TOC NEWS
सरकार ने आज लोकसभा सदन में मजदूरी संहिता विधेयक 2017 पेश किया। जिसके जरिए असंगठित क्षेत्र में सभी श्रेणियों के 40 करोड़ से ज्यादा श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी तय करने का काम केंद्र स्तर पर किया जाए। इस बिल से जुड़ा खास प्रवधान यह है कि किसी मजदूर को तनख्वाह कम दी गई तो उसके मालिक को 50 हजार का जुर्माना भरना पड़ेगा।
विपक्ष पार्टी ने इस बात पर विरोध जताया कि सरकार ने अल्प सूचना पर बिल पेश कर दिया। वहीं श्रम मंत्री का कहना है कि अभी बिल पेश किया गया है। इस पर चर्चा कुछ समय बाद होगी।
गौरतलब है कि न्यूनतम मजदूरी की समीक्षा हर पांच साल में विभिन्न मानकों को ध्यान में रखकर की जाएगी। इनका निर्धारण एक पैनल करेगा। जिसमें नियोक्ता, श्रमिकों के प्रतिनिधियों के अलावा स्वतंत्र लोग भी शामिल होंगे।
दिहाड़ी श्रमिकों को शिफ्ट समाप्त होते ही पगार देनी होगी। साप्ताहिक श्रमिकों को सप्ताह के आखिरी कार्य दिवस तथा पाक्षिक श्रमिकों को कार्यदिवस समाप्ति के बाद दूसरे दिन भुगतान करना होगा।
मासिक आधार पर कार्य करने वाले श्रमिकों को महिने की सात तारिख तक वेतन देना होगा। श्रमिकों हटाने या बर्खास्त करने या उसके इस्तीफा देने पर पगार दो काम के दिनों में देनी होगी।
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि नए बिल में 1936, 1948, 1965 व 1976 के एक्ट का विलय कर दिया जाएगा। इसमें जो भी प्रावधान है उनसे किसी भी श्रमिक के आधिकारों का हनन नहीं हो पाएगा।
No comments:
Post a Comment