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Tuesday, May 23, 2023

41वें स्थापना दिवस पर ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन ( आइसना ) के उत्तर प्रदेश प्रांतीय सम्मेलन का हुआ आयोजन, उपमुख्यमंत्री ने किया पत्रकारों को सम्मानित


ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन आइसना के लखनऊ सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक जी का सम्मान करते आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव शंकर त्रिपाठी जी एवं उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद जुगल किशोर जी के साथ मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विनय जी डेविड

विनय जी डेविड // 9893221036

लखनऊ, ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन ( आइसना )  का 41वां प्रांतीय सम्मेलन 22 मई 2023 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्वेश्वरैया सभागार में वार्षिक महान सम्मेलन पूर्व सांसद एवं आइसना के प्रांतीय अध्यक्ष जुगल किशोर एवं सुश्री आरती त्रिपाठी महामंत्री आइसना एवं सदस्य पी सी आई के सहयोग से संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए पदाधिकारियों व सदस्यों ने भाग लिया। हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली के साथ-साथ दक्षिण भारत के पदाधिकारी भी भारी संख्या बल के साथ सम्मिलित हुए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार स्वतंत्र मिश्रा द्वारा किया गया। आइसना के उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सांसद जुगल किशोर ने एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी का स्वागत किया। प्रांतीय सम्मेलन में आए विशिष्ट अतिथि मंत्री जितिन प्रसाद, आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी व राष्ट्रीय महामंत्री आरती त्रिपाठी (सदस्य, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया) और यूपी के प्रदेश अध्यक्ष आइसना व पूर्व सांसद जुगल किशोर ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विभिन्न राज्यों से आए पदाधिकारियों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आइसना के प्रांतीय सम्मेलन में विनय जी. डेविड (प्रांतीय अध्यक्ष, मध्य प्रदेश आइसना), प्रशांत वैश्य (प्रांतीय संगठन महामंत्री, मध्य प्रदेश आइसना), श्रीराम (साउथ इंडिया अध्यक्ष) गिरीश चंद्र शर्मा (अध्यक्ष, हरियाणा प्रदेश), पंडित संजीब नारायण दास (अध्यक्ष असम प्रदेश), संदीप कुमार दफ्तुआर (बिहार प्रदेश अध्यक्ष), सुनील कुमार पांडेय (मंत्री नई दिल्ली), मैरियन (तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष), लखनऊ से संजीव पाहवा, आर.के.सिंह, अरविंद त्रिपाठी, अरविंद द्विवेदी, अमन सिंह, सुनीता सिंह, अमित सिंह, रीति सिंह आदि देश के कोने-कोने से आए पदाधिकारियों व सदस्यों ने भाग लिया। 

कार्यक्रम के समापन पर सभी सदस्यों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सभी प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारिणी के सदस्य एवं पदाधिकारी भारी संख्या में सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक

आइसना के योगदान को सराहा और दिया हर संभव मदद का भरोसा

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने विभिन्न प्रदेशों से आए पदाधिकारियों व उत्तर प्रदेश के समस्त पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में पहुंचे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि योगेंद्र मिश्रा व शिव शंकर त्रिपाठी ने कड़ी मेहनत करके छोटे अखबारों को एक मंच पर संगठित करने का कार्य किया और पहला सम्मेलन दिल्ली के मावलंकर हाल में हुआ। 

इसके बाद से अनवरत कार्यक्रम चलता रहा और देश के सारे छोटे एवं मध्यम अखबार एक धागे में बंधते चले गए। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन द्वारा दिए गए 6 सूत्रीय मांग पत्र को जिम्मेदार लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि स्याही से लेकर कागज तक की महंगाई इतना आसमान छू रही है, ऐसी परिस्थिति में छोटे अखबारों का संचालन बहुत ही चुनौती भरा कार्य है। छोटे व मध्यम अखबारों से वह बातें सामने आती हैं जो बड़े अखबारों की पहुंच से बाहर होती हैं। गांव की गलियों से निकली आवाज लखनऊ और दिल्ली की सत्ता के गलियारों तक पहुंच कर आंदोलन बन जाती है, यह छोटे और मध्यम अखबारों की ही देन है। आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए बधाई देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अखबारों को हर संभव मदद मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने आइसना की राष्ट्रीय महामंत्री व प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की सदस्य आरती त्रिपाठी व राष्ट्रीय अध्यक्ष आइसना शिव शंकर त्रिपाठी के साथ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद जुगल किशोर का विशेष आभार व्यक्त किया।

पत्रकारों को एकजुट होकर अपने अधिकार की लड़ाई लड़ना होगा : विनय जी. डेविड

ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आइसना के उत्तर प्रदेश के प्रांतीय सम्मेलन में विनय जी. डेविड ( प्रांतीय अध्यक्ष, मध्य प्रदेश आइसना ) ने कहा कि देश के सभी लघु मध्यम समाचार पत्र पत्रिकाओं एवं पत्रकारों को एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ना चाहिए, पत्रकारों के अधिकार का देश की सभी सरकारों को ध्यान रखना चाहिए, देश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए, प्रदेश सरकारों को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए इस कानून को जल्द से जल्द लागू होना चाहिए, विनय डेविड ने मध्य प्रदेश सरकार से मध्य प्रदेश के लघु समाचार पत्र-पत्रिकाओं को प्रतिमाह एक निर्धारित राशि का विज्ञापन प्रदान किए जाने एवं मध्यप्रदेश के पत्रकारों एवं उनके परिवार के जीवन यापन के लिए एक सुनिश्चित राशि प्रतिमाह प्रदान करने की मांग उठाई, आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शिव शंकर त्रिपाठी एवं महासचिव एवं प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की सदस्य सुश्री आरती त्रिपाठी ने मांगों का समर्थन करते हुए शीघ्र भारत सरकार और प्रदेश की सरकारों से इन मांगों को पूरा करने के लिए प्रयास किए जाने मंजूरी दी।

विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे मंत्री जितिन प्रसाद ने आइसना के कर्तव्य परायणता को सराहा

अखबारों को हर संभव मदद करने का दिया भरोसा

विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचे मंत्री जितिन प्रसाद ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी कड़ी मेहनत के साथ अखबारों की महत्वपूर्ण भूमिका भी होती है, गांव से निकली आवाज ही दिल्ली की सत्ता के गलियारों तक पहुंचती है। अधिकारियों और नेताओं की जवाबदेही तय करना चौथे स्तंभ का प्रमुख कर्तव्य है, जिसे आज के समय में लघु एवं मध्यम अखबार ही पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। ऐसे अखबारों को सरकार द्वारा हर संभव मदद मिलनी चाहिए। इन अखबारों को हमारी तरफ से हर संभव मदद मिलती रहेगी। अखबार के पन्नों और स्याही की महंगाई का जिक्र करते हुए छोटे एवं मध्यम अखबारों के संघर्षों को सराहा और अखबार के पन्नों से सोशल मीडिया तक पहुंचे अखबारों की खबरों का आभार व्यक्त किया।

आइसना राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को 6 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी व अन्य पदाधिकारियों के साथ संगठन के प्रांतीय सम्मेलन में पहुंचे बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को 6 सूत्री मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। पत्रकारों की सुरक्षा हेतु उत्तर प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के साथ-साथ पत्रकारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा व पांच लाख रुपए तक के इलाज की मुफ्त सुविधा जैसी मूलभूत सुविधाओं को राज्य सरकार के द्वारा मुहैया कराए जाने की बात भी रखी गई। जिसे उपमुख्यमंत्री ने राज्य सरकार तक संगठन की मांगों को पहुंचाने की बात कहते हुए इन्हें पूरा करने का भरोसा भी दिलाया।

आइसना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी समाचार पत्रों की बिकट समस्याओं जैसे विज्ञापन नहीं मिलना जीएसटी लगना आरएनआई में समस्याओं का शीघ्र समाधान न होना सरकार का विज्ञापन बजट प्रति वर्ष कम करना पत्रकारों को आर्थिक मदद ना देना, सुरक्षा न देना आदि समस्याओ से अवगत कराया और इन समस्याओं के समाधान करने के लिये सरकार को ज्ञापन दिया। इसके बाद सरकार की तरफ़ से पूर्ण आश्वासन जितिन प्रसाद और उपमुख्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने देने की घोषणा कर दी। 

पूर्व सांसद जुगल किशोर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर रत्न से सम्मानित

स्माल न्यूज पेपर्स एसोसिएशन के प्रांतीय सम्मेलन में आइसना के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद जुगल किशोर को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर रत्न से सम्मानित किया गया। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पद चिन्हों पर चलने वाले पूर्व सांसद जुगल किशोर ने अपने जीवन में बाबा साहब के मूल सिद्धांतों को संजोने का पूरा प्रयास किया है।

Thursday, May 11, 2023

महिला आईएएस अफसर गिरफ्तार, 105 करोड़ के घोटाले में है शामिल, दामाद के साथ ली गयी हिरासत में !


महिला आईएएस अफसर गिरफ्तार, 105 करोड़ के घोटाले में है शामिल, हिरासत में !

जयपुर | राजस्थान के अजमेर से 105 करोड़ रुपये के घोटाले में असम की आईएएस अधिकारी सेवाली देवी शर्मा, उनके दामाद और एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया है। अजमेर के कोतवाली थाने के सहयोग से असम की सतर्कता टीम ने सोमवार सुबह इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

गिरफ्तारियां असम के स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) में 105 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के सिलसिले में हुई हैं। तीनों आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए अजमेर आए थे। उन्हें यहां सीजीएम कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया। इसके तुरंत बाद टीम उन्हें लेकर असम के लिए रवाना हो गई।

रविवार देर रात इंस्पेक्टर प्रीतम सेकिया के नेतृत्व में असम सतर्कता दल अजमेर पहुंचा। अधिकारियों ने कहा, ”टीम रविवार रात अजमेर पहुंची थी। कोतवाली थाना पुलिस से संपर्क कर मामले की जानकारी ली। सोमवार की सुबह असम


महिला आईएएस अफसर सेवाली देवी शर्मा गिरफ्तार, 105 करोड़ के घोटाले में है शामिल, दामाद के साथ ली गयी हिरासत में !

विजिलेंस टीम और कोतवाली थाने के पुलिसकर्मियों ने जयपुर रोड स्थित होटल क्रॉस लेन से सेवाली देवी शर्मा, दामाद अजीत पाल सिंह और राहुल अमीन को गिरफ्तार किया। राहुल और अजीत पाल दोनों ठेकेदार हैं।

बताया जाता है कि सेवाली देवी शर्मा 2017-2020 के बीच एससीईआरटी में रही हैं। आरोप है कि उसने सरकार की सहमति के बिना 5 बैंक खाते खोले और कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक के घोटालों में शामिल थी। आरोप है कि इस घोटाले में उसका दामाद भी शामिल था। बताया जा रहा है कि आईएएस अधिकारी ने बिना किसी वर्क ऑर्डर के 105 करोड़ रुपये निकलवा लिए। सेवाली देवी 1992 कैडर की अधिकारी हैं। मामला सामने आने के बाद सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।

दरअसल, निलंबित आईएएस सेवाली देवी शर्मा की गिरफ्तारी के लिए असम मुख्यमंत्री कार्यालय लगातार मॉनिटरिंग कर रहा था। असम पुलिस लगातार आरोपितों की लोकेशन ट्रेस कर रही थी। अपनी गिरफ्तारी के डर से निलंबित आईएएस अपने दामाद और ठेकेदार अमीन के साथ शनिवार से अजमेर के एक होटल में ठहरी थी। अजमेर में आरोपितों की लोकेशन मिलने पर असम पुलिस ने अजमेर पुलिस से मदद मांगी। इसके बाद असम पुलिस रविवार देर शाम को अजमेर पहुंची और अजमेर की कोतवाली थाना पुलिस की मदद से आईएएस सेवाली देवी शर्मा, उनके दामाद अजीत पाल सिंह और ठेकेदार अमीन को गिरफ्तार कर लिया। तीनों की गिरफ्तारी असम की स्टेट काउंसलिंग ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) में 105 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के मामले में हुई है।

सोमवार सुबह कोतवाली थाना पुलिस के साथ असम पुलिस के अधिकारियों ने आरोपितों को असम ले जाने के लिए स्थानीय कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने अतिरिक्त वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश व अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 1 में ट्रांजिट वारंट की अर्जी दाखिल किया है। कोर्ट से ट्रांजिट वारंट की स्वीकृति मिलने के बाद असम पुलिस सेवाली देवी शर्मा को असम लेकर रवाना होगी।

Saturday, April 29, 2023

बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा

 


बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा

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विनय जी डेविड : 9893221036

*ED की पूछताछ में हुए कई अहम खुलासे, चर्च की कीमती जमीन को बेचा, कई काले कारनामों का दस्तावेज भी बरामद*

*बर्खास्त बिशप के जबलपुर समेत मुबंई, रांची व नागपुर स्थित ठिकानों पर भी ईडी ने मारा था छापा*

जबलपुर। चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के पूर्व निदेशक बिशप (former bishop) पीसी सिंह (PC Singh) को जेल भेज दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीसी सिंह से 14 दिन तक पूछताछ की। जिसमें कई अहम खुलासे हुए। बिशप सिंह ने सीएनआई की कीमती कई जमीन को बेचा। कई संस्थानों को बेकार बताकर किराए पर दे दिया। पी सी सिंह के कई काले कारनामों के दस्तावेज भी बरामद किए गए।

बिशप पद से हटाए गए द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चेयरमैन पीसी सिंह को कोर्ट के निर्देश पर ईडी ने जबलपुर केंद्रीय जेल भेज दिया है। ईडी ने पीसी सिंह को 12 अप्रैल को जबलपुर में गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी गई थी। कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड स्वीकृत की थी। पूछताछ के लिए उसे भोपाल ले जाया गया था।

रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद पीसी सिंह को 27 अप्रैल को जबलपुर लाया गया जिसके बाद जेल भेज दिया गया। दरअसल, जबलपुर में 2022 में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने मुंबई, रांची, नागपुर स्थित छह ठिकानों पर छापा मारा था।

इन ठिकानों से ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और करीब पांच लाख 37 हजार 500 रुपये नकद जब्त किए थे। ईडी ने यह कार्रवाई 15 मार्च को जबलपुर, मुंबई, रांची व नागपुर के छह ठिकानों तथा 18 मार्च को रांची में तीन ठिकानों पर छापामारी की थी। जिसके बाद ईडी की टीम 12 अप्रैल को जबलपुर पहुंची और पीसी सिंह को उसके नेपियर टाउन स्थित बंगले से गिरफ्तार कर लिया था।

बिशप पीसी सिंह के घर में आठ सितंबर 2022 को ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारा था। वहां से एक करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपए, 118 पाउंड, 18352 यूएस डालर, 80 लाख 72 हजार रुपये कीमत के दो किलो वजनी सोने के जेवर समेत 17 संपत्तियों के दस्तावेज और 48 बैंक खातों के संबंधित दस्तावेज जब्त हुए थे। 

पीसी सिंह जर्मनी से 11 सितंबर को स्वदेश लौटने पर उसे नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। जबलपुर लाकर पूछताछ व जांच की गई। जांच के दौरान उसकी पौने आठ करोड़ रुपये की एफडी का खुलासा हुआ। यह भी पता चला कि वह स्वयं 128 बैंक खाते संचालित करता था। 46 खाते उसके स्वजन और संस्थाओं के नाम पर थे।


Wednesday, April 19, 2023

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Monday, April 17, 2023

ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार

  

ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार



ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार



भविष्य की आहट : देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन


भविष्य की आहट : देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन

भविष्य की आहट / डा. रवीन्द्र अरजरिय

चर्चित व्यक्ति को नेतृत्व देने की पुरातन परम्परा रही है। प्रतिभा, योग्यता और समर्पण के आधार पर चर्चाओं का वातावरण सकारात्मकता का पर्याय हुआ करता था। वर्तमान समय में सकारात्मकता को नकारात्मकता ने पछाड दिया है। वातावरण निर्माण हेतु प्रायोजित कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया है। लाभ के अवसरों के लिए आपसी समझौतों की श्रंखला अब नित नई ऊंचाइयां छूने लगीं हैं। इन कार्यक्रमों को विभिन्न माध्यमों से आम आवाम तक पहुंचाने वाले समूह को आधुनिक भाषा में पीआर ग्रुप का नाम दिया गया है। 

व्यक्तिगत संबंधों को व्यापक बनाने के लिए अब विशेषज्ञों की तलाश की जाने लगी है। राजनैतिक धरातल से लेकर वित्तीय संस्थानों तक ने अपने विस्तार के लिए पीआर स्पेशलिस्ट्स की फौज नियुक्त कर ली है। इनसे हटकर अपराधियों, असामाजिक तत्वों और षडयंत्रकारियों ने तो संचार माध्यमों के लिए विधिवत व्यक्तिगत तंत्र ही विकसित कर लिया है। स्वधीनता संग्राम के दौर में धरती से जुडे राष्ट्र भक्तों का बलिदान भी गोरों के षडयंत्र का शिकार हो गया था। उस दौर में भी पैसों की चमक, लालच के दावानल और सत्ता के सम्मान ने इच्छित व्यक्यिों को देश का लोकप्रिय नेता घोषित करवा दिया गया था। 

तब षडयंत्र के तहत अंग्रेजी पत्रों में व्यक्ति विशेष के लिए आलेख, समाचार और  उनकी कथित जीवन गाथायें प्रकाशित करवायी जातीं थीं। लोलुप लोगों को व्यक्ति विशेष के पक्ष में वातावरण निर्मित करने के काम में लगा दिया जाता था, जो चौराहों से लेकर चौपालों तक पहुंचकर उसकी प्रशंसा में मनगढन्त कहानियों सुनाता और समाज में उसे चर्चा का विषय बना देता था। धीरे-धीरे उसके वक्तव्यों को कालीदास के इशारों में बदलकर विदुषी विद्योत्मा बनी आवाम के समक्ष परोसा जाता ताकि समाज उस पैरासूट नेता को वास्तविक नेतृत्व प्रदान कर दे। कठपुतली को जीवित शरीर के भ्रम के रूप प्रस्तुत किया गया। अन्त: देश में जब राष्ट्र भक्तों का दबाव बढने लगा, आम आवाम स्वाधीनता के लिए कफन बांधकर खडी हो गई तो गोरों ने अपनी कठपुतलियों को नेता बनाकर पेश किया। 

वार्ता के लिए उन्हें ही आमंत्रित किया और दिखाने शुरू कर दिये देशवासियों को सब्जबाग। इतिहास की गवाही ने एक बार फिर वर्तमान को व्यथित करना शुरू कर दिया है। अतीक, शाइस्ता, असद, गुलाम, अशरफ, अमृतपाल, जोगा जैसों की नकारात्मकता को सुुर्खियां मिलने लगीं। उनके पक्ष में कमर कसकर खडे लोगों की बातों को महात्व दिया जाने लगा। किसी लोकप्रिय जन कल्याणकारी समाजसेवी की तरह उनकी जीवन गाथायें, विश्राम करने के स्थान, सहयोगियों की जमात जैसे कारक आज चारों ओर छाये हुए हैं। नकारात्मकता को समाप्त करने में लगे लोगों पर प्रश्नचिन्ह अंकित करने का फैशन चल निकला है। सत्य को कोसकर असत्य को स्थापित करने का कारोबार तो दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करने लगा है। विचार मंथन के माध्यम से पेश किये जाने वाले कार्यक्रम समाज को तोडने में महात्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 

सोची समझी योजना के तहत चलने वाले कृत्यों को सामान्य ढंग से होने वाली गतिविधियों की तरह प्रस्तुत करने की पटकथा तो पहले ही लिखी जा चुकी है। कभी कश्मीर में सेना के जवानों पर वहां के आतंकियों के थप्पड पडते थे और थप्पड मारे वालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने पर राष्ट्र भक्त फौजियों पर मामले दर्ज किये जाते थे, जबाब मांगे जाते थे, आत्मरक्षा में उठाये गये कदमों को अपराध बनाकर न्याय की चौखट पर दस्तक दी जाती थी। ऐसे लोलुप भितरघातियों की जमात अब आतंक की इबारत बनने की हसरत पालने वालों के चारों ओर सुरक्षा कवच लगा रही है। सरेआम हत्या करने वालों के साथ खडे लोगों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। अनेक घरों के चिरागों को बुझाने वालों के दीये पर हवा को लगते अपराधियों ने अपने संरक्षणदाताओं के साथ मिलकर मुल्क की फिजां में जहर घोलने का काम शुरू कर दिया है। 

इस जहर की चर्चा भी प्रमुखता से की जाने लगी है। पीआर के विशेषज्ञों को मैदान में उतार दिया गया है। अपराध की कहानियां सुना सुनाकर आम आवाम में दहशत पैदा करने वाले अपने विदेशी आकाओं के इशारों कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं। राजनीति के पंडितों से लेकर अपराध के जल्लादों तक ने समय के साथ करवट बदल ली है। दहशत के आकाओं को उनकी जाति विशेष के लिए संरक्षक की भूमिका में दिखाया जाने लगा हैं। अपराध से जुटायी गई धन-सम्पत्ति से राजनीति के दरवाजे पर दस्तक देने का क्रम भी चल निकला है। सत्ता का मुखिया बनने वाला व्यक्ति भी अपनी जाति के लिए लचीला रुख अख्यितार करता है। अन्य सशक्त जातियों को नस्तनाबूत करने की मुहिम भी पर्दे के पीछे से निरंतर चलाता है। दूसरी ओर पार्टी के लिए धन संग्रह करने में अपराध जगत की महात्वपूर्ण भूमिका भी तेजी से बढ जा रही है। 

पार्टियों की चंदा राशि को सूचना के अधिकार की सीमा से बाहर रखा गया है। इसी तरह निजिता की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आजादी और मौलिक अधिकारों की दुहाई जैसी व्यवस्थायें देश को कोढ में खाज देने का काम स्वाधीनता के बाद से निरंतर कर रहीं हैं। पंजाब में सत्ता बदलते ही खालिस्तान के नारे बुलंद होने लगे। खास दलों की सरकारों वाले राज्यों में धार्मिक उन्माद चरम सीमा पहुंचता जा रहा है। व्यक्तिगत हितों पर आदर्श, सिध्दान्त और नीतियों की हत्यायें हो रहीं है। लोगों की महात्वाकांक्षायें अब आसमान छूने लगीं हैं। दल बदलकर इच्छित लक्ष्य की पूर्ति में जुडे लोगों ने स्वयं को जाति विशेष, सम्प्रदाय विशेष तथा क्षेत्र विशेष का कथित ठेकेदार घोषित कर दिया है। ऐसे लोगों को अपने पक्ष में लाने के लिए खद्दरधारियों की टोलियां जुटीं है ताकि आने वाले चुनावों में सत्ता का सिंहासन मिल सके। 

देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन, परन्तु संचार माध्यमों के चन्द मठाधीशों को किन्हीं कारणों से यह सब दिखाई नहीं दे रहा है। यही फर्क है धृतराष्ट्र और गांधारी के अंधेपन में। एक तो सत्ता के लालच में अंधा है तो दूसरा वैभव की प्रचुरता के पीछे पागल होकर अंधे का अंधा बनकर अनुशरण कर रहा है। ऐसे में देश के राष्ट्र भक्त नागरिकों को ही आगे आने होगा, तभी बूंद-बूंद पानी से गागर भर सकेगी और पुन: प्राप्त किया जा सकेगा विश्व गुरु का सम्मान। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे


गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 


प्रयागराज, गस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की शनिवार (15 अप्रैल) की सरेआम हत्या कर दी गई. पुलिस कस्टडी में उस समय गोलियों से भून दिया गया जब दोनों कॉल्विन अस्पताल के बाहर पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस घटना ने अशरफ की वो भविष्यवाणी सच कर दी जो उसने दो सप्ताह पहले अपनी मौत को लेकर की थी. अशरफ ने दो सप्ताह में अपनी हत्या किए जाने की बात कही थी. उसने दावा किया था कि एक बड़े पुलिस अधिकारी ने इस बारे में उसे धमकी दी है.

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 

28 मार्च 2023 की रात अशरफ ने कहा था, दो सप्ताह बाद मुझे मार दिया जाएगा. अशरफ ने ये भी दावा किया कि एक बड़े पुलिस अधिकारी ने उसे धमकी दी है कि किसी बहाने से तुम्हें बाहर निकालेंगे और निपटा देंगे. इसके लगभग दो सप्ताह बाद 15 अप्रैल की शाम को जब अतीक-अशरफ को मेडिकल टेस्ट के लिए बाहर लाया गया तो पत्रकारों के भेष में पहुंचे तीन हमलावरों ने पुलिस की सुरक्षा में घुसकर दोनों को गोलियों से भून दिया. 

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 

अतीक-अशरफ के हत्यारों की हिरासत में लेने बाद सामने आयी पहली तस्वीर, चेहरे पर दिखा खौफ

माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीन अपराधियों की पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बाद पहली तस्वीर सामने आयी है। आपको बता दें माफिया भाइयों के इस हत्याकांड में कथित तौर पर तीन आरोपी शामिल थे। जिन्होंने मीडिया की मौजूदगी में ही अतीक अहमद और अशरफ पर फायरिंग की थी।   बता दें कि, हत्यारों के हाथ में उस समय कैमरा और आइडी भी मौजूद थी। पुलिस ने घटनास्थल से हत्याकांड में प्रयुक्त असलहा, कैमरा और आइडी को बरामद किया है। पकड़े गए आरोपित लवलेश तिवारी निवासी बांदा, सनी पुराने हमीरपुर एवं अरुण मौर्य कासगंज बताए जा रहे हैं। अब इनसे पूछताछ चल रही है। पुलिस कोर्ट से इनकी रिमांड भी मांग सकती है।

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 

ऐसे दिया था वारदात को अंजाम

बताया जाता है कि पुलिस कस्टडी रिमांड पर माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ दिए जाने के साथ ही रोजाना मेडिकल जांच कराए जाने का भी निर्देश दिया गया था। इसी क्रम में शुक्रवार रात भी धूमनगंज पुलिस ने दोनों का काल्विन अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया था। शनिवार रात भी धूमनगंज पुलिस सरकारी जीप से दोनों भाईयों को लेकर वहां पहुंची थी। मुख्य द्वार से भीतर दाखिल होकर कुछ कदम आगे बढ़े ही थे कि सामने मीडियाकर्मी बनकर मौजूद युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें दोनों की मौत हो गई। इस घटना के बाद तीनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया और अब उनसे पूछताछ की जा रही है।

Thursday, April 13, 2023

मैथोडिस्ट चर्च के कार्यपालिक सचिव मनीष गिडियन की जमानत अर्जी निरस्त, गिडियन को न्यायालय से लगा बड़ा झटका


Manish Gideon, executive secretary of the Methodist Church



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जबलपुर, धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज फादर मनीष एस गिडियन की आज फिर सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज, अभी और जेल की सलाखों में ही रहना पड़ेगा, जेल की रोटी खानी पड़ेगी।  

जबलपुर । विशेष न्यायाधीश ईओडब्ल्यू अमदज अली के न्यायालय ने स्कूल के लिए मिली लीज की जमीन का व्यावसायिक उपयोग करने के मामले में आरोपित बनाए गए मैथोडिस्ट चर्च के कार्यपालिक सचिव मनीष एस गिडियन की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। विगत पांच अप्रैल को ईओडब्ल्यू ने गिडियन को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उसी दिन उसे जेल भेज दिया था। 

अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सारिका यादव ने पक्ष रखा।  इसके पहले कोर्ट ने मैथोडिस्ट चर्च के पदाधिकारियों बिशप एमए डेनियल व कोषाध्यक्ष एरिक पी नाथ की अग्रिम जमानत भी निरस्त हो चुकी हैं। आरोपितों ने क्रिश्चियन हाई स्कूल के लिए मिली लीज की भूमि पर व्यवसायिक निर्माण किया। भू-भाटक जमा नहीं किया गया। इस तरह आर्थिक अपराध कर शासन को क्षति पहुंचाई। 

आवेदकों पर छल-कपट व धोखाधड़ी का आरोप है। आवेदकों की ओर से दलील दी गई कि दुकानों का निर्माण नगर निगम, से नक्शा पास कराकर किया गया था।

बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीमबर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

 


बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

संपादक :  विनय जी डेविड // 9893221036

ED Raid : चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम, अरबों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग मामला


*बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम*

आखिरकार चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह कानूनी शिकंजे में आ ही गया. उसे ईडी ने 13 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया. उस पर आरोप है कि उसने करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की और चर्च की बेशकीमती जमीन भू-माफियाओं को अवैध रूप से बेच दी.


जबलपुर । बर्खास्त बिशप और द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चैयरमैन पीसी सिंह के नेपियर टाउन के बंगले से ईडी ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया । सुबह के वक्त ये करवाई की गई। टीम पूर्व बिशप को लेकर भोपाल निकल गई। बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को ईडी ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। ईडी ने मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ज्ञात हो कि टीम संस्था को मिलने वाली विदेशी फंडिंग, चर्च की जमीन समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच की और साक्ष्य जुटाए।


बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. ईडी ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह ( Former Bishop PC Singh) को गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने उन्हें अरबों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है . इसके साथ ही ये भी आरोप है कि पीसी सिंह और उनके सहयोगियों ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की अरबों रुपये की कीमती जमीन और अन्य संपत्तियों को भू-माफियाओं को अवैध रूप से बेचकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. इस मामले में ही जांच एजेंसी ने कुछ समय पहले मुंबई, नागपुर सहित कई अन्य लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया था.

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संपादक :  विनय जी डेविड
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Sunday, April 9, 2023

धर्मांतरण कर ईसाई बने थे पी सी सिंह, फादर से बिशप बन किया करोड़ों का गबन, जानिए इनकी कहानी



धर्मांतरण कर ईसाई बने थे पी सी सिंह, फादर से बिशप बन किया करोड़ों का गबन, जानिए इनकी कहानी

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विनय जी. डेविड  9893221036

जबलपुर में द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के चेयरमैन बिशप पीसी सिंह के घर गुरुवार को आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ( EOW) ने छापा मारा। बिशप के घर से करीब 1.65 करोड़ की नगदी बरामद की गई है। एसबीआई की टीम ने नोटों को मशीन से गिना, जिसमें करोड़ों रुपये होने का खुलासा हुआ। ईसाई धर्मगुरु के घर से भारतीय रुपये के साथ ही विदेशी मुद्रा भी मिली है। बिशप के घर से 18 हजार यूएस डॉलर भी बरामद किए गए हैं, जिसका भारतीय मूल्य करीब 14.35 लाख रुपये है। फिलहाल बिशप पीसी सिंह जर्मनी में हैं।  

जानकारी के अनुसार बिशप पीसी सिंह पर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर मूल सोसाइटी का नाम बदलने और चेयरमैन रहते हुए करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपये धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर गबन करने का आरोप है। ईओडब्ल्यू की टीम उनके घर और ऑफिस में संबंधित दस्तावेजों के अतिरिक्त कुल 17 संपत्तियों के दस्तावेज, कुल 48 बैंक खातों से संबंधित दस्तावेज, नगद 1 करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपये, 18352 डॉलर, 118 पाउंड, कुल अस्सी लाख बहत्तर हज़ार के सोने के ज़ेवर प्राप्त हुए हैं। 



बिशप के घर छापे में क्या मिला 

जबलपुर के ईसाई धर्मगुरु बिशप पीसी सिंह बिहार के रहने वाले हैं। धर्मांतरण कर वे ईसाई बने थे। पीसी सिंह  हायर एजुकेशन के दौरान ईसाई धर्म स्वीकार किया था। जिसके बाद उन्हें पास्टर की शिक्षा के लिए दिल्ली भेजा गया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें जबलपुर आ गए। जहां वे एक चर्च में पांच साल तक फादर बने रहे। फादर से वे बिशप बने और इसके बाद उन्होंने बच्चों के फीस के पैसों को धार्मिक संस्थाओं पर खर्च कर करीब 2.7 करोड़ का गबन किया। EOW के छापे में घर पर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है।  

48 बैंक खाते मिले 

EOW की कार्रवाई में कुल 17 संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। बिशप और परिवार के 48 बैंक खाते मिले हैं। 80,72,000 रुपये के सोने के जेवर मिले हैं। उनके घर से 9 लग्जरी गाड़ियां जैसे इंडीवर कार, टोयोटा इनोवा, महिन्द्रा TUV 300, फोर्स ट्रेवलर, हुंडई सेंट्रो, डिस्कवरी, होंडा सिटी और रॉयल इनफील्ड मिली हैं। 32 महंगी घड़ियां, बेशकीमती कपड़े, 18 हजार डॉलर, सोने के जेवरात समेत कैश व अन्य सामान मिला। बिशप के विजयनगर-सालीवाड़ा में दो स्कूल हैं, जबकि जबलपुर के कटंगा, विजयनगर और नेपियर टाउन में उनके तीन मकान हैं। बिशप का बेटा पीयूष पॉल क्राइस्ट चर्च बॉय स्कूल का प्रिंसिपल है।



आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को शिकायत मिली थी, जिसकी जांच उप पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह से कराई गई थी। शिकायत में बिशप पी. सी. सिंह, चेयरमैन "द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस' जबलपुर के विरूद्ध कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तन करना तथा उसका चेयरमैन बनकर पद का दुरूपयोग करते हुए सोसायटी की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में प्राप्त होने वाली छात्रों की फीस की राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एवं स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप लगाये गये थे।

जांच में शैक्षणिक संस्थाओं से वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 के बीच लगभग दो करोड़ सत्तर लाख रुपये की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर इसका दुर्विनियोग करना तथा स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाए गए। शिकायत जांच में आये साक्ष्यों के आधार पर आरोपी बिशप पी. सी. सिंह, बी. एस. सोलंकी, तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एण्ड संस्थाएं जबलपुर के विरूद्ध धारा 406, 420, 468, 471,120बी भादंवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।



प्रकरण की जांच उप निरीक्षक विशाखा तिवारी कर रही हैं। प्रकरण की विवेचना के दौरान प्रकरण से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं गबन की राशि से अर्जित संपत्तियों की जानकारी जुटाने के लिए न्यायालय से विधिवत सर्च वारंट लेकर ईओडब्ल्यू ने गुरुवार सुबह बिशप पी. सी. सिंह के निवास बिशप हाउस, म.नं. 2131 नेपियर टाउन, जबलपुर एवं कार्यालय 2272, नेपियर टाउन, जबलपुर में तलाशी कार्रवाई की जा रही है।



चार्टर्ड प्लेन में सफर करता था बिशप पीसी सिंह

क्या है प्राइवेट जेट में सफर करने वाले ईसाई धर्मगुरु PC सिंह का D कंपनी कनेक्शन?

दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे रियाज भाटी से बिशप पीसी सिंह का कनेक्शन है. बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा 3 करोड़ रुपये में किया था, जिसका एग्रीमेंट मुंबई पुलिस ने रियाज भाटी से पूर्व में ही जब्त किया कर लिया है. क्या है प्राइवेट जेट में सफर करने वाले ईसाई धर्मगुरु PC सिंह का D कंपनी कनेक्शन? .

मध्य प्रदेश के जबलपुर में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) द्वारा द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया डायोसिस के बिशप पीसी सिंह के निवास एवं कार्यालय में की गई कार्रवाई के बाद रोज एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं, जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश के साथ देश के कई राज्यों में हो रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी समीक्षा बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को धर्मांतरण, पैसों का उपयोग कहां किया जाता था, इन सभी बिंदुओं पर जिला प्रशासन और ईओडब्ल्यू को जांच करने के निर्देश दिए हैं. 

 हालांकि धनकुबेर बिशप पीसी सिंह का अब एक और नया कनेक्शन सामने आया है. सूत्र बताते हैं कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे रियाज भाटी से भी बिशप पीसी सिंह का कनेक्शन है. बताया जा रहा है कि बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा तीन करोड़ रुपये में किया था, जिसका एग्रीमेंट मुंबई पुलिस ने रियाज भाटी से पूर्व में ही जब्त किया कर लिया है.

Tuesday, April 4, 2023

मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 3 अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल

 

मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 3 अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल


जबलपुर, मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 4अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल

राहुल गांधी ने मानहानि मामले में सजा के खिलाफ सूरत कोर्ट में अर्जी की दाखिल

 


राहुल गांधी ने मानहानि मामले में सजा के खिलाफ सूरत कोर्ट में अर्जी की दाखिल

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सूरत;  'मोदी सरनेम' केस में लोकसभा की सदस्यता गंवा चुके कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस फैसले को चुनौती देने के लिए सोमवार (3 अप्रैल) को सूरत कोर्ट पहुंचे. इस मामले में उनकी तरफ से दो याचिकाएं दाखिल की गईं. पहली याचिका दोषसिद्धि (Conviction) पर रोक लगाने की है और दूसरी याचिका सजा को सस्पेंड करने से जुड़ी है. कोर्ट ने उनको जमानत देते हुए.

इस याचिका पर 13 अप्रैल को सुनवाई करने का फैसला लिया. चलिए आपको बताते हैं राहुल ने अपनी अर्जी में क्या कहा है.   राहुल गांधी ने कहा कि निचली अदालत ने उनके साथ सख्ती बरती, जो एक सांसद के तौर पर उनके दर्जे से अत्यधिक प्रभावित थी. उन्होंने कहा कि 'मोदी समाज या रिकॉर्ड पर समुदाय' जैसी कोई चीज नहीं है. आपराधिक मानहानि मामले में 23 मार्च को मजिस्ट्रेट अदालत की ओर से उनकी दोषसिद्धि 'त्रुटिपूर्ण' और स्पष्ट रूप से गलत थी.

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें एक ऐसे तरीके से सजा सुनाई गई कि वह संसद सदस्य के तौर पर अयोग्य हो जाएं. उनका कहना है कि विपक्ष में एक राजनेता हमेशा अच्छे शब्दों में नहीं तौला जा सकता है. इसलिए कोर्ट पर निर्भर है कि भाषण के सार और भावना पर ध्यान केंद्रित किया जाए न कि टोन और टेनर पर. अर्जी के मुताबिक, मजिस्ट्रेट अदालत का फैसला पूर्वधारणा, अनुमान, अटकलबाजी और परिकल्पना के आधार पर जारी किया गया, जिसकी कहीं से भी आपराधिक कानून में अनुमति नहीं है.

उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि एक मजबूत और समझौता न करने वाला विपक्ष एक "सच्चे और स्वस्थ लोकतंत्र" के लिए बेहद जरूरी है. विपक्ष के किसी सांसद से सतर्क और आलोचनात्मक बयानों की ही उम्मीद या अपेक्षा की जाती है. ट्रायल कोर्ट का यह विचार कि एक सांसद को उसकी हैसियत के कारण बड़ी सजा दी जानी चाहिए, ये पूरी तरह से अनुचित और स्पष्ट रूप से अन्याय है. 

दरअसल, राहुल गांधी को 'मोदी सरनेम' से जुड़ी उनकी 2019 की टिप्पणी के लिए कोर्ट ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए ये टिप्पणी की थी. अब इस मामले में 13 अप्रैल को अगली सुनवाई होनी है. हालांकि, राहुल गांधी को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश होने की जरूरत नहीं होगी. सोमवार को कोर्ट में राहुल के साथ उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे. 

Tuesday, March 28, 2023

उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा, जाने क्या है पूरा सच


उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा, जाने क्या है पूरा सच 


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प्रयागराज (यूपी):  उमेश पाल अपहरण मामले में माफिया अतीक अहमद, दिनेश पासी और उसके वकील खान सौलत हनीफ को दोषी करार दिया गया है. एमपी/एमएलए कोर्ट ने सभी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही तीनों पर पांच-पांच हजार का जुर्माना भी लगाया गया

आज मंगलवार को प्रयागराज की कोर्ट ने अतीक को उमेश पाल अपहरण मामले में दोषी करार दिया. इस दौरान अतीक के साथ-साथ दिनेश पासी और शौकत हनीफ भी दोषी करार दिए गए. इसमें ध्यान देने वाली बता यह है कि इस दौरान अतीक के भाई अशरफ समेत 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया. वहीं, कोर्ट ने अतीक समेत अन्य दोषियों को उम्रकैद की सजा का ऐलान किया है.

बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी, 2005 को हुई हत्या के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्या का चश्मदीद था. उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था. अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. मामले में अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र है.

फूलपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अतीक अहमद को जून 2019 में गुजरात की साबरमती केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था. उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगने के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया था. अतीक अहमद उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है.

अधिकारियों ने बताया कि जुलाई 2020 से बरेली जिला जेल में बंद अशरफ को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार शाम नैनी केंद्रीय जेल लाया गया. उसके साथ पुलिस की एक टीम सोमवार सुबह बरेली से प्रयागराज के लिए रवाना हुई.

आपको बता दें कि अहमद और अशरफ पर उमेश पाल की पिछले महीने हुई हत्या के मामले में साजिश में शामिल होने का भी आरोप है. उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

Monday, March 27, 2023

क्या राहुल गांधी से डर गई है भाजपा? : मानहानि के मामले में अधिकतम सजा, तुरंत संसद से बर्खास्तगी, आ रही साजिशों की बू


मानहानि के मामले में अधिकतम सजा, तुरंत संसद से बर्खास्तगी, आ रही साजिशों की बू

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 क्या मानहानि और भ्रष्टाचार समेत अन्य आपराधिक कृत्य को लोकतांत्रिक व्यवस्था में बराबर माना जायेगा?

राहुल गांधी के साथ अन्याय हुआ है, कांग्रेस एकजुट होकर इसका विरोध करेगी- पूर्व सीएम कमलनाथ

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विजया पाठक

दिनांक 24 मार्च 2023 भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला अध्याय में से एक माना जायेगा। नए भारत के इस अघोषित आपातकाल में क्या विपक्षी दलों से सवाल नहीं पूछने देंगे। चुनावी भाषणों के आधार पर आपराधिक मानहानी किसी दूसरे व्यक्ति से लगाई जाएगी और सजा दिलाकर आपको अपनी बात रखने जनता ने जो प्लेटफार्म दिया है वो भी छीन लिया जाएगा। दरअसल इस हाईटेक ज़माने का लोकतंत्र में अब सत्ताधारी दल या उसके नेता के खिलाफ बोलने, लिखने या देखने पर बैन है। अभी हाल ही में बीबीसी की गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री देशभर में बैन कर दी गई। पिछले कुछ सालों से राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर हमले कर रहे थे, भारत जोड़ो यात्रा के पहले वो भाजपा राहुल गांधी को सीरियसली नहीं लेती थी पर भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी को मिले जनता के सपोर्ट से भाजपा का नजरिया बदल गया। अडानी-नरेंद्र मोदी संबंधों के ऊपर आक्रामक राहुल गांधी की लंदन व्याख्यान से देश में भाजपा के लगभग हर नेता ने कोस-कोस कर देश की बदनामी का तमगा उनको पहनाने की कोशिश की और कमोबेश जो बात वो वहां बोलकर आए वही बात अब चरितार्थ सिद्ध हो गई है।

इतने सारे संयोग से सजा का मार्ग प्रशस्त

दिनांक 13 अप्रैल 2019 को राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार से चुनावी रैली में एक भाषण दिया और जनता से प्रश्न पूछा कि जिसमें नीरव मोदी, ललित मोदी को लेकर बोला कि सारे चोर मोदी सरनेम वाले क्यों है? इसके बाद 16 अप्रैल 2019 को गुजरात सरकार के पूर्वमंत्री और सूरत से विधायक पूर्णेश मोदी ने आईपीसी की धारा 499, 500 और 504 से राहुल गांधी के ऊपर आपराधिक मानहानि का मामला सूरत की अदालत पर दाखिल किया गया। अपनी ही मानहानि पिटीशन पर पिटीशनर पुर्णेश मोदी 2022 में गुजरात हाईकोर्ट से स्टे ले आए। फरवरी 2023 में पिटीशनर पुर्णेश मोदी पुन: हाईकोर्ट गए और अपने लगाए स्टे का खात्मा करवा लिया। सूरत की अदालत से राहुल गांधी को इस "मानहानि मामले" में सर्वोच्च सजा अर्थात दो साल की सजा हुई, पर उनको आगे अपील करने के लिए 30 दिन की जमानत भी दी। सजा मिलने के 48 घंटे के भीतर राहुल गांधी को लोकसभा के सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया। गौर करने वाली बात यह है रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट में दो वर्ष या उससे ऊपर की सजा में सांसदी या विधायकी जाती है। कुल मिलकर इतने संयोग हुए जिससे पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा है। आजाद भारत में पहली बार किसी नेता को भाषण के कारण सजा और संसद सदस्यता गई है।

शाहीन बाग में दिल्ली हाईकोर्ट की थी टिप्पणी- "चुनावी भाषाओं को लाईटली लेना चाहिए"

शाहीन बाग मामले में जब भाजपा के केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने "गोली मारो सालों को" को लेकर लोग दिल्ली हाईकोर्ट गए तो अदालत ने यह कहकर इसे खारिज कर दिया "चुनावों में दिए भाषण सामान्यता आम दिनों से अलग रहते हैं, कई बार माहौल बनाने के लिए ऐसे भाषण दिए जाते हैं जिसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। इसके आगे माननीय अदालत ने यह भी टिप्पणी की अगर यह बात हंसकर की गई है तो कोई मामला नहीं बनता है"। वैसे विपक्षी नेताओं के खिलाफ हर पार्टी के नेता कुछ ना कुछ जरूर बोलते हैं। जैसे कि इटली वाली, मंदबुद्धि, 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड, कपड़े पहनकर नहाना, यह तो स्वयं मोदी जी के कुछ चुनिंदा चुनावी शब्द थे। छिंदवाड़ा में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ को कपटनाथ और झूठनाथ कहा। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कमलनाथ को भ्रष्टाचारी और लूट खसोटी करने वाला कहा। भाजपा नेताओं की बदजुबानी पर तो 500 पन्नों की किताब लिखी जा सकती है। बात समझने की यह है कि लोकतंत्र में तो नेता बोलकर ही कोई अपना विरोध दर्ज करता है। पर आज भारत में अलोकतांत्रिक तरीके से चुप कराने के लिए मानहानि जैसे गैर-आपराधिक कृत्य को आपने आपराधिक कृत्य वाले नेताओं की लाइन में ही लगा दिया। अभी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ही 2019 में भाजपा के विधायक को आपराधिक मामले में सजा होने पर विधायकी से बर्खास्त करने पर, कांग्रेस सरकार को शिवराज सिंह चौहान आलोकतांत्रिक घोषित कर दिया था और 02 मिनिट का वीडियो जारी किया था। आज भारत की इस मामले में दुनिया भर में भर्त्सना की गई है।

यह लोकतंत्र की हत्या है- कमलनाथ, पूर्व मुख्‍यमंत्री, मप्र

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर लिखा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के सम्मानित नेता राहुल गांधी के खिलाफ षडयंत्र करने में सारी हदें पार कर दी हैं। जिस तरह से उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द की गई है, उससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार राहुल गांधी से भयभीत हैं। कमलनाथ ने कहा कि सरकार उनके उठाए सवालों का जवाब देने के बजाय उन्हें लोकसभा से दूर करने का रास्ता तलाश रही थी। आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुख और पीड़ा का दिन है। लेकिन एक बात अच्छी तरह याद रखनी चाहिए कि ऐसे ही षडयंत्र स्व. इंदिरा गांधी के खिलाफ भी किए गए थे, लेकन उससे इंदिरा जी मजबूत ही हुई थीं, कमजोर नहीं। आज भारत की जनता पहले से कहीं मजबूती के साथ राहुल गांधी के साथ खड़ी है, इंसाफ होकर रहेगा। कमलनाथ ने कहा कि घर थोड़े ही ना बैठेंगे। राहुल गांधी पूरे देश में दौरा करेंगे। मोदी सरकार के भ्रष्टाचार और उनके चहेते खरबपति लोगों के संबंधों को उजागर करेंगे। मोदी जी विदेशों में जमा कालाधन वापस लाओ या गद्दी छोड़ो। लड़ेंगे और जीतेंगे। इसके अलावा प्रदेश के अन्‍य कांग्रेसी नेताओं ने भी राहुल गांधी पर हुए इस एक्‍शन पर आक्रोश जताया है।

किस दिशा में जा रहा है हमारा लोकतंत्र

संसद के भीतर अब ऐसी स्थिति आ गई कि विपक्षियों को बोलने नही दिया जा रहा है। डाक्‍यूमेंटेशन देने नहीं दिया जाता है। राहुल गांधी जब संसद में बोलते हैं तो उनका जबाव सरकार नहीं देती है। सब पूछना चाहता है कि संसद में सवाल करना कौनसा गुनाह है। मोदी सरकार को राहुल का सवाल पूछना ही गलत लगता है। इतिहास जरूर पूछेगा कि संसद में सवाल पूछने से क्‍यों रोका गया है। संसद में उनके पूरे भाषण को हटा दिया जाता है। आज राहुल गांधी पर हुई कार्यवाही से पूरा विपक्ष उनके साथ खड़ा हो गया है। सही मायनों में कहा जाये तो इस कार्यवाही से पूरे विपक्ष को एक होने का अवसर दे दिया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का दोष यही था कि देश से भाग गए भगोडों के नाम उन्होंने भरी सभा में पुकारे थे। लेकिन यह असली सवाल नहीं है। यह सवाल व्यक्ति राहुल गांधी तक सीमित है। यह सवाल उस प्रवृत्ति तक नहीं जाते जिसके केंद्र में राहुल गांधी नाम का व्यक्ति है। उस प्रवृत्ति को समझने के लिए नए जमाने की तानाशाही और उसे लागू करने के अत्याधुनिक औजारों को गौर से देखना होगा। सारा खेल इस बात का है कि कोई भी तानाशाह, सत्ता हमेशा के लिए अपने हाथ में चाहता है और उसके लिए हर वह हथकंडा अपनाता है जिससे उसकी सत्ता मजबूत होती है और हर उस संस्था को कमजोर या बर्बाद कर देता है जो उसके साथ सत्ता की हिस्सेदारी करना चाहती है। भारत में सत्ता पाने का सीधा माध्यम चुनाव में जीत हासिल करना होता है। इसलिए सबसे पहले जरूरत होती है कि चुनाव को प्रभावित किया जाए या यूं कहें उसे अपने कब्जे में लिया जाए।

आज वर्तमान में गौर से देखा जाए तो लोकतंत्र का दमन करने के लिए यही हथकंडे पूरे देश में अपनाए जा रहे हैं। राहुल गांधी इसके ना तो पहले शिकार हैं और ना ही आखरी। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, केएसआर सब के ऊपर यही हथकंडे अपनाए गए हैं। फर्क बस इतना है कि किसने अपना दामन किस हद तक बचा कर रखा है और उसकी राजनैतिक वजनदारी कितनी है। निश्चित तौर पर राहुल गांधी इन सभी नेताओं में सबसे ज्यादा वजनदार है। वे इनकम टैक्स से नहीं डरे, सीबीआई से नहीं डरे, ईडी की 60 घंटे तक चली पूछताछ से नहीं डरे, एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने से नहीं डरे, उनके खिलाफ वर्षों से चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान से नहीं डरे, देश के सबसे बड़े धन्ना सेठ की तिजोरी से नहीं डरे और तानाशाह से आंख में आंख मिलाकर संसद और सड़क पर उसका कच्चा चिट्ठा खोलने से नहीं डरे। इसलिए उन्हें रास्ते से हटाने के लिए अतिरिक्त मेहनत की जा रही है। लेकिन असल बात तानाशाही से संघर्ष की है। जब कोई तानाशाह गद्दी पर बैठता है, तो मीडिया, गोदी मीडिया बन जाता है, संवैधानिक प्रक्रिया कांस्टीट्यूशनल हार्डबाल बन जाती हैं और पूरा लोकतांत्रिक ढांचा शरीर से लोकतांत्रिक दिखता है लेकिन उसकी प्रवृत्ति तानाशाही की हो जाती है। पुलिस चोर को नहीं पकड़ती, फरियादी को पकड़ती है। अदालत अपराधी को दंडित नहीं करती, फरियादी से सवाल करती है। न्याय की मूल भावना मर जाती है और प्रक्रिया ही कानून बन जाती है। जुल्म को न्याय की तरह प्रचारित किया जाता है।

क्या विभागीय नोटशीट की कॉपी सूचना के अधिकार के तहत दी जा सकती है?

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 सूचना का अधिकार को संविधान की धारा 19(1) के तहत मूल अधिकार का दर्जा दिया गया है

यह अधिकार इसलिए दिया गया है ताकि सरकारी काम कैसे होता है सरकार का क्या काम है और यह किस तरीके से करती है इसकी जानकारी जनता को होनी चाहिए

यह सुनकर बड़ा अच्छा लगता है कि सबकुछ ओपेन है लेकिन आरटीआई ऐक्ट की धारा 8 (1) के तहत भारत के अखंडत संप्रभुवता सुरक्षा व आर्थिक महत्व के सूचना को छूट दिया गया है जिसको स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है जिसको लेकर विवाद देखने को मिलता रहता है ।

जहा तक विभागीय नोटशीट की बात है तो हां यह सूचना अधिकार के तहत दी जा सकती है क्योंकि यहां सरकारी काम कैसे होता हैं यह उध्येश पूरा हो रहा है क्योंकि कोई भी विभाग का नोटशीट सरकारी कार्य से ही संबंधित होगा।

नहीं इस सूचना को नहीं सार्वजनिक की जा सकती हैं यदि यह भारत के रक्षा मंत्रालय के किसी विभाग का अपने कर्मचारी से संवेदनशील निदेश हो । आईबी के विभागीय नोटिस हो इस तरह से कोई भी देश को क्षति पहुंचने का शंका हो ।

Friday, March 24, 2023

राहुल गाँधी की संसद सदस्यता खत्म : मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद गई सांसदी


 राहुल गाँधी की संसद सदस्यता खत्म : मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद गई सांसदी


राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत गई है। इसके तहत दो साल या उससे ज्यादा समय के लिए जेल की सजा पाने वाले व्यक्ति को ‘दोषी ठहराए जाने की तारीख से’ अयोग्य घोषित किया जाएगा और वह सजा पूरी होने के बाद जनप्रतिनिधि बनने के लिए छह साल तक अयोग्य रहेगा, यानी वो 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएगा

कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी को उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से शुक्रवार को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस संबंध में आज लोकसभा सचिवालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई। गांधी केरल के वायनाड जिले से सांसद हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 110 (1) (ई) के संदर्भ में सहपठित जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्यता का प्रावधान किया गया है। 1951 के अधिनियम में यह प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति दोषी ठहराया जाता है और दो साल या उससे अधिक के लिए कारावास की सजा सुनाई जाती है तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और उसकी रिहाई के बाद छह साल की एक और अवधि के लिए वह अयोग्य बना रहेगा।

गौरतलब है कि अयोग्यता का फैसला पलटा जा सकता है, यदि हाईकोर्ट अपील में संबंधित व्यक्ति की सजा पर रोक लगाता है या संबंधित व्यक्ति के पक्ष में दोषसिद्धि के खिलाफ दायर अपील का फैसला करता है। यह याद किया जा सकता है कि गुजरात के सूरत जिले की एक अदालत ने कल कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी को अप्रैल 2019 में करोल में एक राजनीतिक अभियान के दौरान की गई उनकी टिप्पणी "सभी चोर मोदी उपनाम शेयर क्यों करते हैं" के लिए मानहानि के मामले में दोषी ठहराया था ।

 मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एच एच वर्मा की अदालत ने रा हुल गांधी को आईपीसी की धारा 499 (मानहानि), 500 (मानहानि की सजा) के तहत दोषी पाए जाने के बाद दो साल कैद की सजा सुनाई और 15,000 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। हालांकि अदालत ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया और 30 दिनों के भीतर अपील दायर करने के मामले में उन्हें जमानत दे दी, लेकिन उनकी दोषसिद्धि को निलंबित नहीं किया गया, जो कि अयोग्यता पर रोक के लिए आवश्यक है। यह आदेश भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी की एक शिकायत पर आया है। पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत उनकी कथित टिप्पणी के लिए दायर किया था जिसमें दावा किया गया था कि राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए 'मोदी' उपनाम के साथ सभी लोगों को बदनाम किया।

Tuesday, March 14, 2023

मेथोडिस्ट चर्च सोसायटी ने किया आवासीय मद की लीज का व्यावसायिक उपयोग, नोटिस जारी


मेथोडिस्ट चर्च सोसायटी ने किया आवासीय मद की लीज का व्यावसायिक उपयोग, नोटिस जारी


जबलपुर स्थित नेपियर टाउन क्षेत्र में मेथोडिस्ट चर्च को शिक्षा के लिए लीज पर जमीन दी गई थी. स्कूल के लिए दी गई जमीन को बेचकर मार्केट व अस्पताल बना दिया गया. जिसके चलते जिला प्रशासन ने अब शिकंजा कसना शुरु कर दिया है. आज जिला प्रशासन की टीम ने मेथोडिस्ट चर्च के फादर सहित पांच लोगों के खिलाफ नोटिस चस्पा कर 17 मार्च तक जबाव मांगा है. नोटिस चस्पा होने के बाद बिल्डर व दुकानदारों में हड़कम्प मचा है.

जबलपुर, मेथोडिस्ट चर्च की सिविल स्टेशन नजूल ब्लाक क्रमांक-चार की जमीनों से जुड़ा जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आया है। यहां के अनेक प्लाटों से संबंधित भूमि की लीज पर संकट के बादल छा गए हैं। यहां के प्लाट नंबर चार की दो लाख 65 हजार 115 वर्ग फीट जमीन का नवीनीकरण 31 मार्च 1999 तक के लिए कराया गया था। इसी तरह से प्लाट नंबर पांच की 42 हजार 976 वर्गफुट जमीन का नवीनीकरण चार मार्च 2005 को आवासीय मद के लिए कराया गया था। 

मेथोडिस्ट चर्च सोसायटी ने किया आवासीय मद की लीज का व्यावसायिक उपयोग, नोटिस जारी

लेकिन इसमें से भी 28 हजार 800 वर्गफीट जमीन का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। इस नियम विरूद्ध कृत्य के लिए सभी अनावेदकों काे नोटिस जारी कर 17 मार्च तक जवाब तलब किया गया है। अपर कलेक्टर न्यायालय को रांझी तहसीलदार की ओर से दिए गए प्रतिवेदन में कहा गया है कि सिविल स्टेशन ब्लाक नंबर चार के प्लाट नंबर चार की लीज का नवीनीकरण दो जनवरी 1970 में कराया गया था, जो कि 31 मार्च 1999 तक के लिए रहा। मुख्य मार्ग पर स्थित इस प्लाट के 5880 वर्गफीट में दुकानें बनीं हैं। 

इसके अलावा दो लाख 59 हजार 235 वर्गफीट क्षेत्र में क्रिश्चियन स्कूल संचालित है। इसी तरह से ब्लाक नंबर चार के प्लाट नंबर पांच की 42 हजार 976 भूमि का लीज-नवीनीकरण चार मार्च 2005 को किया गया था। इस प्लाट के 26 हजार 400 वर्गफीट अंशभाग पर राजस्व रिकार्ड में अंबिका चरण दीक्षित और सुधा दीक्षित का नाम दर्ज है। इस प्लाट के 2400 वर्गफीट के एक अन्य अंशभाग पर भी अंबिका चरण दीक्षित का नाम दर्ज है। लीज की शर्ताें के अनुसार लीज का हस्तांतरण नहीं किया जाना था। बावजूद इसके मेथेडिस्ट चर्च की प्रबंधन समिति ने इस जमीन को अनेक अन्य लोगों को बेचकर उनके नाम पर चढ़वा दी।

Bishop M. A. Daniel,
Resident & Presiding Bishop,
Hyderabad Regional Conference, The Methodist Church in India.
and
Pastor Manish S Gideon
District Superintendent
Methodist Church


खड़ा कर लिया गया दीक्षित प्राइड:

अंबिका चरण दीक्षित को बेची गई जमीन पर दीक्षित प्राइड खड़ा कर लिया गया। इसके भूतल पर व्यवसाय किया जा रहा है, जबकि प्रथम तल का उपयोग अस्पताल और आवासीय प्रयोजन के लिए किया जा रहा है। आवासीय लीज का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्य के लिए किया जाना लीज की शर्तों का उल्लंघन है। इसलिए तहसीलदार रांझी की ओर से सभी उपयोग कर्ताओं और लीज धारक मेथोडिस्ट चर्च के जिम्मेदारों के विरूद्ध प्रतिवेदन एडीएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। जिस पर एडीएम शेरसिंह मीणा की न्यायालय ने संबंधितों को सूचना पत्र जारी कर उनसे 17 मार्च की दोपहर तीन बजे तक जवाब मांगा है।

तो शासन के नाम दर्ज हो जाएगी:

न्यायालय द्वारा सूचना पत्र में कहा गया है कि संबंधित अनावेदक नियत तिथि और समय तक संतोषजनक जवाब और दस्तावेज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें। अगर वो ऐसा नहीं करते तो एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए उनकी लीज निरस्त कर भूमि शासन के नाम पर दर्ज करा दी जाएगी।

इनको बनाया गया पार्टी:

अरबों की जमीन से जुड़े इस मामले में न्यायालय अपर कलेक्टर की ओर से डिस्ट्रक्टि सुपरिनटेंडेंट मेथोडिस्ट चर्च फादर मनीष एस गिडियन, नर्मदा रोड निवासी अंबिका चरण दीक्षित व सुधा दीक्षित, मोहित हाइट नेपियर टाउन निवासी अनिल कुमार दुबे, बैहर रोड बालाघाट निवासी उमारानी मिश्रा, रानी अवंती बाई वार्ड मंडला निवासी डा. सूजन अब्राहम करम को अनावेदक बनाया गया है। इन सभी के कब्जों पर जिला प्रशासन की ओर से नोटिस भी चस्पा कराया गया है।

Monday, March 6, 2023

जेल में ही मनेगी मनीष सिसोदिया की होली, 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में


जेल में ही मनेगी मनीष सिसोदिया की होली, 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में


आबकारी नीति में घोटाले के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है। सीबीआई सोमवार को सिसोदिया को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची। पेशी के बाद कोर्ट ने सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

आप नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की होली तिहाड़ जेल में मनेगी। दिल्ली आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 मार्च तक के लिए भेज दिया है। सोमवार को सिसोदिया को सीबीआई की रिमांड खत्म होने पर राउज एवेन्यू कोर्ट लाया गया था। सुनवाई के बाद सिसोदियो को पुलिस सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल ले जाया गया। उन्हें गीता, डायरी और पेन रखने की इजाजत दी है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दवाएं रखने की भी इजाजत मिली है।

कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया। सिसोदिया की अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही पेशी होगी। दरअसल, चार मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की सीबीआई रिमांड को दो दिन और बढ़ा दिया था। हालांकि सीबीआई ने अदालत से मनीष सिसोदिया को तीन और दिनों के लिए रिमांड पर देने की मांग की थी। अदालत ने सिसोदिया द्वारा दायर जमानत पर सीबीआई को नोटिस भी जारी किया। सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 10 मार्च को होगी।

आपको बता दें कि दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एक सप्ताह से सीबीआई की हिरासत में हैं। सिसोदिया को गिरफ्तारी के बाद पांच दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था। उन्हें शनिवार को अदालत में पेश किया गया था, विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने केंद्रीय एजेंसी को दो और दिनों के लिए अपनी रिमांड पर भेजा था।


सिसोदिया की और रिमांड मांगते हुए, सीबीआई के वकील ने कहा था, "वह अभी भी असहयोगी है और हमें दो व्यक्तियों के साथ उसका सामना करने के लिए उसकी और हिरासत की आवश्यकता है।" सीबीआई ने अदालत से कहा था, "उनके मेडिकल में काफी समय चला गया। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में एक पूरा दिन चला गया, जिसे खारिज कर दिया गया।

नई शराब नीति में हुए भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शनिवार दोपहर राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान सीबीआई मुख्यालय से लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट तक सुरक्षा के भारी बंदोबस्त रहे। एहतियात के तौर पर दिनभर डीडीयू मार्ग को बंद रखा गया था।

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