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चंडीगढ़. हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे द्वारा कथित छेड़छाड़ प्रकरण में चंडीगढ़ पुलिस की कार्रवाई कटघरे सवालों में आ गई है। आरोपियों के खिलाफ धाराओं में बार-बार बदलाव ने शक तो पैदा किया ही हुआ है, आरोपियों की थाने में आवभगत होने की भी बातें सामने आई हैं। वहीं, खबरों के मुताबिक वारदात की जगहों से सीसीटीवी फुटेज भी गायब हैं। इस बीच आईएएस असोसिएशन भी पीड़ित युवती के समर्थन में खड़ी हो गई है। असोसिएशन ने इस मामले पर हैरानी जताते हुए दोषी को सजा देने की मांग की है।
इस हाइप्रोफाइल मामले में पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 डी और मोटर वीकल ऐक्ट की धारा 185 के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन कुछ ही घंटों में मामले में धारा 341, 365 और 511 को जोड़ दिया गया। तीसरी बार केवल धारा 341 को ही जोड़ा गया। इतनी तेजी से धाराओं में बार-बार बदलाव से जब चंडीगढ़ पुलिस की फजीहत हुई तो कहा गया कि धारा 365 और 511 के लिए कानूनी राय ली जाएगी।
सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को घटना वाली रात हिरासत में लाए गए आरोपियों के लिए चंडीगढ़ पुलिस के कर्मचारी एक अच्छे मेजबान के तौर पर पेश हुए। उनकी न केवल खूब आवभगत हुई बल्कि कोल्ड ड्रिंक से लेकर कोल्ड कॉफी तक सर्व की गई। एक पुलिस कर्मचारी द्वारा लॉकअप में बंद आरोपियों तक कोल्ड कॉफी भिजवाए जाने की बात सामने आ रही है।
दूसरी ओर कानूनी विशेषज्ञ इस पूरे मामले में चंडीगढ़ पुलिस की भूमिका का अपने तर्कों से आकलन कर रहे हैं। सीनियर वकील रंजन लखनपाल का कहना है कि पुलिस के पास आरोपी को पुलिस स्टेशन से ही रिहा करने की कोई पावर नहीं है, क्योंकि मामला संगीन है और जो धाराएं मामले में जुड़ी थीं, वे भी गैरजमानती हैं। उनके मुताबिक इस मामले में अदालत को भी नजरअंदाज किया गया और मामले को लगातार कमजोर करने की कोशिश की गई। यह मामला कोर्ट में जाना चाहिए था।
हरियाणा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला
दूसरी ओर पुलिस की भूमिका पर उठ रही उंगलियों के बीच छेड़छाड़ से पीड़ित युवती और उसके आईएएस पिता को अभी भी भरोसा है कि पुलिस सही काम करेगी और कानून के द्वारा न्याय दिलवाया जाएगा। पीड़िता अपने बयान पर कायम है और उसका कहना है कि उसे नहीं पता कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कौन-सी धाराएं की हैं और कौन-सी नहीं की हैं। पीड़िता का कहना है कि धाराएं लगाना पुलिस का काम है। मैंने जो स्टेटमेंट दिया था, उसमें सच बता दिया है। उससे आगे मेरे को नहीं पता कि कौन-सा सेक्शन लिखा गया है। मुझे भरोसा है कि पुलिस कानून के हिसाब से काम करेगी।
पीड़िता के पिता ने कहा कि वह खुद एक सरकारी कर्मचारी हैं और सभी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं। बेटी की तरह ही उनको भी भरोसा है कि कानून अपना काम करेगा और न्याय मिलेगा। उल्लेखनीय है कि कथित छेड़छाड़ की घटना से शिकार युवती और उसके पिता ने अपने फेसबुक वॉल पर लंबा पोस्ट लिखते हुए चंडीगढ़ पुलिस की कार्यशैली की प्रशंसा की थी।
राजनीतिक प्रेशर के आरोप से हरियाणा BJP का इनकार
भारतीय जनता पार्टी नए बराला प्रकरण में चंडीगढ़ पुलिस पर किसी राजनीतिक प्रेशर साफ इनकार किया है। पार्टी के प्रदेश मीडिया विभाग के प्रमुख राजीव जैन ने कहा कि विपक्षी दलों की राजनीतिक दबाव की बात आधारहीन व तथ्यहीन है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार रात को घटनाक्रम में लड़की ने अपने आईएएस पिता की मौजूदगी में जो बयान लिखवाया, पुलिस द्वारा बयान के अनुसार मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करते हुए विकास व आशीष को गिरफ्तार कर कानून अनुसार जमानत दे दी थी। पुलिस ने विकास व आशीष को जांच के लिए दोबारा डीएसपी ईस्ट सतीश कुमार के आफिस में बुलाया। इसके बाद दोनों ही डीएसपी आफिस चले गए।
इसके बाद पुलिस ने लड़की को बुलाकर अदालत में धारा 164 के बयान लिखवाए। दोनों बयानों के अनुसार पुलिस ने मुकदमे में धारा 341 और जोड़ दी तथा कानून के अनुसार कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि उपरोक्त घटनाक्रम में किसी प्रकार का राजनीतिक दबाव इस्तेमान नहीं हुआ है। जैन ने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला खुद साफ कर चुके हैं कि वह कानून का सम्मान करते हैं ओर खुद लड़की व उसके आईएएस पिता ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि पुलिस ने अपना काम साफगोई व तत्परता से किया है।
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