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कटनी. शहर में दिनों दिन बढ़ते वाहनों के कारण जनता परेशान रहती थी जिसमें शहर के अन्दर से भारी वाहन का भी अन्दर आना जाना था जिससे शहर अत्याधिक प्रदूषित हो गया था। जिसके चलते प्रशासन ने भारी वाहनों के परिवहन के लिए शहर के बाहरी इलाको से बायपास बना दिया शहर के अन्दर से भारी वाहनों का आना जाना बंद हुआ जिससे यातायात पुलिस की अवैध कमाई कम हो गयी जिसमे यातायात विभाग ने अपनी अवैध कमाई का जरिया खोज निकाला शहर से महज 7 किमी दूर लमतरा फाटक बायपास के पास खड़े होकरन वहां से गुजरने वाले भारी वाहनो से यातायात पुलिस एवं दो आमनागरिक मिलकर जमकर अवैध वसूली की जाती है जबकि इन आम नागरिकों का यातायात विभाग से दूर दूर तक कोई रिष्ता नही है उसके बाद भी यातायात पुलिस इनसे अवैध वसूली करवाती है तथा इसी प्रकार कटनी नदी पुल की कहानी है जर्जर पुल बना कमाई का साधन प्रतिबंधित शहर के बीचों बीच स्थित कटनी नदी पुल है
जिसमे सौ साल पूरे हो चुके है और हाईकोर्ट ने उस पुल को निर्जीव घोषित कर दिया है तथा यातायात विभाग को साफ-साफ चेतावनी दी गई है कि इस जर्जर पुल से भारी वाहनों का आवागमन पूर्णत: बंद कर दिया जाए उसके बाद भी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नही किया जा रहा एवं उस जर्जर पुल से बैखौफ दिन हो या रात भारी वाहनों का अवागमन बदसूरत जारी है नो एन्ट्री लगने के बाद भी वाहना का आवागमन बंद नही कराया जाता पुल के उस पार एवं इस बार काफी मात्रा में ट्रान्सपोर्ट खुले हुए है। इन ट्रान्सपोर्टरो के वाहन बिना रोक टोक से निकलते है इन सभी ट्रान्सपोर्टरों से यातायात विभाग को महीने की मोटी रकम परोसी जाती है जिसके चलते यातायात पुलिस चांडक चौक जर्जर पुल के पास आंख और कान बंद कर कर बैठती है जब इनसे कोई रिपोर्ट पूछे कि यह पुल तो प्रतिबंधित है।
उसके बाद भी यहां से भारी वाहन क्यो गुजरने देते है तब यातायात पुलिस का एक सिपाही कहता है ये तो अपने मित्रों का ट्रक है इन्हे जाने दिया जाए धोखे से किसी और जिले की और जाने वाला भारी वाहन फंस जाए उसके लिए सारे नियम कानून लागू कर दिये जाते है तथा उससे एक मोटी रकम वसूल की जाती है जिसका चालान नही किया जाता और आगे के लिए रवाना कर दिया जाता है ।
जिसमे सौ साल पूरे हो चुके है और हाईकोर्ट ने उस पुल को निर्जीव घोषित कर दिया है तथा यातायात विभाग को साफ-साफ चेतावनी दी गई है कि इस जर्जर पुल से भारी वाहनों का आवागमन पूर्णत: बंद कर दिया जाए उसके बाद भी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नही किया जा रहा एवं उस जर्जर पुल से बैखौफ दिन हो या रात भारी वाहनों का अवागमन बदसूरत जारी है नो एन्ट्री लगने के बाद भी वाहना का आवागमन बंद नही कराया जाता पुल के उस पार एवं इस बार काफी मात्रा में ट्रान्सपोर्ट खुले हुए है। इन ट्रान्सपोर्टरो के वाहन बिना रोक टोक से निकलते है इन सभी ट्रान्सपोर्टरों से यातायात विभाग को महीने की मोटी रकम परोसी जाती है जिसके चलते यातायात पुलिस चांडक चौक जर्जर पुल के पास आंख और कान बंद कर कर बैठती है जब इनसे कोई रिपोर्ट पूछे कि यह पुल तो प्रतिबंधित है।
उसके बाद भी यहां से भारी वाहन क्यो गुजरने देते है तब यातायात पुलिस का एक सिपाही कहता है ये तो अपने मित्रों का ट्रक है इन्हे जाने दिया जाए धोखे से किसी और जिले की और जाने वाला भारी वाहन फंस जाए उसके लिए सारे नियम कानून लागू कर दिये जाते है तथा उससे एक मोटी रकम वसूल की जाती है जिसका चालान नही किया जाता और आगे के लिए रवाना कर दिया जाता है ।
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