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सरकारें अजब काम करती हैं. कुछ दिन पहले ही जिस अधिकारी को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था उसे ही सरकार की तरफ से सम्मान दे दिया गया. मामला राजस्थान का है जहां के नगर पालिका कोटपूतली में जिस वरिष्ठ लिपिक को एसीबी ने एक साल पहले रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों धरा था, उस वरिष्ठ लिपिक बाबूलाल धोबी को तहसील मुख्यालय पर आयोजित स्वतंत्रता समारोह में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया.
एसीबी का दावा-ठोस सबूत हैं
पालिका बोर्ड ने बाबूलाल के खिलाफ कोर्ट में केस चलाने के लिए भी अभियोजन स्वीकृति देने से इंकार कर दिया है, जबकि एसीबी के एडिशनल एसपी नरोत्तम वर्मा का दावा है कि बाबूलाल के खिलाफ रिश्वत लेने के ठोस सबूत थे. बाबूलाल को एसडीएम सुरेश चौधरी और विधायक राजेन्द्र यादव ने प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया.
15 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया था
सम्मानित होने वाले लोगों और सरकारी कर्मचारी-अफसरों की सूची एसडीएम कार्यालय में ही बनती है. इसके लिए पालिका और अन्य विभागों से प्रस्ताव आते हैं. 23 अगस्त 2016 को एसीबी ने बिल पास करने की एवज में 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते बाबूलाल धोबी को पकड़ा था.
ठेकेदार से ली थी रिश्वत, चौथी बार में पकड़ में आया था
ठेकेदार ने पालिका में स्ट्रीट लाइट का काम किया. इस कार्य के 63 हजार रुपए के बिल पेंडिंग थे. ठेकेदार से बाबूलाल धोबी बिल पास करने की एवज में रिश्वत मांग रहा था. पीड़ित ने एसीबी में शिकायत की. सत्यापन करके एसीबी की टीम ने अलग-अलग समय बाबूलाल को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह ऐनवक्त पर रिश्वत लेने से मना कर देता था. इसके बाद बाबूलाल धोबी को एसीबी ने चौथी दफा में बिल पास करने की एवज में 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया था.
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