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Tuesday, March 14, 2023

मेथोडिस्ट चर्च सोसायटी ने किया आवासीय मद की लीज का व्यावसायिक उपयोग, नोटिस जारी


मेथोडिस्ट चर्च सोसायटी ने किया आवासीय मद की लीज का व्यावसायिक उपयोग, नोटिस जारी


जबलपुर स्थित नेपियर टाउन क्षेत्र में मेथोडिस्ट चर्च को शिक्षा के लिए लीज पर जमीन दी गई थी. स्कूल के लिए दी गई जमीन को बेचकर मार्केट व अस्पताल बना दिया गया. जिसके चलते जिला प्रशासन ने अब शिकंजा कसना शुरु कर दिया है. आज जिला प्रशासन की टीम ने मेथोडिस्ट चर्च के फादर सहित पांच लोगों के खिलाफ नोटिस चस्पा कर 17 मार्च तक जबाव मांगा है. नोटिस चस्पा होने के बाद बिल्डर व दुकानदारों में हड़कम्प मचा है.

जबलपुर, मेथोडिस्ट चर्च की सिविल स्टेशन नजूल ब्लाक क्रमांक-चार की जमीनों से जुड़ा जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आया है। यहां के अनेक प्लाटों से संबंधित भूमि की लीज पर संकट के बादल छा गए हैं। यहां के प्लाट नंबर चार की दो लाख 65 हजार 115 वर्ग फीट जमीन का नवीनीकरण 31 मार्च 1999 तक के लिए कराया गया था। इसी तरह से प्लाट नंबर पांच की 42 हजार 976 वर्गफुट जमीन का नवीनीकरण चार मार्च 2005 को आवासीय मद के लिए कराया गया था। 

मेथोडिस्ट चर्च सोसायटी ने किया आवासीय मद की लीज का व्यावसायिक उपयोग, नोटिस जारी

लेकिन इसमें से भी 28 हजार 800 वर्गफीट जमीन का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। इस नियम विरूद्ध कृत्य के लिए सभी अनावेदकों काे नोटिस जारी कर 17 मार्च तक जवाब तलब किया गया है। अपर कलेक्टर न्यायालय को रांझी तहसीलदार की ओर से दिए गए प्रतिवेदन में कहा गया है कि सिविल स्टेशन ब्लाक नंबर चार के प्लाट नंबर चार की लीज का नवीनीकरण दो जनवरी 1970 में कराया गया था, जो कि 31 मार्च 1999 तक के लिए रहा। मुख्य मार्ग पर स्थित इस प्लाट के 5880 वर्गफीट में दुकानें बनीं हैं। 

इसके अलावा दो लाख 59 हजार 235 वर्गफीट क्षेत्र में क्रिश्चियन स्कूल संचालित है। इसी तरह से ब्लाक नंबर चार के प्लाट नंबर पांच की 42 हजार 976 भूमि का लीज-नवीनीकरण चार मार्च 2005 को किया गया था। इस प्लाट के 26 हजार 400 वर्गफीट अंशभाग पर राजस्व रिकार्ड में अंबिका चरण दीक्षित और सुधा दीक्षित का नाम दर्ज है। इस प्लाट के 2400 वर्गफीट के एक अन्य अंशभाग पर भी अंबिका चरण दीक्षित का नाम दर्ज है। लीज की शर्ताें के अनुसार लीज का हस्तांतरण नहीं किया जाना था। बावजूद इसके मेथेडिस्ट चर्च की प्रबंधन समिति ने इस जमीन को अनेक अन्य लोगों को बेचकर उनके नाम पर चढ़वा दी।

Bishop M. A. Daniel,
Resident & Presiding Bishop,
Hyderabad Regional Conference, The Methodist Church in India.
and
Pastor Manish S Gideon
District Superintendent
Methodist Church


खड़ा कर लिया गया दीक्षित प्राइड:

अंबिका चरण दीक्षित को बेची गई जमीन पर दीक्षित प्राइड खड़ा कर लिया गया। इसके भूतल पर व्यवसाय किया जा रहा है, जबकि प्रथम तल का उपयोग अस्पताल और आवासीय प्रयोजन के लिए किया जा रहा है। आवासीय लीज का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्य के लिए किया जाना लीज की शर्तों का उल्लंघन है। इसलिए तहसीलदार रांझी की ओर से सभी उपयोग कर्ताओं और लीज धारक मेथोडिस्ट चर्च के जिम्मेदारों के विरूद्ध प्रतिवेदन एडीएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। जिस पर एडीएम शेरसिंह मीणा की न्यायालय ने संबंधितों को सूचना पत्र जारी कर उनसे 17 मार्च की दोपहर तीन बजे तक जवाब मांगा है।

तो शासन के नाम दर्ज हो जाएगी:

न्यायालय द्वारा सूचना पत्र में कहा गया है कि संबंधित अनावेदक नियत तिथि और समय तक संतोषजनक जवाब और दस्तावेज न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें। अगर वो ऐसा नहीं करते तो एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए उनकी लीज निरस्त कर भूमि शासन के नाम पर दर्ज करा दी जाएगी।

इनको बनाया गया पार्टी:

अरबों की जमीन से जुड़े इस मामले में न्यायालय अपर कलेक्टर की ओर से डिस्ट्रक्टि सुपरिनटेंडेंट मेथोडिस्ट चर्च फादर मनीष एस गिडियन, नर्मदा रोड निवासी अंबिका चरण दीक्षित व सुधा दीक्षित, मोहित हाइट नेपियर टाउन निवासी अनिल कुमार दुबे, बैहर रोड बालाघाट निवासी उमारानी मिश्रा, रानी अवंती बाई वार्ड मंडला निवासी डा. सूजन अब्राहम करम को अनावेदक बनाया गया है। इन सभी के कब्जों पर जिला प्रशासन की ओर से नोटिस भी चस्पा कराया गया है।

Friday, March 10, 2023

मेथोडिस्ट चर्च संस्था पदाधिकारियों और भू माफियाओं की साठ-गाठ से मिशनरी संपत्तियों को षड्यंत्र रच कर बेचा

 


मेथोडिस्ट चर्च संस्था पदाधिकारियों और भू माफियाओं की साठ-गाठ से मिशनरी संपत्तियों को षड्यंत्र रच कर बेचा


जबलपुर, क्रिश्चियन मिशनरी जबलपुर की संस्थाओं की जमीन बेचने का मामला अभी ठंडा हुआ ही नहीं था कुछ दिन पहले ही समाज के पूर्व मॉडरेटर पीसी सिंह जेल की हवा खाकर बाहर आए हैं इसी सिलसिले में अब एक और नया खुलासा सामने आ गया है

मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय जबलपुर के माननीय श्री न्यायमूर्ति रवि मालिमथ, चीफ जस्टिस और माननीय श्री न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा ने रिट याचिका संख्या 14522 /2010 में याचिकाकर्ता सिलास राजेश लाल, पुत्र स्वर्गीय श्री हरिसन लाल, उम्र लगभग 48 वर्ष, पीली कोठी, 1017, नेपियर टाउन, जबलपुर (मध्य प्रदेश) एवं नोएल पिंथ, पुत्र लेट एव पिंथ, 58 वर्ष की आयु साल, रतन नगर रोड, मदन के घर में महल, जबलपुर (मध्य प्रदेश) की याचिका में फैसला सुना दिया है। अपने फैसले में माननीय न्यायालय ने संपत्ति बेचने और खरीदने वालों की मिलीभगत शासन प्रशासन को गुमराह करके मनमाने आदेश करवाने फर्जी दस्तावेज तैयार कर संपत्ति की रजिस्ट्री करवाने के आरोपियों द्वारा की गई कथित अनियमितताओं की उचित जांच शुरू करें एवं आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें लंबी लड़ाई के बाद आज 13 साल बाद रिट याचिका का निस्तारण किया गया जिससे आज क्रिश्चियन समाज के लोग अपनी संपत्ति को बचाने के लिए विश्वास बढ़ा है।

जानकारी हो कि है यह संपत्ति धार्मिक और धर्मार्थ सार्वजनिक ट्रस्ट ईसाई समुदाय के कल्याण उद्देश्य के लिए समाज के उत्थान के लिए सामाजिक कार्यक्रमों के लिए दी गई थी परंतु मेथोडिस्ट चर्च संस्था के पदाधिकारियों और भू माफियाओं ने मिलकर के मिशनरी की अनेकों संपत्तियों को षड्यंत्र करके बेच दिया, जिसका विरोध में समाज के कुछ लोगों ने अपनी जमीन बचाने का बीड़ा उठाया और इस धोखाधड़ी के मामले की शिकायतें की और मामले को माननीय हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया। जिसमें हाईकोर्ट के माननीय जजों ने कानूनी कार्रवाई मुकदमा दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला दिया है।

मिशनरी संपत्ति बेचने खरीदने वालें पदाधिकारी और भूमाफियाओ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल में डालें


याचिकाकर्ता सिलास राजेश लाल एवं नोएल पिंथ ने पत्रकार वार्ता कर पत्रकारों के सामने जानकारी दी की मिशनरी संपत्ति को बेचने का मामला अत्यंत गंभीर है जो जमीन किसी भी हाल में बेची नहीं जा सकती ना किसी की इस पर रजिस्ट्रीया हो सकती हैं उसे किस प्रकार से मेथोडिस्ट चर्च संस्थान के पदाधिकारियों और भू माफियाओं ने मिलकर के षड्यंत्र करके शासन प्रशासन के साथ मिलीभगत करके इन संपत्तियों की रजिस्ट्रीयां तक करवा ली, इन संपत्तियों को बेचने में करोड़ों अरबों रुपए का लेनदेन हुआ है यह अत्यंत गंभीर विषय है इनके कृत्य से आज पूरा समाज प्रताड़ित है और अपने आवंटित स्थान पर किसी भी समाज के कार्य को नहीं कर पा रहा है। ऐसे गुनहगारों को ऐसे कृत्य करने वाले गुनाहगारों को शीघ्र जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाए।
करोड़ों रुपए की मिशनरी संपत्ति बेचने खरीदने के षड्यंत्र में शामिल है ये आरोपी गण
मैथोडिस चर्च संस्था के इन लोगों द्वारा मिशनरियों की संपत्ति की अवैध तरीके से हेरफेर धोखाधडी कर बेच दी गई फर्जीबाड़ा करके रजिस्ट्री भी करवा दी

  1. मैथोडिस चर्च ऑफ इंडिया
    जनरल सेक्रेट्री, मैथोडिस सेंटर, 21 वाईएमसीए रोड, मुंबई सेंट्रल, मुंबई 400008
  2. एग्जीक्यूटिव सेक्रेट्री, एमपी रीजनल कॉन्फ्रेंस, मैथोडिस चर्च इन इंडिया 45 एंड 46, मैथोडिस सेंटर, नेपियर टाउन, जबलपुर ( एमपी )
  3. बिशप एम. व्ही. क्रिस्टी,
    एमपी रीजनल कॉन्फ्रेंस, मैथोडिस चर्च इन इंडिया, बिशप हाउस 5/8/336 चेपल रोड, हैदराबाद 01
  4. रेवरेंट विनय पीटर स्व. रेव्ह. विक्टर पीटर, एग्जीक्यूटिव सेक्रेट्री, मपी रीजनल कॉन्फ्रेंस, मैथोडिस चर्च इन इंडिया 45 एंड 46, मैथोडिस सेंटर, नेपियर टाउन, जबलपुर ( एमपी )
  5. श्री जी.पी. कर्नेलियस, पिता स्व. रेव्ह. सी. जी.
    767, नियर आनंद टॉकीज नेपियर टाउन जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
  6. रेवरेंट आर. के. थियोडोर पिता स्व. रेव्ह. टी. एन. करीम
    पास्टर एमसीआई, हनी होम्स, कोलार रोड, भोपाल ( मध्य प्रदेश )
  7. श्री अनूप अलबर्ट, रीजनल प्रॉपर्टी डायरेक्टर, एमपी रीजनल कॉन्फ्रेंस, मैथोडिस चर्च इन इंडिया 45 एंड 46, मैथोडिस सेंटर, नेपियर टाउन, जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
  8. श्री शंकर मनछानी, पार्टनर, द केमतानी एसोसिएट, 88, नेपियर टाउन, जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
  9. श्री महेश कैमतानी, पार्टनर कैमतानी एसोसिएट, शीतल पुरी कॉलोनी, चेरीताल जबलपुर ( म. प्र. )
  10. आलोक मिश्रा पिता निवास – “जॉनसन टावर” के पास, जिला – जबलपुर
    पता: 5W6X+FG8, कैरव्स कॉम्प्लेक्स, स्टेशन रोड, साउथ सिविल लाइन, जबलपुर, मध्य प्रदेश 482001
  11. श्री रसमीत मल्होत्रा पिता अजीत सिंह मल्होत्रा
    नेहरू वार्ड, तहसील पिपरिया, जिला होशंगाबाद ( मध्य प्रदेश )
  12. श्री महेश कुमार दुदानी पिता घनश्याम दास दुदानी
    पचमढ़ी रोड, तहसील पिपरिया, जिला होशंगाबाद ( मध्य प्रदेश )
  13. श्री महेश कुमार ननकानी पिता कन्हैया लाल ननकानी
    हाउस नंबर 784/1, नेपियर टाउन, जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
  14. श्री घनश्याम दास दुदानी, हाउस नंबर 784/1, नेपियर टाउन, जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
  15. श्री रविकांत अग्रवाल पिता पुरुषोतम लाल अग्रवाल
    हाउस नंबर 52/ए, आदर्श नगर, ग्वारीघाट रोड, जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
  16. बिशप एम. ए. डेनियल पिता स्वर्गीय एम.पी.अल्फ्रेड
    एमपी रीजनल कॉन्फ्रेंस, मैथोडिस चर्च इन इंडिया, बिशप हाउस 5/8/336 चेपल रोड, हैदराबाद 01
  17. रेवरेंट मनीष गिडियन पिता स्वर्गीय सी.आर. गिडियन, एग्जीक्यूटिव सेक्रेट्री, एमपी रीजनल कॉन्फ्रेंस, मैथोडिस चर्च इन इंडिया 45 एंड 46, मैथोडिस सेंटर, नेपियर टाउन, जबलपुर ( एमपी )
  18. रेवरेंट एरिक पी. नाथ पिता पवन नाथ,
    ट्रेजरार, मैथोडिस चर्च इन इंडिया 45 एंड 46, मैथोडिस सेंटर, नेपियर टाउन, जबलपुर ( एमपी )
  19. रेवरेंट दलशाई नाथ पिता बसपती नाथ
    स्थाई पता :- सगरीपल पोस्ट सगरीपल, बस्तर बाकाबंद छत्तीसगढ़
    कार्य पता :- मैथोडिस चर्च इन इंडिया 45 एंड 46, मैथोडिस सेंटर, नेपियर टाउन, जबलपुर ( एमपी )
  20. मिस अनीशा बाग पिता शाउल बाग, स्थाई पता :- वार्ड नंबर 10, ग्राम बेहर, जिला बालाघाट एमपी.. वर्तमान पता:- मैनेजर, जॉनसन स्कूल नर्मदा रोड, जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
  21. श्री रवि के. प्रसाद पिता स्वर्गीय श्री एसएन प्रसाद
    मकान नंबर 328, स्कीम नंबर 4 विजय नगर, सेक्टर एफ एच, विजय नगर, इंदौर, ( मध्य प्रदेश )
  22. महेश कुमार चौकसे पिता एसएल चौकसे, गढ़ा जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
  23. श्रीमान डिप्टी रजिस्टर एवं अधिकारी एवं कर्मचारी गण
    ( जिन्होंने बिना जांच पड़ताल के आरोपी गणों के साथ षड्यंत्र कर रजिस्ट्री कर दी )
  24. शैलेंद्र वर्मा पिता वी. वी. वर्मा, 347, नेपियर टाउन जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
  25. संजय सम्मैया पिता स्वर्गीय एच. सी. सम्मैया, 523, शुक्रवारी बजरिया, हनुमान ताल, जबलपुर
  26. अरविंद गर्ग पिता राजाराम गर्ग, 1207 यादव कॉलोनी गढ़ा जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
  27. बलराज बिरहा पिता एल. एस. एल. बिरहा बिलहरी, मंडला रोड, जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
  28. स्वप्निल पालीवाल, जबलपुर (कूट रचित दस्तावेज तैयार करने वाले मुख्य आरोपी )
  29. आयुक्त, नगर निगम जबलपुर, जबलपुर ( मध्य प्रदेश )
  30. अन्य आरोपी गण

श्रीमान अधीक्षक महोदय आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को की शिकायत

  1. यह कि ग्राम गोरखपुर न.ब. 605 प. ह. न. 42/2 पंडित बनारसीदास भनोट वार्ड नंबर 54 के खसरा नंबर 720 रकबा 2.66 एकड़ वर्ष 1920 से 1982 तक मिशन आर डी आई इंडिया ( मिशन रिफॉर्म एंड डेवलपमेंट इन इंडिया) के नाम दर्ज है खसरा दिनांक 08.02.2023 के पत्र आपके पास सुरक्षित है.
  2. खसरा नंबर 721 ग्राम गोरखपुर न.ब. 605 प. ह. न. 42/2 रकवा 4.379 एकड़ “मिशन आर डी आई इंडिया” ( मिशन रिफॉर्म एंड डेवलपमेंट इन इंडिया ) वर्ष 1920 से 1982 तक दर्ज है.
  3. खसरा नंबर 772/1 न.ब. 605 प. ह. न. 42/2 पंडित बनारसीदास भनोट वार्ड न. 540 रखवा 1.404 हेक्टर “बॉयज फॉरेन मिशनरी” के नाम आज तक दर्ज है. दिनांक 08.02.2023 के पत्र द्वारा आपके पास है किसी खसरे के प्लाट में “जॉनसन टावर” आलोक मिश्रा द्वारा निर्मित है। जिसमें दुकानें एवं मकान बने हैं एवं टावर के पीछे एक अवैध कॉलोनी बना ली है यह अवैध कॉलोनी जिनके द्वारा किस फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनी है इस पर भी जांच कर कार्रवाई की जावे।
    पीली कोठी नेपियर टाउन
  4. यह कि सिविल स्टेशन नेपियर टाउन ब्लॉक नंबर 4 प्लॉट नंबर 4 रखवा 6.0862 “बोर्ड ऑफ फॉरेन मिशन एजेंट मैथोडिस एपिसकोपल चर्च एजेंट सी.एफ.एच. गुजे” के नाम वर्ष 1926 से दर्ज है।
  5. सिविल स्टेशन नेपियर टाउन ब्लॉक नंबर 4 प्लॉट नंबर 8 रकबा 4.6050 एकड़ सेक्रेटरी गुजे फॉरेन मिशनरी सोसायटी मार्फत रेवरेंट सी.एफ.एच. गूजे सा जबलपुर के नाम वर्ष 1926 के खतरे में दर्ज है।
  6. यह कि उपरोक्त सभी संपत्तियां यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्दन इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन की है जो कि वर्ष 1938_39 के पंजीकृत क्रमांक 2912 एवं कंपनी एक्ट 1913 के प्रावधान के अनुसार पंजीयन क्रमांक डी 97 में दर्ज है. मैथोडिस चर्च संस्था ने कैसे फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना दावा किया है जांच कर कठोर कार्रवाई की जावे।
  7. यह की खसरा क्रमांक 721 पहले से ही पंजीकृत संस्था के नाम दर्ज है कैसे “मैथोडिस चर्च” संस्था ने शंकर मचानी, महेश कुमार दुदानी, रविकांत अग्रवाल, महेश कुमार ननकानी, घनश्याम दास ननकानी एवं अन्य लोगों को कैसे सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर षड्यंत्र करके फर्जी दस्तावेज तैयार कर, दस्तावेजों में हेरफेर करके इन लोगों की रजिस्ट्री करवा दी गई। उक्त संपत्ति के मालिक नहीं होते भी इसे षड्यंत्र करके बेच दिया।
  8. यह कि समय-समय पर “मैथोडिस चर्च” संस्था के षड्यंत्रकारी फर्जीवाड़े करने वालों की शिकायतें की जाती रही है जिसका निराकरण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के डब्ल्यूपी नंबर 14512/2010 के आदेश दिनांक 30 जनवरी 2023 में स्पष्ट रूप से “मैथोडिस चर्च” के सभी अवैध फर्जीवाड़े की उच्च स्तरीय जांच का आदेश पारित किया है. जिस पर संज्ञान लेकर के आर्थिक अपराध ब्यूरो को तुरंत कार्रवाई करते हुए इन सभी षड्यंत्रकारी दस्तावेजों की हेर-फेर करने वालों दोषियों के खिलाफ
    त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए.

Monday, March 6, 2023

जेल में ही मनेगी मनीष सिसोदिया की होली, 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में


जेल में ही मनेगी मनीष सिसोदिया की होली, 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में


आबकारी नीति में घोटाले के आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका लगा है। सीबीआई सोमवार को सिसोदिया को लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची। पेशी के बाद कोर्ट ने सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

आप नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की होली तिहाड़ जेल में मनेगी। दिल्ली आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 मार्च तक के लिए भेज दिया है। सोमवार को सिसोदिया को सीबीआई की रिमांड खत्म होने पर राउज एवेन्यू कोर्ट लाया गया था। सुनवाई के बाद सिसोदियो को पुलिस सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल ले जाया गया। उन्हें गीता, डायरी और पेन रखने की इजाजत दी है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दवाएं रखने की भी इजाजत मिली है।

कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया। सिसोदिया की अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही पेशी होगी। दरअसल, चार मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की सीबीआई रिमांड को दो दिन और बढ़ा दिया था। हालांकि सीबीआई ने अदालत से मनीष सिसोदिया को तीन और दिनों के लिए रिमांड पर देने की मांग की थी। अदालत ने सिसोदिया द्वारा दायर जमानत पर सीबीआई को नोटिस भी जारी किया। सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 10 मार्च को होगी।

आपको बता दें कि दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एक सप्ताह से सीबीआई की हिरासत में हैं। सिसोदिया को गिरफ्तारी के बाद पांच दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था। उन्हें शनिवार को अदालत में पेश किया गया था, विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने केंद्रीय एजेंसी को दो और दिनों के लिए अपनी रिमांड पर भेजा था।


सिसोदिया की और रिमांड मांगते हुए, सीबीआई के वकील ने कहा था, "वह अभी भी असहयोगी है और हमें दो व्यक्तियों के साथ उसका सामना करने के लिए उसकी और हिरासत की आवश्यकता है।" सीबीआई ने अदालत से कहा था, "उनके मेडिकल में काफी समय चला गया। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में एक पूरा दिन चला गया, जिसे खारिज कर दिया गया।

नई शराब नीति में हुए भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शनिवार दोपहर राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान सीबीआई मुख्यालय से लेकर राउज एवेन्यू कोर्ट तक सुरक्षा के भारी बंदोबस्त रहे। एहतियात के तौर पर दिनभर डीडीयू मार्ग को बंद रखा गया था।

सीएनआई CNI में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर जा पहुंचा ?


क्या 40 लाख के सूटकेस में बिक गया सीएनआई का मॉडरेटर

क्या साजिश चल रही है मोरिस दान की ताजपोशी के खिलाफ़

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लखनऊ। दिल्ली के  सीएनआई भवन की कुछ दिनों पूर्व हुई एग्जीक्यूटिव समिति की बैठक में क्या लाखों का बंदरबाँट किया गया और मॉडरेटर विजय नायक ने इसके लिए स्वयं बोली लगाई।क्या विशप मोरिस दान की जमकर खिलाफत करते हुवे कई स्कूलों के प्रिंसपलो ने बैठक में  रुपयों के बंडल भिजवाए ।जी हां कुछ ऐसा ही दावा किया है क्राइस्ट चेतना मंच ने ।

इनका साफ कहना है कि सीएनआई के मॉडरेटर बिजॉय नायक ने इस बैठक की बोली 40 लाख रुपये लगायी थी । साथ ही इस बात का भी दावा किया है कि, बिशप मोरिस दान को बहाल न करने के लिए सभी स्कूलों के प्रिन्सिपल्स द्वारा  यहां पर नोटों से भरा सूटकेस पहुँचाया गया था। मंच के इस दावे के बाद एक बार फिर चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग चुका है। 

वहीं मंच ने भी इसका पुरजोर विरोध करते हुवे प्रधानमंत्री से इसमें हस्तक्षेप की मांग की है की सीएनआई के भ्रष्टाचार और रसूखदारों के द्वारा इसका संचालन किया जाना इस बात का खुला इशारा करता है की कुछ नही यहां बहुत कुछ गडबड है।थी नही ये बात अब  शीशे की तरह साफ़ है कि आज भी सीएनआई जैसी संस्था चंद रसूखदारों की मोहताज है । 

वहीं अगर सूत्रों की मानी जाय तो  इन सब के बीच , बैठक से एक दिन पहले ही पूर्व बिशप पीटर बलदेव की पुत्री पारुल सोलोमन भी मॉडरेटर बिजॉय नायक तथा बिशप मनोज चरन से मिलने दिल्ली पहुँची, जहाँ उन्होंने अपने पिता पीटर बलदेव तथा अपनी कुर्सी की साख  को बचाय  रखने के लिए इन दोनों ही अधिकारियों को लंबी रकम भेंट की ।  

हालांकि जन तपिस टीम इसकी पुष्टि नहीं करती है पर क्राइस्ट चेतना मंच के दावे बहुत कुछ कहते  हुवे सीएनआई की पोल खोलने के लिए काफी है।क्योंकि जो भी लोग पीटर बलदेव और उनकी पुत्री पारुल सोलोमन के खिलाफ मोर्चा खोल कर खड़े थे वही अब इन्हें बचाने की कवायद में जुट गए हैं।

पीसीसिंह  ,मनोज चारन के फिर से पावर में आने के बाद इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भ्रष्टाचारियों की जमात फिर से सीएनआई में काबिज हो गई है।वही राकेश छत्री भी इनके सिकंजे में फंसकर खुलकर इन भ्रष्टाचारियों का सपोर्ट इस लिए कर रहे हैं कि इनको भी अपने पुत्र को प्रिंसपल बनवाना है।

ये घोटालेबाज आने वाले दिनों में क्या क्या गुल खिलाएंगे फिलहाल ये आने वाले वक्त बताएगा फिलहाल इसपूरे प्रकरण को देखने के बाद यह कहना ग़लत नहीं होगा कि जहां मोरिस दान की ताजपोशी में कांटे बिछाए जा चुके हैं वही, चर्च ऑफ नार्थ इंडिया आज भी रुपयों के दम पर चलती है  ।

Tuesday, February 28, 2023

आयुक्त जनसंपर्क की नाक के नीचे माध्यम का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी निकला आईटी हेड आत्माराम शर्मा

 


आयुक्त जनसंपर्क की नाक के नीचे माध्यम का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी निकला आईटी हेड आत्माराम शर्मा


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  • *आत्‍माराम ने अपनी पत्नि के नाम मासिक पत्रिका तूर्यनाद को दिलवाया 35 लाख का विज्ञापन*
  • *मोटी तनख्वाह लेने के बाद भी जरूरतमंद पत्रकारों का हिस्सा चट करने से नहीं चूके माध्‍यम के अधिकारी*

*विजया पाठक, भोपाल*

अंधेर नगरी चौपट राजा.... यह कहावत आपने जरूर सुनी होगी। इस कहावत को सही कर दिखाया है मध्यप्रदेश जनसंपर्क संचालनालय की अधीनस्थ संस्था मध्यप्रदेश माध्यम में काम करने वाले आईटी हेड आत्माराम शर्मा ने। भ्रष्टाचार, घूसखोरी और कमीशनखोरी में लिप्त आत्माराम की करतूतों की परतें खुलना शुरू हो गई हैं। वर्षों से माध्यम की एक ही शाखा में पदस्थ आत्माराम शर्मा किस तरह से फर्श से अर्श तक पहुंचे हैं इसके बारे में हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बतायेंगे। 

लेकिन उससे पहले आत्माराम शर्मा की करतूतों को जान लेना जरूरी है। दरअसल बीते दिनों सूचना के अधिकार के तहत जनसंपर्क विभाग से जानकारी चाही गई कि मासिक पत्रिका और बेवसाइटों को शासन द्वारा कितना विज्ञापन मिला है। जब जानकारी हाथ लगी तो उसमें विज्ञापन के एवज में संस्थाओं को दी जाने वाली राशि देख आंखें खुली की खुली रह गई। डेढ़ से दो लाख रूपये महीने तन्ख्वाह पाने वाले आत्माराम शर्मा को जनसंपर्क विभाग से मासिक पत्रिका तूर्यनाद के लिए ढाई लाख रूपये और बेवसाइट को 30 लाख रूपये से अधिक का विज्ञापन जारी हुआ है। 

आत्माराम शर्मा यह पत्रिका अपनी पत्नी के नाम से चलाते हैं और इसी नाम से उन्होंने बेवसाइट का संचालन भी किया। सूचना के अधिकार में विज्ञापन के एवज में जो राशि दिये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है उससे साफतौर पर यह मालूम चलता है कि आत्माराम शर्मा की यह हरकत माफी योग्य नहीं है। उन्होंने जरूरतमंद और गरीब पत्रकारों के हक का पैसा खाया है। उनके द्वारा किया गया यह ऐसा घिनौना कृत्य है जिसके लिए उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। सूत्रों के अनुसार आत्माराम के इस खेल में जनसंपर्क और माध्यम के कई आला अधिकारी और बाबू भी शामिल हैं, जो मिलवाट कर जनसंपर्क विभाग का बट्टा बैठाने में लगे हुए हैं।

*करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार में लिप्त हैं आत्‍माराम*

एक डेलीवेज वर्कर के रूप में पहली बार माध्यम में काम करने आये आत्माराम शर्मा ने अपनी नियुक्ति के कुछ सालों में ही जो तरक्की की है उससे साफ यह जान पड़ता है कि आत्माराम शर्मा किस हद तक भ्रष्टाचारी हैं। उनकी कार्यशैली शुरू से ही संदेहात्मक रही है। शर्मा ने पैसों के प्रभाव में पहले तो गलत ढंग से प्रमोशन लिये और जब उन्हें प्रमोशन मिल गये तो वे इसका गलत फायदा उठाते हुए माध्यम में होने वाली खरीदी में भ्रष्टाचार को अंजाम देने लगे। बीते दिनों माध्यम में प्रशासन के निर्देशानुसार इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की बड़ी खरीदी हुई है। यह खरीदी संदेह के घेरे में है। बताया जाता है कि आत्माराम ने माध्यम के प्रमुख पद पर बैठे अफसर को अपना झांसे में लेते हुए बाजार से कई गुना महंगी कीमतों पर खरीदी की है और इससे मिलने वाला भ्रष्टाचार का पैसा उन तक पहुंचाया है। अगर इस खरीदी की सही ढंग से जांच हो जाये तो माध्यम के अंदर ही एक बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो जायेगा।

*क्‍या शर्मा के भ्रष्टाचार की जानकारी के अभाव में हैं आयुक्त?*

जनसंपर्क आयुक्त राघवेन्द्र कुमार सिंह खुद एक सुलझे हुए व्यक्ति हैं। उनका उद्देश्य समय-सीमा पर बेहतर कार्य करना है। लेकिन माध्यम के आला अफसरों ने उनकी नाक के नीचे जिस तरह का भ्रष्टाचार फैला रखा है, क्‍या उससे आयुक्त पूरी तरह से अनभिज्ञ है? आत्माराम शर्मा द्वारा किया गया भ्रष्टाचार उसी का एक उदाहरण है। इसका बड़ा कारण है कि जनसंपर्क आयुक्त राघवेन्द्र कुमार सिंह अधिकत्तर समय जनसंपर्क संचालनालय में बैठते हैं। वे माध्यम कम ही आते जाते हैं। माध्यम के तथाकथित वरिष्ठ अफसर जो जानकारी उन्हें देते हैं उसे वे सच मानकर स्वीकार कर लेते हैं। जबकि आयुक्त को इसकी तह में जाना चाहिए जिससे उन्हें वहां के अन्य भ्रष्टाचारों की जानकारी भी मिलेगी। किसी एक अफसर के कह देने मात्र से सभी चीजों को सही मान लेना एक वरिष्ठ अफसर के लिए समझदारी भरा कदम नहीं है।

*निरतंर पढ़ते रहिए आत्माराम शर्मा और माध्‍यम में हो रहे भ्रष्टाचार की परतें...*

Friday, February 24, 2023

लोकायुक्त ने बीमा निगम ESI के क्लर्क शुभम गुप्ता को 5 हजार की रिश्वत लेते दबोचा


लोकायुक्त ने बीमा निगम ESI के क्लर्क शुभम गुप्ता को 5 हजार की रिश्वत लेते दबोचा

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में आए दिन रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारी घूस लेते रंगेहाथों पकड़े जा रहे हैं। इसी कड़ी में ताजा मामला शुक्रवार को ग्वालियर से सामने आया है। 

यहां कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESI) के बाबू को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने रंगे हाथों पकड़ा है। आरोपी बाबू शुभम गुप्ता मातृत्व अवकाश के रुके हुए वेतन के भुगतान करने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था। ग्वालियर लोकायुक्त टीम की कार्रवाई चल रही है।

क्या है पूरा मामला ?

जानकारी के मुताबिक, नौगजा रोड शिंदे की छावनी निवासी सपना पत्नी गिरीश पाल बिजली कंपनी में संविदा पर पदस्थ है। इन्होंने मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) लिया था। जिसके चलते उनका वेतन रुक गया था। लेकिन वेतन को लिपिक शुभम गुप्ता निकाल नहीं रहा था। भुगतान करने के एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। महिलाकर्मी ने इसकी शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त से की।

आरोपी को रिश्वते लेते दबोचा

ग्वालियर लोकायुक्त टीम ने महिलाकर्मी की शिकायत दर्ज की गई। लोकायुक्त टीम ने शुक्रवार को सपना पाल को रिश्वत देने के लिए शुभम के पास भेजा। सपना ने जैसे ही शुभम को 5 हजार रुपए दिए, तभी लोकायुक्त टीम ने उसे दबोच लिया। साथ ही रिश्वत के 5 हजार रुपए भी बरामद कर लिए। इसके बाद उसके हाथ धुलाए गए तो उसके हाथ रंग गए। इसके बाद लोकायुक्त टीम द्वारा आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाटार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।

पटवारी सुरेश शुक्ला को 3000 रुपयों की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा


पटवारी सुरेश शुक्ला को 3000 रुपयों की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा 

रीवा. मध्य प्रदेश के रीवा जिले के रायपुर कर्चुलियान थाना अंतर्गत उमरी ब्यौहरा गांव में पदस्थ हल्का पटवारी सुरेश शुक्ला ₹5000 की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथ पकड़ा गए। 

शिकायतकर्ता दीपक पटेल निवासी उमरी ब्यौहरा ने लोकायुक्त एसपी कार्यालय रीवा गोपाल धाकड़ से यह शिकायत दर्ज कराई थी। रायपुर कर्चुलियान तहसील के उमरी गांव में पदस्थ पटवारी सुरेश शुक्ला द्वारा सीमांकन के एवज में ₹5000 की रिश्वत मांग रहा है। 

जिसमें ₹2000 शिकायतकर्ता पूर्व में पटवारी को रिश्वत दे चुका था। मामले का सत्यापन कराने के उपरांत रीवा लोकायुक्त एसपी ने निरीक्षक जिया। उल हक प्रवीण सिंह परिहार उप पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में 12 सदस्य टीम में जैसे पटवारी ने ₹3000 रिश्वत लेते आज रायपुर कर्चुलियान तहसील कार्यालय में लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी को रंगे हाथ दबोच लिया। 

पकड़े गए पटवारी को लोकायुक्त पुलिस ने हिरासत में लेकर भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए मुचलका जमानत छोड़ दिया है।  

नगर परिषद बरघाट सीएमओ काम‍िनी लिल्हारे रिश्‍वत लेते गिरफ्तार


Nagar Parishad Barghat CMO Kamini Lilhare arrested taking bribe 


सिवनी। जिला मुख्यालय से करीब 23 किमी नगर परिषद बरघाट कार्यालय में शुक्रवार दोपहर जबलपुर लोकायुक्त दल ने महिला सीएमओ (मुख्य नगर पालिका अधिकारी) कामिनी लिल्हारे को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।   

महिला निरीक्षक के साथ पहुंचे लोकायुक्त दल ने अपनी कुर्सी पर बैठकर प्रत्येक भवन अनुज्ञा पत्र जारी करने के बदले दो हजार रुपये की रिश्वत लेते महिला सीएमओ को गिरफ्तार किया ।लोकायुक्त की इस कार्रवाई से नगर परिषद कार्यालय में कुछ देर के लिए हड़कंप मच गया।  

उपपुलिस अधीक्षक दिलीप झरबड़े ने बताया कि बरघाट निवासी प्रायवेट इंजीनियर व कंसलटेंट रामेश्वर प्रसाद टेम्भरे के माध्यम से 11 फाइलें भवन अनुज्ञा पत्र जारी करने नगर परिषद कार्यालय को भेजी गई थी।  


नगर परिषद बरघाट सीएमओ काम‍िनी लिल्हारे रिश्‍वत लेते गिरफ्तार



इंजीनियर के पुत्र जय टेम्भरे द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी से संपर्क करने पर लंबित भवन अनुज्ञा फाइल के बदले दो हजार रुपये के हिसाब से पांच फाइलों पर भवन अनुज्ञा पत्र जारी करने के एवज में प्रार्थी से दस हजार रुपये मांगे ।  

इसकी शिकायत प्रार्थी जय पुत्र रामेश्वर प्रसाद टेम्भरे (38) बरघाट निवासी ने जबलपुर लोकायुक्त में दर्ज कराई।प्रकरण में तस्दीक करने के बाद शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे लोकायुक्त दल ने सुनियोजित तरीके से नगर परिषद कार्यालय में आवेदक को रिश्वत के रुपये लेकर सीएमओ के पास भेजा गया।  बाद में लोकायुक्त दल ने सीएमओ को रिश्वत

Thursday, February 23, 2023

टेैंकरों से पैट्रोल एवं डीजल चुरा कर बेचने के अवैध कारोबार में लिप्त 7 पुलिस गिरफ्त में


टेैंकरों से पैट्रोल एवं डीजल चुरा कर बेचने के अवैध कारोबार में लिप्त 7 पुलिस गिरफ्त में

टैंकरों से चुराया हुआ 425 लीटर पैट्रोल, एवं 25 लीटर डीजल तथा टैंकर में मिलने हेतु रखा 150 लीटर एथनॉल सहित चुराये हुये पैट्रोल एवं डीजल के परिवहन के लिये प्रयुक्त 1 कार, 3 मोटर सायकिलें जप्त

जबलपुर. आज दिनांक 23-2-23 को विश्वसनीय सूत्रें से जानकारी प्राप्त हुई कि थाना शहपुरा अंतर्गत खिरका खेडा में कुछ लोग टैंकर चालकों से सांठ-गांठ कर टैंकर से पैट्रोल एवं डीजल की चोरी कर कम दाम मे बेच रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा हेतु आदेशित किये जाने पर चौकी प्रभारी विजय धनवंतरी नगर उप निरीक्षक सतीष झारिया एवं थाना शहपुरा के उप निरीक्षक राजकुमार तिवारी के नेतृत्व में गठित टीमों के द्वारा दबिश दी गयी। खिरकाखेडा स्थित हाईवे रोड से लगभग 50 मीटर अंदर बने निर्माणाधीन मकान के बाजू में बने शेड के नीचे खडे टैंकर से कुछ लोग पैट्रोल निकालते हुये दिखे, पुलिस को देखकर सभी भागने लगे, घेराबंदी कर 7 लोगों को पकड़ा गया  

पूछताछ पर टैकंर चालक ने अपना नाम जितेन्द्र कुमार पाण्डें उम्र 32 वर्ष, हैल्पर ने शैलेन्द्र केवट उम्र 26 वर्ष निवासी रामपुर बघेलान, तथा अन्य ने क्रमशः छोटू रैकवार उम्र 35 वर्ष, शब्बीर उम्र 40 वर्ष दोनो निवासी ग्राम मगरमुंह थाना शहपुरा, सचिन यादव उम्र 32 वर्ष निवासी पौडी फाटक शहपुरा, अजीत यादव उम्र 32 वर्ष निवासी निवरिया जिला जौनपुर, नीरज यादव उम्र 25 वर्ष निवासी देवसरा प्रतापगढ बताये। निमार्णाधीन कमरो की तलाशी लेने पर एक कमरे मे 9 प्लास्टिक की केनो में 425 लीटर पैट्रोल, 1 केन में 25 लीटर डीजल एवं 3 केनो में 150 लीटर एथनॉल भरा हुआ मिला, जिसके सम्बंध मे पूछताछ करने पर टैंकरों से चोरी कर बेचने हेतु भरकर रखना स्वीकार करते हुये बताया कि विनय यादव, वैभव ठाकुर, सोनू महाराज के कहने पर टैंकरों से पैट्रोल एवं डीजल निकालते थे, निकाले हुये डीजल एवं पैट्रोल की कमी पूरी करने के लिये एथनॉल मिला देते थे।  

मौके से चुराये हुये डीजल एवं पैट्रोल के परिवहन मे प्रयुक्त कार एमपी 20 जेडबी 6723, एवं 3 मोटर सायकिल यूपी 70 बीयू 7469, एमपी 20 एमव्ही 3355, एमपी 20 एमएफ 8507 तथा प्लास्टिक के पाईप, बाल्टी, आदि जप्त करते हुये आरोपियों के विरूद्ध थाना शहपुरा में धारा 379, 420, 34 भादवि एवं 9 बी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम तथा 3, 7 ईसी एक्ट के तहत कार्यवाही की जा रही है।

नगर निगम ने मेथोडिस्ट पीली कोठी चर्च शेड निर्माण 24 घंटे के भीतर तोड़ने का अल्टीमेटम दिया


नगर निगम ने मेथोडिस्ट पीली कोठी चर्च शेड निर्माण 24 घंटे के भीतर तोड़ने का अल्टीमेटम दिया


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जबलपुर, नगर पालिका निगम जबलपुर द्वारा पीली कोठी अंतर्गत अनाधिकृत निर्माणाधीन भवन तोड़ने के लिए 10 फरवरी को नोटिस जारी किया गया है नोटिस फादर मनीष एस गिडियन मेथाडिस्ट चर्च जिला अधीक्षक जबलपुर को जारी किया गया है। नोटिस में बिना अनुमति किए गए निर्माण को 24 घंटे के भीतर स्वयं हटा लेने को निर्देशित किया गया है।

नगर पालिका निगम जबलपुर के अपर आयुक्त के द्वारा मेथोडिस्ट चर्च जिला अधीक्षक फादर मनीष एस गिडियन को एक नोटिस जारी करके अनाधिकृत रूप से बिना स्वीकृति के किए गए निर्माण को हटाए जाने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है नोटिस में कहा गया है कि अगर 24 घंटे में अवैध निर्माण को नहीं हटाया गया तो अनाधिकृत निर्माण निगम द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम 1956 के प्रावधानों के अंतर्गत किसी भी समय हटा दिया जाएगा। 


नगर निगम ने मेथोडिस्ट पीली कोठी चर्च शेड निर्माण 24 घंटे के भीतर तोड़ने का अल्टीमेटम


नगर निगम द्वारा पहले भी मेथोडिस्ट चर्च जबलपुर को दो बार नोटिस जारी करके स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड अंतर्गत तैय्यब अली मार्ग स्थित पीली कोठी पर किए जा रहे निर्माण विषयक स्वामित्व से भवन स्वीकृति दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने हेतु नोटिस जारी किए गए थे परंतु मेथाडिस्ट चर्च के कर्ता-धर्ताओ ने किसी भी प्रकार का स्वामित्व एवं निर्माण अनुमति के दस्तावेज निगम को प्रस्तुत नहीं कर पाए। 

नगर निगम ने मेथाडिस्ट चर्च संस्थान पर गंभीर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि आज दिनांक तक निगम कार्यालय पर भवन अनुज्ञा आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया इतनी बड़ी संरचना का निर्माण बगैर नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय की स्वीकृति के बगैर भवन अनुज्ञा अनुमति प्राप्त किए बिना निर्माण किया जाना गंभीर त्रुटि है।

नगर निगम द्वारा 14 एवं 27 अगस्त 2020 को भी पत्र लिखकर अनाधिकृत चर्च सेट निर्माण को हटा लेने के लिए नोटिस जारी किए गए थे परंतु कर्ता-धर्ताओं के द्वारा निर्माण को हटाए जाने की कार्रवाई नहीं की गई जिसको नगर निगम अपर आयुक्त ने गंभीरता से लेते हुए पुनः एक बार 10 फरवरी 2023 को अवैध निर्माण 24 घंटे के अंदर हटा लेने का अल्टीमेटम दिया है। 24 घंटे के भीतर अगर निर्माण नहीं हटाया गया तो नगर निगम पालिका द्वारा इस अवैध निर्माण को किसी भी समय हटा देने की चेतावनी दी गई है।

Tuesday, February 21, 2023

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने हाई कोर्ट की सुनवाई 27 फरवरी 2023 को

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने हाई कोर्ट की सुनवाई 27 फरवरी 2023 को


जबलपुर। तीरंदाजी अकैडमी जबलपुर के तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने याचिका दायर, हाई कोर्ट ने खेल विभाग को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब तलब था परंतु परंतु एक प्रतिवादी को नोटिस की तामिली नहीं होने के कारण अब अगली सुनवाई इस मामले में 27 फरवरी को नियत की गई है।

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने याचिका दायर की गई हैं याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आज मध्य प्रदेश राज्य खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक एवं अन्य को 4 हफ्तों में ये जवाब देने का निर्देश दिया था अब मामले पर अगली सुनवाई 27 फरवरी 2023 में की जाएगी। हाईकोर्ट में एक याचिका समाजसेवी विनय जी. डेविड ने दायर की है, याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश राज्य तीरंदाजी अकैडमी जबलपुर में तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है उक्त प्रकरण की जानकारी छुपाकर रिचपाल शासकीय नौकरी पर काबिज हैं खेल एवं युवा कल्याण अनुबंध सेवा भर्ती (नियोजन एवं सेवा की शर्ते ) नियम 2017 शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जबकि प्रकरण होने के बाद रिचपाल सलारिया को विभाग द्वारा बर्खास्त किए जाने की कार्रवाई की जानी चाहिए थी।

इसे भी पढ़ेंतीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने याचिका दायर, हाई कोर्ट ने खेल विभाग को नोटिस जारी किया, 4 सप्ताह में जवाब तलब

कोच रिचपाल सिंह सलारिया शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के
का मुख्य सचिव और संचालक की कृपा से लगातार मध्यप्रदेश तीरंदाजी अकैडमी में नियम विरुद्ध तरीके से पदस्थ है कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर याचिका में याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन्होंने अपराधिक प्रकरण की जानकारी छुपाते हुए खेल विभाग में मुख्य कोच की संविदा नौकरी हासिल कर ली है, कोच रिचपाल ने अपराधिक प्रकरण दर्ज होने और न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने की जानकारी, अपने अपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी छिपाकर विभाग के साथ अनुबंध किया। संविदा नियम के अनुसार खेल विभाग को नियुक्ति दिनांक से 15 दिवस के अंदर कोच रिचपाल सिंह सलारिया का चरित्र सत्यापन करवाना अनिवार्य था। जो विभाग के द्वारा भी नहीं कराते हुए रिचपाल सलारिया को नियम विरुद्ध तरीके से संविदा नौकरी पर रखा गया है। प्रस्तुत याचिका में कहा गया है कि संविदा नियम में ऐसे अपराधिक प्रकरण वाले आरोपियों को नौकरी से बर्खास्त किए जाने का प्रावधान है। परंतु विभाग के आला अधिकारियों ने नियमों के विपरीत नियुक्ति पाने वाले कोच रिचपाल सलारिया को नौकरी से बर्खास्त नहीं किया है।

कोच रिचपाल सिंह सलारिया

पुलिस डायरी के अनुसार लॉर्डगंज थाने में 12 जनवरी 2021 को अपराध क्रमांक 38 / 2021 धारा 294, 223, 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ, मुकदमा दर्ज होने के बाद रिछपाल सिंह सलारिया की गिरफ्तारी हुई एवं उसके खिलाफ माननीय न्यायालय कोर्ट नंबर और जज 22 – सिविल जज क्लास- I और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक प्रताप सिंह की अदालत में 23 जून 2021 को आरसीटी 3314 / 2021 चालान पेश किया गया. और अभी वर्तमान में न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। यह जानकारी रिचपाल द्वारा छुपाते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक के साथ 19 मई 2021 को अनुबंध हस्ताक्षर किए । इस अपराधिक प्रकरण में 4 नवंबर 2022 को माननीय न्यायालय में सुनवाई हुई एवं आगामी फरवरी माह में पेशी नियत है.

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याचिकाकर्ता ने निम्नलिखित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की है कि रिचपाल सलारिया का अनुबंध कोच/तकनीकी विशेषज्ञ के पद से हटाने/समाप्त करने के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग संचालक को निर्देशित करें। अनुबंध समझौते को रद्द कर दिया जाए और निष्पक्ष जांच और कानून के अनुसार नियम विरुद्ध तरीके से नौकरी प्राप्त करने वाले रिछपाल सिंह सलारिया कोच के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और प्राधिकरण को वसूली के लिए निर्देशित किया जाए जिस पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने सुनवाई करते हुए न्यायाधीश आनंद पाठक की न्यायालय ने कि न्यायालय ने मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक एवं प्रमुख सचिव एवं अन्य को 4 सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है, याचिकाकर्ता की ओर से याचिका की पैरवी अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने की ।

याचिकाकर्ता
विनय जी. डेविड 9893221036

Tuesday, January 31, 2023

राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण साईं के नियमों को धज्जियां उड़ाकर कोच रिचपाल सिंह सलारिया को बनाया आर्चरी चयन कमेटी का सदस्य

राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण साईं के नियमों को धज्जियां उड़ाकर कोच रिचपाल सिंह सलारिया को बनाया आर्चरी चयन कमेटी का सदस्य


 विवादित तीरंदाजी कोच रिचपाल पर मेहरबान है मध्य प्रदेश खेल विभाग

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विनय जी. डेविड  9893221036

भोपाल, मध्यप्रदेश में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की तैयारियां जोर शोर से चल रही है, आज शुरुआत भी हो गई, मध्य प्रदेश के संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण विभाग भोपाल द्वारा खेलो इंडिया यूथ गेम्स में खिलाड़ियों के चयन के लिए चयन समितियों का निर्माण भी कर लिया है, मध्य प्रदेश के आर्चरी बालक एवं बालिकाओं खिलाड़ी के चयन हेतु जो समिति बनाई गई है वे विवादों के घेरे में आ गई है।

यहां भारतीय खेल प्राधिकरण ( SAI ) भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय खेल निकाय द्वारा जारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खेल विभाग ने निर्धारित निर्धारित योग्यता से हटकर अयोग्य लोगों को लेकर कमेटी बना ली। जिस कमेटी पर अब प्रश्न खड़ा हो रहा है।

भारतीय खेल प्राधिकरण ( SAI ) ने खिलाड़ियों की चयन के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 समिति का गठन किए जाने के लिए मध्य प्रदेश राज्य सरकार को 10 दिसंबर 2022 को लिखित पत्र लिखकर जानकारी दी गई थी की कमेटी का चयन करते समय किन नियमों का पालन किया जाए, पत्र में स्पष्ट था कि कमेटी में अध्यक्ष राज्य खेल विभाग का एक प्रतिनिधि एवं प्रथम सदस्य संबंधित स्पोर्ट्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि एवं दूसरा सदस्य द्रोणाचार्य अवॉर्डी, अर्जुन अवॉर्डी या प्रख्यात एथलीट्स में से कोई एक होना चाहिए। परंतु इन नियमों को दरकिनार करते हुए.

साईं द्वारा जारी कमेटी के लिए नियम का पत्र दिनांक 10 दिसंबर 2022

मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सहायक संचालक के द्वारा 27 दिसंबर 2022 को खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 हेतु आर्चरी बालक एवं बालिका खिलाड़ियों के चयन ट्रायल बाबत एक चयन समिति तय की गई जिसमें आशीष पांडे जिला खेल अधिकारी जबलपुर को चेयरमैन एवं रिचपाल सलारिया को सदस्य एवं सुश्री मुस्कान किरार ख्याति प्राप्त खिलाड़ी को सदस्य बनाया गया एवं इनको निर्देशित किया गया कि मध्य प्रदेश आर्चरी बालक एवं बालिका वर्ग अंडर-18 का चयन किया जाना है इसके लिए 30 एवं 31 दिसंबर 2022 को रानीताल स्टेडियम जबलपुर में चयन ट्रायल कर चयन सूची प्रशासन को उपलब्ध कराई जाए।

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जानकार सूत्रों का कहना है कि बनाई गई समिति में राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण के नियमों का उल्लंघन किया गया है एवं चयन में अध्यक्ष के रूप में जिला खेल अधिकारी आशीष पांडे को लिया गया है वह खेल विभाग की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वही प्रथम सदस्य के रूप में रिचपाल सिंह सलारिया को ख्याति प्राप्त प्रशिक्षक सदस्य बताते हुए कमेटी में लिया गया है, रिचपाल सलारिया ख्याति प्राप्त प्रशिक्षक हो सकते हैं परंतु राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण के नियम अनुसार किसी भी प्रकार की योग्यता प्राप्त नहीं किए हुए हैं इनकी नियुक्ति अवैधानिक है जिस पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हुआ है, वही साईं के निर्देशानुसार प्रथम सदस्य संबंधित स्पोर्ट्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि कमेटी में होना चाहिए एवं दूसरा सदस्य द्रोणाचार्य अवॉर्डी, अर्जुन अवॉर्डी या प्रख्यात एथलीट्स में से कोई एक होना चाहिए। परंतु खेल विभाग द्वारा इस चयन समिति में रिचपाल सिंह सलारिया को नियम विरुद्ध तरीके से शामिल कर लिया गया, दूसरे सदस्य के रूप में सुश्री मुस्कान किरार को समिति में शामिल किया गया है। जिसने तीरंदाजी में कई अवार्ड प्राप्त किए हैं।

संचालनालय खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश के सहायक संचालक द्वारा जारी चयन कमेटी का पत्र दिनांक 27 दिसंबर 2022

जानकार सूत्रों का मानना है तीरंदाजी खिलाड़ी चेन समिति के चयन में राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण साईं के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं, इस समिति में नियम विरुद्ध तरीके से रिछपाल सलारिया कोच को स्थान देकर भ्रष्टाचार किया गया है।

समिति द्वारा खिलाड़ियों के चयन में महा भ्रष्टाचार

जब समिति ही भ्रष्टाचार व्याप्त है तो चयन समिति द्वारा खिलाड़ियों के चयन में किस प्रकार की लापरवाही की गई होगी यह जगजाहिर। जबलपुर के रानीताल स्टेडियम में चयन समिति द्वारा 30 और 31 दिसंबर को खेल तीरंदाजी हेतु उम्मीदवार चयन किए गए उसमें भी खोर भ्रष्टाचार किया गया है।

चयन समिति ने चयनित खिलाड़ियों में समिति के रिश्तेदारों को चुना

तीरंदाजी एकेडमी में हुई तीरंदाजी समिति की चयन प्रक्रिया में तीरंदाजी चयन समिति की सदस्य मुस्कान किरार ने अपनी छोटी बहन सलोनी किरार को चयनित करवाया, वही तीरंदाजी एकेडमी रानीताल में निवासरत सहायक कोच अशोक यादव ने अपने रिश्तेदार भतीजे अमित कुमार यादव जो रानीताल तीरंदाजी एकेडमी निवास कर रहा है का चयन करवाया।

तीरंदाजी खिलाड़ियों के चयन में आमंत्रण नहीं दिया गया खिलाड़ियों को, मनमर्जी से हुआ निर्धारित खिलाड़ियों का चयन

विश्व सूत्रों की जानकारी के अनुसार 30 एवं 31 जनवरी को जो चयन खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए तीरंदाजी करने वाले खिलाड़ियों का चयन किया जाना था उसमें किसी भी प्रकार का नियम अनुसार चयन प्रक्रिया नहीं अपनाई गई अपनी मनमर्जी से जिला खेल अधिकारी आशीष पांडे, तीरंदाजी एकेडमी के सलाहकार एवं कोच रिछपाल सिंह सलारिया एवं मुस्कान किरार ने मिलीभगत करते हुए पहले से तय खिलाड़ियों का चयन किया यहां प्रश्न यह उठता है कि इस चयन प्रक्रिया में कहां-कहां के तीरंदाज खिलाड़ी शामिल हुए क्या तीरंदाजी खिलाड़ियों को इस चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया।

चीफ टेक्निकल एडवाइजर कम कोच रिचपाल सिंह सलारिया द्वारा जारी डिवीजन एवं डिस्टिक स्पोर्ट्स ऑफीसर को पत्र दिनांक 27 दिसंबर 2022

खिलाड़ी के चयन हेतु 27 जनवरी को सभी डिवीजन एवं डिस्टिक स्पोर्ट्स ऑफीसर को संबोधित करते हुए रिचपाल सलारिया कोच द्वारा सिलेक्शन ट्रायल के लिए आमंत्रण पत्र जारी किया गया, सिलेक्शन ट्रायल की डेट 30 एवं 31 दिसंबर 2022 रखी गई 3 दिवस में किस तरह पूरे मध्य प्रदेश के जिला खेल अधिकारी खेलो इंडिया में प्रतिभागी बनने के लिए खिलाड़ियों को चयन स्थल तक पहुंचा सके, इतनी कम समय सीमा में आखिर कैसे खिलाड़ी प्रतिभागीता कर सकता है यह भी गंभीर विषय है, वही विश्वस्त सूत्रों की जानकारी अनुसार रिचपाल सलारिया द्वारा तय किए गए छात्र-छात्राओं के लिए तय किए गए स्कोर पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया, वही कई ऐसी शर्त लागू कर दी गई कि तीरंदाजी खिलाड़ी खेलो इंडिया टूर्नामेंट में भाग ही ना ले सके।

कोच रिचपाल सिंह सलारिया

इस समिति के चयन में षड्यंत्र की बू आ रही है कि आखिर राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण के नियमों को दरकिनार कर नियम के विरुद्ध रिचपाल सलारिया को चयन समिति में क्यों लिया, आखिर खेल विभाग की मंशा क्या है यह समझ के परे हैं, वही संबंधित खेल तीरंदाजी संघ के सदस्यों को क्यों नहीं चयनित किया गया। यहां गंभीर में सही है कि अगर नियम का पालन करते तो इनके चाहे गए खिलाड़ी आज खेलो इंडिया में प्रतिभागी नहीं बन पाते इन चयन समिति द्वारा जो खिलाड़ियों का चयन किया गया है वह भी नियम विरुद्ध कुछ लोगों के बीच में कर लिया गया।

इस विषय पर मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग एवं खेलो इंडिया के प्रभारी विकास खडारकर से +919826376133 संपर्क करने की कोशिश की गई परंतु उनसे संपर्क नहीं हो सका।

इस खबर से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आप मध्यप्रदेश तीरंदाजी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्री गिरजा शंकर शर्मा जी से +919425041114 संपर्क करके प्राप्त कर सकते हैं.

खबर कि प्रमाण के लिए

  1. साईं द्वारा जारी कमेटी के लिए नियम का पत्र दिनांक 10 दिसंबर 2022
  2. संचालनालय खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश के सहायक संचालक द्वारा जारी चयन कमेटी का पत्र दिनांक 27 दिसंबर 2022
  3. चीफ टेक्निकल एडवाइजर कम कोच रिचपाल सिंह सलारिया द्वारा जारी डिवीजन एवं डिस्टिक स्पोर्ट्स ऑफीसर को पत्र दिनांक 27 दिसंबर 2022
  • जनहित में खबर का प्रकाशन अवश्य करें, ताकि खिलाड़ियों के साथ अन्याय ना हो, न्याय जरूर मिले *

Thursday, January 19, 2023

पूर्व डीजी जेल संजय चौधरी पर लोकायुक्त ने दर्ज किया केस, आय से अधिक संपत्ति का आरोप

पूर्व डीजी जेल संजय चौधरी पर लोकायुक्त ने दर्ज किया केस, आय से अधिक संपत्ति का आरोप

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विनय जी. डेविड  9893221036

भोपाल, मध्य प्रदेश में आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में इस बार भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी संजय चौधरी घिरे हैं. इनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आईं हैं. 

आरोप है कि जब संजय चौधरी खेल विभाग में डायरेक्टर थे तब उन्होंने कई तरह के घोटाले किए हैं. दरअसल, लोकायुक्त पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है. शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर मध्य प्रदेश के पूर्व डीजी जेल संजय चौधरी और उनकी सास प्रेमलता पंचोली के खिलाफ बेनामी संपत्ति के मामले में लोकायुक्त विशेष स्थापना पुलिस भोपाल ने केस दर्ज किया है.  

इनके नाम इंदौर, भोपाल, पुणे और ग्वालियर में कई मकान और फ्लैट मिले हैं. वहीं शिकायत में पूर्व डीजी चौधरी पर आरोप है कि चौधरी ने अपनी सास प्रेमलता पंचोली के नाम पर संपत्तियां खरीदी है. जबकि सास सेवानिवृत्त सरकारी शिक्षक हैं. 

ईसाई समाज का नटवरलाल पूर्व बिशप पी सी सिंह को 120 दिन की जेल के बाद दी सशर्त जमानत, देशभर में दर्ज हैं 100 से ज्यादा मामले


ईसाई समाज का नटवरलाल पूर्व बिशप पी सी सिंह को 120 दिन की जेल के बाद दी सशर्त जमानत, देशभर में दर्ज हैं 100 से ज्यादा मामले

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विनय जी. डेविड  9893221036


120 दिन की जेल के बाद जबलपुर (Jabalpur) के पूर्व बिशप को बेल मिल गई है.मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) ने पूर्व बिशप पीसी सिंह (P.C Singh) को इस आधार पर बेल दी है कि वह अपना पासपोर्ट (Passport) जमा करें और इस दौरान किसी भी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश ना करें. साक्ष्य व सबूतों से छेड़छाड़ न करने की शर्त भी कोर्ट ने रखी है. यहां बता दें कि पूर्व बिशप पीसी सिंह के खिलाफ देश भर में 80 मामले दर्ज है.

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जस्टिस नंदिता दुबे (Nandita Dubey) की बेंच ने मंगलवार को 10 लाख के मुचलके और पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर पीसी सिंह को जमानत का लाभ दे दिया. कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी ने चालान पेश कर दिया है. आरोपी के सभी बैंक अकाउंट सीज हो गए हैं और उसे सभी पदों से हटा दिया गया है. इसलिए अब जमानत दी जा सकती है. कोर्ट ने पीसी सिंह से यह भी कहा कि वे ट्रायल में पूरा सहयोग करेंगे. किसी भी गवाह पर दबाव नहीं डालेंगे और न ही साक्ष्य व सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे.

फर्जीवाड़ा समेत बिशप पर ये आरोप

यहां बता दें कि पूर्व बिशप पीसी सिंह पर मिशनरियों की शैक्षणिक संस्थाओं की राशि के दुरुपयोग व मिशन की संपत्ति में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है.आवेदक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे ने दलील दी कि पी सी सिंह पिछले चार माह से न्यायिक अभिरक्षा में है. उसके विरुद्ध चालान भी पेश हो चुका है. इसके अलावा उसकी आयु व शारीरिक स्वास्थ्य को देखते हुए जमानत
अर्जी मंजूर कर ली जाए. वहीं, राज्य शासन की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया. सरकार की ओर से दलील दी गई कि मामला गंभीर प्रकृति का है.

बिशप के पास 10 FD समेत 174 बैंक खाते

गौरतलब है कि इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की टीम ने 8 सितम्बर 2022 को पूर्व बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय व घर पर दबिश दी थी. इस दौरान 80 लाख का सोना, 1.65 करोड़ रुपए नकद, 48 बैंक खाते, 18 हजार 352 यूएस डालर, 118 पाउंड, 9 लग्जरी गाड़ियां तथा 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे. छापे के दौरान पीसी सिंह देश के बाहर थे. ईओडब्ल्यू ने उसे नागपुर एयरपोर्ट से 12 सितम्बर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था. ईओडब्ल्यू द्वारा उसे 4 दिन की रिमांड पर लिए जाने के दौरान उसने 10 एफडी सहित 174 बैंक खातों की जानकारी दी थी. पूर्व बिशप ने मिशन कंपाउंड स्थित बेशकीमती जमीन खुद के नाम आधे दामों में खरीदी थी. आरोप है कि उसने बिशप रहते हुए जमीन बेची और क्रेता के तौर पर स्वयं खरीद ली.

नशे में गर्भवती बहू से की छेड़खानी विरोध करने पर की हत्या

 

नशे में गर्भवती बहू से की छेड़खानी विरोध करने पर की हत्या

बिलासपुर से ब्यूरो चीफ हनीफ की रिपोर्ट

जेठ गिरफ्तार बीती रात छोटे भाई के बाहर जाने के बाद नशे में धुत जेठ ने गर्भवती बहू को कमरे में जाकर अंदर से दरवाजा बंद कर दिया धरपकड़ व जोर-जबर्दस्ती करने की कोशिश की बहू के विरोध करने पर दोनों के बीच जमकर संघर्ष हुआ

आरोपी ने महिला का मुंह व नाक दबा दिया जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है मंगलवार की सुबह सिविल लाइन थाने के अंतर्गत पुलिस को सूचना मिली कि इंदु चौक निवासी पीटर सिंह की पत्नी सत्या सिंह 22 साल बेड रूम में मृत पड़ी है उसके चेहरे पर नोचने के निशान व नाक से खून निकल रहा था


नशे में गर्भवती बहू से की छेड़खानी विरोध करने पर की हत्या

और बेड के बगल में टूटी हुई चुड़ी पड़ी हुई थी मृतक का पति घर से गायब था पुलिस के पूछताछ करने पर पता चला कि उसका पति रात में नागपुर गया हुआ है सिविल लाइन के परिवेश तिवारी ले उसके पति को मोबाइल से संपर्क कर बिलासपुर वापस बुलाया वही रात उक्त मकान में रहने वाले मृतक के गेट प्रकाश सिंह पिता अनिल सिंह 28 साल चाचा सुनील सिंह चचेरा भाई बंटी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई मृतक के गर्भवती होने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट से शव का पंचनामा कर पोस्ट मार्टम कराया गया पुलिस को पर पति पर हत्या कर नागपुर भागने का शक था पुलिस जेठ चाचा चचेरे भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी तीनों पुलिस को गुमराह कर रहे थे

मंगलवार की दोपहर पीटर सिंह सिविल लाईन थाना पहुंचा पुछताछ में उसने बताया कि वह घर के सामने देवी का ठेला चलाता है मंगलवार की रात देवी बेचने के बाद रात 10 बजे उसके बड़े भाई प्रकाश सिंह के साथ घर में शराब पी शराब के नशे में दोनों भाइयों के बीच विवाद हुआ वह एक पैर से विकलांग है और नकली पैर लगाकर चलता फिरता है

वह नक़ली पैर को दिखावे के लिए रात 11 30 बजे नागपुर चला गया था उसका चाचा सुनील सिंह उसे छोड़ने रेल्वे स्टेशन गया हुआ था उसके बाद अत्याधिक शराब पीने वाले उसके बड़े भाई प्रकाश सिंह पर पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ शुरू की तो उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है खुद जाकर पुलिस को दी सूचना घटना को अंजाम देने के पश्चात आरोपी ख़ुद थाने पहुंचकर बहू के अज्ञात कारणों से अचेतावस्था में पड़ी रहने की बात कही

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