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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने चुनाव आयोग की आधिकारिक घोषणा से पहले ट्वीट करने के मामले में जांच होने की संभावना है।
भारतीय चुनाव आयोग ने जांच के दो बड़ी एजेंसियों से सहायता लेने का मन बना लिया है। इस घटना की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और इंटेलिजेंस ब्यूरो से कराई जा सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओ पी रावत ने कहा था कि मामले में एक जांच शुरू की जाएगी।
'कुछ चीजें लीक हो सकती हैं जिसके लिए चुनाव आयोग उचित कार्रवाई करेगा। रावत ने पहले ही कहा था कि इसकी जांच की जाएगी आश्वस्त रहें कि कानूनी तौर पर और प्रशासनिक रूप से उचित कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर डेट लीक के मामले की जांच के लिए चुनाव आयोग अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है। रिपोर्ट समिति द्वारा सात दिनों में प्रस्तुत की जाएगी। गौरतलब है कि आज चुनाव आयोग ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव का शेड्यूल जारी किया।
हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त की ओर से घोषणा करने से पहले ही अमित मालवीय ने ट्वीट कर दिया। जिस पर वो बुरे फंसे। ट्विटर पर जब उनसे सवाल पूछे जाने लगे तो उन्होंने ट्वीट हटा दिया। हालांकि अब उन्होंने इस पूरे मामले पर सफाई दी है। मालवीय ने चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में कहा है कि समाचार चैनल टाइम्स नाउ ने 11.06 बजे सूचना दी थी। उन्होंने कहा कि ट्विटर पर उनकी ओर से जानकारी चैनल के प्रसार के दो मिनट बाद दी गई थी।
दूसरी ओर चुनाव आयोग में अधिकारियों से मुलाकात के बाद मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'अमित मालवीय का ट्वीट एक टीवी चैनल के सोर्स पर आधारित था। चुनाव आयोग के कद को कमजोर करने का उनका कोई इरादा नहीं था। कर्नाटक के एक कांग्रेस नेता ने भी अपने ट्वीट में यही बात बताई। हम यह मानते हैं कि अमित मालवीय को इस तरह का ट्वीट नहीं करना चाहिए था।'
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