Rs 350 crore funds siphoned off from two banks |
TOC NEWS
बिहार के भागलपुर में सरकारी धन के व्यक्तिगत इस्तेमाल का मामला प्रकाश में आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने त्वरित पहल करते हुए आर्थिक अपराध इकाई की एक टीम भागलपुर भेजकर पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया।
इधर, सरकार ने अन्य जिलों में भी सरकारी खातों के जांच के आदेश दिए हैं। भागलपुर के एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले में अब तक 350 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि के फर्जीवाड़े का पता चला है। इस फर्जीवाड़े में एक स्वयंसेवी संस्था में सरकारी योजनाओं के पैसे रखे जाने और संस्था द्वारा इसके व्यक्तिगत इस्तेमाल का खुलासा हुआ है।
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद मुख्यमंत्री ने पटना से अधिकारियों की एक टीम हेलीकॉप्टर से भेजकर जांच करने का निर्देश दिया। पुलिस के अनुसार इस मामले में स्वयंसेवी संस्था के कर्मचारी, बैंक के अधिकारी और सरकारी अधिकरियों और कर्मचारियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस के अनुसार भागलपुर के सबौर स्थित स्वयंसेवी संस्था सृजन महिला विकास सहयोग समिति के बैंक खाते में सरकारी योजनाओं के पैसे रखे जाते थे, जिसका उपयोग संस्था द्वारा अपने व्यक्तिगत कार्यो में करती थी।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि यह गोरखधंधा वर्ष 2009 से ही चल रहा था। भागलपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने शुक्रवार को बताया कि इस फर्जीवाड़े का खुलासा तीन अगस्त को 10 करोड़ रुपये के एक सरकारी चेक के बाउंस होने के बाद आया।
कुमार ने बताया कि अभी तक इस अवैध निकासी मामले में जो सरकारी राशि का फर्जीवाड़ा हुआ है, उस मामले में अब तक भागलपुर के विभिन्न थानों में पांच अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसमें 350 करोड़ रुपए से ज्यादा की राषि का फर्जीवाड़ा की बात सामने आई है।
इस मामले में दो दर्जन लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। उन्होंन कहा कि अभी जांच जारी है। यह राषि और आरोपियों की संख्या में और वृद्धि हो सकती है।
भागलपुर के एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अब तक सात लोगों की गिरतारी की गई है, जिसमें बैंक के पदाधिकारी, स्वयंसवी संस्था के पदाधिकारी एवं सरकारी पदाधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि भू-अर्जन विभाग से 270 करोड रुपए की राषि जबकि जिला नजारत से 14़.80 करोड़ और मुख्यमंत्री नगर विकास योजना से 10़.26 करोड़ रुपए बैंक ऑफ बड़ौदा तथा इंडियन बैंक से निकाले गए और सृजन महिला संस्थान के खातों में जमा कराया गया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में बैंक के अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई है।
बताया जाता है कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति का गठन वर्ष 1996 में को-ऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट के तहत हुआ था। बाद में इस संस्थान की मान्यता जिला स्तर पर मिल गई और इस संस्था को सरकारी मदद मिलने लगी।
सूत्रों के अनुसार, 2003 से सृजन महिला के बचत एवं शाखा में सरकारी राशियां भी जमा होने लगी। गौरतलब है कि सहयोग समिति को किसी प्रकार के बैंकिंग सेवाओं के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अनुमति नहीं है।
भागलपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस पूरे मामले की गहन छानबीन की जा रही है। इधर, सरकार ने इस मामले के खुलासे के बाद सभी जिलों के सरकारी खातों की जांच के आदेश दिए हैं। सरकार का मानना है कि इस जांच से यह पता चल सकेगा कि किसी और जिले में तो ऐसे फर्जीवाड़े का धंधा नहीं चल रहा है।
No comments:
Post a Comment