Saturday, March 31, 2018

मिताली राज वर्ष की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनी

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हैदराबाद। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज को तेलंगाना खेल पत्रकार संघ के सालाना पुरस्कार समारोह में वर्ष 2017 की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया जबकि बैडमिटन स्टार किदाम्बी श्रीकांत और पी वी सिधू को सर्वश्रेष्ठ पुरूष और महिला खिलाड़ी चुना गया ।
मिताली पुरस्कार लेने के लिये मौजूद नहीं थी । उनके माता पिता ने तेलंगाना सरकार के सलाहकार बी वी पापा राव से पुरस्कार लिया । बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शिवलाल यादव ने श्रीकांत को सर्वश्रेष्ठ पुरूष खिलाड़ी का जबकि टेनिस स्टार सानिया मिर्ज़ा ने सिधू को सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी का पुरस्कार दिया ।
भारत के पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने बैडमिटन कोच पुलेला गोपीचंद को सर्वश्रेष्ठ कोच का पुरस्कार दिया । तीन बार के ओलंपियन पूर्व हाकी खिलाड़ी एन मुकेश कुमार को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा गया ।

मोदी सरकार का बड़ा फैसला- कल से मिलेगा 5 लाख का 'फ्री हेल्थ इंश्योरेंस'

'फ्री हेल्थ इंश्योरेंस' MODI के लिए इमेज परिणाम

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नई दिल्ली। एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष में आयकर, बीमा, बैंकिंग और जीएसटी के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव हो रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा बदलाव देश के 50 करोड़ गरीब परिवारों को मिलने वाला 5 लाख रुपये तक स्वास्थ्य बीमा है। यह योजना एक अप्रैल से ही शुरू हो रही है। इससे सीधा फायदा देश के आम लोगों को ही होगा। आइए जानते हैं कि 'आयुष्मान योजना' के साथ अन्य बड़े बदलावों के बारे में।


आयुष्मान योजना का लाभ 
5 लाख रुपये तक का बीमा प्रत्येक परिवार को
अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद का खर्च भी शामिल
10.74 करोड़ परिवार को फायदा मिलेगा
पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल में कैशलेस इलाज
12,000 करोड़ रुपये योजना की अनुमानित लागत

योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का बीमा प्रत्येक परिवार को मिलेगा। इस योजना में अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद का खर्च भी शामिल होगा। 10.74 करोड़ परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। स्कीम के तहत पैनल में शामिल देश के किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में कैशलेस इलाज कराया जा सकेगा। योजना का अनुमानित लागत 12,000 करोड़ रुपये है।

मानक कटौती 
40,000 रुपये की मानक कटौती का लाभ मिलेगा वेतन भोगियों को
19,200 का परिवहन भत्ता और 15,000 रुपये के मेडिकल भत्ते की सुविधा वापस ली गई

स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में ज्यादा छूट 

10 फीसदी छूट दो साल के बीमा कवर के लिए 40,000 रुपये देने पर
दोनों साल 20-20 हजार की कर छूट का दावा भी कर सकते हैं

जूडो अकादमी के राहुल मिश्रा ने स्वर्ण और महिमा पाठक ने कांस्य पदक जीता   

मध्यप्रदेश राज्य जूडो अकादमी के खिलाड़ी राहुल मिश्रा ने स्वर्ण और महिमा पाठक ने कांस्य पदक हासिल किया

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भोपाल : मध्यप्रदेश राज्य जूड़ो अकादमी के राहुल मिश्रा ने जूनियर नेशनल जूड़ो चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक तथा महिमा पाठक ने नेशनल कैडट जूड़ो चैम्पियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया है।

जूनियर नेशनल जूडो चैम्पियनशिप में राहुल मिश्रा ने 73 किलोग्राम भारवर्ग के फायनल मुकाबले में पंजाब के खिलाड़ी को हराकर मध्यप्रदेश को स्वर्ण पदक दिलाया। इससे पूर्व मुकाबलों की पहली फाइट में राहुल मिश्रा ने हरियाणा को, दूसरी फाइट में उत्तराखण्ड, क्वार्टर फायनल में पश्चिम बंगाल, और सेमी फायनल में राजस्थान के खिलाड़ी को करारी शिकस्त दी।   
इसी तरह जूडो अकादमी की खिलाड़ी महिमा पाठक ने 63 किलोग्राम भारवर्ग के अंतर्गत पहली फाइट में उत्तर प्रदेश, दूसरी फाइट में जम्मु और क्वार्टर फायनल मुकाबले में उत्तराखंड की खिलाड़ी को हराया। उन्होंने महाराष्ट्र की खिलाड़ी को परास्त कर कांस्य पदक अर्जित किया।   ये खिलाड़ी मध्यप्रदेश राज्य जूडो अकादमी की मुख्य प्रशिक्षक सुश्री कमला रावत के मार्गदर्शन में जूडो खेल का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। 

वन भूमि पर काबिज बैगा परिवारों को हटाया नहीं जायेगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान

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डिण्डौरी में बनेगा बैगा सांस्कृतिक केन्द्र : बैगा भाषा के शिक्षक नियुक्त किये जायेंगे लालपुर (बुढ़ार) में आयोजित विशाल बैगा सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री

BHOPAL . मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बैगा परिवार वर्षों से जिस जमीन पर काबिज हैं, उन्हे उसका मालिकाना हक दिया जायेगा। वन भूमि पर वर्षों से काबिज बैगा परिवारों को हटाया नहीं जायेगा। ऐसे परिवारों को भूमि का पट्टा देने के लिये विशेष अभियान चलाया जायेगा।


वनाधिकार अधिनियम के तहत जिन बैगा परिवारों को भूमि आवंटित की गई है, उनके खेतों में कुओं का निःशुल्क निर्माण करवाया जायेगा, उन्हें डीजल पंप भी उपलब्ध करवाया जायेगा। प्रदेश के सभी बैगा परिवारों के लिये आगामी दो वर्षों में पक्के मकान बनाये जायेंगे। मुख्यमत्री ने कहा कि बैगा भाषा को संरक्षित करने के लिये बैगा भाषा के शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। बैगा संस्कृति को अक्षुण्य बनाये रखने के लिये डिण्डौरी में बैगा सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किया जायेगा।
श्री चौहान ने बैगा समाज के लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें, उन्हें आगे बढ़ने के लिये प्रेरित और प्रोत्साहित करें। उन्होने कहा कि गांवों को स्वच्छ बनायें, शराब जैसी बुराईयों से दूर रहें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज शहडोल जिले के लालपुर में आयोजित राज्य स्तरीय बैगा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह सम्मेलन बैगा आदिवासियों की जिंदगी को बदलने का प्रयास है। उन्होने कहा कि बैगा समाज के लोग बहुत सरल, सौम्य और मेहनतकश होते हैं। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने बैगा आदिवासियों की जिंदगी को सँवारने का संकल्प लिया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार बैगा आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिये प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश की सभी बैगा बस्तियों में दिसम्बर माह के अंत तक बिजली पहुँचाई जायेगी ताकि सभी बैगा परिवारों के घर रौशन हो सकें। उन्होने कहा कि बैगा युवाओं को आईटीआई में निःशुल्क प्रशिक्षण दिलवाकर उनके कौशल को तराशा जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का समय कम्प्यूटर का समय है, अगर युवाओं को कम्प्यूटर का ज्ञान नहीं होगा, तो वे पिछड़े हुए माने जाते हैं। इस बात को दृष्टिगत रखते हुए बैगा युवाओं के लिये शहडोल और मण्डला जिले में दो बड़े कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे।
बैगा बहुल सभी विकासखण्डों में एकलव्य विद्यालय खोले जाएंगे। बैगा युवाओं की शिक्षा में प्रदेश सरकार किसी प्रकार का गतिरोध उत्पन्न नहीं होने देगी। उन्होने कहा कि सभी बैगा परिवार के बच्चों को पहली कक्षा से पीएचडी तक निःशुल्क शिक्षा दी जायेगी। उन्होने बैगा युवाओं से अपील की कि वे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर अपनी क्षमता बढ़ायें। श्री चौहान ने कहा कि बैगा समाज की कक्षा 12वीं में अध्ययनरत बालिकाओं को एनएम का प्रशिक्षण दिलवा कर उन्हें स्वास्थ सेवा के कार्य में लगाया जायेगा।
बैगा बहुल क्षेत्रों में बैगा आदिवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जायेगा तथा गंभीर रोग से पीड़ित होने पर उनका निःशुल्क उपचार भी करवाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैगा समाज के लोग भी असंगठित श्रमिक कल्याण योजना में पंजीयन करायें। उन्हें भी शासन की योजनाओं का भरपूर लाभ मिलेगा। श्री चौहान ने शहडोल और अनूपपुर जिले में महिला स्व-सहायता समूह के कार्यों की सराहना करते हुए महिलाओं से अपील की कि स्व-सहायता समूह गठित कर आर्थिक क्रांति लायें।
रु. 67.65 करोड़ के निर्माण कार्यों की सौगात : 
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैगा सम्मेलन में 18 करोड़ 21 लाख 36 हजार रुपये लागत के निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। साथ ही 49 करोड़ 44 लाख 27 हजार रुपये लागत के निर्माण कार्यों की आधारशिला रखी। इस अवसर पर बैगा समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का पारम्‍परिक बैगा पोषाक पहनाकर स्वागत किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह, जिले के प्रभारी मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल, आदिम-जाति कल्याण मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य, सांसद श्री ज्ञान सिंह, अध्यक्ष बैगा विकास प्राधिकरण श्री रामलाल बैगा, अध्यक्ष जिला पंचायत श्री नारेंद्र सिंह मरावी, अध्यक्ष जनजातीय आयोग श्री नरेंद्र मरावी, विधायक श्रीमती प्रमिला सिंह, श्री रामलाल रौतेल, अन्य जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में बैगा समुदाय के लोग उपस्थित थे।

नई साईकिल पाकर बच्चों के चेहरे पर आई मुस्कान, स्कूल आने- जाने में लगने वाले समय की बचत होगी

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नरसिंहपुर. शासन की नि:शुल्क साईकिल वितरण योजना के अंतर्गत ऐसे बच्चों को नि:शुल्क साईकिल उपलब्ध कराई जाती है, जिनके गांव में स्कूल नहीं है और उन्हें पढ़ने के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता है।

नि:शुल्क साईकिल वितरण योजना से नई साईकिल पाकर बच्चे खुश हैं और उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई है। पहले इन बच्चों को स्कूल आने में परेशानी होती थी। समय भी ज्यादा लगता था। अब साईकिल मिल जाने से समय की बचत होती है और स्कूल आने में कोई परेशानी नहीं होती। 
       ग्राम डोंगरगांव से नरसिंहपुर पढ़ने के लिए आने वाली कक्षा 9 वीं की छात्रा कु. अनीता साईकिल पाकर प्रसन्न हैं। डोंगरगांव से नरसिंहपुर की दूरी लगभग 8 किलोमीटर है। साईकिल मिलने से उन्हें अब इस दूरी को तय करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। पिछले दिनों प्रदेश के आयुष, कुटीर एवं ग्रामोद्योग (स्वतंत्र प्रभार) और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री जालम सिंह पटैल द्वारा एमएलबी स्कूल नरसिंहपुर में नि:शक्त साईकिल वितरण योजना की साईकिलों का वितरण किया गया था। उसी कार्यक्रम में कु. अनीता को साईकिल मिली थी।
       करेली विकासखंड के ग्राम बरमानकलां के शासकीय हाई स्कूल की छात्रा कु. सावित्री नई साईकिल पाकर उत्साहित है। अपनी नई साईकिल से स्कूल जाया करेंगी। इसी तरह विकासखंड गोटेगांव के ग्राम भामा में कक्षा 6 वीं में पढ़ने वाला छात्र सोमनाथ नई साईकिल पाकर खुश है। छात्र सोमनाथ को वृहद विधिक सेवा एवं साक्षरता शिविर में नई साईकिल मिली थी। इन छात्र- छात्राओं को स्कूल आने- जाने में लगने वाले समय में इससे बचत होगी और इसका उपयोग भी पढ़ाई में कर सकेगें।

सहज संवाद / वास्तु के माध्यम से जीवन की जटिलताओं का समाधान सम्भव

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 डा. रवीन्द्र अरजरिया
सहज संवाद / डा. रवीन्द्र अरजरिया

सत्य और अंध-विश्वास में बहुत अन्तर होता है। वर्तमान में इसे विभिन्न कसौटियों परखा जाता है। विज्ञान सम्मततर्क सम्मत और कारक सम्मत प्रमाणित किया बगैर एक बडा वर्ग सत्य को मान्यता नहीं देता है। यह मान्यता आधुनिक युग में यत्र-तत्र-सर्वत्र अपना अधिपत्य जमाये बैठी है। हमारा चिन्तन इसी दिशा में चल रहा था कि फोन की घंटी बजी। उठाया तो बुंदेलखण्ड के जाने-माने आर्केटेक्ट प्रदीप जैन की चिर-परिचित आवाज गूंजने लगी।

उन्होंने मिलने की इच्छा जाहिर की। हमने भी तत्काल आमंत्रण दे डाला। वे अगले ही पल हमारे निवास की घंटी बजा रहे थे। पता चला कि उन्होंने घर के बाहर से ही फोन लगाया था। एक शरारत भरी मुस्कुराहट समेटे उन्होंने ड्राइंग रूम में प्रवेश किया। वे हमारे मकान के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं। आशियाने का निर्माण उन्हीं की देख-रेख में हुआ था। चाय के साथ स्वल्पाहार के लिए नौकर को बोलने के बाद हमने अपने मस्तिष्क में उमड रहे विचारों से उन्हें अवगत कराते हुए वास्तु के पुरातन सिद्धान्तों को आज की मान्यताओं के परिपेक्ष में विश्लेषित करने की चुनौती दे डाली। एक क्षण के लिए तो वह अवाक रह गये।
आशा के विपरीत बातचीत का सिलसिला सामने आते ही किंकर्तव्यविभूण की परिभाषा उनके ललाट पर दिखने लगी। अब उनकी लोकप्रियता के साथ-साथ प्राप्त की गई बी.ई.बी.आर्क. जैसी डिग्रियां भी दाव पर लग गयी। चिन्तनचिन्ता और चित्त की मनोदशा से बाहर आकर उन्होंने अपने को सहज किया और विश्लेषक की भूमिका का निर्वहन करने लगे। उन्होंने बताया कि बृह्माण्ड में सूर्य एक स्थिर और आदर्श ग्रह है जिससे दो ही तरह की किरणे निकलती है। सूर्योदय से लेकर लगभग दस बजे तक इन्फ्रारेड किरणें निकलती हैं जो स्फूर्तिउत्साह और पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं जब कि दस बजे से लेकर पूरा दिन निकलने वाली किरणों को अल्ट्रावायलेट कहते हैं।
यह दूसरी तरह की किरणें थकान देने वालीघातक और बैक्टेरिया पैदा करने वाली होतीं है। इसी तरह जलनभ और थल का विशेष परिस्थितियों में प्रभाव उसके समुच्चय के अनुरूप होता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि इसे उत्तर और दक्षिण दिशाओं की शक्तियों के प्रभावों से प्रतीक रूप में समझा जा सकता है। इस दिशाओं में चुम्बकीय किरणों का प्रभाव सघनीकृत होता है। वे लोह तत्वों को सीधा अपने अधिपत्य में लेकर उनमें आवेश पैदा कर देते हैं। इसी से शयन करने की दिशा का निर्धारण किया जाता है और काया को निरोगी रखा जाता है। जीवन को प्रभावित करने वाले दो कारक होते हैं।
व्यक्ति की व्यक्तिगत ऊर्जा अर्थात उसका अपनी ऊर्जा चक्र और स्थान की ऊर्जा अर्थात उसकी स्थिति के अनुरूप बनने वाला ऊर्जा चक्र अपने समुच्चय से एक अदृश्य रहने वाली शक्ति का निर्माण करते हैं। इसी को वास्तु कहते हैं। जल कोसमुद्र में आने वाले ज्वार भाटे की क्रिया से समझा जा सकता है। अष्टमी और चतुर्थी को इनकी आवृतियों का अन्तर चन्द्रमा की स्थिति के कारण होता है और यह प्रमाणित करता है कि जल को नभ के क्रियाशील अदृश्य कारक सीधा प्रभावित करते हैं। इसी तरह थल कोदिशा विज्ञान के आधार पर नभ के वायु मण्डलीय दवाव के सिद्दान्तों को सामने रखकर विश्लेषित किया जा सकता है।
इसमें स्थान की बनावटउसकी स्थिति और आसपास के प्रभावी तत्वों को भी दृष्टिगत रखना पडता है। वास्तु के वैदिक सिद्धान्त आज के परिपेक्ष में तो क्या प्रत्येक देशकाल और परिस्थितियों को प्रभावित करने में सक्षम रहे हैं और आगे भी रहेंगे। इसके कई सूत्र तो अभी भी शोध की तराजू पर कसे जाने बाकी हैं। उनकी गूढता को सरलता में बदले बिना व्यवहारिक स्वरूप का उदय होना सम्भव नहीं होगा। विज्ञान की सीमा से भी परे जाकर वास्तु की व्याख्या करने की आवश्यकता है जिसे आदि ग्रन्थों की गहराइयों में ही ढूढा जा सकेगा।
स्थान और व्यक्ति की ऊर्जा की अनुशासनात्मक शक्ति ही सफलता की कुंजी होती है। जीवन की जटिलताओं का समाधान वास्तु के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। अभी बातचीत का दौर चल ही रहा था कि नौकर ने चाय के साथ स्वल्पाहार लाकर सेन्टर टेबिल पर सजा दिया। स्वल्पाहार की सुगन्ध ने संवाद की गहनता पर विजय प्राप्त की और हम सोफे से उठकर टेबिल के चारों और पडी कुर्सियों पर जा बैठे। अभी चाय की चुस्कियों के मध्य ही प्रदीप जी का फोन घनघना उठा। उनके किसी क्लाइंट का फोन था।
वे चौंक पडेउन्हें सागर रोड पर एक नवनिर्मित हो रहे भवन के निरीक्षण के लिए जाना था। रास्ते में हमारा आशियाना था सो टटोलते चलने की नियत से आ गये और छिड गया एक ऐसा मुद्दा जिसकी ओर हर किसी की जिग्यासा होती है। उन्होंने जल्दी-जल्दी चाय समाप्त की और जाने की इजाजत मांगी। वे तो चले गये परन्तु हम वास्तु के तिलिस्म में अपने को फंसा महसूस करने लगे। उनके सूत्र हमें कहीं न कहीं इस दिशा में और ज्ञान प्राप्त करने के लिए बाध्य करने लगे। इस बार बस इतना ही। अगले हफ्ते एक नयी शक्सियत के साथ फिर मुलाकात होगीतब तक के लिए खुदा हाफिज।

प्रियंका को अब सिर्फ सलमान का सहारा, क्या होगी 'भारत' में एंट्री ?

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बॉलीवुड की देसी गर्ल प्रियंका जब से हॉलीवुड में अपना करियर बनाने गई हैं तब से बॉलीवुड वालों ने उनसे मुंह मोड़ लिया है। प्रियंका चोपड़ा बॉलीवुड में काम पाने के लिए काफी हाथ पार मार रही हैं लेकिन अफसोस ये है कि लाख कोशिशों के बाद भी बात नहीं बन पा रही है।
हाल ही ख़बर आई थी कि प्रियंका चोपड़ा स्पेस का सफर करने वाले पहले इंडियन राकेश शर्मा की बायोपिक में आमिर ख़ान के साथ स्क्रीन शेयर करेंगी लेकिन जब से आमिर ने इस फिल्म से ख़ुद को अलग किया है तब से प्रियंका का ये प्रोजेक्ट भी खटाई में पड़ गया है। लेकिन ले पता चला है कि जब प्रियंका की कहीं नहीं गली दाल तो उन्होंने सलमान को अपने दिल का हाल सुना दिया।
हाल ही में जब प्रियंका जब इंडिया आईं थीं तो उन्हें सलमान की लाडली बहन अर्पिता के साथ देखा गया था। अर्पिता के ज़रिए प्रियंका चोपड़ा अब सलमान की अपकमिंग फिल्म भारत में जगह बनाने की कोशिश कर रही हैं। फिल्म में काम पाने के लिए प्रियंका चोपड़ा अपना अमेरिकन टीवी शो क्वाटिको भी छोड़ने को तैयार हो गई हैं
हालांकि सलमान की फिल्म भारत की हीरोइऩ बनने के लिए कटरीना कैफ भी पिछले कई दिनों से एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रही हैं.अब देखऩा ये है कि क्या कटरीना को नज़रअंदाज़ करके प्रियंका को फिल्म भारत में अपनी हीरोइन बनाएंगे सलमान ?

महापुरूषों की मूर्तिया तोड़ने वालों को मिलेगी कड़ी सजा : योगी आदित्यनाथ

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद एवं सिद्धार्थनगर जिलों में मूर्ति तोड़े जाने की घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है। 

श्री योगी ने सभी जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिलेे में स्थापित महापुरुषों की मूर्तियों की सुरक्षा के सम्बन्ध में पूरी सतर्कता बरतें। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति किसी भी दशा में नही होने पाए।  उन्होंने कहा है कि इन घटनाओं के लिए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए, जिससे वे शान्ति व्यवस्था भंग करने की स्थिति उत्पन्न नहीं कर सके। 
श्री याेगी ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए हैं कि साम्प्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने के हर सम्भव प्रयास किये जाएं। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों सहित समाज के गणमान्य व्यक्तियों के साथ बैठक करके शान्ति व्यवस्था बनाए रखने में उनका सहयोग लिया जाए।  मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अमन-चैन का माहौल कायम रखना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। शान्ति व्यवस्था को बाधित करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।

सलाखों के पीछे लेडी डॉन, ऐसे ठगे करोड़ों कि सब रह गए हैरान

मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ठगी का धंधा चलाने वाली एक लेडी डॉन को थाना पल्लवपुरम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस हिरासत में खड़ी महिला डॉन की करतूत सुनेंगे तो चौंक जाएंगे। इस महिला ने महंगी गाड़ियों पर लाल-नीली बत्तियों का इस्तेमाल करके लोगों को जमकर ठगा।
नोएडा में की एक करोड़ की ठगी
किसी को फ्लैट दिलाने के नाम पर तो किसी को नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी की है। हद तो तब हो गई जब नोएडा में एक करोड़ रुपये की ठगी के मामले में मोहिनी वर्मा नाम की इस महिला ठग के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हो गया।
सर पर 10 हजार का इनाम
मोहिनी के पति और बेटा भी उसकी इस करतूत में शामिल थे जिन्हें पुलिस पहले ही गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। उत्तर प्रदेश पुलिस को करीब 23 मामलों में इस महिला की तलाश थी। इसके लिए दस हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया गया था जिसके बाद पल्लवपुरम पुलिस ने इस महिला डॉन को धर दबोचा।
पीड़ितों की थाने में लगी भीड़
महिला के गिरफ्तार होते ही थाने पर पीड़ितों की भीड़ लग गई जिन लोगों को अलग-अलग लालच देकर इस महिला ने ठगा था। लोग अब राहत की सांस ले रहे है लेकिन साथ में इंतजार भी कर रहे हैं कि जो उनके साथ ठगी हुई है वो रकम कब मिलेगी।

दिल्ली सरकार से सीख लें शिवराज और महंगी बिजली से त्रस्त जनता को दें राहत: आलोक अग्रवाल

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  • दिल्ली में बिजली फिर सस्ती होने पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक ने मप्र सरकार को लिया आड़े हाथ
  • पार्टी ने की निजी बिजली कंपनियों से किए गए गैरकानूनी समझौते रद्द करने की मांग

भोपाल । आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक अग्रवाल ने प्रदेश में महंगी बिजली पर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार से मार्गदर्शन लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश वासियों को बिजली की महंगाई से राहत देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पहले ही देश के कई राज्यों के मुकाबले बेहद कम दर पर बिजली मुहैया करा रही है, इसके बावजूद और कटौती कर जनता को फिर राहत दी है। 
जबकि दिल्ली दूसरे राज्यों (जिनमें मध्य प्रदेश भी शामिल है) से बिजली खरीदती है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बावजूद प्रदेश के नागरिकों को महंगी बिजली मुहैया करा रही है। उन्होंने इसे सरकारी लूट करार देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार निजी बिजली कंपनियों के हाथों का खिलौना बनी हुई है। निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए गैरकानूनी ढंग से करार किए गए हैं और बेहद महंगी बिजली कंपनियों से खरीदी जा रही है। जिसका बोझ जनता पर पड़ रहा है। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने बिजली के दामों में प्रति यूनिट 80 पैसे से लेकर 1.45 रुपए तक की कमी की है।

*सोशल मीडिया पर किया तंज*

उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि- दिल्ली में बिजली दरें 1.45 रुपए प्रति यूनिट तक सस्ती हुईं। अविश्वसनीय! नीयत साफ हो तो चमत्कार हो सकते हैं। साथ ही उन्होंने शिवराज सिह चौहान को अरविंद केजरीवाल से प्रेरणा लेने की सलाह देते हुए कहा कि महंगी बिजली से त्रस्त मध्य प्रदेश की जनता को कुछ राहत दें प्रदेश के मुख्यमंत्री।

*2 लाख करोड़ से ज्यादा के घोटालों के कारण महंगी है बिजली*

श्री अग्रवाल ने कहा कि पिछले दिनों आम आदमी पार्टी ने बिजली मुद्दे पर 2 लाख करोड़ से ज्यादा का घोटाला उजागर किया है। इसके बावजूद हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने फिर से टैरिफ याचिका दायर की है और कृषि विद्युत दर में 10 प्रतिशत और घरेलू बिजली की दर में 3 प्रतिशत की वृद्धि की मांग की है। हमारा मानना है कि महंगी बिजली के कारण त्रस्त जनता का दर्द बढ़ाकर ये कार्रवाई पूर्णत: उसकी कमर तोडऩा होगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की बिजली देश में सबसे महंगी है, उसका सबसे बड़ा कारण मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बिजली के क्षेत्र में किए जा रहे बड़े घोटाले हैं। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि निजी बिजली कंपनियों के साथ किए गए गैरकानूनी समझौतों को रद्द किया जाए और बिजली के दाम बढ़ाने के स्थान पर सभी वर्गों घरेलू, कृषि, व्यावसायिक, औद्योगिक के लिए बिजली के दाम आधे किए जाएं।

एयर होस्टेस की कपड़े उतरवाकर तलाशी ले रही है स्पाइस जेट!

स्पाइसजेट एयर होस्टेस कपड़े उतरवाकर तलाशी के लिए इमेज परिणाम

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हाल ही में स्पाइसजेट एयरलाइन्स की एयरहोस्टेज ने आज सुबह चेन्नई में जमकर प्रदर्शन किया। इसकी वजह बहुत ही शर्मनाक रही। एयरलाइन्स में कार्यरत महिला कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि किसी शक के चलते उनके कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई, उन्हें गलत ढंग से छुआ।

यहां तक की उनके हैंडबैग से सैनेटरी पैड तक निकालने के लिए कहा। उनके इस विरोध के चलते चेन्नई एयरपोर्ट की दो फ्लाइट एक घंटा लेट हो गईं।
कैश का हो रहा हेरफेर-
पीडि़त एयरहोस्टेज का आरोप है कि एयरलाइन्स को लगता है कि यहां मौजूद एयरहोस्टेज सामानों की बिक्री में कैश को लेकर हेरफेर करती हैं। कई बार एयरलाइन्स ने हमसे ये बात जाननी चाही थी, लेकिन उनका ये आरोप पूरी तरह से गलत है। बिना सबूतों के आधार पर एयरलाइन्स ने महिला होस्टेज के कपड़े उतरवाए और उनसे बदसलूकी भी की। चेन्नई एयरपोर्ट पर इस हंगामे का वीडियो बनाया गया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
इस वीडियो में यूनिफॉर्म और सादे कपड़ों में मौजूद एयरहोस्टेज कपड़े उतरवाए जाने की शिकायत कर हंगामा करती दिखाई दे रही हैं।
वीडियो में एक महिला कहती सुनाई दे रही है कि किसी ने मुझे गलत ढंग से छुआ, मैं बहुत असहज हो गई थी। एयरहोस्टेस ने बताया कि पिछले तीन दिन से उनके साथ ऐसा बेशर्म व्यवहार किया जा रहा है। महिला कर्मचारी ही हमें गलत ढंग से छूती हैं। यहां तक की हमारी एक साथी को पीरियड टाइम में भी सैनिट्री पैड निकालने के लिए उकसाया गया। यहां मौजूद एक अन्य एयरहोस्टेस ने बताया कि एक बार फ्लाइट डीबोर्ड हो गई तो एयरहोस्टेस को वॉशरूम भी नहीं जाने दिया जाता।
स्पाइसजेट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट कमल हींगोरानी ने ई-मेल किया है। जिसमें उन्होंने लिखा कि- हमें एयरलाइन्स की दर्जनोंभर एयरहोस्टेज पर कैश छुपाने को लेकर शक है। उन्होंने कहा कि- हम ऑन द स्पॉट चेकिंग के लिए मजबूर हुए हैं, ये कंपनी की एक पॉलिसी है, जिसे निभाना हमारी मजबूरी है।
हंगामे के बाद कैबिन क्रू तब काम पर लौटा जब स्पाइसजैट मैनेजमेंट ने सोमवार को गुडग़ांव ऑफिस में हाईलेवल मीटिंग कराने का आश्वासन दिया। मैनजेंमट ने कहा है कि आरोपी खुद सामने आ जाए, ताकि बेकसूरों को सजा ना मिले।

उद्यमों को स्थापित करने के लिए मिलेंगी अनेक सहूलियतें :- राज्य मंत्री श्री पाठक

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 एक अप्रैल से मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति एवं प्रोत्साहन योजना होगी लागू

भोपाल : प्रदेश के समग्र औद्योगिक विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पिछले वर्ष हुए एमएसएमई सम्मेलन में म.प्र.एमएसएमई विकास नीति 2017 जारी की गई थी। यह विकास नीति प्रदेश में एक अप्रैल, 2018 से लागू की जा रही है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार) श्री संजय-सत्येन्द्र पाठक ने नए वित्तीय वर्ष की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए विभाग का 852 करोड़ 42 लाख 65 हजार रुपये का बजट मंजूर हुआ है। राज्य मंत्री श्री पाठक ने बताया कि विकास नीति 2017 के साथ-साथ 'मध्यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2017 भी इसी तारीख से लागू होगी। प्रोत्साहन योजना में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों की नीति के अंतर्गत सहायता/सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी।
विकास नीति 2017 में मिलेंगी सहूलियतें : विभिन्न अनुदान का एकीकरण कर एमएसएमई को निवेश का 40 प्रतिशत उद्योग विकास अनुदान के रूप में 5 वार्षिक किश्तों में दिया जायेगा। यदि निवेशक मध्यम श्रेणी के विनिर्माण उद्यम की स्थापना के उद्देश्य से निजी भूमि खरीदता है अथवा अविकसित शासकीय भूमि शासन से प्राप्त करता है, तो ऐसी इकाईयों को इकाई परिसर तक पानी, सड़क और बिजली व्यवस्था के लिये अधोसरंचना विकास में किये गये व्यय की 50 फीसदी वित्तीय सहायता, अधिकतम 25 लाख रूपये मिलेंगे।
  • औद्योगिक इकाइयों को अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों, जिनमें ईटीपी,एसटीपी आदि शामिल हैं, की स्थापना में निवेश के लिए 50 प्रतिशत पूँजी अनुदान अधिकतम 25 लाख रूपये मिलेंगे।
  • निजी औद्योगिक क्षेत्रों तथा बहुमंजिला औद्योगिक परिसर की स्थापना/ विकास के लिए व्यय की गई राशि का 20 प्रतिशत अधिकतम 2 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान की जाएगी। विकसित औद्योगिक क्षेत्र का क्षेत्रफल न्यूनतम 5 एकड़ या बहुमंजिला औद्योगिक परिसर का कारपेट क्षेत्र कम से कम 10 हजार वर्ग फीट होना जरूरी है। इनमें 5 औद्योगिक इकाईयाँ कार्यरत होना जरूरी होगा।
  • नई औद्योगिक इकाईयाँ, जिनमें 10 से अधिक नियमित कर्मचारियों के सीपीएफ में प्रति कर्मचारी अधिकतम 1 हजार रूपये नियोक्ता के अंश के रूप में जमा किए जा रहे हों, ऐसे कर्मचारियों को नियोक्ता के अंश की शत-प्रतिशत राशि की प्रतिपूर्ति 5 वर्ष की अवधि के लिए या अधिकतम 5 लाख रूपये(इनमें से जो भी कम हो) प्रदान की जाएगी।
  • गुणवत्ता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम 3 लाख रूपये की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जाएगी।
  • राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय नियम/कानून के अंतर्गत शोध एवं अनुसंधान के आधार पर विकसित किए गये उत्पादों/ उत्पादन प्रक्रियाओं का पेटेंट/ आईपीआर कराने पर हुए व्यय का शत-प्रतिशत, अधिकतम 5 लाख रूपये की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जाएगी।
  • भारत सरकार की आईएनएसआईटीयू अपग्रेडेशन योजना के तहत पॉवरलूम का उन्नयन करने के लिए किये गये व्यय में से, भारत सरकार से प्राप्त वित्तीय सहायता के समायोजन के बाद, शेष राशि का शत-प्रतिशत या उन्नयन लागत का 25 प्रतिशत जो भी कम हो अधिकतम 8 पॉवरलूम प्रति इकाई सहायता प्रदान की जाएगी।
राज्य मंत्री श्री पाठक ने बताया कि सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए स्वतंत्र रूप से गठित एमएसएमई विभाग की स्थापना के दो वर्ष 5 अप्रैल 2018 को पूर्ण कर रहा है। इन 2 वर्षों की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए श्री पाठक ने बताया कि विभाग ने एमएसएमई को विकसित करने के साथ- साथ सक्षम बनाने के लिए नीतियाँ बनाईं हैं। नीतियों के क्रियान्वयन हेतु नियम बनाए गए है

नालसा द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिये विधिक सेवा योजना विषय पर, विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन

TOC NEWS // 31 मार्च 2018   

राजगढ़. जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजेन्द्र कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में 27 मार्च 2018 को वृद्धाश्रम राजगढ में नालसा वरिष्ठ नागरिकों के लिये विधिक सेवा योजना विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में देवेन्द्र सौलंकी मुख्य अतिथि, फारूख अहमद सिद्दीकी जिला विधिक सहायता अधिकारी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
विधिक जागरूकता शिविर में मुख्य अतिथि देवेन्द्र सौलंकी न्यायाधीश ने अपने उद्बोधन में कहा कि वृद्धजनों के लिये माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का कल्याण अधिनियम 2007 बनाया गया है जिसके अंतर्गत राज्य द्वारा वृद्धाश्रम खोले जाते हैं। ट्रिब्यूनल एवं अपील ट्रिब्यूनल गठित किये गये हैं। ट्रिब्यूनलों में कोई भी वृद्धजन अपने परिवार के सदस्य तथा जिनका कोई भी परिवार का सदस्य नहीं वे उन व्यक्तियों के विरूद्ध जिन्हें वृद्ध व्यक्ति की संपत्ति प्राप्त होगी प्रकरण भरण पोषण प्राप्ति हेतु लगा सकते हैं। नालसा द्वारा वर्ष 2015 में वृद्धजनों को विधिक सेवा प्रदान करने के लिये नवीन योजना बनाई गई है। इस योजना के अंतर्गत वृद्धाश्रम, ट्रिब्यूनल, अपील ट्रिब्यूनल में लीगल एड क्लीनिक खोले गये थे जिसमें माह अपै्रल 2018 से नियमित रूप से पैरालीगल वालेंटियर्स अपनी सेवाएं देंगे। 
फारूख अहमद सिद्दीकी जिला विधिक सहायता अधिकारी ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नालसा वरिष्ठ नागरिकों के लिये विधिक सेवा योजना के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुये कहा कि वृद्धजनों को अपने अधिकारों की जानकारी देने के लिये विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा योजना अंतर्गत समय-समय पर विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किये जाते है। वृद्धजन कार्यालय अथवा लीगल एड क्लीनिक में उपस्थित पैरालीगल वालेंटियर्स एवं पैनल लायर्स के माध्यम से निःशुल्क विधिक सहायता एवं सलाह की मांग कर सकते हैं। इस अवसर पर वृ़द्धजनों को फल भी वितरित किये गये।।

सागर संभाग में अबतक 4.37 लाख से अधिक परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन वितरित "प्रधानमंत्री उज्जवला योजना"

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प्रधानमंत्री उज्जवला योजना

TOC NEWS // सागर | 31 मार्च 2018   

संभागीय खाद्य नियंत्रक ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत सागर संभाग के पांच जिलों में अबतक 4 लाख 37 हजार 976 परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन वितरित किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि संभाग परिधि में कुल 115 गैस वितरक हैं। 


नमें सागर जिले में 32, टीकमगढ़ में 24, छतरपुर में 26, दमोह में 15 एवं पन्ना जिले में 18 गैस वितरक सेवाएं दे रहे हैं। उन्होने बताया कि संभाग में कुल 9 लाख 46 हजार 120 पात्र परिवारों में से अबतक 4 लाख 37 हजार 976 परिवारों को गैस कनेक्शन वितरित किये जा चुके है। इनमें सागर जिले में 2 लाख 79 हजार 384 पात्र परिवारों में से 1 लाख 35 हजार 012 परिवारों को, टीकमगढ़ जिले में 1 लाख 59 हजार 561 पात्र परिवारों में से 91 हजार 480 परिवारों को, छतरपुर जिले में 1 लाख 75 हजार 672 पात्र परिवारों में से 80 हजार 791 परिवारों को, दमोह जिले में 1 लाख 87 हजार 713 पात्र परिवारों में से 70 हजार 305 परिवारों को एवं पन्ना जिले में 1 लाख 43 हजार 790 पात्र परिवारों में से 60 हजार 388 परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन दे दिये गये हैं।     
कमिश्नर श्री आशुतोष अवस्थी ने सभी जिलों के कलेक्टर्स एवं जिला आपूर्ति अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने जिलों में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति हेतु उन एल.पी.जी. गैस वितरकों पर सख्त कार्यवाही करें, जिन्होंने लक्ष्य से बेहद कम उपलव्धि प्राप्त की है। कमिश्नर ने सभी कलेक्टर्स को व्यापक अभियान चलाकर शत-प्रतिशत पात्र परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिये हैं।
   

डायलिसिस की सुविधा नरसिंहपुर में मिलने से मरीजों को मिली राहत


  • अब नहीं जाना पड़ता बाहर, मरीजों पर नहीं पड़ता आर्थिक बोझ

  • मरीज की हर साल हो रही ढाई से तीन लाख रूपये की बचत 

TOC NEWS  // नरसिंहपुर, 31 मार्च 2018.

शासकीय जिला चिकित्सालय नरसिंहपुर में हीमो डायलिसिस यूनिट शुरू होने से किडनी के रोग के मरीजों को अपने उपचार के लिए अब जिले और राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ता है। यहां के मरीजों को बाहर जाकर डायलिसिस कराने पर हजारों रूपये खर्च करने पड़ते थे, आने- जाने और मरीज को ले जाने में परेशानी अलग होती थी।

अब नरसिंहपुर के शासकीय जिला चिकित्सालय में डायलिसिस सुविधा उपलब्ध हो जाने से मरीजों ने राहत की सांस ली है। यहां बीपीएल मरीजों का इलाज बिलकुल मुफ्त में किया जा रहा है और एपील मरीजों के लिए एक बार की डायलिसिस 500 रूपये के शुल्क पर उपलब्ध है। यह संभव हुआ है शासन द्वारा नरसिंहपुर के शासकीय जिला चिकित्सालय में हीमो डायलिसिस यूनिट की स्थापना से। इस यूनिट की स्थापना मार्च 2016 में की गई थी।       
शासकीय जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेन्टर के हीमो डायलिसिस यूनिट में वर्तमान में किडनी रोग से ग्रस्त 14 मरीजों की रूटीन में डायलिसिस की जा रही है। प्रत्येक मरीज की सप्ताह में दो बार डायलिसिस की जाती है। डायलिसिस निर्धारित दिन पर सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चलती है। इस यूनिट में दो मशीनें हैं, इन पर एक साथ दो मरीजों का डायलिसिस किया जाता है। बीपीएल मरीजों का डायलिसिस बिलकुल मुफ्त में किया जाता है और उन्हें नि:शुल्क दवाईयां उपलब्ध कराई जाती हैं। एपीएल मरीजों की एक बार की डायलिसिस का चार्ज 500 रूपये लिया जाता है।     
जिला अस्पताल में डायलिसिस करा रहे विपतपुरा के अनूप सिंह बताते हैं कि उनकी दोनों किडनी फेल हो गई हैं। वे पहले जबलपुर और अन्य स्थानों पर जाकर डायलिसिस कराते थे। इलाज पर हर महीने 25 से 30 हजार रूपये खर्च हो जाते थे। एक साल में इलाज पर ढाई से तीन लाख रूपये का खर्च हो जाता था। उनकी आटोमोबाइल्स की दुकान है। इलाज पर इतना अधिक खर्च होने से उन्हें परिवार चलाने में दिक्कत हो रही थी।
नरसिंहपुर में डायलिसिस की सुविधा होने से ही वे अब तक टिके हैं। इलाज के लिए बाहर आने- जाने के कारण कमजोरी भी महसूस करते थे। उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी और पढ़ाई कर रहे दो बच्चे हैं। अनूप सिंह कहते हैं कि शासन द्वारा जिला स्तर पर डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना की जितनी प्रशंसा की जाये, वह कम है। धनारे कॉलोनी नरसिंहपुर के दीपक राय भी जिला चिकित्सालय में डायलिसिस करा रहे हैं। वे करीब ढाई साल से किडनी रोग से पीड़ित हैं। पहले वो गुजरात और महाराष्ट्र में डायलिसिस कराने के लिए जाते थे।
वे बताते हैं कि इलाज पर हर माह 30 से 35 हजार रूपये खर्च हो जाते थे। घर के सदस्य आने- जाने में अलग परेशान हो जाते थे। खेती- किसानी भी प्रभावित हो रही थी। पूना में नौकरी करने वाला उनका बेटा नौकरी छोड़कर उनके इलाज में लगा था। नरसिंहपुर में डायलिसिस की सुविधा मिलने से उन्हें बहुत ही राहत मिली है। श्री राय कहते हैं कि यह शासन की बहुत ही सफल योजना है। नरसिंहपुर में इस योजना के सफल क्रियान्वयन में जिला चिकित्सालय के स्टाफ और सिविल सर्जन डॉ. विजय मिश्रा का बड़ा योगदान है। वे कहते हैं कि अस्पताल में आने वाले मरीजों की जरूरत को देखते हुए यहां डायलिसिस के लिए दो मशीनें और होना चाहिये।       
जिला चिकित्सालय के डायलिसिस यूनिट में डॉ. अमित चौकसे, टेक्नीशियन विजय कुमार रजक और चार स्टाफ नर्स अपनी सेवायें दे रहे हैं। यह यूनिट रविवार को बंद रहता है। इस यूनिट का मैनेजमेंट दिल्ली की डीसीडीसी किडनी केयर कम्पनी देख रही है। यूनिट के सुचारू संचालन के लिए अस्पताल के स्टाफ को ट्रेनिंग दिलाई गई है।

ई-वे बिल: 1 अप्रैल से प्रभावित होंगे लाखों ट्रांसपोर्टर, जब्त हो सकता हैं माल और वाहन

1 अप्रैल से माल परिवहन पर जरूरी होगा ई-वे बिल के लिए इमेज परिणाम

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माल परिवहन संबंधी ई-वे बिल की व्यवस्था पहली अप्रैल से शुरू हो रही है। इस बदलाव से माल भेजने वाले ग्राहक से लेकर ट्रांसपोर्टर प्रभावित होंगे। ई-वे बिल संबंधी नियमों का पालन न करने से माल और गाड़ी दोनों जब्त किए जा सकते हैं। यही नहीं, बाजार मूल्य के बराबर जुर्माना भी लिया जाएगा।

ई-वे बिल दरअसल एक दस्तावेज है, जो 50 हजार रुपए से अधिक मूल्य के कंसाइनमेंट के परिवहन के लिए वाहन के प्रभारी के पास कंसाइनमेंट के इन्वाइस या बिल ऑफ सप्लाई के साथ होना चाहिए। किसी भी व्यवसायी को ई-वे बिल जनरेट करने से पहले ई-वे पोर्टल पर अपना पंजीयन कराना होगा।
ये है ई-वे बिल से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
ई-वे बिल का निर्धारित प्रारूप फार्म ईडब्लूबी-01 है। इसमें इलेक्ट्रानिक माध्यम से जानकारी भरकर तैयार की जाती है। इसके दो भाग हैं- पहला भाग ए, दूसरा बी।
पार्ट ए में माल के प्राप्तकर्ता का जीएसटीआईन, डिलीवरी का स्थान, बीजक एवं ट्रांसपोर्टर का इनरोलमेंट नंबर या ट्रांसपोर्ट का डाक्यूमेंट नंबर (रेल, वायु या जहाज से परिवहने करने पर) भरा जाता है। पार्ट बी में केवल वाहन का नंबर भरना होगा। पार्ट ए एवं बी भरने के बाद ही ई-वे बिल मान्य होगा।
कौन जनरेट कर सकता है
ई-वे बिल जनरेट करने वाला व्यक्ति पंजीकृत होना चाहिए जो माल परिवहन कर रहा है। परिवहन शुरू करने से पहले पार्ट ए की जानकारी देगा। यदि पंजीकृत व्यक्ति जो स्वयं के वाहन से या किराए के वाहन से अथवा रेल, विमान या पोत से परिवहन करा रहा है, तो पार्ट बी में वाहन का नंबर, डाक्यूमेंट नंबर डालकर ई-वे बिल जनरेट करेगा।
यदि माल का पारगमन, अपंजीयत व्यक्ति द्वारा किया स्वयं के वाहन, किराए के वाहन या ट्रांसपोर्टर के माध्यम से कराया जाता है, तो वह या ट्रांसपोर्टर ई-वे बिल जनरेट करेगा। इसी तरह यदि प्रिंसिपल दूसरे राज्य में स्थित जॉब वर्कर को माल भेजता है, तो प्रिंसिपल द्वारा ई-वे बिल जनरेट किया जाएगा। (भले ही कंसाइनमेंट का मूल्य कुछ भी हो)
कब करना होगा बिल जनरेट
50 हजार रुपए से अधिक के कंसाइनमेंट को जब सप्लाई के लिए भेजा जाएगा, तो अलग-अलग कारणों से या अपंजीयत व्यक्ति से खरीद करने पर किया जाता है, तो परिवहन प्रारंभ करने से पहले ई-वे बिल जनरेट करना आवश्यक है। एक से दूसरे राज्य में माल भेजने के लिए चाहे दूरी कुछ भी हो, ई-वे बिल अनिवार्य रूप से जनरेट करना होगा।
ये हैं अन्य प्रावधान
ई-वे बिल जारी करने संबंधी मामले में कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान में यह बात शामिल है कि ट्रांसपोर्टर द्वारा ई-वे बिल से परिवहन किए जा रहे माल का दूसरी बार परिवहन होने से पहले, पहले वाले वाहन की जानकारी को अपटडेट किया जा सकता है।
यदि ई-वे बिल से संबंधित माल का परिवहन नहीं होता या ई-वे बिल में लिखी गई जानकारी के अनुसार नहीं होता, तो जो व्यक्ति यह बिल जनरेट कर रहा है, वह उसे 24 घंटे के अंदर कैंसिल कर सकता है।
पंजीकृत प्राप्तकर्ता को ई-वे बिल संबंधी कॉमन पोर्टल से उपलब्ध कराई जाएगी, जो ई-वे बिल से संबंधित कंसाईनमेंट को स्वीकार या अस्वीकर कर सकता है। यदि 72 घंटे के भीतर ये दोनों काम नहीं किए गए, तो प्राप्तकर्ता द्वारा इसे स्वीकार माना जाएगा।
ई-वे बिल प्रत्येक राज्य में वैध माना जाएगा। ई-वे बिल 100 किलोमीटर की दूरी के लिए जनरेट करने के समय से एक दिन तथा प्रत्येक 100 किलोमीटर की दूरी के लिए अतिरिक्त एक दिन (24 घंटे) के लिए वैध रहेगा।
जुर्माने का प्रावधान कड़ा
अगर कोई ट्रांसपोर्टर जीएसटी अधिनियम या नियम के प्रावधान को नहीं मानेगा, तो उसका वाहन और माल दोनों कुर्क या जब्त किया जा सकेगा। कुर्क वाहन तथा माल को मुक्त करने का भी प्रावधान है।
यदि माल का मालिक अग्रसर नहीं होता, तो माल पर देय टैक्स व माल पर जमा कर को घटाकर माल के मूल्य के 50 प्रतिशत राशि जुर्माने के रूप में जमा कर माल एवं वाहन को मुक्त कराया जा सकेगा।
यदि कुर्की के साथ दिनों के भीतर माल पर देय कर व जुर्माना जमा नहीं किया गया, तो माल जब्त कर लिया जाएगा। जुर्माना व अर्थदंड जमा कर माल व वाहन को मुक्त कराया जा सकेगा। अर्थदंड की राशि माल के बाजार मूल्य के बराबर हो सकती है।

थाने की छत पर सेक्स, वीडियो वायरल, पुलिस महकमे के उड़े होश

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उदयपुर। इंटरनेट पर वायरल हो रहे एक विडियो को लेकर राजस्थान पुलिस कठघरे में है। मामला झीलों की नगरी के नाम से मशहूर उदयपुर का है, जहां पुलिस स्टेशन के अंदर एक विदेशी कपल का सेक्स विडियो सामने आया है। 

शहर के बीचो-बीच स्थित थाने के अंदर हुए इस मामले के बाद पुलिस सवालों के घेरे में है। उदयपुर के घंटाघर पुलिस स्टेशन की छत पर एक विदेशी कपल का सेक्स विडियो सामने आया है, जिसके बाद से पुलिस महकमे के होश उड़ गए हैं। कथित विडियो शुक्रवार को वायरल हो गया, जिसमें विदेशी जोड़ा आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहा है। पुलिस विडियो के आधार पर जांच कर रही है।
पुलिस के सिर के ऊपर ही हो रही थी अश्लील हरकत
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही क्लिपिंग में ऐसा लग रहा है कि यह विडियो सड़क के दूसरी ओर बनी किसी बिल्डिंग से शूट किया गया है। पुलिस की मानें तो वायरल विडियो होली के आस-पास का हो सकता है और पुलिस ने इसके लिए जांच शुरू कर दी है। उदयपुर के एसपी राजेंद्र प्रसाद गोयल ने इस मामले में पुलिस का बचाव करते हुए इसकी सत्यता पर भी सवाल उठाए।

एसपी ने कहा, ऐसे विडियो विश्वसनीय नहीं होते। यह कैसे पक्का है कि विडियो में दिख रही छत घंटाघर पुलिस स्टेशन की है? दूसरी बात, विडियो में दिख रहा जोड़ा विदेशी है। उनके कल्चर में एक-दूसरे को किस करना और पकडऩा सामान्य बात है, इसके लिए हम उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकते।’
कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह घटना 13 मार्च के आस-पास की बताई जा रही है। यह भी दावा किया जा रहा है कि पुलिस स्टेशन की छत पर शराब की कुछ बोतलें भी मिली हैं। अब पुलिस की जांच के बाद ही पूरी तस्वीर साफ हो सकेगी।

ऋतिक रोशन और फरहान समेत ''जिंदगी न मिलेगी दोबारा'' के सीक्वल के लिए तैयार हैं...

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नई दिल्ली। 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' जोया अख्तर की यादगार फिल्म का हिस्सा रहे अभिनेता अभय देओल ने कहा है कि ऋतिक रोशन और फरहान अख्तर समेत फिल्म के सभी प्रमुख कलाकार सीक्वल के लिए तैयार हैं, लेकिन निर्देशक की 'हां' की आवश्यकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जोया अख्तर अपनी वर्तमान फिल्म 'गली बॉय' की शूटिंग खत्म करने के बाद एक सीक्वल बनाने पर विचार कर सकती हैं।

 
अभय ने कहा, "पिछली फिल्म (2011 में) जारी होने के बाद से ही बातचीत चल रही है। मुझे उम्मीद है कि जोया इसका सीक्वल बनाएंगी। फरहान इसे लेकर खुश हैं और मैंने उन्हें बताया है, लेकिन जोया के पास समय होगा, तो वह जरूर कोई कहानी लाएंगी।" उन्होंने कहा, "हमारी तरफ से आप निश्चित हो सकते हैं. हम सभी फिल्म के लिए तैयार हैं, लेकिन अब जोया को हां कहना है। इसके लिए कुछ लिखने का मन बना हुआ है।"
 
अभय ने अपनी आगामी फिल्म 'नानू की जानू' के ट्रेलर लॉन्च में संवाददाताओं से बातचीत की, जहां पत्रलेखा, निर्देशक फराज हैदर और लेखक मनु ऋषि चड्डा उपस्थित थे। हॉरर कॉमेडी 'नानू की जानू' 20 अप्रैल को रिलीज होगी। अभय देओल बड़े पर्दे के एक ऐसे एक्टर हैं जो अपनी फिल्मों से हमेशा ही अपने फैन्स का मनोरंजन करते हैं। हालांकि, उन्हें इंडस्ट्री में उतनी पहचान नहीं मिली लेकिन फिर भी वह अपने किरदार से दर्शकों को हमेशा ही खुश करते हैं और दर्शक उनकी एक्टिंग को काफी पसंद करते हैं।
 
अभय की फिल्म 'नानू की जानू' के ट्रेलर की बात करें तो यह बहुत ही मजेदार है। इस ट्रेलर को देखने के बाद हंस-हंसकर लोटपोट हो जाएंगे। ट्रेलर देखकर यह पता चलता है कि अभय जिस घर में रहते हैं, वहां किसी भूतनी का साया है। वो अभय के घर की साफ-सफाई भी करती है। फिल्म के पोस्टर्स को देखकर लगता है कि पत्रलेखा भूतनी के रोल में हैं. अभय फिल्म में गुंडे के रोल में हैं।

दीपिका रणवीर सिंह की विवाह की अटलकें तेज

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मुंबई। रूपहले पर्दे पर धूम मचाने वाले रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की जोड़ी को ऑनस्क्रीन के साथ ऑफस्क्रीन भी फैंस के दिलों में राज करते रहे हैं।

वैसे तो फिल्मी हस्तियों की खबरें हर समय सूर्खियों में छाए ही रहते हैं। हाल में  रणवीर सिंह और दीपिका पादूकोण की शादी को लेकर अटकलें काफी तेज हो गईं हैं और खबरें के मुताबिक दोनों के परिवार ने आपस में मिलकर साल के अंत में चार तिथि फाइनल की है। इनमें से किसी एक तारीख पर बस रणवीर-दीपिका की मुहर लगना बाकी है।
खबरों के मुताबिक दोनों एक्टर्स हाल ही में मालदीव के हॉलीडे से वापस आएं हैं। इस दौरान दोनों के परिवारों का एक-दूसरे से कई बार मिलना हुआ। पिछले दिनों शूटिंग से छुट्टी पर चल रहीं दीपिका को अपनी मां के साथ ज्वैलरी शॉपिंग करते देखा गया था। 

कॉफी बेचने वालों को कैंसर की चेतावनी छापना अनिवार्य

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लॉस एंजिलिस। कॉफी को अब तक वैज्ञानिकों ने स्वास्थ्य के लिए भला या बुरा घोषित नहीं किया हो पर अमेरिका में कैलिफोर्निया राज्य के एक न्यायधीश ने इस पर अपना फैसला सुना दिया है।

न्यायधीश ने आदेश दिया है कि प्रांत में कॉफी बेचने वालों को उस पर कैंसर की चेतावनी छापनी होगी।  इस मामले में विवाद का विषय कार्सिनोजेन नामक एक रसायन है। यह रसायन कॉफी के दाने भूनने की प्रक्रिया में स्वत: तैयार होता है।
एक छोटे से गैर- लाभकारी संगठन और बिग कॉफी नाम की एक बड़ी अमेरिकी कंपनी आठ साल से इसको लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। गैर- लाभकारी संगठन कौंसिल फोर एजुकेशन एंड रिसर्च ऑन टॉक्सिक्स की मांग थी कि कॉफी उद्योग प्रसंस्करण के दौरान एक्राइलामाइड को हटा दें या फिर माल पर कैंसर की चेतावनी प्रकाशित करें। इस संगठन ने इससे पहले आलू के चिप्स बनाने वाले उद्योगों पर मुकदमा दायर कर उन्हें इसके लिए विवश किया था।     
स्टारबक्स कॉर्प के नेतृत्व में कॉफी उद्योग ने कहा कि कॉफी में उपलब्ध इस रसायन का स्तर इतना कम है कि उससे नुकसान नहीं हो सकता है। यदि इससे कोई जोखिम है भी तो वह कॉफी के अन्य फायदों के कारण नगण्य हो जाता है। लॉस एंजिलिस के सुपीरियर कोर्ट के न्यायधीश एलिहु बर्ले ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि कॉफी कंपनियों ने सुनवाई में कोई ठोस तर्क नहीं दिया है। 
उल्लेखनीय है कि कैलिफोर्निया के एक स्थानीय कानून के अनुसार उत्पाद में किसी ऐसे रसायन जिससे गर्भ या बच्चों आदि पर स्वास्थ्य संबंधी बुरा असर पड़ता है तो उस उत्पाद पर इसकी चेतावनी छापनी होगी। इस संबंध में करीब 900 रसायनों की सूची जारी की गई थी। कॉफी कंपनियों का कहना है कि यदि प्रसंस्करण के दौरान उक्त रसायन को हटा दिया जाए तो इससे कॉफी का स्वाद प्रभावित होगा। 

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