प्रतिनिधि // संतोष कुमार गुप्ता (शहडोल // टाइम्स ऑफ क्राइम)
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शहडोल. कलेक्टर शहडोल के आदेश क्रमांक 3263 दिनांक 15 जुलाई 2011 द्वारा माध्यमिक शिक्षा मंडल मप्र द्वारा संचालित पूरक परीक्षा 2011 में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण शहडोल संभाग शहडोल के निरीक्षण के दौरान नकल कराने के उद्देश्य से संजय पाठक सहायक अध्यापक प्रा.शा. खेतौली विकास खंड सोहागपुर एवं विक्रम सिंह लिपिक शा. एमएलबी शहडोल को निलंबित किया गया। जबकि वास्तविकता यह है कि परीक्षा केन्द्र एमएलबी में विद्यालय के प्राचार्य उमेश कुमार श्रीवास्तव ही केन्द्राध्यक्ष थे। ऐसी स्थिति में विद्यालय के लिपिक कक्ष में प्रश्नों के उत्तर तैयार कर परीक्षार्थियों को उपलब्ध कराये जाते निसंदेह उस घटना में केन्द्राध्यक्ष का शामिल होना परिलक्षित होता है। क्योंकि बिना केन्द्राध्यक्ष की सहमति के उसके संस्था में इस प्रकार के हो रहे कृत्य के लिए वह स्वयं जिम्मेदार है। एमएलबी विद्यालय में नकल का पुराना प्रचलन है।
इस प्रचलन को अंजाम देने में मुख्य भूमिका संस्था प्राचार्य केन्द्राध्यक्ष उमेश कुमार श्रीवास्तव एवं एक लिपिक संजय अवस्थी की है। इनके द्वारा केन्द्र में नकल कराने का ठेका लिया जाता है और उक्त ठेके की राशि संजय अवस्थी लिपिक के द्वारा वसूली की जाती है। यह कार्ययोजनाबद्ध तरीके से करने के लिए केन्द्राध्यक्ष द्वारा विक्रम सिंह सेंगर लिपिक को बुलाया गया और कहा गया कि तुम अपना कक्ष खोलों कक्ष खोलने पर संजय पाठक को भेजा गया इसके तदपश्चात लिपिक संजय अवस्थी प्रश्र पत्र लेकर लिपिक कक्ष पर पहुंच गया और संजय पाठक जो संजय अवस्थी का अभिन्न सहयोगी है। को प्रश्र हल तैयार कर संजय अवस्थी के द्वारा छात्राओं को उपलब्ध कराया गया। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण शिक्षा श्रीमती सिहोटे के निरीक्षण के दौरान संजय अवस्थी विद्यालय परिसर से बाहर चला गया। इस प्रकार उक्त घटना को मुख्य आरोपी केन्द्राध्यक्ष उमेश श्रीवास्तव एवं लिपिक संजय अवस्थी निर्दोश छोड़ दिए गए। जबकि निर अपराध छोटे कर्मचारी को बली का बकरा बनाया गया। यह घटना प्रशासन के लिए प्रश्र चिन्ह बनकर रह गया है।
इस प्रचलन को अंजाम देने में मुख्य भूमिका संस्था प्राचार्य केन्द्राध्यक्ष उमेश कुमार श्रीवास्तव एवं एक लिपिक संजय अवस्थी की है। इनके द्वारा केन्द्र में नकल कराने का ठेका लिया जाता है और उक्त ठेके की राशि संजय अवस्थी लिपिक के द्वारा वसूली की जाती है। यह कार्ययोजनाबद्ध तरीके से करने के लिए केन्द्राध्यक्ष द्वारा विक्रम सिंह सेंगर लिपिक को बुलाया गया और कहा गया कि तुम अपना कक्ष खोलों कक्ष खोलने पर संजय पाठक को भेजा गया इसके तदपश्चात लिपिक संजय अवस्थी प्रश्र पत्र लेकर लिपिक कक्ष पर पहुंच गया और संजय पाठक जो संजय अवस्थी का अभिन्न सहयोगी है। को प्रश्र हल तैयार कर संजय अवस्थी के द्वारा छात्राओं को उपलब्ध कराया गया। संयुक्त संचालक लोक शिक्षण शिक्षा श्रीमती सिहोटे के निरीक्षण के दौरान संजय अवस्थी विद्यालय परिसर से बाहर चला गया। इस प्रकार उक्त घटना को मुख्य आरोपी केन्द्राध्यक्ष उमेश श्रीवास्तव एवं लिपिक संजय अवस्थी निर्दोश छोड़ दिए गए। जबकि निर अपराध छोटे कर्मचारी को बली का बकरा बनाया गया। यह घटना प्रशासन के लिए प्रश्र चिन्ह बनकर रह गया है।
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