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खरीफ फसलों का तेजी से बीमा करने में जुटा जिले का मैदानी अमला
उज्जैन | 11-अगस्त-2017. आगामी 16 अगस्त खरीफ फसलों का बीमा करने की अन्तिम तिथि है। जिले के कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता विभागों का अमला तेजी से फसल बीमा के लिये जुटा हुआ है। इस काम में पटवारी और पंचायतों के सचिव भी मदद कर रहे हैं। किसानों को समझाकर फसल बीमे के लिये आगे लाया जा रहा है। इस कार्य की कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे ने शुक्रवार को वृहद समीक्षा की। सिंहस्थ मेला कार्यालय में आयोजित इस बैठक में अपर कलेक्टर श्री बसन्त कुर्रे तथा कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता विभागों के जिला अधिकारियों के अलावा ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी, ग्रामीण उद्यानिकी अधिकारी एवं जुड़े हुए अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के कार्यों की शाखावार समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कई बैंक प्रबंधकों को शाबाशी दी, वहीं काम नहीं करने वाले प्रबंधकों को चेतावनी भी दी। कलेक्टर ने खरीफ फसलों में कुल बीमे का 20 प्रतिशत हिस्सा उद्यानिकी फसलों के लिये निर्धारित किया। ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रत्येक अधिकारी 01-01 हजार किसानों का बीमा करवाये। कलेक्टर ने कहा कि आगामी 17 अगस्त को पुन: समीक्षा की जायेगी।
जिन अधिकारियों द्वारा लक्ष्य हासिल किया जायेगा, उनका सम्मान किया जाकर प्रशंसा-पत्र दिये जायेंगे। वहीं लक्ष्य हासिल नहीं करने वाले अधिकारी अपने आपको निलम्बित समझें। बैठक में उद्यानिकी फसलों के बीमा कार्य की समीक्षा में कलेक्टर ने निर्देश दिये कि 25 हजार ऋणी तथा 05 हजार अऋणी कृषकों का बीमा अन्तिम तिथि तक कराया जाना है। जिले में खासतौर पर मिर्च, टमाटर, बेंगन, प्याज तथा सन्तरे की फसलों का बीमा किया जा रहा है। उद्यानिकी विभाग के मैदानी अधिकारियों को भी कलेक्टर ने 01-01 हजार कृषकों का फसल बीमा कराने का लक्ष्य दिया।
माकड़ोन में कमजोर स्थिति पाये जाने पर शनिवार को विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश दिये। बैंक प्रबंधकों को निर्देशित किया गया कि शाखा में यदि कोई किसान बीमे के लिये आता है, तो उसको पूर्ण सहयोग देकर फसल बीमा किया जाये। यदि शाखा के क्षेत्राधिकार में वह किसान नहीं आता है तो भी बीमा करवायें, किसान को पावती दें। बैठक में कमजोर प्रगति पाये जाने पर कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के कई मैदानी अधिकारियों की 02-02 वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश कलेक्टर ने दिये। वहीं ग्राम पाट के समिति सेवक को कार्य नहीं करने पर निलम्बित करने के निर्देश भी दिये।
बैठक में कलेक्टर द्वारा जिले में जारी ‘केसीसी’ की संख्या के अनुपात में अभी तक फसल बीमा प्रगति नहीं पाये जाने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए निर्देश दिये कि बैंकों के शाखा प्रबंधक इस सम्बन्ध में और अधिक मेहनत करें। जारी ‘केसीसी’ की संख्या के अनुपात में संतोषजनक रूप से बीमे करवाये जायें। बैठक में कलेक्टर ने प्याज भण्डारण केन्द्रों के जिले में अधिकाधिक संख्या में निर्माण की योजना बताते हुए सहकारी बैंकों के प्रत्येक शाखा प्रबंधक को 50 किसानों के प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिये। इस योजना में किसानों को प्याज भण्डारण केन्द्रों के निर्माण हेतु ऋण दिलवाया जायेगा।
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