विनय जी. डेविड MOB 09893221036
toc news internet channel (टाइम्स ऑफ क्राइम)
भोपाल. विकीलीक्स जैसी वेवसाईट ने अमेरिकी खुफिया तंत्र के दस्तावेज उजागर करके पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है. गोपनीय समझी जाने वाली अमेरिका की सूचनाएं उजागर होने से विश्व शक्ति के साथ साथ कई देशों को भी बचाव की मुद्रा अपनाना पड़ रही है. इसी तरह कहा जाता रहा है कि भारत के राजनेताओं ने स्विश बैंक में लगभग सत्तर हजार करोड़ रुपए जमा कराए हैं. यह धन किसका है इसकी जानकारी अब तक उजागर नहीं हुई है. लेकिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी रही एक संस्था ने देश के 105 राजनेताओं के नामों की सूची उजागर की है जिसमें कांग्रेस और भाजपा के अलावा तमाम राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं के नामों और उनके धन की जानकारी दी गई है.
गुजरात के अंकलेश्वर के रहने वाले श्री ए.के. बकानी के माध्यम से जारी इस सूची में तमाम नेताओं के धन का विवरण उपलब्ध कराया गया है. इस सूची को जारी करने वाली संस्था हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातंत्र सेना (इंडिया) का दावा है कि ये जानकारी पूरी तरह तथ्यात्मक है और स्विश सूत्रों के हवाले से दी गई है. इस संस्था का केन्द्रीय कार्यालय उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के बंकासिया गांव दिया गया है.
सूची में सबसे पहला नाम देश की विख्यात नेत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का है.
जिसमें कहा गया है कि उन्होंने स्विटजर लैंड में करीबन दस क्विंटल सोना, सौ किलो चांदी, और भारत में भुगतान किए जाने वाले दो करोड़ रुपए जमा कराए थे. उनके खाते का कोड क्रमांक नहीं दिया गया है. जबकि उनके पुत्र संजय गांधी के खाते को एसजीएलएफ ओ स्विटजर लैंड नाम से दर्शाया गया है. इस खाते में एक हजार एक सौ ग्यारह किलो सोना, छह सो बावन किलो हीरे, और भारत में भुगतान किए जाने वाले पचास लाख रुपए जमा कराए गए थे. इसी तरह राजीव गांधी का खाता क्रमांक एलसीटीएस सात सौ किलो सोना, 125 किलो चांदी, 352 किलो हीरे और भारत में भुगतान किए जाने वाले 352 लाख रुपए रखकर संचालित किया जाता है.
संस्था के सूत्र बताते हैं कि इन खातों के संचालन के लिए स्विश बैंकों की ओर से विशेष घड़ियां और अंगूठियां जारी की जाती हैं. इन्हें लेकर जाने वाला व्यक्ति इन खातों को संचालित कर सकता है. यदि किसी खाता धारक का निधन भी हो जाता है तो उसके परिजन इस विशेष प्रतीक के माध्यम से उस खाते को संचालित कर सकते हैं. यदि कोई व्यक्ति इस प्रतीक को चुरा भी लेता है तो वह भी इस खाते का संचालन कर सकता है.
स्विश बैंकों में गुप्त धन रखने के लालची एसा नहीं कि सिर्फ कांग्रेसी हैं. इन नामों की सूची में भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी है. पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान श्री आडवाणी ने इस धन की वापिसी के लिए बाकायदा प्रचार अभियान छेड़ा था. लेकिन सूची के मुताबिक श्री आडवाणी का भी खाता स्विश बैंक में मौजूद है. एनएसओएल नाम से खोले गए इस खाते में 552 किलो सोना, 152 किलो हीरे, और भारत में भुगतान किए जाने वाले साठ लाख रुपए शामिल हैं.
भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने स्विश कोड क्रमांक ओपीओओपी के माध्यम से कथित तौर पर दो सौ दस किलो सोना, सत्तर किलो चांदी, सत्तर किलो हीरे, और भारत में घर पर दिए जाने वाले छिहत्तर लाख दस हजार रुपए जमा कराए हैं. इसी तरह नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने स्विश बैंक के कोड क्रमांक एसएनकेवी के माध्यम से 75 किलो 900 ग्राम सोना, और 119 करो़ड़ दस लाख रुपए भारत में भुगतान की जाने वाली मुद्रा जमा कराई है.
सूची में एक सौ पांच एसे नेताओं के नाम शामिल हैं जो भारत की राजनीति में अपनी विशेष पहचान के कारण जाने जाते हैं. फिलहाल उस सूची की छाया प्रति भी हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं.
गुजरात के अंकलेश्वर के रहने वाले श्री ए.के. बकानी के माध्यम से जारी इस सूची में तमाम नेताओं के धन का विवरण उपलब्ध कराया गया है. इस सूची को जारी करने वाली संस्था हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातंत्र सेना (इंडिया) का दावा है कि ये जानकारी पूरी तरह तथ्यात्मक है और स्विश सूत्रों के हवाले से दी गई है. इस संस्था का केन्द्रीय कार्यालय उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के बंकासिया गांव दिया गया है.
सूची में सबसे पहला नाम देश की विख्यात नेत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का है.
जिसमें कहा गया है कि उन्होंने स्विटजर लैंड में करीबन दस क्विंटल सोना, सौ किलो चांदी, और भारत में भुगतान किए जाने वाले दो करोड़ रुपए जमा कराए थे. उनके खाते का कोड क्रमांक नहीं दिया गया है. जबकि उनके पुत्र संजय गांधी के खाते को एसजीएलएफ ओ स्विटजर लैंड नाम से दर्शाया गया है. इस खाते में एक हजार एक सौ ग्यारह किलो सोना, छह सो बावन किलो हीरे, और भारत में भुगतान किए जाने वाले पचास लाख रुपए जमा कराए गए थे. इसी तरह राजीव गांधी का खाता क्रमांक एलसीटीएस सात सौ किलो सोना, 125 किलो चांदी, 352 किलो हीरे और भारत में भुगतान किए जाने वाले 352 लाख रुपए रखकर संचालित किया जाता है.
संस्था के सूत्र बताते हैं कि इन खातों के संचालन के लिए स्विश बैंकों की ओर से विशेष घड़ियां और अंगूठियां जारी की जाती हैं. इन्हें लेकर जाने वाला व्यक्ति इन खातों को संचालित कर सकता है. यदि किसी खाता धारक का निधन भी हो जाता है तो उसके परिजन इस विशेष प्रतीक के माध्यम से उस खाते को संचालित कर सकते हैं. यदि कोई व्यक्ति इस प्रतीक को चुरा भी लेता है तो वह भी इस खाते का संचालन कर सकता है.
स्विश बैंकों में गुप्त धन रखने के लालची एसा नहीं कि सिर्फ कांग्रेसी हैं. इन नामों की सूची में भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी का नाम भी है. पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान श्री आडवाणी ने इस धन की वापिसी के लिए बाकायदा प्रचार अभियान छेड़ा था. लेकिन सूची के मुताबिक श्री आडवाणी का भी खाता स्विश बैंक में मौजूद है. एनएसओएल नाम से खोले गए इस खाते में 552 किलो सोना, 152 किलो हीरे, और भारत में भुगतान किए जाने वाले साठ लाख रुपए शामिल हैं.
भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने स्विश कोड क्रमांक ओपीओओपी के माध्यम से कथित तौर पर दो सौ दस किलो सोना, सत्तर किलो चांदी, सत्तर किलो हीरे, और भारत में घर पर दिए जाने वाले छिहत्तर लाख दस हजार रुपए जमा कराए हैं. इसी तरह नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने स्विश बैंक के कोड क्रमांक एसएनकेवी के माध्यम से 75 किलो 900 ग्राम सोना, और 119 करो़ड़ दस लाख रुपए भारत में भुगतान की जाने वाली मुद्रा जमा कराई है.
सूची में एक सौ पांच एसे नेताओं के नाम शामिल हैं जो भारत की राजनीति में अपनी विशेष पहचान के कारण जाने जाते हैं. फिलहाल उस सूची की छाया प्रति भी हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं.
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