TOC NEWS
*क्या आपकी वेबसाइट को दिया जनसंपर्क ने दिया लाखों रुपए के विज्ञापन, नहीं तो क्यों ?*
*भोपाल. मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग में वेबसाइट पोर्टलों में प्रचार प्रसार के नाम पर करीब 150 करोड़ रुपए की मनमानी तरीके सेे परिचितों और करीबियों और एक ही परिवार के कई लोगों को लाखों करोड़ों रुपए का विज्ञापन बाटकर भारी भ्रष्टाचार किया है. इस बंदरबाट में जनसंपर्क के अधिकारियों ने मोटी मलाई भी खाई।*
विशेष सूत्रों ने बताया कि विभाग में मनमानी कर अपनी मनमर्जी से राज्य शासन की नियम के प्रावधानों के विपरीत मात्र कुछ गिनेचुने लोगों के बीच ही ये खेल खेला गया है। अपने चहेतों को खुश करने के लिए समानता से विज्ञापन नहीं दिए एक ही मालिक की कई वेबसाइट चैनलों को विज्ञापन जारी किए और धड़ाधड़ उनके भुगतान भी कर दिया गए।
पीड़ित सूत्रो का कहना है कि जनसंपर्क विभाग विज्ञापन कर्ताओं को नियमित मिलने वाले विज्ञापनों की राशि में कटौती कर देता है और बजट का रोना रोता रहता है वही मोटी राशि के विज्ञापन देने पर उनको बजट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
जनसंपर्क की मनमानी के कई उदाहरण सामने हैं जो विवाद के कारण बने हुए हैं कई ऐसी वेबसाइट हैं खबरों से कोई वास्ता नहीं वह सिर्फ माल कमाने के लिए अपनी व्यवस्थाओं को संचालित कर रहे हैं जिसका लाभ जनसंपर्क विभाग से नियमित उठा रहे हैं एक वेबसाइट जो पिछले दिनों भी विवाद में रही "MP डॉक्टर डॉट कॉम" वेबसाइट को जनसंपर्क विभाग ने 10 लाख रूपये के विज्ञापन जारी किए और अभी भी नियमित जारी किये जा रहे है। क्या आपकी वेबसाइट को दिया जनसंपर्क ने दिया लाखों रुपए के विज्ञापन, नहीं तो क्यों ?
अभी जब मध्यप्रदेश की समीक्षा के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह राजधानी भोपाल में पधारे हुए हैं यह पूरी जानकारी से उनको अवगत कराना जरुरी है।
प्रतिदिन जारी
*क्या आपकी वेबसाइट को दिया जनसंपर्क ने दिया लाखों रुपए के विज्ञापन, नहीं तो क्यों ?*
*भोपाल. मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग में वेबसाइट पोर्टलों में प्रचार प्रसार के नाम पर करीब 150 करोड़ रुपए की मनमानी तरीके सेे परिचितों और करीबियों और एक ही परिवार के कई लोगों को लाखों करोड़ों रुपए का विज्ञापन बाटकर भारी भ्रष्टाचार किया है. इस बंदरबाट में जनसंपर्क के अधिकारियों ने मोटी मलाई भी खाई।*
विशेष सूत्रों ने बताया कि विभाग में मनमानी कर अपनी मनमर्जी से राज्य शासन की नियम के प्रावधानों के विपरीत मात्र कुछ गिनेचुने लोगों के बीच ही ये खेल खेला गया है। अपने चहेतों को खुश करने के लिए समानता से विज्ञापन नहीं दिए एक ही मालिक की कई वेबसाइट चैनलों को विज्ञापन जारी किए और धड़ाधड़ उनके भुगतान भी कर दिया गए।
पीड़ित सूत्रो का कहना है कि जनसंपर्क विभाग विज्ञापन कर्ताओं को नियमित मिलने वाले विज्ञापनों की राशि में कटौती कर देता है और बजट का रोना रोता रहता है वही मोटी राशि के विज्ञापन देने पर उनको बजट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
जनसंपर्क की मनमानी के कई उदाहरण सामने हैं जो विवाद के कारण बने हुए हैं कई ऐसी वेबसाइट हैं खबरों से कोई वास्ता नहीं वह सिर्फ माल कमाने के लिए अपनी व्यवस्थाओं को संचालित कर रहे हैं जिसका लाभ जनसंपर्क विभाग से नियमित उठा रहे हैं एक वेबसाइट जो पिछले दिनों भी विवाद में रही "MP डॉक्टर डॉट कॉम" वेबसाइट को जनसंपर्क विभाग ने 10 लाख रूपये के विज्ञापन जारी किए और अभी भी नियमित जारी किये जा रहे है। क्या आपकी वेबसाइट को दिया जनसंपर्क ने दिया लाखों रुपए के विज्ञापन, नहीं तो क्यों ?
अभी जब मध्यप्रदेश की समीक्षा के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह राजधानी भोपाल में पधारे हुए हैं यह पूरी जानकारी से उनको अवगत कराना जरुरी है।
प्रतिदिन जारी
No comments:
Post a Comment