मध्यप्रदेश में 632 करोड़ की लागत से शुरू की गई डायल 100 योजना का सच सामने आने लगा है. भोपाल में बने राज्य स्तरीय कॉल सेंटर में बीते पांच दिनों में एक लाख शिकायतें आई. लेकिन चौंकाने वाली बात है कि प्रदेश की सड़क पर दौड़ रही डायल 100 की गाड़ियों ने महज 4 हजार सूचनाओं पर ही कार्रवाई की.
सीएम ने एक नवंबर को डायल100 योजना का शुभारंभ किया.
योजना को लेकर दावा किया कि पुलिस हर एक सूचना पर कार्रवाई करेगी. साथ ही डायल 100 की गाड़ियां शहरी क्षेत्रों में पांच मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिनट पर पहुंचेगी. लेकिन शुरूआती नतीजों ने व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं.
भोपाल में बने 100 डायल के कंट्रोल रूम बीते पांच दिनों में करीब एक लाख सूचनाएं मिली.
इनमें इंदौर से 23732, भोपाल से 22660, जबलपुर से 15342, ग्वालियर से 14239, उज्जैन से 11745, सागर से 6712 और रीवा से 4936 सूचनाएं मिली.
चौंकाने वाली बात है कि सात जिलों में दौड़ रही डायल 100 की 228 गाड़ियों ने सिर्फ चार हजारों सूचनाओं पर ही कार्रवाई की. कंट्रोल रूम ने अधिकांश सूचनाओं को छोटी बताकर थानों को ट्रांसफर किया.
पहले चरण में इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर जिले में 40-40 गाड़ियां दी गई, जबकि उज्जैन, सागर और रीवा में 20-20 और सीहोर में 18 गाड़ियां दी गई.
दूसरे और तीसरे चरण में यानि आने वाले तीन महीनों में जनता की मदद के लिए प्रदेश की सड़कों पर एक हजार गाड़ियां दौड़ेगी. रिस्पोंस टाइम शहरी क्षेत्र में 5 मिनट तय जरूर किया गया है, लेकिन अभी भी पुलिस पांच मिनिट में घटना स्थल पर नहीं पहुंच पा रही.
कहां कितनी गाड़ी
इंदौर 40 भोपाल 40 जबलपुर 40 ग्वालियर 40 उज्जैन 20 सागर 20 रीवा 20 सीहोर 18 कुल 228
ये तो पहले चरण की स्थिति है. लेकिन जब दूसरे और तीसरे चरण की शुरूआत होगी और प्रदेशभर में एक हजार डायल 100 की गाड़ियां दौड़ेगी, उस समय कॉल सेंटर में सूचनाओं का आंकड़ा क्या होगा, इस पर जरूर जिम्मेदारों को सोचना चाहिए.
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