विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ केस दर्ज |
TIMES OF CRIME
ग्वालियर की जिला अदालत में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. ग्वालियर जिला अदालत के एक वकील उमेश बोहरे ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ एक परिवाद पत्र दायर किया है.
वकील ने इराक में आईएसआईएस आतंकियों द्वारा 39 भारतीयों की हत्या के मामले में ग्वालियर की जिला अदालत में केस दायर करवाया है. वकील ने अपनी याचिका में कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मौजूदा सरकार ने इराक में अगवा हुए भारतीयों के मामले में देश को गुमराह किया है.
इसके अलावा वकील ने फिल्म 'टाइगर जिंदा है' के डायरेक्टर अली अब्बास जफर और अभिनेता सलमान खान और अभिनेत्री कैटरीना कैफ पर केस दर्ज कराया है. वकील ने फिल्म 'टाइगर जिंदा है' के निर्देशक और अभिनेता-अभिनेत्री को इस मामले को फिल्म में मसालेदार ढंग से तोड़मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है. उन्होंने याचिका में कहा कि मामले को मसालेदार ढंग से पेश कर 500 करोड़ रूपए की कमाई की गई है. फिल्म में दिखाया गया है कि रॉ का एजेंट सभी अगवा भारतीयों को बचाकर देश लाता है.
वकील ने इराक में आईएसआईएस आतंकियों द्वारा 39 भारतीयों की हत्या के मामले में ग्वालियर की जिला अदालत में केस दायर करवाया है. वकील ने अपनी याचिका में कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मौजूदा सरकार ने इराक में अगवा हुए भारतीयों के मामले में देश को गुमराह किया है.
वकील ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, 'टाइगर जिंदा है' के निर्देशक अली अब्बास जफर, फिल्म के अभिनेता सलमान खान, अभिनेत्री कैटरीना कैफ सहित 8 लोगों को परिवादी बनाया है. वकील की याचिका में कहा गया है कि भारत सरकार और विदेश मंत्रालय को पहले ही मालूम था कि 39 भारतीयों को इराक में मार दिया गया है इसके बावजूद इतनी बड़ी घटना को सरकार ने छिपाकर रखा. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने अगवा किए गए लोगों को छुड़ाने की कोई कोशिश भी नहीं की. उन्होंने यह भी लिखा कि इस संंवेदनशील मामले को मसाला लगाकर उसपर फिल्म भी बना दी गई.
यही नहीं फिल्म को सत्य घटना पर आधारित बताकर उसे रिलीज किया गया. जिससे कि अधिक से अधिक लोग देखें और फिल्म कमाई करे. फिलहाल, अदालत ने याचिकाकर्ता को 4 अप्रैल को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है. याचिकाकर्ता ने धारा 505 और 416 के तहत परिवादियों पर कार्रवाई की मांग की है, जिसमें 3 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.
यही नहीं फिल्म को सत्य घटना पर आधारित बताकर उसे रिलीज किया गया. जिससे कि अधिक से अधिक लोग देखें और फिल्म कमाई करे. फिलहाल, अदालत ने याचिकाकर्ता को 4 अप्रैल को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है. याचिकाकर्ता ने धारा 505 और 416 के तहत परिवादियों पर कार्रवाई की मांग की है, जिसमें 3 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है.
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