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इंदौर। इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने शनिवार शाम एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम ने सनावद नगर पालिका अध्यक्ष को 10 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा। यह मप्र में अब तक की लोकायुक्त पुलिस की सबसे बड़ी कार्रवाई है। अध्यक्ष शर्मा ने रिश्वत की राशि इंदौर के जावरा कंपाउंड स्थित नगरीय प्रशासन विभाग के दफ्तर में बुलवाई थी।
मिली जानकारी अनुसार सनावद नपा अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा ने सनावद में एक कॉलोनी को मंजूरी देने के एवज में 25 लाख रुपए की मांग की थी। कॉलोनाइजर प्रवीण सोलंकी ने बताया कि उसकी कॉलोनी को टीएनसीपी और नगर पालिका से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा जान-बूझकर इसमें बाधा डाल रहे थे। उन्होंने दबाव बनाने के लिए एक 4 लोगों की कमेटी बना दी थी और कॉलोनी का काम नहीं रोकने के लिए 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। लोकायुक्त एसपी अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि कॉलोनाइजर ने लोकायुक्त को अध्यक्ष द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। लोकायुक्त टीम के कहने पर पहली किश्त के रूप में सोलंकी 10 लाख रुपए लेकर शर्मा से मिलने पहुंचे थे। सोलंकी के साथ-साथ डीएसपी जीडी शर्मा की टीम भी नगरीय प्रशासन विभाग के दफ्तर पहुंची थी, जैसे ही शर्मा ने 10 लाख रुपए की रिश्वत ली, टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।
रिटायरमेंट के 15 मिनट पहले की कार्रवाई
लोकायुक्त डीएसी जीडी शर्मा का शनिवार को कार्यकाल का अंतिम दिन था। वे 31 अक्टूबर को रिटायर हो गए। अपने रिटायरमेंट के अंतिम क्षणाें में उन्होंने 15 मिनट पहले प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। गौरतलब है कि इसके पहले कभी भी लोकायुक्त ने इतनी बड़ी राशि के साथ किसी को नहीं पकड़ा है।
कांग्रेसी नेता हैं शर्मा
कांग्रेस नेता नरेंद्र शर्मा उर्फ लाली हाल ही में हुए नपा चुनाव में नपा अध्यक्ष चुने गए थे। दिसंबर 2014 में हुए चुनाव में कांग्रेस के शर्मा ने भाजपा के रामचरण कुशवाह को 5 हजार तीन सौ मतों से पराजित किया था। लाली को अध्यक्ष बने हुए अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है। विधि विशेषज्ञों के मुताबिक रिश्वत लेते पकड़ाए जाने पर उनकी कुर्सी भी जा सकती है।
इंदौर। इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने शनिवार शाम एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम ने सनावद नगर पालिका अध्यक्ष को 10 लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा। यह मप्र में अब तक की लोकायुक्त पुलिस की सबसे बड़ी कार्रवाई है। अध्यक्ष शर्मा ने रिश्वत की राशि इंदौर के जावरा कंपाउंड स्थित नगरीय प्रशासन विभाग के दफ्तर में बुलवाई थी।
मिली जानकारी अनुसार सनावद नपा अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा ने सनावद में एक कॉलोनी को मंजूरी देने के एवज में 25 लाख रुपए की मांग की थी। कॉलोनाइजर प्रवीण सोलंकी ने बताया कि उसकी कॉलोनी को टीएनसीपी और नगर पालिका से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा जान-बूझकर इसमें बाधा डाल रहे थे। उन्होंने दबाव बनाने के लिए एक 4 लोगों की कमेटी बना दी थी और कॉलोनी का काम नहीं रोकने के लिए 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। लोकायुक्त एसपी अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि कॉलोनाइजर ने लोकायुक्त को अध्यक्ष द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। लोकायुक्त टीम के कहने पर पहली किश्त के रूप में सोलंकी 10 लाख रुपए लेकर शर्मा से मिलने पहुंचे थे। सोलंकी के साथ-साथ डीएसपी जीडी शर्मा की टीम भी नगरीय प्रशासन विभाग के दफ्तर पहुंची थी, जैसे ही शर्मा ने 10 लाख रुपए की रिश्वत ली, टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।
रिटायरमेंट के 15 मिनट पहले की कार्रवाई
लोकायुक्त डीएसी जीडी शर्मा का शनिवार को कार्यकाल का अंतिम दिन था। वे 31 अक्टूबर को रिटायर हो गए। अपने रिटायरमेंट के अंतिम क्षणाें में उन्होंने 15 मिनट पहले प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। गौरतलब है कि इसके पहले कभी भी लोकायुक्त ने इतनी बड़ी राशि के साथ किसी को नहीं पकड़ा है।
कांग्रेसी नेता हैं शर्मा
कांग्रेस नेता नरेंद्र शर्मा उर्फ लाली हाल ही में हुए नपा चुनाव में नपा अध्यक्ष चुने गए थे। दिसंबर 2014 में हुए चुनाव में कांग्रेस के शर्मा ने भाजपा के रामचरण कुशवाह को 5 हजार तीन सौ मतों से पराजित किया था। लाली को अध्यक्ष बने हुए अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है। विधि विशेषज्ञों के मुताबिक रिश्वत लेते पकड़ाए जाने पर उनकी कुर्सी भी जा सकती है।
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