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Thursday, August 22, 2019

राज ठाकरे से ED की पूछताछ जारी, कई जगह धारा 144 लागू, हिरासत में लिए गए MNS नेता संदीप देशपांडे

ईडी के दफ्तर में राज ठाकरे के लिए इमेज परिणाम
Raj Thackeray, ILFS Scam: MNS Chief Raj Thackeray In ED Mumbai
Times of Crime @ www.tocnews.org
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मुंबई . महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) अध्यक्ष राज ठाकरे को प्रवर्तन निदेशालय का नोटिस दिए जाने के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में है। ठाकरे गुरुवार को ईडी के सामने पेश होने के लिए अपने बेटे और बेटी के साथ पहुंचे हैं। ऐसे में एमएनएस कार्यकर्ता किसी तरह का हंगामा न करें, इसे लेकर पुलिस चौकन्नी है। इसके मद्देनजर गुरुवार सुबह एमएनएस नेता संदीप देशपांडे को हिरासत में ले लिया गया है।
गौरतलब है कि कोहिनूर सीटीएनएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी में आईएल ऐंड एफएस द्वारा 450 करोड़ रुपये की इक्विटी निवेश और कर्ज से जुड़ी कथित अनियमियतताओं की जांच के सिलसिले में ईडी ने राज ठाकरे को नोटिस जारी किया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने सोमवार को आरोप लगाया कि कथित धनशोधन के एक बहुत पुराने मामले की जांच के सिलसिले में पार्टी प्रमुख राज ठाकरे को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ के चलते नोटिस जारी किया है।
हालांकि, महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने इस आरोप का खंडन किया है। ईडी ने ‘आईएल एंड एफएस’ से जुड़े कथित भुगतान कोताही प्रकरण संबंधी धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में यह कदम उठाया है। ठाकरे को 22 अगस्त को जांच अधिकारी (आईओ) के समक्ष पेश होने को कहा गया है।
ईडी के दफ्तर में राज ठाकरे के लिए इमेज परिणाम
मनसे के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘इस साल की शुरूआत में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राज ठाकरे ने सनसनी फैला दी थी। इसका लोगों पर काफी असर पड़ा था और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इस तरह की चुनौती से बचने के लिए, ईडी ने उन्हें नोटिस जारी किया है।’’ उन्होंने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, ‘‘यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है।’’ ईडी ने मामले में ठाकरे के साथ ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी के पुत्र उन्मेश जोशी को भी तलब किया है।
जांच एजेंसी आईएल एंड एफएस समूह के कर्ज से उन्मेश जोशी प्रर्वितत कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल के शेयरों में निवेश के मामले में ठाकरे की संलिप्तता की जांच कर रही है। यह कंपनी मुंबई में कोहिनूर स्कवायर टावर का निर्माण कर रही है। 
ईडी के दफ्तर में राज ठाकरे के लिए इमेज परिणाम
राज ठाकरे से ED की पूछताछ जारी, कई जगह धारा 144 लागू
देशपांडे ने कहा, ‘‘कोहिनूर सौदा बहुत पुराना है और ठाकरे काफी समय पहले इससे निकल गये थे। मुझे आश्चर्य है कि केंद्र ने इतने समय बाद जांच नोटिस क्यों भेजा है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ईडी हमारी आवाज दबाने का औजार बन गया है।’’
देशपांडे ने कहा, ‘‘यदि सरकार राज ठाकरे के खिलाफ पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर कोई कार्रवाई करती है, तो हम सड़क पर उतरेंगे।’’ हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने मनसे के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि ठाकरे ने यदि कुछ गलत नहीं किया है तो उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। नोटिस किसी राजनीतिक कारण को लेकर जारी नहीं किया गया है। मंत्री ने कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय एक स्वायत्त संस्था है। इसके कामकाज में हमारा कोई दखल नहीं है।’’

कार्यकर्ताओं को नोटिस 

बता दें कि ठाकरे की पेशी के मामले में कानून-व्यवस्था की समस्या से बचने के लिए पुलिस ने धारा 149 के तहत एमएनएस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया है। नोटिस में आगाह किया कि कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी कड़ी में गुरुवार को सुबह एहतियात के तौर पर देशपांडे को हिरासत में ले लिया गया। 

Wednesday, August 21, 2019

दलीय राजनीति से ऊपर सर्वमान्य नेता थे श्री गौर - मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ

दलीय राजनीति से ऊपर सर्वमान्य नेता थे श्री गौर - मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ

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श्री कमल नाथ द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर के निधन पर दु:ख व्यक्त 

भोपाल : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर के निधन पर गहन दु:ख व्यक्त किया है। श्री कमल नाथ ने शोक संदेश में कहा कि श्री बाबूलाल गौर दलीय राजनीति से  ऊपर प्रदेश के सर्वमान्य नेता थे। उन्हें प्रदेश के साथ भोपाल के विकास की चिंता हमेशा रहती थी। जब मैं केन्द्र में मंत्री था, तब वे कई बार मध्यप्रदेश के हितों को लेकर मेरे पास  आते थे और कुछ न कुछ ले जाते थे।
श्री कमल नाथ ने कहा कि श्री गौर एक जुझारु और संघर्षशील नेता थे। जनता से उनका जीवंत सम्पर्क था। जनहित के मुद्दों पर वे कोई समझौता नहीं करते थे। एक बेबाक और स्पष्टवादी नेता थे। इसलिए कई बार वे पार्टी लाइन से हटकर अपने विचार व्यक्त करते थे। श्री कमल नाथ ने कहा कि श्री गौर सजग और संवदेनशील नेता होने के साथ-साथ संसदीय परम्पराओं और ज्ञान से भी पूरी तरह समृद्ध थे। उनका ध्यान हमेशा विकास योजनाओं पर रहा। उन्होंने अपनी पार्टी की विचारधारा को विकास के कामों से अलग रखा।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि श्री गौर के निधन से हमने राजनीति के एक ऐसे लोकप्रिय व्यक्तित्व को खो दिया है, जो सबको साथ लेकर चलने पर विश्वास करता था । सर्वधर्म समभाव की अवधारणा में उनका गहरा विश्वास था। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति दें।

मुख्यमंत्री ने पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री बाबूलाल गौर के 74 बंगले स्थित निवास पर पहुँचे। उन्होंने स्वर्गीय श्री गौर की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री श्री नाथ स्वर्गीय श्री गौर के परिजनों से भी मिले और उन्हें सांत्वना दी।

सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को किया गिरफ्तार

सीबीआई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को किया गिरफ्तार

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नई दिल्ली : कांग्रेस मुख्यालय में पी चिदंबरम ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर खुद को निर्दोष बताया और वहां से अपने घर निकल गए। जिसके बाद सीबीआई की टीम भी उनके घर पहुंची। दरवाजा न खुलने पर टीम ने दीवार फांदकर अंदर एंट्री ली और कुछ देर पूछताछ करने के बाद उन्हें हिरासत में लेकर अपने साथ ले गई।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) को सीबीआई की टीम ने बुधवार की शाम हाईवोल्टेज ड्रामा के बाद गिरफ्तार किया. चिदंबरम ने कांग्रेस दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसके बाद CBI की टीम उनके घर पहुंची. चिदंबरम के घर का दरवाजा बंद होने के कारण CBI के अधिकारियों ने दीवार फांदकर घर में घुस गए.
सीबीआई की टीम चिदंबरम के जोर बाग स्थित आवास पर पहुंची. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार करके सीबीआई के दफ्तर ले गए. कांग्रेस के कार्यकर्ता उनके घर के बाहर जमा हो गए. यहां बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता पहुंचे थे, जिन्हें कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें पीट कर भगा दिया. चिदंबरम के घर के बाहर 20-25 कांग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. CBI टीम के पहुंचने के कुछ देर बाद ही ईडी की टीम भी पहुंच गई. 
फिलहाल उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान कहा, ''मैं कानून से भागा नहीं हूं. मैं न्याय के लिए लड़ रहा था. मैं अपना सिर ऊंचा करके रहूंगा. जीवन और आजादी में बेहिचक आजादी चुनूंगा और आजादी के लिए लड़ना पड़ता है. INX मामले में मेरे खिलाफ आरोप नहीं है. शुक्रवार तक एजेंसियों को रुकना चाहिए.'' प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ सलमान खुर्शीद, कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी भी मौजूद थे.
बता दें कि आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपों का सामना कर रहे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम बुधावार देर शाम नाटकीय ढंग से कांग्रेस मुख्यालय पर पहुंचे और दावा किया कि वह कानून से भाग नहीं रहे हैं एवं उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं. उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय के मीडिया हॉल में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह दावा किया. संवाददाताओं से बातचीत के फौरन बाद चिदंबरम राजधानी के सभ्रांत इलाके जोरबाग स्थित अपने आवास पर पहुंच गये. इसी आवास पर कल रात प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने उनके नाम से एक नोटिस चस्पा किया था.
चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि लोकतंत्र की बुनियाद स्वतंत्रता है. मैंने स्वतंत्रता का चुनाव किया है.'' उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में बहुत कुछ हुआ जिससे बहुत लोगों को चिंता हुई और भ्रम की स्थिति पैदा हुई. चिदंबरम ने कहा, ‘‘मैं किसी अपराध का आरोपी नहीं हूं. मेरे परिवार का कोई सदस्य इस मामले में आरोपी नहीं है.'' उन्होंने कहा कि ऐसी धारणा पैदा की जा रही है कि बड़ा अपराध हुआ है और उनके एवं उनके बेटे ने अपराध किया है. ‘‘यह सब झूठ है.''
चिदंबरम ने कहा, ‘‘मैंने अग्रिम जमानत की मांग की. मेरे वकीलों ने उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई कि सुनवाई की जाए. मैं पूरी रात वकीलों के साथ काम कर रहा था. आज पूरे दिन भी वकीलों के साथ काम कर रहा था.'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं कानून से बच नहीं रहा था, कानून के संरक्षण का प्रयास कर रहा था. मैं न्यायालय के आदेश का सम्मान करता हूं. मैं कानून का पालन करूंगा. मैं सिर्फ यही उम्मीद करूंगा कि जांच एजेंसियां भी कानून का सम्मान करेंगी.''
गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सीबीआई अधिकारी मंगलवार को चिदंबरम के दिल्ली स्थित आवास पहुंचे, लेकिन वहां उनसे मुलाकात नहीं होने पर अधिकारियों ने एक नोटिस चस्पां कर उन्हें दो घंटे में पेश होने का निर्देश दिया.
इसके जवाब में चिदंबरम की कानूनी टीम ने कहा कि नोटिस में कानून के उन प्रावधानों का जिक्र नहीं किया गया है जिनके तहत उन्हें तलब किया गया. साथ ही उन्होंने उच्चतम न्यायालय में बुधवार सुबह उनकी याचिका पर सुनवाई होने से पहले कोई बलपूर्वक कार्रवाई ना करने की अपील भी की. सीबीआई की टीम बुधवार को सुबह एक बार फिर चिदंबरम के आवास पहुंची थी. ईडी ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया है. चिदंबरम को उच्चतम न्यायालय से बुधवार कोई भी राहत नहीं मिली. शीर्ष अदालत अब पूर्व वित्त मंत्री की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा.

Tuesday, August 20, 2019

येदियुरप्पा ने किया मंत्रिमंडल का विस्तार, 17 मंत्रियों में एक पूर्व CM और दो पूर्व डिप्टी CM शामिल

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येदियुरप्पा ने किया मंत्रिमंडल का विस्तार, 17 मंत्रियों में एक पूर्व CM और दो पूर्व डिप्टी CM शामिल


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कनार्टक में मुख्यमंत्री बी.एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार मंगलवार को किया गया जिसमें 17 नये मंत्री शामिल किये गये।
येदियुरप्पा ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण के लिए 17 विधायकों के नाम राज्यपाल वजू भाई वाला को प्रस्तावित किया था जिन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों में सीएन आश्वथ नारायण, केएस एश्वरप्पा और गोविंद एम कारजोल शामिल हैं। 
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली जनता दल (एस)-कांग्रेस गठबंधन सरकार अल्पमत में आने की वजह से गिर गई थी। इसके बाद कनार्टक में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई। बी.एस. येदियुरप्पा ने 26 जुलाई 2019 को चौथी बार कनार्टक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले येदियुरप्पा ने सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने दिल्ली पहुंचे थे। अमित शाह की मंजूरी मिलने के बाद उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के विस्तार का फैसला लिया। 
येदियुरप्पा मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले विधायकों में एक निर्दलीय विधायक एच. नागेश भी शामिल हैं जिन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलायी गयी है। पच्चीस दिन पुराने येदियुरप्पा मंत्रिमंडल का यह पहला विस्तार है। मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले विधायकों में गोविंद एम. कारजोल, डॉ. सी. एन. अश्वथ नारायण, लक्ष्मण संगप्पा सावदी, के. एस. ईश्वरप्पा, आर. अशोक, जगदीश शेट्टार, बी. श्रीरामुलु, एस. सुरेश कुमार, वी. सोमन्ना, सी.टी. रवि, बासवराज बोम्मई, कोटा श्रीनिवास पुजारी, जे. सी. मधु स्वामी, सी. सी. पाटिल, एच. नागेश (निर्दलीय विधायक), प्रभु चौहान और सुश्री जोले शशिकला अन्ना साहेब शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी, भाजपा सांसद शोभा खारंदलजे, भाजपा के सभी विधायक, डीजी और आईजीपी नीलमणि एम. राजू तथा कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग भी इस अवसर पर मौजूद थे।

चिदंबरम पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, सीबीआई के बाद ईडी की टीम घर पहुंची

 ED's team reached home after CBI hanging sword on Chidambaram

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नई दिल्ली .सुप्रीम कोर्ट ने पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। ऐसे में उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकती नजर आ रही है। इसके बाद सीबीआईकी टीम चिदंबरम के घर पहुंची।
चिदंबरम के वहां नहीं मिलने के कारण टीम लौट आई। सीबीआई टीम को लौटे कुछ ही मिनट बीते थे कि ईडी की टीम भी चिदंबरम के घर पहुंच गई है। दोंनो एजेंसियां लगातार उनसे फोन से सम्पर्क करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन कोई यह नहीं बता पा रहा है कि आखिर चिदंबरम हैं कहां? बता दें कि सीनियर कांग्रेस नेता को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। 
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम की गिरफ्तारी पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए इसे बुधवार को सुनने की बात कही थी। चिदंबरम अपने साथी वकीलों के साथ सुप्रीम कोर्ट में शाम 5 बजे तक मौजूद थे। इसके बाद वह कहां गए थे, इसकी जानकारी नहीं है। 
गौरतलब है कि मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि तथ्य इस तरफ इशारा करते हैं कि इस मामले में चिदंबरम ही किंगपिन हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में देखने से हाई कोर्ट को यह लगता है कि इस मामले में एक असरदार जांच के लिए चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करना बेहद जरूरी है। इसके तुरंत बाद चिदंबरम आनन-फानन में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। जहां उनके तीन वकील मित्र और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और अभिषेक मनु सिंघवी वहां मौजूद थे।

इससे पहले कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद चुप्पी साधे रखी और मीडिया से खुद को दूर रखा। जब अदालत द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की खबर आई, उस वक्त चिदंबरम कुछ जूनियर वकीलों के साथ सुप्रीम कोर्ट में थे।
इस पर उनसे प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने इशारों में कहा कि वह इस मुद्दे पर नहीं बोलना चाहते हैं। चिदंबरम के साथ मौजूद जूनियर वकीलों ने मीडियाकर्मियों से दूर रहने को कहा क्योंकि चिदंबरम वरिष्ठ अधिवक्ता और पार्टी के सहयोगी कपिल सिब्बल के वहां पहुंचने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। 

Monday, August 19, 2019

उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट बिजली 100 रूपये में देने का निर्णय

उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट बिजली 100 रूपये में देने का निर्णय

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म.प्र. अनुसूचित जनजाति साहूकार ‍विनियम (संशोधन) अध्यादेश 2019 के लिए मंजूरी  मंत्रि-परिषद के निर्णय 
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि इन्दिरा गृह ज्योति योजना में पात्र उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट तक की खपत पर अधिकतम 100 रूपये का बिल दिया जाएगा।
हितग्राही उपभोक्ताओं द्वारा किसी माह में 100 यूनिट से अधिक लेकिन पात्रता यूनिट तक उपयोग की गई खपत पर प्रथम 100 यूनिट के लिए देयक 100 रूपये होगा। इसमें मीटर किराया तथा विद्युत शुल्क भी शामिल होगा। कुल 100 यूनिट तक 100 रूपये तथा इससे अधिक यूनिटों के लिए मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निर्धारित दर के अनुसार बिल देय होगा।
किसी माह में 150 अथवा आनुपातिक पात्रता यूनिट से अधिक खपत होने पर उपभोक्ता को उस माह में योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। उसकी पूरी खपत पर आयोग द्वारा निर्धारित दरों से बिल देय होगा।
योजना के उक्त समावेशी स्वरूप में लागू होने के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को दी जा रही अन्य सभी सब्सिडी समाप्त हो जाएगी। योजना में लगभग एक करोड़ 2 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। इससे राज्य शासन पर 2666 करोड़ रूपये कुल वित्तीय भार आएगा।
प्रदेश में साहूकारों द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों में आदिवासी वर्ग को अत्यधिक ब्याज दरों पर ऋण देने की प्रवृत्ति एवं उत्पीड़न को रोकने के लिए मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम 1972 लागू है। मंत्रि-परिषद ने विनियम के कुछ प्रावधान वर्तमान परिवेश में अप्रासंगिक होने से मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकार ‍विनियम (संशोधन) अध्यादेश 2019 के लिए स्वीकृति दी है।
मंत्रि-परिषद ने मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त ऐसे सभी मदरसों, जिन्हें भारत सरकार से अनुदान प्राप्त करने के लिए राज्य शासन द्वारा अनुशंसा की गई है अथवा की जाएगी, को मध्यान्ह भोजन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया। इस निर्णय से प्राथमिक स्तर के मदरसों में अध्ययनरत 26 हजार 400 और माध्यमिक स्तर के मदरसों में अध्ययनरत 7850, इस प्रकार कुल 34 हजार 250 विद्यार्थी लाभांवित होंगे और राज्य शासन पर लगभग 10 करोड़ 20 लाख रूपये का व्यय भार आएगा।
मंत्रि-परिषद ने वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत निरस्त दावों के बेहतर परीक्षण के लिए पूरी व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत करने के लिए महाराष्ट्र नॉलेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा तैयार किये गये 'वन मित्र' साफ्टवेयर को एकल निविदा के तहत क्रय करने की मंजूरी दी।
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश राज्य तिलहन उत्पादक सहकारी संघ मर्यादित भोपाल के सेवायुक्तों के संबंध में जारी संविलियन योजना की अवधि में 31 दिसम्बर 2019 तक और वृद्धि करने का निर्णय लिया है। योजना की अवधि 30 जून 2019 को समाप्त हो गई थी। शेष बचे सेवायुक्तों के संविलियन के लिए योजना की अवधि में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है।

Sunday, August 18, 2019

किसी कलेक्टर एसपी में दम नहीं है जो आपकी न सुने यह सरकार आपकी है पीसी शर्मा

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किसी कलेक्टर एसपी में दम नहीं है जो आपकी न सुने यह सरकार आपकी है पीसी शर्मा
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भोपाल। सरकार आपकी है। इसलिए अब ये नहीं कहो कि ये अधिकारी नहीं सुन रहा है वो अधिकारी नहीं सुन रहा है। अगर नहीं सुन रहा है तो पहले विधायकों से कहें। अगर अधिकारी इनकी भी न सुनें तो मुझे फोन लगाएं, मैं वहीं से फोन करूंगा मिस्टर कलेक्टर, एसपी ये काम हो जाना चाहिए। 
किसी बाप के बाप में दम नहीं है जो आपकी न सुने, हनुमान की तरह बनो, अब बात पीके शर्मा (सीएमएचओ) की रही तो जो पीके आया है तो उसे हटा देंगे। सिलावट से हम बात करेंगे लेकिन चार्ज किसे मिलेगा इसके बारे में आप सोचो। यह बात पहली बार दतिया आए जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने शुक्रवार को जिला कांग्रेस कार्यालय पर कार्यकर्ता बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि ई टेंडर घोटाले में भी मछलियां फंसने लगी हैं, मगर मगरमच्छ को पकड़ना है वह भी जल्द ही पकड़ा जाएगा। आप लोग काम करो। भाजपा की सरकार को 15 साल का वक्त हो गया है। इसलिए आम जनता में भी भाजपा का ही माहौल है। लोकसभा चुनाव में भी आपने देख लिया है। धीरे-धीरे जनता के बीच कांग्रेस की सरकार और उसका काम दिखेगा। आप सभी निकाय चुनाव के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि जो केस राजनीतिक तरीके से लगे हैं वे एक प्रोसेस के तरीके से हटाए जाएंगे लेकिन आप पुतला जलाएं और आंदोलन जारी रखें।
इससे पहले भांडेर विधायक प्रतिनिधि संतराम सिराैनिया ने बिजली की समस्या से अवगत कराया और जमे हुए अधिकारियों की समस्या भी बताई। सेंवढ़ा विधायक घनश्याम सिंह ने कहा कि सेंवढ़ा क्षेत्र में बहुत बड़े रकबे में धान की रुपाई हुई है। बारिश भी उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रही है। किसानों ने बोरवेल खनन करा लिए हैं इसलिए बिजली की आवश्यकता है। हालांकि अभी हाल में ही बड़ा ट्रांसफर रखवाया है उससे कुछ हद तक समस्या खत्म हुई है।
सेंवढ़ा विधायक ने राजनीतिक तरीके से लगाए गए केसों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में अगर 500 मीटर दूर भी काले झंडे दिखाए तो केस लग जाता था। मुझ पर भी गाली गलौज और मारपीट का केस लगा दिया जबकि आप सभी मेरे स्वभाव से परिचित हैं। बैठक में प्रदेश महासचिव मुरारीलाल गुप्ता, जिलाध्यक्ष नाहर सिंह यादव, महेश गुलवानी, सुरेश झा, अन्नू पठान, गुरुदेवशरण गुप्ता, विष्णु गुर्जर, नरेंद्र गुर्जर, सुनील खटीक आदि मौजूद रहे।

यहां के लोकल विधायक साजिश रचने में माहिर हैं

हाल में ही कांग्रेस कार्यालय पर प्रभारी मंत्री डॉ. गोविंद सिंह के खिलाफ पारित किए गए निंदा प्रस्ताव के सवाल पर जनसंपर्क मंत्री शर्मा ने इसे सोचा समझा षड्यंत्र बताया। उन्होंने कहा कि यहां के लोकल विधायक हैं, वे इन सब चीजों में माहिर हैं। प्रभारी मंत्री डॉ. गोविंद सिंह मप्र के वरिष्ठ मंत्री हैं। उनकी बात मुख्यमंत्री कमलनाथ भी टॉप प्रायोरिटी पर मानते हैं। डॉ. सिंह यहां पहले से जुड़े हैं और प्रभारी मंत्री से काफी योजनाओं का लाभ मिलेगा।

दतिया अफवाहों का गढ़ है

उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने की अटकलों के सवाल पर शर्मा ने कहा कि पूरे मप्र में अफवाह फैलाने का गढ़ दतिया ही है। यहीं से सभी तरह की अफवाह फैलाई जा रही हैं। लेकिन हमारी सरकार पूरे पांच साल तक चलेगी और काम करेगी। अभी दो विधायक भाजपा के हमारे पास आए हैं और कई लाइन में लगे हैं। उनका एक सचेतक 12-12 विधायकों को देख रहा है, पहले वो कहते थे कि हमारी तरफ विधायक आएं लेकिन अब इसमें लगे हैं कि रोको कहीं चले न जाएं, अपने विधायकों को ही शक की दृष्टि से देख रहे हैं। भाजपा के लोग अपने विधायकों की जासूसी कर रहे हैं।

Monday, August 12, 2019

घाटी के हालात पर उठाए सवाल राहुल गांधी को कश्मीर दिखाने के लिए विमान भेजेंगे राज्यपाल सत्यपाल मलिक

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राज्यपाल सत्यपाल मलिक Jammu and Kashmir Governor Satyapal Malik

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जम्मू. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कश्मीर में हिंसा की खबर होने संबंधी टिप्पणी के बारे में कहा है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को घाटी का दौरा कराने और जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए वह विमान भेजेंगे ।
राज्यपाल ने कहा कि राहुल गांधी को अपनी पार्टी के एक नेता के व्यवहार के बारे में शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए जो संसद में ‘‘मूर्ख’’की तरह बात कर रहे थे।मलिक ने कहा, ‘‘मैंने राहुल गांधी को यहां आने के लिए न्यौता दिया है । मैं आपके लिए विमान भेजूंगा ताकि आप स्थिति का जायजा लीजिए और तब बोलिए ।
आप एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और आपको ऐसे बात नहीं करनी चाहिए ।’’ राज्यपाल कश्मीर में हिंसा संबंधी कुछ नेताओं के बयान के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे । शनिवार की रात राहुल गांधी ने कहा था कि जम्मू कश्मीर से हिंसा की कुछ खबरें आयी हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पारदर्शी तरीके से इस मामले पर चिंता व्यक्त करनी चाहिए । राज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण नहीं है ।
उन्होंने कहा, ‘‘अनुच्छेद 35 ए और अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान सबके लिए समाप्त किए गए हैं । न तो लेह, करगिल, जम्मू, रजौरी और पुंछ में और न ही यहां (कश्मीर) इसे समाप्त करने में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण है । इसका कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है ।’’ मलिक ने कहा कि इस मुद्दे को मुठ्ठी भर लोग हवा दे रहे हैं लेकिन वह इसमें सफल नहीं होंगे । उन्होंने कहा, ‘‘विदेशी मीडिया ने कुछ (गलत रिपोर्टिंग करने का) प्रयास किया और हमने उन्हें चेतावनी दी है ।
सभी अस्पताल आपके लिए खुले हैं और किसी एक व्यक्ति को भी गोली लगी हो तो आप साबित कर दीजिए । जब कुछ युवक हिंसा कर रहे थे तो केवल चार लोगों को पैलेट से पैर में गोली मारी गयी है और इसमें कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है ।’’ कश्मीर को ‘यातना शिविर’ में बदल देने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर एक सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि शिक्षित होने के बावजूद लोग यातना शिविर का अर्थ नहीं जानते हैं।
उन्होंने पूछा, ‘‘मुझे पता है कि यह क्या है । मैं 30 बार जेल गया हूं । तब भी मैंने इसे यातना शिविर कारार नहीं दिया था । उन्होंने (कांग्रेस) आपातकाल के दौरान डेढ़ साल तक लोगों को जेल में बंद कर दिया था लेकिन किसी ने उसे यातना शिविर नहीं कहा था । क्या एहतियातन गिरफ्तारी यातना शिवर (के बराबर) है?’’

Sunday, August 11, 2019

मीडिया को किस बात के लिए दोषी मानते हैं कमलनाथ ?

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अरशद अली की फैसबुक वॉल से 
मध्यप्रदेश में जब से कांग्रेस ने सत्ता संभाली है तब से लेकर आज तक मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी पार्टी के निशाने पर केवल मीडिया है। कमलनाथ के सत्ता संभालते ही मीडिया को अपराधियों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया गया है।
कभी - कभी तो कमलनाथ और उनकी पार्टी के नेताओं के बयानों से ऐसा लगता है जैसे मीडिया विशेषकर लघु एवं मध्यम समाचार पत्र - पत्रिकाएं और वेब मीडिया के खात्मे के लिए ही उन्हें राज्य की सत्ता मिली है। 
अब सवाल ये उठता है कि आखिर कांग्रेस या कमलनाथ का मीडिया ने क्या बिगाड़ा है ? कांग्रेस को पंद्रह साल सत्ता से बाहर रखने का दोषी क्या कमलनाथ और उनकी पार्टी मीडिया को मानते हैं या आर्थिक और सांगठनिक तौर पर कमज़ोर होने के बाद भी मीडिया ने पत्रकारिता का धर्म निभाते हुए उनकी बात पूरी ईमानदारी से जनता तक पहुंचा कर उनकी पार्टी का जो सहयोग किया उसका दोषी मीडिया को मानते हैं ?
या फिर इस लिए कि शिवराज सरकार से भरपूर विज्ञापन मिलने के बाद भी मीडिया ने सत्ता में बैठी भाजपा सरकार का साथ देने के बजाय विपरीत परिस्थितियों के बाद भी कांग्रेस नेताओं की बात को जनता तक पहुँचाया उसका दोषी मीडिया को मानते हैं ? या फिर बूढ़े हो चुके एक मुख्यमंत्री की सनक का खामियाज़ा मीडिया भुगत रहा है। 
निश्चित ही उपरोक्त में से अंतिम कारण ही मुख्यमंत्री कमलनाथ की मीडिया से नाराज़गी का कारण है और वो है मुख्यमंत्री की सनक।
जहां तक मीडिया को सरकारी प्रदर्शन विज्ञापन देने की बात है तो मुख्यमंत्री को बताना चाहता हूं कि यह परंपरा भाजपा शासन में नहीं बल्कि कांग्रेस के शासनकाल में प्रारंभ हुयी थी। 1984 - 85 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने इसे शुरू किया था। तब एक विपक्ष के नेता ने इसका विरोध किया था तो इसका जवाब देते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कहा था कि जितने रूपये का विज्ञापन हम लघु और मंझोले अख़बारों को देते हैं उतना तो एक सब इंजीनियर महीने भर में कमा लेता है। 
विडंबना देखिये कि वही मीडिया आज के मुख्यमंत्री कमलनाथ की आंखों में खटक रहा है। मीडिया को विज्ञापन देने के लिए शिवराज सरकार को कमलनाथ पानी पी पीकर कोस रहे हैं। लेकिन सच यही है शिवराज सरकार ने खुले दिल से बिना किसी भेदभाव के मीडिया की आर्थिक मदद की है । उस सरकारी विज्ञापन की मदद के कारण मीडिया से जुड़े हज़ारों लोगों को रोज़गार मिला हुआ था जो कमलनाथ के सत्ता में आने के बाद से संकट में है। कमलनाथ आर्थिक संकट का बहाना बना कर लघु और मंझोले मीडिया को मिटाना चाहते हैं। 
और यह भी...
कमलनाथ शुद्ध रूप से व्यवसायिक हैं, वो हर बात में नफा - नुकसान देखते हैं,लघु और मंझोले मीडिया को लाभ पहुंचने से उनका क्या लाभ ,उन्होंने हमेशा हवा में राजनीति की है ज़मीन से कोई लेना - देना तो है नहीं, उनकी अंतिम अच्छा प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की थी सो बन गए, कांग्रेस जाए तेल लेने। जब तक मुख्यमंत्री हैं तो उनकी फोटो अम्बानी का चैनल दिखा ही देगा। 
अदम गोंडवी कहते हैं...
आँख पर पट्टी रहे और अक़्ल पर ताला रहे
अपने शाहे-वक़्त का यूँ मर्तबा आला रहे
एक जनसेवक को दुनिया में क्या चाहिए
चार छ: चमचे रहें माइक रहे माला रहे

Saturday, August 10, 2019

CWC की मीटिंग में फैसला, सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया

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यूपीए अध्यक्ष और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी को सर्वसम्मति से कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष चुन लिया गया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में शनिवार को बड़ा फैसला लिया गया. कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को अब कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है.

हालांकि पहले उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया था लेकिन बाद में नेताओं के कहने पर वो अंतरिम अध्यक्ष बनने के लिए तैयार हो गई. अब कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुने जाने तक सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी.
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में शनिवार को बड़ा फैसला लिया गया. कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को अब कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है. हालांकि पहले उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया था लेकिन बाद में नेताओं के कहने पर वो अंतरिम अध्यक्ष बनने के लिए तैयार हो गई. अब कांग्रेस के नए अध्यक्ष चुने जाने तक सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष रहेंगी. इससे पहले सोनिया गांधी साल 1998-2017 तक पार्टी की कमान संभाल चुकी हैं.

इससे पहले कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक शनिवार को दो बार हुई, जिसमें पूर्व कांग्रेस चीफ राहुल गांधी, सोनिया गांधी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रियंका गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, एके एंटनी समेत कई बड़े नेता शामिल हुए. सुबह 11 बजे हुई बैठक में नेताओं के 5 समूह बनाए गए थे, जिन्होंने देश भर के कांग्रेस नेताओं की राय ली. इन्होंने अपनी रिपोर्ट सीडब्ल्यूसी में सौंपी.
रात 8 बजे जब पार्टी की दूसरी बैठक हुई तो राहुल गांधी ने साफ तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने से इनकार कर दिया. इसके बाद पार्टी नेताओं ने प्रियंका गांधी को 'कप्तान' बनाने की मांग उठाई. लेकिन इस पर भी सहमति नहीं बन पाई. इसके बाद पार्टी नेताओं ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मिलकर पार्टी अध्यक्ष चुनें. लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया. 

चंदन तस्कर वीरप्पन को ढेर करने वाले के विजय कुमार बन सकते हैं जम्मू-कश्मीर के पहले उप राज्यपाल

चंदन तस्कर वीरप्पन को ढेर करने वाले के विजय कुमार बन सकते हैं जम्मू-कश्मीर के पहले उप राज्यपाल

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नई दिल्ली:  जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एल-जी) के पद के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी के विजय कुमार और आईबी के पूर्व निदेशक दिनेश्वर शर्मा का नाम आ रहा है. के विजय कुमार साल 2004 में स्पेशल टॉस्क फॉर्स के चीफ थे और उनकी टीम ने चंदन तस्कर वीरप्पन को ढेर किया था.
अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद जम्‍मू-कश्‍मीर का LG बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं पूर्व आईपीएस विजय कुमार और दिनेश्‍वर शर्मा. तमिलनाडु कैडर के 1975 बैच के आईपीएस विजय कुमार अभी जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार हैं. जानकारी हो कि जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद आईपीएस अफसर के. विजय कुमार राज्य के पहले उप राज्यपाल बन सकते हैं.
तमिलनाडु कैडर के 1975 बैच के आईपीएस विजय कुमार अभी जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार हैं. विजय कुमार बीएसएफ के आईजी के तौर पर भी कश्मीर घाटी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. इसके साथ ही उप राज्यपाल के लिए केंद्र सरकार के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा का नाम भी चल रहा है. दिनेश्वर शर्मा इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक रह चुके हैं.
जम्‍मू-कश्‍मीर का उपराज्‍यपाल बनने की दौड़ में आईपीएस अफसर दिनेश्‍वर शर्मा और विजय कुमार सबसे आगे हैं. विजय कुमार ने चंदन तस्कर वीरप्पन को किया था ढेर. आईपीएस अधिकारी के. विजय कुमार जंगलों में आतंकरोधी अभियान चलाने में माहिर माने जाते हैं.
2010 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 75 जवानों के शहीद होने के बाद विजय कुमार को सीआरपीएफ का महानिदेशक (डीजी) बनाया गया था. इसके बाद इलाके में नक्सली गतिविधियों में भारी कमी आई थी. कुमार की ही अगुआई में चंदन तस्कर वीरप्पन को मार गिराया गया था. कुमार अभी जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार हैं. लंबे समय तक घाटी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के बयान पर विवाद, कहा-अब हम भी शादी के लिए ला सकते हैं कश्मीरी लड़की

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हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के बयान पर विवाद, कहा-अब हम भी शादी के लिए ला सकते हैं कश्मीरी लड़की
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसको लेकर कहा जा रहा है कि उन्होंने कश्मीर से बहू लाने की बात कही है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर सरकार के फैसले के हरियाणा के मुख्मंत्री ने एक विवादित बयान दिया है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कश्मीर की लड़कियों के बारे में कहा कि 370 हटने से कश्मीर से लड़कियों को शादी के लिए लाया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर कश्मीर में जमीन खरीदने और वहां शादी करने जैसी बातें तेजी से वायरल हुईं। 
एक कार्यक्रम में बोलते हुए खट्टर ने कहा कि हमारे मंत्री ओपी धनखड़ कहते रहते हैं कि वह बिहार से बहू लाएंगे। अब लोग कह रहे हैं कि कश्मीर का रास्ता साफ हो गया है। अब हम कश्मीर से बहू लाएंगे।
इससे पहले बीजेपी विधायक विक्रम सैनी ने भी आर्टिकल 370 को लेकर विवादित बयान दिया था। विक्रम ने कहा था कि देश के मुसलमानों को खुश होना चाहिए कि वे अब बिना किसी डर के 'गोरी' कश्मीरी लड़कियों से शादी कर सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि बीजेपी के कुंवारे नेता भी अब कश्मीर जाकर वहां प्लॉट खरीद सकते हैं और शादी कर सकते हैं।
मनोहर खट्टर की बात करें तो वह पिछले साल भी ऐसी बात कह चुके हैं जिससे विवाद खड़ा हो गया था। उस दौरान उन्होंने छेड़छाड़ और रेप के मुद्दे पर बयान दिया था। खट्टर ने कहा था कि रेप और छेड़छाड़ की जो घटनाएं हैं ये 80 से 90 फीसदी जानकारों के बीच में होती हैं। काफी समय तक एकसाथ घूमते हैं, अनबन होने पर एफआईआर करवा देते हैं कि इसने मुझे रेप किया। खट्टर के इस बयान का काफी विरोध हुआ था।

CWC बैठक : नेताओं ने कहा- राहुल हों कांग्रेस अध्यक्ष या फिर कोई नहीं

CWC बैठक : नेताओं ने कहा- राहुल हों कांग्रेस अध्यक्ष या फिर कोई नहीं

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कांग्रेस पार्टी ने अपने अगले अध्यक्ष को चुनने के लिए एक कदम और करीब ले लिया है। विभिन्न राज्यों के पांच अलग-अलग जोनल समूहों के नेताओं के साथ परामर्श समाप्त हो गया है। कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों की चर्चा के दौरान पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सबसे अनुकूल उम्मीदवार के रूप में राहुल गांधी का ही नाम सामने आया।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में 24 अकबर रोड पर कांग्रेस मुख्यालय में विचार-विमर्श के दौरान पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और पंजाब के गुरदासपुर से पूर्व सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने सूबे के अन्य नेताओं के साथ जोर देकर कहा कि राहुल गांधी को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाना चाहिए। यदि राहुल ने पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने के अपने फैसले को वापस नहीं लिया तो कई नेता पार्टी को छोड़ सकते हैं और कई पहले ही छोड़ चुके हैं।
राहुल के समर्थन में बोलते हुए पंजाब के नेताओं ने कहा कि "यह राहुल की गलती नहीं है कि वह एक ऐसे परिवार में पैदा हुए हैं जिसने इतना बलिदान दिया है। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के एकजुट रहने के लिए राहुल गांधी का नेतृत्व महत्वपूर्ण है।
जाखड़ और बाजवा ने कथित तौर पर कहा कि वे राहुल गांधी को छोड़कर किसी के अधीन काम नहीं करेंगे। बैठक में मौजूद दो कांग्रेस नेताओं ने हमारे सहयोगी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि पंजाब के नेताओं ने जब राहुल गांधी के नाम की चर्चा की तब प्रियंका गांधी भी वहां मौजूद थीं। उन्होंने प्रियंका से राहुल को वापस आने के लिए मनाने की अपील भी की।
एक अन्य कांग्रेस नेता ने एचटी को बताया कि दक्षिणी समूह में भी चर्चा बहुत अलग नहीं थी, जहां वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा द्वारा यह बताए जाने कि राहुल ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन द्वारा किए गए इसी तरह के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। बावजूद इसके नेताओं ने राहुल गांधी से पार्टी का प्रभार लेने की मांग की है।

Friday, August 9, 2019

शिवराज सरकार ने अरबो रुपये खर्चा करके सालो तक इंदौर में इन्वेस्टर मीट आयोजित की पर मध्यप्रदेश में 1 रुपये का भी निवेश नही आया, जनता के साथ धोखाधड़ी

शिवराज सरकार ने अरबो रुपये खर्चा करके सालो तक इंदौर में इन्वेस्टर मीट आयोजित की पर मध्यप्रदेश में 1 रुपये का भी निवेश नही आया, जनता के साथ धोखाधड़ी 

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नागदा से विष्णु शर्मा की रिपोर्ट
शिवराज सरकार ने अरबो रुपये खर्चा करके सालो तक इंदौर में इन्वेस्टर मीट आयोजित की पर मध्यप्रदेश में 1 रुपये का भी निवेश नही आया, जनता के साथ धोखाधड़ी की वही दूसरी ओर #कमलनाथ जी ने मध्यप्रदेश को समृद्ध मध्यप्रदेश बनाने का जो संकल्प लिया है उसके तहत आज मुबंई में उद्योगपतियों से मिले ओर कई निवेश लेकर आये ।
#बिरला ग्रुप के श्री कुमार मंगलम बिड़ला ने 18 महीनों में बिड़ला ग्रुप से CSR फण्ड से 100 हाईटेक गौशालाओं के निर्माण पर सहमति दी।
#महिंद्रा कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री पवन गोयनका के साथ बैठक कर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं के बारे में चर्चा की । महिंद्रा ने पीथमपुर में इलेक्ट्रिक व्हीकल फैक्ट्री, इंदौर में ई-ऑटो संचालन और पेंच में रिसोर्ट बनाने की इच्छा जाहिर की।
#शापूर_पलोनजी_समूह के श्री साइरस मिस्त्री के साथ स्मार्ट सिटी के विकास, नये अस्पताल, वित्तीय अधोसंरचना परियोजनाओं, शहरी परियोजनाओं में विदेशी पूंजी निवेश के संबंध में चर्चा की।
#रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन श्री मुकेश अंबानी से मुलाक़ात की।
श्री अंबानी को मध्यप्रदेश में एग्रो एवं फ़ूड प्रोसेसिंग क्षेत्र के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं के बारे में बताया। इस दौरान "एमपी ग्रोथ प्लान ऑफ़ रिलायंस इंडस्ट्रीज" पर प्रेजेंटेशन भी दिया गया।
श्री मुकेश अंबानी ने कहा कि, मध्यप्रदेश सरकार के साथ महिला सुरक्षा, क्राइम इन्वेस्टीगेशन व् क्रिमिनल ट्रैकिंग में जियो नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा सकता है।
मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर आयोजित कांफ्रेंस में उद्योगपतियों के साथ चर्चा की।
"निवेश विश्वास से आएगा और मध्यप्रदेश सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है"
हम ऐसा मध्यप्रदेश बनाएँगे जिसमें निवेश से नए औद्योगिक प्रदेश का निर्माण होगा और लाखों युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर बनेंगे।
उद्योगों को प्रदेश में लाने के लिए हम सेक्टर वार निवेश आकर्षण पॉलिसी बनाएँगे,ड्राई पोर्ट, सैटेलाइट सिटीज़, हाई एंड स्किल डेवलपमेंट सेंटर, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, टूरिज्म आदि में हम तेज़ी से बढ़ना चाहते है।
बसंत मालपानी सदस्य म.प्र. कांग्रेस कमेटी नागदा - खाचरौद विधानसभा के द्वारा मिली जानकारी के आधार पर।

सांस लेने में तकलीफ के बाद अरुण जेटली AIIMS में भर्ती, हालचाल लेने पीएम मोदी भी पहुंचे

सांस लेने में तकलीफ के बाद अरुण जेटली AIIMS में भर्ती, हालचाल लेने पीएम मोदी भी पहुंचे

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नई दिल्ली . काफी समय से बीमार चल रहे पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (66) को AIIMS में भर्ती कराया गया है। सांस लेने में तकलीफ और घबराहट की शिकायत के बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए शुक्रवार सुबह 10 बजे एम्स में भर्ती कराया गया।
उन्हें सीएन (न्यूरो कार्डियक) सेंटर में ऐडमिट कराया गया है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में आईसीयू में उनका इलाज चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हें देखने एम्स पहुंचे थे।

डॉक्टरों की एक टीम जेटली की निगरानी कर रही है, जिसमें एंडोक्रिनोलॉजिस्ट्स, कार्डियोलॉजिस्ट्स और नेफ्रोलॉजिस्ट्स भी शामिल हैं। उनका हालचाल जानने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे। गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी AIIMS पहुंचे। बीजेपी के नेताओं के एम्स पहुंचने का सिलसिला जारी है। 
ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि जेटली की हालत हायमोडायनेमिकली स्टेबल है यानी हृदय सही से काम कर रहा है। बयान में बताया गया है, 'अरुण जेटली को आज (शुक्रवार) सुबह AIIMS में भर्ती कराया था। फिलहाल वह कई विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की निगरानी में आईसीयू में हैं। अभी वह हायमोडायनेमिकली स्टेबल हैं।' 
 बता दें कि जेटली पिछले करीब 2 साल से बीमार चल रहे हैं। वह सॉफ्ट टिशू कैंसर से पीड़ित हैं। किडनी संबंधी बीमारी के बाद पिछले साल मई में उन्हें किडनी प्रत्यारोपित की गई थी। लेकिन किडनी की बीमारी के साथ-साथ जेटली कैंसर से भी जूझ रहे हैं। उनके बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया है जिसकी सर्जरी के लिए जेटली इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे। 

अरुण जेटली ने पिछली मोदी सरकार में वित्त मंत्रालय के साथ-साथ कुछ समय के लिए रक्षा मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाली थी। बीमारी की वजह से इस बार वह मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए। बीमारी के बावजूद वह मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखते रहे हैं। अक्सर वह प्रमुख मुद्दों पर ब्लॉग लिखकर या फिर ट्वीट कर अपनी राय जाहिर करते हैं। 

अनुच्छेद 370 खत्म होते ही ब्रिटेन से आया ये बड़ा बयान, मोदी सरकार के लिए बढ़ी मुश्किलें


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पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A खत्म तो कर दिया लेकिन अब एक नयी मुसीबत उनके सामने खड़ी हो गयी है। ब्रिटेन ने मोदी सरकार के फैसले पर जो प्रतिक्रिया दी है उससे मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
आपको बता दें कि पहले भी सरकार के इस फैसले का उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला जैसे दिग्गज नेताओं ने विरोध किया था। पाकिस्तान और वहाँ के प्रधानमंत्री इमरान खान भारतीय जनता पार्टी सरकार के इस फैसले से हैरान रह गए। एलओसी पर तनाव के चलते मोदी सरकार ने सुरक्षा बढ़ा दी है।

जम्मू कश्मीर को दो भागों में बाँटा गया

मोदी सरकार ने दमदार फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो भागों में बांटते हुए दोनों को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर दिया है। जिसमें से जम्मू कश्मीर विधानसभा के साथ और लद्दाख बिना विधानसभा के ही केन्द्रशासित प्रदेश होगा। इस बीच एक बुरी खबर भी आई है। देश की लोकप्रिय नेता और पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन से पूरा देश शोक में डूब गया है।

ब्रिटेन से आया ये बड़ा बयान

ब्रिटेन के सांसदों ने मोदी सरकार के फैसले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। विपक्षी लेबर पार्टी की सांसद और कश्मीर पर एपीपीजी की अध्यक्ष डेबी अब्राहम ने कहा,"अनुच्छेद 370 को हटाने संबंधी भारत सरकार द्वारा लिया गया एकतरफा निर्णय जम्मू कश्मीर की जनता के विश्वास के साथ धोखा है। इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है। साथ ही यह फैसला अंतरराष्ट्रीय कानून का भी उल्लंघन करता है।"

Thursday, August 8, 2019

बीजेपी विधायक के बिगड़े बोल, कहा- अब कोई भी गोरी-गोरी कश्मीरी लड़कियों से कर सकता है शादी

VIDEO: धारा 370 हटने पर बीजेपी विधायक के बिगड़े बोल, कहा- अब कोई भी कश्मीर की गोरी-गोरी लड़कियों से कर सकता है शादी
BJP MLA Vikram Saini
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अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा मीडिया की सुर्खियों में रहने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक विक्रम सैनी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने आर्टिकल 370 पर मोदी सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए विवादित बयान दिया।
भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने कहा कि देश के मुसलमानों को खुश होना चाहिए कि वे अब बिना किसी डर के ‘गोरी’ कश्मीरी लड़कियों से शादी कर सकते हैं।
यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के कुंवारे नेता भी अब कश्मीर जाकर वहां प्लॉट खरीद सकते हैं और शादी कर सकते हैं। विक्रम सैनी के इस बयान का एक वीडियो भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में विक्रम सिंह यह कहते हुए नजर आ रहे हैं, कार्यकर्ता बहुत उत्सुक हैं और जो कुंवारे हैं, उनकी शादी वहीं करवा देंगे, कोई दिक्कत नहीं है। क्या दिक्कत है? पहले वहां महिलाओं पर कितना अत्याचार था। वहां की लड़की अगर किसी उत्तर प्रदेश के छोरे से शादी कर ले तो उसकी नागरिकता खत्म।
भारत की नागरिकता अलग और कश्मीर की नागरिकता अलग यानी के एक देश दो विधान कैसे होना चाहिए, अब ऐसा नहीं होगा। और जो मुस्लिम कार्यकर्ता हैं यहां पर, उनको खुशी मनानी चाहिए… शादी वहां करो ना… कश्मीरी गोरी लड़की से। खुशी मनानी चाहिए। पूरे, चाहे हिंदू, मुसलमान कोई भी हो। ये पूरे देश के लिए उत्सव का विषय है।
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसले में जम्मू कश्मी पर बड़ा फैसला लिया। केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाते हुए जम्मू कश्मीर से एक राज्य का दर्जा भी वापस ले लिया है। अब वह एक केंद्र शासित प्रदेश है। इसे मुख्य तौर पर दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा जम्मू कश्मीर और दूसरा लद्दाख। सरकार की तरफ से जारी पत्र के मुताबिक, जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश होगा लेकिन वहां पर विधानसभा होगी। वहीं लद्दाख भी केंद्र शासित होगा लेकिन वहां विधानसभा नहीं होगी।

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‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

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