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कंपनी टाटा ने इंडिका और टाटा इंडिगो ईसीएस का प्रोडक्शन बंद कर दिया है। कंपनी के मुताबिक इसकी वजह इन कारों की कम बिक्री और इस सेगमेंट में जबरदस्त कॉम्पिटिशन होना है। हालांकि कंपनी का कहना है कि वह दोनों ही कारों की सपोर्ट और सर्विस ऐसे ही प्रदान करती रहेगी।
भारत में 20 साल पहले (1998) में टाटा मोटर्स ने अपनी पहली छोटी कार इंडिका को लॉन्च किया था, उसके बाद टाटा ने सेडान कार इंडिगो को भी बाजार में उतारा, यह पहली बार था जब कोई कमर्शियल वाहन निर्माता कंपनी पैसेंजर कार सेगमेंट में उतरी थी, आलम यह था कि लॉन्चिंग के महज 2 साल में ही करीब सवा लाख गाड़ियों के ऑर्डर भी मिल गये, लेकिन अब टाटा की इंडिका के साथ सेडान इंडिगो का भी सफर यही समाप्त हुआ, कंपनी ने इनका प्रोडक्शन बंद कर दिया है।
बिक्री में लगातार गिरावट बनी मुख्य वजह:उत्तर भारत के एक डीलर ने बताया, कि कंपनी ने इन दोनों कारों का प्रोडक्शन बंद कर दिया है और फिलहाल केवल इन कारों के बचे हुए कुछ स्टॉक्स को सप्लाई किया जा रहा है। इस साल अप्रैल महीने में टाटा मोटर्स ने कुल 187,321 यूनिट्स बेच कर बिक्री में 22 फीसद की ग्रोथ हासिल की थी। जबकि पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 153,151 गाड़ियों को रहा था। इस ग्रोथ में सबसे अच्छा प्रदर्शन नेक्सन, टियागो और हेक्सा ने किया। भले ही कंपनी ने मार्किट में इन दोनों कारों को बंद कर दिया हो लेकिन जिन ग्राहकों के पास ये दोनों कारें है उन्हें इनके स्पेयर पार्ट्स आसानी से मिलेंगे और सर्विस सपोर्ट भी मिलेगा।
पहले भी खबर आई थी: इस साल फरवरी महीने में भी खबर आई थी की इंडिका और इंडिगो की बिक्री में लगातार भारी गिरावट देखी जा रही थी जिसकी वजह से कंपनी जल्द ही इन दोनों कारों के प्रोडक्शन को बंद कर सकती है, लेकिन उस समय यह तय नहो हो पाया कि ये दोनों कारें कब तक बंद की जायेंगी।
ऑटो एक्सपर्ट ने बताई ये वजह: ऑटो एक्सपर्ट रंजॉय मुखर्जी के अनुसार, इंडिका और इंडिगो टाटा की पहली कारें थी। कंपनी ने काफी बार इन्हें अपग्रेड भी किया लेकिन बहुत ज्यादा कामयाबी नहीं मिली, क्योंकि डिजायन, इंजन और प्लेटफार्म पुराने हो चुके हैं और इसे एक नए सिरे से अपग्रेड किया भी जाए तो लागत बढ़ जाती है और उतने में एक नया मॉडल तैयार हो जाता है।
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