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👉सहायक अध्यापक की होनी थी रिक्वरी
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए कटनी में पदस्थ सहायक अध्यापक सनद पटैल सहित अन्य से रिकवरी पर रोक लगा दी। इसी के साथ कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, सीईओ व प्राचार्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया।
न्यायमूर्ति वंदना कासरेकर की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता श्रीमती सुधा गौतम ने रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता सहित अन्य को एंट्रिम अलाउंस बतौर सितम्बर 2013 से ढाई हजार रुपए का मासिक भुगतान किया जा रहा था। सितम्बर 2015 में प्राचार्य ने जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश को आधार बनाकर एक आदेश जारी कर दिया। इसके तहत एंट्रिम अलाउंस ढाई हजार से घटकर महज 1 हजार रुपए कर दिया गया। यही नहीं पिछले अर्से में हुए अधिक भुगतान की रिकवरी की भी गाज गिरा दी गई। 29 सितम्बर 2015 को प्राचार्य द्वारा जारी इसी अनुचित आदेश को हाईकोर्ट में याचिका के जरिए कठघरे में रखा गया है।
हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद रिकवरी आदेश को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायदृष्टांत की रोशनी में विधिसम्मत न पाते हुए वसूली पर रोक लगा दी। साथ ही पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया।
👉सहायक अध्यापक की होनी थी रिक्वरी
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए कटनी में पदस्थ सहायक अध्यापक सनद पटैल सहित अन्य से रिकवरी पर रोक लगा दी। इसी के साथ कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, सीईओ व प्राचार्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया।
न्यायमूर्ति वंदना कासरेकर की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता श्रीमती सुधा गौतम ने रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता सहित अन्य को एंट्रिम अलाउंस बतौर सितम्बर 2013 से ढाई हजार रुपए का मासिक भुगतान किया जा रहा था। सितम्बर 2015 में प्राचार्य ने जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश को आधार बनाकर एक आदेश जारी कर दिया। इसके तहत एंट्रिम अलाउंस ढाई हजार से घटकर महज 1 हजार रुपए कर दिया गया। यही नहीं पिछले अर्से में हुए अधिक भुगतान की रिकवरी की भी गाज गिरा दी गई। 29 सितम्बर 2015 को प्राचार्य द्वारा जारी इसी अनुचित आदेश को हाईकोर्ट में याचिका के जरिए कठघरे में रखा गया है।
हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद रिकवरी आदेश को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायदृष्टांत की रोशनी में विधिसम्मत न पाते हुए वसूली पर रोक लगा दी। साथ ही पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया।
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