संवाददाता// परम सुख पाल (बैरसिया // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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बैरसिया . ग्राम खितवास में नवलसिंह पुत्र देवी सिंह एवं उनके भाई मोतीलाल, उमराव सिंह रहते हैं इनकी 14 एकड पुश्ते की जमीन इनके पिता देवी सिंह के नाम थी। देवी सिंह की मृत्यु के पश्चात जमीन के 4 हिस्से हुए। बड़े भाई मोतीलाल के नाम साढ़े 3 एकड़ स्वयं का हिस्सा एवं साडे 3 एकड पिताजी के हिस्से ही जमीन कुल 7 एकड जमीन हिस्से में आई बाकी साढ़े 3-साड़े तीन दोनों ंभाई नवल सिंह के हिस्से में आई 14 एकड जमीन के 4 हिस्से होने के बाद की कहानी चौकाने वाली है। उपरोक्त जमीन का फर्जी नामान्तरण कैसे हुआ। फर्जीवाड़ा श्री भगवती प्रसाद पाल तहसील कार्यालय बैरसिया ने बनाई 14 एकड़ में से 9 एकड़ की फर्जी बही उमराव सिंह के नाम बनाई। जाहिर है मोटी रकम निगली होगी। अंत में पर्दा हटा और भगवती प्रसाद पाल की पोल खुल गई उधर उमराव सिंह ने उसी फर्जी बही की जमानत पर सोनालीका कम्पनी का ट्रेक्टर उठाया था जिसे कम्पनी ने किस्त अदा ना होने की स्थित में अपने कब्जे में ले लिया बाद में उमराव सिंह ने फिर उसी फर्जी बही पर पुन: जान डियर टे्रक्टर उठाया एक बार फिर पर्दा हटा और दूसरा टे्रक्टर भी खिंच गया नवल सिंह जब धोखाधड़ी का पता चला तव जक उमराव सिंह उसी जमीन पर 2 बार टे्रक्टर उठा चुका था। उन्होने कहा कि पटवारी श्री गुहातिया जी ने उन्हे इस बात की जानकारी दी की उनकी जमीन का नामांतरण हो चुका है।
और नवल सिंह के नाम रिकार्ड में कोई जमीन नहीं है उन्होंने बताया कि 14 एकड़ भूमि में से साडे 9 एकड भूमि उमराव सिंह के नाम है बाकी शेष जमीन साडे 4 एकड उनके बड़े भाई मोतीलाल के नाम है। हमने पुरानी बही लाकर माननीय अनुविभागीय अधिकारी महोदय एवं तहसीलदार साहब को लिखित शिकायत की हमारी शिकायत पर तुरन्त कार्यवाही की गई जांच में पाया गया कि साडे 9 एकड़ जमीन की बही फर्जी तरीके से पटवारी भगवती प्रसाद पाल ने रिश्वत लेकर बनाई थी। फर्जी बही की पोल खुलनें के बाद पुन: राजस्व विभाग ने उपरोक्त तीनों को चार भागों में भूमि बांट दी। किसानों को लूटनें वाला भगवती प्रसाद आज भी पदस्थ है। मेंरा छोटा भाई 3-4 साल पहले से परेशान करता आ रहा है। उमराव सिंह व उसके तीनों पुत्रों परसराम, जगदीश, मन्टू व जमाई राजेश पुत्र भवरलाल पत्नि रमली बाई एवं पुत्री शीला बाई ने पहले भी कई बार हमारे साथ मार-पीट की।
शिकायत कई वार थाना बैरसिया में भी की गई है। एवं कई वार ताकत एवं पैसे की दम पर हमारी फसज काट ली गई है। पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है दिनांक 2/07/11 को करीब साढ़े 8 बजे मेरे हिस्से की जमीन साढ़े 3 एकड की बोनी करने में एवं मेरा पुत्र रामचरणएचं बहू अनीता व छोटा पुत्र लक्ष्मीनारायण खेत पर बैलगाडी लेकर खेत बोने पहुंचे उसी बीच, रामकली बाई पत्नि उमराव सिंह, शीला बाई पत्नि राजेश ने आकर डंडों व हसियों से हू सभी पर जान लेवा हमला कर दिया, हमारे बैलों को मारना शुरू कर दिया मेंने (नवल सिंह) बैरसिया थाना आकर घायल अवस्था में ही एफ.आई.आर. की गुहार लगाई। हम सभी घायलों के शरीर से खून बहता रहा और पुलिस को हम रा कोई तरस तहीं आया जब हमने कार्यवाही करने को कहा तो हमसे हेड साहब महेश गर्ग बोले कि एक तरफ बैठ जाओ नहीं तो बंद कर दूंगा हम उसी हालत में बैठे रहे और खून बहता रहा। महेश गर्ग बोले कि मेरे पास टाईम नही है पैसे हो तो आओ नहीं तो बाहर ही बैठो। महेश गर्ग ने शर्मशार किया उस नारे को जो पुलिस हमेशा कहती है ‘‘देश भक्ति जन सेवा ‘‘आगे क्या कहते हैं महेश गर्ग- फरयादी नबल सिंह से गर्ग हैडसाहब बोले 5 हजार रू लाये हो तो आ जाओ। 5 हजार की बात सुनकर फरयादी न्याय की भीख मांगता रहा। इतनें में जिन लोगों ने हमको मार पीट कर भगाया था वो लोग भी थाने आ गये व हमारे खिलाफ झूठी रिर्पोट की गई तब महेश गर्ग बोले ऐसे होती है रिर्पोट। उन लोगों ने मुझे पांच हजार रू दे दिये है अब तुम लोगों को अन्दर करूंगा, जेल जाओगे, हमें डरा धमका कर 2 हजार रू गर्ग हेड साहब ने हमसे छीन लिये, मेरा बड़ा पुत्र रामभरोसे सेन पिछले 15 वर्षों से बैरसिया में रह रहा है।
उसके खिलाफ भी मुकदमा कायम कर दिया गया जबकि मेरा बड़ा पुत्र घटना के समय बैरसिया में था, हमारी इस रिर्पोट का मुआयना करने गुणवंत राव हेडसाहब एवं एच.एस. धुर्वे साहब गये थे उसी समय हमारी त्रिपन (बोवनी यंत्र) की तोड़-फोड़ कर कुए में फेंक रहे थे हमनें साहब से कहा कि देखो वो लोग (उमराव सिंह, रामकली बाई, शीला बाई, राजेश, परसराम, जगदीश, मन्टू, कमल सेन) हमारी टिपन तोडक़र कुए में फेंक रहें हैं आपनें भी देख लिया एवं हमारा एक बोरा सोयाबीन भी गायब है । हमने साहब से कहा की हमारी टिपन एवं सोयाबीन की रिर्पोट भी लिखें तो गुणवंत राव हेड साहब कहतें हैं और खरीद लेना, इसकी कोई रिर्पोट नही लिखी जाती और हमसे बोले कि यह जमीन भी कोई मत बोना 03/07/2011 को उक्त लोंगों ने भी जमीन बोना शुरू कर दिया। मैनें राकने की कोशिश की तो लाखन सिंह गुर्जर एवं जगदीश ट्रेक्टर से मेरा खेत बो रहे थे
मेंने उन्हे रोका तो वो मुझे ट्रेक्टर से कुचलने की धमकी देने लगे और मुझे ट्रेक्टर से कुचलने की कोशिश की में जान बचाकर भागा और सीधे थाने आकर गुणवंत राव हैड साहब को फोन पर सूचना दी कि साहब वो मरा खेत जबरजस्ती बो रहे हैं गुणवंत साहब बोले कि बोने दो तुम वहां मत जाना नहीं तो वो तुम्हें काट कर फैंक देंगं हमारी कोई जवाबदारी नहीं है। मरना हो तो जाओ बाद में बाद में हेड साहब गुणवंतराव साहब मुझसे व मेरे बेटे रामभरोसे से बोले कि तुम लोगों कि जमानत होना है वरना जेल जाना होगा और हेड साहब गुणवंत साहव लिखा पड़ी करने के बदले 8 हजार रू की मांग करने लगे । होते करते सौदा 2 हजार रू में तय हो गया। मेरे बेटे ने गुणवंत राव की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की और 6/07/11 को लोकायुक्त पुलिस ने गुणवंतराव को 2000 रू की रिश्वत लेते रंगे हाथो धर दबोचा।
और नवल सिंह के नाम रिकार्ड में कोई जमीन नहीं है उन्होंने बताया कि 14 एकड़ भूमि में से साडे 9 एकड भूमि उमराव सिंह के नाम है बाकी शेष जमीन साडे 4 एकड उनके बड़े भाई मोतीलाल के नाम है। हमने पुरानी बही लाकर माननीय अनुविभागीय अधिकारी महोदय एवं तहसीलदार साहब को लिखित शिकायत की हमारी शिकायत पर तुरन्त कार्यवाही की गई जांच में पाया गया कि साडे 9 एकड़ जमीन की बही फर्जी तरीके से पटवारी भगवती प्रसाद पाल ने रिश्वत लेकर बनाई थी। फर्जी बही की पोल खुलनें के बाद पुन: राजस्व विभाग ने उपरोक्त तीनों को चार भागों में भूमि बांट दी। किसानों को लूटनें वाला भगवती प्रसाद आज भी पदस्थ है। मेंरा छोटा भाई 3-4 साल पहले से परेशान करता आ रहा है। उमराव सिंह व उसके तीनों पुत्रों परसराम, जगदीश, मन्टू व जमाई राजेश पुत्र भवरलाल पत्नि रमली बाई एवं पुत्री शीला बाई ने पहले भी कई बार हमारे साथ मार-पीट की।
शिकायत कई वार थाना बैरसिया में भी की गई है। एवं कई वार ताकत एवं पैसे की दम पर हमारी फसज काट ली गई है। पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है दिनांक 2/07/11 को करीब साढ़े 8 बजे मेरे हिस्से की जमीन साढ़े 3 एकड की बोनी करने में एवं मेरा पुत्र रामचरणएचं बहू अनीता व छोटा पुत्र लक्ष्मीनारायण खेत पर बैलगाडी लेकर खेत बोने पहुंचे उसी बीच, रामकली बाई पत्नि उमराव सिंह, शीला बाई पत्नि राजेश ने आकर डंडों व हसियों से हू सभी पर जान लेवा हमला कर दिया, हमारे बैलों को मारना शुरू कर दिया मेंने (नवल सिंह) बैरसिया थाना आकर घायल अवस्था में ही एफ.आई.आर. की गुहार लगाई। हम सभी घायलों के शरीर से खून बहता रहा और पुलिस को हम रा कोई तरस तहीं आया जब हमने कार्यवाही करने को कहा तो हमसे हेड साहब महेश गर्ग बोले कि एक तरफ बैठ जाओ नहीं तो बंद कर दूंगा हम उसी हालत में बैठे रहे और खून बहता रहा। महेश गर्ग बोले कि मेरे पास टाईम नही है पैसे हो तो आओ नहीं तो बाहर ही बैठो। महेश गर्ग ने शर्मशार किया उस नारे को जो पुलिस हमेशा कहती है ‘‘देश भक्ति जन सेवा ‘‘आगे क्या कहते हैं महेश गर्ग- फरयादी नबल सिंह से गर्ग हैडसाहब बोले 5 हजार रू लाये हो तो आ जाओ। 5 हजार की बात सुनकर फरयादी न्याय की भीख मांगता रहा। इतनें में जिन लोगों ने हमको मार पीट कर भगाया था वो लोग भी थाने आ गये व हमारे खिलाफ झूठी रिर्पोट की गई तब महेश गर्ग बोले ऐसे होती है रिर्पोट। उन लोगों ने मुझे पांच हजार रू दे दिये है अब तुम लोगों को अन्दर करूंगा, जेल जाओगे, हमें डरा धमका कर 2 हजार रू गर्ग हेड साहब ने हमसे छीन लिये, मेरा बड़ा पुत्र रामभरोसे सेन पिछले 15 वर्षों से बैरसिया में रह रहा है।
उसके खिलाफ भी मुकदमा कायम कर दिया गया जबकि मेरा बड़ा पुत्र घटना के समय बैरसिया में था, हमारी इस रिर्पोट का मुआयना करने गुणवंत राव हेडसाहब एवं एच.एस. धुर्वे साहब गये थे उसी समय हमारी त्रिपन (बोवनी यंत्र) की तोड़-फोड़ कर कुए में फेंक रहे थे हमनें साहब से कहा कि देखो वो लोग (उमराव सिंह, रामकली बाई, शीला बाई, राजेश, परसराम, जगदीश, मन्टू, कमल सेन) हमारी टिपन तोडक़र कुए में फेंक रहें हैं आपनें भी देख लिया एवं हमारा एक बोरा सोयाबीन भी गायब है । हमने साहब से कहा की हमारी टिपन एवं सोयाबीन की रिर्पोट भी लिखें तो गुणवंत राव हेड साहब कहतें हैं और खरीद लेना, इसकी कोई रिर्पोट नही लिखी जाती और हमसे बोले कि यह जमीन भी कोई मत बोना 03/07/2011 को उक्त लोंगों ने भी जमीन बोना शुरू कर दिया। मैनें राकने की कोशिश की तो लाखन सिंह गुर्जर एवं जगदीश ट्रेक्टर से मेरा खेत बो रहे थे
मेंने उन्हे रोका तो वो मुझे ट्रेक्टर से कुचलने की धमकी देने लगे और मुझे ट्रेक्टर से कुचलने की कोशिश की में जान बचाकर भागा और सीधे थाने आकर गुणवंत राव हैड साहब को फोन पर सूचना दी कि साहब वो मरा खेत जबरजस्ती बो रहे हैं गुणवंत साहब बोले कि बोने दो तुम वहां मत जाना नहीं तो वो तुम्हें काट कर फैंक देंगं हमारी कोई जवाबदारी नहीं है। मरना हो तो जाओ बाद में बाद में हेड साहब गुणवंतराव साहब मुझसे व मेरे बेटे रामभरोसे से बोले कि तुम लोगों कि जमानत होना है वरना जेल जाना होगा और हेड साहब गुणवंत साहव लिखा पड़ी करने के बदले 8 हजार रू की मांग करने लगे । होते करते सौदा 2 हजार रू में तय हो गया। मेरे बेटे ने गुणवंत राव की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की और 6/07/11 को लोकायुक्त पुलिस ने गुणवंतराव को 2000 रू की रिश्वत लेते रंगे हाथो धर दबोचा।
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