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नई दिल्ली: देश के बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक की सीएमडी चंदा कोचर गंभीर आरोपों से घिर गई हैं. आरोप है कि चंदा कोचर की बैंक ने उस वीडियोकॉन कंपनी को लोन दिया जिसके मालिक वेणुगोपाल धूत के साथ चंदा कोचर के पति के कारोबारी रिश्ते हैं. वीडियोकॉन वो कारोबारी घराना है जिसका लोन अकाउंट 2017 में एनपीए घोषित किया जा चुका है.
दिसंबर 2008 में वीडियोकॉन ग्रुप के वेनुगोपाल धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ एक कंपनी बनाई. इस कंपनी में दीपक कोचर के साथ उनके दो रिश्तेदार भी शामिल हैं. इसके बाद धूत ने एक कंपनी के जरिए इस ज्वाइंट वेंचर को 64 करोड़ का लोन दिया. बाद में धूत ने जिस कंपनी के ज़रिए लोन दिया था उसकी पूरी हिस्सेदारी सिर्फ 9 लाख में एक ट्रस्ट को सौंप दी जिसके प्रमुख दीपक कोचर हैं. इस पूरे मामले में जांच एजेंसियों ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है.
कब कब क्या हुआ?
जनवरी 2009 में धूत ने न्यूपॉवर के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया और अपने हिस्से के 24999 शेयर सिर्फ 2.5 लाख में सौंप दिए. मार्च 2010 में न्यू पॉवर को फुली कन्वर्टिबल डिबेंटर के रूप में 64 करोड़ का लोन सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड से मिला जिसकी 99.9 फीसदी हिस्सेदारी धूत के पास थी. धूत से कोचर और उनके रिश्तेदारों की कंपनी पैसिफिक कैपिटल से इसके बदले न्यूपॉवर के शेयर सुप्रीम एनर्जी को ट्रांसफर किए गए. सुप्रीम एनर्जी मार्च 2010 तक न्यूपॉवर में 94.99 फीसदी की हिस्सेदार हो गई. बाकी 4.99 फीसदी हिस्सेदारी दीपक कोचर के पास थी.
नवंबर 2010 में धूत ने सुप्रीम एनर्जी की अपनी पूरी हिस्सेदारी अपने सहयोगी महेश चंद्र पुंगलिया को सौंप दी. 29 सितंबर 2012 से 29 अप्रैल 2013 के बीच पुंगलिया ने सुप्रीम एनर्जी में अपनी हिस्सेदारी पिनैकल एनर्जी नाम के ट्रस्ट को सौंप दी. दीपक कोचर इस ट्रस्ट के मैनिजंग ट्रस्टी थे. पुंगलिया ने पिनैकल एनर्जी ट्रस्ट को सुप्रीम एनर्जी ट्रस्ट की अपनी हिस्सेदारी सिर्फ नौ लाख में बेच दी. 2012 में 20 बैंकों और वित्तीय संस्थानों के एक समूह ने वीडियोकॉन ग्रुप को करीब 40 हज़ार करोड़ का लोन दिया था
जिसमें आईसीआईसीआई की हिस्सेदारी 3250 करोड़ की थी जो अप्रैल 2012 में दी गई. वीडियोकॉन ग्रुप पर इस 3250 करोड़ में 2810 करोड़ का लोन बकाया है और बैंक की तरफ वीडियोकॉन ग्रुप की कुल देनदारी 2849 करोड़ रुपए है. वीडियोकॉन ग्रुप के लोन अकाउंट को 2017 में एनपीए घोषित किया जा चुका है. आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ का लोन मिलने के 6 महीने के बाद धूत की कंपनी दीपक कोचर को ट्रांसफर हो गई. मतलब सुप्रीम एनर्जी ने 64 करोड़ का लोन न्यूपॉवर को दिया जो तीन साल में पिनैकल एनर्जी के ज़रिए खत्म हो गया.
मार्च 2017 के आरओसी रिकॉर्ड्स के मुताबिक, न्यू पॉवर में दीपक कोचर की हिस्सेदारी 43.4 फीसदी है. जिसमें सीधी हिस्सेदारी 0.04 फीसदी, सुप्रीम एनर्जी की हिस्सेदारी 10.10 फीसदी और पिनैकल एनर्जी की हिस्सेदारी 33.17 फीसदी है. 54.99 फीसदी हिस्सेदारी मॉरीशस की डीएच रीन्यूएबल्स के पास है. मार्च 2016 तक न्यूपॉवर में दीपक कोचर, सुप्रीम एनर्जी और पिनैकल की हिस्सेदारी 96.23 फीसदी थी. दिसंबर 2008 में स्थापित हुए कंपनी ने पिछले 6 वित्तीय वर्षों 2012 से 2017 में घाटा दिखाया है और कुल घाटा 78 करोड़ का है जिसमें 2017 में 14.3 करोड़ का घाटा हुआ है.
आईसीआईसीआई का जवाब
आईसीआईसीआई बैंक के निदेशक मंडल ने आज अपनी प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर के नेतृत्व में पूर्ण विश्वासव्यक्त किया. इसके साथ ही बोर्ड ने वीडियोकॉन समूह को लोन देने के मामले में कोचर को लेकर प्रकाशित कुछ खबरों को‘ दुर्भावनापूर्ण और बेबुनियाद अफवाह’ करार दिया. शेयर बाजारों को भेजी सूचना में निजी क्षेत्र के बैंक ने कहा कि बोर्ड ने ऋण मंजूरी की बैंक की आंतरिक प्रक्रियाओं की भी समीक्षा की है और उन्हें ठोस पाया है.
आईसीआईसीआई बैंक ने अपने प्रेस रिलीज़ में कहा है कि 2012 में 20 बैंकों और वित्तीय संस्थानों के एक समूह ने वीडियोकॉन ग्रुप को करीब 40 हज़ार करोड़ का लोन दिया था जिसमें आईसीआईसीआई की हिस्सेदारी 3250 करोड़ की थी जो अप्रैल 2012 में दी गई. वीडियोकॉन ग्रुप पर इस 3250 करोड़ में 2810 करोड़ का लोन बकाया है और बैंक की तरफ वीडियोकॉन ग्रुप की कुल देनदारी 2849 करोड़ रुपए है. वीडियोकॉन ग्रुप के लोन अकाउंट को 2017 में एनपीए घोषित किया जा चुका है.
लाभ के लिए फायदा पहुंचाने, भाई भतीजावाद या हितों का टकराव का कोई सवाल नहीं है. बोर्ड को चंदा कोचर में पूरा विश्वास है और बैंक को बदनाम करने के मकसद से अफवाहें फैलाई जा रही हैं. वेनुगोपाल धूत ने इंडियन एक्सप्रेस को दिये गये जवाब में कहा कि 15 जनवरी 2009 को मैंने न्यूपॉवर रीन्यूएबल्स और सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था और न्यूपॉवर के 24996 शेयर और सुप्रीम एनर्जी के 9990 शएयर बेच दिए थे.
इसके बाद से दोनों कंपनियों से मेरा नाता खत्म हो गया था. क्योंकि मैं अपने दूसरे उद्यमों तेल और गैस और टेलीकॉम में बहुत व्यस्त था. न्यूपॉवर ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि आईसीआईसीआई के वेनुगोपाल धूत की कंपनियों को दिए लोन से कोई लेना देना नहीं है. कंफ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट का कोई मामला नहीं है क्योंकि उनकी कंपनी से जुड़े सारे लेन देन का आईसीआईसीआई बैंक द्वारा दिए गए लोन्स से कोई लेना देना नहीं है. पिनैकल एनर्जी ट्रस्ट और सुप्रीम एनर्जी का आईसीआईसीआई से कोई कारोबारी रिश्ता नहीं है.
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