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नई दिल्लीः एक अप्रैल 2018 से देश में नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही कई नियम बदलाव जाएंगे. इसके तहत इनकम टैक्स से जुड़े नियम भी हैं. एक फरवरी को संसद में पेश वर्ष 2018-19 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयकर से जुड़े कई निमयों में बदलाव की बात कही थी. ये सभी बदले हुए नियम सोमवार यानी एक अप्रैल से प्रभावी हो जाएंगे. हम आपको ऐसे ही 10 नियमों के बारे में बताते हैं.
फिर आया स्टैंडर्ड डिडक्शन
बजट में वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाने का प्रस्ताव दिया था. इसके लागू होने पर ट्रांसपोर्ट अलाउंस (19200 रुपये सालाना) और मेडिकल री-इम्बर्समेंट (15000 रुपये सालाना) खत्म हो जाएंगे. अब वेतनभोगी लोगों की सैलरी से इनकम टैक्स छूट के नाम पर सीधे तौर पर 40000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन होगा और मेडिकल, ट्रांसपोर्ट अलाउंस हट जाएंगे. स्टैंडर्ड डिडक्शन के लागू होने से सैलरी क्लास के 2.5 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा. खास बात यह है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ वरिष्ठ नागरिकों को भी मिलेगा. जिन्हें अब तक मेडिकल और ट्रांसपोर्ट का फायदा नहीं मिलता था.
बजट में वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को वापस लाने का प्रस्ताव दिया था. इसके लागू होने पर ट्रांसपोर्ट अलाउंस (19200 रुपये सालाना) और मेडिकल री-इम्बर्समेंट (15000 रुपये सालाना) खत्म हो जाएंगे. अब वेतनभोगी लोगों की सैलरी से इनकम टैक्स छूट के नाम पर सीधे तौर पर 40000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन होगा और मेडिकल, ट्रांसपोर्ट अलाउंस हट जाएंगे. स्टैंडर्ड डिडक्शन के लागू होने से सैलरी क्लास के 2.5 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा. खास बात यह है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ वरिष्ठ नागरिकों को भी मिलेगा. जिन्हें अब तक मेडिकल और ट्रांसपोर्ट का फायदा नहीं मिलता था.
ट्रांसपोर्ट और मेडिकल अलाउएंस हो सकते हैं टैक्सेबलबजट में 40 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के कारण टैक्स भरने वाले लोगों पर एक तरह से बोझ डाल सकता है. दरअसल, इस स्टैंडर्ड डिडक्शन के एवज में सरकार ने ट्रांसपोर्ट और मेडिकल अलाउएंस पर मिलने वाली कर छूट को खत्म कर दिया है. पहले 19200 रुपये सालाना ट्रांसपोर्ट अलाउंस और 15000 रुपये सालाना मेडिकल री-इम्बर्समेंट मिलता था.
चार फीसदी होगा सेस
बजट में इनकम टैक्स पर लगने वाले सेस में भी बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव थी. बजट में वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स पर लगने वाले एजुकेशन सेस को बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया है. मौजूदा व्यवस्था में यह सेस 3 फीसदी लगता है. यह सेस टैक्सपेयर्स के टैक्स पर लगाया जाता है. गौरतलब है कि सेस बढ़ाए जाने को लेकर सरकार की आलोचना हुई थी. कहा गया था कि सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन के नाम जो मामूली राहत दी थी उसकी भरपाई सेस लगाकर कर ली.
बजट में इनकम टैक्स पर लगने वाले सेस में भी बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव थी. बजट में वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स पर लगने वाले एजुकेशन सेस को बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया है. मौजूदा व्यवस्था में यह सेस 3 फीसदी लगता है. यह सेस टैक्सपेयर्स के टैक्स पर लगाया जाता है. गौरतलब है कि सेस बढ़ाए जाने को लेकर सरकार की आलोचना हुई थी. कहा गया था कि सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन के नाम जो मामूली राहत दी थी उसकी भरपाई सेस लगाकर कर ली.
लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स
शेयर बाजार में शेयर बेचने पर लगने वाले शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के साथ अब एक साल बाद इन शेयरों को बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा. हालांकि, यह उन लोगों पर लागू होगा जिन शेयरों की बिक्री से आय 1 लाख रुपए से अधिक है. 1 लाख से अधिक आय पर 10 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. इसके अलावा अतिरिक्त सेस भी वसूला जाएगा. हालांकि, करदाताओं को फायदा पहुंचाने के लिए 31 जनवरी 2018 तक की आय पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. आसान भाषा में समझें तो 31 जनवरी के बाद बिक्री से हुए लाभ पर भी टैक्स चुकाना होगा.
शेयर बाजार में शेयर बेचने पर लगने वाले शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के साथ अब एक साल बाद इन शेयरों को बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा. हालांकि, यह उन लोगों पर लागू होगा जिन शेयरों की बिक्री से आय 1 लाख रुपए से अधिक है. 1 लाख से अधिक आय पर 10 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. इसके अलावा अतिरिक्त सेस भी वसूला जाएगा. हालांकि, करदाताओं को फायदा पहुंचाने के लिए 31 जनवरी 2018 तक की आय पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. आसान भाषा में समझें तो 31 जनवरी के बाद बिक्री से हुए लाभ पर भी टैक्स चुकाना होगा.
इक्विटी डिविडेंड आय पर टैक्स
शेयर बाजार से जुड़े इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के डिविडेंड पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा. इसका प्रस्ताव भी बजट में दिया गया है. 1 अप्रैल 2018 से यह नियम भी लागू होगा.
शेयर बाजार से जुड़े इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के डिविडेंड पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा. इसका प्रस्ताव भी बजट में दिया गया है. 1 अप्रैल 2018 से यह नियम भी लागू होगा.
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स छूट
बजट में दिए गए प्रस्तावों में अब एक साल से ज्यादा की हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर उतने ही साल की छूट मिलेगी. जितने साल के लिए पॉलिसी ली गई है. अभी तक इंश्योरेंस कंपनियां ग्राहकों को प्रीमियम पर छूट देती थी. एस साथ प्रीमियम अदा करने पर टैक्सपेयर्स को 25000 रुपए तक की छूट का प्रावधान था. आसान भाषा में समझें तो नए नियम के मुताबिक, इंश्योरेंस होल्डर अगर 3 साल की पॉलिसी लेता है और उसका प्रीमियम एकमुश्त 45000 जमा करता है तो उसे तीन साल के लिए 15000 रुपए तक के प्रीमियम पर छूट मिल सकेगी.
बजट में दिए गए प्रस्तावों में अब एक साल से ज्यादा की हेल्थ पॉलिसी के प्रीमियम पर उतने ही साल की छूट मिलेगी. जितने साल के लिए पॉलिसी ली गई है. अभी तक इंश्योरेंस कंपनियां ग्राहकों को प्रीमियम पर छूट देती थी. एस साथ प्रीमियम अदा करने पर टैक्सपेयर्स को 25000 रुपए तक की छूट का प्रावधान था. आसान भाषा में समझें तो नए नियम के मुताबिक, इंश्योरेंस होल्डर अगर 3 साल की पॉलिसी लेता है और उसका प्रीमियम एकमुश्त 45000 जमा करता है तो उसे तीन साल के लिए 15000 रुपए तक के प्रीमियम पर छूट मिल सकेगी.
NPS निकासी पर टैक्स छूट
अब नौकरी छूटने की स्थिति में नेशनल पेंशन सिस्टम में टैक्स छूट मिल सकती है. दरअसल, बजट में सरकार ने जो प्रस्ताव रखा है, उसमें एनपीएस से पैसे की निकासी पर टैक्स छूट का फायदा मिलेगा. जो लोग नौकरी नहीं कर रहे हैं और एनपीएस के सदस्य हैं उन्हें ऐसी स्थिति में टैक्स छूट मिलेगी. मौजूदा व्यवस्था में नौकरी नहीं करने वाले लोगों को इसमें छूट नहीं मिलती थी. लेकिन, 1 अप्रैल 2018 से उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा.
अब नौकरी छूटने की स्थिति में नेशनल पेंशन सिस्टम में टैक्स छूट मिल सकती है. दरअसल, बजट में सरकार ने जो प्रस्ताव रखा है, उसमें एनपीएस से पैसे की निकासी पर टैक्स छूट का फायदा मिलेगा. जो लोग नौकरी नहीं कर रहे हैं और एनपीएस के सदस्य हैं उन्हें ऐसी स्थिति में टैक्स छूट मिलेगी. मौजूदा व्यवस्था में नौकरी नहीं करने वाले लोगों को इसमें छूट नहीं मिलती थी. लेकिन, 1 अप्रैल 2018 से उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस की सीमा बढ़ी
वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय पर टीडीएस की सीमा को 10000 रुपए से बढ़ाकर 50000 रुपए करने का प्रस्ताव किया गया है. इससे वरिष्ठ नागरिकों को फायदा मिलेगा. अब वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों और पोस्ट ऑफिस में खोले गए बचत खातों पर मिलने वाले ब्याज से होने वाली आय में ज्यादा रकम पर टैक्स में छूट हासिल किया जा सकता है. मौजूदा समय में बचत खातों से होने वाली आय पर प्रत्येक व्यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 80टीटीए के तहत 10,000 रुपए तक के ब्याज पर टैक्स में छूट मिलती है. लेकिन अब धारा 80टीटीबी को जोड़ने का प्रस्ताव है. नए नियम के मुताबिक वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय में से 50,000 रुपए तक की रकम पर कर में छूट मिलेगी.
वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय पर टीडीएस की सीमा को 10000 रुपए से बढ़ाकर 50000 रुपए करने का प्रस्ताव किया गया है. इससे वरिष्ठ नागरिकों को फायदा मिलेगा. अब वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों और पोस्ट ऑफिस में खोले गए बचत खातों पर मिलने वाले ब्याज से होने वाली आय में ज्यादा रकम पर टैक्स में छूट हासिल किया जा सकता है. मौजूदा समय में बचत खातों से होने वाली आय पर प्रत्येक व्यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 80टीटीए के तहत 10,000 रुपए तक के ब्याज पर टैक्स में छूट मिलती है. लेकिन अब धारा 80टीटीबी को जोड़ने का प्रस्ताव है. नए नियम के मुताबिक वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय में से 50,000 रुपए तक की रकम पर कर में छूट मिलेगी.
ब्याज से आय पर छूट की सीमा बढ़ी
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के तहत निवेश की सीमा को भी 7.5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है, इस योजना को मार्च, 2020 तक विस्तार देने का प्रस्ताव है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के तहत सुनिश्चित आठ फीसदी ब्याज दिया जाता है. इस पर भी टैक्स छूट मिलेगी.
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के तहत निवेश की सीमा को भी 7.5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है, इस योजना को मार्च, 2020 तक विस्तार देने का प्रस्ताव है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के तहत सुनिश्चित आठ फीसदी ब्याज दिया जाता है. इस पर भी टैक्स छूट मिलेगी.
सेक्शन 80डी की डिडक्शन लिमिट बढ़ी
बजट में सरकार ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के रूप में दी जाने वाली रकम पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80टी के तहत अब तक वरिष्ठ नागरिकों को 30,000 रुपए के प्रीमियम पर टैक्स में छूट मिलती थी, लेकिन अब छूट सीमा 50,000 रुपए होगी. 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए धारा 80डी के तहत दी जाने वाली छूट की सीमा 25,000 रुपए ही रहेगी. लेकिन, अगर उनके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं, तो 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट हासिल कर सकेंगे, जिससे कुल छूट 75,000 रुपए (25,000+ 50,000 रुपए) हो जाएगी, जो मौजूदा समय में सिर्फ 55,000 रुपए है.
बजट में सरकार ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के रूप में दी जाने वाली रकम पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80टी के तहत अब तक वरिष्ठ नागरिकों को 30,000 रुपए के प्रीमियम पर टैक्स में छूट मिलती थी, लेकिन अब छूट सीमा 50,000 रुपए होगी. 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए धारा 80डी के तहत दी जाने वाली छूट की सीमा 25,000 रुपए ही रहेगी. लेकिन, अगर उनके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं, तो 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट हासिल कर सकेंगे, जिससे कुल छूट 75,000 रुपए (25,000+ 50,000 रुपए) हो जाएगी, जो मौजूदा समय में सिर्फ 55,000 रुपए है.
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