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नई दिल्ली। बैंक घोटालों का रौशनी में आने का सिलसिला अभी भी जारी है। आईडीबीआई बैंक ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बैंक की पांच शाखाओं से 773 करोड़ रुपये के फर्जी ऋण जारी किए गए थे। इस मामले के उजागर होते ही बुधवार को आईडीबीआई के शेयरों में 3.5 फीसदी गिरावट देखी गई।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में कुछ ऋण, जो मछली पालन व्यवसाय के लिए 200 9 -2013 के वित्तीय वर्ष के दौरान जारी किए गए थे, गैर-मौजूद मछली तालाब के नकली पट्टे के दस्तावेजों के खिलाफ प्राप्त किए गए थे और इनके संपार्श्विक के मूल्य को बढ़ाकर बताया गया था।
बैंक ने माना कि दो अधिकारियों द्वारा ऋण प्रसंस्करण और वितरित करने में प्रमुख रूप से चूक की। ऋणदाता अधिकारियों में से एक को बर्खास्त कर दिया, जबकि अन्य अधिकारी पहले ही सेवानिवृत्त हो गए थे। बैंक ने यह भी बताया कि कि बशीरबाग और गुंटूर में शाखाओं से संबंधित पांच शिकायतों में से दो मामलों के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मामलों की जांच की है।
बैंक ने इसे गुणवत्ता आश्वासन लेखा परीक्षा की शुरुआत बताया जो अप्रैल तक पूरा होने की उम्मीद है। बता दें कि इस घटना से आईडीबीआई शेयर 3.5 फीसदी से गिरकर 73.6 रुपये पर आ गया, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के उधार दाताओं निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स के सूचकांक में 1.8 फीसदी की गिरावट आई।
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