Monday, November 16, 2015

पत्रकार यह पढ़कर जानें उनकी नौकरी कितनी पक्की-कच्ची है.

Toc news
सबसे पहले राष्ट्रीय प्रेस दिवस की सभी पत्रकार बन्धुओं को शुभकामनाएं..🙏✒📖

पूर्णत पत्रकारिता के पेशे में जीवनयापन करने वाले पत्रकारों के लिए भारत सरकार ने कई ऐसे नियम बनाए हैं जिससे वे सरकारी कर्मचारी की तरह निश्चिंत होकर काम कर सकते हैं। काम और वेतन दोनों केन्द्रीय कर्मचारी के समान होगा।तीन साल बाद नौकरी पक्की: श्रमजीवी पत्रकार और अन्य समाचार पत्र कर्मचारी (सेवा शर्त) और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम 1955 की धारा 5 के तहत यह प्रावधान है कि एक ही समाचार पत्र में तीन साल की सेवा देने वाले पत्रकार को अनुशासनात्मक कार्यवाही छोड़कर किसी भी तरह से नौकरी से नहीं निकाला जा सकता। यदि किसी कारणवश पत्रकार नौकरी छोड़ता है या कोई अन्य कारण है तो वह ग्रेच्युटी पाने का अधिकारी है।वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955, औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 का विस्तार रूप है। औद्योगिक अधिनियम की धारा 3 (1) से श्रमजीवी पत्रकारों के सम्बन्ध में वे सब उपबंध लागू कियेगए हैं जो औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 में कर्मकारों (वर्कमैन)पर लागू होते हैं। किन्तु धारा 3 (2) के जरिये पत्रकारों की छंटनी के विषय में यह सुधार किया गया है।छंटनी का नियम: जर्नलिस्ट एक्ट 1955 की धारा 3(2) के तहत किसी पत्रकार को संस्थान से निकालने के पूर्व 6 माह व संपादक को तीन माह पहले सूचना देनी पड़ती है। या फिर इसके आधे माह काएक मुश्त वेतन देना पड़ता है। धारा 5 के तहत मृत्यु, सेवानिवृत्ति, दस वर्ष की सेवा देने के बाद या किसी कारण वर्ष नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारी (जो तीन साल सेवा दें चुके हो) को सेवाकाल के हर पूरे किए वर्ष या उसके छह मास से अधिक के किसी भाग पर, 15 दिन के औसत वेतन के बराबर धनराशि दी जाएगी। स्वेच्छा से इस्तीफा देने वाले श्रमजीवी पत्रकार को अधिकाधिक साढ़े 12 माह के औसत वेतन के बराबर ग्रेच्युटी मिलेगा।काम का समय: धारा 6 के तहत काम के समय का प्रावधान है। चार सप्ताहों में 144 घंटों से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता। सात दिन में एक दिन (24 घंटे) का विश्राम। दो प्रकार की छुट्टियां हैं पहली उपार्जित छुट्टी और चिकित्सा छुट्टी। उपार्जित छुट्टी काम पर व्यतीत अवधि की1/11 से कम नहीं होगी और यह पूरी तनख्वाह पर मिलेगी। चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर चिकित्सा छुट्टियाँ कार्य पर व्यतीत अवधि की 1/18 से कम नहीं होंगी। यह आधी तनख्वाह पर दिया जाएंगा। मतलब एक माह की उपार्जित छुट्टी व चार सप्ताह की मेडिकल छुट्टी (आधे वेतन पर)।वैसे धारा 7 के तहत काम के घंटों का प्रावधान संपादक पर लागू नहीं होता। लेकिन श्रमजीवी पत्रकारों से दिन की पारी में 6 घंटे से ज्यादा व रात्रि की पारी में साढ़े पांच घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता। दिन में चार घंटे में एक घंटे का विश्राम व रात्रि में तीन घंटे में आधे घंटे का विश्राम दिया जायेगा। एक पत्रकार वर्ष में 10 सामान्य छुट्टियों का अधिकारी है। लेकिन यदि किसी कारणवश छुट्टी के दिन भी कार्य करना पड़ता है तो मालिक व पत्रकार की सहमति से किसी अन्य दिन छुट्टी ले सकता है। 11 माह में एक माह की उपार्जित छुट्टी दी जाएगी। किन्तु 90 उपार्जित छुट्टियां एकत्र हो जाने के बाद और छुट्टियां उपार्जित नहीं मानी जायेंगी। सामान्य छुट्टियों, आकस्मिक छुट्टियों और टीका छुट्टी की अवधि को काम पर व्यतीत अवधि माना जाएगा। प्रत्येक 18 मास की अवधि में एक मास की छुट्टी चिकित्सक के प्रमाण-पत्र पर दी जाएगी। यह छुट्टी आधे वेतन पर होगी। ऐसी महिला श्रमजीवी पत्रकारों को, जिनकी सेवा एक वर्ष से अधिक की हो, तीन मास तक की प्रसूति छुट्टी दी जाएगी। यह छुट्टी गर्भपात होने पर भी सुलभ की जाएगी। इसके अलावा नियोजक की इच्छा पर वर्ष में 15 दिन की आकस्मिक छुट्टी दी जाएगी।मजदूरी की दरें: धारा 8 (1) में उपबंधित किया गया है कि केंद्रीय सरकार एक निर्धारित रीति सेश्रमजीवी पत्रकारों और अन्य समाचारपत्र-कर्मचारियों के लिए मजदूरी की दरें नियत कर सकेगी और धारा 8 (2) के तहत मजदूरी कि दरों को वह ऐसे अंतरालों पर, जैसा वह ठीक समझे, समय-समय पर पुनरीक्षित कर सकेगी। दरों का निर्धारण और पुनरीक्षण कालानुपाती (टाइम वर्क) और मात्रानुपाती (पीस वर्क) दोनों प्रकार के कामों के लिए किया जा सकेगा। इसलिए धारा 9 में एक मजदूरी बोर्ड केगठन का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में मजीठिया वेतन बोर्ड लागू है और मजदूरी दरें वेतन बोर्ड की दरों से किसी तरह कम नहीं होगी नहीं तो धारा 13 के तहत अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में 500 रूपए का जुर्माना अदा करना पड़ेगा।कैसे लें शासन की मदद: शासन की मदद लेने के लिए पहले श्रमजीवी पत्रकार या मीडिया संस्थान का कर्मचारी श्रम विभाग जाकर बकायदा लिखित शिकायत कर सकता है। यदि 45 दिन में श्रम विभाग कोई कार्यवाही नहीं करता और कोर्ट में परिवाद भी दायर नहीं करता तो कोई भी कर्मचारी औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 31(3) के तहत सीधे श्रम न्यायालय में परिवाद दायर कर सकता है। इसके लिए पूर्व शिकायत की कापी भी संलग्न करना अनिवार्य है। औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25 के तहत लगातार 240 दिन से ज्यादा सेवा देना वाला कर्मचारी नियमित कर्मचारी माना जाएगा और उसकी सेवाएं संतोषजनक मानी जाती हैं। चूंकि बड़े संस्थानों में मीडियाकर्मी या पत्रकारों को बैंक के माध्यम से भुगतान होता है इसलिए किसी को यह सिद्ध करने में कोई परेषानी नहीं होगी कि वह उक्त संस्था का कर्मचारी है। खास बात यह है कि ठेकेदारी या प्लेसमेंट के कर्मचारी को भी यही वेतन दिया जाएगा और वेतन ना देने का दोषी संबंधित व्यक्ति होगा। उस पर भी इसी अधिनियम की धारा के तहत कार्यवाही होगी।

No comments:

Post a Comment

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

Popular Posts

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news