नई दिल्ली। एनडीएमसी ने ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर दिया है। बात दें कि परिषद अब भविष्य में किसी भी कर्मचारी को ठेकेदारी पर नहीं रखेगी बल्कि जरूरत के हिसाब से स्वयं कर्मचारियों की भर्ती किया करेगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में सोमवार को हुई काउंसिल की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पास कर दिया गया। वहीं एनडीएमसी काउंसिल सदस्य एवं दिल्ली कैंट से आप विधायक कंमाडो सुरेन्द्र ने कहा कि एनडीएमसी में अब कोई भी कर्मचारी ठेकेदारी पर नहीं रखा जाएगा। यदि कांउसिल को जरूरत होगी तो वह डेलीवेज के आधार पर कर्मियों की स्वयं भर्ती करेगी।
ठेकेदारी प्रथा के खत्म होने से कर्मचारियों को शोषण रूकेगा। कमांडो सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हमें शिकायतें मिलती थी कि ठेकेदार परिषद से तय वेतन वसूलते थे। लेकिन कर्मचारियों को कम वेतन देते हैं। इससे लोगों का शोषण हो रहा था। इसी शोषण को रोकने के लिए प्रस्ताव पास किया गया जिसे सभी का समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि काउंसिल की बैठक में डेथ-केस को नौकरी देने संबंधी प्रस्ताव भी लाया गया। जिसे मौजूद सदस्यों ने भारी समर्थन देकर पास कर दिया। हालांकि यह प्रस्ताव पहले एजेंडे में नहीं था, इसे बाद में एजेंडे में शामिल किया गया।
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