को चुनना होगा।
ऐसा करने पर समस्या या मांग दर्ज हो जाएगी और एसएमएस से शिकायत दर्ज होने की पुष्टि की जाएगी। शिकायत दर्ज होने के बाद अगले कुछ ही समय में कंपनी के कॉल सेंटर से फोन आएगा। शिकायत का सत्यापन कर संबंधित बिजली जोन को फॉरवर्ड कर दिया जाएगा। एप के जरिये उपभोक्ता अपनी शिकायत की स्थिति भी जान सकेंगे। एप पर शिकायत और आवेदनों की मॉनिटरिंग के लिए दो स्तर पर सिस्टम तैयार किया गया है।

Wednesday, July 11, 2018

व्हाट्सऐप ने बताए फर्जी मैसेज को पहचानने के 10 टिप्स, लिस्ट देख लें, फायदे में रहेंगे

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भोपाल । देश में सोशल मीडिया के जरिए लगातार फैलाए जा रहे अफवाहों के बाद व्हाट्सऐप ने भारत के कई प्रमुख अखबारों में विज्ञापन जारी किया है। लगातार फर्जी मैसेज से मॉब लिंचिंग की घटनाओं के बाद सरकार ने व्हाट्सऐप से इसे रोकने को कहा था जिसके बाद व्हाट्सऐप ने संदिग्ध लिंक जैसे कई फीचर्स को जारी करने का वादा किया और अब फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप ने अखबारों में विज्ञापन देकर अपने यूजर्स को फर्जी खबरों और अफवाह मैसेज पहचानने के 10 टिप्स दिए हैं। आइए जानते हैं फर्जी मैसेज से लड़ने वाले व्हाट्सऐप के इन टिप्स के बारे में।
1. फॉरवर्ड मैसेज को पहचानें।हमने इस सप्ताह की शुरुआत में ही फॉरवर्ड मैसेज का फीचर जारी किया है जिससे पता लगा सकते हैं कि वह मैसेज फॉरवर्ड किया जा रहा है। जब भी आपको फॉरवर्ड मैसेज प्राप्त होता है तो आप उसके तथ्यों की जांच करें।
2. मैसेज पर सवाल उठाएं।अगर आपको व्हाट्सऐप पर ऐसा कोई मैसेज प्राप्त होता है जिससे आपको गुस्सा आता है या डर लगता है उस मैसेज के बारे में पड़ताल कीजिए और पता लगाइए कि कहीं वह मैसेज आपकी भावनाओं को भड़काने के उद्देश्य से तो नहीं भेजा गया है। मैसेज पर यकीन होने के बाद ही उसे आगे किसी को भेजें नहीं तो तुरंत डिलीट कर दें।
3. ऐसे मैसेज की जांच करें जिस पर यकीन करना मुश्किल हो
कई बार ऐसे मैसेज भी आते हैं जिस पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होता है, ऐसे मैसेज अक्सर सच नहीं होते। ऐसे में आप किसी अन्य स्रोत से पता लगाएं कि उस मैसेज में कितनी सच्चाई है।
4. अलग दिखने वाले मैसेज से बचें
कई बार ऐसे मैसेज आपको मिलते हैं जिनमें वर्तनी की गलती होती है। ऐसे अधिकांश मैसेज फर्जी और झूठे होते हैं। ऐसे मैसेज को तुरंत डिलीट करें और किसी को ना भेजें।
5. फोटो की जांच करें
जब आपको व्हाट्सऐप पर कोई फोटो और विडियो प्राप्त होता है तो उसकी जांच करें और उसे ध्यान से देखें। अक्सर फोटो और वीडियो को एडिट करके भेजा जाता है।
6. लिंक की भी जांच करें
ऐसा लग सकता है कि संदेश में मौजूद लिंक किसी परिचित या जानी-मानी साइट का है, लेकिन अगर उसमें गलत वर्तनी या विचित्र वर्ण मौजूद है तो संभव है कि कुछ गलत जरूर है।
7. अन्य सोर्स का प्रयोग करें
किसी भी खबर की जांच करने के लिए किसी अन्य समाचार साइट की मदद लें या टीवी से उसकी जांच करें। अगर उस घटना के बारे में कई जगहों पर लिखा गया है तो वह सच हो सकती है।
8. बिना समझे मैसेज आगे ना भेजें
किसी भी मैसेज को आगे भेजने से पहले एक बार जरूर सोचें कि उसमें दी गई जानकारी सही या गलत।
9. नापसंद वाले नंबर और ग्रुप को ब्लॉक कर दें
अगर आपको लगता है कि किसी नंबर से उल्टे-सीधे मैसेज मिल रहे हैं तो आप उसे ब्लॉक कर दें। इसके अलावा अफवाह फैलाने वाले ग्रुप को भी आप छोड़ सकते हैं।
10. झूठी खबरें अक्सर फैलती हैं
आप इस पर ध्यान न दें कि आपने संदेश को कितनी बार प्राप्त किया है। सिर्फ इसलिए कि संदेश कई बार साझा किया गया है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह खबर सच्ची हो।     

Sunday, July 1, 2018

आज से जारी होंगे 13 अंकों वाले मोबाइल नंबर

आज से जारी होंगे 13 अंकों वाले मोबाइल नंबर
TOC NEWS @ www.tocnews.org
देश में मोबाइल नंबरो को लेकर बड़ा होने जा रहा है। रविवार यानि 1 जुलाई से जारी होने वाले मोबाइल नंबर 13 अंको के हो जाएंगे। इसका प्रमुख कारण है भारी मात्रा मे बढते मोबाइल उपभोक्ता, और इसके साथ हर उपभोक्ता अपने साथ दो नंबर तो इस्तेमाल करता ही है। अब से नया नंबर लेने वाले ग्राहकों को 13 अंको का मोबाइल नंबर दिया जाएगा। सरकार ने इसके लिए सभी राज्यों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में 10 अंकों के हिसाब से मोबाइल सॉफ्टवेयर बनाया गया है। आने वाले समय में 13 अंकों के हिसाब से मोबाइल सॉफ्टवेयर भी अपडेट किया जाएगा, ताकि यूजर्स को कॉल करने में असुविधा न हो।

Friday, June 22, 2018

मोबाइल फटने से एक बड़ी कंपनी के सी.ई.ओ की मौत

मोबाइल फटने से एक बड़ी कंपनी के सी.ई.ओ की मौत के लिए इमेज परिणाम
TOC NEWS @ www.tocnews.org
इंटरनैशनल डेस्कः आज कल मोबाइल फटने की घटना ने हर जगह खौफ बना हुआ है। एेेसा ही एक मामला मलेशिया से सामने आया है जहां मोबाइल फटने से एक बड़ी कंपनी के सी.ई.ओ की मौत हो गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होने अपने दोनों फोन बेड के पास चार्जिंग पर लगा रखे थे, तभी उसमें से एक मोबाइल की बैटरी में ब्लास्ट हो गया।कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्लास्ट से कमरे में रखे बिस्‍तर में आग लग गर्इ और पूरा कमरा खाक हो गया। आग में झुलसकर कंपनी के सीईओ की भी मौत हो गई।
वहीं, कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, जब ब्लास्ट हुआ तो मोबाइल का एक टुकड़ा नजरीन के सिर पर लगा, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. हालांकि, अभी ये जानकारी नहीं मिल पाई कि किस फोन की बैटरी में ब्‍लास्‍ट हुआ था।

क्रेडल ग्रुप की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नजरीन की मौत का कारण उनके सिरहाने पर रखे मोबाइल ब्लास्ट को बताया है। ' इसके बाद क्रेडल ग्रुप ने कहा कि मोबाइल की बैटरी में ब्लास्ट से लगी चोटों के कारण नजरीन की मौत हो गई।
हसन के बहनोई ने बताया कि वह दो फोन इस्‍तेमाल करते थे।जिसमें से एक ब्लैकबेरी था, लेकिन किसमें धमाका हुआ यह कह पाना मुश्किल है, हालांकि, पुलिस का कहना है कि हसन की मौत घुटन से हुई। क्रेडल फंड ने बयान जारी कर कहा कि पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि मौत सिर पर चोट लगने से हुई थी।

Sunday, June 17, 2018

धूम मचा रहा है Oppo का यह फोन, जिसकी कीमत है मात्र इतनी

धूम मचा रहा है Oppo का यह फोन, जिसकी कीमत है मात्र इतनीTOC NEWS @ www.tocnews.org
आप सभी लोग स्मार्टफोन यूजर हैं और अच्छे से अच्छा स्मार्टफोन प्रयोग करते होंगे आजकल भारतीय बाजार में बहुत सारी कंपनियों के स्मार्टफोन उपलब्ध है जैसे कि Nokia, Samsung, विवो, Mi , Oppo इत्यादि। आज हम आपको जिस कंपनी के फोन के बारे में बताने जा रहे हैं उस कंपनी का नाम है Oppo. यह एक बहुत ही बेहतरीन स्मार्टफोन निर्माता कंपनी है।

 
 
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आज हम आपको जिस फोन के बारे में बताने जा रहे हैं उस फोन का नाम है Oppo A37. यह फोन अब पहले से भी कम कीमत में भारतीय बाजार में मिल रहा है तो आइए जान लेते हैं इस फोन की वर्तमान कीमत तथा फीचर्स के बारे में।

 
 
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फीचर्स :-

  • Oppo के इस फोन में 5 इंच की फुल एचडी डिस्प्ले दी गई है।
  • इस फोन का प्रोसेसर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 410 प्रोसेसर है।
  • इस फोन में फोटोग्राफी के लिए कंपनी ने 8 मेगापिक्सल का बैक कैमरा तथा परफेक्ट सेल्फी के लिए 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया है।
  • इस फोन में आपको 2GB रैम के साथ में 16GB का आंतरिक स्टोरेज दिया जा रहा है।
  • इस फोन में 2600 एमएएच की नॉन रिमूवेबल लॉन्ग लास्टिंग बैटरी दी गई है।

 
 
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कीमत :-

इस फोन को भारतीय बाजार में जब लॉन्च किया गया था तब इस फोन की कीमत ₹10990 थी। लेकिन वर्तमान समय में यह फोन ₹2000 की छूट के साथ मिल रहा है। अर्थात अब इस फोन की कीमत मात्र ₹8990 है और आप इस फोन को ऑनलाइन इ-कॉमर्स वेबसाइट Amazon से आर्डर करके खरीद सकते हैं।

 
 
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128 GB रैम और 6,000 GB के इंटरनल स्टोरेज के साथ लॉन्च हुआ दुनिया का पहला लैपटॉप

TOC NEWS @ www.tocnews.org
चीनी कंपनी ने एक कॉन्फ्रेंस के दौरान एक नया लैपटॉप दिखाया है जिसका नाम लेनोवो थिंकपैड पी52 है. इस लैपटॉप का खुलासा NXT BLD कॉन्फ्रेंस में किया गया. लैपटॉप वीआर कैपेबिलिटीस के साथ 128 जीबी रैम और 6 टीबी के स्टोरेज के साथ आता है.

लेनेवो थिंकपैड पी52 में 15.6 इंच का 4K टचस्क्रीन दिया गया है जो 1920x1080 पिक्सल रेजॉल्यूशन के साथ आता है. लेनोवो में 8वां जेनरेशन इंटल जियोन हेक्सा कोर प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया है जो वीडिया क्वाड्रो पी3200 जीपीयू के साथ आता है. 
लिनेवो थिंकपैड 2.5 किलो का है तो वहीं कनेक्टीविटी के मामले में लैपटॉप में तीन यूएसबी 4.1 टाइप ए, दो यूएसबी सी/ थंडरबोल्ट और एक एचडीएमआई 2.0, एक मिनी डिस्प्ले पोर्ट 1.4 और एक एसडी कॉर्ड रीडर के साथ वाई फाई, ब्लूटूथ और 4जी एलटीई की सुविधा दी गई है.

कंपनी ने कहा है कि लैपटॉप में पांच ऑपरेटिंग सिस्टम की सुविधा दी गई है. जिसमें विंडोज 10 प्रो वर्कस्टेशन के लिए मौजूद है, विंडोज 10 प्रो होम, उबुंतू और लिनक्स दिया गया है.

लैपटॉप में इंफ्रारेड कैमरा दिया गया है जो फेशियल रिकॉग्निशन और वीडियो कॉलिंग के लिए एचडी वेबकैम की सुविधा के साथ आता है.

Saturday, May 5, 2018

BSNL का धमाका, सिर्फ 99 रुपए में मिल रही अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा

BSNL का धमाका, सिर्फ 99 रुपए में मिल रही अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा के लिए इमेज परिणाम
BSNL  // TOC NEWS

नई दिल्ली: निजी क्षेत्र की कंपनियों से मुकाबला करती सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल (BSNL) ने नया प्लान जारी किया है। जहां एक ओर कंपनियों अनलिमिटेड कॉलिंग और डेटा पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर कंपनियां अगल-अगल केवल डेटा और कॉलिंग टैरिफ उपलब्ध करा रही है।
इस जंग में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए बीएसएनएल ने 99 रुपए का प्लान जारी किया है। जिसमें यूजर को 26 दिनों तक अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा मिलती है। ये ऑफर केवल प्रीपेड ग्राहकों के लिए है, जिसमें यूजर अनलिमिटेड इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल का लाभ उठा सकते हैं।
 इसके अतिरिक्त कंपनी ने एक और प्लान जारी किया है, जिसमें यूजर्स को यहीं फायदा मिलता है। कंपनी ने 319 रुपए का भी एक प्लान जारी किया है, जिसमें यूजर्स को 90 दिनों की वैधता के साथ अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा मिलती है।
ये प्लान भी प्रीपेड यूजर्स के लिए ही है, वहीं इस प्लान में यूजर्स को कॉलर ट्यून की सुविधा भी मिलती है। बता दें कि इस प्लान में यूजर दिल्ली और मुंबई सर्किल को छोड़कर पूरे देश में कहीं भी कॉल कर सकते हैं। 
बता दें कि बीएसएनएल ने हाल में ही अपने ग्राहकों के लिए 248 रुपए के डेटा पैक की पेशकश की थी। इस प्लान में ग्राहक को 51 दिन की वैधता के साथ 153 जीबी डेटा उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि ये ऑफर सीमित समय के लिए ही था। वहीं कंपनी ने जियो (Jio) व एयरटेल (Airtel) को टक्कर देने के लिए 58 रुपए का प्लान भी जारी किया था। जिसमें यूजर्स को अनलिमिटेड वाइस कॉलिंग, 100 एसएमएस प्रति और 500 एमबी डेटा सात दिनों के लिए मिल रहा था।

Sunday, April 29, 2018

सावधान अगर कार्यालय के कंप्यूटर पर करते हैं ये 6 कार्य

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कंप्यूटर में व्यक्तिगत फाइल सेव ना करें किसी भी प्रकार के अपने डॉक्यूमेंट या फाइल को सेव ना ही करें तो बेहतर होगा. ऐसा करने से यह संभव है कि आपने भविष्य के लिए कोई शानदार प्रोजेक्ट तैयार किया हो व वह कार्यालय में लीक हो जाए.
ऑनलाइन सर्चिंग कई बड़ी कंपनियों में कुछ लोगों को सिर्फ कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए रखा जाता है. ऐसे में आप कौन-सी वेबसाइट पर विजिट करते हैं व क्या सर्च करते हैं इसके बारे में आपकी कंपनी को पता चल जाता है.
ऑफिस के चैट पर व्यक्तिगत बातें ना करें आजकल प्रत्येक कंपनी में गूगल हैंडआउट व व्हाट्सऐप जैसे ऐप पर कर्मचारियोंं के बीच चैटिंग हो रही है . ऐसे में आपको सावधान रहने की दरकार है, नहीं तो कई बार व्यक्तिगत मैसेज भी कार्यालय के चैट ग्रुप में जा सकता है . साथ ही ग्रुप में सिर्फ कार्य की बातें ही करें .
ऑनलाइन शॉपिंग इस बात का आपको ध्यान होना चाहिए कि कंपनी आपको कार्य के लिए पैसे दे रही है, औनलाइन शॉपिंग के लिए नहीं . ऐसे में कार्यालय में केवल कार्यालय का ही कार्य करें तो बेहतर होगा, क्योंकि आप अपने कंप्यूटर पर जो भी कार्य करते हैं उसकी जानकारी कंपनी को होती है .
पर्सनल ई-मेल एक्सेस ना करें ऑफिस में कार्य के दौरान अपनी ई-मेल आईडी ज्यादा महत्वपूर्ण होने पर ओपन करें, क्योंकि आपको इस बात की जानकारी नहीं है कि आपका कोई दोस्त ई-मेल पर क्या भेज सकता है? यह भी हो सकता है आपके व्यक्तिगत मेल पर वायरस वाला मेल आ जाए व वह कार्यालय के सभी सिस्टम में फैल जाए.
जॉब के लिए सर्च ना करें ऑफिस के कंप्टूूर पर भूलकर भी दूसरी जॉब के लिए सर्च ना करें. इससे आपकी इमेज बेकार हो सकती है व वैसे भी कंपनी आपको कार्य के लिए पैसे दे रही है ना कि नौकरी सर्च करने के लिए. किन्हीं कारणों से अगर इसके बारे में एचआर या मैनेजमेंट को पता चल जाता है तो आपको आगे दिक्कत हो सकती है.

Tuesday, March 27, 2018

अब व्हॉट्सऐप भी हुआ डिजिटल पेमेंट्स की रेस में शामिल, ऐसे करें पैसे ट्रांसफर

whatsapp पर अब QR कोड के लिए इमेज परिणाम

TOC NEWS

नई दिल्ली। मैसेजिंग एप व्हाट्सएप ने शुरुआत संदेश, फोटो और वीडियो भेजने से की, लेकिन धीरे-धीरे इसमें नए फीचर जुड़ते चले गए। लोगों को आकर्षित करने के लिए फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सएप ने अपने में कई बदलाव किए। एक बार फिर से कंपनी ने नया फीचर जोड़ा है।

हाल ही में व्हाट्सएप में पेमेंट ऑप्शन की शुरुआत की गई थी। अब एक और अपटेड आया है। अब आप व्हाट्सएप में QR कोड स्कैन कर तेजी से पैसा ट्रांसफर कर सकते है। फिलहाल, यह फीचर बीटा वर्जन में है। इस फीचर के आने से माबाइल वॉलेट कंपनियां जैसे कि पेटीएम, फ्रीचार्ज को कड़ी टक्कर मिलेगी।
व्हाट्सएप का नया फीचर व्हाट्सएप का ये नया फीचर फिलहाल बीटा वर्जन 2.18.93 पर उपलब्ध है। बीटा यूजर्स अपने व्हाट्सएप से किसी को भी आसानी से पेमेंट भेज सकते है। हालांकि इस फीचर की वजह से प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई है। पहले से कई मोबाइल वॉलेज कंपनियां भारत में सेवा दे रही है,
लेकिन व्हाट्सएप के यूजर्स डेटाबेस को देखा जाए तो ये फीचर बाकी कंपनियों के लिए सिरदर्द बन सकता है। कैसे करें व्हाट्सएप से पेमेंट इसके लिए आपको 4 चरणों को फॉलो करना होगा, जिसके बाद आप क्यू आर कोड के जरिए व्हाट्सएप से पेमेंट कर सकेंगे।
1. व्हाट्सएप के सेटिंग्स में जाएं।
2. सेटिंग्स में ‘Payments' विकल्प पर टैप करें
3.नीचे ‘New Payment' ऑप्शन को क्लिक करें।
4. फिक ‘Scan QR code' ऑप्शन को क्लिक कर कोड स्कैन कर राशि भरें और पेमेंट सेंड कर दें।
पेटीएम में बढ़ी खलबली व्हाट्सएप के इस फीचर की वजह से पेटीएम के खलबली मची है। पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने व्हाट्सएप पेमेंट फीचर को यूपीआई सिस्टम के लिए खतरा बताया था। ऐसे में इस चुनौती से लड़के के लिए इन पेमेंट कंपनियों को नई रणनीति बनानी होगी। वहीं व्हाट्सएप ने पेमेंट फीचर के लिए आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिक, एसबीआई, येस बैंक समेत कई और बैंकों से पेमेंट के लिए साझेदारी की है।

Wednesday, February 14, 2018

खराब एलईडी बल्ब को सिर्फ दो मिनट में फ्री में कर सकते हैं सही, जानिए कैसे?

खराब एलईडी बल्ब को सिर्फ दो मिनट में फ्री में कर सकते हैं सही, जानिए कैसे? के लिए इमेज परिणाम

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एक समय था जब देश के लगभग हर घर में पीले बल्बों का प्रयोग किया जाता था लेकिन आजकल उन पीले बल्बों की रोशनी हर घर से गायब हो चुकी है और उन बल्बों का दौर खत्म हो चुका है। अब उनकी जगह तेज रोशनी तथा बिजली की कम खपत करने वाले एलईडी बल्बों ने ले है। 

आज देश के लगभग हर घर में इन एलईडी बल्बों का यूज होता है। आपको बता दें कि ये नए एलईडी बल्ब पुराने बल्बों की तुलना में कई गुना सक्षम है और कई साल तक चलते हैं। एलईडी बल्ब का एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये बहुत कम ऊर्जा की खपत करते हैं और इनकी रोशनी भी पुराने बल्बों से कहीं बेहतर है। यहीं कारण है कि सरकार भी अब पुराने पीले बल्बों को पूरी तरह हटाकर एलईडी बल्लों के प्रयोग पर जोर दें रही हैं ताकी कम ऊर्जा खर्च हो।
खराब एलईडी बल्ब को सिर्फ दो मिनट में फ्री में कर सकते हैं सही, जानिए कैसे? के लिए इमेज परिणाम
How To Repair Fuse LED Bulb
शायद आप जानते होंगे कि एलईडी बल्ब दूसरे बल्बों की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं लेकिन ये काफी अच्छी रोशनी देते हैं और काफी सालों तक चलते हैं। लेकिन हर चीज की एक सीमा होती है ऐसे ही एक वक्त के बाद इनकी रोशनी कम होने लगती है और फिर ये खराब हो जाते हैं। खराब होते ही लोग इनकों फेंक देते हैं और बाजार से नया एलईडी बल्ब खरीद लाते हैं जबकि ऐसा करना बेवकूफी है क्योंकि थोड़ी सी मेहनत करके आप इन बल्ब को घर पर ही आसानी से रिपेयर कर सकते हैं और ऐसा करके आप पैसों की भी बचत कर सकते हैं, तो आईये आपको बताते हैं खराब हो चुके एलईडी बल्ब को आप कैसे ठीक कर सकते हैं।
सबसे पहले तो आपको ये बताते हैं एलईडी बल्ब का कौनसा हिस्सा हैं जो खराब होता हैं। एलईडी बल्ब के अंदर एक छोटा सा सर्किट होता है। जिसमें कुछ ट्रांजिस्टर और कैपेसिटर लगे होते हैं। इसके अलावा बहुत सारी छोटी-छोटी एलईडी लगी होती है लेकिन इन इलईडी के खराब होने की संभावना बहुत कम होती है। बल्ब के अंदर ज्यादातर जो हिस्सा खराब होता है वह हैं उसके अंदर लगे कैपेसिटर और ट्रांजिस्टर। इन कैपेसिटर और ट्रांजिस्टर की एक समस्या ये होती है कि ये ज्यादा प्रयोग से गर्म हो जाते हैं जिसकी वजह से ये फट जाते हैं। इन को बदलना काफी आसान है इन्हें बहुत कम कीमत में बाजार से खरीद कर आसानी से बदला जा सकता है।
एलईडी बल्ब को रिपेयर करते समय सबसे पहले आप को उसे खोलकर यह देखना है कि उसके अंदर का कौनसा पार्ट खराब है। एलईडी बल्ब को खोलने के बाद आपको उसके अंदर एक सर्किट दिखाई देगा जिसमें एलईडी लगी होती हैं और इन के पीछे की तरफ कैपेसिटर और ट्रांजिस्टर लगे होते हैं। अगर कैपेसिटर और ट्रांजिस्टर में से किसी में खराबी होगी तो वह आपको फटा हुआ मिलेगा। अब सोल्डिंग मशीन की सहायता से फटे हुए कैपेसिटर और ट्रांजिस्टर की जगह पर पॉजिटिव और नेगेटिव मार्क देखकर नया कैपेसिटर या ट्रांजिस्टर फिट कर दें, इतना सब करने के बाद जिस तरह आपने बल्ब को खोला था उसी तरह उसको बंद कर दें। ऐसा करने के बाद आपका बल्ब ठीक हो जाएगा और एक बार फिर से आप को रोशनी देने लगेगा।

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