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Saturday, September 21, 2024

कलेक्टर श्री सक्सेना ने 108 एम्बुलेंस व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए की बैठक


कलेक्टर श्री सक्सेना  ने 108 एम्बुलेंस  व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए की बैठक 


जबलपुर/कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना ने आज जिले में एम्बुलेंस संचालन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की। जिसमें अपर कलेक्टर श्रीमती मिशा सिंह, शहरी क्षेत्र के सभी एसडीएम,सीएमएचओ डॉ.संजय मिश्रा और स्टेट कोऑर्डिनेटर 108 एंबुलेंस श्री नितिन बाजपेई सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में कलेक्टर सक्सेना ने कहा कि जिस अस्पताल के लिए 108 एंबुलेंस से मरीज को रेफर किया जाता है, उसी अस्पताल में जाए।इस दौरान यदि एम्बुलेंस चालक किसी अन्य हॉस्पिटल में मरीज को ले जाता है, तो तत्काल इसकी शिकायत करें।

उन्होंने कहा सामान्य तौर पर मरीज को शासकीय अस्पताल में ही इलाज के लिए रेफर किया जाता है। विगत दिन एंबुलेंस चालक द्वारा निर्धारित अस्पताल में मरीज को न पहुंच कर अन्य प्राइवेट अस्पताल में पहुंचने के कारण उन्होंने कहा कि इसमें कमीशनखोरी की संभावना दिखाई देती है ।अतः उन्होंने स्टेट कोऑर्डिनेटर 108 एम्बुलेंस से कहा है कि विगत 01 अगस्त से 15 सितंबर तक जिले में 108 एंबुलेंस द्वारा कहां-कहां से किस-किस मरीज को किस-किस अस्पताल में पहुंचाया गया, इसकी पूरी जानकारी दें ताकि इसका अध्ययन कर संबंधित पर ठोस कार्रवाई की जा सके।

इसके साथ ही उन्होंने जिले के कुछ अस्पतालों के 45 दिनों की इंडोर पेशेंट की रिपोर्ट भी मांगे हैं। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस सेवा एक महत्वपूर्ण सेवा है उसमें किसी प्रकार की दाग नहीं लगना चाहिए। शासकीय एंबुलेंस सेवा का फायदा उठाकर प्राइवेट हॉस्पिटल वाले अपनी रोटी न सेंके।इस अवसर उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की सुनिश्चितता में मरीज के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं की जावेगी।

Sunday, September 15, 2024

झोलाछाप डॉक्‍टरों द्वारा किये जा रहे अनैतिक चिकित्‍सकीय व्‍यवसाय को प्रतिबंधित करने कलेक्‍टर ने जारी किया आदेश


झोलाछाप डॉक्‍टरों द्वारा किये जा रहे अनैतिक चिकित्‍सकीय व्‍यवसाय को प्रतिबंधित करने कलेक्‍टर ने जारी किया आदेश

जबलपुर // विनय जी. डेविड 9893221036

जबलपुर। झोलाछाप चिकित्‍सकों एवं गैर मान्‍यताधारी व्‍यक्तियों द्वारा किये जा रहे अनैतिक चिकित्‍सकीय व्‍यवसाय को नियंत्रित करने के लिए कलेक्‍टर दीपक सक्‍सेना ने जिले में संचालित अमानक क्‍लीनिक एवं चिकित्‍सकीय स्‍थापनाओं को प्रतिबंधित करने की कार्यवाही के निर्देश अनुभागीय दंडाधिकारियों, विकासखंड चिकित्‍सा अधिकारियों, सिविल अस्‍पतालों के प्रभारी अधिकारियों एवं शहरी सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के प्रभारियों को दिए है। 

 इस बारे में जारी आदेश में कलेक्‍टर श्री सक्‍सेना ने कहा है कि अपात्र व्‍यक्तियों द्वारा फर्जी चिकित्‍सकीय डिग्री अथवा सर्टिफिकेट का प्रयोग कर झोलाछाप चिकित्‍सकों के रूप में अमानक चिकित्‍सकीय पद्धतियों का उपयोग कर रोगियों का उपचार किया जा रहा है। उन्‍होंने आदेश में अनुभागीय दंडाधिकारियों, विकासखंड चिकित्‍सा अधिकारियों, प्रभारी अधिकारी सिविल अस्‍पताल रांझी, मनमोहन नगर एवं सिहोरा तथा शहरी सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के प्रभारियों को निर्देश दिए है कि अपात्र व्‍यक्तियों अथवा झोलाछाप चिकित्‍सकों द्वारा किये जा रहे अनैतिक चिकित्‍सकीय व्‍यवसाय को नियंत्रित करने हेतु अमानक क्‍लीनिक व चिकित्‍सकीय स्‍थापनाओं को तत्‍काल प्रतिबंधित किया जाये। 

 श्री सक्‍सेना ने कहा है कि बिना उचित पंजीयन के अमानक चिकित्‍सकीय संस्‍थाओं का संचालन मध्‍यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्‍थापनाएं (रजिस्‍ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 की धारा 3 का उल्‍लंघन है एवं ऐसा करना दण्‍डनीय अपराध है। इसके लिए 3 वर्ष का कारावास एवं 50 हजार रूपये के जुर्माने से दंडित भी किया जा सकता है। उन्‍होंने बिना वैधानिक डिग्री प्राप्‍त किये अपने नाम के आगे डॉक्‍टर की उपाधि का इस्‍तेमाल करने वाले चिकित्‍सकीय व्‍यवसाय करने वाले व्‍यक्तियों के विरूद्ध भी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। 

 कलेक्‍टर ने झोलाछाप एवं अपात्र व्‍यक्तियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य कार्यालय के नोडल अधिकारी नर्सिंग होम डॉ. आदर्श विश्‍नोई को उपलब्‍ध कराने के निर्देश भी अनुभागीय दंडाधिकारियों, विकासखंड चिकित्‍सा अधिकारियों, प्रभारी अधिकारी सिविल अस्‍पताल रांझी, मनमोहन नगर एवं सिहोरा तथा शहरी सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के प्रभारियों को दिए हैं।

Monday, September 2, 2024

कांबिंग गस्त में कई वर्षों से फरार मामलों के पकड़े गए 511 वारंटी पकड़े गए

 


जबलपुर. पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री आदित्य प्रताप सिंह (भा.पु.से.) द्वारा अपराधों की रोकथाम हेतु गुंडे, बदमाशों एवं असामाजिक तत्वों के विरुद्ध उनके आपराधिक रिकार्ड को दृष्टिगत रखते हुए प्रतिदिन प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कराई जा रही है.

वहीं थानों में लंबित वारंटो की तमीली तथा मामलों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कांबिंग गस्त हेतु आदेशित किए जाने पर दिनॉक 30-08-24 की रात्रि 12 बजे से आज दिनांक 31.08.24 के प्रातः 5 बजे तक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर सुश्री सोनाक्षी सक्सेना (भा.पु.से. ), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध) श्री समर वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर (यातायात) श्री प्रदीप कुमार शेण्डे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्री सूर्यकांत शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीमति सोनाली दुबे, तथा समस्त नगर पुलिस अधीक्षकों/उप पुलिस अधीक्षक/एसडीओपी के मार्गदर्शन में समस्त थाना प्रभारी शहर एवं देहात द्वारा हमराह स्टाफ के कॉम्बिग गस्त की गयी। कॉम्बिग गस्त के दौरान वारंटी एवं लंबित मामलों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु प्रत्येक थाने में 2-3 टीमें बनाई गई, एक टीम के प्रभारी थाना प्रभारी स्वयं थे, अन्य टीम के प्रभारी उप निरीक्षक सहायक उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी थे। टीमों के द्वारा दबिश देते हुए कॉम्बिंग गस्त के दौरान कई वर्षों से फरार 209 गैर म्यादी वारिटयों एवं 302 गिरफ्तारी वारंटियों को पकडा गया तथा 133 जमानती वारंट तामील किए गए। इसी प्रकार अवैध शराब कारोबारियों के ठिकानों पर दबिश देते हुये 35 आरोपियों को पकड़कर 17 लीटर कच्ची तथा 531 पाव देशी/विदेशी शराब जप्त की गयी।

Saturday, August 31, 2024

मध्य प्रदेश सरकार पर चार लाख करोड़ का कर्ज : क्या प्रदेश की जनता को कर्ज में डुबोने की योजना में है भाजपा सरकार?



  • पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का तंज- ''कर्ज़ लो और घी पियो'' के सिद्धांत पर चल रही है मोहन सरकार
  • कांग्रेस की ओर से अकेले योद्धा बनकर कमलनाथ ने मोहन सरकार को घेरा
  • कमलनाथ ने जताई दलितों पर हो रहे अत्‍याचारों पर चिंता


विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन

एक कहावत है आदमी को केवल उतना ही पैर पसारना चाहिए जितनी लंबी चादर हो। लेकिन मध्यप्रदेश के परिप्रेक्ष्य में यह बात बिल्कुल उलट साबित हो रही है। दरअसल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश के विकास को लेकर लगातार कार्य तो कर रहे हैं, लेकिन विकास का यह कार्य वे उधार लिये हुए पैसों से कर रहे हैं। सोचने वाली बात यह है कि आखिर मध्यप्रदेश के सिर से कर्ज का यह बोझ कब समाप्त होगा। पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 सालों तक 04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज प्रदेश पर छोड़़ा है। वहीं, अब मोहन सरकार लगातार कर्ज लेकर प्रदेश के विकास की इबारत लिखने की तैयारी में है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब आरबीआई और विश्व बैंक प्रदेश की जनता से इन करोड़ों रुपये के उधार का कर्ज वसूल करने के लिये आतुर हो जायेगा। इसके साथ ही पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्‍याचारों पर भी काफी चिंता व्‍यक्‍त की है। उन्‍होंने कटनी जीआरपी थाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दलित समाज प्रदेश में असुरक्षित है और उन पर काफी अत्‍याचार हो रहे हैं।

05 हजार करोड़ के लोन की है तैयारी

मध्यप्रदेश में चल रही योजनाओं पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। राज्य सरकार वित्तीय जरूरतें पूरा करने के लिए लगातार बाजार से कर्ज उठा रही है। सरकार एक बार फिर 05 हजार करोड़ का लोन लेने जा रही है। सरकार यह कर्ज दो किश्तों ढाई-ढाई हजार करोड़ के रूप में ले रही है। इसके पहले भी सरकार इसी माह 05 हजार करोड़ का लोन ले चुकी है। प्रदेश सरकार पर 31 मार्च 2024 की स्थिति में 03 लाख 75 हजार करोड़ का कर्ज हो चुका है। वित्तीय संकट को देखते हुए वित्त विभाग ने 33 विभागों की 73 योजनाओं पर पाबंदी लगाई है। यानी विभागों को इन योजनाओं पर पैसे खर्च करने के पहले वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी। हालांकि वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राशि निकालने से पहले वित्त की मंजूरी का मतलब यह नहीं है कि योजनाएं बंद हो गई हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री को घेरा

भाजपा शासन के समय सबसे ज्यादा कर्ज लेने की बात से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ खासे नाराज हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार कर्ज के दलदल में धंसती जा रही है। यह कर्ज दो बार में ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के रूप में लिया जाएगा। कर्जखोरी को लेकर कमलनाथ ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। कमलनाथ ने कहा कि 'मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार कर्ज़ लो और घी पियो के सिद्धांत पर चल रही है। सरकार एक बार फिर से पाँच हज़ार करोड़ का कर्ज़ लेने जा रही है। प्रदेश पर पहले से ही 3.8 लाख करोड़ का कर्ज़ है। कमलनाथ ने कहा 'प्रदेश को कर्ज़ के दलदल में डुबाने वाली भाजपा सरकार के मुंह से आज तक यह नहीं सुना कि अगर प्रदेश के ऊपर कर्ज़ बढ़ रहा है तो सरकार फ़िज़ूल ख़र्च में कमी करने के लिए कोई क़दम उठाने जा रही है। लगातार कर्ज़ लेने के बावजूद न तो प्रदेश में निवेश बढ़ा है, न रोज़गार बढ़ा है, न नौकरी बढ़ी है, न ही गेहूं और धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है और न ही लाड़ली बहनों को तीन हज़ार रुपये प्रति महीने दिए जा रहे हैं।

प्रदेश दिवालियेपन की कगार पर न पहुंच जाये

कमलनाथ ने लिखा है कि जब समाज के किसी वर्ग के कल्याण में यह पैसा ख़र्च नहीं हो रहा तो ज़ाहिर है, यह सारा कर्ज़ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है और सत्ता और संगठन मिलकर पैसे की बंदरबांट कर रहे हैं। अगर मोहन यादव सरकार इसी तरह कर्ज़ लेती रही तो प्रदेश दिवालियेपन की कगार पर पहुँच जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री यादव से कहा कि उन्हें अपनी वित्तीय नीतियों के बारे में फिर से सोचना चाहिए और इस तरह के क़दम उठाने चाहिए जिससे प्रदेश कर्ज़ के दलदल से बाहर आ सके।

06 अगस्त को लिया था पांच हजार करोड़ का कर्ज

उल्लेखनीय है कि इससे पहले, छह अगस्त को मोहन सरकार ने पांच हजार करोड़ का कर्ज लिया था। इसके बाद लाड़ली बहना योजना के लाभार्थियों को राखी के लिए 250 रुपए और 1250 रुपए की मासिक किश्त, कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के बकाया एरियर्स की राशि का भुगतान किया गया है। छह अगस्त को लिए गए कर्ज में 11 साल और 21 साल की अवधि में ब्याज का भुगतान करना तय किया गया है। राज्य सरकार औसतन हर महीने 2000 करोड़ का कर्ज ले रही है। इस महीने तो ये दस हजार करोड़ तक पहुंच गया है। मध्य प्रदेश की वित्तीय स्थिति पहले ही चिंताजनक है अब एक और नया कर्ज, एमपी सरकार के वित्तीय संकट के दलदल में फंसने का इशारा कर रहा है।

कमलनाथ की चेतावनी, कब रूकेगा दलितों पर अत्‍याचार

पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने कटनी जीआरपी थाना प्रभारी के आफिस में नाबालिग बच्‍चे और उसकी दादी के साथ हुई मारपीट का वीडियो एक्‍स पर अपलोड किया है। उन्‍होंने एक्‍स पर लिखा है कि जीआरपी थाने में हुई मारपीट बताती है कि मध्‍यप्रदेश में दलितों पर अत्‍याचार दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार दलितों के साथ बड़े ही बेरहमी से पेश आ रही है। प्रदेश के दलित अत्‍याचारों से परेशान हैं।

कैग भी जता चुका है राजकोषीय घाटे पर चिंता

हाल ही में कैग ने अपनी रिपोर्ट में सरकार के बढ़ते राजकोषीय घाटे पर चिंता जताते हुए कहा था कि सरकार को ज्यादा कर्ज लेने के बजाय राजस्व बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, नुकसान उठा रहे उपक्रमों के कामकाज की समीक्षा कर उनमें सुधार की रणनीति बनाई जाना चाहिए। बजट तैयार करने की प्रक्रिया ऐसी हो, ताकि बजट अनुमान और वास्तविक बजट के बीच के अंतर को काम किया जा सके।

इन योजनाओं पर लगाई गई पाबंदी

वित्त विभाग ने जिन 73 योजनाओं पर अनुमति लेना जरूरी किया है, उनमें नगरीय विकास एवं आवास योजना की 08 योजनाएं हैं। इसमें कायाकल्प अभियान, महाकाल परिसर विकास योजना, नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण, एमनी अर्बन डवलपमेंट प्रोजेक्ट पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा कृषि विभाग की समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल उपार्जन पर बोनस, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना, ऋण समाधान योजना, औद्योगिकीकरण अधोसंरचना विकास, डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश इंवेस्ट ड्राइव, क्लस्टरों की स्थापना, वेदांत पीठ की स्थापना, रामपथ गमन अंचल विकास योजना, मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना, मुख्य जिला मार्गों एवं अन्य का नवीनीकरण, लाडली बहना आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, युवक-युवतियों को रोजगार प्रशिक्षण, ग्रामीण परिवहन नीति के क्रिय़ान्वयन, मां तुझे प्रणाम, स्टेडियम एवं अधोसंरचना निर्माण जैसी योजनाएं शामिल हैं।

इन 52 योजनाओं से हटाई गई रोक

वहीं, वित्त विभाग ने 52 योजनाओं से खर्च की पाबंदी को खत्म कर दिया है। जुलाई माह में वित्त विभाग ने 47 विभागों की 125 योजनाओं पर रोक लगाई थी। इसमें से 52 पर रोक हटा ली गई है। बताया जा रहा है कि आरबीआई से कर्ज लेने के बाद इन विभागों से रोक हटा ली गई है। उधर, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता सतेन्द्र जैन के मुताबिक "प्रदेश में कोई भी योजना बंद नहीं हुई है। वित्त विभाग की अनुमति लेना वित्तीय अनुशासन की प्रक्रिया होती है। प्रदेश सरकार के पास पैसों की कमी नहीं है। लगातार नई योजनाओं पर काम हो रहा है और पुरानी योजनाओं का भी लाभ लोगों को मिल रहा है।" इधर, कांग्रेस ने सरकार द्वारा लगातार कर्ज लिए जाने को लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता आरोप लगाते हैं "सरकार की अधिकांश योजनाएं कर्ज लेकर चल रही हैं।

Wednesday, June 7, 2023

मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

 
मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

(मानव अधिकार क्रांति संगठन द्वारा संगोष्ठी) 

जबलपुर में मानव अधिकार क्रांति संगठन के द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन मढा़ताल पार्क में  प्रदेश अध्यक्ष डाँ गीता पांडेय, "ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन" (आइसना) के प्रांतीय अध्यक्ष विनय जी. डेविड की अध्यक्षता में कार्यक्रम का संयोजन जिला अध्यक्ष ममता ठाकुर एवं राजकुअँर के द्वारा किया गया 


मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

और पर्यावरण दिवस पर सभी ने अपने अपने विचार रखें पौधारोपण  करने के पश्चात संगोष्ठी  में सभी अपने विचार रखे कार्यक्रम में संस्था के डाँ मुकेश जैन, जगदीश शर्मा, एड भावना निगम , ज्योति दुबे , मीना पांडे , प्रेमलता ठकार, नीलम शर्मा, रोशनी कुमंरे, हेमलता तिवारी, प्रीति रूसिया, अंजुला दीक्षित, रेखा विश्वकर्मा , सुधा तिवारी, किरण पंडित, नाज, यशवंत कोस्टा, पंकज मेहता ,अशोक चौधरी, संजय शर्मा, तुषार चौहान, अभिषेक गांगुली , प्रवीण मेहरोत्रा, इंद्र कुमार कुशवाहा, साकेत कुमार अग्रहरी दिलीप गोस्वामी, आदर्श शर्मा, राजेश पांडेय आदि सदस्य उपस्थित रहे ।


मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

आज विश्व पर्यावरण दिवस पर उठाएं संकल्प,

ताकि हो सके आपके स्वस्थ जीवन का काया कल्प!

अगर बचाना है प्रलय से मानवता के जीवन तो,

तो पर्यावरण संरक्षण ही है एक मात्र विकल्प!!


विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं!

Monday, June 5, 2023

RTI : सूचना के अधिकार की जानकारी छुपाने वाले लोक सूचना अधिकारी केस ट्रांसफर के बाद भी नपे, सूचना आयोग ने लगाया 25 हजार का जुर्माना


RTI : सूचना के अधिकार की जानकारी छुपाने वाले लोक सूचना अधिकारी केस ट्रांसफर के बाद भी नपे, सूचना आयोग ने लगाया 25 हजार का जुर्माना

सूचना आयोग ने लिखार के उपर एक RTI के प्रकरण में ₹25000 का जुर्माना लगाया और दूसरे प्रकरण में लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं।

खबरें और विज्ञापन के लिए संपर्क में रहें : 9893221036

भोपाल, जुर्माने का नोटिस जारी होते ही राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के यहाँ से अपनी सुनवाई ट्रांसफर करने पर भी नही बच पाए भोपाल के चीफ़ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार। सूचना आयोग ने लिखार के उपर एक RTI के प्रकरण में ₹25000 का जुर्माना लगाया और दूसरे प्रकरण में लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं।

आयोग जारी करने वाला था बेलेबल वारंट
जुर्माने की कार्रवाई  मुख्य सूचना आयुक्त ए. के. शुक्ला द्वारा की गई है। ये दोनो RTI अपील प्रकरण पूर्व में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे। दोनो प्रकरणों में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने चीफ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार को दोषी पाते हुए जुर्माने और अनुशासनिक कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए थे। जनवरी 2023 से बार-बार आयोग के आदेश की अवहेलना करते हुए लिखार आयोग के समक्ष भी हाजिर नहीं हो रहे थे ना वे सिंह द्वारा जारी कार्रवाई की नोटिस का जवाब भी दे रहे थे। इसको भी सिंह ने इस को गंभीरता से लेते हुए निखार को चेतावनी दी थी कि अगर वे आयोग के समक्ष सुनवाई में नहीं आएंगे तो उनके विरुद्ध बेलेबल वारंट जारी किया जायेगा।


कार्रवाई से बचने के लिए प्रकरण ही ट्रांसफर कराया


लिखार ने सिंह की कार्रवाई से बचने के लिए अपने दोनों प्रकरणों को सूचना आयुक्त राहुल सिंह की कोर्ट से किसी अन्य स्थान पर ट्रांसफर करने की एप्लीकेशन दे दी यह कहते हुए कि उन्हें सिंह से न्याय मिलने की उम्मीद कम है। वही इस इस प्रकरण में सिंह ने भी तत्काल कार्रवाई करते हुए लिखार की दोनों आरटीआई अपील प्रकरणों को अपने खंडपीठ से अन्य खंडपीठ में सुनवाई के लिए अंतरित करने के लिए मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला को लिख दिया था। साथ में सिंह ने यह भी टिप्पणी कर दी कि उनके द्वारा इस प्रकरण में  कार्रवाई करते हुए लिखार को प्रथम दृष्टया दोषी भी पाया गया था तब से जुर्माने से बचने के लिए निखार द्वारा अपने प्रकरण में न्याय की उम्मीद कम दिखने लगी।


जुर्माने  के साथ हुई अनुशासनिक कार्रवाई

सिंह के पास से यह मामला ट्रांसफर होने पर मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला ने इस प्रकरण में कार्रवाई करते हुए सिंह द्वारा जारी किए गए शो कॉज नोटिस को सही पाया और आनंद नीरज निखार के ऊपर ₹25000 का जुर्माना लगा दिया वही दूसरे प्रकरण में भी सिंह द्वारा जारी शो कॉज नोटिस के तथ्यों को सही पाते हुए एके शुक्ला ने भोपाल नगर निगम के आयुक्त को आनंद नीरज लिखार के  विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए आदेशित किया है।


RTI  में यह जानकारी मांगी थी


भोपाल के आरटीआई आवेदक समीउल्लाह खान नगर निगम के चीफ सिटी प्लानर से भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा जारी एक मकान के कंस्ट्रक्शन की एनओसी की जानकारी मांगी थी। जिसे नीरज आनंद निखारने देने से मना कर दिया यह कहते हुए कि यह मकान मालिक की व्यक्तिगत जानकारी है। इस मामले में अपर आयुक्त नगर निगम शाश्वत मीणा भी जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए थे लेकिन उनके आदेशों की भी अवहेलना करते हुए लिखार ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई थी। वही दूसरे आरटीआई प्रकरण में समीउल्लाह खान ने एक अतिक्रमण की शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई है उसकी जानकारी मांगी थी यह जानकारी भी चीफ सिटी प्लानर ने समीउल्लाह को उपलब्ध नहीं कराई।


अतिक्रमण की जानकारी को RTI मे रोका नही जा सकता: सिंह

इन दोनों प्रकरणों में स्थिति को साफ करते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने यह कहा था कि अतिक्रमण की जानकारी को जनहित में दिया जाना चाहिए था वही किसी भी मकान के निर्माण के लिए जारी एनओसी को व्यक्तिगत जानकारी होने के आधार पर नहीं रोका जा सकता है। ये पूरी तरह से जनहित का मुद्दा है और अवैध निर्माण के ऊपर कारवाई शासन नियम और कानून के अनुरूप करता है। सिंह ने यह भी स्पष्ट किया था कि  अवैध निर्माण और अतिक्रमण में की गई कार्रवाई को अधिकारियों को स्वतः वेबसाइट  पर ही उपलब्ध करा देना चाहिए।  ताकि अवैध निर्माण के संबंध में चल रही कार्रवाई में कसावट सुनिश्चित होगी, साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही भी बनेगी। इंदौर के मंदिर में हुए हादसे का जिक्र करते हुए सूचना आयुक्त सिंह ने यह भी लिखा कि अगर इस तरह की जानकारी को पारदर्शी तरीके से पहले ही जनता के सामने रखा जाएगा तो अवैध निर्माण की वजह से होने वाले हादसों पर भी रोक लगेगी।

Friday, June 2, 2023

RTI : सूचना के अधिकार की धज्जियां उड़ाने वाली महिला बाल विकास विभाग की दो अधिकारियों पर 25-25 हजार का जुर्माना

RTI : सूचना के अधिकार

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महिला बाल विकास विभाग की दो महिला अधिकारियों रचना बुधोलिया और प्रेमवती चढ़ार पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है।

MP State Information Commission: 

भोपाल । मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने महिला बाल विकास विभाग की दो महिला अधिकारियों रचना बुधोलिया और प्रेमवती चढ़ार पर 25-25 हजार रुपये के जुर्माना लगाया हैं। विभाग की ही एक महिला कर्मचारी को सूचना का अधिकार के अंतर्गत जानकारी नहीं देने पर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही आवेदक से लिया गया तीन हजार दो सौ रुपये का शुल्क भी लौटाने का आदेश दिया।

आवेदक ऋचा दुबे ने 25 मई 2022 को महिला एवं बाल विकास विभाग के सागर कार्यालय से आवक-जावक पंजी की प्रति मांगी थी। लोक सूचना अधिकारी ने समय सीमा में उनसे तीन हजार दो सौ रुपये का शुल्क भी ले लिया पर उन्हें जानकारी नहीं मिली। प्रथम अपीलीय आदेश के बावजूद 15 दिन में दस्तावेज नहीं दिए गए तो प्रकरण राज्य सूचना आयोग के समक्ष आया।

आयोग ने धारा 20 के अंतर्गत जुर्माने का नोटिस जारी किया। अपने बचाव में लोक सूचना अधिकारी रचना बुधौलिया ने कहा कि जानकारी विस्तृत थी और पंचायत चुनाव के कारण जानकारी देना संभव नहीं हुआ। सुनवाई में सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने बचाव पक्ष की दलीलों को अमान्य करते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और शुल्क की राशि लौटाने के आदेश दिए।

इसी तरह एक अन्य आवेदन में विभाग के मालथौन कार्यालय में सात अप्रैल 2022 को ऋचा दुबे ने आंगनबाड़ी भवनों के किराए से जुड़े दस्तावेज मांगे थे, लेकिन न तो 30 दिन में कोई जवाब दिया गया और न ही प्रथम अपीलीय आदेश का पालन हुआ। आयोग की सुनवाई में यह हर स्तर पर सूचना के अधिकार की अवहेलना का प्रकरण माना गया।

अपीलार्थी का कहना था कि आंगनबाड़ियों के किराए के नाम पर यह वित्तीय अनियमितताओं के दस्तावेज हैं, इसलिए जानबूझकर टालमटोल की गई। उन्हें मजबूर होकर आयोग तक आना पड़ा। अंतत: दस माह के विलंब से उन्हें जानकारी मिली। लोक सूचना अधिकारी प्रेमवती चढ़ार को भी इस मामले में नोटिस दिया गया और 25 हजार रुपए जुर्माना का आदेश हुआ।

आयोग ने अपने निर्णय में कहा कि महिला बाल विकास विभाग के एक से अधिक मामलों में यह देखा गया है कि लोक सूचना आधिकारियों को अपनी भूमिका का ही ज्ञान नहीं है। राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी का कहना है कि सूचना का अधिकार कानून 18 साल पुराना हो चुका है लेकिन लोक सूचना अधिकारियों को 30 दिन की अमूल्य समय सीमा संज्ञान में नहीं है। मामूली सी जानकारियों के प्रकरण आयोग तक आते हैं। कुछ विभागोंं का रवैया तो बेहद चिंताजनक है।


Saturday, April 29, 2023

बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा

 


बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा

संस्थान से जुड़ने और खबरों के लिए संपर्क में रहें

विनय जी डेविड : 9893221036

*ED की पूछताछ में हुए कई अहम खुलासे, चर्च की कीमती जमीन को बेचा, कई काले कारनामों का दस्तावेज भी बरामद*

*बर्खास्त बिशप के जबलपुर समेत मुबंई, रांची व नागपुर स्थित ठिकानों पर भी ईडी ने मारा था छापा*

जबलपुर। चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के पूर्व निदेशक बिशप (former bishop) पीसी सिंह (PC Singh) को जेल भेज दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीसी सिंह से 14 दिन तक पूछताछ की। जिसमें कई अहम खुलासे हुए। बिशप सिंह ने सीएनआई की कीमती कई जमीन को बेचा। कई संस्थानों को बेकार बताकर किराए पर दे दिया। पी सी सिंह के कई काले कारनामों के दस्तावेज भी बरामद किए गए।

बिशप पद से हटाए गए द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चेयरमैन पीसी सिंह को कोर्ट के निर्देश पर ईडी ने जबलपुर केंद्रीय जेल भेज दिया है। ईडी ने पीसी सिंह को 12 अप्रैल को जबलपुर में गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी गई थी। कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड स्वीकृत की थी। पूछताछ के लिए उसे भोपाल ले जाया गया था।

रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद पीसी सिंह को 27 अप्रैल को जबलपुर लाया गया जिसके बाद जेल भेज दिया गया। दरअसल, जबलपुर में 2022 में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने मुंबई, रांची, नागपुर स्थित छह ठिकानों पर छापा मारा था।

इन ठिकानों से ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और करीब पांच लाख 37 हजार 500 रुपये नकद जब्त किए थे। ईडी ने यह कार्रवाई 15 मार्च को जबलपुर, मुंबई, रांची व नागपुर के छह ठिकानों तथा 18 मार्च को रांची में तीन ठिकानों पर छापामारी की थी। जिसके बाद ईडी की टीम 12 अप्रैल को जबलपुर पहुंची और पीसी सिंह को उसके नेपियर टाउन स्थित बंगले से गिरफ्तार कर लिया था।

बिशप पीसी सिंह के घर में आठ सितंबर 2022 को ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारा था। वहां से एक करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपए, 118 पाउंड, 18352 यूएस डालर, 80 लाख 72 हजार रुपये कीमत के दो किलो वजनी सोने के जेवर समेत 17 संपत्तियों के दस्तावेज और 48 बैंक खातों के संबंधित दस्तावेज जब्त हुए थे। 

पीसी सिंह जर्मनी से 11 सितंबर को स्वदेश लौटने पर उसे नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। जबलपुर लाकर पूछताछ व जांच की गई। जांच के दौरान उसकी पौने आठ करोड़ रुपये की एफडी का खुलासा हुआ। यह भी पता चला कि वह स्वयं 128 बैंक खाते संचालित करता था। 46 खाते उसके स्वजन और संस्थाओं के नाम पर थे।


Friday, April 28, 2023

अतीक-अशरफ हत्याकांड में SC का UP सरकार से सवाल, 'एंबुलेंस से सीधे अस्पताल क्यों नहीं लाया गया


अतीक-अशरफ हत्याकांड में SC का UP सरकार से सवाल, 'एंबुलेंस से सीधे अस्पताल क्यों नहीं लाया गया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया कि अतीक और अशरफ अहमद को एंबुलेंस में अस्पताल के गेट तक क्यों नहीं ले जाया गया. खूंखार गैंगस्टरों के मारे जाने की शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता वाली स्वतंत्र समिति से जांच कराने की याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने पूछा, ”उनकी परेड क्यों कराई गई?’ न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह भी पूछा कि शूटर्स को कैसे पता चला कि अतीक और अशरफ को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए ले जाया जाएगा?

 नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपी सरकार से अतीक अहमद (Ateek Ahmed) और अशरफ की हत्या मामले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट (Status Report) मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के पहले हुये असद एनकाउंटर (Encounter) पर हलफनामा मांगा है. यूपी सरकार से यह भी पूछा कि विकास दुबे एनकाउंटर के बाद पुलिस कामकाज को लेकर जस्टिस बी एस चौहान की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए हैं. कहा कि हमने ये घटना टीवी पर देखी है. दोनों को अस्पताल में सीधे एंबूलेंस से क्यों नहीं ले जाया गया. उनकी परेड क्यों कराई जा रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में तीन हफ्ते में सुनवाई को करने के लिए कहा है. जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुनवाई करेगी.


यूपी सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी हुए पेश 
उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government)की ओर से मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने कोर्ट में पक्ष रखा. रोहतगी ने कहा हमने जांच के लिए दो-दो पूर्व चीफ जस्टिस का आयोग बनाया है. इस मामले में यूपी सरकार ने तेजी से काम किया है.

जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई
अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है. वहीं वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी से कराने की मांग की है.

बता दें कि माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की प्रयागराज में 16 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के पास यह घटना हुई थी. दोनों को ही 10 से अधिक गोली मारी गई थीं. इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके पहले 14 अप्रैल को यूपी एसटीएफ (UP STF) की टीम ने अतीक अहमद के बेटे असद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. झांसी में असद के साथ शूटर गुलाम भी एनकाउंटर में मारा गया था. जब कोर्ट में पेशी के दौरान अतीक को इसकी खबर मिली तो वह फूट-फूटकर रोने लगा था.

पीली कोठी मेथोडिस्ट चर्च संस्थान द्वारा निर्मित अवैध भवन नगर निगम जबलपुर ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया


पीली कोठी मेथोडिस्ट चर्च निर्माण भवन तोड़ने की कार्यवाही नगर निगम ने जेसीबी द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा 

*जबलपुर से विनय जी. डेविड की रिपोर्ट*
*संपूर्ण जानकारी खबर, वीडियो, फोटो के लिए संपर्क करें : 98932210368989655519

*जबलपुर, नगर पालिक निगम जबलपुर अपर आयुक्त श्री राजेन्द्र मिश्रा द्वारा स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड अन्तर्गत तैय्यबअली मार्ग पीली कोठी पर फादर मनीष एस.गिडियन मेथोडिस्ट द्वारा किए जा रहे निर्माण विषयक् स्वामित्व सहित भवन स्वीकृति दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा था। परंतु मनीष गिडियन एवं संस्थान के लोगों द्वारा किसी भी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए. चर्च के नाम पर मेथोडिस्ट चर्च संस्थान के बिशप एम.ए. डेनियल, एरिक पी नाथ और मनीष गिडियन है मनीष गिडियन अभी सेंट्रल जेल जबलपुर में सलाखों के पीछे है ये सभी मुख्य आरोपी है,

जिस पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम ने आज तहसील भेजकर के अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है जो अभी चल रही है.*

ज्ञात हो कि नगर निगम में चर्च द्वारा प्रस्तुत जबाब पर नगर निगम द्वारा चर्च को नोटिस दिया कि “स्थल पर किया गया निर्माण अनाधिकृत रूप से बिना स्वीकृति से किया गया है। तदोपरान्त उक्त निर्माण को हटाए जाने हेतु आपको कार्यालय द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम नियम अनुसार नोटिस किया गया है ।

जिस पर आपके द्वारा निगम कार्यालय पर दिनांक 27.08.2020 को एक पत्र प्रस्तुत कर चर्च शेड निर्माण की बात कही गई एवं नजूल डीड एवं नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत की गई । आपने उक्त पत्र में स्थल पर किए जा रहे निर्माणाधीन भवन का नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से स्वीकृति प्राप्त होने पश्चात् निगम से भवन अनुज्ञा अनुमति लिए जाने का लेख किया है।

आपके द्वारा स्थल पर किए गए निर्माण के संबंध में ढाई वर्ष उपरान्त भी आज दिनांक तक निगम कार्यालय पर भवन अनुज्ञा आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। इतनी बड़ी संरचना का निर्माण बगैर नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय की स्वीकृति के एवं बगैर भवन अनुज्ञा अनुमति प्राप्त किए गंभीर त्रुटी है।

आपको इस पत्र के माध्यम से निर्देशित किया जाता है कि आप पत्र प्राप्ति से 24 घण्टे के भीतर स्थल पर किए गए निर्माण को स्वयं हटा लेवें। अन्यथा कि स्थिति में स्थल पर किया गया अनाधिकृत निर्माण निगम द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम में विहित प्रावधानों के अन्तर्गत किसी भी समय हटा दिया जावेगा।

इस मामले में यूसीएनआईटीए के स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी एडमिन लाल एवं यूसीएनआईटीए के मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के लीगल एडवाइजर विनय जी. डेविड ने अवैध निर्माण तोड़ने की शिकायत की थी.

आज अभी पीली कोठी  मेथोडिस्ट चर्च निर्माण भवन तोड़ने की कार्यवाही नगर निगम ने जेसीबी लगाकर अभी शुरू कर दी है कार्रवाई चल रही है जेसीबी द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा जा रहा है.

Monday, April 24, 2023

7 वर्षों से मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी हॉस्टल में संविदा आर्चरी कोचों ने जमा रखा है अवैध कब्ज़ा, सरकारी खर्चे पर बल्ले-बल्ले


7 वर्षों से मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी हॉस्टल में संविदा आर्चरी कोचों ने जमा रखा है अवैध कब्ज़ा, सरकारी खर्चे पर बल्ले-बल्ले


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विनय जी. डेविड : 9893221036

जबलपुर. मध्य प्रदेश तीरंदाजी अकैडमी जबलपुर परिसर में जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे और प्रमुख कोच रिचपाल सिंह सलारिया की कृपा से संविदा शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पिछले 7 वर्षों से सभी कोच एवं कर्मचारी अपने परिवार के साथ एकेडमी परिसर में ही निवास कर रहे हैं जिसकी शिकायत जबलपुर कलेक्टर को की गई.

आशीष पांडे जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी

जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे से जब यह जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने गुमराह करते हुए शिकायत को झूठी बताया जबकि हर एक आदमी को पता है कि आर्चरी एकेडमी परिसर के छात्रा-छात्राओं के होस्टल में सभी कोच कई कमरों में कब्जा करके रह रहे हैं


वही हॉस्टल में छात्रा-छात्राओं के लिए बनने वाला भोजन भी नियमित रूप से प्रतिदिन सेवन कर रहे हैं संविदा आर्चरी  कोचों के अनुबंध के आधार पर नियम अनुसार उनको किसी भी प्रकार की वेतन के अलावा अन्य सुविधा प्रदान नहीं की जा सकती, परंतु सरकारी संपत्ति पर कब्जा करके लाखों रुपए का सरकार के राजस्व का नुकसान, खेल अधिकारियों की मिलीभगत सांठगांठ से हो रहा  है, 

इस मामले में जबलपुर जिला कलेक्टर को भी जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे के द्वारा गुमराह किया जा रहा है, सही रिपोर्ट नही मिलने की वजह से जिला जबलपुर कलेक्टर इस मामले में कोई उचित कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं, 

इस मामले में एक शिकायत कलेक्टर जबलपुर को प्राप्त हुई थी जिस परजिला खेल अधिकारी आशीष पांडे ने गुमराह करते हुए कलेक्टर को सही जानकारी नहीं पहुंचाई, जहां छात्रा छात्राओं के लिए यह सुविधा दी गई है वहीं कोचों के यहां पर निशुल्क सरकारी खाते में वारे न्यारे हैं, अब जब यह खुलासा  हुआ है तो अब देखना यह है कि इस मामले में कलेक्टर जबलपुर क्या कार्रवाई की जाती है.

कौन-कौन कोच वं कर्मचारी है नियमों की धज्जियां उड़ा कर शासकीय संपत्ति का उपयोग करने वाले

1. रश्मि सिंह कोच आर्चरी अगस्त 2016 से ही एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है,

2. अशोक कुमार यादव आर्चरी कोच अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं, जिसमें पत्नी एवं 3 बच्चे एवं अपने दो रिश्तेदारों अमित यादव एवं अन्य) के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

3. रवि प्रधान आर्चरीकोच अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं जिसमें पत्नी एवं 1 बच्चा एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

4. दशरथ सिंह ठाकुर वार्डन अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं जिसमें पत्नी एवं 1 बच्चा एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

5. कप्तान  स्वयं अपने एक दो रिश्तेदारों के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

6. रिचपाल सिंह सलारिया मुख्य आर्चरी कोच स्वयं सत्र 2019 से 2023 निवास कर रहे हैं, अपने 4 रिश्तेदारों 1. सौम्या सिंह उर्फ तनु 2. दीक्षांत सिंग उर्फ देसू एवं अन्य दो रिश्तेदारों के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है

Wednesday, April 19, 2023

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Thursday, April 13, 2023

मैथोडिस्ट चर्च के कार्यपालिक सचिव मनीष गिडियन की जमानत अर्जी निरस्त, गिडियन को न्यायालय से लगा बड़ा झटका


Manish Gideon, executive secretary of the Methodist Church



ऐसे ही खबरों के लिए मेरे साथ संपर्क में रहे : 9893221036

जबलपुर, धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज फादर मनीष एस गिडियन की आज फिर सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज, अभी और जेल की सलाखों में ही रहना पड़ेगा, जेल की रोटी खानी पड़ेगी।  

जबलपुर । विशेष न्यायाधीश ईओडब्ल्यू अमदज अली के न्यायालय ने स्कूल के लिए मिली लीज की जमीन का व्यावसायिक उपयोग करने के मामले में आरोपित बनाए गए मैथोडिस्ट चर्च के कार्यपालिक सचिव मनीष एस गिडियन की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। विगत पांच अप्रैल को ईओडब्ल्यू ने गिडियन को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उसी दिन उसे जेल भेज दिया था। 

अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सारिका यादव ने पक्ष रखा।  इसके पहले कोर्ट ने मैथोडिस्ट चर्च के पदाधिकारियों बिशप एमए डेनियल व कोषाध्यक्ष एरिक पी नाथ की अग्रिम जमानत भी निरस्त हो चुकी हैं। आरोपितों ने क्रिश्चियन हाई स्कूल के लिए मिली लीज की भूमि पर व्यवसायिक निर्माण किया। भू-भाटक जमा नहीं किया गया। इस तरह आर्थिक अपराध कर शासन को क्षति पहुंचाई। 

आवेदकों पर छल-कपट व धोखाधड़ी का आरोप है। आवेदकों की ओर से दलील दी गई कि दुकानों का निर्माण नगर निगम, से नक्शा पास कराकर किया गया था।

एसपी विनायक वर्मा को तत्काल सस्पेंड करने DGP को निर्देश, वारंट तामील न होने पर जबलपुर हाईकोर्ट सख्त

 


एसपी विनायक वर्मा को तत्काल सस्पेंड करने DGP को निर्देश, वारंट तामील न होने पर जबलपुर हाईकोर्ट सख्त

एसपी विनायक वर्मा को निलंबित करने के आदेश के साथ ही कोर्ट ने अब डीजीपी को वारंट तामील कराने की जिम्मेदारी दी है.

मध्य प्रदेश में अदालत के आदेश की अवमानना का खामियाजा छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को भुगतना पड़ेगा। जबलपुर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि एसपी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाए।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालत की अवमानना से जुड़े एक मामले में छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा (SP Vinayak Verma) को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड (Chhindwara SP Suspension) करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने अवमानना के मामले में प्रतिवादी को पेश न करने पर छिंदवाड़ा एसपी वर्मा के रवैये को बेहद गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि छिंदवाड़ा एसपी को तत्काल निलंबित किया जाए और अब प्रतिवादी के खिलाफ वारंट तामीली की जिम्मेदारी उनकी होगी.

दरसअल, छिंदवाड़ा जिले में स्थित तुलसी नारायण संकीर्तन मंडल की तरफ से दायर याचिका में एक कहा गया था कि एनएचएआई ने मंदिर की 1254 वर्ग का अधिग्रहण किया था. जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद भी मुआवजा प्रदान नहीं किया गया था. इसके खिलाफ संस्था द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिये थे. इसके बावजूद संस्था को सिर्फ 636 वर्ग फीट का मुआवजा एनएचएआई द्वारा दिया गया. हाईकोर्ट ने अगस्त 2018 में शेष 618 वर्ग फ़ीट जमीन का मुआवजा देने के निर्देष देते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था.

अवमानना याचिका पर हुई सुनवाई

एनएचआई द्वारा हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद तुलसी रामायण संकीर्तन मंडल को शेष मुआवजा राशि प्रदान नहीं की गई. इसके कारण संस्था ने अवमानना याचिका दायर की थी. 28 मार्च 2023 को पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की युगलपीठ ने एनएचआई के प्रोजेक्ट अधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया था

पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा को वारंट तामीली के निर्देश दिये गए थे. अवमानना याचिका पर आज बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान एसपी की तरफ से बताया गया कि प्रोजेक्ट अधिकारी का स्थानातंरण हो गया है, जिसके कारण जमानतीय वारंट तामील नहीं हो पाया है. इस दौरान सरकार की तरफ से जमानतीय वारंट को निरस्त करने का आग्रह भी किया गया.

चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को लिखे गये पत्र में जमानतीय वारंट तामील नहीं होने का कारण अधिकारी का स्थानातंरण होना बताया है. इससे हम स्तब्ध हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना को आदेश दिए कि छिन्दवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को इस मामले में फैसला आने तक ससपेंड कर दिया जाए.

इसके साथ ही प्रतिवादी के खिलाफ वारंट तामीली की जिम्मेदारी डीजीपी को सौंपी गई हों. याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश नेमा और अधिवक्ता विभा पाठक ने पैरवी की.

बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीमबर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

 


बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

संपादक :  विनय जी डेविड // 9893221036

ED Raid : चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम, अरबों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग मामला


*बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम*

आखिरकार चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह कानूनी शिकंजे में आ ही गया. उसे ईडी ने 13 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया. उस पर आरोप है कि उसने करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की और चर्च की बेशकीमती जमीन भू-माफियाओं को अवैध रूप से बेच दी.


जबलपुर । बर्खास्त बिशप और द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चैयरमैन पीसी सिंह के नेपियर टाउन के बंगले से ईडी ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया । सुबह के वक्त ये करवाई की गई। टीम पूर्व बिशप को लेकर भोपाल निकल गई। बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को ईडी ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। ईडी ने मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ज्ञात हो कि टीम संस्था को मिलने वाली विदेशी फंडिंग, चर्च की जमीन समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच की और साक्ष्य जुटाए।


बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. ईडी ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह ( Former Bishop PC Singh) को गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने उन्हें अरबों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है . इसके साथ ही ये भी आरोप है कि पीसी सिंह और उनके सहयोगियों ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की अरबों रुपये की कीमती जमीन और अन्य संपत्तियों को भू-माफियाओं को अवैध रूप से बेचकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. इस मामले में ही जांच एजेंसी ने कुछ समय पहले मुंबई, नागपुर सहित कई अन्य लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया था.

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संपादक :  विनय जी डेविड
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Wednesday, April 12, 2023

ईस्टर की पूर्व संध्या पर चर्चो में आयोजित रात्री पास्का जागरण में ख्रीस्त विश्वासियों ने भक्ति और श्रद्धा के साथ भाग लिया

TOC News 

भोपाल। शहर के विभिन्न गिरजाघरों में चर्च कैलेंडर के अनुसार सबसे पुराना वार्षिक धर्मविधि, ईस्टर विजिल या पास्का जागरण शनिवार की रात को चार भागों में मनाया गयाः प्रकाश, शब्द, बपतिस्मा, और यूख्र्रीस्तीय समारोह। पास्का जागरण के पहले भाग में ब्रह्मांड के चार तत्वोंः अग्नि, वायु, जल और पृथ्वी को आशीषित किया गया। पवित्र धर्म विधि की शुरूआत नई आग की रोशनी की आशीष के साथ शुरू हुई। इस नई आग से पास्का मोमबत्ती जलाया गया। लोगों ने हाथों में मोमबत्ती थामकर जुलूस के रूप में चर्च में प्रवेश किया।  

पास्का जागरण के दुसरे भाग के आरंभ में ओल्ड टेस्टामेंट से रीडिंग निम्नलिखित अध्यायों से पढ़ी गई, इसहाक का बलिदान, लाल सागर को पार करना जो लोगों की मुक्ति की कहानी को दर्शाता है। ठीक रात 12 बजे लोगों ने प्रभु येशु के पुनरूत्थान के गीत गाकर हर्ष मनाया। ‘‘जी उठे प्रभु विजयी बनकर’’ ‘‘ख्रीस्त राजा जी उठे’’ ‘‘मुक्ति विधाता जी उठे’’  जैसे गीतो के माध्यम से प्रभु के जी उठने की खुशियों मनाई गई। यूख्रीस्तीय समारोह के समाप्त होने पर एक दुसरे से हाथ मिलाकर ‘हेप्पी ईस्टर’ कहते हुए बधाईयां दी।



 संत पीटर चर्च में यूख्रीस्तीय समारोह में मुख्य अनुष्ठानकर्ता आर्चबिशप ए. ए. एस दुरईराज थे अपने धर्म उपदेश में उन्होने कहा कि ‘‘ख्रस्तीयों ने यीशु के पुनरुत्थान जिसमें यीशु ने स्वयं को रूपांतरित किया था, इस सच्चाई का वरण कर लिया है, कि यह केवल महान सत्य के राज्य को प्रस्तुत नहीं करता है, बल्कि कब्र से परे जीवन में, एक अनूठे और अनन्त खुशी का प्रयाय भी है। जो भी हम हैं, मौत पर विजय की जीत का स्मरण सदैव रखें। ईस्टर हर्षित और आशा भरी घटना है, इसे हम न केवल मनाते हैं, बल्कि हर रविवार को दुनिया भर में इसका अनुपालन किया जाता है। यह उन सभी लोगों के लिए स्मरणीय घटना है, जो अनंत जीवन मे विश्वास करते हैं।  

फादर मारिया स्टीफन, ने ईस्टर की शुभकमना देते हुए कहा, ‘‘हमें अपनी गलतियो, निराशाओं, विश्वासघात, असफलताओं, अन्यायपूर्ण मौतों आदि के साथ पृथ्वी पर निरंतर रंग बदलती दुनिया में अपने जीवन में ‘छोटा पुनर्जीवन‘ खोजने की जरूरत है। अंत में उन्होने ‘ईस्टर महोत्सव‘ जो कि अगले रविवार १६ अप्रैल  6.30 बजे, संत जोसफ कोएड स्कूल . में आयेजित हो रहा है, में सबको शामिल होने का निमंत्रण दिया। इसमें विभिन्न स्वादिष्ट फूड स्टालों के साथ-साथ चर्चों और स्कूलों के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।


फा. मारिया स्टीफन- पी.आर.ओ. - आर्चडायसिस ऑफ भोपाल - 9425192954

Sunday, April 9, 2023

धर्मांतरण कर ईसाई बने थे पी सी सिंह, फादर से बिशप बन किया करोड़ों का गबन, जानिए इनकी कहानी



धर्मांतरण कर ईसाई बने थे पी सी सिंह, फादर से बिशप बन किया करोड़ों का गबन, जानिए इनकी कहानी

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विनय जी. डेविड  9893221036

जबलपुर में द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के चेयरमैन बिशप पीसी सिंह के घर गुरुवार को आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ( EOW) ने छापा मारा। बिशप के घर से करीब 1.65 करोड़ की नगदी बरामद की गई है। एसबीआई की टीम ने नोटों को मशीन से गिना, जिसमें करोड़ों रुपये होने का खुलासा हुआ। ईसाई धर्मगुरु के घर से भारतीय रुपये के साथ ही विदेशी मुद्रा भी मिली है। बिशप के घर से 18 हजार यूएस डॉलर भी बरामद किए गए हैं, जिसका भारतीय मूल्य करीब 14.35 लाख रुपये है। फिलहाल बिशप पीसी सिंह जर्मनी में हैं।  

जानकारी के अनुसार बिशप पीसी सिंह पर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर मूल सोसाइटी का नाम बदलने और चेयरमैन रहते हुए करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपये धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर गबन करने का आरोप है। ईओडब्ल्यू की टीम उनके घर और ऑफिस में संबंधित दस्तावेजों के अतिरिक्त कुल 17 संपत्तियों के दस्तावेज, कुल 48 बैंक खातों से संबंधित दस्तावेज, नगद 1 करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपये, 18352 डॉलर, 118 पाउंड, कुल अस्सी लाख बहत्तर हज़ार के सोने के ज़ेवर प्राप्त हुए हैं। 



बिशप के घर छापे में क्या मिला 

जबलपुर के ईसाई धर्मगुरु बिशप पीसी सिंह बिहार के रहने वाले हैं। धर्मांतरण कर वे ईसाई बने थे। पीसी सिंह  हायर एजुकेशन के दौरान ईसाई धर्म स्वीकार किया था। जिसके बाद उन्हें पास्टर की शिक्षा के लिए दिल्ली भेजा गया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें जबलपुर आ गए। जहां वे एक चर्च में पांच साल तक फादर बने रहे। फादर से वे बिशप बने और इसके बाद उन्होंने बच्चों के फीस के पैसों को धार्मिक संस्थाओं पर खर्च कर करीब 2.7 करोड़ का गबन किया। EOW के छापे में घर पर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है।  

48 बैंक खाते मिले 

EOW की कार्रवाई में कुल 17 संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। बिशप और परिवार के 48 बैंक खाते मिले हैं। 80,72,000 रुपये के सोने के जेवर मिले हैं। उनके घर से 9 लग्जरी गाड़ियां जैसे इंडीवर कार, टोयोटा इनोवा, महिन्द्रा TUV 300, फोर्स ट्रेवलर, हुंडई सेंट्रो, डिस्कवरी, होंडा सिटी और रॉयल इनफील्ड मिली हैं। 32 महंगी घड़ियां, बेशकीमती कपड़े, 18 हजार डॉलर, सोने के जेवरात समेत कैश व अन्य सामान मिला। बिशप के विजयनगर-सालीवाड़ा में दो स्कूल हैं, जबकि जबलपुर के कटंगा, विजयनगर और नेपियर टाउन में उनके तीन मकान हैं। बिशप का बेटा पीयूष पॉल क्राइस्ट चर्च बॉय स्कूल का प्रिंसिपल है।



आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को शिकायत मिली थी, जिसकी जांच उप पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह से कराई गई थी। शिकायत में बिशप पी. सी. सिंह, चेयरमैन "द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस' जबलपुर के विरूद्ध कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तन करना तथा उसका चेयरमैन बनकर पद का दुरूपयोग करते हुए सोसायटी की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में प्राप्त होने वाली छात्रों की फीस की राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एवं स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप लगाये गये थे।

जांच में शैक्षणिक संस्थाओं से वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 के बीच लगभग दो करोड़ सत्तर लाख रुपये की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर इसका दुर्विनियोग करना तथा स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाए गए। शिकायत जांच में आये साक्ष्यों के आधार पर आरोपी बिशप पी. सी. सिंह, बी. एस. सोलंकी, तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एण्ड संस्थाएं जबलपुर के विरूद्ध धारा 406, 420, 468, 471,120बी भादंवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।



प्रकरण की जांच उप निरीक्षक विशाखा तिवारी कर रही हैं। प्रकरण की विवेचना के दौरान प्रकरण से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं गबन की राशि से अर्जित संपत्तियों की जानकारी जुटाने के लिए न्यायालय से विधिवत सर्च वारंट लेकर ईओडब्ल्यू ने गुरुवार सुबह बिशप पी. सी. सिंह के निवास बिशप हाउस, म.नं. 2131 नेपियर टाउन, जबलपुर एवं कार्यालय 2272, नेपियर टाउन, जबलपुर में तलाशी कार्रवाई की जा रही है।



चार्टर्ड प्लेन में सफर करता था बिशप पीसी सिंह

क्या है प्राइवेट जेट में सफर करने वाले ईसाई धर्मगुरु PC सिंह का D कंपनी कनेक्शन?

दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे रियाज भाटी से बिशप पीसी सिंह का कनेक्शन है. बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा 3 करोड़ रुपये में किया था, जिसका एग्रीमेंट मुंबई पुलिस ने रियाज भाटी से पूर्व में ही जब्त किया कर लिया है. क्या है प्राइवेट जेट में सफर करने वाले ईसाई धर्मगुरु PC सिंह का D कंपनी कनेक्शन? .

मध्य प्रदेश के जबलपुर में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) द्वारा द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया डायोसिस के बिशप पीसी सिंह के निवास एवं कार्यालय में की गई कार्रवाई के बाद रोज एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं, जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश के साथ देश के कई राज्यों में हो रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी समीक्षा बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को धर्मांतरण, पैसों का उपयोग कहां किया जाता था, इन सभी बिंदुओं पर जिला प्रशासन और ईओडब्ल्यू को जांच करने के निर्देश दिए हैं. 

 हालांकि धनकुबेर बिशप पीसी सिंह का अब एक और नया कनेक्शन सामने आया है. सूत्र बताते हैं कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे रियाज भाटी से भी बिशप पीसी सिंह का कनेक्शन है. बताया जा रहा है कि बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा तीन करोड़ रुपये में किया था, जिसका एग्रीमेंट मुंबई पुलिस ने रियाज भाटी से पूर्व में ही जब्त किया कर लिया है.

Tuesday, April 4, 2023

मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 3 अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल

 

मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 3 अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल


जबलपुर, मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 4अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल

Saturday, April 1, 2023

धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई आज 1 अप्रैल को जबलपुर कोर्ट में

 


धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल

*धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई आज 1 अप्रैल को जबलपुर कोर्ट में,*



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Friday, March 31, 2023

विवादित तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया के आपराधिक प्रकरण में जबलपुर न्यायालय में पेशी आज 31 मार्च को, कई आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज

 


विवादित तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया के आपराधिक प्रकरण में जबलपुर न्यायालय में पेशी आज 31 मार्च को, कई आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर कई आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज, शासकीय नियमों की उड़ रही धज्जियां

जबलपुर, तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी शासकीय नौकरी पर काबिज है, शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वो भी खेल मंत्री और संचालक की कृपा से लगातार मध्यप्रदेश तीरंदाजी अकैडमी में अपना कार्यकाल पूरा कर रहा है, आखिर शासकीय नियम के विरुद्ध इनको नौकरी से क्यों नहीं बर्खास्त किया गया l
विवादित कोच रिचपाल सलारिया पर नौकरी से बर्खास्त करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट जबलपुर में भी प्रकरण चल रहा है। साथ ही रिचपाल सलारिया पर थाना बड़ी ब्राह्मण जिला सांबा जम्मू में 2019 में अपराधिक प्रकरण दर्ज है जिसमें जम्मू की जिला सांबा कोर्ट से बेल लेकर जमानत पर हैं। रिचपाल पर जम्मू की कोर्ट में भी 2 प्रकरण विचाराधीन हैं जिसमें विभाग को बिना जानकारी दिए चुपचाप से पेशी करके वापस जबलपुर आ जाता है। भोपाल खेल विभाग को इसकी जानकारी कानोकान भनक भी नहीं होती और जबलपुर के खेल अधिकारी जानकारी को छुपा लेते है।

पुलिस डायरी के अनुसार लॉर्डगंज थाने जबलपुर में 12 जनवरी 2021 को अपराध क्रमांक 38 / 2021 धारा 294, 223, 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ, मुकदमा दर्ज होने के बाद रिछपाल सलारिया की गिरफ्तारी हुई एवं उसके खिलाफ माननीय न्यायालय कोर्ट नंबर और जज 22 - सिविल जज क्लास- I और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक प्रताप सिंह की अदालत में 23 जून 2021 को आरसीटी 3314 / 2021 चालान पेश किया गया. इस प्रकरण में आज 31 मार्च 2023 को माननीय न्यायालय में पेशी नियत है.

लगातार न्यायालय में सुनवाई चल रही है परंतु जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जबलपुर आशीष पांडे का कहना है कि हमको तो किसी भी प्रकरण की जानकारी नहीं है। जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी जबलपुर से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी चाहने पर उन्होंने लिखित जवाब दिया कि कि तीरंदाजी कोच रिचपाल सलारिया पर किसी भी प्रकार का कोई प्रकरण दर्ज नहीं है, आखिरी विभाग की क्या मजबूरी है कि वह रिचपाल सलारिया पर प्रकरण दर्ज होने की सही जानकारी छुपा रहा है

पूर्व डीएसओ ने संचालक खेल विभाग को प्रकरण की गलत जानकारी

जबलपुर खेल और युवा कल्याण विभाग जिला जबलपुर के डीएसओ ने 2021 में एक प्रमाण पत्र जारी कर अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद भी रिचपाल सलारिया को क्लीन चिट देते हुए संचालक खेल भोपाल को गलत जानकारी से अवगत कराया था कि रिछपाल सलारिया के ऊपर किसी भी प्रकार का कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है उक्त प्रमाण पत्र के आधार पर रिचपाल सलारिया ने 2021 में बकायदा भोपाल से नई पदस्थापना प्राप्त कर ली और एग्रीमेंट करके आज मध्यप्रदेश तीरंदाजी अकैडमी में प्रमुख कोच के पद पर पदस्थ हैं. डीएसओ की गलत जानकारी की वजह से रिचपाल सलारिया प्रतिमाह 1 लाख 50 हजार वेतनमान लेकर दो साल से मजे कर रहा हैं।



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