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Sunday, February 23, 2020

देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि

देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि

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वाईन के प्रचार-प्रसार के लिये पर्यटन स्थलों पर 15 नये आउटलेट खोले जाएंगे
भोपाल : प्रदेश में वर्ष 2020-21 के लिये प्रस्तावित आबकारी व्यवस्था में राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से 2544 देशी मदिरा दुकानों और 1061 विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन पूर्व वर्ष के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ किया जाएगा। दुकानों का निष्पादन ई-टेंडर सह-नीलामी प्रक्रिया से होगा। प्रस्तावित व्यवस्था में देशी और विदेशी मदिरा की उप दुकानें नहीं खोली जायेंगी।
प्रदेश के चार बड़े महानगर वाले जिले इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में दुकानों के 2-2 समूह बनाए जायेंगे। इन समूहों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की देशी-विदेशी मदिरा की दुकानें शामिल होंगी। शेष 12 नगर निगम वाले जिलों में दुकानों का एक समूह बनाया जाकर निष्पादन की कार्यवाही ई-टेंडर सह-नीलामी प्रक्रिया से होगी।
शेष 36 जिलों में वर्ष 2019-20 में प्रचलित मदिरा दुकानों के यथास्थित एकल समूहों के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि कर आरक्षित मूल्य निधारित किया जाएगा। इन दुकानों का निष्पादन वर्ष 2019-20 में प्रचलित व्यवस्था के अनुसार अर्थात नवीनीकरण/लॉटरी/ई-टेंडर (CLOSE BID AND AUCTION) के माध्यम से किया जाएगा।
प्रदेश में वर्ष 2020-21 में देशी और विदेशी मदिरा की उप-दुकानें (SUB SHOPS) नहीं खोली जाएंगी। प्रदेश के अंगूर उत्पादन किसानों की आय में वृद्धि करने और अंगूर की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंगूर से बनाई जा रही वाईन के प्रचार-प्रसार के लिये पर्यटन स्थलों पर 15 नये आउटलेट खोले जाएंगे। इन आउटलेट्स की फीस मात्र 10,000 रूपये वार्षिक होगी।
विदेशी मदिरा के प्रदाय को ऑनलाइन किया जाएगा। मदिरा के व्यवसाय पर प्रभावी नियंत्रण रखने के उद्देश्य से प्रत्येक बोतल में बारकोड लगाये जाने के अतिरिक्त बोतल की निगरानी की व्यव्स्था का प्रयास किया जाएगा। वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति में प्रक्रियात्मक सरलताएं भी सम्मिलित हैं।

Saturday, February 8, 2020

अनिल अंबानी अमीर नहीं, कंगाल हो चुके, कोर्ट ने कहा- 6 हफ्ते में दीजिए 7 अरब रुपए, अनिल अंबानी बोले- मैं दिवालिया

अनिल अंबानी अमीर नहीं, कंगाल हो चुके, कोर्ट ने कहा- 6 हफ्ते में दीजिए 7 अरब रुपए, अनिल अंबानी बोले- मैं दिवालिया

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अनिल अंबानी जो कभी एशिया के अमीरों की लिस्ट में छठे नंबर पर थे। लेकिन आज वह कंगाल हो चूके हैं...दुनिया के सबसे दौलतमंद लोगों में शुमार अनिल अंबानी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ऐसा भी जाएगा, जब उन्हें खुद को कोर्ट के सामने 'कंगाल' साबित करना पड़ेगा।
लंदन की एक अदालत में चीनी बैंकों के 68 करोड़ डॉलर (4,760 करोड़ रुपये) के कर्ज के मामले की सुनवाई के दौरान अंबानी के वकील ने कहा कि एक समय था जब अनिल अंबानी बेहद अमीर कारोबारी थे, लेकिन भारतीय टेलिकॉम मार्केट में मची भारी उथल-पुथल के बाद सबकुछ तहस-नहस हो गया और वे अब अमीर नहीं हैं।
रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी कभी भारत के अमीर उद्योगपतियों में थे, लेकिन अब नहीं हैं। ये कहना है खुद अनिल अंबानी के वकीलों का। शुक्रवार को ब्रिटेन की एक अदालत में सुनवाई के दौरान वकीलों ने कहा कि भारतीय दूरसंचार बाजार में ‘संकट पैदा करने वाली घटनाओं’ से अब अनिल अंबानी की स्थति पहले वाली नहीं रह गई है। आपको बता दें कि चीन के 3 शीर्ष बैंकों ने ब्रिटेन की लंदन कोर्ट में अर्जी दायर करके अनिल अंबानी से 68 करोड़ डॉलर की वसूली की मांग की है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान अनिल अंबानी के वकीलों ने कहा कि अगर अंबानी की देनदारियों को जोड़ दी जाएं तो उनका नेटवर्थ शून्य हो जाएगा। मामले की सुनवाई के दौरान लंदन कोर्ट में न्यायाधीश डेविड वाक्समैन ने अनिल अंबानी से 10 करोड़ डॉलर की राशि जमा करने को कहा है। बैंकों का कहना है कि अनिल अंबानी ने फरवरी, 2012 में पुराने कर्ज को चुकाने के लिए करीब 92.5 करोड़ डॉलर के कर्ज के लिए कथित तौर पर व्यक्तिगत गारंटी का पालन नहीं किया है। अंबानी (60) ने इस तरह की किसी गारंटी का अधिकार देने की बात का खंडन किया है।
अंबानी के वकीलों ने सुनवाई के दौरान कहा कि अंबानी का नेटवर्थ 2012 से लगतार नीचे आ रहा है। भारत सरकार की स्पेक्ट्रम देने की नीति में बदलाव से भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में नाटकीय बदलाव आया है।’ उनके वकील रॉबर्ट होवे ने कहा, ‘2012 में अंबानी का निवेश सात अरब डॉलर से अधिक का था। आज यह 8.9 करोड़ डॉलर रह गया है। यदि उनकी देनदारियों को जोड़ा जाए, तो यह शून्य पर आ जाएगा।’ बैंकों के वकीलों ने अंबानी के वकीलों के दावे पर सवाल खड़े किे हैं।
बैंकों के वकीलों ने कहा कि लग्जरी कारें, प्राइवेट जेट, एक याट, मुंबई में सीविंड पेंट हाउस है। बैंकों के वकीलों ने अदालत को यह भी बताया कि अनिल अंबानी के भाई मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और वह फोर्ब्स की सूची में दुनिया के 13वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनका अनुमानित नेटवर्थ 55 से 57 अरब डॉलर है। अंबानी के वकीलों से यह स्थापित करने का प्रयास किया कि अंबानी के पास अपनी मां कोकिला, पत्नी टीना अंबानी और पुत्रों अनमोल और अंशुल की संपत्तियों और शेयरों तक कोई पहुंच नहीं है। 

Wednesday, January 29, 2020

ओद्योगीक शहर नागदा मे भारत बन्द का मिलाजुला रुप देखने को मिला, गुलाब का फुल देते दिखे व्यापारी

ओद्योगीक शहर नागदा मे भारत बन्द का मिलाजुला रुप देखने को मिला, गुलाब का फुल देते दिखे व्यापारी

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा। उज्जैन जिले के औद्योगिक शहर नागदा में भारत बंद का मिला जुला असर देखने को मिला। सीएए और एनआरसी के विरोध में अल्प संख्यक मोर्चा और भीम सेना द्वारा भारत बन्द का आह्वान किया गया था।
जबकि इस बन्द के खिलाफ व्यापारी संघ एव अन्य व्यापारी संघटनो ने नागदा थाने पर बन्द के विरोध मे थाना प्रभारी को ज्ञापान के माध्यम से अपनी दुकानों को खुली रखने का निर्णय लिया गया था। और सभी से खरीदारी करने तक की बातो को सोसल मिडिया के माध्यम से कहा गया । भारत बंद के अवसर पर नगर में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस बल सहित पुलिस के अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारी नगर मे भ्रमण करते देखे गए।
जबकि दूसरी ओर भारत बंद के समर्थन में निकले लोग व्यापारियों को गुलाब का फूल देते नजर आए। शांती व्यस्था के मद्देनजर नागदा में बंद को देखते हुवे पुलिस बल को मुख्य -मुख्य जगहों पर तैनात भी किया गया । वही नागदा की फेमस जोडी जो की अनुविभागी अधिकारी रामप्रसाद वर्मा तथा सीएसपी मनोज रतनाकर अपने दल बल सहित नगर मे भ्रमण करते नजर आए। अनुविभागीय अधिकारी व सी एस पी मनोज रत्नाकर के नगर मे हो रही हर छोटी से छोटी प्रतिक्रया पर नजर थी।

Monday, January 27, 2020

फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगी ग्रेसिम नागदा से प्रदूषित चंबल नदी के पानी की जांच

फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगी ग्रेसिम नागदा से प्रदूषित चंबल नदी के पानी की जांच







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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा, 27 जनवरी की बड़ी खबर अधिमान्य पत्रकार कैलाश सनोलिया जी से मिली जानकारी के अनुसार, मशहूर बिड़ला घराना के उज्जैन जिले के नागदा स्थित ग्रेसिम उद्योग के प्रदूषण का मामला अब भारत को लांघकर सात समुंदर पार पेरिस तक जा पहुुंच है। समूचे विश्व के लोग अब प्रदूषण से प्रभावित लोगों के जीवन की कहानी को देख सकेंगे ओर पढेंगे भी।

दरअसल, ग्रेसिम उद्योग से प्रदूषित चंबल नदी के पानी की जांच अब फ्रांस की राजधानी पेरिस की प्रयोगशाला में होगी। साथ ही प्रदूषित पानी से जूझ रहे लोगों के जीवन पर एक डाक्यूमेटरी फिल्म भी बनेगी। चंबल में घुल रहे रसायनों से ग्रेसिम पर केंद्रित एक पुस्तका का भी प्रकाशन होगा। इस कार्य के लिए विश्व प्रसिद्ध फ्रांस निवासी पत्रकार एडवर्ड पैरीन के नेतृत्व में विदेशी  पत्रकारों का दल नागदा पहुंचा था और सारी जानकारियों को जुटाकर दल सोमवार को इंदौर से पेरिस के लिए हवाई यात्रा से रवाना हो गया।

फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगी ग्रेसिम नागदा से प्रदूषित चंबल नदी के पानी की जांच


इस दल ने पांच दिनों तक गुपचुप से अपने कार्य को अंजाम दिया। पेरिस रवाना होने से पहले समाचार एजेंसी  से बातचीत में पत्रकार एडवर्ड पैरीन ने बताया कि गांव परमार खेड़ी के समीप से चंबल नदी के पानी का नमूना ले लिया गया है। साथ ही बीमारियों से प्रभावित दर्जनों लोगों की वीडियो शूटिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। लगभग तीन चिकित्सकों के साक्षात्कार भी लिए गए हैं और प्रदूषण से संबधित कई दस्तावेजों को जुटाया गया है।
कैसे नागदा आए विदेशी पत्रकार
  
नागदा के पत्रकार द्वारा ग्रेसिम से प्रदूषित पानी को लेकर कई स्टोरियों को राष्ट्रीय स्तर पर रिलीज किया गया था। इन खबरों के बाद पैरिस के पत्रकार एडवर्ड ने सीधे श्री सनोलिया से दूरभाष पर बातचीत की। तकरीबन 2 माह तक दोनों के बीच चर्चा का आदान-प्रदान हुआ। उसके बाद नागदा आने का कार्यक्रम तय हुआ। इस कार्य में इंडिया टूडे व आउट लुक पत्रिका में लेखनी चलाने वाले पत्रकार अनुपदत्ता भी सहभागी बने।

फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगी ग्रेसिम नागदा से प्रदूषित चंबल नदी के पानी की जांच

गंदा नाला अब दिखेगा डाक्यूमेटरी में

पत्रकार दल ने गांव पारदी, परमार खेड़ी एवं नागदा शहर मेें प्रदूषण से प्रभावित बीमार लोगों से साक्ष्य जुटाए हैं। उनसे बातचीत तो की साथ ही उनकी बीमारी से संबधित दस्तावेजों का भी अवलोकन किया। ग्रेसिम उद्योग से लगातार 24 घंटे जो नाला चंबल नदी में मिल रहा है , उसकों भी अपने कैमरों में कैंद किया। 

मौत के शिकार लोगों से बातचीत

ग्रेसिम उद्योग मेें दुर्घटना आदि से मौत के शिकार लोगों से दल के लोगों ने बातचीत की। न्यायालयों में प्रबंधन के खिलाफ  चल रहे प्रकरणों के दस्तावेज भी जुटाए गए हैं।

कौन है पत्रकार एडवर्ड

पत्रकार एडवर्ड ने अपनी पत्रकारिता से कई घोटालों का भंडाफोड़ किया है। एक विश्व प्रसिद्ध घोटाला उजागर करने के बाद वे प्रताडऩा के शिकार भी हुए थे। लेकिन कोर्ट से सही पाए गए। उसके बाद एडवर्ड का नाम दुनिया में जाना जाने लगा। इस पूरी कहानी को श्री सनोलिया के समक्ष पत्रकार एडवर्ड ने बयां किया।

फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगी ग्रेसिम नागदा से प्रदूषित चंबल नदी के पानी की जांच

एक हजार पेज के दस्तावेज का अवलोकन

इस पूरी कहानी में मप प्रदूषण बोर्ड से सूचना अधिकार में उपलब्ध लगभग एक हजार दस्तावेज का सहारा भी पत्रकारों के दल ने लिया। इन दस्तावेजों में ग्रेसिम के खिलाफ  एनजीटी की रिपोर्ट, आदि शामिल है।

मशीन भी पहुंची नागदा

वातावरण की हवा को संचित  करने के लिए विदेशी तकनीकी से बनी एक मशीन भी कोरियर से यहां पहुुुची थी, जो कि श्री सनोलिया के नाम से पेरिस से यहां आई थी। बताया जा रहा है कि इस मशीन की यह विशेषता है कि वातावरण की हवा को अपने अंदर एकत्रित करती है। इस हवा में प्रदूषण की मात्रा को नापा जा सकता है।

आदित्य बिड़ला की महान एल्युमिनियम प्लांट (हिंडाल्को) बरगवां (सिंगरौली) द्वारा मौखिक आश्वासन के बाद आंदोलन कराया गया समाप्त या गंभीर षणयंत्र

आदित्य बिड़ला की महान एल्युमिनियम प्लांट (हिंडाल्को) बरगवां (सिंगरौली) द्वारा मौखिक आश्वासन के बाद आंदोलन कराया गया समाप्त या गंभीर षणयंत्र

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जिला ब्यूरो चीफ सिंगरौली  // नीरज गुप्ता  7771822877 
सिंगरौली. आखिर कार एक बार फिर यह साबित हो ही गया कि ईस्ट इंडिया कम्पनी की नीति से देश वासियों पर राज किया जाना आसान हैं | जिसे चरितार्थ किया गया बरगवां विस्थापितों के विरुद्ध | जिस प्रकार से हिंडाल्को विस्थापितों द्वारा किये जा रहे भूख हड़ताल को सरे आम रौंदा गया हैं | 
उससे यह तो साबित होता नजर आ रहा हैं कि हम कम से कम एक बार और किसी न किसी ईस्ट इंडिया कम्पनी की नीति पर चलने वाली कम्पनी के गुलाम आवश्य ही होंगे | जिसका आगाज आज मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिला के बरगवां स्थित हिंडाल्को द्वारा किया जा चुका है | जिसके मुख दर्शन स्थानीय जनप्रतिनिधि, जिला प्रशासन व हमारी ही दोनों राज्य व केंद्र सरकारें ही हैं | बड़े बुजुर्ग का यह कहना कि इतिहास एक बार पुनः जरूर दोहराता ही हैं | यह साबित होने की एक छोटी सी पहल कहना कही से गलत न होगा | 

एक बार फिर आश्वासन का हुआ खेल 

गौरतलब है कि जिस प्रकार हिंडाल्को विस्थापितों द्वारा किये जा रहे भूख हड़ताल को मात्र मौखिक आश्वासन के साथ समाप्त करवाने में सफलता प्राप्त किया गया | जिससे यह तो तय माना जा रहा कि एक बार फिर आश्वासन की जीत हुआ हैं | और विस्थापितों की हार | आखिर इसका जिम्मेदार कौन, कौन बताएगा ???? 

क्या हिंडाल्को प्रबंधक विस्थापितों की समस्याये निपटायेगा या होगा एक और गंदा खेल

आश्वासन पे आश्वासन के बीच यह सवाल का उठना लाजमी होता दिख रहा हैं कि क्या हिंडाल्को प्रबंधक विस्थापितों की समस्याये निपटा पायेगा या यह खेल निरंतर जारी रहने के आसार लगातार होता रहेगा | क्योंकि जिस प्रकार आज हिंडाल्को प्रबंधक व जिला प्रशासन द्वारा मात्र मौखिक आश्वासन के साथ विस्थापितों के साथ खेला गया गंदा खेल से यह तो साफ हैं कि हिंडाल्को अभी भी विस्थापितों की मांगों को पूरा करने के मूड़ में नही हैं | फिर यह आश्वासन किस काम का यह कौन बताएगा ???

क्या प्रशासन, जनप्रतिनिधि विस्थापितों का हक दिलापाएंगे या फिर होगा कई और आश्वासन

जिस प्रकार उक्त भूख हड़ताल को मात्र मौखिक आश्वासन के साथ डरा-धमका कर समाप्त करने में सफलता प्राप्त किया गया हैं | इससे यह सवाल उत्पन्य जरूर होता नजर आ रहा हैं कि क्या जिला प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधि विस्थापितों को न्याय दिला पाएंगे या कई और आश्वासन दिलाने में होंगे सफल यह कौन बतायेगा???

आखिर किस कमी से एक और आश्वासन के साथ समाप्त हुआ विस्थापितों का भूख हड़ताल 

स्थानीय विस्थापितों की माने तो अनुभव की कमी व खुद की राजनीति चमकाने में कई बार कोशिश करने में लगे रहे नारायण दास विश्वकर्मा द्वारा उक्त भूख हड़ताल के माध्यम से विस्थापितों का बनाया गया एक भद्दा मजाक, जिसका जीता जागता सबूत यह हैं कि खुद की राजनीति रोटी सेंकने दिनांक 26/01/2020 को शाम से ही स्थानीय विस्थापितों को बहकाने / भड़काने व्हाट्सएप पर एक संदेश वायरल कर दिया गया | जिसमें यह बताया गया कि -

 आवश्यक सूचना 

आज दिनांक 26/01/2020 दिन रविवार को भी  39 सूत्रीय मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन एवं भूख हड़ताल लगातार जारी है, इसके निराकरण के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त हुई है कि कल दिनांक 27/01/2020 को माननीय जिला कलेक्टर एवं उपखण्ड अधिकारी देवसर निराकरण हेतु हिंन्डाल्को 1 नं. गेट पर उपस्थित होने वाले हैं, जिसमें आप सभी श्रमिक एवं  विस्थापित अपने-अपने विस्थापित कार्ड ,गेट पास एवं समस्त जरुरी दस्तावेज कल सुबह ही अपने साथ में  लेकर उपस्थित होवें। 
                   मीडिया सेल 

महान विस्थापित एवं श्रमिक संघ सिंगरौली मध्य प्रदेश 

जसके बाद स्थानीय विस्थापितों द्वारा उग्र हो स्वयं का आपा खो हिंडाल्को गेट नंबर 1 को बंद करने उकसाया भी गया | गमिनियत यह रही कि सिंगरौली पुलिस प्रशासन हमेशा की भांति मुस्तैद नजर आई | जिससे वहां कोई अप्रिय घटना नही घटी वरना स्थिति कुछ और भी हो सकती थी | जिसकी पूरी जिम्मेदारी उक्त भूख हड़ताल को संचालित करने वाले नारायण दास की ही माना जाना कही से भी गलत नही माना जा सकता | 

उक्त हड़ताल संचालनकर्ता ने लगाए सी.एस.आर. प्रमुख यशवंत कुमार पर गम्भीर आरोप

वही उक्त भूख हड़ताल को संचालित करने वाले नारायण दास की माने तो उक्त भूख हड़ताल को कुचलने कम्पनी के सी0एस0आर0 प्रमुख यशवंत कुमार हिंडाल्को के विश्वस्थ कर्मचारियों को भी उक्त भूख हड़ताल में सम्लित करवा व हमला करवाने लाठीयो के कई गड्ढे भी तैयार किये गए थे | जिससे उक्त भूख हड़ताल को आज के आज कुचला जा सके | और ऐसा हुआ भी | जिससे यह तो स्पस्ट हैं कि जिस प्रकार हिंडाल्को विस्थापितों की आवाज को कुचला जा रहा है | कभी ईस्ट इंडिया कम्पनी भी देशवाशियों की आवाज कुचला करती थी | तब हम गुलाम हुए होंगे | और ऐसी आशंकाएं हैं कि जल्द से जल्द एक बार फिर हम गुलाम अवश्य ही होने वाले हैं |

Sunday, January 26, 2020

ईस्ट इंडिया कम्पनी की भांति आदित्य बिड़ला की महान एल्युमिनियम प्लांट (हिंडाल्को) बरगवां (सिंगरौली) द्वारा स्थानीय विस्थापियों को गुलाम बनाने की पहल हुई तेज

आदित्य बिड़ला की महान एल्युमिनियम प्लांट (हिंडाल्को) बरगवां (सिंगरौली) द्वारा स्थानीय विस्थापियों को गुलाम बनाने की पहल हुई तेज 

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जिला ब्यूरो चीफ सिंगरौली  // नीरज गुप्ता  7771822877 
सिंगरौली . गौरतलब है कि देश के तमाम नागरिकों द्वारा देश की आजादी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाना हर देशवासियों का अधिकार भी है और जिम्मेदारी भी, जिसे बड़े हर्सोल्लास से मनाया भी जाता हैं | परन्तु अगर इसके और पीछे चले तो कोई यह नही बता पाता कि आखिर-कार हम गुलाम ही किन कारणों से हुए थे | आखिर वो कौन सी मनहूस घड़ी थी जब ईस्ट इंडिया कम्पनी देश मे पहली बार कदम रखा था | और वो कौन सा कारण था | जिस वजह से ईस्ट इंडिया कम्पनी देश मे कदम जमाया था | 
आखिर कभी न कभी कही न कही ईस्ट इंडिया कम्पनी देश मे पहली बार ठीक वैसे ही आई होगी जैसे आज देश के कई विभिन्न स्थानों में गैर सरकारी कंपनियों द्वारा वहां के स्थानीय विस्तापितों के खेत खलियान, जमीन, घर ले कर उन्हें छोड़ देते है भूखों मरने को ठीक वैसे ही जैसे आज ईस्ट इंडिया से तर्ज पर कई गैर सरकारी कंपनियां जो देश के कई विभिन्न स्थानों में स्थापित हो वहां के स्थानीय विस्तापितों के साथ अन्याय, व अत्याचार करने के अलावा कुछ और नही करती हैं | वैसे तो देश के तमाम स्थानों में यह देखने को मिल ही जाता हैं | जिसमे मुख्य रूप हम सिर्फ मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिला में स्थित बरगवां में आदित्य बिड़ला के महान एल्युमिनियम प्लांट (हिंडाल्को) की ही बात किया जाए तो उसके अधिकारी - कर्मचारी किसी ईस्ट इंडिया कम्पनी के अधिकारियों के ही भांति खुद को समझ वहां के विस्तापितों के साथ अन्याय व अत्याचार करने में कम नही आका जा सकता |

देश के गणतंत्र पर्व में भी विस्थापित भूख हड़ताल में

जी हां हम बात कर रहे हैं बरगवां में स्थित हिंडाल्को की | जंहा पूरा देश पूरे हर्सोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस का पर्व मनाकर एक - दूसरे को खुसिया ब्यप्त करते नजर आए, वही बरगवां स्थित हिंडाल्को के स्थानीय विस्तापितों द्वारा गणतंत्र दिवस के पर्व पर भी खुद की खेत, खलिहान और जमीन, घर सब कुछ दे भूखों मरने की कगार में जीवन ब्यतीत कर कम्पनी के गेट नम्बर 1 के सामने भूख हड़ताल करने को मजबूर हैं | जो दिनांक 17/01/2020 से धरना प्रदर्शन व हड़ताल करते आ रहे | जो दिनांक 21/01/2020 से लगातार भूख हड़ताल में तब्दील हो चुका हैं | भूख हड़ताल में 8 विस्थापितों राजेन्दर प्रसाद साकेत, विजय साकेत, राम केश साकेत, त्रिलोकी नाथ साहू, हरि प्रसाद साकेत, संतालिया देवी विश्कर्मा, बीरमति पाल, धनाऊ साकेत सहित 5 पुरुष व 3 महिला भूख हड़ताल में सम्लित रहे | मजाल हैं कि सिंगरौली शासन - प्रशासन या कम्पनी प्रबंधन या देश के चौथे स्तम्भ कहे जाने वालों के सशक्त प्रहरी व सिंगरौली जिला मीडिया बंधु (कुछ को छोड़ कर) इतना सब होने के बाद भी किसी ने उक्त मामले को देश को दिखाने की जरूरत भी की हो|

प्रशासन एवं कम्पनी के बीच हुये अनुबन्ध पर अमल नही

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जब कम्पनी स्थापित होने से पहले प्रशासन से जो अनुबंध हुआ था | उसको आज तक हिंडाल्को के अधिकारियों - कर्मचारियों द्वारा मानने को भी तैयार नजर नही आ रहे | जबकि प्रशासन व कम्पनी के बीच हुये अनुबंधों के अनुसार स्थानीय विस्तापितों को व उनके बच्चों को भी रोजगार मुहैया कराना, उन्हें अन्यत्र वसाने और उनके जीवन यापन करने के सभी जरूरतों को मुहैया कराने का अनुबंध मात्र कागजों तक ही सीमित रह गई | जो अब वो भी कही धूल खाती नजर आ रही हैं | जबकि प्रशासन और कम्पनी के बीच हुई अनुबंध के अनुसार मुख्य रूप से विस्तापितों को स्वस्थ, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी, स्वरोजगार और नौकरी सम्लित हैं | हिंडाल्को कम्पनी से मुख्य रूप से क्रयन्वित गावँ बरगवां, बरहवाटोला, ओडगडी, गिधेर, धौडर और बरैनिया सम्लित हैं | जिनके विस्तापितों के विकास का दायित्व भी इन्ही कम्पनी के अंतर्गत आता हैं | परन्तु जमीनी हकीकत काल के गाल में समाने जैसा ही हैं |

बार - बार आंदोलनों के बाद भी स्थित और बनी बिकराल

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार हिंडाल्को के स्थापना से लेकर अब तक विस्तापितों के साथ हो रहे अन्याय व अत्याचार को देखते हुए जिले के कई राजनैतिक संघठनों व राजनैतिक पार्टियों द्वारा भी अनगिनत बार धरना प्रदर्शन किया गया | पर स्थानीय विस्तापितों की स्थित और बिकराल रूप लेता गया |

कम्पनी में नौकरी में गड़बड़ झाला

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कम्पनी में अगर किसी भी स्थानीय लोगों को नौकरी मिली हैं तो उसके पीछे रोजगार पाने वालों की काबिलियत को न देखते हुए उनके द्वारा कितना पहचान की ताकत को ज्यादा तवज्जो दिया गया | जिससे जिनकी भी खेत, खलियान या जमीन, घर को कम्पनी ने लिया हैं उन्हें या तो सम्मान का नौकरी नही दिया गया या उनके बच्चों को यह कह कर नही दिया गया कि वो अभी वालिक नही | हैरत तो यह हैं कि जब कम्पनी स्थापित हो रही थी तब के 15 या 17 वर्ष के नौजवान अभी तक वालिक (18 वर्ष ) के नही हो पाए हैं | जिससे यह कहना कि कम्पनी में रोजगार देते वक्त गड़बड़ झाला का किया जाना कहीं से भी गलत नही माना जा सकता |

सी0एस0आर0 (सामाजिक दायित्व) में घोटाले ही घोटाले

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कम्पनी के सी0एस0आर0 में लगभग 3 - 4 करोड़ का फंड क्षेत्र के विकास के लिए आना बताया जा रहा हैं लेकिन जब पत्रकार की बात कुछ महीने पहले सी0एस0आर0 प्रमुख यसवंत कुमार से हुई तब उनके द्वारा बताया गया कि क्षेत्र के विकास के लिए कम्पनी द्वारा मात्र 1 करोड़ ही मिलते हैं जिसमें कम्पनी के अंदर खुद कम्पनी के खर्च से ले कर क्षेत्र के विकास तक सम्लित हैं | परन्तु कम्पनी का ही खुद का इतना खर्च हो जाता हैं कि क्षेत्र के विकास के बारे में सोचना बहुत दुश्वार हो जाता हैं फिर भी कोई माई का लाल नही जो इतने कम फंड में यसवंत कुमार जैसा मैनेजमेंट कर सके | यशवंत कुमार का कहना हैं कि जितना क्षेत्र का विकास वो करते हैं इतने फंड में, उतना विकास कही कोई भी नही किया होगा | यशवंत कुमार के यह दावे कितना सच हैं यह तो कम्पनी प्रबंधन ही बता सकते हैं | पर जिस तहजिज से कम्पनी के सी0एस0आर0 प्रमुख यशवंत कुमार द्वारा पत्रकार को वयान दिया गया ऐसा लगता हैं पत्रकार का खुद का अनुभव यह कहता हैं कि इस तरह का तहजिज कोई गली का गुंडा या मवाली ही इस तरह का ब्यवहार किसी पत्रकार से करता होगा |

Saturday, January 11, 2020

बिरलाग्राम को नागदा सिटी से जोडने वाले रास्ते पर लग जाता हैं जाम

बिरलाग्राम को नागदा सिटी से जोडने वाले रास्ते पर लग जाता हैं जाम

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
ग्रेसिम इंडस्ट्री में मालगाड़ी द्वारा कोयले का रैक आता हैं तो लगता हैं जाम
नागदा के ग्रामीण क्षेत्र व बिरला ग्राम को नागदा सिटी से जोड़ने वाले मार्ग में जाम लग जाता जिसकी वजह से निकलने वाले राहगीरो को परेशानीयो का सामना करना पड़ता हैं। नागदा के सबसे बड़े उधोग ग्रेसिम इंडस्ट्रीज में कोयले का रैक पहुँचता हैं तो वहा से निकले वाले राहगीरों को घंटो जाम में खड़े रहना पड़ता हैं।
आपको बता दे कि इस मार्ग पर सरकारी अस्पताल से जनसेवा अस्पताल मरीजो को रेफर किया जाता हैं । निकलने वाले कोयले के रैक से लगेने वाले जाम से एम्बुलेंस तक रुक जाती हैं और मरीज की जान तक जाने का खतरा बना रहता हैं दूसरी ओर उद्योगों से निकलने वाले बड़े वाहनो से लोगो की जान का खतरा बना रहता हैं

प्रशासन का इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नही है उधोगों के अधिकारियों का मोन रहना किसी बड़ी घटना होने को चुनोती देता दिखाई दे रहा है

Tuesday, January 7, 2020

शहर में हर तरफ जहरीला रसायन, प्रदुषण विभाग का उच्चस्तरीय दिल्ली जांच दल नागदा पहुॅंचा, प्रदुषण देख टीम के होश उड़े

शहर में हर तरफ जहरीला रसायन, प्रदुषण विभाग का उच्चस्तरीय दिल्ली जांच दल नागदा पहुॅंचा, प्रदुषण देख टीम के होश उड़े

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
उज्जैन/नागदा । नागदा के उद्योगों का प्रदुषण का मामला लोकसभा में उठने के बाद सोमवार को प्रदुषण विभाग का उच्चस्तरीय जांच दल नागदा पहुॅंचा। जांच दल में प्रदुषण विभाग की दिल्ली टीम के अधिकारियों के अलावा भोपाल व उज्जैन के विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। पहले दिन जांच दल ने औद्योगिक इकाईयों का निरीक्षण किया। मंगलवार को उनके नदी क्षेत्र व अन्य स्थानों पर पहुॅंचे जाने की जानकारी मिली है। जांचदल इस दौरान विभिन्न स्थानों से नदी, जल, मिट्टी आदि के नमुने भी प्राप्त करेगा। 

जांच समिति द्वारा पुनः की जायेगी प्रदूषण की जांच

मध्यप्रदेश शासन के समक्ष नागदा शहर में गंभीर जल, वायु एवं भूमि प्रदूषण तथा गंभीर अनियमितता की जांच हेतु विभिन्न विभागो के अधिकारियों से गठित जांच समिति द्वारा जांच की जा रही थी। उक्त जांच मुझ शिकायतकर्ता को बिना बताये की जा रही थी जिस पर माननीय जिला कलेक्टर एवं दंडाधिकारी महोदय उज्जैन, अनुविभागीय दंडाधिकारी नागदा एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष को मेरे द्वारा आपत्ति दर्ज करवाई गई थी जिस पर संज्ञान लेने के पश्चात् नागदा तहसीलदार द्वारा मुझे दोपहर में जांच समिति के समक्ष अपना पक्ष रखने हेतु बुलाया गया था और मेरा पक्ष रखने के पश्चात् जांच समिति द्वारा मेरे बताए गए बिंदुओं से पानी और मिट्टी के सैंपल लेने सहित अन्य बिंदुओं पर कार्यवाही हेतु निर्देश समिति को दिए गए है और जांच दल द्वारा कल से पुनः नए सिरे से मेरी शिकायत के आधार पर जांच की जायेगी। नागदा तहसीलदार अंजू जैन द्वारा इस बात की पुष्टि की गई है कि 9 सदस्यों की यह जांच समिति मेरी शिकायत पर ही आई है और मेरी शिकायत के 10 बिंदुओं पर उक्त समिति द्वारा प्रतिवेदन शासन को प्रस्तुत किया जाएगा।
दुसरी तरफ प्रदुषण को लेकर नागदा में जांचदल के आने तथा उनके यहाॅं पहुॅंचने की पूर्व सूचना उद्योगों को होने की जानकारी लोगों के मुॅंह से सुनने को मिली है। बताया जा रहा है कि उच्च स्तरीय दल के इस निरीक्षण को लेकर उद्योगों ने भी दो दिन पहले से ही अपनी व्यवस्थाऐं जमाना शुरू कर दी थी।
प्रमुख उद्योगों में जहाॅं उत्पादन प्रक्रिया को घटाया गया है वहीं प्रदुषण फैलाने से जुडे आरोपों में घीरे केमिकल उद्योगों ने भी अपने प्रतिष्ठानों के भीतर उन सभी कमीयों को ढकने की कोशिश की जो जांचदल की पकड में आने पर उद्योगों की परेशानी का कारण बन सकती थी। जांच दल ने उद्योगों के भीतर क्या और किस तरह का निरीक्षण पहले दिन किया इस बात की जानकारी तो नहीं मिल सकी है ना ही इस टीम में शामिल किसी भी छोटे स्तर के अधिकारी ने अपना मुॅंह खोला है। सर्कीट हाउस पर शाम को जिले के प्रदुषण अधिकारी श्री द्विवेदी सेे पत्रकारों ने निरीक्षण संबंधी कार्रवाई को लेकर बातें जाननी चाही लेकिन वह गोलमोल जवाब देते हुए दिखाई दिए।
शहर में हर तरफ जहरीला रसायन, प्रदुषण विभाग का उच्चस्तरीय दिल्ली जांच दल नागदा पहुॅंचा, प्रदुषण देख टीम के होश उड़े

शहर में हर तरफ गडा हुआ है जहरीला रसायन

सर्कीट हाउस पर ही वर्धमान क्षेत्र स्थित एक मकान के भीतर हजारडस्ट तथा अन्य केमिकल गाडे जाने की शिकायत लेकर एक व्यक्ति प्रदुषण अधिकारी श्री द्विवेदी के सामने जा पहुॅंचा। उसने मामले की शिकायत स्थानिय कार्यालय तथा एसडीएम को किए जाने की जानकारी श्री द्विवेदी को की तथा इस संबंध में हुई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा तो श्री द्विवेदी इस पर कोई जवाब नहीं दे पाए। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में इस बात का उल्लेख किया है लैंक्सेस उद्योग द्वारा वर्धमान काॅलोनी स्थित गुलमोहर सदन जो उनके आधिपत्य व स्वामित्व की जगह है के भीतर गड्डे खोदकर हजारडस्ट वेस्ट अन्य घातक केमिकल कई दिनों तक रात्रि में यहाॅं लाकर दफनाऐ हैं। 
उद्योग के कर्मचारियों ने जिन गड्डों में केमिकल दबाया है उन पर मिट्टी आदि डालकर पुनः भूमि को व्यवस्थित करते हुए बगदीचे का निर्माण कर दिया गया है। शिकायतकर्ता ने शिकायत के साथ गड्डे खोदकर रसायन गाडे जाने से जुडे चित्र भी अधिकारियों को उपलब्ध करवाऐं है। रसायन गाडे जाने से क्षेत्र का भूमिगत जल पुरी तरह से प्रदुषित हो चुका है साथ ही उक्त रसायन अब रिसकर चंबल नदी में भी जाने लगा है जिससे पेयजल स्त्रोत भी प्रदुषित हो गया है। 

कार्बन उगलने वाले उद्योग पर कार्रवाई कब

एक और पुरा विश्व कार्बन उत्सर्जन को लेकर चिंतित है वहीं दूसरी और नगर में कार्बनिक पदार्थो का उपयोग कर विभिन्न रसायन बनाने वाला एक उद्योग क्लीयरेंट यहाॅं दबे-छीपे तरीके से हजारों टन कार्बनिक पदार्थो से फायबर को रंगने के उपयोग में आने वाली श्याही का निर्माण कर रहा है। बताया जाता है कि उद्योग में उत्पादन प्रक्रिया में अत्यधिक कार्बन का उपयोग होता है जिसके चलते क्षेत्र का वातावरण गंभीर रूप से प्रदुषित हो चुका है 
तथा यहाॅं के हवा में कार्बन के अंश निर्धारित मापदण्ड से कई गुना अधिक पहुॅंच गए हैं। प्रदुषण विभाग द्वारा जो माॅनीटर कार्बन मापने हेतु लगाए गए है उन्हें भी उद्योग के इशारों पर एक निर्धारित मात्रा पर सेट कर दिया गया है जिससे वास्तविक रिर्पोट भी शासन को नहीं पहुॅंच पा रही है। क्षेत्र के नागरिकों के स्वास्थ्य पर क्लीयरेंट उद्योग के चलते गंभीर बिमारियाॅं हो रही है। जिसकी जांच भी आए जांचदल को करना चाहिए। 

Thursday, November 28, 2019

हायटेक & नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से NTPC & NCL के तत्वाधान में सिंगरौली स्कूलों का किया जा रहा कायापलट

हायटेक & नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से NTPC & NCL के तत्वाधान में सिंगरौली स्कूलों का किया जा रहा कायापलट

TOC NEWS @ www.tocnews.org
जिला ब्यूरो चीफ सिंगरौली  // नीरज गुप्ता  7771822877 
सिंगरौली. गौरतलब हैं कि मानव जाति के विकास के लिए तरह-तरह के आविष्कार सदियों से किया जाता रहा हैं | जिसमे हाल के इक्कीसवीं सदी में सबसे महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी का आविष्कार से मानव जाति को उचाईयों के शिखर में ला के खड़ा कर दिया हैं | जिससे मानव जाति में तरह-तरह के विकास का होना संभव हो सका हैं | आज इन्ही टेक्नोलॉजी के मदद से मानव जाति विशालतम विकास की ओर अग्रसर हैं |
इसी तर्ज पर टेक्नोलॉजी की मदद से नितिन खन्ना जी द्वारा मानव जाति के उत्थान व विकास के लिए एक संस्थान भारत लर्न सन 2013 में प्रारम्भ किया गया था | नितिन खन्ना जी ने भारत लर्न में बतौर सी0ई0ओ0 के पद पर रहते हुए टेक्नोलॉजी के मदद से मध्य प्रदेश के एक मात्र जिला "सिंगरौली जिला" के विद्यालयों की शिक्षा पध्दति को एक नई दिशा व विकास की ओर अग्रसर होने NTPC व NCL कम्पनी के साथ सन 2016 से जिला के विभिन्न इलाकों के अलग-अलग 5 - 5 स्कूलों के विकास का सफल प्रयोग किया गया |
वीडियो.......वीडियो : इनका कहना है -
जो क्रमशः NTPC के द्वारा पी0एस0 शाहपुर, पी0एस0 मतवई, पी0एस0 हर्रई वेस्ट, पी0एस0 चंदूली, सुहासनी स्कूल गहिलगढ़ और NCL के द्वारा पी0एस0 करैला, पी0एस0 चुर्कि, पी0एस0 पिपरखड़, पी0एस0 पंजरीह, जी0पी0एस0 पंजीह स्कूलों के विद्यार्थियों पर उक्त योजना का प्रयोग कर प्रशिक्षण दिया गया | जिसमे वहा के विद्यार्थियों को हायटेक व टेक्नोलॉजी से लैस क्लास रूम में वीडियों व टेक्नोलॉजी के माध्यम से बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने का कार्य किया गया |
जिसमे नितिन खन्ना जी द्वारा बताया गया कि उन विद्यालयों के बच्चों में लगभग 80℅ - 85℅ तक विकास का हो पाना संभव हो सका | जिससे क्षेत्र के विकास के लिए तत्पर्य NTPC की ओर से 10 और विद्यालयों जिसमे को हायटेक व टेक्नोलॉजी से लैस क्लास रूम बनाने आज दिनांक 27/11/2019 को ऐलान किया गया हैं | जो इस प्रकार हैं - पी0एस0 चरगोरा, एम0एस0 काम, एम0एस0 मझौली, पी0एस0 तियरा, पी0एस0 बलियरी, जी0एस0 जैतपुर, पी0एस0 बनौली, पी0एस0 विंध्य नगर, पी0एस0 गहेलगढ़ ईस्ट, और पी0एस0 गहेलगढ़ वेस्ट सम्लित हैं |

क्या है खास हायटेक व टेक्नोलॉजी क्लास रूम में -

नितिन खन्ना जी का कहना हैं कि मानव जाति को हमेशा से खेल-खेल में सीखने का हुनर सदियों से रहा है | जो सबसे ज्यादा बच्चों में पाया जाता हैं | जो बच्चों में मात्र देखने मिलता हैं | जिसे टेक्नोलॉजी के मदद से वीडियों के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देना आसान होना बताया गया | इसी तर्ज पर NTPC व NCL के तत्वाधान में किया गया सफल प्रयास किया बताया गया |

भारत लर्न के मेंबर

सी0ई0ओ0 नितिन खन्ना, सी0ओ0ओ0 वरुण खन्ना, एडमिन दीपाली रस्तोगी और प्रोजेक्ट आफिसर मो. सद्दाम, अंकज कुमार, रूवी गुप्ता, विमल कुमार, शैफुल हुदा
मुख्य अतिथि देबाशीष सेन जी ED, अभिषेक जी सी0एस0आर0 , AGM (HR) श्री एस0 भट्टाचार्या, डी0जी0एम0 (RLI) श्री ऋषि कपूर, अभिषेक मेहरा सीनियर मैनेजर (HR-CSR) व अन्य कई पदाअधिकारि और साथ नए 10 विद्यालयों के कई शिक्षक मौजूद रहे

नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ( एनसीएल ) के 35वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम

नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ( एनसीएल ) के 35वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम

TOC NEWS @ www.tocnews.org
जिला ब्यूरो चीफ सिंगरौली  // नीरज गुप्ता  7771822877 
सिंगरौली. नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के 35वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि एनसीएल की होल्डिंग कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री अनिल कुमार झा को कंपनी मुख्यालय में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ़) के जवानों की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
इस अवसर पर एनसीएल के पूर्व सीएमडी श्री वी. के. सिंह, श्री टी. के. नाग एवं श्री बी. आर. रेड्डी, मौजूदा एनसीएल सीएमडी श्री पी॰ के॰ सिन्हा, निदेशक ( तकनीकी/संचालन ) श्री गुणाधर पाण्डेय, निदेशक ( वित्त एवं कार्मिक ) श्री नाग नाथ ठाकुर, मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) श्री आशीष कुमार श्रीवास्तव, जेसीसी सदस्य श्री अशोक दूबे एवं श्री मुन्नीलाल यादव और सीएमओएआई महासचिव श्री सर्वेश सिंह उपस्थित थे।
इसके बाद सीआईएल सीएमडी श्री अनिल कुमार झा की अगुवाई में एनसीएल सीएमडी एवं निदेशक मंडल सहित कंपनी मुख्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने रोज सुबह कंपनी काम-काज से पहले होने वाली प्रार्थना में भाग लिया।
सीआईएल सीएमडी श्री अनिल कुमार झा ने एनसीएल मुख्यालय में लगाए गए भारत की आन-बान-शान तिरंगे के 120 फुट ऊंचे ध्वज स्तंभ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राष्ट्र गान का सामूहिक गायन भी किया गया। श्री अनिल कुमार झा के नेतृत्व में एनसीएल मुख्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने खनिक प्रतिमा एवं शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

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