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मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्ल्यू विभाग ने एक प्राइवेट फर्म के तीन निदेशकों को गिरफ्तार किया है। इन तीनों पर आरोप है की Letter of Credits (LC) के जरिए एक्सिस बैंक से 290 करोड़ रुपये का लोन लिया जिसके बाद वापस नहीं किया। इनव तीनों आरोपियों के ...
उन्होने बैंक को इस वापस नहीं किया। भांडुप में जमीन विवाद, एक ही परिवार के एक सदस्य की मौत 2 घायल. 12 मई, 2017 को, मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध विंग ने इस मामले में शिकायत दर्ज की। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है।
पंजाब नेशनल बैंक में हुए महाघोटाले के बाद मुंबई में प्राइवेट सेक्टर के तीसरे सबसे बड़े बैंक में 4 हजार करोड़ रुपये के फ्रॉड का पता चला है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक्सिस बैंक की शिकायत पर एक निजी फर्म के 3 निदेशकों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि इन तीनों ने लेटर्स ऑफ क्रेडिट (LC) के जरिए एक्सिस बैंक से 290 करोड़ रुपए का लोन लिया है। यह लोन फर्जी दस्तावेजों के ऊपर लिया गया है। फिलहाल पुलिस तीनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
कंपनी के खिलाफ एक्सिस बैंक ने 250 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, कंपनी को कर्ज देने वाले अन्य पक्ष 4,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का दावा कर रहे हैं। धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा, ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और आपराधिक साजिश के तहत इकनॉमिक ऑफेंसेज विंग ने कंपनी के डायरेक्टर भंवरलाल भंडारी, प्रेमल गोरागांधी और कमलेश कानूनगो को गिरफ्तार किया है। एक्सिस बैंक कंपनी को पर्दाफाश करने वाले 20 देनदारों में से एक है। खबर के मुताबिक, बैंक ने अन्य निदेशकों के खिलाफ भी शिकायत की है। इनके नाम अमिताभ पारेख, राजेंद्र गोठी, देवांशु देसाई, किरन पारिख और विक्रम मोरदानी हैं। इनमें अमिताभ पारेख की 2013 में मौत हो गई थी।
पुलिस ने बताया कि कंपनी पहले ऐक्सिस बैंक से 125 करोड़ के 3 शॉर्ट टर्म लोन लिए और बैंक का भरोसा जीतने के लिए चुका भी दिए। साल 2011 में पारेख ने ऐक्सिस बैंक से 127.5 करोड़ रुपए का लोन लिया। इसके लिए उसने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की एक ऐसी मीटिंग से जुड़े दस्तावेज दिए जो मीटिंग कभी हुई ही नहीं थी। बैंक ने कंपनी को कच्चा माल और उपकरण खरीदने के लिए लोन दे दिया।
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