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Tuesday, July 16, 2019

कैसे करते हैं मोदी मंत्रिमंडल का चुनाव, क्यों बाहर हुए प्रभु, मेनका, उमा और राठौड़

कैसे करते हैं मोदी मंत्रिमंडल का चुनाव, क्यों बाहर हुए प्रभु, मेनका, उमा और राठौड़
कैसे करते हैं मोदी मंत्रिमंडल का चुनाव, क्यों बाहर हुए प्रभु, मेनका, उमा और राठौड़
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मोदी सरकार को बने हुए डेढ़ महीने हो चुके हैं, पर मंत्रिमंडल से बाहर किए गए मंत्रियों को अब तक समझ नहीं आया है कि उनसे क्या ख़ता हुई है. जिसकी उन्हें सज़ा मिली है. मोदी सरकार में शामिल कुछ मंत्रियों और निर्णय प्रक्रिया को समझने वाले भाजपा नेताओं से दिप्रिंट ने समझने की कोशिश की आखिर पीएम मोदी के फैसले का आधार क्या रहा ?
भाजपा सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री के अपने मंत्रिमंडल में मंत्री को लेने और निकालने के पीछे उनका जातीय और सामाजिक समीकरण, कार्य में निपुणता, चुनावी समीकरण मुख्य वजह होती है. प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के साथ उनकी केमिस्ट्री का भी चयन और विदाई में अहम रोल होता है.
उदाहरण के तौर पर बिहार से आने वाले भूमिहार नेता गिरिराज सिंह की बात करते हैं. पिछले पांच साल में गिरिराज सिंह ने कई बार पार्टी की फ़ज़ीहत कराई. लेकिन वे मोदी कैबिनेट-2 में भी राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बने. इसकी वजह रही भूमिहार समुदाय का कोई बड़ा या मंझोले कद का नेता भाजपा में नहीं है, जो अपनी राष्ट्रीय पहचान रखता हो. बिहार की राजनीति में भूमिहार वोट को ध्यान में रखते हुए और बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए गिरिराज सिंह को पदोन्नति दी गई. यानि जातिगत समीकरण दूसरे कारणों पर भारी पड़े.
राधामोहन सिंह को मुख्यत: उनकी नॉन परफार्मेंस की वजह से हटाया गया. किसानों के देश भर में आंदोलन ख़ासकर राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में कृषि संकट के कारण दिसंबर 2018 में भाजपा को अपनी तीन सरकारें गंवानी पड़ीं थी .
2018 में चुनाव से पहले मोदी को लगा कि राधामोहन सिंह उतनी डिलीवरी नहीं कर पा रहे हैं, तो अमित शाह ने वसुंधरा के समानांतर नए नेतृत्व को बढाने के लिए गजेन्द्र शेखावत की कृषि मंत्रालय में राज्यमंत्री के रूप में एंट्री कराई. वैसे राधामोहन सिंह पर मिट्टी की जांच करने वाली किट को उपलब्ध कराने वाली आंध्रप्रदेश की कंपनी नागार्जुन केमीकल को फायदा पहुंचाने का आरोप भी लगा था पर राधामोहन सिंह इन आरोपों का खंडन करते रहे. हर कैबिनेट फेरबदल के समय हटने वाले मंत्रियों में राधामोहन सिंह का नाम सबसे पहले लिया जाता था, पर वो हटाए नहीं गए थे.
अपने स्वास्थ्य के कारण अरूण जेटली पहले ही ऐलान कर चुकी थी कि वह इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगी पर सुषमा स्वराज ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया था. भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक पहले कार्यकाल में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट में लेना एक तरह से पीएम की राजनैतिक मजबूरी थी पर दूसरे कार्यकाल में प्रचंड बहुमत लाने के बाद मोदी के लिये कोई कहा अनकहा दबाब नहीं था. मंत्रिमंडल के चार टॉप मे जगह नहीं होने के कारण यह स्वाभाविक था कि वरिष्ठ सुषमा स्वराज सम्मानजनक विदाई लें.
शिवसेना में रहे सुरेश प्रभु को प्रधानमंत्री ने 2014 में शिवसेना की नाराजगी के बावजूद भाजपा में शामिल कर अपने कोटे से मंत्री बनाया था. भाजपा और शिवसेना में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए युद्धविराम हो गया और उसकी भेंट चढ़े सुरेश प्रभु. सुरेश प्रभु को ड्राप कराने में उद्भव ठाकरे के वीटो ने काम किया, पर प्रभु पीएम मोदी के ‘गुड बुक्स’ से बाहर नहीं हुए और उन्हें जी -20 का शेरपा बनाया गया.
मेनका गांधी को बाहर करने के पीछे अमित शाह का व्यक्तिगत कॉल था. शाह के काम करने के तरीके में मेनका और वरूण बहुत सालों से फ़िट नहीं बैठ रहे थे. गांधी परिवार के आभामंडल में क़ैद और संगठन के लिए उपलब्ध न रहना मेनका की परफार्मेंस रिपोर्ट खराब करने के लिए काफी था.
शाह के क़रीबी और निर्णय प्रक्रिया की जानकारी रखने वाले एक भाजपा नेता के मुताबिक यूपी से शाह उन्हीं नेताओं को लाना चाहते थे. जो यूपी में सपा, बसपा गठबंधन के बाद भी भाजपा की विजय यात्रा को 64 सीट तक पहुंचाने में योगदान दिया हो. भाजपा नेता के मुताबिक जीत में भूमिका निभाने वाले ब्राह्मण समुदाय के यूपी भाजपा अध्यक्ष महेन्द्रनाथ पांडे को कैबिनेट में लेने के बाद यूपी कोटे से दूसरे मंत्री के लिए जगह नहीं बचती थी.
अगर परफॉर्मेंस की बात की जाय तो उड़ान स्कीम को देशभर में लागू कर जयंत सिन्हा का ट्रैक रिकार्ड उतना खराब नहीं था. अमित शाह के करीबी एक नेता के मुताबिक उन्हें मंत्रिमंडल में जगह पिता यशवंत सिन्हा की विरासत के कारण ही मिली थी और मंत्रिमंडल से जाने की वजह भी पिता यशवंत सिन्हा ही थे. जयंत को हटाने की वजहों में अर्जुन मुंडा को कैबिनेट में लिया जाना भी था. झारखंड विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए आदिवासी बहुलता वाले राज्य में आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को कैबिनेट में जगह देकर जातिगत संतुलन साधने का प्रयास किया गया और इन दोनों वजहों के कारण जयंत को ड्राप करना पड़ा.
उमा भारती ने तो पहले ही स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था, वैसे भी उनका परफारमेंस पीएमओ की नज़र में ख़राब था.
नाथूराम गोडसे पर विवादित बयान देकर पार्टी की किरकिरी कराने वाले हेगड़े की जगह लो प्रोफाईल रहने वाले प्रह्लाद जोशी को पीएम ने कर्नाटक कोटे से चुनना ठीक समझा.
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सूचना प्रसारण और खेल मंत्रालय संभाल रहे राज्यवर्द्धन को जिस तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा था. उससे साफ़ था कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वे अपने लिए बड़ी भूमिका की राह देख रहे थे.
दूसरे कार्यकाल में उन्हें जगह तक नहीं मिलना बहुतों को चौंकाया पर एक वरिष्ठ मंत्री के मुताबिक पीएम मोदी और शाह ने किसी दूसरी ज़िम्मेदारी के लिए राज्यवर्द्धन को चुन रखा हो. इससे इंकार नहीं किया जा सकता. वैसे राज्य में अभी संगठन के चुनाव होने बारी है और राजस्थान भाजपा के नए अध्यक्ष के तौर पर राठौड़ केन्द्र की पसंद हो सकते हैं .
इस बार बिहार भाजपा प्रभारी और गृहमंत्री अमित शाह शाह के करीबी भूपेन्द्र यादव की सलाह पर शाह ने 2019 लोकसभा चुनाव में बिहार से शत प्रतिशत जीत दिलाने वाले राज्य भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय को चुनना ज्यादा बेहतर समझा. राय की पकड़ बिहार की राजनीति पर बनी हुई है. जिसका फायदा आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को नित्यानंद राय और रामकृपाल दोनों यादव समुदाय से आतें है पर राय को भूपेन्द्र यादव की नज़दीकी का फायदा मिला .
दोनों नेता को उनके मंत्रालय में अपनी नान परफार्मेंस के आधार पर हटाया गया है.
एयरपोर्ट के निर्माण में शर्मा के जरूरत से ज्यादा रूचि लेने पर पीएमओ में की गई शिकायत भी उनके खिलाफ गई. शर्मा पर आरोप लगा कि शर्मा एयरपोर्ट डेवलेपमेंट का काम किसी विशेष कंपनी को दिलाने के लिए लॉबिंग कर रहे थे . पीएमओ और शाह तक शिकायत पहुचने के बाद उन्हें दुबारा मंत्रिपद देना ठीक नहीं समझा गया.
ये तो रहा जो ड्राप किए उनकी कहानी जिन्हें लिया गया अब उनपर भी एक नज़र
अरूण जेटली की सलाह पर पीएम मोदी ने पीयूष गोयल की जगह वित्त मंत्रालय निर्मला सीतारमण को सौंपा. इससे एक संभावना बची रहती है कि जेटली स्वस्थ होकर लौटे तो वित्त मंत्रालय में उनकी वापसी हो सकती है. जेटली के करीबी अनुराग ठाकुर को भी उनकी सलाह पर ही वित्त राज्यमंत्री का पद दिया गया. भाजपा सूत्रों के मुताबिक हरदीप पुरी की पदोन्नति भी जेटली की सलाह पर ही की गई है .
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सूचना प्रसारण ही एक ऐसा मंत्रालय था, जो चार मंत्रियों के बीच बदलता रहा. दूसरे कार्यकाल में पुरानी गलतियों से सीख लेते हुए पीएम ने ज्यादा परिपक्व जावड़ेकर के हवाले मंत्रालय किया. जावड़ेकर की सबको साथ लेकर चलने की शख़्सियत उनकी तरक़्क़ी का आधार बनी.
पिछले कैबिनेट में परफार्मर रहे गडकरी को रोजगार सृजन करने वाला सूक्ष्म लघु उद्योग मंत्रालय सौंपा गया, तो नरेन्द्र सिंह तोमर को उनके परफार्मेंस के कारण ग्रामीण विकास के साथ-साथ राधामोहन सिंह का कृषि मंत्रालय भी दिया गया. हर घर में जल पहुंचाने की महत्वकांक्षी योजना को राजस्थान के जोधपुर से जीते शेखावत के हवाले किया गया. वसुंधरा की जगह शेखावत को राजस्थान का भावी नेतृत्व के रूप में तैयार करने के उद्देश्य जल संसाधन का नया मंत्रालय बनाकर उन्हें ज़िम्मा दिया गया है .
सबसे आश्चर्य एंट्री रमेश पोखरियाल निशंक की हुई पांच साल से अज्ञातवास में चल रहे निशंक को स्वामी रामदेव के शाह से सिफ़ारिश के बाद इस बार भारी भरकम मंत्रालय मिल गया. निशंक के मुख्यमंत्री रहते भष्ट्राचार के आरोप लगने के बाद वो आलाकमान की नज़र से उतर गए थे. यही हाल अर्जुन मुंडा के साथ था. जमशेदपुर से चुनाव हारने के बाद अर्जुन मुंडा लगातार अज्ञातवास में थे, हालात यह थे कि जब अमित शाह रांची जाते थे तो संगठन की बड़ी बैठकों में उन्हें बुलाया तक नहीं जाता था, पर राज्य में विधानसभा चुनाव होने के कारण आदिवासी वोटबैंक को प्रतिनिधित्व देने की राजनैतिक चाह में मुंडा की लाटरी खुल गई.
कुल मिलाकर ड्राप किए और नए लिए गए मंत्रियों के चयन प्रक्रिया से जो तीन बातें सामने आती हैं कि परफार्मेंस सबसे बड़ा आधार रहा है, पर चुने जाने और निकाले जाने के लिए पर केवल वही आधार नहीं रहा है. कई सारे नॉन परफार्मर मंत्री भी बचे हैं. लेकिन उनके बचने की वजह मजबूत जातिगत समीकरण और पीएमओ के साथ तारतम्य बनाने की कला मुख्य वजह रही है. मसलन संतोष गंगवार, श्रीपद नाईक, फग्गनसिंह कुलस्ते, किशन पाल, रामदास आठवले, संजीव बालियान परफार्मर नहीं होते हुए भी जाति, राज्य और सामाजिक समीकरण के कारण बच गए और उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान मिला.
मंत्रिमंडल चुनाव में जो दूसरा दिलचस्प तथ्य दिखा है कि वह है विवाद पैदा करने वाले ज्यादातर मंत्रियों की छुट्टी हुई है चाहे वो अनंत हेगड़े हों या मेनका सिर्फ़ इस नियम में छूट गिरिराज सिंह को मिली है.
मोदी के काम करने और निर्णय लेने की प्रक्रिया से तीसरा दिलचस्प तथ्य यह उभरता है कि मोदी दबाब में कभी मंत्रियों को ड्राप नहीं करते और बिना मीडिया इवेंट बनाए ड्राप होने वाले मंत्रियों को स्वाभाविक मौत मरने देते है. दबाब में केवल मोदी ने एमजे अकबर को हटाया था. निर्णय लेने की इस गोपनीयता के कारण मंत्री को अंत तक पता नहीं चल पाता कि वह अच्छा परफ़ार्म कर रहा है या बुरा और उसके राजनैतिक भविष्य में आगे क्या लिखा है.

Monday, June 24, 2019

नागदा : Lanxess industry में हो सकता था बड़ा हादसा, धड़ाम से गिरी 150 फिट ऊँची चिमनी


TOC NEWS @ www.tocnews.org
ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा । शहर में रविवार शाम को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. शाम 4 बजे आए आंधी-तूफान से LANXESS उद्योग के भीतर एक चिमनी गिर गई गनीमत रही कि घटना के समय मौके पर कोई भी श्रमिक वहा नहीं था। रविवार को अवकाश होने की वजह से उक्त प्लांट मे एक दो ही श्रमिक थे, जो चिमनी से काफी  दूरी पर थे।
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार उद्योग के कोजन (पावर प्लांट)प्लांट में लगभग 150 फीट ऊंची चिमनी धराशयी हो गई । यह चिमनी एस एस के उपकरण की बनी थी जो काफी पुरानी हो गई थी। तेज हवा चलने से चिमनी लटकी गई । घटना की जानकारी मिलते ही LANXESS उद्योग प्रबंधन हरकत में आया और मौके पर पहुंचा।
प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची और पंचनामा बनाया। राजस्व विभाग के अधिकारि व बिरलाग्राम पुलिस ने शाम 5.30 बजे मौका मुआएना कर पंचनामा बनाया । उद्योग में लगभग 2 माह पूर्व भी इस तरह की घटना हुई थी ।गनीमत थी कि उस समय चिमनी छोटी थी जो अन्य चिमनी पर टिक गई थी। जिस प्लांट में चिमनी गिरी उस प्लांट में भूसा (बायोमास) जलाकर बिजली का उत्पादन किया जाती है।

बड़ा हादसा टला

इस घटना से गनीमत रही कि कोई जनहानी नहीं हुई। जिस स्थान पर यह चिमनी गिरी वहां पर कार्यदिवस के दिन 24 घंटे लगभग 25 से 30 ठेकाश्रमिक चिमनी के ही निचे कार्य करते है। परंतु रविवार को कार्य ना के बराबर होता है।
प्रतिदिन उक्त स्थान पर भूसे (बायोमास) के ट्रक भी आते है । पूरे उद्योग परिसर में कई जहरीली गैस की पाइप लाइन गुजर रही है । ऐसे में यदि चिमनी किसी पाइप लाइन पर गिर जाती और पाइप लाइन लिकेज हो जाती तो उद्योग ओर उद्योग के आसपास रहवासी इलाको मे भी बड़े हादसे से इंनकार नही किया जा सकता था।

सूत्रो से मिली जानकरी के अनुशार बताया जा रहा है कि चिमनी काफी पुरानी हो गई थी, उद्योग प्रबंधन द्वारा समय पर देखरेख नहीं करने व मरम्मत नहीं करने से चिमनी जर्जर हो चुकी थी जिससे तेज हवा से वह धराशयी हो गई।
सवाल ये भी उठता है की अभी डेढ माह पहले ही सुरक्षा जाच की गई थी तो जाच कर्ता ने इस चिमनी को क्यो नजर अंदाज कर दिया। उद्योग ने लापरवाही दबाने के लिए किसी भी मीडियाकर्मी को उद्योग परिसर में जाने नही दिया।

Friday, June 21, 2019

इंडियन टिम्बर लकड़ी टाल में लगी आग, तीन फायर ब्रिगेड मौके पर, पूरा वीडियो देखें

इंडियन टिम्बर लकड़ी टाल में लगी आग, तीन फायर ब्रिगेड मौके पर

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जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
रायगढ़, जूटमिल चौकी के अंतर्गत, रेलवे स्टेशन के पीछे स्थित लकड़ी के ताल में आज अचानक आग लग गई, रायगढ़ नगर निगम की तीन फायर ब्रिगेड मौके पर आ गई,
साथ ही साथ जूटमिल चौकी और कोतवाली पुलिस भी मौके पर मौजूद हो गई, प्राप्त जानकारी के अनुसार इंडियन टिम्बर लकड़ी टाल के मालिक मंजीत सिंह ने एएनआई न्यूज़ इंडिया से बात करके बताया कि उनको आग लगने के करणो का पता नई चला है और कितना नुकसान हुआ ये भी अभी तक इसका अंदाजा नही लगा पा रहे ,
साथ ही साथ इंश्योरेंस के बारे में पूछने पर उन्होंने कोई जवाब नई दिया। अभी आग पर काबू पा लिया गया है।

पेंशन एवं मजदूरी भुगतान के लिए बैंकर्स शिविर का आयोजन

पेंशन एवं मजदूरी भुगतान के लिए बैंकर्स शिविर का आयोजन

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जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
रायगढ़,  उच्च शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल की  कारगर पहल पर पेंशन एवं मजदूरी भुगतान के समस्याओं के निराकरण के लिए प्रति बुधवार बैंकर्स शिविर का आयोजन किया जा रहा है।
हितग्राहियों को अपनी समस्याओं के लिए भटकना नहीं पड़ रहा है और वे इस शिविर के माध्यम से आसानी से अपनी समस्याओं का निदान प्राप्त कर रहे है। जिला पंचायत में 2 पेंशनर, बरमकेला में 12, सारंगढ़ में 86, पुसौर में 6, रायगढ़ में 18, खरसिया में 7, घरघोड़ा में 12, तमनार 63, लैलूंगा में 12 एवं धरमजयगढ़ में 5 एवं कुल 229 पेंशनरों की समस्याओं का समाधान किया गया।
वहीं मनरेगा के मजदूर में जिला पंचायत में 2, बरमकेला में 25, सारंगढ़ में 11, पुसौर में 8, खरसिया में 26, घरघोड़ा में 5, तमनार में 20, धरमजयगढ़ में 88 एवं कुल 192 श्रमिकों की समस्याओं का निराकरण किया गया।

Wednesday, June 19, 2019

नागदा : ग्रेसिम उद्योग बंद होने की कगार पर, यह रही बड़ी वजह 

नागदा : ग्रेसिम उद्योग बंद होने की कगार पर, यह रही बड़ी वजह 

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा - जल संकट से ग्रेसिम उद्योग बंद होने की कगार पर है। उद्योग के स्टेपल फाईबर के उत्पादन में गिरावट शुरू हो गई है। कुल 11 मशीनों में से मशीने एक एक कर स्लो हो रही है। 
चंबल नदी में अब 40 एमसीएफटी पानी ही शेष रहने से प्रबंधक ने ग्रेसिम उद्योगो को धीरे-धीरे बंद करने का निर्णय लिया है। मानसून की स्थिति के अनुसार बाद में एक के बाद एक मशीनों को बंद कर उत्पादन को लगातार कम किया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उद्योग में प्रतिदिन भारी मात्रा में पानी की खपत रा-मटेरियल के रूप में होती है। उत्पादन में रोजाना तकरीबन 2 एमसीएफटी पानी की आवश्यकता होती है। सवा लाख की आबादी के शहर नागदा में जलापूर्ति भी चबंल नदी के भरोसे हैं। शहर से लगभग 14 किमी दूर कस्बा खाचरौद के वाशीयो की प्यास भी नदी से बुझती है। दोनों शहरों में मिलाकर प्रतिदिन आधा एमसीएफटी पानी की जरूरत आंकी जा रही है। मुख्य जंक्शन होने से यहां से गुजरने वाली रेलगाडिय़ों में पानी की आपूर्ती चबंल से की जाता है।
यदि जल्दी बारिश नहीं हुई तो उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों पर भी प्रभाव पडऩे की संभावना है। उद्योग में लगभग 1600 स्थायी मजदूर तथा 2500 हजार ठेका श्रमिक की रोजी-रोटी जुड़ी है।

उद्योग में स्थानीय के अलावा बिहार, राजस्थान, उप्र, केरल, उतराखंड, उड़ीसा आदि प्रांतों के कर्मचारी बड़ी संख्या में कार्यरत हैं। पूरे ग्रेसिम उद्योग के बंद होने से शासन-प्रशासन को भी राजस्व में हानि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। उद्योग प्रबंधक प्रतिदिन केंद्र एवं प्रदेश सरकार को तकरीबन 1 करोड़ का राजस्व चुकाता है। यहां का उत्त्पादन देश के कई भागों में कच्चा माल के रूप में पहुंचता है। विदेशों में भी ग्रेसिम का उत्पादन निर्यात होता है। ऐसी स्थिति में परिवहन में जुड़े लोगों का कारोबार प्रभावित हो सकता है।

Saturday, June 15, 2019

ग्रेसिम उद्योग के पावर हाउस गेट पर 11 साथियों सहित मालपानी उपवास पर बैठे

ग्रेसिम उद्योग के पावर हाउस गेट पर 11 साथियों सहित मालपानी उपवास पर बैठे

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा- ग्रेसिम प्रबंधक से अपनी उचित मांगो को मनवाने के लिये एवं अपने अधिकारों के लिये लड़ने हेतु आप सभी मजदूर साथियो को जागरूक होकर एकजूट होना होगा। आज हम हमारे 11 साथियों सहित उद्योग गेट के बाहर 8 घंटे के सामूहिक उपवास पर बैठे है और कल 15 जून को आप सभी श्रमिक साथी एक दिवसीय केन्टीन का बहिष्कार करे।
उक्त संबोधन म.प्र. कांग्रेश कमेटी सदस्य बसंत मालपानी ने ग्रेसिम समझौता 2019 में हो रही देरी एवं श्रम संगठनों के मांगपत्र सार्वजनिक करने को लेकर श्रमिकों में जागरूकता एवं एकजुटता लाने के उद्देश्य से 11 साथियों के साथ दिनांक 14 जून शुक्रवार को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ग्रेसिम पावर हाउस गेट के सामने 8 घंटे का उपवास के दौरान दिया।
उपवास समाप्त होने के पूर्व नायब तहसीलदार सलोनी पटवा को अनुविभागीय अधिकारी नागदा के नाम एक ज्ञापन पत्र भी सौपा गया जिसकी प्रतिलिपि श्रमायुक्त इन्दौर को भेजी गई जिसमें यह मांग करी कि  ठेका श्रमिको की मासिक पगार 18 से 20 हजार रूपये हो।, ठेका श्रमिकों को 20 प्रतिशत बोनस मिले। 20 प्रतिशत ठेका श्रमिको को स्थायी किया जावे। मान्यताप्राप्त ट्रेड युनियनों के पदाधिकारियों के प्रत्यक्ष चुनाव हो। जिन मजदूरों को 10 साल हो गये है उन्हें स्थायी किया जावे। बाहरी मजदूरों के कारण स्थानीय मजदूरों को ब्रेक दिया जाता है वहीं रिटर्न भी की जाती है। स्थानीय श्रमिको का ब्रेक व रिटर्न बंद करे। बाहरी ठेकेदार बाहर से मजदूर लाना बंद करें।
स्थानीय लोगों को रोजगार दे। समान कार्य, समान वेतन, समान सुविधा की बात हो। जनसेवा अस्पताल को बीमा अस्पताल से लिंक किया जावे। हेलमेट, जूते, कपड़े, स्वेटर, सभी को एक जैसी अच्छी क्वालिटी के मिले। बोनस पर से सीलिंग हटाई जावे। ठेका श्रमिकों को उद्योग से लोन की सुविधा मिले। सीएस 2 ठेका श्रमिकों को गैस अलाउंस मिले। ट्रेड यूनियन के पदाधिकारी जो समझौते में बैठते है वे उद्योग में कार्यरत श्रमिक ही हो। ठेका श्रमिकों के बच्चों को भी ग्रेसिम के स्कूलों में फीस में छूट मिले। यूनियन के चंदे की रसीद एक हो।

ताकि श्रमिको से भेदभाव ना हो सके। समझौता जब संयुक्त ट्रेड युनियन के नाम से कहा जाता है तो रसीद भी एक होना चाहिये। 10 हजार के मासिक वेतन में व 15 हजार एलाउंस में टोटल 25 हजार की बढोतरी हो। ग्रेज्यूटी को 15 लाख रू किया जावे। बिडला मंदिर व जनसेवा गार्डन में काम करने वाले श्रमिको का ब्रेक व रिटर्न बंद हो। कार्ड पंच करवाया जाये और सबसे महत्वपूर्ण कि समझौता मजदूर हित में जल्द से जल्द किया जावे। नहीं तो उग्र आंदोलन किया जावेगा।
इन्होने किया उपवास- प्रदेश कांग्रेस सदस्य बसंत मालपानी, युवा कांग्रेस विधानसभा उपाध्यक्ष कमल आर्य, जिला युवक कांग्रेस महासचिव रामकिशोर भाटी, जिला कांग्रेस संगठन मंत्री चेतन नामदेव, कांग्रेस पिछड़ा वर्ग नागदा ग्रामीण अध्यक्ष अनिल भाट, श्रवण सोलंकी, नितेश गोयल, लक्ष्मण चैधरी, राजेश सिया, जितेन्द्र चैधरी, धीरज बोरासी, श्रवण परमार ने उपवास किया। इस मौके पर अशोक परांजपे, जसवन्त राठौर, सचिन सरोज, आसिफ शेख, राजेश चन्द्रवंशी सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Thursday, June 13, 2019

मुख्यमंत्री कमलनाथ की नई पहल : 4000 करोड़ के 6 प्रस्ताव को मंजूरी 7500 लोगों को मिलेगा रोजगार

मुख्यमंत्री कमलनाथ की नई पहल : 4000 करोड़ के 6 प्रस्ताव को मंजूरी 7500 लोगों को मिलेगा रोजगार 

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  • प्रदेश में निवेश को तेजी से लाने मुख्यमंत्री की नई पहल
  • प्रदेश में पहली बार सात दिन में 4000 करोड़ के 6 प्रस्ताव को मंजूरी 7500 लोगों को मिलेगा रोजगार 
  • मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में निवेश प्रोत्साहन संबंधी मंत्रीमंडल समिति की बैठक
भोपाल : मध्यप्रदेश में पहली बार निवेश के इच्छुक सात निवेशकों के 6 प्रस्तावों को सात दिन में मंजूरी दी गई। चार हजार करोड़ के निवेश से प्रदेश के 7500 लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रालय में निवेश प्रोत्साहन संबंधी केबिनेट कमेटी में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्हें बेहतर एवं आधुनिकतम सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जायेंगी।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि निवेश नीति को उन क्षेत्रों पर केंद्रित करेंगे जहाँ रोजगार अधिक है और जहाँ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज कई ऐसे क्षेत्र जैसे टेक्सटाईल, फार्मास्युटिकल, आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस जिसमें निवेश और रोजगार की व्यापक संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों में वे सारी सुविधाएँ निवेशकों को उपलब्ध करवानी, चाहिए जिससे वे प्रोत्साहित हों।
निवेशकों का विश्वास जीतना चुनौती
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती है कि मध्यप्रदेश में निवेशकों का विश्वास लौटाएं। उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरी कार्य-संस्कृति को मित्रवत और सहयोगी बनाना होगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में पूर्व से विद्यमान निवेश को भी विस्तार देने और प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों की पहचान करें और उन्हें बढ़ावा दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 15 साल में निवेशकों का विश्वास घटा है। कई निवेशकों ने प्रारंभिक रूचि दिखाकर आगे कदम नहीं बढ़ाये। अब निवेशकों का विश्वास जीतना चुनौतीपूर्ण है।
स्वत: निवेश आकर्षित हो ऐसा वातावरण बनाए
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि औद्योगिक वातावरण और निवेश की संभावनाओं पर झूठे प्रचार से बचना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रभावी प्रचार-प्रसार के अनुरूप उद्योगों को प्रदेश में अनुकूल स्थितियाँ उपलब्ध हों, यह भी सुनिश्चित करना होगा जिससे पूरे देश में उद्योग जगत और निवेश के क्षेत्र में बेहतर संदेश जाए। मुख्यमंत्री ने देश के उन राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेज का अध्ययन कर उन्हें अपनाने को कहा जिसके कारण उन प्रदेशों में स्वत: ही निवेश आकर्षित होता है। 
निवेश के 6 प्रस्ताव को मंजूरी
मुख्यमंत्री श्री नाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश में पहली बार निवेश के 6 प्रस्तावों को सात दिन के अंदर मंजूरी देने का निर्णय हुआ। रुपये 4025 करोड़ के इन प्रस्तावों से 7500 रोजगार सृजित होंगे। जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई उनमें मेसर्स स्प्रिंगवे माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड का 1400 करोड़, मेसर्स प्रोक्टर एंड गेम्बल होम प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का 500 करोड़, मेसर्स आईनॉक्स एयर प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड का 125 करोड़, मेसर्स एच.ई.जी. लिमिटेड का 1200 करोड़, मेसर्स श्रीराम पिस्टन एंड रिंग्स लिमिटेड का 600 करोड़ और मेसर्स वंडर सीमेंट लिमिटेड का 200 करोड़ का निवेश प्रस्ताव शामिल है।
माह में एक बार होगी केबिनेट कमेटी की बैठक
मुख्यमंत्री ने बैठक में निवेश संबंधी प्रस्तावों पर माह में एक बार केबिनेट कमेटी में समीक्षा के निर्देश दिए। इनमें ऐसे प्रस्ताव जिनमें नीतिगत या व्यवस्थागत कोई समस्या होगी उसका त्वरित निराकरण कर निर्णय लिया जाएगा।
टेक्सटाइल कंपनी के उद्योगपतियों से की बातचीत
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक्सटाइल क्षेत्र में प्रदेश में पहले से ही बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। हमारे यहाँ से तैयार गारमेंट्स गुजरात एवं अन्य राज्यों में बिक्री के लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी टेक्सटाइल कंपनियाँ अगर प्रदेश में निवेश करेंगी तो बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बैठक में ही टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े बड़े उद्योगपतियों से चर्चा कर उन्हें प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
मंत्री-मंडल की बैठक में वित्तमंत्री श्री तरुण भनोत, नगरीय विकास मंत्री श्री जयवर्धन सिंह, मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री आई.सी.पी. केसरी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अनुराग जैन, प्रमुख सचिव जनसंपर्क एवं उद्योग श्री राजेश राजौरा, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम श्री विवेक पोरवाल एवं संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Wednesday, June 12, 2019

नरवा योजना से हो रहा नाले का उन्न्यन : बायसी में डबरी निर्माण, दुलोपाली में चेकडेम, परसानाला में बुलडोजर चेक डेम का कार्य पूर्ण

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जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
रायगढ़, रायगढ़ जिले में गर्मी के मौसम में किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की सुविधा उपलब्ध कराने एवं बाड़ी में साग-सब्जी के साथ जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए नरवा योजना के तहत मनरेगा से ग्राम पंचायतों में किसानों के लिए नाले का उन्नयन कार्य करवाया जा रहा है। किसानों के परम्परागत नालों को उन्नयन करने के लिए जोर दिया जा रहा है।
आने वाले समय में जल संकट से निपटने के साथ ही खेती-किसानी एवं पेयजल निस्तारी जैसे कार्यों के लिए पानी जैसे उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्रों में बनी रहे। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी ने बताया कि जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए डबरी निर्माण, नाला बंधान, तालाब गहरीकरण, चेकडेम, कुआं गहरीकरण के कार्य प्राथमिकता से किए जा रहे है। धरमजयगढ़ विकासखण्ड के बायसी में डबरी निर्माण, बरमकेला विकासखण्ड के दुलोपाली में चेकडेम, परसानाला में बुलडोजर चेक डेम का कार्य पूर्ण हो चुके है। 
उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले के 9 विकासखण्डों में नरवा कार्यक्रम अंतर्गत जिले में जीआईएस मेपिंग के आधार पर 13 नालों का चिन्हांकन किया गया है जिनमें से 122 ग्राम पंचायतों में कार्यों का लक्ष्य 28422 रखा गया है। जिनमें से 26359 कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है। 2216 कार्य पूर्ण हो चुके है। इस कार्य में कृषि, वन, जल संसाधन विभाग द्वारा सामूहिक क्षेत्रीय कार्य किया जा रहा है।
नालों में पुसौर विकासखण्ड के केन्दवाई, केनसरा, सबकेलो नाला, सारंगढ़ विकासखण्ड के बेलपाली, बरमकेला के जीरानाला, धरमजयगढ़ के चीनीनाला, परसनाला, घरघोड़ा के कछार नाला, तमनार का चीनीनाला, रायगढ़ के चक्रधरपुल नाला, खरसिया का पीडीझर नाला, दनतारा नाला, सपनई नाला, धरमजयगढ़ के कोड़ासिया नाला शामिल है। नरवा नाला के अंतर्गत एमआईटी, बोल्डर चेकडेम, ब्रशवुड चेकडेम, सिल्ट टे्रप, स्थायी स्टाप डेम, डाईक, डाईक कम बोल्डर चेक, नाला पाथ ट्र्रीटमेंट सरचनाएं शामिल है।

हादसा : आदित्य बिरला ग्रुप ग्रेसिम उद्योग के श्रमिक को लगी गैस, सीने में उठा दर्द

हादसा : आदित्य बिरला ग्रुप ग्रेसिम उद्योग के श्रमिक को लगी गैस, सीने में उठा दर्द

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567

नागदा मे स्थित आदित्य बिरला ग्रुप ग्रेसिम उद्योग मे कार्यरत स्थाई श्रमिक सुरेश मावर आज सुबह मार्निग सिफ्ट से स्वस्थ अवस्था में अपने कार्य पर उद्योग मे कार्यरत थे ।

कार्य के दौरान उन्हें उद्योग के ही विस्कोस नंबर एक मे गैस लगी और सीने मे दर्द का एहसास हुआ और उन्हें सांस लेने में तकलीफ और परेशानी होने लगी ।प्ला न्ट इन्चार्ज पंकज सिन्धे को सूचना दी गई और जल्द ही उपचार के लिए एम्बुलेंस द्वारा जनसेवा हॉस्पिटल लाया गया ।

जब एएनआई न्यूज़ इंडिया ने सुरेश मावर से जानकारी ली तो उनका कहना था की मै सुबह जल्दी फेक्ट्री चला गया था फैक्ट्री मे जाने के बाद कार्ड पंच कीया और प्वाइन्ट मे जाने के लिए उपर चढने लगा तो मुझे गैस जैसा लगा और फिर चक्कर आने लगे और मै गिर गया सिने मे दर्द होने लगा, अधिकारी पंकज सिन्धे को सुचना दी गई फिर मुझे जनसेवा हॉस्पिटल मे भर्ती कराया गया ।जानकारी मिलने तक सुरेश मावर जनसेवा हॉस्पिटल मे स्वास्थ्य लाभ ले रहे है।

Friday, June 7, 2019

सुविधायुक्त गौठान में पशुओं को चारा-पानी, कोटना की दी जा रही सुविधा, प्रभारी मंत्री उमेश पटेल ने किया निरीक्षण

सुविधायुक्त गौठान में पशुओं को चारा-पानी, कोटना की दी जा रही सुविधा, प्रभारी मंत्री उमेश पटेल ने किया निरीक्षण

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जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
  • प्रभारी मंत्री श्री उमेश पटेल ने ग्राम जोबी के गौठान का किया निरीक्षण
  • अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
  • सुविधायुक्त गौठान में पशुओं को चारा-पानी, कोटना की दी जा रही सुविधा
रायगढ़, उच्च शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री उमेश पटेल ने खरसिया विकासखण्ड के ग्राम पंचायत जोबी में छत्तीसगढ़ शासन की नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के तहत बने सर्व सुविधायुक्त गौठान का निरीक्षण करके अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि उक्त योजना शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं में से एक है, इसमें किसी भी तरह कोताही नहीं चलेगी।
प्रभारी मंत्री श्री पटेल ने कहा कि ग्राम जोबी में 6 एकड़ में गौठान, 5 एकड़ में चारागाह बनाया गया है, जहां पशुओं के खानपान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उनके बैठने के लिए पक्के शेड और घास रखने के लिए मचान बनाया गया है। साथ ही पशुओं के गोबर को एकत्र करके गोबर गैस के रूप में भी उपयोग किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के गौठानों को डेकेयर के रूप में विकसित किया जा रहा है। जहां पशुओं के लिए चारा-पानी, कोटना, पक्के शेड के सुविधा उपलब्ध करायी गई है।
छत्तीसगढ़ शासन की चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना सार्थक हो रही है। सुराजी गांव योजना के तहत 9 जनपद पंचायतों में एक-एक मॉडल गौठान पशुओं के लिए सर्व सुविधायुक्त तैयार हो गई है। 761 ग्राम पंचायतों में 15 प्रतिशत का 114 ग्राम पंचायत जिनमें से जिले में 103 गौठान का चिन्हांकन किया गया। जिनमें से 62 गौठान आदर्श गौठान में चारा-पानी, कोटना, पक्के शेड के साथ गांव के पशु इसका लाभ ले रहे है।

Wednesday, June 5, 2019

Vodafone का नया प्रीपेड प्लान पेश, 70 दिनों की वैलिडिटी, 3GB डेटा और फ्री कॉलिंग


Vodafone offer 299 TOC NEWS INDIA
Vodafone का नया प्रीपेड प्लान पेश, 70 दिनों की वैलिडिटी, 3GB डेटा और फ्री कॉलिंग

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खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 98932 21036

वोडाफोन ने 299 रुपये का एक नया प्रीपेड प्लान पेश किया है. इसमें ग्राहकों को अनलिमिटेड कॉलिंग, 3GB डेटा और 70 दिनों की वैलिडिटी मिलेगी.

नई दिल्ली: वोडाफोन टेलीकॉम सेक्टर में अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखने के लिए लगातार नए प्रीपेड प्लान जारी कर रही है। दोनों टेलीकॉम कंपनियों (वोडाफोन आइडिया) के मर्ज होने के बाद भी कंपनी लगातार नए प्लान जारी कर रही है। पिछले कुछ महीनों में टेलीकॉम ऑपरेटर ने कई प्रीपेड प्लान जारी किए हैं। हाल में ही कंपनी ने 16 रुपए का फिल्मी रिचार्ज प्लान और 229 रुपए का प्रीपेड प्लान जारी किया है, जिसमें अनलिमिटेड कॉलिंग और डेटा लाभ मिलता है। 
वोडाफोन ने नया प्लान पेश किया है, जिसकी कीमत 299 रुपए है। ये प्लान 70 दिनों की वैधता के साथ आता है। टेलीकॉम टॉक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समयावधि में सब्सक्राइबर्स को फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग मिलती है। इसमें एसटीडी और रोमिंग दोनों प्रकार की कॉल शामिल हैं। वहीं यूजर्स को पूरी समयावधि के लिए 3 जीबी डेटा मिलता है। इस प्लान में यूजर्स को 1000 एसएमएस भी मिलते हैं। 
ध्यान दें कि इस प्लान में मिल रहा 3 जीबी डेटा प्रति दिन के लिए नहीं है बल्कि ये डेटा पूरी वैलिडिटी के लिए दिया जा रहा है। ऐसा ही एसएमएस के मामले में भी है। ये प्लान उन ग्राहकों के लिए ज्यादा बेहतर है, जो कम डेटा इस्तेमाल करते हैं और वॉइस कॉलिंग ज्यादा करते हैं। इस प्लान में कोई टॉक टाइम भी नहीं मिलता है। 

गौरतलब है कि वोडाफोन ने हाल में ही 229 रुपए का प्रीपेड प्लान जारी किया था। इस प्लान में यूजर्स को लोकल, एसटीडी और रोमिंग कॉल्स मिलती हैं। इसके साथ ही प्लान में 2 जीबी डेटा प्रतिदिन मिलता है। वोडाफोन के इस प्लान की वैधता 28 दिनों की है। यानी पूरे प्लान में यूजर्स को कुल 56 जीबी डेटा मिलता है। इसके साथ ही यूजर्स को हर दिन 100 एसएमएस की सुविधा भी मिलती है। इस प्लान में वोडाफोन अपने ग्राहकों को वोडाफोन प्ले एप का सब्सक्रिप्शन दे रही है।

Tuesday, June 4, 2019

कॉपी राइट एक्ट के अंतर्गत की कार्यवाही आरोपी दुकानदार के कब्जे से 243 घड़िया कीमती अनुमानित 2 लाख रूपये की जप्त

Gurunanak Watch House, J.K. Building Hamidia Road Bhopal

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भोपाल // विनय जी. डेविड : 98932 21036
भोपाल. क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा षिकायत जॉंच के आधार पर गुरूनानक वॉच हाउस के दुकानदार के विरूद्ध जी-साक (केसियो कंपनी) एवं अन्य कंपनी की नकली घडिया बेचने पर कॉपी राइट एक्ट अंतर्गत गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध अ0क्र0 87/19, धारा 63, 65 कॉपी राइट एक्ट के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है ।
शिकायतकर्ता विजय सांगलेकर, फील्ड मैनेजर, यूनाईटेड ओव्हर सीज टेड मार्क कंपनी, 52 सुखदेव बिहार मथुरा रोड, नई दिल्ली ने वरिष्ठ अधिकारीगणों को बताया कि मेरी कंपनी को जी-सॉक केसियो कंपनी व अन्य कंपनी ने नकली प्राडक्ट बेचने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करने का अधिकार केसियो कंपनी व अन्य कंपनी से प्राप्त है षिकायतकर्ता द्वारा यह भी बताया कि कंपनी द्वारा प्राडक्ट की पहचान संबंधी टेनिंग भी दी गई है तथा नकली सामान बेचने वाले दुकानदार के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु अधिकृत किया गया हैं। 
इसी क्रम में षिकायतकर्ता द्वारा बताया कि भोपाल शहर में गुरूनानक वॉच हाउस, जे0के0 बिल्डिंग हमीदिया रोड भोपाल के दुकानदार द्वारा केसियो कंपनी व अन्य कंपनी की नकली घडिया दुकान में बेचने हेतु रखा हुआ है । आवेदक द्वारा की गई इस षिकायत पर वरिष्ठ अधिकारीगणों द्वारा कार्यवाही हेतु क्राइम ब्रांच की एक टीम का गठन किया गया।
शिकायत के आधार पर क्राइम ब्रांच की गठित टीम द्वारा शिकायतकर्ता को साथ लेकर गुरूनानक वॉच हाउस, जे0के0 बिल्डिंग हमीदिया रोड भोपाल पहुंचे, टीम द्वारा विधिवत कार्यवाही करते हुए दुकानदार का नाम एवं पता पूछा तो उसके द्वारा अपना नाम मनोज असनानी उर्फ वेद प्रकाष पिता प्रहलाद असनानी, उम्र 40 साल, निवासी म0नं0 238 वन्ट्री हिल्स, झूलेलाल मंदिर के पास, बैरागढ भोपाल का होना बताया । दुकानदार से जी-साक केसियो कंपनी की एवं अन्य कंपनी की घड़ियों के संबंध मे जानकारी ली गई तो उसके द्वारा बताया कि मैं लोकल कंपनी की घड़िया ग्राहकों को बेच रहा हूॅं 
सामान्यतः कोई भी ग्राहक कंपनी का नाम लिखा देखता है और तुरंत पैसे निकाल कर दे देता है । आरोपी के बताये अनुसार एवं तलाषी लेने पर उसकी दुकान से कुल 243 जी-सॉक, केसियो कंपनी की घड़िया विधिवत् जप्त की गई एवं आरोपी को विधिवत् गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध अ0क्र0 87/19, धारा 63, 65 कॉपी राइट एक्ट के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है ।
शिकायतकर्ता से भोपाल शहर में अन्य और भी दुकानदारों के संबंध में जानकारी ली जा रही है प्राप्त जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा बड़े स्तर पर कॉपी राइट एक्ट के तहत कार्यवाही की जावेगी । डीआईजी भोपाल शहर श्री इरषाद वली द्वारा सक्रिय गुंडो बदमाषों, अडीबाजी एवं संपत्ति संबंधी अपराधों, तथा जुआ सट्टा तथा अवैध शराब के तस्करों एवं अन्य अपराधों में संलिप्त आरोपियों की पतारसी कर धरपकड़ कार्यवाही हेतु आवष्यक निर्देष दिए गए है । निर्देषों के पालन में

Sunday, June 2, 2019

रसोई गैस हुई महंगी, सब्सिडी-बिना सब्सिडी वाले LPG सिलेंडर के दाम बढ़े

रसोई गैस हुई महंगी, सब्सिडी-बिना सब्सिडी वाले LPG सिलेंडर के दाम बढ़े

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नई दिल्ली : 1 जून से रसोई गैस सिलेंडर के दामों में एक बार फिर बढ़ोत्तरी हुई है। घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के बाजार भाव में 25 रुपए का इजाफा हो गया है। वहीं सब्सिडी वाला सिलेंडर भी एक रुपए 23 पैसा मंहगा हो गया है। लगातार चौथे महीने रसोई गैस के दाम बढ़े हैं।
देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल के मुताबिक दिल्ली में एक जून से सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर 497.37 का मिलेगा, जिसकी कीमत मई माह के दौरान 496.14 रुपए थी। इसके साथ ही बिना सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमत 25 रुपए बढ़ गई है। मई में इसकी कीमत 725 रुपए थे जो जून में बढ़कर 737.50 रुपए हो गई है।
इस महीने रेट रिवीजन के बाद घरेलू एलपीजी सिलेंडर (14.2 किलो) 771.50 रुपए का हो गया है। बहुत समय बाद देखा गया है कि कॉमर्शियल गैस सिलेंडर (19 किलो) के दामों पर कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। इस माह भी कारोबारियों को कॉमर्शियल सिलेंडर 1403.50 रुपए का पड़ेगा। बढ़ी हुई दरें 1 जून (शनिवार) से लागू हो गई। इस माह उपभोक्ताओं के खाते में 274.41 रुपए की सब्सिडी जाएगी। इंडियन ऑयल के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि और डॉलर की तुलना में रुपए की विनिमय दर में आए बदलावों के चलते यह कीमतें बढ़ाई गई हैं।
आज की वृद्धि के साथ सब्सिडी युक्त घरेलू रसोई गैस सिलेंडर 2014 के मुकाबले अब तक 100 रुपए से ज्यादा महंगा हो चुका है। मई 2014 में भाजपा सरकार सत्ता में आई थी। तब साल की शुरुआत में सब्सिडी वाला सिलेंडर 414 रुपए का था। बता दें कि औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर और विदेशी मुद्रा विनिमय दर के अनुरूप एलपीजी सिलेंडर के दाम तय होते हैं, जिसके आधार पर सब्सिडी राशि में हर महीने बदलाव होता है। जब अंतरराष्ट्रीय दरों में वृद्धि होती है तो सरकार अधिक सब्सिडी देती है और जब दरें नीचे आती हैं तो सब्सिडी में कटौती की जाती है। कर नियमों के अनुसार रसोई गैस पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की गणना ईंधन के बाजार मूल्य पर ही तय की जाती है।

Monday, May 6, 2019

भरे बाज़ार फट गया अचानक गैस सिलेंडर, धमाके में मुर्गों के चिथड़े उडे कई मुर्ग़े घायल




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जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
रायगढ़।  रविवार दोपहर इतवारी बाजार में अचानक गैस का सिलेंडर फट जाने से बाजार में अफरा-तफरी मच गई। सिलेंडर फटने से हुई तेज आवाज के बाद बाजार में दहशत का माहौल रहा। इस दुर्घटना में कोई जान-माल का नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन धमाके से मुर्गा दुकान में रखे कई मुर्गों के चिथड़े उड़ गए और कई मुर्ग़े घायल गये धमाका इतना जोरदार था की दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई है।

जानकारी के मुताबिक इतवारी बाजार में पीछे की तरफ मटन, चिकन और मछली आदि के व्यापारियों को जगह दी गई है। यहां पर विनोद सिंह और भास्कर दास नाम के युवकों ने भी अपनी मांस की दुकान लगाई है। यह अपने साथ एक छोटा सिलेंडर लेकर आए थे और दोपहर करीब सवा तीन बजे गैस में पानी गर्म कर रहे थे।

इसी दौरान अचानक सिलेंडर में आग लग गई। आग इतनी तेज भड़क गई कि लोग अपनी-अपनी दुकाने छोड़कर भाग गए। थोड़ी ही देर में सिलेंडर तेज धमाके के साथ फट गया और इससे कुछ पल के लिए पूरा इतवारी बाजार दहल गया।

Saturday, May 4, 2019

क्या मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालते ही देश का 200 टन सोना चोरी छिपे स्विट्ज़रलैंड भेजा ? यहां पढ़ें पूरा खुलासा

Is Modi Government sent 200 tonnes of gold to hide hidden in Switzerland

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बङा खुलासा : पीएम बनते ही मोदी ने 200 टन सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड और बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स में गिरवी रखा
रिज़र्व बैंक और गोल्ड - एक शार्ट परिचय इतिहास के झरोखे से 1991 में पहली बार जब मुल्क गंभीर अर्थसंकट से गुजरा था तब तत्कालीन सरकार ने करीब 47 टन गोल्ड बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में गिरवी रख कर जैसे -तैसे स्थिति काबू में किया। तभी इंडियन एक्सप्रेस में खबर छप गई कि गोल्ड देश से बाहर चला गया और देश में बड़ी हाय -तौबा की स्थिति में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह को संसद में इस विषय पर बयान जारी करना पड़ा , ये स्थिति क्यों आई -कैसे आई और कैसे इस संकट से देश को उबारा गया अब वो पॉइंट उतने प्रासंगिक नहीं है ,कम से कम इतना कहा जा सकता है कि तत्कालीन सरकार ने इसको छिपाया नहीं और जनता व संसद के सामने सफाई दी। 
नवंबर 2009 में भारत सरकार ने आइएमएफ के जरिए 200 टन गोल्ड ख़रीदा था ,तब यह माना गया कि देश की आर्थिक व्यवस्था मजबूत है।  दिल्ली के एक खोजी पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी का दावा है कि मोदी सरकार ने आते ही रिज़र्व बैंक का वो 200 टन गोल्ड चोरी -छिपे बिना मीडिया व विपक्ष की जानकारी में लिए विदेश भेज दिया —नवनीत अब साउथ दिल्ली से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे है —
बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स बीआईएस -जो स्विट्ज़रलैंड में है ,एक केंद्रीय बैंक है जिसके कई देश सदस्य है , भारत का रिज़र्व बैंक भी इसका एक सदस्य है , नवनीत को पता चला कि रिज़र्व बैंक के नागपुर वॉल्ट से 200 टन सोना गायब है वो भी जुलाई 2014 से तब उन्हें अधिक आश्चर्य नहीं हुआ क्यूंकि वो मानते है कि मोदी है तो मुमकिन है। यहां बताना चाहेंगे कि नवनीत चतुर्वेदी ही वो खोजी पत्रकार है जिन्होंने मोदी के गुजरात सीएम रहते हुए जीएसपीसी घोटाले को बेनकाब किया था और हालिया चर्चित राफेल जहाज घोटाले की परत दर परत खुलासा भी इन्होने किया था उसी आधार पर कांग्रेस पार्टी ने राफेल का मुद्दा खड़ा किया , इसके अलावा नवनीत भाजपा के पार्टी फण्ड के आंतरिक घोटाले को उठा कर भी चर्चा में रहे हैजानिए क्या है यह पूरा मामला 200 टन गोल्ड का –  
आंकड़ों व रिकॉर्ड में हेरा फेरी कैसे की गई है सिर्फ वही समझना है थोड़ा टाइम लग सकता है लेकिन जब आप समझेंगे तो यक़ीनन यही कहेंगे खुदा बचाए ऐसे चौकीदारों से 
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सबसे पहले आप रिज़र्व बैंक से प्राप्त आरटीआई की इस रिप्लाई को पढ़िए –जो पत्रकार नवनीत चतुर्वेदी ने ही पूछा था रिज़र्व बैंक से –
पहला सवाल — रिज़र्व बैंक के नागपुर वॉल्ट में कितना गोल्ड है
जवाब आता है –मांगी गई सुचना डिस्क्लोज नहीं की जा सकती
दूसरा सवाल पूछा है – कितना गोल्ड बाहर के विदेशी बैंक में रखा गया है
जवाब आता है — 268.01 टन गोल्ड बैंक ऑफ़ इंग्लैंड और बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स में रखा गया है ,
यहाँ 68 टन गोल्ड शुरू से मतलब काफी सालो से रखा है बैंक ऑफ़ इंग्लैंड में जिसके सम्बन्ध में जानकारी पहले से ही मीडिया में व विपक्ष सबको है। अब सवाल यह उठता है कि यह 200 टन गोल्ड क्यों विदेशी बैंक बीआईएस में रखा गया ? कब यह गोल्ड गया और इसके बदले में भारत सरकार को क्या मिला ? और यह जानकारी अब तक पब्लिक डोमेन में गायब क्यों रही इसको क्यों छिपाया गया ?
नवनीत ने उपरोक्त सवालो के जवाब खोजने के लिए आरबीआई और बीआईएस के रिपोर्ट्स ऑडिट बैलेंस शीट को पढ़ना शुरू किया —
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रिज़र्व बैंक की जून 2011 की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक गोल्ड सब कुछ यही भारत में ही था –देखिये बैलेंसशीट कॉपी 2011 30 जून
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रिज़र्व बैंक की जून 2014 की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक भी गोल्ड यही भारत में ही था –देखिये बैलेंसशीट कॉपी 2014 30 जून
सनद रहे कि मई 2014 में सत्ता परिवर्तन होता है और अब मोदी सरकार केंद्र में आ जाती है , विश्वस्त सूत्रों के हिसाब से जुलाई 2014 में कुछ खेल रचा गया और यह गोल्ड नामालूम तरीके से अचानक बड़े गुप्त पैटर्न पर विदेश स्थित बीआईएस को चला जाता है जिससे सम्बंधित कोई भी खबर पब्लिक डोमेन में नहीं है।
अब आप रिज़र्व बैंक की 2015 वाली ऑडिट रिपोर्ट को यदि गौर से पढ़े तो सब आंकड़ों में हेरा फेरी का खेल उजागर हो जाता है , इस इकोनॉमिकल क्राइम का मोडस ऑपरेंडी बिलकुल वही है जैसा मैंने जीएसपीसी -गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कारपोरेशन के एकाउंट्स में 19876 करोड़ की गड़बड़ पकड़ी थी , यहां गुजरात मॉडल सक्रिय हो चुका है –
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2015 की ऑडिट रिपोर्ट के कुछ अंश यहां लगाए है मैंने — इसके अनुसार गोल्ड का एक हिस्सा भारत में है और एक हिस्सा विदेश में है , भारत में जो गोल्ड है वो भारतीय मुद्रा के छपने के एवज में है और विदेश में जो गोल्ड है वो भी रिज़र्व बैंक की संपत्ति है लेकिन रखी गई स्विट्ज़रलैंड बीआईएस में है।
आंकड़ों में हेराफेरी यह हुई है कि 2015 की रिपोर्ट में जहाँ पिछले साल 2014 का हवाला दिया गया है वहां भी इस गोल्ड का आधा हिस्सा भारत और आधा हिस्सा विदेश में होना दिखा दिया है ,जबकि 2014 की ऑडिट रिपोर्ट को देखा जाए तो सब गोल्ड यही पर है भारत में ही।
उपरोक्त डॉक्यूमेंट साफ़ साफ़ बताते है कि यह 200 टन गोल्ड 30 जून 2014 तक तो यही था, उसके बाद वो व अब इन सवालो के जवाब अभी भी अनुत्तरित है कि यह गोल्ड बाहर विदेशी बैंक में क्यों गया ? कब व कैसे गया ? उद्देश्य क्या था ? क्या इसको गिरवी रखा गया ? या इसके बदले में स्वैपिंग करके डॉलर लिए गए ?आखिर बाहर भेजा क्यों ?? और सबसे बड़ा सवाल यह पब्लिक डोमेन में क्यों नहीं है इसको छिपाया क्यों गया ??
जाहिर है जवाब रिज़र्व बैंक को देना है ,वित्त मंत्री को देना है ,पीएम मोदी को देना है –लेकिन मोदी सरकार में भला जवाब किसी ने दिया है कभी ?? 
मुख्य मुद्दा यही है आम जनता को इन भ्रष्ट चौकीदारों से भरी सरकार से बचना चाहिए , जवाबदेही चौकीदार की है वो बताये जवाब दे –हमारे देश का गोल्ड क्यों बाहर गया ? वापस कब कैसे आएगा ? क्या भाजपा नेता माफ़ी मांगेंगे देश से यह जानकारी छिपाने के लिए ??
मैनस्ट्रीम मीडिया शायद न उठाये इस मामले को –लेकिन सोशल मीडिया और इंटरनेट मीडिया इसको जम कर उठाए। 
लेखक एक स्वतंत्र खोजी पत्रकार है और अभी साउथ दिल्ली लोकसभा से चुनाव लड़ रहे है नेशनल यूथ पार्टी के बैनर पर 
नवनीत चतुर्वेदी

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जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

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ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

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''टाइम्स ऑफ क्राइम''

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