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आयकर विभाग ने नोटबंदी के दौरान 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटों के रूप में बड़ी रकम जमा कराने वाले, जिन लोगों के बैंक खातों को रडार में लिया था, उनमें से 87 फीसद खातों में कालाधन पाया गया। इसकी अंतिम रिपोर्ट सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) को भेज दी गई है।
पत्रकारों से बातचीत में मुख्य आयकर आयुक्त पीके गुप्ता ने बताया कि उत्तराखंड में कुल 3255 खातों की जांच की गई थी। इनमें 414 खाते ऐसे थे, जिनमें एक करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा की गई, जबकि 600 खातों में 50 लाख रुपये व इससे अधिक की रकम जमा कराई गई।
शेष खातों में 2.5 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच रकम जमा कराई गई। मुख्य आयकर आयुक्त ने बताया कि जांच में 418 खातों में जमा की गई रकम का संबंधित खाताधारकों ने प्रमाण दे दिया और इसका उल्लेख उनके रिटर्न में भी पाया गया। हालांकि, शेष खातों में जमा रकम को लेकर खाताधारक स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। इससे साफ है कि इनमें कालाधन जमा कराया गया है।
करदाताओं की बढ़ोतरी में अग्रणी
मुख्य आयकर आयुक्त के मुताबिक उत्तराखंड में करदाताओं की संख्या में पिछले एक साल में 1.31 लाख की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही कुल करदाताओं की संख्या 6.5 लाख हो गई है। यह बढ़ोतरी आठ फीसद की दर से हुई, इस लिहाज से उत्तराखंड का स्थान देशभर में टॉप फाइव में रहा।
ओएनजीसी से मिले 6000 करोड़
उत्तराखंड में बीते वित्तीय वर्ष में करीब 11 हजार करोड़ रुपये का आयकर जमा किया गया। इसमें ओएनजीसी की हिस्सेदारी छह हजार करोड़ रुपये रही। हालांकि यह हिस्सेदारी पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले अपेक्षाकृत कम रही।
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