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आदिवासी किसानों को पंप देने एवं बस्तियों मेें विद्युतीकरण में गड़बड़ी का मामला
भोपाल। प्रदेश में आदिवासी क्षेत्रों के विकास के पैसों को अफसरों द्वारा गैरकानूनी ढंग से ठिकाने लगाने के मामले आए दिन सामने आते हैं। इसी क्रम में शिवपुरी जिले में भी आदिवासी टोलों में कराए गए विद्युतीकरण एवं कृषक पंपों के वितरण में लाखों की गड़बड़ी सामने आई है।
जिसके लिए शिवपुरी के तत्कालीन कलेक्टर ने अगस्त-सितंबर 2015 में अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर 382.70 लाख के 9 कार्य आदेश जारी किए थे। इस मामले में वित्तीय अनियमिता सामने आने के बाद आदिवासी विकास विभाग ने कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को भेजा था। प्रस्ताव का परीक्षण करने के बाद राज्य शासन ने कार्रवाई के लिए प्रस्ताव आदिवासी विकास विभाग को लौटा दिया है।
शिवपुरी जिले में आदिवासी बस्तियों, मंजरों एवं टोलों का विद्युतीकरण एवं आदिवासी किसानों के पंपों का ऊर्जाकरण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 में 3.82 करोड़ के कार्य आदेश जारी किए गए। इसके लिए शिवपुरी के तत्कालीन कलेक्टर राजीव चंद्र दुबे ने दिनांक 11 अगस्त 2015 से 28 सितंबर 2015 तक निविदा की न्यूनतम दो एसडीआर से 19.9 प्रतिशत अधिक दर पर 9 कार्यों के स्वीकृति आदेश दिए थे। जो कि मप्र वित्तीय अधिकार अधिनियम के तहत वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।
क्योंकि कलेक्टर को न्यूनतम एसडीआर से 5 प्रतिशत अधिक तक की निविदाएं स्वीकार करने के अधिकार हैं। आदिवासी विकास विभाग ने जांच में पाया कि कलेक्टर ने अनाधिकृत रूप से निविदा स्वीकृत कर कार्य आदेश जारी किए थे। अब आदिवासी विकास विभाग के प्रस्ताव का परीक्षण करने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने शिवपुरी कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई संबंधी प्रस्ताव लौटा दिया है। जिसमें पूछा है कि जिस समय गड़बड़ी हुई थी, उस दौरान शिवपुरी में कलेक्टर कौन था। जो वित्तीय अनियमितता हुई है, उसमें कलेक्टर के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाना है।
अब आदिवासी विकास विभाग 25 नवंबर 2004 में जारी जीएडी के सर्कूलर अनुसार शिवपुरी कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव बना रहा है और विधि विभाग से भी अभिमत लेने की तैयारी है। यहां बता दें कि शिवपुरी में जिस समय इस तरह की गड़बड़ी सामने आई थी, उस समय राजीव चंद्र दुबे कलेक्टर थे। वे वर्तमान में मंत्रालय में परिवहन विभाग के अपर सचिव हैं। मैं ऑफिस में फाइल देखकर ही कुछ बता पाउंगा, ऐसे में मुझे एक दम तो कुछ याद नहीं है कि शिवपुरी कलेक्टर के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी है।
अशोक शाह, प्रमुख सचिव, आदिम जाति कल्याण विभाग