अदालत ने कहा, ‘केंद्र सरकार को दुर्लभ बीमारियों के लिए दवाओं के दाम कम करने की संभावना पर शीघ्रता से विचार करने का भी निर्देश दिया जाता है.’
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि गरीबी रेखा से ऊपर के लोग भी दुर्लभ आनुवांशिक बीमारियों के इलाज का खर्च नहीं उठा सकते.
न्यायमूर्ति मनमोहन ने केंद्र से ऐसे मरीजों के लिए राष्ट्रीय दुर्लभ बीमारी इलाज नीति पर विचार करने को कहा. उन्होंने कहा कि सरकार मरीजों या उनके अभिभावकों की आय को देखते हुए सब्सिडी देने पर विचार कर सकती है.
अदालत ने कहा, ‘केंद्र सरकार को दुर्लभ बीमारियों के लिए दवाओं के दाम कम करने की संभावना पर शीघ्रता से विचार करने का भी निर्देश दिया जाता है.’ अदालत दुर्लभ बीमारियों के मरीजों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.
याचिकाकर्ताओं के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अशोक अग्रवाल ने बताया कि किस तरह गरीब मरीजों को इलाज के लिए इधर से उधर भटकना पड़ता है.
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