दिग्विजय सिंह अक्सर आर.एस.एस. ,बी.जे.पी और अन्य हिंदूवादी संगठनों को गलियां क्यों देता है ,बाबा रामदेव और अन्ना हजारे का विरोध क्यों करता है ?राहुल गंदी की तारीफें करके सोनिया की चापलूसी क्यों करता है ?यह ऐसे सवाल हैं ,जो लोगों के मन में उठते रहते हैं .परेक बात सब लोग जानते हैं कि सोनिया .मनमोहन ,दिग्विजय ,अहमद पटेल ,विलास राव ,शीलादीक्षित ,शहीद बलवा ,और हसन अली सब एक ही थैले कि चट्ते बट्टे है,इन सबका विदेशों में अरबों रूपया जमा है .
लोग यह भी जानते हैं कि दिग्विजय एक चालाक ,और मक्कार व्यक्ति है .और राजनीति का घाघ खिलाडी है .उसे एक तीर से कई शिकार करने का अभ्यास है .अंगरेजी क़ी कहावत है ,कि यदि किसी औरत को पटाना हो ,तो उसके कुत्ते तक की तारीफ़ करो .इसी लिए दिग्विजय हर तरह से सोनिया को खुश करता रहता है .क्योंकि असल सत्ता उसी के पास है .वर्ना एक विदेशी विधवा सिवाय भ्रष्टाचार और महगाई के आलावा क्या पैदा कर सकती है .आप सब ने देखा है कि जैसे जैसे भ्रष्टाचार के विरुद्ध आन्दोलन तेज होता जा रहा है यह सब एकजुट होने लगे हैं ,और सोनिया कि शरण में आ रहे है .जैसे कुत्तों के पिल्ले अपनी माँ के पास सिमट जाते हैं .
मुझे लगता है कि दिग्विजय की चमचागिरी के पीछे यही कारण होना चाहिए ,दिग्विजय ने अपने शासनकाल में मध्य प्रदेश को चौपट कर दिया था .इसके समय भ्रष्टाचार चरम सीमा पर था .वैसे तो इसने कई घोटाले किये थे .लेकिन ताजा कर्जा घोटाला (loan scam )सुप्रीम कोर्ट में पहुच गया है .दिग्विजय सन 1994 से 2000 तक मध्य प्रदेश का मुख्य मंत्री रहा .इसने "State Industrial Development Corporation "के माध्यम से कुछ औद्योगिक समूहों को सात सौ उन्नीस (719 )करोड़ रूपया बिना किसी जमानत ,या शर्त के कर्जा दे दिया था .और कर्जा लेने वालों से कोई जमानत (security )भी नहीं ली .यह सब दिग्विजय के मित्र थे .जब सन 2005 कर्जे की न तो किश्त जमा हुई ,और न ब्याज ही जमा हुआ तो बी. जे. पी की सरकार का माथा ठनका .उस समय कारपोरेशन का मेनेजिंग डायरेक्टर S .R .Mohanty था .जो एक I .A .S अधिकारी था .सरकार ने इस मामले की (EOW ) Economic Offences Wing से जाँच की तो पता चला कि यह कर्जा दिग्विजय ने उद्योगपतिओं को ICD योजना अर्थात "Inter Corporate Deposit "के तहत दिया था .इस घोटाले में उस समय के कुछ कांग्रेसी नेता ,और मोहंती के आलावा 35 अफसरों के विरुद्ध ऍफ़ आई आर दर्ज हो गयी .( इंडियन एक्सप्रेस 5 फरवरी 2011 ) बाद में मोहंती जबलपुर हाई कोर्ट गया .जहाँ उसको किसी तकनीकी कारण से थोड़ी सी राहत मिल गयी .लेकिन मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भेज दिया (एन ड़ी टी.वी 6 फरवरी 2011 )मामले कि गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसके दो सदस्यों की एक बेंच बना दी ,जिसमे एक Chief Judicial Magistrate और एक Additional Session Judge को रखा गया है .क्योंकि अब वह कर्जा जो 719 करोड़ का था ब्याज मिलाकर 2200 करोड़ का हो गया है .
बी.जे. पी .मध्य प्रदेश के प्रवक्ता श्री नरोत्तम मिश्र ने अदालत से इस केस को प्राथमिकता के आधार पर जल्द निपटने की अपील की है .दूसरी तरफ मुख्य आरोपी मोहंती खुले आम दिग्विजय को जिम्मेदार बता रहा है .उस समय वह "Health Secratary "था .दिग्विजय ने जिन 29 उद्योग पतियोंको कर्जा दिया था उनके कुछ नाम इस प्रकार है -
ई एन बी -प्रफुल महेश्वरी -417 .55
अल्पाइन -सतीश भंडारी -275 .56
रुईया -टी बी रूइया -271 .91
ईशर-गुरुचरण -155 .43
सोम समूह -140 .57
इसकी काफी बड़ी सूचीहै जो ,पत्रिका ,भोपाल 24 दिसंबर 2010 में प्रकाशित हुई थी इसका शीर्षक था "कर्ज लेकर भूल गए :जनता का धन उद्योगपतियों की जेब में "
अब जैसे जैसे सुनवाई के दिन पास आते जा रहे हैं ,दिविजय की चड्डी ढीली होती जा रही है .वह बौखला कर सरे बी.जे.पी ओर संघ को गलियां देने लगा है .उसे भी यह भी डर है की कहीं बाबा रामदेव या अन्ना हजारे इस मूद्दे को देंगे तो सोनिया के साथ सभी अन्दर हो जायेंगे .क्योंकि चोर चोर मोसेरे भाई होते है .यद्यपि मिडिया ने इस घोटाले को अधिक महत्त्व नहीं दिया .फिर भी मैं अपने सभी ब्लोगर बंधुओं से अनुरोध करता हूँ कि,इस घोटाले की बात सबको पहुंचा दें .ताकि दिग्विजय की असलियत लोगों को पता चले .और कोई सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी कर सके .खबर की लिंक भी दी जा रही है -.
http://www.ndtv.com/article/india/loan%20-scam-another%20-ias-under-scanner%20-83683
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