वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में मोदी सरकार का अंतरिम बजट पेश कर दिया है. सरकार ने इस बजट में कई बड़े तोहफे दिए हैं जिनमें से एक 5 लाख तक सालाना कमाई वाले लोगों को इनकम टैक्स में मिली छूट भी है. हालांकि 5 लाख से अधिक आय वाले लोगों के लिए अब भी पहले से लागू टैक्स व्यवस्था कायम है. बीते दिनों संविधान में संशोधन कर सामान्य वर्ग के गरीब जिनकी आय सालाना 8 लाख रुपए से ज़्यादा न हो, को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण दिया गया है.
10 फ़ीसदी आरक्षण लागू होने के दौरान ही लगातार 8 लाख रुपये आमदनी यानी करीब 66 हज़ार रुपए महीना वाले गरीब को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे. सवाल किया जा रहा था कि अगर आयकर की छूट सिर्फ ढाई लाख तक है तो 8 लाख कमाने वाले को गरीब कैसे कहा जा सकता है. आइए जानते हैं कि सामान्य वर्ग के आरक्षण का लाभ लेने के योग्य लोगों को नई टैक्स छूट सीमा के मुताबिक कितना इनकम टैक्स चुकाना होगा ?
कितना टैक्स चुकाएंगे ?
टैक्स एक्सपर्ट सौरभ के मुताबिक सामान्य वर्ग के आरक्षण योग्य लोगों को कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा। गौरतलब है कि 5 लाख तक तो वैसे ही टैक्स फ्री कर दिया गया है. इसके आलावा सरकार ने बजट इस में स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी 40 हज़ार से बढ़ाकर 50 हज़ार रुपये कर दिया है.
धारा 80सी के तहत आने वाले निवेश जिनमें प्रोविडेंट फंड और एलआईसी शामिल है के लिए अतिरिक्त डेढ़ लाख रुपये तक की छूट मिलती है. इसके आलावा आप चाहे तो नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश के जरिए भी धारा 80CCD(1b) के तहत 50,000 रुपए की टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं.
इन दोनों के अलावा सेक्शन 80डी के तहत 25 हज़ार रुपये तक के मेडिकल ख़र्च पर टैक्स छूट और राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम का इस्तेमाल कर भी 25 हज़ार रुपये तक की टैक्स छूट हासिल की जा सकती है.
टैक्स फ्री इनकम = 5,00,000
स्टैंडर्ड डिडक्शन = 50,000
80सी निवेश = 1, 50,000
एनपीएस = 50,000
मेडिकल = 25,000
राजीव गांधी इक्विटी स्कीम = 25,000
कुल = 8,00,000
इसका सीधा सा मतलब है कि सही इन्वेस्टमेंट से पूरे 8 लाख पर टैक्स छूट हासिल की जा सकती है. इसमें हाउसिंग लोन के लिए मिलने वाली दो लाख रुपए की छूट भी जोड़ ली जाए तो ये इनकम टैक्स छूट 10 लाख तक हो जाती है.
इनकम टैक्स में छूट, स्लैब नहीं बदला
मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक सालाना कमाई करने वाले नौकरीपेशा लोगों को टैक्स से पूरी तरह छूट देने का वादा किया है. हालांकि 5 लाख से ज़्यादा कमाई होने पर इनकम टैक्स के लिए 2.5 लाख वाला पुराना टैक्स स्लैब फॉर्मूला ही लागू रहेगा। सरकार के इस फैसले से पांच लाख से ऊपर आय वालों को 13 हजार रुपये का फायदा होगा. 5 लाख कमाई वाला एक आदमी करीब 12,500 रुपए बचा सकेगा, 4% सेस जोड़ दें तो ये बचत 13000 हो जाती है. बता दें कि 5 से 10 लाख आमदनी वालों के लिए अब भी 20% और 10 लाख से ज्यादा वालों के लिए 30% इनकम टैक्स लागू रहेगा। सरकार के इस ऐलान से 3 करोड़ मिडिल क्लास टैक्स पेयर को फायदा होने का अनुमान है.
2.40 लाख रुपये तक किराया से इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. पहले यह सीमा 1.80 लाख रुपये थी. वित्त वर्ष 2020 के लिए 40 हजार रुपये तक की ब्याज इनकम पर TDS नहीं देना होगा. पहले ब्याज पर इनकम टैक्स छूट की सीमा 10,000 रुपए थी. यह छूट पोस्ट ऑफिस और बैंक में पैसा जमा करने पर पर आपको मिलने वाले कुल ब्याज के लिए है. इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी गई है. वित्त मंत्री ने बैंकों और डाक खाकघर की बचत योजनाओं पर मिलने वाले सालना 40000 रुपये तक के ब्याज को स्रोत पर कर की कटौती (टीडीएस) से छूट दे दी है. अभी छूट 10000 रुपये तक के ब्याज पर थी. सरकार ने ग्रैच्युटी की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने की घोषणा की है.