Showing posts with label राजनीति. Show all posts
Showing posts with label राजनीति. Show all posts

Saturday, August 31, 2024

मध्य प्रदेश सरकार पर चार लाख करोड़ का कर्ज : क्या प्रदेश की जनता को कर्ज में डुबोने की योजना में है भाजपा सरकार?



  • पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का तंज- ''कर्ज़ लो और घी पियो'' के सिद्धांत पर चल रही है मोहन सरकार
  • कांग्रेस की ओर से अकेले योद्धा बनकर कमलनाथ ने मोहन सरकार को घेरा
  • कमलनाथ ने जताई दलितों पर हो रहे अत्‍याचारों पर चिंता


विजया पाठक, एडिटर, जगत विजन

एक कहावत है आदमी को केवल उतना ही पैर पसारना चाहिए जितनी लंबी चादर हो। लेकिन मध्यप्रदेश के परिप्रेक्ष्य में यह बात बिल्कुल उलट साबित हो रही है। दरअसल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश के विकास को लेकर लगातार कार्य तो कर रहे हैं, लेकिन विकास का यह कार्य वे उधार लिये हुए पैसों से कर रहे हैं। सोचने वाली बात यह है कि आखिर मध्यप्रदेश के सिर से कर्ज का यह बोझ कब समाप्त होगा। पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 सालों तक 04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज प्रदेश पर छोड़़ा है। वहीं, अब मोहन सरकार लगातार कर्ज लेकर प्रदेश के विकास की इबारत लिखने की तैयारी में है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब आरबीआई और विश्व बैंक प्रदेश की जनता से इन करोड़ों रुपये के उधार का कर्ज वसूल करने के लिये आतुर हो जायेगा। इसके साथ ही पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्‍याचारों पर भी काफी चिंता व्‍यक्‍त की है। उन्‍होंने कटनी जीआरपी थाने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दलित समाज प्रदेश में असुरक्षित है और उन पर काफी अत्‍याचार हो रहे हैं।

05 हजार करोड़ के लोन की है तैयारी

मध्यप्रदेश में चल रही योजनाओं पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। राज्य सरकार वित्तीय जरूरतें पूरा करने के लिए लगातार बाजार से कर्ज उठा रही है। सरकार एक बार फिर 05 हजार करोड़ का लोन लेने जा रही है। सरकार यह कर्ज दो किश्तों ढाई-ढाई हजार करोड़ के रूप में ले रही है। इसके पहले भी सरकार इसी माह 05 हजार करोड़ का लोन ले चुकी है। प्रदेश सरकार पर 31 मार्च 2024 की स्थिति में 03 लाख 75 हजार करोड़ का कर्ज हो चुका है। वित्तीय संकट को देखते हुए वित्त विभाग ने 33 विभागों की 73 योजनाओं पर पाबंदी लगाई है। यानी विभागों को इन योजनाओं पर पैसे खर्च करने के पहले वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी। हालांकि वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक राशि निकालने से पहले वित्त की मंजूरी का मतलब यह नहीं है कि योजनाएं बंद हो गई हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री को घेरा

भाजपा शासन के समय सबसे ज्यादा कर्ज लेने की बात से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ खासे नाराज हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार कर्ज के दलदल में धंसती जा रही है। यह कर्ज दो बार में ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के रूप में लिया जाएगा। कर्जखोरी को लेकर कमलनाथ ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। कमलनाथ ने कहा कि 'मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार कर्ज़ लो और घी पियो के सिद्धांत पर चल रही है। सरकार एक बार फिर से पाँच हज़ार करोड़ का कर्ज़ लेने जा रही है। प्रदेश पर पहले से ही 3.8 लाख करोड़ का कर्ज़ है। कमलनाथ ने कहा 'प्रदेश को कर्ज़ के दलदल में डुबाने वाली भाजपा सरकार के मुंह से आज तक यह नहीं सुना कि अगर प्रदेश के ऊपर कर्ज़ बढ़ रहा है तो सरकार फ़िज़ूल ख़र्च में कमी करने के लिए कोई क़दम उठाने जा रही है। लगातार कर्ज़ लेने के बावजूद न तो प्रदेश में निवेश बढ़ा है, न रोज़गार बढ़ा है, न नौकरी बढ़ी है, न ही गेहूं और धान का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है और न ही लाड़ली बहनों को तीन हज़ार रुपये प्रति महीने दिए जा रहे हैं।

प्रदेश दिवालियेपन की कगार पर न पहुंच जाये

कमलनाथ ने लिखा है कि जब समाज के किसी वर्ग के कल्याण में यह पैसा ख़र्च नहीं हो रहा तो ज़ाहिर है, यह सारा कर्ज़ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है और सत्ता और संगठन मिलकर पैसे की बंदरबांट कर रहे हैं। अगर मोहन यादव सरकार इसी तरह कर्ज़ लेती रही तो प्रदेश दिवालियेपन की कगार पर पहुँच जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री यादव से कहा कि उन्हें अपनी वित्तीय नीतियों के बारे में फिर से सोचना चाहिए और इस तरह के क़दम उठाने चाहिए जिससे प्रदेश कर्ज़ के दलदल से बाहर आ सके।

06 अगस्त को लिया था पांच हजार करोड़ का कर्ज

उल्लेखनीय है कि इससे पहले, छह अगस्त को मोहन सरकार ने पांच हजार करोड़ का कर्ज लिया था। इसके बाद लाड़ली बहना योजना के लाभार्थियों को राखी के लिए 250 रुपए और 1250 रुपए की मासिक किश्त, कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के बकाया एरियर्स की राशि का भुगतान किया गया है। छह अगस्त को लिए गए कर्ज में 11 साल और 21 साल की अवधि में ब्याज का भुगतान करना तय किया गया है। राज्य सरकार औसतन हर महीने 2000 करोड़ का कर्ज ले रही है। इस महीने तो ये दस हजार करोड़ तक पहुंच गया है। मध्य प्रदेश की वित्तीय स्थिति पहले ही चिंताजनक है अब एक और नया कर्ज, एमपी सरकार के वित्तीय संकट के दलदल में फंसने का इशारा कर रहा है।

कमलनाथ की चेतावनी, कब रूकेगा दलितों पर अत्‍याचार

पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने कटनी जीआरपी थाना प्रभारी के आफिस में नाबालिग बच्‍चे और उसकी दादी के साथ हुई मारपीट का वीडियो एक्‍स पर अपलोड किया है। उन्‍होंने एक्‍स पर लिखा है कि जीआरपी थाने में हुई मारपीट बताती है कि मध्‍यप्रदेश में दलितों पर अत्‍याचार दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार दलितों के साथ बड़े ही बेरहमी से पेश आ रही है। प्रदेश के दलित अत्‍याचारों से परेशान हैं।

कैग भी जता चुका है राजकोषीय घाटे पर चिंता

हाल ही में कैग ने अपनी रिपोर्ट में सरकार के बढ़ते राजकोषीय घाटे पर चिंता जताते हुए कहा था कि सरकार को ज्यादा कर्ज लेने के बजाय राजस्व बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, नुकसान उठा रहे उपक्रमों के कामकाज की समीक्षा कर उनमें सुधार की रणनीति बनाई जाना चाहिए। बजट तैयार करने की प्रक्रिया ऐसी हो, ताकि बजट अनुमान और वास्तविक बजट के बीच के अंतर को काम किया जा सके।

इन योजनाओं पर लगाई गई पाबंदी

वित्त विभाग ने जिन 73 योजनाओं पर अनुमति लेना जरूरी किया है, उनमें नगरीय विकास एवं आवास योजना की 08 योजनाएं हैं। इसमें कायाकल्प अभियान, महाकाल परिसर विकास योजना, नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण, एमनी अर्बन डवलपमेंट प्रोजेक्ट पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा कृषि विभाग की समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल उपार्जन पर बोनस, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना, ऋण समाधान योजना, औद्योगिकीकरण अधोसंरचना विकास, डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश इंवेस्ट ड्राइव, क्लस्टरों की स्थापना, वेदांत पीठ की स्थापना, रामपथ गमन अंचल विकास योजना, मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना, मुख्य जिला मार्गों एवं अन्य का नवीनीकरण, लाडली बहना आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, युवक-युवतियों को रोजगार प्रशिक्षण, ग्रामीण परिवहन नीति के क्रिय़ान्वयन, मां तुझे प्रणाम, स्टेडियम एवं अधोसंरचना निर्माण जैसी योजनाएं शामिल हैं।

इन 52 योजनाओं से हटाई गई रोक

वहीं, वित्त विभाग ने 52 योजनाओं से खर्च की पाबंदी को खत्म कर दिया है। जुलाई माह में वित्त विभाग ने 47 विभागों की 125 योजनाओं पर रोक लगाई थी। इसमें से 52 पर रोक हटा ली गई है। बताया जा रहा है कि आरबीआई से कर्ज लेने के बाद इन विभागों से रोक हटा ली गई है। उधर, बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता सतेन्द्र जैन के मुताबिक "प्रदेश में कोई भी योजना बंद नहीं हुई है। वित्त विभाग की अनुमति लेना वित्तीय अनुशासन की प्रक्रिया होती है। प्रदेश सरकार के पास पैसों की कमी नहीं है। लगातार नई योजनाओं पर काम हो रहा है और पुरानी योजनाओं का भी लाभ लोगों को मिल रहा है।" इधर, कांग्रेस ने सरकार द्वारा लगातार कर्ज लिए जाने को लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता आरोप लगाते हैं "सरकार की अधिकांश योजनाएं कर्ज लेकर चल रही हैं।

Saturday, May 13, 2023

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री ने ग्राम सीपत निवासी सेवानिवृत्त प्रधान पाठक गुहाराम के घर स्वादिष्ट छत्तीसगढ़ी व्यंजन का चखा स्वाद


हनीफ मेमन की रिपोर्ट

*खाने में परोसा गया मुनगा बड़ी, कोचई-मखना, चरपनिया, चेच एवं मुनगा भाजी*

*पत्रवानी परिवार ने पुष्प-गुच्छ और श्रीफल भेंट-कर मुख्यमंत्री का किया आत्मीय स्वागत*

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात अभियान के तहत आज मस्तूरी विधानसभा के ग्राम सीपत पहुँचे। यहां उन्होंने सेवानिवृत्त प्रधान पाठक गुहाराम पत्रवानी के आतिथ्य में उनके घर भोजन के लिए पहुंचे।

 मुख्यमंत्री का पत्रवानी परिवार ने घर के मुख्य द्वार पर तिलक-आरती, पुष्प-गुच्छ तथा श्री फल भेंटकर उनका आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने पत्रवानी परिवार के सदस्यों द्वारा सादगी के साथ परोसे गए स्वादिष्ट छत्तीसगढ़ी भोजन का स्वाद लिया। पत्रवानी परिवार ने पूरी आत्मीयता के साथ मुख्यमंत्री को भोजन में चावल, दाल, रोटी के साथ मुनगा बड़ी, मुनगा, कोचई-मखना, चरपनिया, चेच एवं मुनगा भाजी सब्जी एवं आमा की चटनी भी परोसा। 

घर के मुखिया गुहाराम और उनकी पत्नी श्रीमती अनुसुइया ने मुख्यमंत्री को अपने घर पर भोजन करता पाकर प्रसन्नता जताई। मुख्यमंत्री ने स्वादिष्ट छत्तीसगढ़ी भोजन के लिए श्री सूर्यवंशी एवं उनके परिजनों को उपहार भेंट-कर धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री को श्री सूर्यवंशी ने बताया कि उनके पास 2 एकड़ कृषि भूमि है और परिवार में 9 सदस्य हैं। 4 बेटे हैं जिसमें बड़ा बेटा घर की खेती, किसानी का कार्य एवं बाकी 3 बेटे पढ़ाई कर रहे हैं। प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, संसदीय सचिव एवं विधायक तखतपुर श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री राजेंद्र धीवर,श्री विजय केसरवानी उपस्थित रहे।

Tuesday, April 4, 2023

राहुल गांधी ने मानहानि मामले में सजा के खिलाफ सूरत कोर्ट में अर्जी की दाखिल

 


राहुल गांधी ने मानहानि मामले में सजा के खिलाफ सूरत कोर्ट में अर्जी की दाखिल

समाचार विज्ञापन और संवाददाता / रिपोर्टर बनने के लिए संपर्क करें : 9893221036

सूरत;  'मोदी सरनेम' केस में लोकसभा की सदस्यता गंवा चुके कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस फैसले को चुनौती देने के लिए सोमवार (3 अप्रैल) को सूरत कोर्ट पहुंचे. इस मामले में उनकी तरफ से दो याचिकाएं दाखिल की गईं. पहली याचिका दोषसिद्धि (Conviction) पर रोक लगाने की है और दूसरी याचिका सजा को सस्पेंड करने से जुड़ी है. कोर्ट ने उनको जमानत देते हुए.

इस याचिका पर 13 अप्रैल को सुनवाई करने का फैसला लिया. चलिए आपको बताते हैं राहुल ने अपनी अर्जी में क्या कहा है.   राहुल गांधी ने कहा कि निचली अदालत ने उनके साथ सख्ती बरती, जो एक सांसद के तौर पर उनके दर्जे से अत्यधिक प्रभावित थी. उन्होंने कहा कि 'मोदी समाज या रिकॉर्ड पर समुदाय' जैसी कोई चीज नहीं है. आपराधिक मानहानि मामले में 23 मार्च को मजिस्ट्रेट अदालत की ओर से उनकी दोषसिद्धि 'त्रुटिपूर्ण' और स्पष्ट रूप से गलत थी.

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें एक ऐसे तरीके से सजा सुनाई गई कि वह संसद सदस्य के तौर पर अयोग्य हो जाएं. उनका कहना है कि विपक्ष में एक राजनेता हमेशा अच्छे शब्दों में नहीं तौला जा सकता है. इसलिए कोर्ट पर निर्भर है कि भाषण के सार और भावना पर ध्यान केंद्रित किया जाए न कि टोन और टेनर पर. अर्जी के मुताबिक, मजिस्ट्रेट अदालत का फैसला पूर्वधारणा, अनुमान, अटकलबाजी और परिकल्पना के आधार पर जारी किया गया, जिसकी कहीं से भी आपराधिक कानून में अनुमति नहीं है.

उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि एक मजबूत और समझौता न करने वाला विपक्ष एक "सच्चे और स्वस्थ लोकतंत्र" के लिए बेहद जरूरी है. विपक्ष के किसी सांसद से सतर्क और आलोचनात्मक बयानों की ही उम्मीद या अपेक्षा की जाती है. ट्रायल कोर्ट का यह विचार कि एक सांसद को उसकी हैसियत के कारण बड़ी सजा दी जानी चाहिए, ये पूरी तरह से अनुचित और स्पष्ट रूप से अन्याय है. 

दरअसल, राहुल गांधी को 'मोदी सरनेम' से जुड़ी उनकी 2019 की टिप्पणी के लिए कोर्ट ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए ये टिप्पणी की थी. अब इस मामले में 13 अप्रैल को अगली सुनवाई होनी है. हालांकि, राहुल गांधी को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश होने की जरूरत नहीं होगी. सोमवार को कोर्ट में राहुल के साथ उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे. 

Monday, March 27, 2023

क्या राहुल गांधी से डर गई है भाजपा? : मानहानि के मामले में अधिकतम सजा, तुरंत संसद से बर्खास्तगी, आ रही साजिशों की बू


मानहानि के मामले में अधिकतम सजा, तुरंत संसद से बर्खास्तगी, आ रही साजिशों की बू

समाचार विज्ञापन और संवाददाता / रिपोर्टर बनने के लिए संपर्क करें : 9893221036

 क्या मानहानि और भ्रष्टाचार समेत अन्य आपराधिक कृत्य को लोकतांत्रिक व्यवस्था में बराबर माना जायेगा?

राहुल गांधी के साथ अन्याय हुआ है, कांग्रेस एकजुट होकर इसका विरोध करेगी- पूर्व सीएम कमलनाथ

समाचार विज्ञापन और संवाददाता / रिपोर्टर बनने के लिए संपर्क करें : 9893221036

विजया पाठक

दिनांक 24 मार्च 2023 भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला अध्याय में से एक माना जायेगा। नए भारत के इस अघोषित आपातकाल में क्या विपक्षी दलों से सवाल नहीं पूछने देंगे। चुनावी भाषणों के आधार पर आपराधिक मानहानी किसी दूसरे व्यक्ति से लगाई जाएगी और सजा दिलाकर आपको अपनी बात रखने जनता ने जो प्लेटफार्म दिया है वो भी छीन लिया जाएगा। दरअसल इस हाईटेक ज़माने का लोकतंत्र में अब सत्ताधारी दल या उसके नेता के खिलाफ बोलने, लिखने या देखने पर बैन है। अभी हाल ही में बीबीसी की गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री देशभर में बैन कर दी गई। पिछले कुछ सालों से राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर हमले कर रहे थे, भारत जोड़ो यात्रा के पहले वो भाजपा राहुल गांधी को सीरियसली नहीं लेती थी पर भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी को मिले जनता के सपोर्ट से भाजपा का नजरिया बदल गया। अडानी-नरेंद्र मोदी संबंधों के ऊपर आक्रामक राहुल गांधी की लंदन व्याख्यान से देश में भाजपा के लगभग हर नेता ने कोस-कोस कर देश की बदनामी का तमगा उनको पहनाने की कोशिश की और कमोबेश जो बात वो वहां बोलकर आए वही बात अब चरितार्थ सिद्ध हो गई है।

इतने सारे संयोग से सजा का मार्ग प्रशस्त

दिनांक 13 अप्रैल 2019 को राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार से चुनावी रैली में एक भाषण दिया और जनता से प्रश्न पूछा कि जिसमें नीरव मोदी, ललित मोदी को लेकर बोला कि सारे चोर मोदी सरनेम वाले क्यों है? इसके बाद 16 अप्रैल 2019 को गुजरात सरकार के पूर्वमंत्री और सूरत से विधायक पूर्णेश मोदी ने आईपीसी की धारा 499, 500 और 504 से राहुल गांधी के ऊपर आपराधिक मानहानि का मामला सूरत की अदालत पर दाखिल किया गया। अपनी ही मानहानि पिटीशन पर पिटीशनर पुर्णेश मोदी 2022 में गुजरात हाईकोर्ट से स्टे ले आए। फरवरी 2023 में पिटीशनर पुर्णेश मोदी पुन: हाईकोर्ट गए और अपने लगाए स्टे का खात्मा करवा लिया। सूरत की अदालत से राहुल गांधी को इस "मानहानि मामले" में सर्वोच्च सजा अर्थात दो साल की सजा हुई, पर उनको आगे अपील करने के लिए 30 दिन की जमानत भी दी। सजा मिलने के 48 घंटे के भीतर राहुल गांधी को लोकसभा के सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया। गौर करने वाली बात यह है रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट में दो वर्ष या उससे ऊपर की सजा में सांसदी या विधायकी जाती है। कुल मिलकर इतने संयोग हुए जिससे पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा है। आजाद भारत में पहली बार किसी नेता को भाषण के कारण सजा और संसद सदस्यता गई है।

शाहीन बाग में दिल्ली हाईकोर्ट की थी टिप्पणी- "चुनावी भाषाओं को लाईटली लेना चाहिए"

शाहीन बाग मामले में जब भाजपा के केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने "गोली मारो सालों को" को लेकर लोग दिल्ली हाईकोर्ट गए तो अदालत ने यह कहकर इसे खारिज कर दिया "चुनावों में दिए भाषण सामान्यता आम दिनों से अलग रहते हैं, कई बार माहौल बनाने के लिए ऐसे भाषण दिए जाते हैं जिसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। इसके आगे माननीय अदालत ने यह भी टिप्पणी की अगर यह बात हंसकर की गई है तो कोई मामला नहीं बनता है"। वैसे विपक्षी नेताओं के खिलाफ हर पार्टी के नेता कुछ ना कुछ जरूर बोलते हैं। जैसे कि इटली वाली, मंदबुद्धि, 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड, कपड़े पहनकर नहाना, यह तो स्वयं मोदी जी के कुछ चुनिंदा चुनावी शब्द थे। छिंदवाड़ा में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ को कपटनाथ और झूठनाथ कहा। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कमलनाथ को भ्रष्टाचारी और लूट खसोटी करने वाला कहा। भाजपा नेताओं की बदजुबानी पर तो 500 पन्नों की किताब लिखी जा सकती है। बात समझने की यह है कि लोकतंत्र में तो नेता बोलकर ही कोई अपना विरोध दर्ज करता है। पर आज भारत में अलोकतांत्रिक तरीके से चुप कराने के लिए मानहानि जैसे गैर-आपराधिक कृत्य को आपने आपराधिक कृत्य वाले नेताओं की लाइन में ही लगा दिया। अभी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ही 2019 में भाजपा के विधायक को आपराधिक मामले में सजा होने पर विधायकी से बर्खास्त करने पर, कांग्रेस सरकार को शिवराज सिंह चौहान आलोकतांत्रिक घोषित कर दिया था और 02 मिनिट का वीडियो जारी किया था। आज भारत की इस मामले में दुनिया भर में भर्त्सना की गई है।

यह लोकतंत्र की हत्या है- कमलनाथ, पूर्व मुख्‍यमंत्री, मप्र

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर लिखा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के सम्मानित नेता राहुल गांधी के खिलाफ षडयंत्र करने में सारी हदें पार कर दी हैं। जिस तरह से उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द की गई है, उससे स्पष्ट है कि मोदी सरकार राहुल गांधी से भयभीत हैं। कमलनाथ ने कहा कि सरकार उनके उठाए सवालों का जवाब देने के बजाय उन्हें लोकसभा से दूर करने का रास्ता तलाश रही थी। आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुख और पीड़ा का दिन है। लेकिन एक बात अच्छी तरह याद रखनी चाहिए कि ऐसे ही षडयंत्र स्व. इंदिरा गांधी के खिलाफ भी किए गए थे, लेकन उससे इंदिरा जी मजबूत ही हुई थीं, कमजोर नहीं। आज भारत की जनता पहले से कहीं मजबूती के साथ राहुल गांधी के साथ खड़ी है, इंसाफ होकर रहेगा। कमलनाथ ने कहा कि घर थोड़े ही ना बैठेंगे। राहुल गांधी पूरे देश में दौरा करेंगे। मोदी सरकार के भ्रष्टाचार और उनके चहेते खरबपति लोगों के संबंधों को उजागर करेंगे। मोदी जी विदेशों में जमा कालाधन वापस लाओ या गद्दी छोड़ो। लड़ेंगे और जीतेंगे। इसके अलावा प्रदेश के अन्‍य कांग्रेसी नेताओं ने भी राहुल गांधी पर हुए इस एक्‍शन पर आक्रोश जताया है।

किस दिशा में जा रहा है हमारा लोकतंत्र

संसद के भीतर अब ऐसी स्थिति आ गई कि विपक्षियों को बोलने नही दिया जा रहा है। डाक्‍यूमेंटेशन देने नहीं दिया जाता है। राहुल गांधी जब संसद में बोलते हैं तो उनका जबाव सरकार नहीं देती है। सब पूछना चाहता है कि संसद में सवाल करना कौनसा गुनाह है। मोदी सरकार को राहुल का सवाल पूछना ही गलत लगता है। इतिहास जरूर पूछेगा कि संसद में सवाल पूछने से क्‍यों रोका गया है। संसद में उनके पूरे भाषण को हटा दिया जाता है। आज राहुल गांधी पर हुई कार्यवाही से पूरा विपक्ष उनके साथ खड़ा हो गया है। सही मायनों में कहा जाये तो इस कार्यवाही से पूरे विपक्ष को एक होने का अवसर दे दिया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का दोष यही था कि देश से भाग गए भगोडों के नाम उन्होंने भरी सभा में पुकारे थे। लेकिन यह असली सवाल नहीं है। यह सवाल व्यक्ति राहुल गांधी तक सीमित है। यह सवाल उस प्रवृत्ति तक नहीं जाते जिसके केंद्र में राहुल गांधी नाम का व्यक्ति है। उस प्रवृत्ति को समझने के लिए नए जमाने की तानाशाही और उसे लागू करने के अत्याधुनिक औजारों को गौर से देखना होगा। सारा खेल इस बात का है कि कोई भी तानाशाह, सत्ता हमेशा के लिए अपने हाथ में चाहता है और उसके लिए हर वह हथकंडा अपनाता है जिससे उसकी सत्ता मजबूत होती है और हर उस संस्था को कमजोर या बर्बाद कर देता है जो उसके साथ सत्ता की हिस्सेदारी करना चाहती है। भारत में सत्ता पाने का सीधा माध्यम चुनाव में जीत हासिल करना होता है। इसलिए सबसे पहले जरूरत होती है कि चुनाव को प्रभावित किया जाए या यूं कहें उसे अपने कब्जे में लिया जाए।

आज वर्तमान में गौर से देखा जाए तो लोकतंत्र का दमन करने के लिए यही हथकंडे पूरे देश में अपनाए जा रहे हैं। राहुल गांधी इसके ना तो पहले शिकार हैं और ना ही आखरी। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, केएसआर सब के ऊपर यही हथकंडे अपनाए गए हैं। फर्क बस इतना है कि किसने अपना दामन किस हद तक बचा कर रखा है और उसकी राजनैतिक वजनदारी कितनी है। निश्चित तौर पर राहुल गांधी इन सभी नेताओं में सबसे ज्यादा वजनदार है। वे इनकम टैक्स से नहीं डरे, सीबीआई से नहीं डरे, ईडी की 60 घंटे तक चली पूछताछ से नहीं डरे, एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने से नहीं डरे, उनके खिलाफ वर्षों से चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान से नहीं डरे, देश के सबसे बड़े धन्ना सेठ की तिजोरी से नहीं डरे और तानाशाह से आंख में आंख मिलाकर संसद और सड़क पर उसका कच्चा चिट्ठा खोलने से नहीं डरे। इसलिए उन्हें रास्ते से हटाने के लिए अतिरिक्त मेहनत की जा रही है। लेकिन असल बात तानाशाही से संघर्ष की है। जब कोई तानाशाह गद्दी पर बैठता है, तो मीडिया, गोदी मीडिया बन जाता है, संवैधानिक प्रक्रिया कांस्टीट्यूशनल हार्डबाल बन जाती हैं और पूरा लोकतांत्रिक ढांचा शरीर से लोकतांत्रिक दिखता है लेकिन उसकी प्रवृत्ति तानाशाही की हो जाती है। पुलिस चोर को नहीं पकड़ती, फरियादी को पकड़ती है। अदालत अपराधी को दंडित नहीं करती, फरियादी से सवाल करती है। न्याय की मूल भावना मर जाती है और प्रक्रिया ही कानून बन जाती है। जुल्म को न्याय की तरह प्रचारित किया जाता है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ‘भरोसे का सम्मेलन’ कार्यक्रम में जिलेवासियों को दी करोड़ों की सौगात


मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ‘भरोसे का सम्मेलन’ कार्यक्रम में जिलेवासियों को दी करोड़ों की सौगात


555 करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास और 176 करोड़ के निर्माण कार्यों का किया लोकार्पण 

मुंगेली से हनीफ मेमन की रिपोर्ट : 99931 88567

 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज नगर पंचायत सरगांव में आयोजित ‘भरोसे का सम्मेलन’ कार्यक्रम में जिलेवासियों को करोड़ों की सौगात दी।

जिसमें 555 करोड़ 42 लाख रूपए के विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास और 176 करोड़ 12 लाख रूपए के विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण शामिल है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मुंगेली विकासखण्ड के ग्राम मोतिमपुर-अमरटापू में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी/हिन्दी माध्यम स्कूल भवन निर्माण (285 लाख रूपए), पथरिया विकासखण्ड के सरगांव में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी/हिन्दी माध्यम स्कूल भवन निर्माण (285 लाख रूपए), तीनों विकासखण्डों के 189 शासकीय, प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी शालाओं में मरम्मत कार्य (390.23 लाख रूपए), तीनों विकासखण्डों के 87 शालाओं में दीर्घ एवं लघु मरम्मत कार्य (177.72 लाख रूपए), विकासखण्ड लोरमी में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी/हिन्दी माध्यम स्कूल भवन निर्माण (301 लाख रूपए), जिले के तीनों विकासखण्डों के 17 हाट बाजार क्लीनिकों में भवन निर्माण (88.40 लाख रूपए), कारीडोंगरी से दरवाजा मार्ग में मनियारी नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण कार्य (625.74 लाख रूपए), ग्राम जगताकापा से बछेरा सड़क मार्ग 9.27 किमी (112.86 लाख रूपए), टी 06 मुंगेली-पथरिया रोड से हथनीकला 9.12 किमी (114.45 लाख रूपए), टी 07 से चमारी 9.16 किमी (215.29 लाख), तखतपुर पथरिया सड़क तरकीडीह से (कुकुसदा) 10.26 किमी (123.18 लाख रूपए), टी 04 से कोहड़िया 10.56 किमी (228.56 लाख रूपए), एल 087 भुरखा से एस. एच. 26 5.26 किमी (107.01 लाख रूपए), एस. एच. 26 से भठलीखुर्द 09 किमी (426.12 लाख रूपए), फास्टरपुर से पौनी 7.05 किमी (305.24 लाख रूपए), एल 045 से बटहा 12 किमी (386.92 लाख रूपए), बिजराकापा से मोहतराकुर्मी 5.88 किमी (141.08 लाख रूपए), भीमपुरी से ढोठमा 8.46 किमी (114.21 लाख रूपए), टी 04 से सांवतपुर 5.55 किमी (104.97 लाख रूपए), पथरिया सरगांव रोड से लमती 17.25 किमी (539.84 लाख रूपए), मोतिमपुर (अमरटापू) मंदिर पहुंच मार्ग की पुलिया का चौड़ीकरण का कार्य 214.31 लाख रूपए, मोतिमपुर (अमरटापू) मंदिर के दोनों तरफ से पहुंच मार्ग 397.18 लाख रूपए, पलानसरी से बोड़तरा तक मार्ग निर्माण कार्य लंबाई 2.00 कि.मी. 118.51 लाख रूपए,

जिला मुंगेली में न्यायिक अधिकारियों-कर्मचारियों के लिये 01 बी टाईप, 01 ई टाईप, 01 एफ टाईप, 03 जी टाईप, 16 एच टाईप, एवं 09 नग आई टाईप शासकीय आवास गृह का निर्माण कार्य 487.50 लाख रूपए, अमोरा में शासकीय नवीन महाविद्यालय भवन का निर्माण कार्य 465.84 लाख, लाखासार से डोंगरिया तक पहुंच मार्ग लं. 3.00 कि.मी. 257.15 लाख, कोटा लोरमी पंडरिया राज्य मार्ग से मुंगेली लोरमी मुख्य मार्ग तक 700 मीटर पहुंच मार्ग का निर्माण कार्य 141.73 लाख, मनियारी जलाशय योजना के अन्तर्गत राजीव गांधी गार्डन का निर्माण कार्य 290.3 लाख रूपए, गबदा जलाशय योजना के शीर्ष कार्य का जीर्णोद्धार, मुख्य नहर एवं शाखा नहर में सीमेंट कांक्रीट लाइनिंग कार्य 232.78 लाख रूपए, कन्हैयानाला जलाशय योजना के शीर्ष कार्य का जीर्णोद्धार, मुख्य नहर एवं शाखा नहर में सीमेंट कांक्रीट लाइनिंग कार्य 232.67 लाख रूपए, मनियारी (खुड़िया) जलाशय का सौन्दर्यीकरण, वाटर स्पोर्टस सेन्टर,

पार्क, पिकनिक स्पॉट का निर्माण, रेस्टहाऊस/निरीक्षण गृह का उन्नयन तथा एप्रोच सी.सी. रोड निर्माण एवं रेलिंग कार्य 277.60 लाख रूपए, मनियारी जलाशय योजना के डी-3 शाखा नहर की रतियापारा माइनर नहर के 6.50 कि.मी. तक सी.सी. लाइनिंग कार्य पुराने पक्के कार्यों का जीर्णोद्धार एवं नवीन पक्के कार्यों का निर्माण 541.86 लाख रूपए, टेसुवा व्यपवर्तन योजना के मुख्य नहर आर. डी. से 13.30 कि.मी. तक एवं माइनर नहरों का लाइनिंग एवं पक्के कार्यों का जीर्णोद्धार कार्य 954.61 लाख रूपए, आगर व्यपवर्तन योजना के मुख्य नहर में (अंतिम छोर तक) सीमेंट कांक्रीट लाइनिंग 1942.27 लाख रूपए, ग्राम करही/धरमपुरा में स्थित शासकीय भूमि में संभागीय एवं दो उपसंभागीय कार्यालय तथा कार्यपालन अभियंता एवं अनुविभागीय अधिकारी हेतु आवासीय भवन निर्माण कार्य 166.92 लाख रूपए, मनियारी जलाशय योजना के डी - 2 शाखा नहर की धनगाँव वितरक नहर के कि.मी. 5.00 से कि.मी. 26.00 (अंतिम छोर) तक सी.सी. लाइनिंग कार्य 2271.68 लाख रूपए, टेसुवा नाला में ग्राम संबलपुर के पास एनीकट निर्माण कार्य 237.05 लाख रूपए, टेसुवा नाला में ग्राम घुठेली के पास एनीकट निर्माण कार्य 374.22 लाख रूपए, रहन नाला में ग्राम जेवरा के पास एनीकट योजना का निर्माण कार्य 283.87 लाख रूपए, मनियारी जलाशय के डी - 2 शाखा नहर की मुंगेली वितरक नहर के कि.मी. 5.00 से कि.मी. 25.50 ( अंतिम छोर ) तक सी.सी. लाइनिंग कार्य एवं पुराने पक्के कार्यो का जीर्णोद्धार एवं नवीन पक्के कार्यों का निर्माण 2252.75 लाख रूपए, मनियारी जलाशय के डी - 2 शाखा नहर की खपरी वितरक नहर के बीच शेष सी. सी. लाइनिंग कार्य एवं पुराने पक्के कार्यों का जीर्णोद्धार पक्के कार्यों का निर्माण 1533.81 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम कोहडिया 107.16 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम घोरपुरा 110.17 लाख,

जल जीवन मिशन कार्य ग्राम नवागांव चीनू 118.18 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम बलौदी 106.18 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम भरदा 100.91 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम जमहा 111.91 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम पुरान 163.92 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम बुंदेली 159.16 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम नवागांव टे. 163.17 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम विचारपुर 133.10 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम मदनपुर(चारभाठा) 115.15 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम सिपाही 131.27 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम लोहड़िया 110.59 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम खैरवार बी. 103.00 लाख रूपए, जल जीवन मिशन अंतर्गत विकासखण्ड मुंगेली में एकल जल प्रदाय योजना 3901.09 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम बगबुड़वा 103.93 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम बरछा 114.34 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम खपरी 144.02 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य ग्राम सोनपुरी 108.42 लाख रूपए, जल जीवन मिशन कार्य

ग्राम अमलीकापा 116.03 लाख रूपए, खुड़िया समूह (आउट विलेज इन्फ्रास्ट्रक्चर) 29011.99 लाख रूपए, मुंगेली में डाॅ. भीमराव अम्बेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन निर्माण कार्य 146.25 लाख रूपए, मुंगेली के 01 से 22 वार्डों में विभिन्न स्थानों पर 26 सीसी सड़क एवं 10 आर.सी.सी.नाली निर्माण कार्य 185.01 लाख रूपए, पथरिया में पुलिस स्टेशन रोड से होते हुए नेशनल हाईवे तक नाला निर्माण कार्य 223.34 लाख रूपए, पथरिया के वार्ड क्र. 15 में धनेश्वरी के घर से मोहन के घर तक, रति यादव के घर से मोहन के घर तक, धनेश्वरी साहू के घर से जगदीश के घर तक, दिनेश पठारी के घर से दूजराम वर्मा के घर तक, पुरूषोत्तम के घर से मेनरोड तक, प्रीति खालसा के घर से गौकरण के घर तक सीसी रोड निर्माण कार्य 24.12 लाख रूपए,  पथरिया के वार्ड क्र. 14 में यादव समाज सामुदायिक भवन से आंगनबाड़ी तक नरेन्द्र शर्मा के घर से लक्ष्मी पहारे के घर तक सीसी रोड निर्माण कार्य एवं वार्ड क्र. 12 में तालाब से पायल स्टोर तक नाली/नाला/पंलिया निर्माण कार्य 25.45 लाख रूपए, पथरिया में छत्तीसगढ़ विपणन संघ मर्यादित (मार्कफेड) सरगांव में 1800 मि. टन गोदाम, बाउण्ड्रीवाल, सीसी रोड एवं गोदाम कीपर (चौकीदार हट्स) निर्माण कार्य 123.30 लाख रूपए, मंडी बोर्ड निधि से विधानसभा क्षेत्र बिल्हा के अंतर्गत ग्राम मचहा से लमती पहुंच मार्ग में 1.50 किमी डब्ल्यूबीएम रोड निर्माण कार्य 27.63 लाख रूपए, मंडी बोर्ड निधि से ग्राम सरगांव, साकेत मुख्य मार्ग से ग्राम भखरीडीह पहुंच मार्ग में 1.50 किमी डब्ल्यूबीएम रोड निर्माण कार्य 27.63 लाख रूपए, मंडी बोर्ड निधि से चन्दखुरी में हाट बाजार निर्माण कार्य 94.75 लाख रूपए, मंडी बोर्ड निधि से जरहागांव में हाट बाजार निर्माण कार्य 43.09 लाख रूपए, मंडी बोर्ड निधि से पथरिया में हाट बाजार निर्माण कार्य 23.84 लाख रूपए के विकास कार्यों का शिलान्यास किया। 

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मुगेली-लोरमी एमडीआर देवरी से कोदवाबानी 9.9 कि.मी. सड़क 600.52 लाख रूपए, कुँआगांव से एस. एच 26 (5 कि.मी.) 137.30 लाख रूपए, लोहड़िया से कोसमा 8.4 कि.मी. 606.25 लाख रूपए, एनएच-130 मुंगेली बरेला रोड से बटहा 8.1 कि.मी. 618.78 लाख रूपए, बिलासपुर- मुंगेली सड़क (रामगढ़) से जमहा, गीधा एमडीआर 9.7 किमी 442.02 लाख रूपए, टेमरी एमडीआर रोड़ से चकरभाठा 16.9 कि.मी. 1253.87 लाख रूपए, मुंगेली - पथरिया एमडीआर रोड से गंगद्वारी वाया नहनाजोता 12.75 कि.मी. 976.30 लाख रूपए, मोतिमपुर से खैरझिटी पदमपुर, बिरगांव 14.6 कि.मी. 1170.96 लाख रूपए, पथरिया लमती सड़क से छिंदभोग 10.2 कि.मी. 387.07 लाख रूपए, लालपुर थाना, देवरहट से तेलियापुरान 11.85 किमी 881.68 लाख रूपए, एसएच-10 लीलापुर से राम्हेपुर 11.4 किमी 511.01 लाख रूपए, एसएच 26 कोदवामहंत से कोसाबाड़ी कंचनपुर 9.1 किमी 685.39 लाख रूपए, टी 11 लोरमी - मुंगेली एम. डी. आर. (परसाकापा) से डी 2 केनाल 7.9 किमी 552.77 लाख रूपए,

जिला मुंगेली के मेन रोड केनाल से तखतपुर रोड (ढोढमी) 5.00 कि.मी. का निर्माण कार्य (वर्ष 2020-21) 584.74 लाख रूपए, मुंगेली के पण्डरभठा में शा.उ.मा. वि. भवन का निर्माण (वर्ष 2019-20) 121.16 लाख रूपए, जिला मुंगेली के तुरवारी से मोहतरा कुर्मी मार्ग पुल पुलिया सहित लं. 2.40 कि. द्यमी. का निर्माण कार्य (वर्ष 2020-21) 454.21 लाख रूपए, ग्राम तेलीखाम्ही से गोविंदपुर मार्ग निर्माण लं. 2.00 किमी. पुलिया सहित (वर्ष 2019-20) 238.83 लाख रूपए, जिला मुंगेली के बटहा कौहाबांधा से खेकतरा मार्ग पुल पुलिया सहित लं. 5.00 कि.मी. (4.825) (द्वितीय अनुपूरक वर्ष 2020-21) (लोन क्र. 04 पैकेज क्र. 65) 699.97 लाख रूपए, कंसरा एनीकट योजना का निर्माण कार्य 596.95 लाख रूपए, लोटननाला जलाशय के शीर्ष कार्य का जीर्णोद्धार, मुख्य एवं शाखा नहरों में सीमेंट कांक्रीट लाइनिंग कार्य 210.30 लाख रूपए,

मनियारी जलाशय के डी-3 नहर आर.डी. 15000 मी. से आर.डी. 26890 मी. तक सी. सी. लाइनिंग कार्य 1064.08 लाख रूपए, मनियारी जलाशय के डी-1 नहर आर. डी. 40850 मी. से आर.डी. 53000 मी. तक सी.सी. लाइनिंग कार्य 801.45 लाख रूपए, मनियारी नदी पर सोल्हाबेला एनीकट का निर्माण कार्य 760.80 लाख रूपए, आगर नदी पर अमरपुर एनीकट का निर्माण कार्य 629.00 लाख रूपए, पथरिया व्यपवर्तन योजना के मुख्य नहर में सी. सी. लाइनिंग कार्य (आर.डी. 1200 मी. से आर.डी. 19200 मी. तक) 1882.94 लाख रूपए, मुंगेली विकासखण्ड में महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क लिम्हा 120 लाख रूपए व महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क संबलपुर 120 लाख रूपए, लोरमी विकासखण्ड में महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क चंदली 120 लाख रूपए व महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क सांवतपुर 120 लाख रूपए और पथरिया विकासखण्ड में महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क धरदेई 120 लाख रूपए व महात्मा गांधी औद्योगिक पार्क सिलतरा 120 लाख रूपए और पथरिया के वार्ड क्र. 14 में सामुदायिक भवन निर्माण कार्य 24.100 लाख रूपए के निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया।

भरोसे के सम्मेलन में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की किश्त पाकर खुश हैं किसान

 


भरोसे के सम्मेलन में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की  किश्त पाकर खुश हैं किसान

मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताते हुए किसानों को ताकत देने वाली योजना बताया

खेती-किसानी में इस राशि से मिलेगी मदद


मुंगेली से हनीफ मेमन की रिपोर्ट

मुंगेली जिले के सरगांव में आयोजित भरोसे के सम्मेलन में राजीव गांधी किसान न्याय योजना की किश्त मिलने पर किसानों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताते हुए इस योजना को किसानों को ताकत देने वाली योजना बताया। किसान श्री संतोष धृतलहरे, श्री दादूराम साहू सहित अन्य किसानों ने एक स्वर में कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की किश्त मिलने पर संबल मिला है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल किसनिहा मुख्यमंत्री है। वे किसानों के दर्द को समझते हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों की बेहतरी के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। सभी ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की मात्रा 15 क्विंटल से बढ़ाकर 20 क्विंटल करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब अतिरिक्त धान को औने-पौने दाम पर बेचने की मजबूरी नहीं रहेगी।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना की किश्त पाकर खुश हैं किसान


पथरिया ब्लॉक के उमरिया गांव निवासी किसान श्री संतोष धृतलहरे के पास 22 एकड़ कृषि भूमि है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत उन्हें 4 किश्तों में 2 लाख 28 हजार 417 रूपए प्राप्त हुए हैं। वे संयुक्त परिवार में रहते है। उन्होंने बताया कि इस राशि को अच्छे उत्पादन के लिए खेती-बाड़ी में खर्च करते हैं। यह योजना हमारे लिए वरदान साबित हुई है। बच्चों की शादी में भी इस राशि से सहूलियत मिली है। इसी प्रकार लौहदा के किसान श्री दादूराम ने बताया कि वे 20 एकड़ में खेती किसानी करते हैं। उन्हें इस योजना में चौथी किश्त मिलाकर एक लाख 68 हजार रुपए मिले हैं। उन्होंने बताया कि इससे मुझे आर्थिक रूप से मजबूत होने का एक अवसर मिला है। हमें खेती-किसानी के लिए साहूकारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। अनावश्यक ब्याज देने से हमें मुक्ति मिली है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिलने वाली राशि से हम अन्य जरूरतों को भी पूरा कर पा रहे है

Friday, March 24, 2023

राहुल गाँधी की संसद सदस्यता खत्म : मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद गई सांसदी


 राहुल गाँधी की संसद सदस्यता खत्म : मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद गई सांसदी


राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत गई है। इसके तहत दो साल या उससे ज्यादा समय के लिए जेल की सजा पाने वाले व्यक्ति को ‘दोषी ठहराए जाने की तारीख से’ अयोग्य घोषित किया जाएगा और वह सजा पूरी होने के बाद जनप्रतिनिधि बनने के लिए छह साल तक अयोग्य रहेगा, यानी वो 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएगा

कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी को उनकी 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से शुक्रवार को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस संबंध में आज लोकसभा सचिवालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई। गांधी केरल के वायनाड जिले से सांसद हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 110 (1) (ई) के संदर्भ में सहपठित जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्यता का प्रावधान किया गया है। 1951 के अधिनियम में यह प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति दोषी ठहराया जाता है और दो साल या उससे अधिक के लिए कारावास की सजा सुनाई जाती है तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और उसकी रिहाई के बाद छह साल की एक और अवधि के लिए वह अयोग्य बना रहेगा।

गौरतलब है कि अयोग्यता का फैसला पलटा जा सकता है, यदि हाईकोर्ट अपील में संबंधित व्यक्ति की सजा पर रोक लगाता है या संबंधित व्यक्ति के पक्ष में दोषसिद्धि के खिलाफ दायर अपील का फैसला करता है। यह याद किया जा सकता है कि गुजरात के सूरत जिले की एक अदालत ने कल कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी को अप्रैल 2019 में करोल में एक राजनीतिक अभियान के दौरान की गई उनकी टिप्पणी "सभी चोर मोदी उपनाम शेयर क्यों करते हैं" के लिए मानहानि के मामले में दोषी ठहराया था ।

 मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एच एच वर्मा की अदालत ने रा हुल गांधी को आईपीसी की धारा 499 (मानहानि), 500 (मानहानि की सजा) के तहत दोषी पाए जाने के बाद दो साल कैद की सजा सुनाई और 15,000 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। हालांकि अदालत ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया और 30 दिनों के भीतर अपील दायर करने के मामले में उन्हें जमानत दे दी, लेकिन उनकी दोषसिद्धि को निलंबित नहीं किया गया, जो कि अयोग्यता पर रोक के लिए आवश्यक है। यह आदेश भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी की एक शिकायत पर आया है। पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत उनकी कथित टिप्पणी के लिए दायर किया था जिसमें दावा किया गया था कि राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए 'मोदी' उपनाम के साथ सभी लोगों को बदनाम किया।

Monday, March 6, 2023

जेल में ही मनेगी मनीष सिसोदिया की होली, 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में


जेल में ही मनेगी मनीष सिसोदिया की होली, 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में


आबकारी नीति में घोटाले के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है। सीबीआई सोमवार को सिसोदिया को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची। पेशी के बाद कोर्ट ने सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

आप नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की होली तिहाड़ जेल में मनेगी। दिल्ली आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 मार्च तक के लिए भेज दिया है। सोमवार को सिसोदिया को सीबीआई की रिमांड खत्म होने पर राउज एवेन्यू कोर्ट लाया गया था। सुनवाई के बाद सिसोदियो को पुलिस सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल ले जाया गया। उन्हें गीता, डायरी और पेन रखने की इजाजत दी है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दवाएं रखने की भी इजाजत मिली है।

कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया। सिसोदिया की अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही पेशी होगी। दरअसल, चार मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की सीबीआई रिमांड को दो दिन और बढ़ा दिया था। हालांकि सीबीआई ने अदालत से मनीष सिसोदिया को तीन और दिनों के लिए रिमांड पर देने की मांग की थी। अदालत ने सिसोदिया द्वारा दायर जमानत पर सीबीआई को नोटिस भी जारी किया। सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 10 मार्च को होगी।

आपको बता दें कि दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एक सप्ताह से सीबीआई की हिरासत में हैं। सिसोदिया को गिरफ्तारी के बाद पांच दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था। उन्हें शनिवार को अदालत में पेश किया गया था, विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने केंद्रीय एजेंसी को दो और दिनों के लिए अपनी रिमांड पर भेजा था।


सिसोदिया की और रिमांड मांगते हुए, सीबीआई के वकील ने कहा था, "वह अभी भी असहयोगी है और हमें दो व्यक्तियों के साथ उसका सामना करने के लिए उसकी और हिरासत की आवश्यकता है।" सीबीआई ने अदालत से कहा था, "उनके मेडिकल में काफी समय चला गया। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में एक पूरा दिन चला गया, जिसे खारिज कर दिया गया।

नई शराब नीति में हुए भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शनिवार दोपहर राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान सीबीआई मुख्यालय से लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट तक सुरक्षा के भारी बंदोबस्त रहे। एहतियात के तौर पर दिनभर डीडीयू मार्ग को बंद रखा गया था।

Tuesday, February 28, 2023

आयुक्त जनसंपर्क की नाक के नीचे माध्यम का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी निकला आईटी हेड आत्माराम शर्मा

 


आयुक्त जनसंपर्क की नाक के नीचे माध्यम का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी निकला आईटी हेड आत्माराम शर्मा


पोल खोल खबरों के लिए हम से जुड़े 9893221036

  • *आत्‍माराम ने अपनी पत्नि के नाम मासिक पत्रिका तूर्यनाद को दिलवाया 35 लाख का विज्ञापन*
  • *मोटी तनख्वाह लेने के बाद भी जरूरतमंद पत्रकारों का हिस्सा चट करने से नहीं चूके माध्‍यम के अधिकारी*

*विजया पाठक, भोपाल*

अंधेर नगरी चौपट राजा.... यह कहावत आपने जरूर सुनी होगी। इस कहावत को सही कर दिखाया है मध्यप्रदेश जनसंपर्क संचालनालय की अधीनस्थ संस्था मध्यप्रदेश माध्यम में काम करने वाले आईटी हेड आत्माराम शर्मा ने। भ्रष्टाचार, घूसखोरी और कमीशनखोरी में लिप्त आत्माराम की करतूतों की परतें खुलना शुरू हो गई हैं। वर्षों से माध्यम की एक ही शाखा में पदस्थ आत्माराम शर्मा किस तरह से फर्श से अर्श तक पहुंचे हैं इसके बारे में हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बतायेंगे। 

लेकिन उससे पहले आत्माराम शर्मा की करतूतों को जान लेना जरूरी है। दरअसल बीते दिनों सूचना के अधिकार के तहत जनसंपर्क विभाग से जानकारी चाही गई कि मासिक पत्रिका और बेवसाइटों को शासन द्वारा कितना विज्ञापन मिला है। जब जानकारी हाथ लगी तो उसमें विज्ञापन के एवज में संस्थाओं को दी जाने वाली राशि देख आंखें खुली की खुली रह गई। डेढ़ से दो लाख रूपये महीने तन्ख्वाह पाने वाले आत्माराम शर्मा को जनसंपर्क विभाग से मासिक पत्रिका तूर्यनाद के लिए ढाई लाख रूपये और बेवसाइट को 30 लाख रूपये से अधिक का विज्ञापन जारी हुआ है। 

आत्माराम शर्मा यह पत्रिका अपनी पत्नी के नाम से चलाते हैं और इसी नाम से उन्होंने बेवसाइट का संचालन भी किया। सूचना के अधिकार में विज्ञापन के एवज में जो राशि दिये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है उससे साफतौर पर यह मालूम चलता है कि आत्माराम शर्मा की यह हरकत माफी योग्य नहीं है। उन्होंने जरूरतमंद और गरीब पत्रकारों के हक का पैसा खाया है। उनके द्वारा किया गया यह ऐसा घिनौना कृत्य है जिसके लिए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। सूत्रों के अनुसार आत्माराम के इस खेल में जनसंपर्क और माध्यम के कई आला अधिकारी और बाबू भी शामिल हैं, जो मिलवाट कर जनसंपर्क विभाग का बट्टा बैठाने में लगे हुए हैं।

*करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार में लिप्त हैं आत्‍माराम*

एक डेलीवेज वर्कर के रूप में पहली बार माध्यम में काम करने आये आत्माराम शर्मा ने अपनी नियुक्ति के कुछ सालों में ही जो तरक्की की है उससे साफ यह जान पड़ता है कि आत्माराम शर्मा किस हद तक भ्रष्टाचारी हैं। उनकी कार्यशैली शुरू से ही संदेहात्मक रही है। शर्मा ने पैसों के प्रभाव में पहले तो गलत ढंग से प्रमोशन लिये और जब उन्हें प्रमोशन मिल गये तो वे इसका गलत फायदा उठाते हुए माध्यम में होने वाली खरीदी में भ्रष्टाचार को अंजाम देने लगे। बीते दिनों माध्यम में प्रशासन के निर्देशानुसार इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की बड़ी खरीदी हुई है। यह खरीदी संदेह के घेरे में है। बताया जाता है कि आत्माराम ने माध्यम के प्रमुख पद पर बैठे अफसर को अपना झांसे में लेते हुए बाजार से कई गुना महंगी कीमतों पर खरीदी की है और इससे मिलने वाला भ्रष्टाचार का पैसा उन तक पहुंचाया है। अगर इस खरीदी की सही ढंग से जांच हो जाये तो माध्यम के अंदर ही एक बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो जायेगा।

*क्‍या शर्मा के भ्रष्टाचार की जानकारी के अभाव में हैं आयुक्त?*

जनसंपर्क आयुक्त राघवेन्द्र कुमार सिंह खुद एक सुलझे हुए व्यक्ति हैं। उनका उद्देश्य समय-सीमा पर बेहतर कार्य करना है। लेकिन माध्यम के आला अफसरों ने उनकी नाक के नीचे जिस तरह का भ्रष्टाचार फैला रखा है, क्‍या उससे आयुक्त पूरी तरह से अनभिज्ञ है? आत्माराम शर्मा द्वारा किया गया भ्रष्टाचार उसी का एक उदाहरण है। इसका बड़ा कारण है कि जनसंपर्क आयुक्त राघवेन्द्र कुमार सिंह अधिकत्तर समय जनसंपर्क संचालनालय में बैठते हैं। वे माध्यम कम ही आते जाते हैं। माध्यम के तथाकथित वरिष्ठ अफसर जो जानकारी उन्हें देते हैं उसे वे सच मानकर स्वीकार कर लेते हैं। जबकि आयुक्त को इसकी तह में जाना चाहिए जिससे उन्हें वहां के अन्य भ्रष्टाचारों की जानकारी भी मिलेगी। किसी एक अफसर के कह देने मात्र से सभी चीजों को सही मान लेना एक वरिष्ठ अफसर के लिए समझदारी भरा कदम नहीं है।

*निरतंर पढ़ते रहिए आत्माराम शर्मा और माध्‍यम में हो रहे भ्रष्टाचार की परतें...*

Friday, February 24, 2023

'LG वीके सक्सेना का कोई भी सीधा आदेश न मानें', दिल्ली की AAP सरकार ने सभी अधिकारियों को दिया निर्देश

'
LG वीके सक्सेना का कोई भी सीधा आदेश न मानें', दिल्ली की AAP सरकार ने सभी अधिकारियों को दिया निर्देश


]अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल के सीधे आदेशों का अनुपालन करना बंद करें। सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के सचिवों को इस संबंध में लिखा है और निर्देश दिया है कि कार्य आवंटन नियम (TBR) का पूरी तरह से पालन किया जाए

LG जारी कर रहे सचिवों को आदेश, ये संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन

नई दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी द्वारा सचिवों को सीधे आदेश जारी करना संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। 

राजधानी में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने विभाग सचिवों को पत्र लिखकर ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (टीबीआर) का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। सचिवों को निर्देशित किया गया है कि एलजी से प्राप्त किसी भी सीधे आदेश की सूचना प्रभारी मंत्री को दें। 

एलजी कर रहे संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन 

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एलजी द्वारा सचिवों को सीधे आदेश जारी करना संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और संविधान के उल्लंघन में आदेशों के कार्यान्वयन को सरकार द्वारा गंभीरता से देखा जाएगा। 

एलजी कर रहे निर्वाचित सरकार को दरकिनार 

टीबीआर और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के नियम 49 और 50 का उल्लंघन करते हुए एलजी निर्वाचित सरकार को दरकिनार करते हुए विभाग सचिवों को आदेश जारी कर रहे हैं। एलजी के ऐसे अवैध सीधे आदेशों को लागू करना टीबीआर के नियम 57 का उल्लंघन माना जाएगा।

कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा पर ऐसी कार्यवाही निन्दनीय, भूपेश बघेल के कारण छत्तीसगढ़ में हो रहा मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी


कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा पर ऐसी कार्यवाही निन्दनीय, भूपेश बघेल के कारण छत्तीसगढ़ में हो रहा मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी

..

  • छत्तीसगढ़ में आपातकाल की स्थिति, पूरे प्रदेश में रासुका लगाना, पत्रकार को जेल भेजना, पुलिस से धमकाना भी मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी
  • भूपेश के राज में डेमोक्रेसी नहीं हिटलरशाही है
  • अधिवेशन में भूपेश के भ्रष्‍टाचार पर भी हो मंथन

विजया पाठक

कांग्रेस के प्रवक्‍ता पवन खेड़ा के साथ कुछ दिन पहले दिल्‍ली एयरपोर्ट पर जो हुआ वो भारत के लोकतंत्र में झटका सा था। पहली बार विपक्षी दल के किसी मुख्य प्रवक्ता को आनन फानन में असम पुलिस द्वारा एयरपोर्ट पर कार्यवाही की गई। वैसे जैसा पवन खेड़ा के साथ जो आज सुलूक हुआ है, वैसा व्यवहार छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के लिए आम बात है। पवन खेडा़ के साथ हुए व्‍यवहार को लेकर कांग्रेस भले ही हल्‍ला मचा रही हो लेकिन उन्‍हें छत्‍तीसगढ़ में तो यह आम बात है। 

वहां तो आये दिन गैर कानूनी कार्यवाहियां हो रही हैं। कांग्रेस को छत्‍तीसगढ़ की तरफ ध्‍यान देना चाहिए। प्रदेश के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने तो प्रदेश में लोकतंत्र का मजाक बनाकर रख दिया है। इसका एक उदाहरण तो मैं ही हूं जब मेरे भोपाल आवास में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने पुलिस भेजकर मुझे डराना चाहा था। छत्तीसगढ़ सरकार की ज्यादतियां उन सभी के लिए बड़ी आम सी बात है, जो छत्तीसगढ़ के भय-भ्रष्टाचार-दमन के खिलाफ लिखते या आवाज उठाते हैं। चाहे रायपुर के पत्रकार सुनील नामदेव या बस्तर के पत्रकार सिर्फ एक उदाहरण भर हैं, जिसने ने भूपेश बघेल और इनके भ्रष्ट चांडाल चौकड़ी के खिलाफ आवाज उठाई, उस पर अवैधानिक पुलिसिया कार्यवाही की गई।

        जब इससे भी बात नहीं बनी तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरे प्रदेश में ही रासुका यानी घोषित आपातकाल लगा दिया। मैं कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के की बात से पूरा इत्तेफाक रखती हूं कि आज के समय लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है, पर इसमें दायित्व कांग्रेस पार्टी का भी है, क्योंकि लोकतंत्र को सबसे ज्यादा असुरक्षित करने का काम आपके छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया है। छत्तीसगढ़ में सरकार नहीं सिंडीकेट का राज है। भले ही सिंडिकेट के कुछ लोग अभी जेल में हैं पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री दागियों और भ्रष्टाचार से ओत-प्रोत अधिकारियों को अपनी कोटरी में रखा है। जिस अडानी को कांग्रेस पानी पी-पीकर कोसते हैं उसके लिए हसदेव के जंगल साफ करवाने का काम भूपेश बघेल ने ही दिए थे। राहुल गांधी के अनुसार आदिवासी ही क्षेत्र का मूल नागरिक हैं। ऐसे में जिस प्रदेश की कुल आबादी में 35% आबादी आदिवासियों की हो वहां, अपनी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की स्थिति आपने खराब कर रखी है। आज छत्तीसगढ़ की साख दांव पर लग चुकी है। हर 08-10 दिनों में कोई बड़ी गिरफ्तारी के साथ मनी ट्रेल पकड़ा जाता है। कुल मिलाकर सारी बातों का लब्बोलुबाब यह है कि जिस इंसान ने घर में आग लगाई हो वो क्या दुनिया को रोशन करेगा।

कहीं भूपेश बघेल पर भारी न पड़ जाये सौम्‍या चौरसिया?

सौम्या चौरसिया के जेल जाते ही छत्तीसगढ़ की फिजा एकदम बदल गई। मुख्यमंत्री की खासमखास सौम्या और उसकी टीम के सूर्यकांत और पार्टी तो जेल में हैं ही उनके बाद अब आईपीएस अफसर, राजनेता अब ईडी के हत्थे चढ़ने वाले हैं। हालात यह है कि सौम्या के पति सौम्‍या को बाहर लाने की रोज भूपेश से गुहार लगाते हैं। कुछ नही हो पा रहा है। समीर विश्‍नोई ईडी की कार्यवाही से अभी जेल में है। समीर विश्‍नोई की पत्नि अपने पति को छुडवाने के लिए प्रतिदिन भूपेश बघेल से मिलने जाती है। लेकिन बताया जाता है कि बघेल ने अब उनसे मिलना ही बंद कर दिया है। भूपेश बघेल अब तो यह भी कहने लगे हैं कि मैंने थोड़ी कहा था कि भ्रष्‍टाचार करो। लेकिन सब जानते हैं कि समीर जैसे भ्रष्‍टाचारियों को शह किसने दी थी। सौम्या ने भी अंदर से धमकी दे दी है कि में बाहर नहीं आयी तो सबको अंदर पहुंचाउगी। ईडी के पास भूपेश बघेल के खास विनोद वर्मा की युगबोध वाली मनी ट्रेल की जानकारी पहुंच गई है। ऐसे में अभी काफी लोगों का अंदर जाना पक्का है। इसके साथ-साथ ऊपर के दिग्गज के 52 करोड़ की ट्रेल की जैकपॉट भाजपा के पास ईडी के माध्यम से लग गई है। मैं कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की सफल होने की आशा करती हूं ताकि इन तीन दिनों के चिंतन मनन के बाद कम से कम अपने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के भय-भ्रष्टाचार-दमन का राज नजर आए और कम से कम छत्तीसगढ़ में मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी बंद हो।

क्या छत्तीसगढ़ में बनेगा आदिवासी मुख्यमंत्री?

आज से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन चालू हो गया है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के आदिवासी कार्ड के जवाब में कांग्रेस कुछ व्यापक फेरबदल कर सकती है, इसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री का तिलकोत्सव से प्रारंभ किया जा सकता है। वैसे भी देश में भूपेश बघेल के नाम पर तानाशाह का टैग लग गया है, जो हालत निर्मित हो रहे है। कभी वो खुद ही ना अंदर चले जाए इस कारण छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आलाकमान कैसी आदिवासी को मुख्यमंत्री बना सकती है, जिसमें मोहन मरकाम का नाम काफी आगे चल रहा है।

Thursday, February 23, 2023

पवन खेड़ा को SC से बड़ी राहत : दिल्ली की अदालत को अंतरिम ज़मानत देने का आदेश


पवन खेड़ा को SC से बड़ी राहत : दिल्ली की अदालत को अंतरिम ज़मानत देने का आदेश


सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को गिरफ्तारी से संरक्षण और कई प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने के अनुरोध संबंधी याचिका को 27 फरवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ तथा वाराणसी और असम में प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं.

दिल्ली की अदालत को अंतरिम ज़मानत देने का आदेश

नई दिल्‍ली: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश आया है. सुप्रीम कोर्ट से पवन खेड़ा को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने कहा है कि दिल्‍ली कोर्ट पवन खेड़ा को मंगलवार तक अंतरिम जमानत दे. साथ ही कोर्ट ने याचिका पर सीमित सुनवाई मंजूर की. सभी एफआईआर के क्लब करने पर नोटिस जारी कर दिया है. खेड़ा के खिलाफ उत्‍तर प्रदेश और असम में एफआईआर दर्ज हैं. पुलिस अब पवन खेड़ा को असम नहीं ले जा पाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को द्वारका कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने द्वारका कोर्ट को खेड़ा को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "दिल्ली की क्षेत्राधिकार वाली कोर्ट अंतरिम जमानत दें. मंगलवार तक अंतरिम जमानत दी जाए.

खेड़ा को संरक्षण के लिए आदेश जारी कर रहे हैं. इस बीच खेड़ा निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल करें. उत्‍तर प्रदेश और असम में दर्ज एफआईआर एक साथ जोड़ने पर सोमवार को सुनवाई करेंगे." सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा, "जो पवन खेड़ा ने कहा वो नहीं कहना चाहिए था, मैं ये मानता हूं. उन्होंने खुद माना कि जुबां फिसल गई थी. उन्होंने माफी भी मांगी थी. उनको रिहा करने के आदेश दिए जाएं.

अदालत उनको संरक्षण दे. देश में किसी भी राजनीतिक बयानबाजी पर ये गंभीर केस नहीं लगाए जा सकते. ये अभिव्‍यक्ति की आजादी का हनन है. गिरफ्तारी में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. खेड़ा ने जो अपराध किया है उसमें 3 और 5 साल की ही अधिकतम सजा है. सीजेआई ने कहा, "हम सभी एफआईआर के एक राज्य में निर्धारित कर देते हैं, ताकि वह राहत के लिए हाईकोर्ट जा सकें. इस स्टेज पर.हम एफआईआर रद्द नहीं कर सकते." इस दौरान प्रधामंत्री पर दिया गया गया बयान सुनाया गया. इस पर सीजेआई ने पूछा कि ये सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मामला कैसे?

इससे पहले सिंघवी ने सीजेआई को सूचित किया कि खेड़ा दिल्ली हवाईअड्डे से सुबह 11 बजे उड़ान भरने वाले थे, लेकिन उन्हें विमान से उतार दिया गया. प्रधानमंत्री के बारे में उनके द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर असम, लखनऊ और वाराणसी में उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई हैं. खेड़ा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 153बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. हालांकि, वह व्यक्तिगत रूप से विवादित बयानों का अनुमोदन नहीं करते हैं. लेकिन वाराणसी, लखनऊ और असम की एफआईआर को एक साथ जोड़ा जाना चाहिए.

Tuesday, February 21, 2023

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भर गया है भ्रष्टाचार का घड़ा, ईडी की चंगुल में आए आरपी सिंह, विनोद तिवारी, रामगोपाल अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव और सन्नी अग्रवाल


ईडी की चंगुल में आए आरपी सिंह, विनोद तिवारी, रामगोपाल अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव और सन्नी अग्रवाल


  • भूपेश के भय-भ्रष्टाचार-दमन के चक्र के कारण पूरी कांग्रेस पार्टी को होना पड़ा शर्मिंदा
  • ईडी के दायरे में राज्‍य के आला पुलिस अफसर!


भोपाल // विजया पाठक

छत्‍तीसगढ़ का कोल परिवहन खनन घोटाला अब काफी चर्चित होने लगा है। ईडी ने अपनी चार्जशीट में 270 करोड़ की उगाही और इसकी बंदरबांट का लेखाजोखा पेश किया है इसमें 170 करोड़ रूपये सौम्‍या चौरसिया ने अपनी जेब में डाल लिये जबकि सूत्रों का कहना है कि 52 करोड़ रूपये से अधिक रूपये भूपेश बघेल के हाथ में पहुंचाये गए। यही नही 12 करोड़ रूपये से अधिक की रकम छत्‍तीसगड़ के पूर्व और वर्तमान विधायकों के अलावा अन्‍य नेताओं को उपलब्‍ध कराई गई थी। इतने बड़े घोटाले के बावजूद भी मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोपों के दायरे में आए अधिकारियों और कारोबारियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत कोई प्रकरण दर्ज नही किया जबकि ईडी ने आरोपी अधिकारियों और कारोबारियों का पूरा ब्‍यौरा कोर्ट में प्रस्‍तुत किया है। बताते हैं कि ईडी आर्थिक अपराधों की जांच कर रही है वह सिर्फ मनी लांड्रिंग तक सीमित है, जबकि आरोपियों के अपराध आईपीसी की कई धाराओं के दायरे में है।

      आखिर जिसकी आशंका थी वही बात सच साबित हुई। दरअसल सौम्या चौरसिया पर प्रवर्तन निदेशालय ने जो दूसरी चार्टशीट प्रस्तुत की उसमें कांग्रेस में उपरोक्त नेताओं के नाम भी थे। ईडी के सूत्रों के मुताबिक अब उनकी नजर प्रदेश के आईपीएस लॉबी के अलावा उनके पुत्र का भी नाम है! पूछताछ में उनके पुत्र का नाम लिया गया है। ऐसे में कहना अतिश्योक्ति नहीं कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पापों का घड़ा भरता नजर आ रहा है। ईडी द्वारा हाल ही में पेश की गई चार्जशीट में शामिल बघेल और चौरसिया के करीबियों के नाम को देखने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भूपेश बघेल और सौम्या चौरसिया के लिए आने वाले दिनों में समस्या और बढ़ सकती है। एक तरफ प्रदेश में ईडी और आयकर विभाग की टीम सक्रियता के साथ कार्य कर रही है। वहीं, दूसरी इस हफ्ते कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होना है। 

ऐसे में राष्ट्रीय अधिवेशन से पू्र्व ही राज्य में बड़े उलटफेर की संभावनाएं बन रही हैं। बताया जा रहा है कि बघेल और चौरसिया के जिन करीबियों के नाम ईडी ने चार्जशीट में शामिल किये हैं उनमें कई ऐसे हैं जिनके पास बघेल और चौरसिया के भ्रष्टाचारों का पुलिंदा है। चार्जशीट में ईडी ने स्पष्ट तौर पर इस बात का उल्लेख किया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उपसचिव सौम्या चौरसिया के करीबियों के पास मौजूद दस्तावेज बघेल और चौरसिया के लिए मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा आरिफ शेख, अभिषेक माहेश्वरी, आनंद छाबरा, अभिषेक पल्लव, प्रशांत अग्रवाल, भोजराम पटेल और दीपांशु काबरा जैसे पुलिस महकमे के अधिकारियों की भी गिरफतारी की आशंका जताई जा रही है। जिन्‍होंने भूपेश सरकार में जमकर अपने पद का दुरूपयोग किया है और अपने पद के दुरूपयोग करते हुए आमजन के साथ-साथ मीडियाकर्मियों को काफी परेशान किया। इसके अलावा भूपेश के काले कारनामों में साथ दिया।

बघेल के करीबी आरपी सिंह समेत अन्य कांग्रेस नेताओं की सक्रियता संदेह के घेरे में

इस बात से नेता, अफसर और जनता सभी अच्छी तरह से परिचित हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबियों में आरपी सिंह का नाम शीर्ष पर है। आरपी सिंह मुख्यमंत्री बघेल के सभी काले-पीले कारनामों का हिसाब रखते हैं और समय-समय पर बघेल के इशारे पर विपक्षी दलों पर बयानबाजी करते दिखाई देते हैं। कहने को तो आरपी सिंह पार्टी प्रवक्ता हैं, लेकिन जिस हिसाब से उनके ठाठ हैं उसको देखकर साफतौर पर कहा जा सकता है कि एक पार्टी प्रवक्ता इतना धनवान भला कैसे हो सकता है। पार्टी कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर खासी चर्चा है। पार्टी कार्यकर्ताओं में आरपी सिंह द्वारा रायपुर के डीडी नगर इलाके में तैयार करवाई जा रही हवेली की चर्चा भी आम है। हर कोई इस बात को लेकर अचंभित हैं कि कभी रुपये-रुपये के लिए मोहताज आरपी सिंह अचानक अरबपति कैसे बन गया। चर्चा इस बात को लेकर भी है कि कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी और आरपी सिंह के बीच बड़ा आर्थिक लेन-देन हुआ है, जिसके बाद सिंह का बर्ताव ही बदल गया है।

रमन सरकार में अफसर ने लगाया था मानहानि का केस

बताया जाता है कि रमन सरकार के खिलाफ फालतू की बयानबाजी को लेकर आरपी सिंह पर रमन सिंह के प्रमुख सचिव अमन सिंह ने मानहानि का केस भी दर्ज किया था। उस समय आरपी सिंह टीएस सिंहदेव के पास हुआ करते थे। लेकिन बदलते समय के साथ ही आरपी सिंह ने पहले ही भाप लिया था कि आगामी सरकार में बघेल मुख्यमंत्री हो सकते हैं इसलिए उन्होंने तुरंत टीएस सिंह देव का पल्ला छोड़ भूपेश बघेल का पल्ला पकड़ लिया था। इसके बाद जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह और टीएस सिंहदेव के बीच संघर्ष छिड़ा तो उसकी नींव रखने वालों में भी आरपी सिंह का नाम बताया जाता है।

ईडी की चार्जशीट में आरपी सिंह पर दर्ज है 50 लाख रूपये

सूत्रों का कहना है कि ईडी द्वारा जारी की गई चार्जशीट में आरपी सिंह के नाम पर 50 लाख रुपये की राशि दर्ज है। यह राशि उन्होंने कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी से कोयला घोटाला करने के लिए ली थी। ईडी ने सौम्या चौरसिया के खिलाफ पेश की गई चार्जशीट में उन पन्नों का हवाला भी दिया है, जिसमें कई कांग्रेसी नेताओं को दी जाने वाली नगद रकम का हिसाब-किताब दर्ज है।

अफसरों की नियुक्तियां भी संदेह के घेरे में

भूपेश बघेल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। राज्य के भीतर भ्रष्टाचार इस तरह से चरम पर पहुंच चुका है कि अब उसके दायरे में आईएएस अफसर भी आ गये हैं। राज्य के भीतर इन दिनों इस बात को लेकर खासी चर्चा चल रही है कि बघेल सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय भ्रष्ट अफसरों को रिटायरमेंट के बाद भी नियुक्ति पर रख रही है। ताजा मामला रिटायर्ड निरंजन दास से जुड़ा है। निरंजन दास को बघेल के करीबी अफसरों में गिना जाता है। यही कारण है कि बघेल ने रिटायरमेंट के तुरंत बाद ही निरंजन दास को संविदा नियुक्ति देते हुए उन्हें कई प्रमुख विभागों का दायित्व सौंप दिया है। निरंजन दास को आबकारी विभाग में आबकारी आयुक्त बनाया गया है। जबकि देखा जाये तो निरंजन दास रिटायरमेंट के पहले से ही इस विभाग में डटे हुए थे और उन्होंने रमन सरकार के जाते और बघेल सरकार के आने के बाद भ्रष्टाचार का अंधाधुंध खेल मचाया है जिसकी आंच अब बघेल के मंत्रालय और मुख्यमंत्री निवास तक आने लगी है। निरंजन दास एक मात्र नाम है। राज्य में ऐसे कई भ्रष्ट अफसर हैं जिनका पुनर्वास बघेल सरकार के कार्यकाल में अपनी रोटियां सेंकने के लिए किया गया है।

      खैर भूपेश बघेल इसे बदले की कार्यवाही बोले पर 500 करोड़ के ऊपर की जब्ती और कार्टेल का जवाब किसी के पास नहीं है। शायद इसी के मद्देनजर उन्होंने प्रदेश में घोषित आपातकाल भी लगा कर रखा है ताकि मेरे जैसे लोगों को चुप कर सकें। अब इनके कदाचार के कारण ही कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन भूपेश के कारण शर्म में बदल जाएगा।

Sunday, January 31, 2021

अवैध संबंध पर संग्राम : नेशनल तीरंदाजी कोच ने स्टेडियम में पत्नी को पीटा




अवैध संबंध पर संग्राम: नेशनल तीरंदाजी कोच ने स्टेडियम में पत्नी को पीटा जबलपुर के रानीताल स्पोर्ट क्लब स्टेडियम में उस वक्त हंगामा हो गया जब नेशनल आर्चरी के कोच की पत्नी ने अचानक स्टेडियम पहुंच गई, जिसके बाद पति ने उसकी पिटाई कर दी. पत्नी ने अपने कोच पति पर आर्चरी की एक छात्रा के साथ प्रेम संबंध होने का आरोप लगाया है.


Friday, January 15, 2021

मैहर विधायक नारायण ने उठाई आवाज, कहा-पृथक विंध्य के लिए होगा जन आंदोलन

मैहर विधायक नारायण ने उठाई आवाज, कहा-पृथक विंध्य के लिए होगा जन आंदोलन
TOC NEWS @ www.tocnews.org

भोपाल // विनोद मिश्रा : 8770448757

खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 9893221036

मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने विन्ध्यवासियों के अंदर दबी चिंगारी को एक बार फिर से हवा दे दी है। उन्होंने पृथक विंध्य प्रदेश की मांग करते हुए जन आंदोलन शुरू करने की बात कही है। कहा कि युवाओं के बीच जनजागरण किया जाएगा। इसके लिए दल से बाहर आकर विंध्य के लिए सभी पार्टी के नेताओं का साथ मांगा है। कहा है कि सबसे चर्चा भी की जाएगी। इस संबंध में न केवल मुख्यमंत्री बल्कि प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा गया और विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि दो साल पहले भी विंध्य महोत्सव में यह बात उठाई गई थी लेकिन किन्हीं कारणों से गत वर्ष यह आयोजन नहीं हुआ है। इस बार फिर हमने इस बात को दोहराया है। अब यह मुद्दा बड़े स्वरूप में जनजागरण और जनआंदोलन के साथ जनता के बीच ले जाया जाएगा। विंध्य प्रदेश पहले हमारा था, बाद में विन्ध्य का विलय मध्यप्रदेश में किया गया लेकिन जब विभाजन की बात आई तो छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाया गया।

अलग विन्ध्य प्रदेश बनाने की मांग दबी रह गई।


 

अब यह अवधारणा सत्य साबित हो गई है कि छोटे राज्यों का विकास ज्यादा तेजी से और सुनियोजित तरीके से होता है, लिहाजा अब एक बार फिर जरूरत आ गई है कि विन्ध्य प्रदेश का नये सिरे से गठन किया जाए और उसे अलग राज्य का दर्जा दिया जाए।

Sunday, November 22, 2020

आप पार्टी मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव लड़ेगी, प्रदेश में विपक्ष की भूमिका में आप : पंकज सिंह

आप पार्टी मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव लड़ेगी, प्रदेश में विपक्ष की भूमिका में आप : पंकज सिंह
TOC NEWS @ www.tocnews.org

खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 9893221036

जबलपुर । आज आम आदमी पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक जबलपुर में सुबह 11:00 बजे मदन महल चौक कार्यलय में आयोजित हुई। बैठक में मुख्य अतिथि आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह जी उपस्थित रहे।

पंकज सिंह ने प्रदेश के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में होने वाले आगामी नगरीय निकाय, नगर पंचायत, जिला पंचायत एवं अन्य लोकल चुनाव प्रदेश में पार्टी पूरी ताकत से लड़ने जा रही है। प्रदेश में इस बार लोकल चुनाव आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच होगा।

दिल्ली की तरह मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस खत्म होती जा रही है। पंकज सिंह जी ने कहा कि जनता कांग्रेस को वोट देकर विधायकों को चुनकर विधानसभा में भेजती है मगर कांग्रेस के विधायक अधिकतर विधायक बिकाऊ निकले। वहीं भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त करके सरकार बना लेती है। कांग्रेस पर से जनता का विश्वास खत्म हो गया है।

पंकज सिंह ने कहा कि प्रदेश के पदाधिकारी पूरी तरह कमर कस कर जनता के बीच जाकर दिल्ली माडल जनसेवक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा किये गए कार्यों को घर-घर जाकर बताएंगे। आज जनता आम आदमी पार्टी पर बहुत आश लगाकर बैठी है। प्रदेश की जनता कांग्रेस को वोट देकर अपना वोट बर्बाद नही करना चाहती। 

नगर निगम चुनाव घोषणा पत्र पर होगा :- डॉ मुकेश जायसवाल

दोपहर 3:00 बजे मध्य प्रदेश के 52 जिलों के जिलाध्यक्ष की बैठक आयोजित की गई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री डॉ मुकेश जयसवाल उपस्थित रहे। जिला अध्यक्षों को प्रदेश संगठन मंत्री डॉ मुकेश जायसवाल ने संबोधित करते हुये कहा कि इस बार भ्रष्टाचार मुक्त नगर निगम सरकार बनाने के लिए संकल्पित होकर सभी जिला अध्यक्षों को जनता के बीच गांव-गांव,मोहल्ले-मोहल्ले व घर-घर जाकर एक नई राजनीति की क्रांति तैयार करनी होगी। हमें सत्ता के लिए नहीं, व्यवस्था परिवर्तन के लिए प्रदेश की जनता के पास जाना होगा।

डॉ जायसवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव सभी सीटों पर लड़ेगी, वही कांग्रेस अब बिकाऊ पार्टी बन गई है। प्रदेश में दूसरे विकल्प में सिर्फ आम आदमी पार्टी दिख रही है। देश व प्रदेश में विपक्ष खत्म हो गया है। प्रदेश संगठन सचिव आशीष सिंगरहा ने कहा कि जबलपुर नगर निगम को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए जबलपुर जिले की जनता एक कदम "आप" के साथ चलने को तैयार है। बस हमारे साथियों को जनता के बीच जाने की जरूरत है। 

जमीन पर काम करने के लिए प्रदेश के सभी जिलाध्यक्ष को रणनीति बना कर दी गई है। आज की बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश उपाध्याय व भगवत सिंह राजपूत, प्रदेश सचिव आशुतोष तिवारी, संगठन सचिव आशीष सिंगरहा, नरेश दांगी, संदीप साहू व एस पी सिंह, प्रदेश प्रवक्ता धनेन्द्र जैन, जिला अध्यक्ष मनोहर लाल जाटव, नगर अध्यक्ष विकास सोनकर, जिला सचिव बृजेश चतुर्वेदी, जिलाउपाध्यक्ष नजीर खान, सोशल मीडया जिला अध्यक्ष अमीर खान, जिला प्रवक्ता डॉ ओम बाबू जांगिड़, देवी सिंह, जगदीश माली, मनोज, सनी, युवराज, विश्वकर्मा, प्रवीण परसाई, दुर्गेश विश्वकर्मा उपस्थित रहे।

Thursday, November 12, 2020

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप 2023 जारी : जनसहभागिता और मॉनिटरिंग का नया ढाँचा बनाया जायेगा : मुख्यमंत्री चौहान

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप 2023 जारी : जनसहभागिता और मॉनिटरिंग का नया ढाँचा बनाया जायेगा : मुख्यमंत्री चौहान
TOC NEWS @ www.tocnews.org

खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 9893221036

भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मिंटो हॉल में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के विकास का रोडमैप-2023 जारी किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस ऐतिहासिक अवसर पर कहा कि विकास में जनसहभागिता और मॉनिटरिंग की व्यवस्था का नया ढाँचा खड़ा किया जायेगा। ग्राम, जनपद और जिला स्तर पर दीनदयाल समितियाँ गठित कर जनसहभागिता और मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जायेगी। आधुनिक टेक्नालॉजी का हर क्षेत्र में व्यापक उपयोग कर विकास कार्यों में पारदर्शिता बढ़ायी जायेगी। खेती में आधुनिक ढंग से उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाकर खेती को लाभ का धंधा बनाया जायेगा। किसानों को पी.एम. सम्मान निधि और मुख्यमंत्री सम्मान निधि के रूप में हर साल कुल 10 हजार रूपये की सम्मान निधि दी जायेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की रणनीति पर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप जारी करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में अधोसंरचना विकास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, अर्थव्यवस्था एवं रोजगार और सुशासन पर स्पष्ट रणनीति तैयार की गई है। इस रोडमैप के आधार पर मंत्री अपने विभागों की योजना तैयार कर क्रियान्वित करेंगे। मंत्री एवं प्रशासन के हर स्तर पर जिम्मेदारी तय की जायेगी और उसकी प्रत्येक स्तर पर सख्त मॉनिटरिंग होगी।

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश रोडमैप-2023 के विमोचन अवसर पर विशिष्ट अतिथि सांसद श्री वी.डी. शर्मा, मिंटो हॉल में एवं भारत सरकार के नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत वी.सी. के माध्यम से शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रोडमैप का विमोचन कर उसके क्रियान्वयन के लिये रोडमैप की प्रति मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस को सौंपी। इस अवसर पर अनेक मंत्री, विधायक, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने कहा कि कोरोना कॉल में सिर्फ मध्यप्रदेश ने वेबिनार आयोजन की यह महत्वपूर्ण पहल की। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप को लागू कर मध्यप्रदेश देश के अग्रणी प्रांत की पहचान बनाएगा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी हमारे प्रेरक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी हमारे प्रेरक हैं। उनसे सदैव उत्साह और ऊर्जा प्राप्त होती है। उन्होंने कोरोना की चुनौती को अवसर में बदलने का आव्हान कर आत्मनिर्भर भारत के लिए सभी राज्यों से सहयोग की अपील की थी। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश आवश्यक है। इसके लिए किए गए प्रयास आज प्रदेश की जनता के सामने इस रोडमैप के रूप में रखे जा रहे हैं, क्योंकि मध्यप्रदेश की जनता मेरी आराध्य है। मध्यप्रदेश मेरा मंदिर है। यह जनता मेरे लिए भगवान है। इस मंदिर का पुजारी शिवराज सिंह चौहान है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में आर्थिक संकट से लोगों को उबारना एक चुनौती थी। हमने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों तक राशि पहुंचाई। इन परिस्थितियों में मध्यप्रदेश का रोडमैप प्रस्तुत करना भी एक विशेष कार्य था, जिसे अपनी चाह से हमने पूरा किया। अब रोडमैप को लागू करने के लिए निरंतर कार्य होगा। धनराशि की व्यवस्था भी की जाएगी। निजी क्षेत्र की सहभागिता भी सुनिश्चित की जायेगी।

मध्यप्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बने इसके लिए आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा देंगे। सड़कों के निर्माण के साथ ही अधोसंरचना संबंधी सभी कार्य और नर्मदा जल सहित पानी की एक-एक बूंद का उपयोग करते हुए कृषि क्षेत्र को भी लाभकारी व्यवसाय बनाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। थर्मल पावर के साथ ही सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग होगा। ओंकारेश्वर जलाशय में सोलर पेनल बिछाएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालयों तक विद्यार्थियों को बसों से लाने की व्यवस्था होगी। पढ़ाई से कोई वंचित नहीं रहेगा। लघु जलसंरचनाओं का जाल बिछाया जाएगा। जहां पूर्व में 7 लाख हेक्टेयर से 31 लाख हेक्टेयर तक सिंचाई क्षेत्र बढ़ाया गया था, उसे 60 लाख तक पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) एक आंदोलन के रूप में विस्तार प्राप्त करेंगे। संसाधनों के बंटवारे का ध्यान रखते हुए जितनी आबादी उतनी राशि के सिद्धांत पर कार्यों का क्रियान्वयन होगा।

 लोकल को वोकल बनाने का ध्येय

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में रोजगार के माध्यम से अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना एक प्रमुख कार्य रहेगा। लोकल को वोकल बनाने का ध्येय है। स्थानीय उत्पाद को बिक्री से जोड़ा जाएगा। महिला सशक्तिकरण भी स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री को प्रोत्साहन देते हुए बढ़ेगा। ग्रामीण महिलाओं के कौशल को निखार कर उनके व्यवसाय को लाभकारी बनाया जाएगा। इसी तरह सांस्कृतिक गतिविधियों से रोजगार वृद्धि के प्रयास होंगे। छोटे व्यापारियों को तकलीफ न हो, बड़े व्यापारी यदि बेईमानी करते हों, वे सावधान हो जाएं क्योंकि आम लोगों को परेशानी में डालने वाले छोड़े नहीं जाएंगे। अपराधी तत्व कुचल दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग प्राप्त किया जाएगा।

सहभागिता और सकारात्मक सोच आवश्यक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश गढ़ने में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि विकास में प्रत्येक नागरिक की सहभागिता आवश्यक है। इसके साथ ही सकारात्मक सोच का भी महत्व है। हम सभी सकारात्मक होकर प्रदेश के विकास में भागीदारी करें। एक जिद, जूनून और जज़्बे के साथ सभी प्रदेश की प्रगति के लिए कार्य करें। हमारा मध्यप्रदेश गान भी इसी भाव का परिचायक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नीति आयोग ने प्रदेश के रोडमेप के निर्माण में सहयोग किया है। लोक सेवा प्रबंधन विभाग रोडमैप क्रियान्वयन में समवन्य करेगा। अन्य सभी विभाग सक्रिय भागीदारी करेंगे। दीनदयाल समितियों के माध्यम से भी समन्वय स्थापित किया जाएगा। कोरोना के संदर्भ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अभी यह समस्या पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। मास्क ही वैक्सीन है। दीपावली भी सावधानी से सभी लोग मनाएं। कोरोना पूरी तरह समाप्त होगा। 'ये रैन अंधेरी बीतेगी, पतवार चलाते जाएंगे, मंजिल आएगी, जरूर आएगी'। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वामी विवेकानन्द जी के कथन का स्मरण करते हुए कहा कि आज यह जरूरी है कि सभी उठें, जागें और तब-तक कार्य करें, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

रोड मैप में है विकास का विजन

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि रोडमैप- 2023 के विमोचन अवसर का यह कार्यक्रम अभिनव है क्योंकि इसमें प्रदेश के विकास के विजन को सामने रखते हुए ग्रामीण स्ट्रीट वेंडर्स को लाभान्वित करने का महत्वपूर्ण कल्याणकारी यज्ञ भी पूरा हो रहा है। इस रोडमैप में एक विजन के दर्शन होते हैं। ये विकास का विजन है। मुख्यमंत्री श्री चौहान विकास के प्रति अत्यंत गंभीर और निरंतर कार्य करने वाले मुख्यमंत्री हैं।

मध्यप्रदेश ने कोरोना से निपटते हुए रोडमैप भी बना लिया - श्री अमिताभ कांत

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभिताभ कांत ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विशिष्ट अतिथि के रूप में भागीदारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की रणनीति के अनुरूप मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने विभिन्न विषय-विशेषज्ञों से परामर्श कर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किया है। इस रोडमैप को प्रदेशवासियों के सामने रखा गया है। जब सभी राज्य सिर्फ कोरोना से ही लड़ रहे थे, तब मध्यप्रदेश ने कोरोना से लोगों के बचाव के लिए अच्छे प्रबंध करते हुए प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए यह रोडमैप तैयार करने का महत्वपूर्ण कार्य किया जो निश्चित ही प्रशंसनीय है। उल्लेखनीय है कि 7 से 11 अगस्त की अवधि में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप को तैयार करने के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चार मुख्य विषयों भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, स्वास्थ्य एवं शिक्षा और अर्थव्यवस्था एवं रोजगार पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किये। इन वेबिनार्स में नीति आयोग के प्रतिनिधि, सुशासन, स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थव्यवस्था से जुड़े विषय-विशेषज्ञों को आमंत्रित कर उनके सुझाव प्राप्त किये गये। वेबिनार्स में प्राप्त सुझाव के आधार पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रशासनिक अधिकारियों ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप की कार्ययोजना तैयार की।

प्रारंभ में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के रोडमैप को तैयार करने का श्रेय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की उमंग, ऊर्जा और उत्साह के सामने सभी कठिनाईयां बौनी सिद्ध हुईं। जब देश-विदेश में कोविड-19 नियंत्रण से बाहर हो रहा था, तब मध्यप्रदेश में अच्छा प्रबंधन हुआ। प्रशासनिक व्यवस्था में एक आमूल-चूल परिवर्तन यह हुआ की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से निर्णय लेने का महत्वपूर्ण कार्य संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान के निश्चय से वेबिनार में करीब 650 विषय-विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। ऑन लाइन सुझाव भी प्राप्त हुए। मुख्य सचिव श्री बैंस ने आशा व्यक्त की कि मध्यप्रदेश की विकास यात्रा विभिन्न पड़ावों से होकर मंजिल तक पहुंचेगी। निष्ठा, परिश्रम और जिम्मेदारी से इस रोड मैप को सभी अंजाम तक पहुंचाएंगे। मुख्य सचिव श्री बैंस ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का उनकी नेतृत्व क्षमता से मिले इस लाभ के लिए आभार भी व्यक्त किया।

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के विमोचन कार्यक्रम में मंत्री, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्ष भी शामिल हुए। इसके अतिरिक्त संभाग एवं जिलों से सांसद, विधायक, संभागायुक्त, आईजी, कलेक्टर, एसपी भी कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल थे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण मध्यप्रदेश दूरदर्शन, क्षेत्रीय न्यूज चैनल्स एवं सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर किया गया। कार्यक्रम का संचालन उप सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री सुधीर कोचर ने किया।

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news