TOC NEWS // 08 Aug 2017
उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा को भारत का अगला प्रधान न्यायाधीश चुन लिया गया। वह देश के 45वें सीजेआई होंगे। कानून मंत्रालय की ओर से मंगलवार शाम एक अधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए 63 वर्षीय मिश्रा की नियुक्ति की घोषणा की गई है। मिश्रा वर्तमान सीजेआई जेएस खेहर की जगह लेंगे जो 27 अगस्त को सेवानिवृत हो रहे हैं।
14 महीने का होगा कार्यकाल
जस्टिस मिश्रा का 14 महीने का कार्यकाल होगा। वह 2 अक्तूबर 2018 को रिटायर होंगे। वर्तमान सीजेआई जस्टिस जेएस खेहर ने दीपक मिश्रा को अगला सीजेआई बनाने की सिफारिश सरकार से की थी। नियमों के मुताबिक सीजेआई बनाने की सिफारिश मौजूदा सीजेआई करते हैं। इसके लिए कॉलेजियम यानी चयन मंडल की सिफारिश की आवश्यकता नहीं होती। सीजेआई की इस सिफारिश को मानने के लिए सरकार बाध्य होती है।
जस्टिस मिश्रा का 14 महीने का कार्यकाल होगा। वह 2 अक्तूबर 2018 को रिटायर होंगे। वर्तमान सीजेआई जस्टिस जेएस खेहर ने दीपक मिश्रा को अगला सीजेआई बनाने की सिफारिश सरकार से की थी। नियमों के मुताबिक सीजेआई बनाने की सिफारिश मौजूदा सीजेआई करते हैं। इसके लिए कॉलेजियम यानी चयन मंडल की सिफारिश की आवश्यकता नहीं होती। सीजेआई की इस सिफारिश को मानने के लिए सरकार बाध्य होती है।
1977 में बने वकील
जस्टिस दीपक मिश्रा का जन्म 3 अक्तूबर 1953 को ओडिशा में हुआ। उन्होंने 1977 में बार में एडवोकेट के रूप में नामांकन करवाया और संवैधानिक, दीवानी, आपराधिक, राजस्व, सेवा तथा सेल्सटैक्स के मामलों की उड़ीसा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की।
जस्टिस दीपक मिश्रा का जन्म 3 अक्तूबर 1953 को ओडिशा में हुआ। उन्होंने 1977 में बार में एडवोकेट के रूप में नामांकन करवाया और संवैधानिक, दीवानी, आपराधिक, राजस्व, सेवा तथा सेल्सटैक्स के मामलों की उड़ीसा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की।
1996 में हाईकोर्ट में अतिरक्ति जज नियुक्त
17 जनवरी 1996 में उन्हें उड़ीसा हाईकोर्ट में अतिरक्ति जज नियुक्त किया गया। इसके बाद 1997 में उनका तबादला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में हुआ। वर्ष 2009 में उन्हें पटना हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 24 मई 2010 को उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का प्रभार दिया गया और यहीं से वह 10 अक्तूबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नत किए गए।
17 जनवरी 1996 में उन्हें उड़ीसा हाईकोर्ट में अतिरक्ति जज नियुक्त किया गया। इसके बाद 1997 में उनका तबादला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में हुआ। वर्ष 2009 में उन्हें पटना हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 24 मई 2010 को उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का प्रभार दिया गया और यहीं से वह 10 अक्तूबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नत किए गए।
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