निपाह वायरस को लेकर अलर्ट जारी, बरतें ये सावधानी |
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केरल से निकले निपाह वायरस ने अन्य शहरों के साथ यूपी को खौफ में ले रखा है। दरअसल वाराणसी जिले में निपाह वायरस को लेकर अर्लट जारी कर दिया है। इसके साथ ही महानिदेशक स्वास्थ्य ने बुधवार को सभी सीएमओ को बचाव कार्य के लिए दिशा निर्देश जारी किया है।
वहीं वायरस के बचाव के पुख्ता इंतजाम के साथ ही इसे लेकर अफवाह उड़ाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने को भी कहा गया है। इसके अलावा सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि महानिदेशक स्वास्थ्य के दिशा निर्देश के अनुसार सभी सरकारी शहरी अस्पतालों में 8 और ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर 4 बेड आरक्षित कर दिये गये हैं। बीमारी संबंधित लक्षण मिलने पर मरीज को तत्काल आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर उसकी सूचना निदेशालय को दी जायेगी। फिलहाल इस वायरस से बचाव के लिए कोई वैक्सीन या दवा उपलब्ध नहीं है।
ऐसे फैलता है निपाह वायरस
निपाह वायरस मनुष्यों के संक्रमित सुअर, चमगादड़ या अन्य संक्रमित जीवों से संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस एन्सेफलाइटिस का कारण बनता है। यह इंफेक्शन फ्रूट बैट्स के जरिए लोगों में फैलता है। खजूर की खेती करने वाले लोग इस इंफेक्शन की चपेट में जल्दी आते हैं।
निपाह वायरस मनुष्यों के संक्रमित सुअर, चमगादड़ या अन्य संक्रमित जीवों से संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस एन्सेफलाइटिस का कारण बनता है। यह इंफेक्शन फ्रूट बैट्स के जरिए लोगों में फैलता है। खजूर की खेती करने वाले लोग इस इंफेक्शन की चपेट में जल्दी आते हैं।
ये हैं लक्षण
संक्रमण होने के पांच से 15 दिन के अंदर मरीज में लक्षण सामने आने लगता है। इसके मुख्य लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, चीजों को भूल जाना, आलस आना, सांस लेने में दिक्कत और स्थिति गंभीर होने पर मरीज कोमा में भी जा सकता है।
संक्रमण होने के पांच से 15 दिन के अंदर मरीज में लक्षण सामने आने लगता है। इसके मुख्य लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, चीजों को भूल जाना, आलस आना, सांस लेने में दिक्कत और स्थिति गंभीर होने पर मरीज कोमा में भी जा सकता है।
बरतें ये सावधानी
जानवरों के कुतरे हुए या पेड़ से गिरे हुए कोई भी फल खासतौर पर खजूर या अन्य खाद्य सामग्री का सेवन न करें, मास्क का प्रयोग करें, मरीज से मिलने के बाद अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं, सुअर और दूसरे जानवरों के सम्पर्क में न आए, संक्रमण से मरने वाले व्यक्ति के शरीर का अंतिम संस्कार करते समय सावधानी बरतें, क्योंकि उसके शरीर में उस दौरान भी निपाह के वायरस मौजूद होंगे।
जानवरों के कुतरे हुए या पेड़ से गिरे हुए कोई भी फल खासतौर पर खजूर या अन्य खाद्य सामग्री का सेवन न करें, मास्क का प्रयोग करें, मरीज से मिलने के बाद अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं, सुअर और दूसरे जानवरों के सम्पर्क में न आए, संक्रमण से मरने वाले व्यक्ति के शरीर का अंतिम संस्कार करते समय सावधानी बरतें, क्योंकि उसके शरीर में उस दौरान भी निपाह के वायरस मौजूद होंगे।
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